आपका-अख्तर खान

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30 अक्तूबर 2014

उन्होेन सोचा

उन्होेन सोचा
उन्होंने कहा नहीं
निगाहो में अदाओ में
उनके अहसास को में समझा
मेने उनके बिना कहे कह दिया
क़ुबूल है ,,क़ुबूल है ,, क़ुबूल है
में सही हूँ या गलत
मुझे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला ,,,,

ज़ुल्मों सितम

भूख गरीबी
ज़ुल्मों सितम
बेईमानी भ्रष्टाचार
सरहदों पर हमले
कालाधन ,सट्टा बाज़ार
बेवजह की मज़हबी तकरार
अल्पसंख्यक ,दलितों का अत्याचार
काले धन पर सुप्रीमकोर्ट की फटकार
कल जब
कांग्रेस थी तब भी थे
आज मोदी तुम हो जब भी है
ऐसा क्यों ,,,ऐसा क्यों ,,,ऐसा क्यों ,,अख्तर

मुझे और यूँ ना तोड़ो ,,

में पहले से ही
टूटा हुआ हूँ
मुझे और यूँ ना तोड़ो ,,
पहले से ही में
बिखरा हुआ हूँ
मुझे और ना तोड़ कर बिखेरो
में टुटा हुआ खिलौना हूँ
मुझ से खेल तो लो
लेकिन अमीरों की तरह से
इस खिलोने को
यूँ बेदर्दी से न तोड़ो ,,
में पहले से ही
टूटा हुआ हूँ
मुझे यूँ बार बार ना तोड़ो ,,,अख्तर

भाजपाइयों की 'मोरल पुलिसिंग' के जवाब में चलाया खुले आम किस करने का अभियान


नई दिल्‍ली। भाजपा से जुड़े भारतीय जनता युवा मोर्चा की मोरल पुलिसिंग और उनके द्वारा एक कॉफी शॉप में तोड़फोड़ के खिलाफ केरल के कोच्चि में 2 नवंबर को आयोजित किए जा रहे 'किस डे' को जबर्दस्‍त समर्थन मिल रहा है। तीन हजार से ज्‍यादा कपल्‍स ने मरीन ड्राइव बीच पर होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होकर किस करने पर सहमति जताई है। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी यह अभि‍यान हिट हो गया है। आयोजकों द्वारा 'किस ऑफ लव' नाम से बनाए गए पेज को चंद दिनों के भीतर 31 हजार से ज्‍यादा लाइक्‍स मिल चुके हैं। उधर, पुलिस ने इस पर सख्‍त रुख अपना लिया है और 'किस डे' आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि अगर कानून व्‍यवस्‍था की समस्‍या आती है तो इस पर रोक लगाया जाएगा। कोच्चि के डिप्‍टी कमिश्नर निशांथिनी ने कहा कि हम लोगों को इकट्ठा होने से तो नहीं रोक सकते, लेकिन स्थिति बिगड़ी और ट्रैफिक की समस्‍या पैदा हुई तो हम लोगों को अरेस्‍ट करेंगे। इस बीच विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने की बात कही है।
'किस डे' का आयोजन क्‍यों?
केरल के कोझिकोड स्थित एक कॉफी शॉप में कुछ दिनों पहले कथित तौर पर अनैतिक काम किए जाने का मामला सामने आया था। एक स्‍थानीय चैनल ने इस बारे में खबर दिखाई थी। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्‍यों ने इस कॉफी शॉप में तोड़फोड़ की थी। इसी के विरोध और प्यार को अभिव्यक्त करने की आजादी के लिए 'किस डे' का आयोजन करने का फैसला किया गया है।
कौन कर रहा है आयोजन?
किस डे का आयोजन 'पिंक चड्डी' समूह की केरल इकाई द्वारा किया जा रहा है। गौरतलब है कि पिंक चड्डी समूह तक सुर्खियों में आया था जब मंगलौर के पब में महिलाओं पर हुए हमले के बाद उसने श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुथालिक को गुलाबी रंग के इनर वेयर भेजे थे।
क्‍या कहना है आयोजकों का?
इस अभियान के आयोजकों का कहना है कि उनका मकसद किसी पार्टी या समूह को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि नैतिकता के आधार पर किसी के भी निजी जीवन में अतिक्रमण को स्वीकार नहीं करने का संदेश देना है। आयोजकों में से एक एस राहुल ने कहा, 'प्यार और स्नेह का अपराधीकरण बहुत बुरी बात है। कॉफी शॉप पर हमला सिर्फ एक संकेत भर है। दुर्भाग्य से यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।'
फेसबुक पर भी आंदोलन
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी 'किस डे' के समर्थन में जबर्दस्‍त अभियान चलाया जा रहा है और इसके लिए 'किस ऑफ लव' नाम से एक पेज बनाया गया है। शॉर्ट फिल्‍ममेकर राहुल पसुपालन ने इस अभियान को अपना समर्थन दिया है। इस पेज को अभी तक 31 हजार से ज्‍यादा लाइक्‍स मिल चुके हैं। इसे पेज पर लिखा गया है, 'मोरल पुलिसिंग एक आपराधिक गतिविधि है। ज्‍यादातर राजनीतिक पार्टियां और धार्मिक संगठन ऐसा करने की कोशिश करते हैं। युवाओं के एक समूह ने साथ आकर यह जताने का फैसला किया है कि किस प्‍यार का प्रतीक है।'
हर तरफ से समर्थन
बेंगलुरु के कई टेकी इस 'किस डे' में शामिल होने के लिए रविवार को कोच्चि जाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही एलजीबीटी समुदाय ने भी इसे अपना समर्थन देने की बात कही है।

दक्षिण में क्यों खाते है केले के पत्तों पर खाना, जानें अनोखी परंपरा का कारण

उज्जैन। केला कई गुणों से भरपूर फल है। इसके पूरे पौधे में कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं।इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों में केले को बहुत पवित्र वृक्ष माना गया है। यही कारण है कि इसकी पूजा की जाती है। कुछ विशेष पूजन में इसका मंडप भी बनाया जाता है। यह वृक्ष विष्णु भगवान को बहुत प्रिय माना जाता है। इसलिए जिन लोगों के विवाह में विलंब होता है, उन्हें केले के पेड़ की पूजा करने को कहा जाता है। वास्तु के अनुसार केले के पेड़ को घर के सामने और बगीचे में लगाना अच्छा माना जाता है।

भारत के कुछ हिस्सों विशेषकर दक्षिण भारत में इसकी पवित्रता के कारण इसका उपयोग भोजन करने के लिए भी किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका वैज्ञानिक क्या है, अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं कि केले के पत्ते पर खाना खाने से कौन से फायदे होते हैं.....
 
- केले के पत्ते से मिलने वाले फाइबर चटाई, दरियां, मोटे पेपर और पेपर पल्प बनाने के काम आता है। केले के पत्ते पर गर्म खाना परोसने से इस पत्ते में मौजूद पोषक तत्व भी खाने में मिल जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

-  रोजाना केले के पत्ते पर खाना खाने से बाल हमेशा काले और चमकदार बने रहते हैं। केले के पत्तों पर खाना खाने से दाद-खाज और फोड़े- फुंसियों जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।

- इसके पत्तों में काफी मात्रा में एपिगालोकेटचीन गलेट और इजीसीजी जैसे पॉलीफिनोल्स होते हैं। ये वे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि पत्तेदार भोजन में पाए जाते हैं। केले के पत्ते पर खाना खाने पर ये एंटीऑक्सीडेंट सीधे शरीर को मिलते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को लंबी उम्र तक जवान बनाए रखते हैं।
 
-  स्किन पर फोड़े, फुंसी के निशान या जलने पर केले के पत्ते पर नारियल का तेल डालकर लपेटने से त्वचा से संबंधित समस्याओं से जल्द निजात मिलती है।- शरीर में कहीं भी जल जाने पर केले के पत्ते पर अदरक का तेल छिड़कर ऊपर से नीचे तक लपेटने से गर्मी और जलन से छुटकारा मिलता है।

- केले के पत्ते पर अदरक का तेल लगाकर ऊपर से नीचे तक नवजात बच्चे को इसमें लपेटकर खुले में सूर्य की किरणों के सामने रखना बच्चे की त्वचा के लिए अच्छा रहता है। इससे उसके शरीर को प्रचूर मात्रा में विटामिन - डी मिलता है।

-  केले के पत्ते की यह खासियत होती है कि वह खाने के पौषक तत्व बरकरार रखता है। यदि भोजन को केले के पत्ते में लपेटा जाता है तो यह खराब नहीं होता है।  

- कच्चे केले की सब्जी भी बनती है।कच्चे केले के सेवन से खून साफ होता है और रतौंधी जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

क़ुरआन का सन्देश

  
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