आपका-अख्तर खान

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28 अक्तूबर 2014

कहते है

कहते है
बिना मेहनत के
कोई कुछ नहीं पा सकता
खुदा से ,
पता नहीं
तेरी जुदाई
पाने के लिए
मैंने कोनसी
मेहनत की थी .

दोस्तों शांति कुमार धारीवाल का 29 अक्टूबर को जन्म दिन है

दोस्तों शांति कुमार धारीवाल का कल 29 अक्टूबर को जन्म दिन है वर्ष 1943 में पूर्व उद्योगमंत्री कोटा के उद्योगविकास पुरुष रिखबचन्द धारीवाल के यहां उनकी पत्नी श्रीमती फूलकंवर के यहां शांति धारीवाल का जन्म हुआ ,,,, कोटा ही नहीं पुरे राजस्थान का विकास और सौंदर्यकरण का इतिहास रचने वाले शान्ति कुमार धारीवाल प्रारम्भ से ही नेतृत्व क्षमता वाले और हाज़िर जवाब कुशल वक्ता थे ,,,छात्र जीवन से ही नेतृत्व क्षमतावान निर्भीक ,,निडर ,, कुशल वक्ता शान्तिकुमार धारीवाल कोटा राजकीय महाविध्दयालय में छात्र संघ अध्यक्ष बने ,,युवा कोंग्रेसी के रूप में राजीव गांधी से जुड़े ,,हरिदेव जोशी ,,पंडित नवलकिशोर शर्मा से राजनीती सीखने के बाद शान्तिकुमार धारीवाल कोटा कांग्रेस के सम्मेलन में उम्मीद क्लब की तक़रीर में राजीवगांधी की निगाह में हीरो बन गए ,,यह कोटा बारा के जिलाप्रमुख रहे जहां ग्रामीण विकास में नए आयाम स्थापित किये ,,फिर कोटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए अपने लोकसभा क्षेत्र के विकास के मामले में लोकसभा में दहाड़ने वाले इस शेर ने कई बार अपने भाषण से संसद को हिलाकर रख दिया ,,,,शान्तिकुमार धारीवाल संगठन में भी कांग्रेस के ज़िलाडध्यक्ष रहे तब इन्होने विपक्ष के रूप में सरकार के खिलाफ कई ऐतिहासिक आंदोलन किये ,, भीड़ जुटाने में जादूगर ,,विकास और सोंदर्यकर्ण की योजनाये बनाकर उन्हें क्रियान्वित करने में माहिर इस सियासी जादूगर को अशोक गेहलोत ने अपने मंत्रिमंडल में जब स्वायत्तशासी मंत्री बनाया तो कोटा में विकास की गंगा बह निकली ,,राजस्थान कई साल आगे आ गया वर्षो से जमे प्रभावशाली अतिक्रमण हटे ,,जयपुर के बरामदे खाली हुए ,,फ्लाई ओवर बने ,,सड़के बनी ,,पार्क बने ,,नयी चौराहे विकसित हुए ,, ,,सस्ते मकान मिले ,, पत्नियों को मकानों में हिस्सा मिला ,,लोगों को नौकरियां मिली और इस कार्यकाल में तो राजस्थान और खासकर कोटा की तस्वीर ही बदल गयी ,,कोटा हिन्दुस्तान की विकसित शहरों में से एक बन गया ,,,कोटा में विकास हुआ ,,कोटा चारो तरफ से सुन्दर हुआ ,, यहां पर्यटन के लिए बाग़ बगीचे संवारे गए सात अजूबे जैसे हिस्टोरिकल निर्माण हुए ,,,शान्तिकुामर धारीवाल कांग्रेस में एक मात्र ऐसी शख्सियत है जिसे इनके क्षेत्र के लोगों के नाम शक्ल मोबाइल नंबर याद है और यह सीधे अपने इलाक़े के लोगों से जुड़े रहे है ,,, जब कोई हज़ारो काम करता है तो उसे छोटी बढ़ी गलतियां भी होती है इनसे भी हुई है कुछ इन्होने सुधार ली है कुछ सुधारने की कोशिश कर रहे है चमचो से सावधान होकर अपने पराये की पहचान कर रहे है ,,चुगलखोरों की सुनवाई बंद हो गयी है बदलाव की तरफ है ,,,चुनाव में हार जीत चलती है शांति धारीवाल चुनाव हरे भी है चुनाव जीते भी है ,,,लेकिन धारीवाल एक अकेली ऐसी खुसूसी शख्सियत है जिस जनता जिताकर गौरवान्वित होती है तो इन्हे जनता हराकर खुद सदमे में हो जाती है और इनकी हार से जनता में हताशा निराशा का माहोल होता है ,,,शांति कुमार धारीवाल का कल बृहस्पतिवार को जन्म दिन है ,,,,इन्हे इनके जन्म दिन पर ढेरों मुबारकबाद ,,बधाइयां खुदा इन्हे फिर से चापलूस और चमचो ,चुगलखोरों की टीम से मुक्त कर सत्ता में भागीदार बनाये ताके कोटा और राजस्थान में फिर से विकास का विज़न तय्यार हो सके ,,खूबसूरती आ सके ,,विकास हो सके ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कालेधन वालों के नाम बताएं, जांच हम करा लेंगे

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने विदेशों में कालाधन रखने वालों के नाम न बताने पर मंगलवार को केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। सरकार की दलील थी कि विदेशों से संधि है। नाम बताने पर रिश्ते बिगड़ेंगे। इस पर कोर्ट ने कहा- ‘आपको विदेश और वहां कालाधन रखने वालों की चिंता ज्यादा है, देश की कम।’ अदालत ने सरकार की सभी दलीलें खारिज कर दीं। निर्देश दिया कि विदेशों से मिले सभी खाताधारकों के नाम बुधवार सुबह तक बंद लिफाफे में सौंप दे। (

सोमवार को सरकार ने कोर्ट को विदेशों में खाता रखने वाले आठ नाम बताए थे। सरकार ने दलील दी थी कि सभी खाताधारकों के नाम 27 जून को एसआईटी को दे दिए गए थे। हालांकि कोर्ट की सख्ती के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार बुधवार सुबह सभी खाताधारकों के नाम अदालत को सौंप देगी। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की बेंच ने की। सरकार की ओर से पैरवी अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने की।
 
नाम न बताने का हर बहाना कोर्ट ने नकारा
 
केंद्र सरकार की दलील

1. विदेशों में पैसे रखना अपराध नहीं है। संविधान में सभी को निजता का अधिकार दिया गया है। हम सबके बारे में नहीं बता सकते।
2. आयकर विभाग सभी खातों की जांच कर रहा है। टैक्स चोरी का केस बनने पर नाम सामने लाएंगे। एसआईटी वैधानिक संस्था नहीं है।
3. हमारी कई देशों से संधि है। सभी लोगों के नाम बताने से भारत के कूटनीतिक संबंध उन देशों से खराब हो सकते हैं। सूचना गोपनीय रखना जरूरी है।
4. अदालत कृपया अपना पुराना आदेश संशोधित करे। उसमें विदेश में पैसा रखने वाले सभी लोगों के नाम जाहिर करने के निर्देश दिए गए थे।

1. आप विदेशी बैंकों में खाता खुलवाने वालों की ढाल क्यों बन रहे हैं। आप उनमें रुचि नहीं लें। एसआईटी सबका ध्यान रख सकती है।
2. सरकार को जांच की झंझट में फंसने की जरूरत नहीं। आप तो सिर्फ नाम बता दें। हम आईटी, एसआईटी या सीबीआई से जांच करा लेंगे।
3.ऐसे आश्वासन देते क्यों हैं। हमें एक, दो या तीन नहीं, फ्रांस, जर्मनी व स्विट‌्जरलैंड से मिले सभी नाम चाहिए। हम नहीं चाहते देश का पैसा बाहर जाए।
4. हम अपने आदेश का एक भी शब्द नहीं बदलेंगे। इसका फैसला ओपन कोर्ट में हो चुका है। सरकार इसे मान चुकी है। अब कोई बदलाव नहीं होगा।
 
केजरीवाल ने दाखिल की हस्तक्षेप याचिका : अरविंद केजरीवाल ने कालाधन मामले में पार्टी बनने के लिए हस्तक्षेप याचिका लगाई है। ताकि बहस में उन्हें भी सुना जाए।
 
सरकार का दावा: 500 खाताधारकों के नाम अब तक मिले।
कांग्रेस का दावा: 800 नाम सरकार को मिल चुके हैं।
 
सरकार काला धन वापस लाए। वरना संसद के शीतकालीन सत्र के बाद मैं लोगों के साथ सड़कों पर उतरूंगा।  
- अन्ना हजारे

क़ुरआन का संदेश

  क़ुरआन का संदेश

हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष ही हमारा नारा है ,,,को पूर्ण रूप से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर चरितार्थ करने वाली इस शख्सियत का नाम राकेश शर्मा उर्फ़ राकू है ,,

दोस्तों हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष ही हमारा नारा है ,,,को पूर्ण रूप से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर चरितार्थ करने वाली इस शख्सियत का नाम राकेश शर्मा उर्फ़ राकू है ,,,,वर्षो से कांग्रेस में समर्पित कार्यकर्ता रहे राकेश शर्मा राकू सेवा भाव में कभी सियासत या पार्टी  बीच में कभी नहीं लाये ,,अनेकों बार .राकू  जनहित के मुद्दों पर कांग्रेस शासन में रहते हुए भी निष्पक्ष और निर्भीक रूप से मुद्दों का आंदोलन चलाकर साबित कर दिया है के जनहित ,,,स्थानीय हित ,, जनसेवा ,,,,,राजनीति से ऊँचे होते है ,,,,,,,राकेश शर्मा राकू ने हाल ही  कोटा में रुद्राक्ष हत्याकांड मामले में ,,,सफेदपोश लोगों का नाम उजागर होने पर ,,,,जब प्रशासनिक और सत्तापक्ष की लीपापोती देखी ,,,,तो इन्होें सभी सियासी और गेरसियासी समाज  सेवी संस्थाओं से सम्पर्क कर ,,,,,,संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया ,,,,और कलेक्ट्रेट के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया ,,खुद इनकी पार्टी में इनके इस क़दम का आंतरिक विरोध हुआ ,,भाजपा ने इस धरने को राजनीति से प्रेरित बताया ,,लेकिन अकेले राकेश शर्मा राकु ने अपने साथियों के दम  पर कलक्ट्रेट के बाहर तम्बू गाढ़ दिया और रुद्राक्ष की तस्वीर लेकर उस पर माला चढ़ाई ,,,फूल चढ़ाए ,,,अगरबत्ती लगाई और धरने  की शुरुआत कर दी ,,,,यक़ीन मानिए धरने के आलोचक खुद धरने पर आने लगे ,,,,समर्थक बने ,,,फिर धरने का हिस्सा बन गए ,,खुद रुद्राक्ष के माता पिता ,,,धरने पर आये मोरल सपोर्ट दिया और क़ातिल जल्दी पकड़े जाए ,,,,इस मांग के साथ आंसू बहाते हुए समर्थित रहे ,,मुख्य अभियुक्त अंकुर से मिले पुलिसकर्मियों का कच्चा चिट्ठा देने के लिए लोग खुद ब खुद धरना स्थल पर आने लगे ,,प्रशासन और पुलिस की कड़ी निगरानी थी ,,,,लेकिन मुद्दा ऐसा था के प्रशासन और पुलिस बेबस थे ,,चरणबद्ध तरीके से पुतला दहन ,,मानवश्रृंखला ,,फिर पुतला दहन कार्यक्रम हुए कोटा के सभी प्रतिष्ठीत लोग इसमें  शामिल हुए ,,,पूर्व गृहमंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ,,आप पार्टी ,,कम्युनिस्ट पार्टी सभी ने धरने का उत्साह बढ़ाया ,,पुलिस पर अभियुक्त के सपोर्टरों पर दबाव बना रहा नतीजा  अभियुक्त जिसकी गिरफ्तारी की अफवाह एक हफ्ते पहले उड़ा दी गयी थी उसे गिरफ्तार करना ही पढ़ा ,,,आज धरना स्थल पर  के माता पिता आये अश्रुपूर्ण नमन किया ,,,आँखों में आंसू लिए फफकते हुए धन्यवाद दिया राकू भाई को दुआएं दी और दोषी लोगों  को सख्त सज़ा देने की गुहार लगाई ,,राकेश शर्मा राकू ने घोषणा की के अभियुक्त को क़ानूनी रूप से फांसी मिले इसके लिए संघर्ष समिति का क़ानूनी पहले एडवोकेट अख्तर खान अकेला के नेतृत्व में प्रकरण के अनुसंधान औरविचारण  निगरानी रखेंगे गवाहों को सुरक्षा और बयान समझाइश की सुविधा उपलब्ध कराएंगे ,,,,खेर रुद्राक्ष के हत्यारों को सियासी संरक्षण धरपकड़ फिर तलशी और फिर पकड़ ही लिया गया ,,लेकिन राकेश शर्मा राकू का किरदार गैर राजनितिक कार्यकर्ता के  रूप में जनता के सामने उभर कर आया है ,,,,राकेश शर्मा राकू यूँ तो  कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष है ,जुझारू संघर्षशील है लेकिन यह और दूसरे कोंग्रेसियों से अलग थलग कांग्रेस के विधान में लिखी गई प्रक्रिया के तहत जनता के साथ सेवा भाव से जुड़े है ,,,,,,,,,,,,राकू  कांग्रेस के पदाधिकारी है नयापुरा इलाक़े में दो दशकों से भी ज़्यादा समय से हर साल कोटा का सबसे  बढ़ा ईद मिलन और होली मिलन समारोह करते आये है ,,,,होली की सजावट हर साल इतनी खूबसूरत ,,इतनी अनोखी के कोटा के ही नहीं पुरे कोटा  संभाग के दूरदराज़ इलाक़े के लोग सराहने के लिए आते है ,,,समाज सेवा क्षेत्र के हर मामले  में अव्वल ,,पुलिस प्रताड़ना हो ,,,,अस्पताल में इलाज में बेईमानी हो ,,अव्यवस्था हो ,,सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार हो संघर्ष लगातार जीतने तक करने वाली कोटा की एक अकेली सियासी शख्सियत राकू भाई है ,,,,,कोटा में इसके पहले नीलू राणा प्रकरण हुआ जिसमे करोड़ों की खरीदफरोख्त कर मामला दबाया गया लेकिन राकेश शर्मा राकू का संघर्ष सफल रहा और पूंजीपति अभियुक्त पकड़े गए पूरी सेटिंग पूरी सौदेबाज़ी धरी रह गयी ,,राकू भाई को खरीदने की कोशिश की गई लेकिन सब कुछ उलटा ही पढ़ा ,,,,पूर्व मंत्री  ललित चतुर्वेदी की  होटल में विश्वनाथन मेनेजर की हत्या मामला राकेश शर्मा ने उठाया ,,डॉक्टर बीन  शर्मा की हत्या का मामला राकेश शर्मा ने उठाया ,,कोटा के महत्वपूर्ण ऐसे मुद्दे  जिन्हे प्रशासन दबाने की कोशिश में रहता है या फिर इंसाफ के आड़े सियासत आती है तो फिर राकेश शर्मा ऐसे ज़ालिमों के खिलाफ और मज़लूमों के पक्ष में मास्टर की बन कर संघर्ष लेकर इन्साफ दिलवाने के लिए आगे आते है और इन्साफ मिलने तक मज़लूम का साथ बिना किसी लालच के बिना किसी आर्थिक लाभ के अपनी जेब से खर्च कर  रहते है और इन्साफ दिलाते है ,,ऐसी शख्सियत समाज में बहुत कम मिलती है लेकिन कोटा में ऐसी शख्सियत जो पार्टी पोलटिक्स से ऊपर  उठ कर लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है ऐसे भाई राकेश शर्मा उर्फ़ राकू भाई को सलाम ,,सभी दुआ कीजिये ताकि इनका होसला बुलंद रहे ,,यह मज़बूत हो और लगातार मज़लूमों को इन्साफ मिलता रहे ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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