आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

15 नवंबर 2014

हेडमास्‍टर ने अफसर को लिखी चिट्ठी- स्कूल जाने में होती है परेशानी, दे दो हेलिकॉप्टर

(हेडमास्टर द्वारा लिखा गया पत्र। लाल घेरे में है विषय, जिसमें हेडमास्टर ने हेलिकॉप्टर की मांग की है।)
 
जम्मू. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में सेरसुंधवा स्थित एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर का अाधिकारिक पत्र चर्चा का विषय बन गया है। हेडमास्टर ने रियासी के चीफ ऐजुकेशन ऑफिसर (सीईओ) को पत्र लिखकर स्कूल के लिए दो हेलिकॉप्टर देने की मांग की है, ताकि स्कूल के स्टाफ को परेशानी का सामना न करना पड़े। सीईओ अशोक कुमार का कहना है कि इस पत्र को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं और हेडमास्टर से लिखित में जवाब मांगा गया है।
 
सीईओ को संबोधित पत्र में लिखा गया है कि उनका स्कूल दूर दराज इलाके में पड़ता है। इलाके में ट्रांसपोर्ट तथा कम्यूनिकेशन की परेशानी है, जिस कारण स्कूल का स्टाफ समय पर नहीं पहुंच पाता है। इसलिए मामले को आपकी नजर में लाते हुए हमारे स्कूल को दो हेलिकॉप्टर प्रदान किए जाए। एक हेडमास्टर के लिए तथा दूसरा स्कूल स्टाफ के लिए दिया जाए।
 
इस संदर्भ में स्कूल के हेडमास्टर से बात करने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। जबकि सीईओ रियासी का कहना था कि उनके पास अधिकारिक तौर पर ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। उन्होंने हेडमास्टर से बात की है, जिसमें हेडमास्टर की तरफ से कहा गया कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है। हेडमास्टर का कहना था कि किसी ने स्कूल का लेटर पैड तथा मोहर चुरा कर उनके नाम से यह पत्र लिखा है। सीईओ का कहना था कि जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में आगे कुछ कहा जा सकता है।
हेडमास्‍टर ने अफसर को लिखी चिट्ठी- स्कूल जाने में होती है परेशानी, दें दो हेलिकॉप्टर

बोरियां चढ़ाने-उतारने वाले मजदूरों का वेतन 4 लाख रुपए महीना!

प्रतीकात्मक फोटो
 
नई दिल्ली: सरकारी फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) में कुछ ऐसे मजदूर हैं, जिनकी मासिक आय छह अंकों में है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2014 में यहां काम करने वाले 370 मजदूरों को 4-4 लाख रुपए का वेतन दिया गया। इसमें भत्ते, इन्सेंटिव, एरियर और ओवरटाइम भी शामिल है। अगस्‍त में ही 386 वर्कर्स को 2 से ढाई लाख रुपए सैलरी दी गई। 
 
अखबार ने कुछ दस्तावेजों के हवाले से दावा किया है कि एफसीआई में कथित तौर पर कुछ 'मजदूर गैंग' हैं, जिन्होंने एक खास सिस्टम बना रखा है। इसके तहत सरकारी खजाने से इन्हें इतने बड़े पैमाने पर सैलरी और भत्ता आदि मिलता है। खबर के मुताबिक, हड़ताल की धमकियों के अलावा एफसीआई मैनेजमेंट और वर्कर्स के बीच हुए कुछ कड़े समझौतों की वजह से वर्कर्स को मिलने वाले भत्तों में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। इसके अलावा, वर्कर्स की कमी ने भी इस समस्या को और बढ़ाया है। हालांकि, कुछ डिपो में अतिरिक्त मजदूर भी हैं, लेकिन बहुत सारी जगहें ऐसी हैं, जहां वर्क लोड बहुत ज्यादा है। 
 
क्या है तरीका 
एफसीआई के सूत्र और एक्सपर्ट बताते हैं कि अच्छी सैलरी पाने वाले लोडर अपने नाम पर मजदूरों को रख लेते हैं, जिन्हें वे अपना काम करने के लिए 7 से 8 हजार रुपए देते हैं। कितनी बोरी लोड किए गए या उतारे गए, इस आधार पर भी वेतन मिलता है। सूत्रों के मुताबिक, लोडिंग व अनलोडिंग के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है, ताकि ज्यादा सैलरी ली जा सके। यहां तक कि कभी कभी लोड किए जाने वाले बोरों की संख्या 500 से भी ज्यादा बताई जाती है।मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉरपारेशन में 25 हजार रुपए का वेतन पाने वाला गोदाम प्रभारी दिनेश चौरसिया पांच करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक निकला। लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को चौरसिया के सी सेक्टर, सर्वधर्म की सूर्या कॉलोनी स्थित मकान पर छापा मारा। छापे में खेती की जमीन, मकानों और कई फ्लैट के कागजात मिले हैं। चौरसिया की पत्नी के नाम से संचालित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कृष्णा अपार्टमेंट में 24 फ्लैट भी तैयार किए हैं। उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का मामला दर्ज किया गया है

केजरीवाल ने फिर लगाई वादों की झड़ी, दिया डिग्री, इनकम और वाई-फाई का नारा

(जंतर-मंतर पर ‘डायलॉग’ कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल।)
 
नई दिल्ली. दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तारीख घोषित नहीं हुई है। लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) ने अपना चुनाव अभियान शुरू कर दिया है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को मतदाताओं को रिझाने के लिए फिर वादों की झड़ी लगा दी। लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि इन वादों में जनलोकपाल का मुद्दा शामिल नहीं है, जिस पर पिछली बार केजरीवाल ने 49 दिन बाद सत्ता छोड़ दी थी। 

एक बार फिर से दिल्ली की जनता के करीब पहुंचने के लिए आप ने शनिवार को दिल्ली डायलॉग शुरू किया है। जंतर-मंतर पर शुरू किए गए दिल्ली डायलॉग के प्रथम कार्यक्रम में युवाओं की समस्या को दूर करने के लिए विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए आवश्यक मुद्दों को मेनिफेस्टो में शामिल करने की घोषणा की। कार्यक्रम में पूर्व बैंकर मीरा सान्याल, महेश मूर्ति, योगेन्द्र यादव, सांसद भगवंत मान इत्यादि उपस्थित थे। 
 
दिल्ली को बनाया जाएगा टैलेंट हब
 
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली को टैलेंट हब बनाया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि सत्ता में आने पर वह 8 लाख नौकरियां लाएंगे। दिल्ली सरकार में 55 हजार जगहें खाली हैं जिन पर लोगों की भर्ती की जाएगी। दिल्ली में 29 इंडस्ट्रीयल एरिया हैं, जिनमें 20 से ज्यादा एरिया बंद पड़े हुए हैं। केजरीवाल ने कहा कि सभी इंडस्ट्रीयल क्षेत्रों को शुरू किया जाएगा, जिससे बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा। तथा युवाओं को नए रोजगार के अवसर तलाशने में मदद की जाएगी। इनोवेशन पर भरपूर जोर दिया जाएगा। 
 
दिल्ली से ड्रग्स को खत्म करेंगे
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ड्रग्स का चलन बढ़ता जा रहा है। हम दिल्ली को देश का दूसरा पंजाब नहीं बनने देंगे। ड्रग्स को दिल्ली से खत्म किया जाएगा।
पूरी दिल्ली में वाई-फाई
 
पूर्व सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को वाई-फाई बनाया जाएगा, ताकि दिल्ली की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी से संबंधित आवश्यक जानकारियां इंटरनेट के जरिए आसानी से प्राप्त कर सकें। उन्होंने घोषणा की कि सत्ता में आने पर गवर्नेंस ऑन मोबाइल (सरकार की सभी गतिविधियों की जानकारी मोबाइल पर) पर उपलब्ध होगा। 

स्टेडियम को मिलेगा बढ़ावा : सत्ता में आने पर दिल्ली के लगभग 4000 स्कूलों के मैदान को बच्चों के लिए खेलने के लिए खोले जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में काफी तादाद में स्टेडियम खोले जाएंगे। 

अकाली दल पर चुटकी: आप संयोजक ने पंजाब में सत्तासीन अकाली दल और भाजपा गठबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली को पंजाब नहीं बनने दिया जाएगा। पंजाब में अकालियों (सत्तासीन अकाली दल) ने युवाओं को ड्रग्स के नशे में झोक दिया है, सत्ता में आने पर हम दिल्ली को ड्रग्स मुक्त करेंगे।

संत v/s सरकार: आश्रम में रामपाल; चारों तरफ 40 हजार जवान, धावा कभी भी

सीआरपीएफ की 15 बटालियन बरवाला पहुंच चुकी हैं। शनिवार रात बरवाला में रामपाल के सतलोक अाश्रम के पास हाईवे पर मौजूद जवान।
 
बरवाला (हिसार). बाबा रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के पास अब बस रविवार का दिन और रात है। बाबा कथित रूप से आश्रम में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। बाहर तकरीबन 40,000 जवान मोर्चा संभाले हैं। बीच में ढाल की तरह हैं, बाबा समर्थक महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे।

सतलोक आश्रम के बाहर एक हफ्ते से यही नजारा है। सुरक्षाबलों के जवानों का दिन मॉकड्रिल में बीतता है, बाबा के समर्थकों का न्याय व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी में। पुलिस प्रशासन ने आश्रम में रोजमर्रा के समानों की सप्लाई बंद कर दी गई है। दबाव और सुलह की रणनीति साथ-साथ चल रही है। आश्रम प्रबंधक कमेटी के सदस्यों से पुलिस के आला-अफसरों और कुछ नेताओं की वार्ता हो रही है। वार्ता सिरे न चढ़ी तो पुलिस कभी भी आश्रम पर धावा बोल सकती है।

अवमामना मामले में फंसे बाबा को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में 17 नवंबर यानी सोमवार को पेश किया जाना है। इस बीच, मुख्यमंत्री ने अपील की है कि बाबा शांतिपूर्ण ढंग से सरेंडर कर दें। वहीं संत के समर्थक अड़े हैं-जब तक गुरुजी ठीक नहीं हो जाते, तब तक गिरफ्तार नहीं होने देंगे। दूसरी ओर बरवाला से करीब 4 किलोमीटर दूर हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर स्थित आश्रम से महज 300 मीटर पहले रैपिड एक्शन फोर्स, नेवी कमांडो, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के जवान डेरा डाले हैं, जबकि आश्रम के मेन गेट पर बाबा के समर्थकों का कब्जा है। पुलिस ने आश्रम की ओर जाने वाले सभी रास्ते सील कर दिए हैं। यहां तक कि मीडिया को भी जाने की इजाजत नहीं है।
 
इधर, आश्रम के अंदर बिगड़ने लगी व्यवस्था
आश्रम में अब भी संत के हजारों अनुयायी मोर्चा थामे हुए हैं। आश्रम में बिजली, पानी और रसद की आपूर्ति शुक्रवार से बंद है। इससे आश्रम की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। आश्रम प्रबंधन कमेटी से बलवान दास ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि आश्रम में पीने का पानी लगभग खत्म हो चुका है। खाने का सामान भी नहीं बचा। पुलिस उनके आश्रम में खाने पीने के सामान को आने नहीं दे रही। यह प्रशासन का साधकों के साथ सरासर अन्याय है। प्रशासन ने एक रोज पहले शुक्रवार को आश्रम की रसद और बिजली पानी की सप्लाई रोक दी थी, तब आश्रम के प्रवक्ता राजकपूर ने दावा किया था कि आश्रम में करीब एक महीने का खानपान का सामान है। इस बीच आश्रम के एक अन्य प्रवक्ता राहुल ने कहा कि आश्रम में एक से दो दिन का सामान बचा है।
 
विधायक जयप्रकाश फिर हुए सक्रिय
एक साल पहले संत रामपाल को लेकर उठे विवाद में मध्यस्थता करा चुके पूर्व मंत्री व कलायत के आजाद विधायक जयप्रकाश फिर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने बताया, "मामला संगीन है। बातचीत से हल हो जाए तो ठीक है। मेरी आश्रम प्रबंधन और अधिकारियों से बातचीत चल रही है। दो दिन से बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा सरकार और आश्रम दोनों से प्रेम है। न्यायालय के आदेश की पालना होनी चाहिए, मगर संत की हालत ठीक नहीं है।'
 
पुलिस ने दबिश का ग्राउंड वर्क किया
आश्रम में कार्रवाई करने के लिए पुलिस ने ग्राउंड वर्क पूरा कर लिया है। शनिवार सुबह से ही सुरक्षा बलों के जवान पहुंचने लगे थे। तकरीबन 40 हजार जवान आश्रम के आसपास के इलाकों में तैनात किए गए हैं। खेतों में भी पुलिस का पहरा है। बस अड्डे व रेलवे स्टेशन पर भी नजर रखी जा रही है। अनुयायियों को वापस भेजा जा रहा है। बावजूद इसके कुछ अनुयायी खेतों के रास्तों से आश्रम पहुंचने में सफल रहे। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मोहम्मद अकील व आईजी अनिल कुमार राव खुद भी डेरा डाले हुए हैं।
 
राहत-बचाव के बंदोबस्त भी  
टकराव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने राहत के बंदोबस्त भी किए हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त बेड व दवाओं का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं। करीब 300 रोडवेज बसें, दमकल गाडिय़ां, एंबुलेंस, क्रेनें और जेसीबी मशीनें किसी भी हालात से निपटने को तैयार खड़ी हैं।
 
टोटल रिकॉल
 
14 साल पहले जेई की नौकरी छोड़ी और बन गए संत
 
- वर्ष 2000 में सिंचाई विभाग से जेई की नौकरी छोड़कर कंबीरपंथ अपनाया।
 
- 2003 में संत रामपाल ने करौंथा में सतलोक आश्रम बनाया।
 
- जून 2006 में संत रामपाल ने महर्षि दयानंद पर कथित टिप्पणी की थी। उसी समय से रामपाल समर्थकों और आर्य समाजियों के बीच विवाद चल रहा है।
 
- 12 जुलाई 2006 में करौंथा में सतलोक आश्रम के बाहर जमा भीड़ पर की गई फायरिंग में झज्जर के युवक सोनू की मौत।

- 13 जुलाई 2006 को प्रशासन ने सतलोक आश्रम को कब्जे में लेकर रामपाल और उसके 37 समर्थकों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। रोहतक कोर्ट में मामला चल रहा है।

- नवंबर 2009 में हाईकोर्ट ने सरकार को आश्रम दोबारा संत रामपाल के ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया। प्रदेश सरकार और आर्य प्रतिनिधि सभा ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। 

- 18 फरवरी 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज कर दी। इससे रामपाल को दोबारा आश्रम मिलने का रास्ता साफ हो गया।

- 7 अप्रैल 2013 को प्रशासन ने सतलोक आश्रम दोबारा संत रामपाल के ट्रस्ट को सौंप दिया।

- इससे भड़के ग्रामीणों ने 9 अप्रैल 2013 को जाम लगाकर विरोध किया। प्रशासन ने 30 अप्रैल तक कब्जा वापस लेने का भरोसा दिया और आर्य समाजियों ने 12 अप्रैल तक का अल्टीमेटम।

- 17 अप्रैल 2013 : रामपाल समर्थकों की याचिका पर सिविल जज ने प्रशासन को आश्रम में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए।

- 2 मई 2013 : आर्य समाजियों की संघर्ष समिति ने बैठक कर 12 मई को निर्णायक कदम उठाने का फैसला लिया। 12 मई को पुलिस व ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत। सैकड़ों घायल।

- 14 मई 2013 : पुलिस ने आश्रम खाली कराया। संत रामपाल बरवाला स्थित आश्रम में चले गए। करौंथा आश्रम प्रशासन के कब्जे में, पुलिस तैनात।

- 14 मई, 2014 : हत्या के मामले में रामपाल की पेशी से छूट खत्म होने के बाद हिसार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। सुनवाई के दिन समर्थकों ने कोर्ट परिसर में घुसकर बवाल काटा। वकीलों से हाथापाई की, जजों के खिलाफ नारेबाजी। हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया। कई सुनवाई पर बाबा पेश नहीं हुए तो अदालत ने रामपाल और उनके अनुयायी व सेवा समिति के अध्यक्ष रामकुमार ढाका के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। ढाका पेश हो चुके हैं, उन्हें जमानत भी मिल गई है।
 
इधर, सीएम की अपील
शांतिपूर्ण तरीके से सरेंडर कर दें रामपाल
चंडीगढ़. मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्‌टर ने रामपाल से अपील की है कि वे अदालती आदेश का सम्मान करें और सरेंडर कर दें। खट्टर ने शनिवार को यहां उनके अनुयायियों से भी कहा है कि वे कानून के पालन में सहयोग करें। बोले-प्रजातांत्रिक प्रणाली में सभी को न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।

क़ुरान का सन्देश

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...