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07 नवंबर 2014

आदरणीय मोदी जी छोटा मुंह बढ़ी बात

आदरणीय मोदी जी छोटा मुंह बढ़ी बात है लेकिन ज़रा सम्भल कर ,,पहले जापान में ड्रम बजाया ,,फिर उद्योगपति मेडम का हाथ सरे आम पकड़ लिया ,,अब सज़ायाफ्ता काले हिरन जिसे राजस्थान के विश्नोई लोग पूजनीय मानते है उनके हत्यारे नाचने गाने वाले सलमान से ऐसा मिलन ,,आप जानते है आपकी सुपरब कामयाबी के बाद विरोधी आपकी एक गलती का इन्तिज़ार कर रहे है और आप है के गलती पर गलती किये जा रहे है ,,आखिर भगवान भी भगवान है कब तक आपका साथ देगा ,,सो प्लीज़ ज़रा सम्भल कर ,,,,अख्तर

कोटा में डॉक्टरों की हरकतों से नाराज़ जनता अब उनपर गुस्सा कर ज़ोर ज़बरदस्ती करने लगी है

कोटा में डॉक्टरों की हरकतों से नाराज़ जनता अब उनपर गुस्सा कर ज़ोर ज़बरदस्ती करने लगी है ,,,,डॉक्टर इस तरह की जनाक्रोश की कार्यवाहियों से खुद अपने गिरेहबान में झाँक कर अपनी गलतिया नहीं सुधारते उलटे चोरी और सीना जोरी कर हड़ताल पर चले जाते है ,,आम आदमी से टकराव तो अलग बात थी लेकिन बूंदी में तैनात एक रेजिडेंट डॉक्टर मेवाड़ा साहब जब अपने परिजनों कोटा मेडिकल कॉलेज में इलाज को लेकर गए तो तड़पते परिजनों को देखकर जब रेजिडेंट और स्टाफ नहीं पिघला तो वोह खुद इलाज करने लगे ,,एक डॉक्टर ने पहली बार दूसरे डॉक्टरों के खिलाफ जनता की नाराज़गी का सच जाना और इस दर्द को वहां तैनात ड्यूटी प्रति उपेक्षित चिकितसकों को बताने का प्रयास क्या तो बस बुरा मान गए और एक डॉक्टर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करा दिया राज कार्य में बाधा का ,,गिरफ्तारी की मांग पर मेडिकल कोंसिल में ली गयी शपथ का उलन्न्घन कर मरीज़ों को मरता छोड़कर यह लोग विधिविरुद्ध हड़ताल को चले गए ,,,,,,,,,,,एक डॉक्टर और उसके परिजनों के साथ जब घटना हुई तो एक डॉक्टर ने ही इन हैवान सी हरकते करने वाले डॉक्टरों का सच जाना और नाराज़गी ज़ाहिर कर दी ज़रा सोचो आम आदमी के दिल पर क्या बीतती होगी ,,दर असल इसका मुख्यकारण समाज का गिरता चरित्र तो है है लेकिन इससे भी बढ़ा कारण है ,,दो तरह के डॉक्टर एक डॉक्टर वोह जो खुद पढ़कर मेरिट में आते है और सरकारी कॉलेज में सस्ते में पढ़ाई कर डॉक्टर बनते है वोह मेहनती और पढ़ाकू होते है गंभीर होते है ,,जनता का दुःख दर्द तकलीफ समझते है इसलिए इलाज के प्रति समर्पित होकर जनता को शिकायत का मौक़ा नहीं देते ,,दूसरी तरफ वोह डॉक्टर होते है जो पढ़ते है न लिखते है ना मेरिट में आते है बस अपने बाप की काली कमाई को खर्च कर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की दूकान से डॉक्टर की डिग्री खरीद लाते है और बस उन्हें ना तो डॉक्टर के अखलाक़ न आदाब मिलते है वोह तो बस एक दूकान से डिग्री लेकर इलाज को व्यवयसाय समझते है ,,,एक करोड़ रूपये खर्च कर डॉक्टर बनने वाले से हम और क्या उम्मीद कर सकते है इस व्यवस्था पर डॉक्टर ,,,सरकार और मेडिकल कोंसिल और जनता को भी सोचना होगा ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कृष्ण कुमार यादव अपने राजकार्य को करते हुए बहतरीन साहित्य का सृजन रखने का हुनर रखते है

दोस्तों एक डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव अपने राजकार्य को करते हुए बहतरीन साहित्य का सृजन रखने का हुनर रखते है ,,खूबसरत हीरो से दिखने वाले कृष्ण कुमार यादव अपनी निजी ज़िंदगी में भी हीरो है ,,और साहित्य में तो उनके अलफ़ाज़ एक नया फलसफा देकर सोचने पर मजबूर करते है ,,कोई अलफ़ाज़ इनका जाया नहीं जाता ,,हर अलफ़ाज़ ,,कुछ नया सिखाता है कुछ नया दिखाता है ,,इसीलिए तो साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था आगमन ने यादव का नाम दुष्यंत सम्मान के रूप में वर्ष 2014 के लियें चयनित किया है यह सम्मान उन्हें आगामी 23 नवम्बर को नोएडा के एक समारोह में दिया जाएगा ,,,क़रीब सात पुस्तकों के प्रकाशक ब्लॉगिंग और सोशल मिडिया पर लगातार सक्रिय ,,,,अख़बार ,,मेगज़ीन में लगातार छपने वाले कृष्णकुमार यादव को इस चयन पर बधाई मुबारकबाद ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फर्जी जज बनकर दो महीने में 2740 लोगों को दे दी जमानत, 22वीं बार हुआ गिरफ्तार

फर्जी जज बनकर दो महीने में 2740 लोगों को दे दी जमानत, 22वीं बार हुआ गिरफ्तार
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने 77 साल के ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने जज को फर्जी चिट्ठी के सहारे छुट्टी पर भेज दिया। फिर जज की सीट पर बैठकर पौने तीन हजार लोगों को जमानत दे दी। इस ठग को पुलिस ने पंजाबी बाग इलाके से कार चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा। 77 साल का धनीराम इसके पहले 21 बार गिरफ्तार हो चुका है। दिल्ली पुलिस ने उसे 22 वीं बार गिरफ्तार किया है।

हालांकि बुधवार को उसकी गिरफ्तारी के वक्त दिल्ली पुलिस को भी नही पता था कि उसके हाथ आया ये बूढ़ा देश के सबसे बड़े जालसाजों में से एक है। पुलिस कार चोर समझकर जिस धनीराम से पूछताछ कर रही थी उसने जब सच्चाई बतानी शुरू की तो पुलिस के होश उड़ गए। धनीराम ने पूछताछ में बताया कि वो रेलवे में स्टेशन मास्टर भी रह चुका है। लेकिन मन नहीं लगने की वजह से उसने नौकरी छोड़ दी। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद धनीराम के तबियत खराब होने की शिकायत की। इस पर पुलिस ने उसे दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में दाखिल कराया है। पुलिस के मुताबिक रेलवे में स्टेशन मास्टर की नौकरी करने के पहले धनीराम ने कोलकाता से हैंडराईटिंग एक्सपर्ट का तीन साल का कोर्स भी किया था। बाद में उसने एलएलबी कर वकालत शुरू कर दी।
 
दो महीने में दे दी जमानत
 
उसने बताया कि एक बार हरियाणा के झज्जर कोर्ट के एक एडिशनल सेशन जज पर विभागीय जांच चल रही थी। धनीराम ने एक फर्जी लेटर बनाकर एडिशनल सेशन जज को छुट्टी पर भेज दिया और दो महीने तक उस जज की कुर्सी पर बैठकर अदालत लगाता रहा। दो महीने के दौरान धनीराम ने 2740 लोगों को जमानत दे दी।

मंत्रियों की जासूसी: धर्मेंद्र प्रधान के ऑफिस के बाहर दो गार्ड, जेटली पर भी नजर


 
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट के 44 मंत्रियों के कामकाज पर पैनी नजर रख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस काम के लिए उन्होंने अपने सबसे भरोसेमंद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को जिम्मेदारी सौंपी है। हालत यह है कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के कार्यालय के बाहर दो गार्ड इसी काम के लिए लगाए गए हैं। पीयूष गोयल के कामकाज पर भी नजर रखी जा रही है। यही नहीं, अरुण जेटली पर भी नजर रख रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय मंत्री भी चौकस हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री अपनी कार में बैठने से पहले उसकी जांच करवा लेते हैं कि ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार में बातचीत टेप करने के उपकरण तो नहीं लगे हैं। इस काम में कई मंत्री निजी प्रोफेशनल्स की भी मदद ले रहे हैं।
 
मीडिया में आई खबर के मुताबिक मोदी ने अपने मंत्रियों को भी कह रखा है कि वह किसी भी तथ्यात्मक और तकनीकी मार्गदर्शन के लिए सीधे डोभाल से संपर्क करें। दरअसल, इसके पीछे मंत्रालय के हर कामकाज और फैसले पर नजर रखने का मकसद है और इस तरह वह मंत्रियों के कामकाज को डोभाल की मदद से सीधे मॉनिटर कर रहे हैं। 
 
 
नौकरशाहों के जरिए मंत्री और मंत्रालयों पर नजर
महत्वपूर्ण मंत्रालयों में किसी तरह की चूक या घोटाले न हो, इसके लिए उन्होंने अपने खास और विश्वस्त नौकरशाहों को भी नियुक्त किया है। प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण मंत्रालयों में अपने भरोसेमंद नौकरशाहों (इसमें ज्यादातर गुजरात से) के जरिए ही सीधी पहुंच बनाई है। पिछले दिनों नौकरशाहों की एक बैठक लेकर मोदी ने उनसे कहा भी था कि वे उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं अगर उनके वरिष्ठ अधिकारी या मंत्री उन पर कुछ भी ऐसा करने के लिए दबाव डालते हैं जो गैरकानूनी हो।

क़ुरआन का सन्देश

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