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13 नवंबर 2014

शास्त्रों के अनुसार इन कारणों से लक्ष्मी की बहन नहीं बढ़ने देती है इनकम

(दरिद्रा का प्रतिकात्मक फोटो)
 
उज्जैन। बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जिन्हें ये मालूम होगा कि महालक्ष्मी की एक बड़ी बहन भी बताई गई हैं। कई शास्त्रों में इस संबंध में विवरण दिया गया है। साथ ही, लक्ष्मी की बहन से जुड़ी कई मान्यताएं भी प्राचीन समय से प्रचलित हैं। आमतौर पर काफी लोग महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं, लेकिन लक्ष्मी कृपा कुछ ही लोगों को प्राप्त होती है। कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिनसे महालक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी यानी दरिद्रा किसी व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त नहीं करने देती है।
 
यहां जानिए महालक्ष्मी की बहन कौन हैं और कौन-कौन से काम करने से व्यक्ति धनवान नहीं हो पाता है...
 
किन-किन कामों से कोई गरीब व्यक्ति लक्ष्मी कृपा प्राप्त नहीं कर पाता है। इस संबंध में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार महालक्ष्मी की एक बहन बताई गई है। लक्ष्मी की इस बहन का नाम है दरिद्रा। दरिद्रा यानी गरीबी या अलक्ष्मी। प्राचीन काल में समुद्र मंथन हुआ था और महालक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसके बाद जब भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी का पाणीग्रहण होने लगा, तब लक्ष्मी ने श्रीहरि से कहा कि- जब तक मेरी बहन दरिद्रा का विवाह नहीं हो जाता है, तब तक मैं विवाह नहीं कर सकती हूं।
उद्दालक मुनि के साथ हुआ दरिद्रा का विवाह
 
उस समय भगवान विष्णु ने लक्ष्मीजी की बहन दरिद्रा के विवाह के लिए वर खोजना प्रारंभ किया। विष्णु ऐसा कोई वर नहीं खोज सके जो दरिद्रा के साथ विवाह कर सके। तब अंत में श्रीहरि ने उद्दालक मुनि से दरिद्रा से विवाह करने की प्रार्थना की। उद्दालक मुनि ने विष्णु की प्रार्थना स्वीकार कर ली और उनका विवाह दरिद्रा से हो गया। जब दरिद्रा उद्दालक मुनि के साथ उनके आश्रम पहुंची तो वह आश्रम में प्रवेश नहीं कर सकी, तब मुनि ने दरिद्रा से पूछा कि आप आश्रम में प्रवेश क्यों नहीं कर पा रही हैं?
 
इस प्रश्न के उत्तर में दरिद्रा यानी गरीबी ने जो बातें बताई थीं, वे सभी बातें हमारे लिए भी फायदेमंद हैं और इन बातों से समझा जा सकता है कि किसी व्यक्ति की इनकम क्यों नहीं बढ़ पाती है..
ऐसे स्थान पर होता है दरिद्रता या दरिद्रा का वास
 
दरिद्रा ने मुनि उद्दालक के प्रश्न के जवाब में बताया कि वह किन लोगों के घर में प्रवेश कर सकती हैं। दरिद्रा कहती हैं कि जो लोग सुबह देर से जागते हैं, जहां साफ-सफाई नहीं होती है, जिन घरों में क्लेश होता है, जिन घरों में लोग गंदे वस्त्र धारण करते हैं, जहां स्त्रियां और पुरुष अधार्मिक आचरण अपनाते हैं, वहां मैं स्थाई रूप से निवास करती हूं। ऐसे काम करने वाले लोगों को दरिद्रा निर्धन बना देती है।

इस बालक को स्वयं यमराज ने बताए थे मृत्यु के गुप्त रहस्य

उज्जैन। 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस तारीख पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। पं. नेहरू को बच्चों से विशेष लगाव था, इसी कारण उनके जन्म दिन को बाल के रूप में मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में यहां जानिए शास्त्रों में बताए गए एक अद्भुत बालक और यमराज से जुड़ा प्रसंग। प्राचीन समय में नचिकेता नाम का एक बालक था, उसने जीते जी यमराज को खोजा और मृत्यु के गुप्त रहस्य से संबंधित कई प्रश्न पूछे थे। यमराज ने भी बालक नचिकेता के प्रश्नों का जवाब दिया था।
 
यमराज और नचिकेता का प्रसंग चर्चित है। यहां जानिए मृत्यु से जुड़े उन सवाल जो नचिकेता ने यमराज से पूछे थे...
 
नचिकेता ने यमराज से पूछे थे ये सवाल...
 
- किस तरह शरीर से होता है ब्रह्म का ज्ञान व दर्शन?
- क्या आत्मा मरती या मारती है? 
- कैसे हृदय में माना जाता है परमात्मा का वास?
- क्या है आत्मा का स्वरूप?
- यदि कोई व्यक्ति आत्मा-परमात्मा के ज्ञान को नहीं जानता है तो उसे कैसे फल भोगना पड़ते हैं?
- कैसा है ब्रह्म का स्वरूप और वे कहां और कैसे प्रकट होते हैं?
- आत्मा निकलने के बाद शरीर में क्या रह जाता है?
- मृत्यु के बाद आत्मा को क्यों और कौन सी योनियां मिलती हैं?
- क्या है आत्मज्ञान और परमात्मा का स्वरूप?
मनुष्य शरीर दो आंखं, दो कान, दो नाक के छिद्र, एक मुंह, ब्रह्मरन्ध्र, नाभि, गुदा और शिश्न के रूप में 11 दरवाजों वाले नगर की तरह है, जो ब्रह्म की नगरी ही है। वे मनुष्य के हृदय में रहते हैं। इस रहस्य को समझकर जो मनुष्य ध्यान और चिंतन करता है, उसे किसी प्रकार का दुख नहीं होता है। ऐसा ध्यान और चिंतन करने वाले लोग मृत्यु के बाद जन्म-मृत्यु के बंधन से भी मुक्त हो जाता है।
 
क्या आत्मा मरती या मारती है? 
 
जो लोग आत्मा को मारने वाला या मरने वाला मानते हैं, वे असल में आत्मा को नहीं जानते और भटके हुए हैं। उनकी बातों को नजरअंदाज करना चाहिए, क्योंकि आत्मा न मरती है, न किसी को मार सकती है।
मनुष्य का हृदय ब्रह्म को पाने का स्थान माना जाता है। यमदेव ने बताया मनुष्य ही परमात्मा को पाने का अधिकारी माना गया है। उसका हृदय अंगूठे की माप का होता है। इसलिए इसके अनुसार ही ब्रह्म को अंगूठे के आकार का पुकारा गया है और अपने हृदय में भगवान का वास मानने वाला व्यक्ति यह मानता है कि दूसरों के हृदय में भी ब्रह्म इसी तरह विराजमान है। इसलिए दूसरों की बुराई या घृणा से दूर रहना चाहिए।
 
क्या है आत्मा का स्वरूप?
 
यमदेव के अनुसार शरीर के नाश होने के साथ जीवात्मा का नाश नहीं होता। आत्मा का भोग-विलास, नाशवान, अनित्य और जड़ शरीर से इसका कोई लेना-देना नहीं है। यह अनन्त, अनादि और दोष रहित है। इसका कोई कारण है, न कोई कार्य यानी इसका न जन्म होता है, न मरती है।
जिस तरह बारिश का पानी एक ही होता है, लेकिन ऊंचे पहाड़ों पर बरसने से वह एक जगह नहीं रुकता और नीचे की ओर बहता है, कई प्रकार के रंग-रूप और गंध में बदलता है। उसी प्रकार एक ही परमात्मा से जन्म लेने वाले देव, असुर और मनुष्य भी भगवान को अलग-अलग मानते हैं और अलग मानकर ही पूजा करते हैं। बारिश के जल की तरह ही सुर-असुर कई योनियों में भटकते रहते हैं।
 
कैसा है ब्रह्म का स्वरूप और वे कहां और कैसे प्रकट होते हैं?
 
ब्रह्म प्राकृतिक गुणों से एकदम अलग हैं, वे स्वयं प्रकट होने वाले देवता हैं। इनका नाम वसु है। वे ही मेहमान बनकर हमारे घरों में आते हैं। यज्ञ में पवित्र अग्रि और उसमें आहुति देने वाले भी वसु देवता ही होते हैं। इसी तरह सभी मनुष्यों, श्रेष्ठ देवताओं, पितरों, आकाश और सत्य में स्थित होते हैं। जल में मछली हो या शंख, पृथ्वी पर पेड़-पौधे, अंकुर, अनाज, औषधि हो या पर्वतों में नदी, झरने और यज्ञ फल के तौर पर भी ब्रह्म ही प्रकट होते हैं। इस प्रकार ब्रह्म प्रत्यक्ष देव हैं।
जब आत्मा शरीर से निकल जाती है तो उसके साथ प्राण और इन्द्रिय ज्ञान भी निकल जाता है। मृत शरीर में क्या बाकी रहता है, यह नजर तो कुछ नहीं आता, लेकिन वह परब्रह्म उस शरीर में रह जाता है, जो हर चेतन और जड़ प्राणी में विद्यमान हैं।
 
मृत्यु के बाद आत्मा को क्यों और कौन सी योनियां मिलती हैं?
 
यमदेव के अनुसार अच्छे और बुरे कामों और शास्त्र, गुरु, संगति, शिक्षा और व्यापार के माध्यम से देखी-सुनी बातों के आधार पर पाप-पुण्य होते हैं। इनके आधार पर ही आत्मा मनुष्य या पशु के रूप में नया जन्म प्राप्त करती है। जो लोग बहुत ज्यादा पाप करते हैं, वे मनुष्य और पशुओं के अतिरिक्त अन्य योनियों में जन्म पाते हैं। अन्य योनियां जैसे पेड़-पौध, पहाड़, तिनके आदि।मृत्यु से जुड़े रहस्यों को जानने की शुरुआत बालक नचिकेता ने यमदेव से धर्म-अधर्म से संबंध रहित, कार्य-कारण रूप प्रकृति, भूत, भविष्य और वर्तमान से परे परमात्म तत्व के बारे में जिज्ञासा कर की। यमदेव ने नचिकेता को 'ऊँ' को प्रतीक रूप में परब्रह्म का स्वरूप बताया। उन्होंने बताया कि अविनाशी प्रणव यानी ऊंकार ही परमात्मा का स्वरूप है। ऊंकार ही परमात्मा को पाने के सभी आश्रयों में सबसे सर्वश्रेष्ठ और अंतिम माध्यम है। सारे वेद कई तरह के छन्दों व मंत्रों में यही रहस्य बताए गए हैं। जगत में परमात्मा के इस नाम व स्वरूप की शरण लेना ही सबसे बेहतर उपाय है।
नचिकेता से जुड़ा यह है प्रसंग
 
नचिकेता वाजश्रवस (उद्दालक) ऋषि के पुत्र थे। एक बार उन्होंने विश्वजीत नामक ऐसा यज्ञ किया, जिसमें सब कुछ दान कर दिया जाता है। दान के वक्त नचिकेता यह देखकर बेचैन हुआ कि उनके पिता स्वस्थ गायों के बजाए कमजोर, बीमार गाएं दान कर रहें हैं। नचिकेता धार्मिक प्रवृत्ति का और बुद्धिमान था, वह तुरंत समझ गया कि मोह के कारण ही पिता ऐसा कर रहे हैं।
 
पिता के मोह को दूर करने के लिए नचिकेता ने पिता से सवाल किया कि वे अपने पुत्र को किसे दान देंगे। उद्दालक ऋषि ने इस सवाल को टाला, लेकिन नचिकेता ने फिर यही प्रश्न पूछा। बार-बार यही पूछने पर ऋषि क्रोधित हो गए और उन्होंने कह दिया कि तुझे मृत्यु (यमराज) को दान करुंगा। पिता के वाक्य से नचिकेता को दु:ख हुआ, लेकिन सत्य की रक्षा के लिए नचिकेता ने मृत्यु को दान करने का संकल्प भी पिता से पूरा करवा लिया। तब नचिकेता यमराज को खोजते हुए यमलोक पहुंच गया। वहां यमराज और नचिकेता के बीच कई सवाल-जवाब हुए।
 
यम के दरवाजे पर पहुंचने पर नचिकेता को पता चला कि यमराज वहां नहीं है, फिर भी उसने हार नहीं मानी और तीन दिन तक वहीं पर बिना खाए-पिए बैठा रहा। यम ने लौटने पर द्वारपाल से नचिकेता के बारे में जाना तो बालक की पितृभक्ति और कठोर संकल्प से वे बहुत खुश हुए। यमराज ने नचिकेता की पिता की आज्ञा के पालन और तीन दिन तक कठोर प्रण करने के लिए तीन वर मांगने के लिए कहा।
 
तब नचिकेता ने पहला वर पिता का स्नेह मांगा। दूसरा अग्नि विद्या जानने के बारे में था। तीसरा वर मृत्यु रहस्य और आत्मज्ञान को लेकर था।
यम ने आखिरी वर को टालने की भरपूर कोशिश की और नचिकेता को आत्मज्ञान के बदले कई सांसारिक सुख-सुविधाओं को देने का लालच दिया, लेकिन नचिकेता को मृत्यु का रहस्य जानना था। अत: नचिकेता ने सभी सुख-सुविधाओं को नाशवान जानते हुए नकार दिया। अंत में विवश होकर यमराज ने जन्म-मृत्यु से जुड़े रहस्य बताए। 

मां की याद में औरंगजेब के बेटे ने बनवाया था दूसरा ताजमहल



(फोटो बीबी का मकबरा, औरंगाबाद महाराष्ट्र)
 
क्या आप जानते हैं कि भारत में दूसरा ताजमहल कहां है? अगर नहीं जानते तो बता दें कि दूसरा ताजमहल महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है, जिसकी पहचान बीबी का मकबरा के रूप में है। एक ओर जहां शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए आगरा में ताजमहल बनवाया था, वहीं दूसरी ओर क्रूर औरंगजेब के बेटे और शाहजहां के पोते आजम शाह ने ताजमहल से प्रेरित होकर अपनी मां दिलरास बानो बेगम की याद में बीबी का मकबरा बनवाया था। बीबी का मकबरा को दूसरा ताजमहल कहते है। इसका निर्माण 1651 से 1661 ईस्वी के बीच करवाया गया था।

परंपरा या अत्याचार: आदिवासियों में आज भी होता है लड़कियों का खतना


 
 
(केन्या के बारिंगो में लड़की को खतना के लिए तैयार करते परिवार के सदस्य)

इंटरनेशनल डेस्क। यह तस्वीर 'परंपरा' के नाम पर उस अत्याचार को बयां कर रही है, जिस पर केन्या सरकार प्रतिबंध लगा चुकी है। बारिंगो जिले के पोकोटा आदिवासी समुदाय की इस लड़की का खतना किया जा चुका है। अफ्रीकी जनजातियों में खतना को लड़कियों के मातृत्व में प्रवेश का प्रतीक माना जाता है। 
 
जानवरों की छाल में लिपटी और सफेद रंग में पुती लड़कियों को एक बड़े से पत्थर पर बिठाया जाता है। फिर बिना एनेस्थीसिया और दवा इस्तेमाल किए ब्लेड, टूटी कांच या कैंची से खतना की परंपरा निभाई जाती है। इस दौरान लड़कियां चीखती-चिल्लाती हैं, तो कुछ की आंखों से झरझर आंसू बहते हैं। गौरतलब है कि देश में तीन साल पहले ही सरकार ने जीवन से खिलवाड़ करने वाले इस परंपरा पर प्रतिबंध लगाया था।
 
चौंकाने वाला तथ्य ये है कि पूर्व अफ्रीकी देशों में प्रतिबंध के बावजूद एक-चौथाई केन्याई महिलाएं इस परंपरा से गुजर चुकी हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटोग्राफर सिगफ्रेड मोडोला को गोपनियता की शर्त पर एक के पिता ने बताया, "यह परंपरा है और हमेशा चलती रहेगी। लड़कियों का खतना इसलिए कराया गया, क्योंकि उनकी शादी होने वाली है।"
 
केन्या के जनजातियों में खतना को किसी उत्सव की तरह मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं जमकर शराब का सेवन करती हैं। यूनिसेफ के मुताबिक, अफ्रीका और मध्य पूर्व के 29 देशों की 12 करोड़ से भी ज्यादा महिलाओं का खतना किया जा चुका है। केन्याई कानून के तहत, अगर खतना के बाद लड़की की मौत हो जाती है, तो संबंधित को उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।

जयपुर: मर्सी होम में बच्चियों को निर्वस्त्र कर अमानवीय हरकतें करता था संचालक

(मेडिकल के लिए बच्चियों को ले जाती पुलिस की टीम।)
 
जयपुर. शहर के एक मर्सी होम में संचालक द्वारा बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी गुरुवार को मर्सी होम पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट ली। फिर गांधी नगर बालिका गृह जाकर पीड़ित बच्चियों से उनकी जुबानी हकीकत जानी। इन बच्चियों की उम्र 6 से 15 साल है। इस मामले में शुक्रवार को मुख्य सचिव स्तर पर बैठक होगी। उधर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जिलों में बिना पंजीयन के चल रहे बाल गृह व वृद्धावस्था आश्रमों की जांच करें।
 
 
क्या है मामला
बुधवार को मर्सी होम के संचालक द्वारा उसके होम में रह रही बालिकाओं के साथ छेड़छाड़, यौन शोषण और मारपीट करने का मामला सामने आया था। होम की दो बालिकाओं ने संचालक पर यौन शौषण करने का की बात कही। बच्चियों की शिकायत के बाद संचालक जॉन्सन चाको और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया था। केरल निवासी जॉन्सन चाको (50) पिछले 10 साल से जयपुर में रह रहा है और पिछले तीन साल से पत्नी के साथ झोटवाड़ा में मर्सी होम चला रहा है।आरोपी के बच्चे विदेश में पढ़ते हैं।
 
बच्चियों ने सुनाई क्रूरता की कहानी
बच्चियों ने बताया कि होम संचालक जॉन्सन चाको उन्हें भूखा रखता था। कपड़े खुलवा देता था। आए दिन उन्हें लोहे की छड़, डंडे से मारता था। खाने में एक रोटी, थोड़े से चावल और नमक दिया जाता था। चाको की पत्नी और बेटा व बेटी भी होम में रहने वाली बच्चियों से अमानवीय बर्ताव करते थे। बेटियों की इस पीड़ा की पुष्टि कल्याण कुंज के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के टीचर्स ने भी की। इसी स्कूल में होम की बच्चियां पढ़ने जाती थीं।
 
स्कूल प्रिंसिपल की पहल पर हुआ खुलासा
टीचर्स ने बताया- जब स्कूल में मिड-डे मील बच्चों में बांटा जाता तब होम की बच्चियां उस पर टूट पड़ती थीं। देखने से ही लगता था कि वे बहुत भूखी होती थीं। टीचर्स के मुताबिक- बुधवार को एक बच्ची ने प्रिंसिपल को अपने साथ हुए दुष्कर्म की जानकारी दी तो मामला झोटवाड़ा पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने दबिश देकर मर्सी होम के संचालक को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी 19 बालिकाओं को गांधी नगर बालिका गृह भेज दिया।
 
जबरन धर्म परिवर्तन तो नहीं कराया?
मर्सी होम के एक कमरे में सभी बच्चियों से प्रार्थना करवाई जाती थी। हालांकि, सभी बच्चियां हिंदू समाज की हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इन छात्राओं का जबरन धर्म परिवर्तन तो नहीं कराया गया। पुलिस बालिकाओं के पेरेंट्स से भी पूछताछ कर रही है कि उन्होंने किस स्तर पर बालिकाओं का एडमिशन मर्सी होम में करवाया।

कोटा नगर निगम चुनावों में आदर्श कार्य घोषणापत्र क्या मंज़ूर है

कोटा नगर निगम चुनावों में आदर्श कार्य घोषणापत्र क्या मंज़ूर है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोटा नगर निगम क्षेत्र में ग्रामीण इलाक़ों को अधिसूचना जारी कर मिला देने के बाद कोटा में पुनर्सीमांकन के साथ ही साठ वार्ड बढ़ाकर पैसंठ वार्ड कर दिए गए है ,,,,,,,,,,,,वर्तमान में कोटा नगर निगम क्षेत्र के पैसठ वार्डों में कोटा उत्तर ,,कोटा दक्षिण ,,लाडपुरा और रामगंजमंडी चार विधानसभा क्षेत्रों के वार्ड है जिनमे कोटा उत्तर के 22 कोटा दक्षिण के 24 ,,लाडपुरा विधानसभा के 15 रामगंजमंडी विधानसभा के 4 वार्ड शामिल है ,,,,कोटा मेग्नेट सीटी है ,,कोटा बी 2 सिटी है ,कोटा चंबल के किनारे है ,,यहां पानी है ,,बिजली है ,,,हरियाली है ,,,शिक्षा है ,, उद्योग है ,,ऐतिहासिक और परम्परागत ,,सोंदर्य बिखेरने वाले पर्यटन स्थल है ,,ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है फिर भी कोटा को नगर निगम की लापरवाही उपेक्षा और सियासी खींचतान ने नरकनिगम बना दिया है ,,,कांग्रेस ,.,,भाजपा ने अब तक कोटा नगर निगम में क्या कुछ किया है यह बर्बादी सभी जानते है ,,,हम बहुत कुछ तो वायदे नहीं करते लेकिन कोटा नगरनिगम क्षेत्र में अपने प्रतिनिधियों को प्रतिनिधित्व मिलने पर आम जनता के दरबार में वार्ड वाइज़ समस्याओं का संग्रहण कर उनका तुरंत निस्तारण के समयबद्ध कार्यक्रम चलाकर सफलतम प्रयास किये जाएंगे और कांग्रेस ,,भाजपा ने नगर निगम कोटा को नरक निगम जो बनाया है उसे फिर से स्वर्ग निगम के रूप में बनाने के सफलतम प्रयास होंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,हमारा इस नगर निगम के चुनावों में आम जनता के हितं में जनता द्वारा ,,जनता को समर्पित चुनावी घोषणा पत्र इस तरह से है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
1 ,,,,भारतीय संविधान के तेहत्तरवें संशोधन के बाद नगर निगम और निकायों को स्वायत्ता के लिए जो आज़ादी जो अधिकार दिए गए है वोह अपने वोटर और कोटा की जनता के बल पर कम,से कम कोटा नगर निगम क्षेत्र में तो लागू करवाये जाएंगे ,,,,,,,जिनमे पानी ,,बिजली ,,शिक्षा सभी ज़रूरी सुविधाये नगरनिगम के अधीनस्थ किये जाने के निर्देश है ,,,
2 ,,,,कोटा एक शिक्षा नगरी है यहाँ क़दम क़दम पर शिक्षा केंद्र स्कुल कोचिंग स्थापित है ,,वहां सभी सुविधाएं उपलब्ध रहे ,,स्वछता और सुरक्ष बनी रहे ,,आगजनी से लड़ने के सभी साधन उपलब्ध हो ,,,बाहर से आने वाले छात्र ,,छात्राएं सुरक्षित रहे ,,स्वस्थ रहे ,,उनके परिजन नाश्ते ,,अल्पाहार ,,भोजन प्रणाली मेस सिस्टम से संतुष्ट रहे इसके सकारात्मक और सफलतम प्रयास संबंधित लोगों से बात कर उन पर जनता का दबाव बनाकर करवाये जाएगे ,,,
3 ,,,,,,कोटा एक औद्योगिक नगरी है यहां छोटे बढ़े उद्योग स्थापित है लेकिन इन उद्योगों को सुविधाये पूर्ण नहीं मिल पाने से इन उद्योगों का कोटा से मोह भंग होता जा रहा है जबकि उद्योगों द्वारा स्थानीय विकास ,,सौंदर्यकरण और साफ़ सफाई ,,प्रदूषण ,,पर्यावरण संरक्षण की राजनितिक संरक्षण के कारण उपेक्षा की हुई है जो जनता के लिए जानलेवा साबित हो रहा है इसके लिए पहले समझाइश फिर सख्ती से विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही कर कोटा वासियों को उनका हक़ उद्योगपतियों से दिलवाया जाएगा ,,,
4 ,,,,,,कोटा नगरनिगम की विज्ञापन आये जितनी होना चाहिए उससे दस फीसदी भी नहीं है और इस कारन एक तरफ तो नगर निगम खोखली हो रही है दूसरी तरफ मनमाने चौतरफा सड़को पर विज्ञापन लगने से दृष्टि भ्रम के कारण दुर्घटनाये बढ़ी है और दूसरी तरफ शहर की सुंदरता को भी पलीता लगाया जा रहा है ,,,,
5 ,,,,,कोटा की सड़कों पर इन दिनों आम आदमी की आवाजाही खतरे से खाली नहीं है ,,यहां खड्डे है ,,नाली ढकान नहीं है ,,स्पीडब्रेकर पॉइंट मनमाने है और जानलेवा है ,,,,सड़कों पर अतिक्रमण है ,,आवारा जानवरों का उत्पात है ,,रोज़ सड़क दुर्घटनाये हो दुर्घटनाये हो रही है ऐसे में सड़कों को आम जनता की आवाजाही के लिए सुरक्षित किया जाएगा सभी बाधाये बिना किसी पक्षपात के दूर की जाएंगी ,,,,,
6 ,,,,कोटा नगरनिगम क्षेत्र में भवन निर्माण और स्ट्रिप ऑफ़ लेंड सहित कई तरह की पत्रावलियों के निस्तारण में भ्रस्टाचार से कोटा के लोग तंग आ गए है ऐसे में भवन निर्माण ,,स्ट्रिप ऑफ़ लेंड ,,मालिकाना हक़ स्थानंतरण सहित अन्य पत्रावलियों का निस्तारण समयबद्ध कार्यक्रम तय कर भ्र्ष्टाचार मुक्त कर तुरंत किये जायेगे ,,,,और प्रक्रिया का सरलीकरण किया जायेगा ,,,,
7 ,,,कोटा नगर निगम क्षेत्र में निर्माण कार्यों और अन्य ठेका प्रणालियों में ठेका माफियाओं और कर्मचारियों का भ्रष्टाचार है घटिया क्वालिटी का निर्माण ,,मनमानी और फिर भुगतान में भ्रस्टाचार इस छीजत को रोक जाएगा और भ्रष्ट बेईमान ठेकेदारों नामज़द कर ब्लेक लिस्टेड किया जाएगा जबकि इनसे सांठ गाँठ में शामिल अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार विभाग में मुक़दमा दर्ज करवाकर उन्हें सज़ा दिलवाई जायेगी ,,,
8 ,,,कोटा में ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है जिनमे मथुराधीश जी का मंदिर ,,,,कंसुआ का मंदिर ,,,, महादेव मंदिर ,,खड़े गणेश जी ,,सती माता का मंदिर ,,अधरशिला मज़ार ,,,,,केसर खान ढोकर खान का मक़बरा ,,,,क़ब्रिस्तान और श्मशान है जिन्हे उनकी ऐतिहासिक महत्ता के हिसाब से तरजीह देते हुए जनता के सहयोग और सुझाव लेकर विकसित किया जाएगा ,,वहां जायरीनों और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुविधाये उपलब्ध करवाई जाएंगी ,,,,
9 ,,कोटा वीरों की भूमि है यहां स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास है आज़ादी के दीवाने महराब खान और लाल हर दयाल को अंग्रेज़ों से कोटा आज़ाद कराने के बाद कुछ गद्दारों के कारन गिरफ्तार कर लिया गया था ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक बनाये जाकर कोटा की जनता को उनके इतिहास के बारे में साक्षर किया जाएगा ,,,,,
10 ,,,,,,कोटा में साक्षरता कार्यक्रम के तहत मुफ्त शिक्षा कार्यक्रम ,,,राजीव गांधी शिक्षा कार्यक्रम ,,मदरसा शिक्षा ,,विद्यार्थी मित्र योजना ,,,शिक्षा गारंटी योजना के सभी प्रावधानों के तहत नगर निगम के ज़रिये आवश्यक सुविधाये जुटाकर सभी के लिए शिक्षा अभियान चलाया जाएगा ,,,,,,,,
11 ,,नेहरू रोज़गार योजना और दूसरी सभी योजनाओं के तहत रोज़गार प्रशिक्षण योजनाओं को पात्र लोगों तक पहुँचााकर दलित ,,गरीब और ज़रूरतमंदों को स्वावलम्बन बनाकर रोज़गार दिलवाने के प्रयास किये जाएंगे ,,,,,,,,
12 ,,दलित ,,बीड़ी श्रमिक ,,,चुनाई के कार्य में लगे मज़दूर ,,पल्लेदार ,,हम्माल ,,रिक्शाचालक ,,,, वाल्मीकि समाज ,, कोली समाज ,,बैरवा समाज ऑटोचालक ,,फेरीवाले ,,थाड़ीवालों सहित पात्र लोगों के लिए भूमि आवंटन योजना तय्यार कर उन्हें अपना घर और अपना रोज़गार की योजना दी जायेगी ,,,,
13 ,,, कोटा की सभी सड़कों ,,गलियों ,चौराहो को दुर्घटना मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा ,,,जिसमे मरम्मत ,,अतिक्रमण हटाना ,,बढाए हटाना ,,दृष्तिभरम के विज्ञापन हटाना ,,आवारा जानवर हटाना ,,अवैध वाहनों का ठहराव स्थल चिन्हित करना शामिल होगा ,,,
14 ,,,कोटा नगर निगम क्षेत्र में कई गाँव शामिल किये गे है जहाँ अभी विकास की बहुत ज़रूरत है ऐसे में नए शामिल गावों के वार्डों को विशेष दर्जा देकर चिन्हित किया जाएगा और इन वार्डो में विशेष रूप से सभी सुख सुविधाये ,,सड़क ,,नाली ,,पटान वगेरा सुंविधाये उपलब्ध करवाई जाएँगी ,,,,,,,,,,,
15 ,,कोटा शहर के सभी पर्यटन स्थलों ,,पार्कों ,,उद्यान को चिन्हित कर विशेष रखरखाव कर उन्हें पर्यटन से जोड़कर आम जनता को आकर्षित करने के लिए पर्यटन ज़ोन विकसित किया जाएगा ,,,,,
16 ,,,,कोटा को क्लीन सीटी घोषित करने के लिए वार्डों का विकेंद्रीकरण कर वार्ड नगरनिगम के विधिक प्रावधान के तहत दस प्रतिनिधि नियुक्त कर विशेष साफ़ सफाई व्यवस्था लागू की जायेगी सड़कों पर रोज़ सफाई हो ,,घर का कचरा नियमित उठाया जाए इसकी व्यवस्था और मॉनिटरिंग क्रॉस चेकिंग की टीमें बनेंगी ,,,कचरा पॉइंट पूर्ण रूप से ढ़कान वाले होंगे और कचरा डीपो बनाकर कचरे से खाद बनाने का प्लांट विकसित किया जाएगा जिसे कचरा भी साफ़ होगा और लोगों को रोज़गार भी मिलेगा ,,,,,,,,,,,
17 ,,कोटा माँ चर्मण्यवती चंबल के किनारे बसा है ,,यहाँ काशी भी है फिर भी चंबल शुद्धिकरण नहीं होने से यहां के लोगों में हताशा निराशा है ,,इसलिए चंबल में सीधे गिरने वाले नाले शुद्ध कर इसमें डाले जाएंगे और विशेष व्यवस्था लागू कर चम्बल शुद्धिकरण किया जाएगा जिसमे जन सह जनसहयोग भी अपेक्षित होगा ,,,,
18 ,,,,कोटा की सड़कों पर आवारा जानवर जनजीवन के लियें खतरा बने हुए है ,,गलियों चौराहो पर लोग दूध निकल उनकी गांए ,,बकरियां ,,भैंसे छोड़ देते है जिससे रोज़ दुर्घटनाये होती है इसके लिए कोटा में आदर्श गोशाला का निर्माण होगा जिसके अलग अलग खंड होंगे ,,, एक खंड में दुधारू गनए होंगी और निगम की तरफ से भी बहतरीन नस्ल की दुधारू गाएँ लेकर पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा ,,,गोबर से खाद और दूध का व्यापार भी होगा सड़के भी आवारा जानवरों से मुक्त होंगी ,,,,,,,,,,,,,
19 ,,,,,,कोटा में हर मोहल्ले में अवैध शादी समारोह स्थल बनाये गए है जिनकी गंदगी सड़कों पर होती है ,,बीमारियां फैलती है ऐसे स्थलों को सफाई की शर्ते अधिरोपित कर नियमतीतकरन किया जाएगा जिसमे ट्रेफिक व्यवस्था का ख़ास ध्यान रखा जाएगा और गंदगी मुक्त कोटा शहर की शर्ते लागू होंगी ,,,,
20 ,,,कोटा में पुरानी बस्तियों में छोटे मकान ,,छोटी गलिया है वहां दुपहिया वाहन ,,चुपहिया वाहन रखने की व्यवस्था नहीं है अगर वाहन खड़ा करते है तो गलियाँ ब्लॉक हो जाती है ऐसी बस्तियों को चिन्हित कर ब्लॉक वाइज़ नगरनिगम के खर्चे पर मुफ्त वाहन पार्किंग स्थल खोले जाएंगे ,,,,,
21 ,,,,कोटा में आपात स्थिति ,,आगजनी ,बाढ़ या किसी भी प्रकार की त्रासदी से निपटने के कोई साधन नहीं है ,,ऐसे में अग्निशमन विभाग को इस मामले में विशेष प्रशिक्षित कर आपात रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तय्यार किया जाएगा और ब्लॉक वाइज़ इनकी नियुक्ति कर व्यवस्था होगी जिसमे तुरंत रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुंच जाए और अनहोनी को रोक सके ,,,,,,,,,,,,,,
22 ,,,,कोटा मेले दशहरे का ऐतिहासिक और राष्ट्रिय स्वरूप धूमिल हो गया है ,,बेईमानी भ्र्ष्टाचार अव्यवस्था की भेंट हमारा मेला दशहरा चढ़ गया है ऐसे में कोटा मेला दशहरा का भव्य ऐतिहासिक रूप फिर से तय्यार हो ,,इसकी पर्यटन दृष्टि से प्रसिद्धि हो और राष्ट्रिय मेला दशहरा फिर से अपना स्वरूप प्राप्त कर सके जन सहयोग से पारदर्शिता के साथ भरस्टाचार मुक्त प्रक्रिया तय कर बाहर से आने वाले दुकानदारों को दुविधाएं देकर इसका खोया हुआ स्वरूप फिर से पुनर्स्थापित होगा ,,,,,
23 ,,,कोटा के धार्मिक और राष्ट्रिय आयोजन जिनमे अनन्तचतुर्थी का जुलुस ,,अग्रसेन जाएँगी का जुलुस ,,बैसाखी ,,चेटीचंड का जुलुस ,,ईद मिलादुन्नबी ,,मोहर्रम का जुलुस ,,डॉल यात्राये ,,स्वतंत्रता दिवस ,, गणतंत्र दिवस ,,महावीर जयंती ,,,वाल्मीकि दिवस ,,,कोटा उत्सव ,,जैसे आयोजनो पर नगरनिगम कोटा की सजावट और व्यवस्थाओं का पूरा कार्य अपने हाथों में रखेगी ,,,,,
24 ,,कोटा नगर निगम में सुचारू कार्य के लिए भिश्ती ,,,सफाई कर्मी ,,क्लेरिकल स्टाफ के लिए पेरा कर्मचारियों की नियुक्ति विशेष प्रावधान लागू कर की जायेगी ,भ्रष्ट ठेका प्रथा समाप्त होगी ,,,,,
25 ,,नगर निगम में बजट प्रावधानों में भ्रष्टाचार ,,निगम वाहनो का दुरूपयोग ,,बजट का दुरूपयोग ,,,,कार्यप्रणाली में भ्र्ष्टाचार पर अंकुश के लिए विेषेष शिकायत और सुझाव काउंटर होंगे और पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त आदर्श नगरनिगम बनाने के प्रयास होंगे ,,,
26 ,,,कोटा शहर को स्वस्थ रखे के लिए वार्ड वाइज़ स्वस्थ परीक्षण केम्प लगाये जाएंगे ,,,चल चिकित्सालय की व्यवस्था की जायेगी और निगम का स्वस्थ विभाग लोगों के स्वास्थ्य का पूर्ण ध्यान रखे इसकी व्यवस्था होगी ,,
27 ,,,नगर निगम स्वास्थ्य मामलो में लाइसेंस प्रणाली का सरलीकरण करेगा ,,फ़ूड लाइसेंस नियमों की पलना सुनिश्चित करवाएगा ,,
28 ,,नगर निगम पटटा योजना ,,स्ट्रिप ऑफ़ लेंड योजना ,,,मामलों को सरलीकृत और भ्रष्टाचार मुक्त करेगी ,,,,,
29 ,,,सेक्टरों पर ही जन्म ,,मृत्यु ,,पंजीयन ,,निर्माण व् अन्य पत्रावलियों का निस्तारण हो ऐसी विकेंद्रिकरत व्यवस्था होगी जिससे लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पढ़े ,,
30 ,,,दैनिक मज़दूरों के ठहराव केंद ,,,बसेरे ,,,,बनाये जाएंगे ,,मज़दूरों को किन स्थलों पर मज़दूरी मिल सकती है वहां उनकी व्यवस्था होगी जिससे ट्रेफिक व्यवस्था में बिगाड़ नहीं होगा और मज़दूरों को मज़दूरों भी सुविधा मिल सकेगी ,,,,
31 ,,,निजी बसे ,,मिनी बस ,,मिनी ट्रक ,,,ऑटो ,,तांगा ,,रिक्शा ,,टेम्पो ,,मिनी डोर ,,मैजिक वगेरा वाहनों के लिए ठहराव स्थल चिन्हित कर इनके ठहराव स्थल और स्टेण्ड निर्धारित होंगे ,,,,,,,,
32 ,,,कोटा के अस्पताल ,,निजी अस्पताल ,,,डिस्पेंसरियां अस्पताल की जो गन्दगियां बहाते है या सड़कों पर फेंकते है उनसे सख्ती से निपटा जाएगा और चालान किये जाएंगे,,,,
33 ,,,,थड़ी होल्ड्र्स ,,फेरी वाले ,,ठेले वाले ,,दैनिक व्यवसायियों के लिए विशेष योजना तय्यार कर उन्हें स्थाई व्यवस्था के तहत भूमि आवंटन कर किराया पद्धति पर स्थाई रोज़गार स्थल व्यवस्थित योजना के तथ उपलब्ध कराने के प्रयास होंगे ,,,,
34 ,,,,,कच्ची बस्ती सुधार कार्यक्रम योजना के तहत बस्तियों का नियमितीकरण कर वहां सुविधाये उपलब्ध करायी जाएंगी ,,बस्तियों का आदर्श विकास होगा ,,,नए ग्रामीण क्षेत्र पर विशेष केंद्र बिंदु बनाकर उनका शहरीकरण किया जाएगा ,,सूखी लेट्रिन मुक्त शौचालय विकसित होंगे ,,सभी वार्डों में सुलभ शौचालय ,,शौचालय ,,महिला शौचालय आवश्यकता के अनुरूप होंगे ,,,
35 ,,सभी वार्डों में आवश्यकता के अनुरूप वर्षा और धुप से बचने के लिए शेड बनेंगे जबकि जगह जगह प्याऊ और वाटर कूलर की व्यवस्था होगी ,,
36 ,, प्रति वर्ष नगर विकास न्यास कोटा नगर निगम की करोडो रूपये की राशि हड़प कर लेता है और विवाद लगातार बना रहता है इसके लिए स्थािा समाधान योजना के तहत नगर विकास न्यास की सभी देनदारियों के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटा कर वसूली की जाएगी ,,,निगम की आमदनी बढ़ाने के लिए जनता पर भार ना पढ़े ऐसे टैक्स लगाये जाएंगे ,,,,स्वीकृत प्रणाली ,,लाइसेंस प्रणाली सहित कॉमर्शियल भवनो से टैक्स वसूली की जाएगी ताकि कोटा शहर का विकास हो सके अनावश्यक खर्चे ,,कर्मचारियों की बेगार ,,भ्रष्टाचार खत्म किया जाएगा ,,
37 ,,जनता जनार्दन है जनता जो भी समय समय पर सुझाव देगी उसकी पालना होगी और कोई भी नियमावली तय्यार करते वक़्त जनता की बैठक आयोजित कर उनके सुझाव और आपत्तियां लेने के बाद ही जनहितकारी नियम बनाये जाएंगे ,,,,

कोटा नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के पूर्व मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने खुद को क्या अलग किया चुनाव कुप्रबंध की बाढ़ आ गयी

कोटा नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के पूर्व मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने खुद को क्या अलग किया चुनाव कुप्रबंध की बाढ़ आ गयी ,,कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट ,,उनके पर्यवेक्षक और उनकी संगठनात्मक टीम को कोटा में मुंह की खाना पढ़ी है ,,,इससे साबित है के सच में सचिन पायलेट सियासत में बच्चे थे बच्चे है और बच्चे ही रहेंगे ,,,दोस्तों कोटा नगर निगम चुनाव में पैसठ वार्ड है यहां हालात यह है के टिकिट के लिए इन वार्डों में घमासान था लेकिन इस बार कांग्रेस के दिग्गज ,,कांग्रेस की नब्ज़ को समझने वाले पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने प्रत्याक्षियों की चयन प्रक्रिया से लेकर चुनावी प्रबंधन मामले में कोटा के लोगों और उनके समर्थकों से माफ़ी चाह ली थी ,,शांति धारीवाल जैसे दिग्गज के चुनाव प्रक्रिया से दूर होने पर भी कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट के कान पर जू नहीं रेंगी पर्यवेक्षकों की नौटंकी और दावात बाज़ी का नतीजा यह रहा के कोटा नगरनिगम एक योजनाबद्ध तरीके से भाजपा के कुछ एजेंटो से मिलकर भाजपा की थाली में कोंग्रेसी प्रबंधन द्वारा सौंप दी गयी ,,,जी हाँ दोस्तों टिकिट वितरण में जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवारों की उपेक्षा कर ऐसे लोगों को टिकिट दिया गया जो खुद अपनी भाग संख्या में भी कांग्रेस को बढ़त नहीं दिला सके थे ,,,,,,इतना ही नहीं कांग्रेस के ठेकेदारों ने योजनाबद्ध तरीके से जिस दीपक चौधरी वर्तमान कांग्रेस पार्षद का टिकिट फाइनल किया था सूचि जारी कर दी थी उसी दिन कांग्रेस के चहेते दीपक चौधरी ने कांग्रेस को अंगूठा दिखाया और कांग्रेस मुर्दाबाद कर भाजपा ज़िंदाबाद कर दिया ,,,,भाजपा ने बहती गंगा में हाथ धोते हुए आधे दिन के इन भाजपाई कोंग्रेसी पार्षद को वार्ड का टिकिट दिया गया ,,,,इस पर भी कांग्रेस को बर्बाद करने के रणनीतिकार संतुष्ट नहीं हुए उन्होंने इस वार्ड में पूर्व कोंग्रेसी भाजपा प्रत्याक्षी के खिलाफ एक ऐसे उम्मीदवार का नाम दिया जो स्वीकारित रूप से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थे और मनीष गुर्जर जिनके विरुद्ध मुक़दमे थे उनका आवेदन इस वार्ड से योजनाबद्ध आपत्ति के बाद कांग्रेस संगठन की विधिक पैरवी नहीं होने से ख़ारिज कर दिया गया ,,,,,कांग्रेस को तबाह करने के रणनीतिकारों ने कोटा में मुस्लिम बाहुल्य बीस वार्डों में जानबूझकर मुस्लिम प्रत्याक्षियों की योपजनबद्ध उपेक्षा की ताकि दूसरे वार्डों में भी मुस्लिम समाज भड़क कर कांग्रेस से बगावत करे और कांग्रेस की हार सुनिश्चित हो सके ,,इस पर भी सचिन पायलेट के पर्यवेक्षक और रणनीतिकारों को संतुष्टी नहीं हुई और घंटाघर का वार्ड ४२ से पूर्ण रूप से मुस्लिम बाहुल्य वार्ड है इस वार्ड में मुस्लिम वोटर्स को कांग्रेस के खिलाफ करने के लिए कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से प्रत्याक्षी ही नही उतार संदेश देने की कोशिश की गयी के कांग्रेस से मुसलमान नाराज़ क्या होंगे कांग्रेस ही मुसलमान को निपटा देगी और आज इस वार्ड में कमल तो खिला है लेकिन कांग्रेस का पंजा मुक्त हो गया है ,,यह कांग्रेस का आत्मघाती क़दम है ,,,,वार्ड ३२ में कांग्रेस प्रत्याक्षी का तमाशा तो देखने लायक था जिसने सचिन पायलेट की कांग्रेस पर्यवेक्षक और स्थानीय टीम को स्वीकारित रूप से नाकारा घोषित कर दिया है ,,,,इस वार्ड में प्रत्याक्षी को टिकिट दिया गया आवेदन भरवाया गया ,,कांग्रेस का सिंबल दिया गया लेकिन निर्वाचन के पास इस प्रत्याक्षी का आवेदन पत्र ही नहीं पहुंचा ,,,,आवेदन जमा कराने की रसीद तक इस प्रत्याक्षी के पास नहीं थी ,,,पांच प्रत्याक्षी पहली सूचि में थे जिन्हे दूसरे दिन अपमानित कर बदल दिया गया ,,,,पांच वार्डो में घोषित प्रत्याक्षियों को बदल कर उनका अपमान वार्ड के लोगों को स्वीकार्य नहीं रहा और बगावत के सूर कांग्रेस को मटियामेट करने के लिए काफी नज़र आ रहे है ,,,,,,वार्ड ३३ में कांग्रेस के ओकेन्द्र चौधरी का आवेदन आपराधिक मामला होने से ख़ारिज हुआ वहां कोई कांग्रेस उमीदवार नहीं है जबकि वार्ड ५० में मनीष गुर्जर का आवेदन ख़ारिज हुआ अब वार्ड ४२ ,,वार्ड ३२ ,,वार्ड ५०,, वार्ड ३३,, चार वार्डों में कोंग्रेसी प्रत्याक्षी नहीं होने से यह वार्ड सचिन पायलेट की टीम की मेहरबानी से कांग्रेस के हाथ चुनाव चिन्ह मुक्त होकर कमल का फूल खिला रहे है ,,,,,,,अफ़सोस इस बात का है के आवेदन प्रक्रिया का नाटक ,,पर्यवेक्षण का नाटक और फिर अंतिम दिनों तक प्रत्याक्षी सूचि पर एक्सर्साइज़ करने का नाटक फिर भी खोदा पहाड़ निकली चुहिया वोह भी मरी हुई वाह जनाब सचिन साहव बाह आपकी टीम खूब रही ,,,,,,कांग्रेस के परम्परागत वोटर्स मुस्लिम समाज के वार्डों में मुस्लिम प्रत्याक्षियों की योजनाबद्ध उपेक्षा की गई इन वार्डों में जो लोग अपनी भाग संख्या में कांग्रेस की इज़्ज़त नहीं बचा सके उन्हें वार्ड का टिकिट दिया गया है ,,,,,एक तरफ तो भाजपा ने पार्टी के प्रत्याक्षियों के लिए आवेदन भरने से लेकर आवेदनों की जांच आपत्ति और दूसरे आवश्यक कामों तक वकीलों की एक विशेष टीम की घोषणा की थी जो मौके पर डटी हुई थी और पल पल की खबर भाजपा के वरिष्ठ नेता उनसे ले रहे थे दूसरी तरफ नामांकन जांच प्रणाली पूर्ण रूप से कांग्रेस मुक्त नज़र आई उपेक्षित नज़र आई ,,वार्ड ३२ का आवेदन दिए जाने के बाद भी गुम हो जाने का आरोप था लेकिन कोई कोंग्रेसी वरिष्ठ नेता ने आकर दबाव बनाकर इस आवेदन को तलाशने का दबाव नहीं बनाया हंगामा नहीं किया ,,,मनीष गुजर का आवेदन अगर तरीके से आपत्ति पर बहस होती तो ख़ारिज होने से बचाया जा सकता था लेकिन कांग्रेस के फायदा प्राप्त वकीलों और पदाधिकारियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई ,,,,,कोटा में कांग्रेस के इस प्रबंध से अब तो लगता है के भाजपा के पक्ष में और कांग्रेस के खिलाफ ही कांग्रेस की सचिन पायलेट की टीम को लेकर दाल में कुछ काला है ,,,,,,,अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है कोटा नगरनिगम के बिगड़े इस चुनावी निज़ाम को सुधारने की कोशिश के लिए नौसिखिये बच्चे से सचिन पायलेट सर अगर पूर्व दिग्गज मंत्री शांति कुमार धारीवाल से मुनव्वल कर उन्हें कोटा का चुनावी प्रबनधन संभालने के लिए तैयार करे तो अपेक्षाकृत बेहतर नतीजे आ सकते है ,,लेकिन यह तो तय है के मुस्लिम बस्तियों में टिकिटों की उपेक्षा को लेकर कोंग्रेसी मतदाताओं में ज़बरदस्त बहुत ज़बरदस्त बगावत है ,,,,,,खेर देखते है नतीजा क्या होगा कांग्रेस को हम कोटा में ढूंढते रह जायेगे या फिर कांग्रेस के कुछ अवशेष सम्पर्पित आबिद कागज़ी सरीखे के कोंग्रेसी अपनी जान की बाज़ी लगाकर बचा ले जाएंगे ,,और कांग्रेस के कुछ अवशेष शेष रह जाएंगे ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,,,,,,

क़ुरआन का सन्देश

 
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