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05 नवंबर 2014

राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों में कुशल और कठोर प्रबंधन के लिए स्वीकारित नाम धर्मेन्द्र भटनागर

राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों में कुशल और कठोर प्रबंधन के लिए स्वीकारित नाम धर्मेन्द्र भटनागर इन दिनों अजमेर संवेदनशील इलाक़े के संभागीय प्रमुख के पद पर कार्यरत है ,,,,धर्मेन्द्र भटनागर की कार्यशैली इनकी पहचान है हंसमुख ,,मृदुल स्वभावी लेकिन निष्पक्ष प्रशासनिक कार्यों में कठोर और कामयाब अधिकारी के रूप में विशिष्ठ पहचान रखने वाले धर्मेन्द्र भटनागर पहले पुलिस सेवा में थे फिर राजस्थान प्रशासनिक सेवा में १५ अक्टूबर १९७९ को नियुक्त हुए ,,,३० सितम्बर १९५५ धर्मेन्द्र भटनागर ने एम ऐ ,,,एल एल बी की शिक्षा ग्रहण की कॉलेज टाइम से ही आप को खेलकूद ,,साहित्यिक गतिविधियों का शोक रहा ,,,भटनागर क्रिकेट ,,,शतरंज ,,केरम ,,टेनिस ,,बैडमिंटन के कामयाब खिलाड़ी है जबकि कुशल वक्ता और साहित्य लेखन की विशिष्ठ विधा के धनी भी है ,,,धर्मेन्द्र भटनागर की छवि ईमानदार ,,निष्पक्ष ,,निर्भीक ,,और जनहितकारी अधिकारी के रूप में रही है इसीलिए इनकी नियुक्ति चॅलेंजिंग रही है ,,कोटा में आपका नगर दंडनायक ,,अतिरिक्त संभागीय आयुक्त का कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाने वाला है ,,, अपने कार्य को महनत ,लगन और निष्पक्ष निर्भीक तरीके से करने के साथ साथ धर्मेन्द्र भटनागर ने विभिन्न क़ानूनो पर कई दर्जन पुस्तके ,,स्मरिकाए लिखी है ,,कोटा के इतिहास और प्रशासनिक प्रबंध पर भी इनकी प्रकाशित पुस्तक एक रिसर्च दस्तावेज है ,,सीकर कलेक्टर के दौरान भी आपने महत्वपूर्ण प्रकाशन किये अब आप धार्मिक नगरी अजमेर जहां ख्वाजा साहब की दरगाह है ,,पुष्कर के मंदिर है ,, सरवाड़ शरीफ है ,,तारागढ़ है वहां के संभागीय आयुक्त नियुक्त हुए है और कार्यभार ग्रहण के बाद से ही आप हमेशा की तरह अपनी प्रशासनिक टीम के साथ अलग हठकर बेहतर प्रबंधन कार्यों की कार्ययोजना तैयार कर रहे है ,,,,,ईश्वर अजमेर संभाग के सभी ज़िलों की मॉनिटरिंग और विकासयोजनाओं के क्रियान्वन ,,,प्रशासनिक प्रबंधन में इन्हे कामयाबी दे प्रसिद्धि दे ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भरी सर्दी में तुझको

दावा है सर्द हवाएं भी
भरी सर्दी में तुझको
गर्माहट ही देंगी.........
शर्त इतनी सी है "दोस्त"
किसी बेबस,लाचार,बूढ़े,गरीब को
अपनी चादर उढ़ा के तो देख...

17 साल पुराना इतिहास दोहराने के करीब सोना, 2 साल में 50 फीसदी लुढ़की कीमतें


17 साल बाद इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में एक के बाद लगातार 2 साल गिरावट दर्ज की गई है। 2013 और 2014 में अब तक सोने की कीमतें इंटरनेशनल मार्केट में करीब 50 फीसदी तक घट चुकी हैं। ये कमी 2013 में 28 फीसदी और इस साल अब तक 20 फीसदी रही। 2013 में सोने की औसत कीमत साल 2012 के 1655 डॉलर प्रति औंस के मुकाबले 1240 डॉलर प्रति औंस थी।
 
दिसंबर में भी अगर यह गिरावट जारी रही तो सोना लगातार दो साल गिरने का 17 साल पुराना इतिहास फिर से दोहराएगा। इससे पहले 1997 और 1998 में सोने की कीमतें इंटरनेशनल मार्केट में लगातार 2 साल घटी थीं। इन 2 सालों में इंटरनेशनल मार्केट में कीमतें क्रमश: 14 और 2 फीसदी घटी थीं। इससे निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ। 
 
बाजार के विशेषज्ञों के बीच आमराय है कि कीमतों में गिरावट का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। गिरावट के इस दौर में सोना 25000 तक के स्तर को जल्द छू सकता है। इसी के चलते फंड मैनेजर सोने को अब निवेश के लिए आकर्षक नहीं मान रहे हैं। दिलचस्प है कि 2013 से पहले सोने ने लगातार 15 साल तक निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया।      
 
ये हुआ था 1997 और 1998 में
 
1997 में इंटरनेशनल मार्केट में सोने की औसत कीमत साल 1996 के 387 डॉलर प्रति औंस से घटकर 331 डॉलर पर पहुंच गई थी। 1998 में कीमतों में 38 डॉलर की और कमी आई, जिससे सोना 294 डॉलर के स्तर पर आ गया था। इसके बाद से लेकर 2012 तक लगातार किसी भी दो साल सोनें की कीमतों में गिरावट नहीं आई थी।  
 
2013 और 2014 में यहां पहुंची कीमतें ​
 
2013 में सोने की औसत कीमत साल 2012 के 1655 डॉलर प्रति औंस के मुकाबले 1240 डॉलर प्रति औंस थी। नंवबर 2014 में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों बाजार में सोना 4 साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। आज भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 19 डॉलर की जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। इससे कॉमैक्स पर सोना 1150 डॉलर प्रति औंस के नीचे फिसल गया है। एमसीएक्स पर सोना दिसंबर वायदा ने 25,460 रुपए का लो लगाया है। फिलहाल 1.65 फीसदी की गिरावट के साथ 25,535 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। 
 
दिल्ली के सर्राफा बाजार में 450 रुपए सस्ता हुआ सोना 
 
दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने की कीमतों में 450 रुपए की गिरावट आई है। फिलहाल सोना 25,900 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर बिक रहा है। वहीं, दिल्ली में चांदी 900 रुपए की गिरावट के साथ 35,050 रुपए प्रति किलो के स्तर पर कारोबार कर रहा है। ज्वैलर्स और ग्राहक कीमतों में और गिरावट का इंतजार कर रहे है जिसके कारण सोने की मांग घटी है।
 
गिरावट के कारण

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में सोने की कीमतें साल के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं। इसका मुख्य कारण सोने की निवेश मांग का घटना है। साथ ही डॉलर इंडेस्क की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी इसकी बड़ी वजह है।

गोल्ड फंड्स ने घटाई होल्डिंग

सोने की निवेश मांग किस तरह से कम हो रही है इसका अंदाजा दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ETF, SPDR गोल्ड ट्रस्ट के पास पड़े सोने से लगाया जा सकता है। SPDR गोल्ड ट्रस्ट ने मंगलवार को करीब 3.5 टन सोना बेचा है और अपनी होल्डिंग को घटाकर 738.8 टन तक कर लिया है। इस साल SPDR की गोल्ड होल्डिंग 7.4 फीसदी घटी है। इस साल सोने की ईटीपी 119.4 टन घटकर 1643.4 टन हो गया है।

कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट

मंगलवार को नायमैक्स पर कच्चा तेल 77.19 डॉलर प्रति बैरल पर फिसल गया था, जो अक्टूबर 2011 का निचला स्तर है। वहीं, ब्रेंट क्रूड की कीमतें 4 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस साल नायमैक्स क्रूड की कीमतें 22 फीसदी और ICE ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 26 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतों में आई जोरदार गिरावट से महंगाई कम होने की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में सोने की कीमतों पर दबाव बन रहा है।

डॉलर इंडेस्क में तेजी से सोने पर दबाव

यूरोपीयन कमीशन ने यूरोपीय सेंट्रल बैंक के बैठक से पहले यूरोपीय देशों के ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है जिसके कारण डॉलर के मुकाबले यूरो में कमजोरी आई है। इस हफ्ते डॉलर इंडेस्क 5 साल के ऊंचाई पर पहुंच गया था। हालांकि मंगलवार को आए अमेरिका के खराब निर्यात डेटा की वजह से डॉलर पर दबाव दिखा था। डॉलर इंडेस्क अभी भी 87 के ऊपर बना हुआ है विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में तेजी जारी रहने की संभावना है।

मेरे भारत महान की गुलाम दिल्ली ,,जी हाँ गुलाम दिल्ली जो कहने को तो राजधानी है

मेरे भारत महान की गुलाम दिल्ली ,,जी हाँ गुलाम दिल्ली जो कहने को तो राजधानी है ,,,यहां सोलह ज़िले दो सो पचहत्तर वार्ड और पैसठ विधायक है ,,कहने को लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित एक अदद मुख्यमंत्री और कुछ मंत्री होते है ,,लेकिन सब खिलोना मिटटी के माधो होते है इस गुलाम दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक सिपाही का ट्रांसफर करना तो दूर निलंबन करने का अधिकार भी नहीं है ,,यह बात आज़ादी से आज तक क़ानून में तो लिखी थी लेकिन आम जनता से अख़बारों ,,मीडया और कांग्रेस भाजपा ने छुपा रखी थी दिल्ली की इस गुलामी का दर्द अरविन्द केजरीवाल सामने लाये ,,,उन्होंने धरना दिया ,,,,आंदोलन किया और फिर घर बैठ गए ,,,,,,दोस्तों दिल्ली में चुनाव का बिगुल बज गया है ,,कांग्रेस बैकफुट पर है क्योंकि उसकी बेवकूफी की वजह से दिल्ली को यह दिन देखना पढ़े है लेकिन फिर भी कांग्रेस ने सिक्ख वोटों को अपने साथ लेने के लिए फिर ,,सिंह इस किंग ,,,मनमोहन सिंह को आगे किया है जिस जापान में ढोल बाजे बजाकर नाच गण कर नरेंद्र मोदी आये है उस जापान ने मनमोहन सिंह को सम्मान के लिए पुकारा है ,,इधर भाजपा ने सिक्खों को पांच लाख रूपये देने की बात की ,,मोदी लहर बताई ,,रिक्शे वालों को लाइसेंस की बात की ,,,एक मोदी लहर की हवा को मुद्दा बनाया ,,लेकिन आप पार्टी जो बिखरा हुआ बुजुद समेटने की कोशिश में है वोह साम्प्रदायिकता ,,,,,कालाधन ,,भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली ,,,गरीबों को न्याय ,,,पानी बिजली की दरों में कटौती ,,को मुद्दा बना रही है कितनी बेवक़ूफ़ है आप पार्टी और आप पार्टी के नेता लोग जो सिर्फ मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते है सियासत नहीं करना चाहते ,,भारत की जनता ने क्या कभी ईमानदार आदमी को ,, ईमानदारी से काम करने वाले को ,,दिल्ली को गुलामी से आज़ाद कराने की बात करने वाले को ,,महंगाई कम कर सस्ताई करने वालों को ,,,भ्रष्टाचर खत्म करने वाले को ,,,क़ानून का राज स्थापित करने वाले को ,,,लुटेरे उद्योगपतियों को ,,,,कभी चुनाव जिताया हिअ ,,कभी विधायक ,,सांसद ,,मुख्यमंत्री बनाया है ,,नहीं ना तो फिर अरविन्द केजरीवाल और समर्थको आप कैसे उम्मीद कर सकते हो के इस ज़माने में इस कलियुग में सतयुग लाने वालों के हाथो में कुर्सी होगी ,,अब तो शायद आप पार्टी का वुजूद भी खत्म होगा और शरारती तत्वों ,,आपराधिक तत्वों के थप्पड़ ,,घूंसे ,,लात ,,,अंडे ,,टमाटर ,,,इस ईमानदार आदमी के लिए बेताब होंगे ,,अख़बार ,,,मीडिया और सोशल मिडिया इस पार्टी और समर्थको को पागल ,,बेवक़ूफ़ ,,झूंठा ,,रणछोड़दास ,राष्ट्रविरोधी ,,कहकर प्रचारित करने का ठेका ले चुके है ,,,कालाधन बाबा रामदेव के मुख पर कालिख पोत चुका है वोह शर्म के मारे अपना चेहरा लोगों को दिखाने की स्थिति में नहीं है ऐसे में ना तो दिल्ली आज़ाद होगी और ना ही दिल्ली में कोई आज़ाद जनता के हम ख्याल मुख्यमंत्री बन सकेगा ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आसाराम के पुत्र नारायण साईं की पार्टी दिल्ली विस चुनाव लड़ने की तैयारी में Bhaskar news | Nov 06, 2014, 03:45AM IST 1 of 2 Previous ImagePrev NextNext Image आसाराम के पुत्र नारायण साईं की पार्टी दिल्ली विस चुनाव लड़ने की तैयारी में More: जम्मू-कश्मीर|केजरीवाल जोधपुर. नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के आरोपी आसाराम के पुत्र नारायण साईं की ओजस्वी पार्टी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगी। शहर में नई सड़क पर स्थित कॉफी हाउस में बुधवार को ओजस्वी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी ओमजी और राष्ट्रीय राजनीतिक सलाहकार मुकेश जैन ने बताया कि वे मंगलवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में आसाराम से मिलकर आए हैं। जहां आसाराम ने उन्हें नई पार्टी बनाते हुए दिल्ली, जम्मू कश्मीर, झारखंड के आगामी चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करके चुनाव लडऩे का निर्णय किया है। वे चुनाव नारायण साईं की अगुवाई में लड़ेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि नारायण साईं ने ओजस्वी पार्टी गत वर्ष सितंबर में बनाई थी। जैन ने आरोप लगाया कि नारायण साईं के चुनाव लड़ने की घोषणा करने पर उन्हें भाजपा और कांग्रेस सरकार ने मिलकर झूठे मामले में गिरफ्तार करवा दिया। कांग्रेस व आप पर लगाया आरोप- पॉक्सो एक्ट आसाराम को फंसाने के लिए बनाया उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल और सोनिया गांधी अमेरिकी मिशनरी आतंकवादियों के साथ मिले हुए हैं। दोनों ने मिलकर दिल्ली में हुए दामिनी मामले में पॉक्सो कानून बनाया था। यह कानून आसाराम को फंसाने के लिए बनाया गया था। उनकी पार्टी दिल्ली में चुनाव लड़ेगी। जहां उनकी पार्टी का एजेंडा पॉक्सो कानून खत्म कराना और आसाराम को जेल से रिहा कराना रहेगा। दिल्ली के लोगों के विकास की बात करने पर उन्होंने बताया कि पॉक्सो कानून खत्म होने और आसाराम के जेल से रिहा होने पर लोगों का विकास होगा।

जोधपुर. नाबालिग छात्रा के साथ यौन  शोषण के आरोपी आसाराम के पुत्र नारायण साईं की ओजस्वी पार्टी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगी। शहर में नई  सड़क पर स्थित कॉफी हाउस में बुधवार को ओजस्वी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी ओमजी और राष्ट्रीय राजनीतिक सलाहकार मुकेश जैन ने बताया कि वे मंगलवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में आसाराम से मिलकर आए हैं। जहां आसाराम ने उन्हें नई पार्टी बनाते हुए दिल्ली, जम्मू कश्मीर, झारखंड के आगामी चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करके चुनाव लडऩे का निर्णय किया है। वे चुनाव नारायण साईं की अगुवाई में लड़ेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि नारायण साईं ने ओजस्वी पार्टी गत वर्ष सितंबर में बनाई थी। जैन ने आरोप लगाया कि नारायण साईं के चुनाव लड़ने की घोषणा करने पर उन्हें भाजपा और कांग्रेस सरकार ने मिलकर झूठे मामले में गिरफ्तार करवा दिया।
 
कांग्रेस व आप पर लगाया आरोप- पॉक्सो एक्ट आसाराम को फंसाने के लिए बनाया

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल और सोनिया गांधी अमेरिकी मिशनरी आतंकवादियों के साथ मिले हुए हैं। दोनों ने मिलकर दिल्ली में हुए दामिनी मामले में पॉक्सो कानून बनाया था। यह कानून आसाराम को फंसाने के लिए बनाया गया  था। उनकी पार्टी दिल्ली में चुनाव लड़ेगी। जहां उनकी पार्टी का एजेंडा पॉक्सो कानून खत्म कराना और आसाराम को जेल से रिहा कराना रहेगा। दिल्ली के लोगों के विकास की बात करने पर उन्होंने बताया कि पॉक्सो कानून खत्म होने और आसाराम के जेल से रिहा होने पर लोगों का विकास होगा।

भरी सभा में फूट-फूट कर रोने लगे MLA, बोले गहना-जमीन बेचकर लड़ा था चुनाव

फोटो - मंच पर भाषण के दौरान भावुक होकर रोते विधायक नवीन जायसवाल।
 
रांची. झारखंड की राजधानी रांची से लगे हटिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक नवीन जायसवाल बुधवार को एक पब्लिक मीटिंग में मंच से भाषण देते-देते फूट-फूट कर रो पड़े। अपने नेता को रोता देख मंच के सामने मौजूद लोग भी भावुक हो गए और उनकी आंखें गीली हो गईं।
 
नवीन हटिया विधानसभा क्षेत्र से ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के विधायक हैं। इस बार भाजपा से चुनाव-पूर्व गठबंधन के तहत वह सीट भाजपा के हाथ में चली गई है। उक्त मीटिंग (रायशुमारी सभा) इसी बात का फैसला लेने के लिए आयोजित की गई थी कि नवीन को अब क्या करना चाहिए।
 
केले के बगान के लिए समर्पित किया जीवन
 
हटिया के डिबडीह पुल मैदान में आयोजित रायशुमारी सभा में विधायक ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने केले (आजसू पार्टी का चुनाव चिन्ह) के बगान की रक्षा और विस्तार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा, "मैंने पार्टी की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। क्षेत्र के लोगों और पार्टी पदाधिकारियों के बीच संवाद बनाए रखने के लिए हमेशा पुल का काम किया। इसके बाद मेरे समर्पण और सेवा भावना का यह परिणाम मिला। इस तरह की राजनीति और छल-प्रपंच से मैं अनभिज्ञ था।"
 
नवीन जयसवाल ने आगे कहा कि उन्होंने गहन और जमीन बेचकर हटिया से उपचुनाव लड़ा था और जनता के स्नेह से जीत भी हुई। इसी बात पर वे भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। इतना होते ही अब तक शांति से भाषण सुन रहे कार्यकर्ता और समर्थक भी रोने लगे। कई उनके समर्थन में नारेबाजी भी करने लगे। 
 
सभी की जमानत जब्त करा दें : नवीन
 
नवीन ने अपने भाषण में समर्थकों से कहा कि वे हटिया विधानसभा से चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने जनता से अपील की वे उन्हें ऐसी जीत दिलाएं कि अन्य सभी उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो जाए। नवीन ने कहा,  "मैं जीत के प्रति आशान्वित हूं। आप लोग डोर टू डोर ऐसा कैंपेन करें कि अन्य सभी प्रत्याशियों का जमानत जब्त हो जाए। इसके लिए परिणाम आने तक आप सभी लोगों को सजग रहना होगा, ताकि धोखा देने वालों को सबक मिल सके।

वीजा चाहिए, क्या सिर्फ इसलिए सलमान की सजा पर रोक लगा दें : सुप्रीम कोर्ट

वीजा चाहिए, क्या सिर्फ इसलिए सलमान की सजा पर रोक लगा दें : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने काला हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान को फटकार लगाई है। शीर्ष कोर्ट ने पूछा है, ‘क्या सिर्फ इसलिए आपकी सजा पर रोक लगा दें, क्योंकि आपको वीजा चाहिए’? सलमान काले हिरण का शिकार करने के 16 साल पुराने मामले में दोषी हैं। जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाए। 
 
बेंच ने कहा, ‘हाईकोर्ट ने गुण-दोष पर विचार किए बिना सलमान की सजा पर रोक लगा दी। इस तरह उनके लिए ब्रिटेन का वीजा हासिल करने का रास्ता साफ कर दिया। यह पूरी तरह विरोधाभासी और साक्ष्यों से परे है। अगर वीसा हासिल करने के लिए सजा पर रोक  लगाना शुरू कर दें तो हर दोषी इसी सिद्धांत को अपनाएगा।’

शीर्ष कोर्ट ने कहा, ‘हर दोषी अपनी सजा निलंबित होने के बाद नौकरी के लिए विदेशों में आवेदन देने लगेगा। इस तरह तो नेताओं की दोषसिद्धी पर भी महज इसलिए रोक लगाई जाने लगेगी कि दोषी करार दिए जाने पर उन्हें दिक्कतें होंगी।’ दरअसल, सलमान के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि अगर हाईकोर्ट सजा निलंबित नहीं करती तो सलमान विदेश यात्रा नहीं कर पाते और उन्हें दिक्कतें होतीं। उनकी इस दलील से ही शीर्ष कोर्ट की बेंच  बिफर गई।

यह है मामला 

जोधपुर में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान 1998 में सलमान पर काले हिरण के शिकार के आरोप लगे थे। निचली अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी। लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी थी। इसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चुनौती दी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

इधर, हिट एंड रन मामले में गवाह बोला नशे में नहीं थे सलमान 
 
मुंबई में सलमान खान से जुड़े 2002 के ‘हिट एंड रन’ मामले में मुंबई की कोर्ट में भी बुधवार को सुनवाई हुई। अभिनेता चंकी पांडे के भाई चिकी सेशन कोर्ट के जज के सामने बतौर गवाह पेश हुए। उन्होंने बताया कि घटना के बाद अगले दिन सुबह नौ बजे वे सलमान से मिलने उनके घर गए थे। तब उनके मुंह से शराब की गंध नहीं आ रही थी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

100 करोड़ ऑफर के दावे पर सांसद का पलटवार-पैसे लिए बिना टिकट नहीं देती हैं मायावती

 
 
लखनऊ. राज्यसभा सांसद अखिलेश दास ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा है कि बीएसपी सुप्रीमो बिना पैसे के किसी को टिकट नहीं देती हैं। अखिलेश दास का यह भी कहना है कि मायावती विधायक के लिए चुनावी टिकट के एवज में एक करोड़ रुपए लेती हैं। तीन नवंबर को बसपा में सभी पदों से इस्तीफा देने वाले दास ने कहा कि डेढ़ महीने पहले मायावती ने अपनी पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों से दस लाख रुपए की राशि ली थी। दास ने ये आरोप तब लगाए हैं जब खुद मायावती ने बुधवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि अखिलेश दास ने राज्यसभा टिकट के लिए उन्हें 100 करोड़ का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। बीएसपी नेता के मुताबिक, 'मैंने अखिलेश दास से कह दिया कि अगर आप 200 करोड़ भी दोगे तो भी नहीं दूंगी टिकट।' अखिलेश दास का राज्यसभा में कार्यकाल 25 नवंबर को समाप्त हो रहा है। अखिलेश दास उत्तर प्रदेश में कई शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं। 

इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को राज्यसभा के लिए बीएसपी प्रत्याशी का एलान कर दिया। आजमगढ़ के राजा राम और मुरादाबाद के वीर सिंह एडवोकेट को उन्होंने टिकट दिया है। दोनों ही दलित वर्ग से आते हैं। मायावती ने कहा कि पूर्वी यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले राजा राम चार राज्यों और मुरादाबाद के वीर सिंह एडवोकेट तीन राज्यों के प्रभारी हैं। दोनों ने पार्टी हित के लिए अच्छा काम किया है। इसी को देखते हुए उन्होंने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने उम्मीद जताई की विधायक दल पार्टी के फैसले का स्वागत करेगा।

दूसरे वर्ग के कैंडिडेट पर हो सकता था असंतोष
उन्होंने बताया कि 2012 विधानसभा चुनाव में पार्टी को जितनी सीटें मिली हैं, उसके हिसाब से दो प्रत्याशी ही लोकसभा में जा सकते हैं। बसपा की नीति रही है कि वह 'सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय' पर काम करती है। पार्टी यदि दूसरे किसी वर्ग के प्रत्याशी को कैंडिडेट बनाएगी तो अन्य वर्गों में असंतोष हो सकता है। इसी को ध्यान में रखकर पार्टी ने दलित कैंडिडेट ही उतारने का फैसला किया है।

सभी समुदाय को बराबरी का हिस्सा देने में असमर्थ हैं

मायावती ने बताया कि बसपा अपनी नीति के दम पर यूपी में चार बार सरकार बनाई है। पार्टी ने सर्वसमाज के लोगों का उचित प्रतिनिधित्व किया है। 2012 के विधानसभा में सभी पार्टियों ने सांठगांठ करके बसपा को हरा दिया। इसके बाद राज्यसभा चुनाव में बसपा सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के राह पर चलते हुए एससी, एसटी, ओबीसी और सवर्ण जाति के सभी समुदाय के लोगों को बराबर की हिस्सेदारी देने में असमर्थ है

क़ुरआन का सन्देश

 
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