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17 नवंबर 2014

ऑस्ट्रेलिया के पीएम बोले- 'आज तक मोदी जैसा किसी नेता का स्वागत नहीं देखा'

कैनबेरा. ऑस्ट्रेलिया की संसद में प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने मोदी की दिलखोल कर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी के आने के पहले ऑस्ट्रेलिया में जबरदस्त क्रेज था। भारत के चुनाव में हुई मोदी की जीत से वे बेहद प्रभावित हैं।  उन्होंने आगे कहा कि आज तक हमने किसी भी नेता का ऐसा स्वागत नहीं देखा। मोदी से मिलने लोग ऑस्ट्रेलिया के कोने-कोने से आए हैं। मोदी से हमें भी राजनीति सीखनी चाहिए। प्रधानमंत्री टोनी ने गुजरात की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी ने गुजरात की तस्वीर ही बदल दी। अब ऑस्ट्रेलिया और भारत के संबंध से विकास को नई राह मिलेगी। 
 
ऑस्ट्रेलिया पार्लियामेंट में छाया क्रिकेट 
 
नेता विपक्ष ने की मोदी और द्रविड़ की तारीफ 
 
वहीं ऑस्ट्रेलिया संसद के नेता विपक्ष हॉन बिल शौटन ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ के पुल बांधे। उन्होंने  कहा कि मोदी का भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया में भी जबरदस्त क्रेज है, जो हमने पहली बार देखा। शौटन ने क्रिकेटर राहुल द्रविड़ की भी तारीफ़ करते हुए कहा कि द्रविड़ जैसे शालीन क्रिकेटर भारत की संस्कृति को बयान करते हैं। उन्होंने भारत के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दाद भी दी।  
 
मोदी ने लिए सचिन, शेन वार्न और ब्रेडमैन के नाम  
 
इस कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया संसद को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं भारत का तीसरे स्थान का आदमी हूं। ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह टोनी एबोट ने मेरा स्वागत किया उससे में बेहद खुश हूं। मोदी ने व्यंगात्मक शैली में आगे कहा कि हम तब तक ऑस्ट्रेलिया के कायल थे, जब तक ऑस्ट्रेलिया के पास स्पीड थी, लेकिन शेन वार्न ने हमें गलत साबित किया। उन्होंने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा कि आज उनके कारण क्रिकेट में पूरी दुनिया हमारी कायल है। ऑस्ट्रेलियाई डेमोक्रेसी से भी हमें बहुत कुछ सीखने मिला है। ऑस्ट्रेलिया में 4.5 लाख भारतीय हैं। दोनों देशों के बीच संबंध बनने से सभी लोगों को इसका फ़ायदा मिलेगा। G 20 समिट को सफल बनाने मोदी ने एबोट शुक्रिया किया। वहीं तेंदुलकर और ब्रेडमैन के सम्मान की भी बात कही। 
 
आतंकवाद को ख़त्म करने और यूरेनियम निर्यात पर हुई बात 
 
दोनों देशों के बीच आतंकवाद को ख़त्म करने और यूरेनियम के निर्यात को लेकर बात हुई। मोदी ने कहा की भारत पिछले 30 वर्षों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है, इस समस्या को ऑस्ट्रेलिया और भारत मिलकर जड़ से उखाड़ फेकेंगे। वहीं ऑस्ट्रेलिया भारत को यूरेनियम निर्यात करेगा। जिससे एनर्जी के क्षेत्र में भारत को बढ़त मिलेगी।  
 
पांच समझौतों पर हुआ समझौता 
 
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट के साथ शिखरवार्ता की। इस वार्ता में देशों के बीच पांच समझौते हुए हैं। जिसमें सामाजिक सुरक्षा, सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण, कला संस्कृति, पर्यटन और नशीली दवाओं के कारोबार पर अंकुश लगाने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। समझौते के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री टोनी एबोट बोले कि भारत एक सुपर पॉवर के रूप में उभर रहा है, ऐसे में दोनों देशों के बीच हुए समझौते संबंधों को और भी मधुर करेंगे। ऑस्ट्रेलिया अब एनर्जी सिक्यूरिटी पर भी भारत को सहयोग देगा। यूरेनियम का निर्यात, रोजगार बढाने के अवसर पर भी दोनों देशों द्वारा कार्य किया जाएगा। 
 
इस कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस द्विपक्षीय वार्ता में भारत कृषि और उसे  जुड़े विकास कार्यों पर ऑस्ट्रेलिया के साथ काम करेगा।  आतंकवाद रोकने, क्रिकेट, हॉकी और योगा  से जुड़े विकास पर भी दोनों देश काम करेंगे। मोदी ने आगे कहा कि 2015 में मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट ऑस्ट्रेलिया में होगा। दोनों देश आर्थित विकास पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे । 
 
इसके पहले  सिडनी में एक रॉकस्टार की तरह अपनी छाप छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैनबरा पहुंच थे। अपनी 10 दिवसीय विदेश यात्रा पर निकले मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम टोनी एबोट के साथ शिखरवार्ता की। कैनबेरा पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी सबसे पहले कैनबेरा वॉर मेमोरियल गए,  जहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबोट भी मौजूद रहे। मोदी ने पीएम टोनी एबोट को चांदी की मान सिंह ट्राफी भेंट की।
 
वार मेमोरियल से निकलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैनबेरा स्थित संसद पहुंचे। यहां मोदी का भव्य स्वागत किया गया।  मोदी के संसद पहुंचते ही उनके प्रशंसकों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। 
 
ऑस्ट्रेलिया के पीएम से की हिंदी में बात 

ऑस्ट्रेलिया के पीएम् टोनी एबोट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदी में बात की और उन्हें एतिहासिक डॉक्यूमेंट भेंट किया।

योगगुरु बाबा रामदेव को मिली जेड सिक्योरिटी, यूपीए के मंत्रियों से छिनी

योगगुरु बाबा रामदेव को मिली जेड सिक्योरिटी, यूपीए के मंत्रियों से छिनी
फाइल फोटोः पीएम मोदी के साथ बाबा रामदेव। 
 
नई दिल्ली. योगगुरु बाबा रामदेव को केंद्र सरकार ने जेड सिक्योरिटी उपलब्ध कराई है। अब उनकी सुरक्षा में 22 हथियारबंद जवानों के साथ ही एस्कॉर्ट कार तैनात होगी। रामदेव को कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके मद्देनजर गृह मंत्रालय ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई है। भारत में ऐसी अति महत्वपूर्ण शख्सियतों को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है, जिनकी जान को खतरा होता है। सुरक्षा कवर की अलग-अलग श्रेणियां होती हैं। 
 
लोकसभा चुनावों के समय बाबा रामदेव ने बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए धुंआधार प्रचार किया था। अगस्त, 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन के दौरान तत्कालीन यूपीए सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया था। 
 
दूसरी तरफ, यूपीए सरकार में मंत्री रहे कुछ नेताओं से सुरक्षा वापस ली गई है। इनमें सचिन पायलट, बेनी प्रसाद वर्मा, नवीन जिंदल और जतिन प्रसाद शामिल हैं।

हाईकोर्ट में संत नहीं, सरकार की पेशी, रामपाल को 'डराने' में अब तक 40 करोड़ की चपत

फोटो- दो बार फजीहत कराने के बाद सोमवार को पहली बार आश्रम के गेट तक पहुंची पुलिस।
 
हिसार. दो डेडलाइन बीत गई। संत रामपाल सोमवार को आखिरकार हाईकोर्ट में नहीं ही पेश हुए। हाईकोर्ट ने पहले तो 'बेबस' सरकार को जमकर फटकारा। फिर बाबा की गिरफ्तारी के लिए नई समयसीमा 21 नवंबर मुकर्रर की। 

अवमानना मामले में गैर जमानती वारंट के बावजूद रामपाल को दो तारीखों (10 आैर 17 नवंबर) पर नहीं पेश किए जाने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। जस्टिस एम जियापॉल व जस्टिस दर्शन सिंह की खंडपीठ ने कहा, "रामपाल यदि बीमार हैं तो वे इस मामले पर भी सुनवाई को तैयार हैं। लेकिन लोगों की आड़ लेकर पेश न होना मंजूर नहीं है। वारंट तामील न होने से लोगों में गलत संदेश जा रहा है। इससे मामूली अपराधी भी कोर्ट कार्रवाई से बचने के उपाय तलाश करेंगे। ऐसे में पुलिस प्रशासन वारंट तामील कराने के लिए बेवजह इंतजार न करे।' गिरफ्तारी को लेकर सरकार की रणनीति क्या है, ये सील बंद लिफाफे में अदालत को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
बेंच ने रामपाल की पेशी कराने को लेकर तमाम इंतजामों पर हो खर्च का ब्योरा केंद्र, पंजाब, हरियाणा सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन से मांगा है। यह अगली सुनवाई पर कोर्ट को बताना है।
 
रामपाल को 'डराने' में रोज 6 करोड़ खर्च
संत रामपाल के कारण प्रदेश सरकार पर दोहरी आफत है। सप्ताह भर में लगभग 40 करोड़ रुपए का नुकसान तो प्रदेश शासन को हो चुका है। जिला प्रशासन एक शीर्ष अधिकारी के अनुमान के मुताबिक जवानों के प्रतिदिन के मूवमेंट पर करीब 6 करोड़ रुपए खर्च हो रहे है। इनमें जवानों के खर्चे से लेकर वाहनों और अन्य विभागों की गतिविधियां भी शामिल है। बता दें कि रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद 10 नवंबर को हिसार में पैरा मिलिट्री फोर्स और हरियाणा पुलिस की कंपनियां आना शुरू हो गई थी। इसके बाद फोर्स की संख्या लगातार बढ़ती गई। पिछले चार दिनों से फोर्स हिसार पुलिस लाइंस और बरवाला में डटी हुई है। 
 
यूं समझें आंकड़ों का गणित (सभी आंकड़े अनुमानित हैं) 
 
- पैरा मिलिट्री और हरियाणा पुलिस के कुल जवान: 30,000 
  प्रति जवान खर्चा:  1 हजार रुपए (प्रतिदिन)
  कुल खर्चा: 3 करोड़ रुपए

- करीब 100 आईपीएस और एचपीएस के अधिकारी  
  प्रति अधिकारी खर्चा: 2 हजार रुपए (प्रतिदिन)
  कुल खर्चा: 2 लाख रुपए
 
रोडवेज का घाटा अलग   
रामपाल प्रकरण को लेकर प्रदेश के विभिन्न डिपो से रोडवेज की करीब 300 बसें पुलिस डयूटी में लगी हुई हैं। इनमें रोडवेज के करीब 600 कर्मचारी भी तैनात हैं। रोडवेज अधिकारियों के अनुसार एक रोडवेज बस के प्रतिदिन परिचालक के हिसाब से करीब 15 हजार रुपये कमाई करती है।
 
- पुलिस और प्रशासन ने रोडवेज बसों के अलावा करीब 700 वाहन अभियान में लगा रखे हैं। इनमें पुलिस की 400 बसें, 100 वज्र वाहन, 40 बुलेट प्रूफ वाहन, 40 एंबुलेंस, 30 जेसीबी, 20 क्रेन, 20 पीसीआर, 25 ट्रैक्टर और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के करीब 30 वाहन शामिल है।  इन वाहनों के परिचालन पर भी रोज बड़ी रकम खर्च हो रही है।
 
डीजीपी की दलील- खून-खराबे की आशंका, वक्त दीजिए
प्रदेश के डीजीपी एसएन वशिष्ठ और एडीशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) पीके महापात्रा पेश हुए। डीजीपी की तरफ से एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने कोर्ट में कहा कि पुलिस आश्रम के बाहर तैनात है। मेनगेट पर महिलाएं और बच्चों को देखते हुए पुलिस ने कड़ी कार्रवाई नहीं की। खून-खराबे से बचते हुए रामपाल को पेश कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें समय दिया जाए।
 
रामपाल के वकील का तर्क-संत बीमार हैं, लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं
रामपाल के वकील एसके गर्ग ने कोर्ट को बताया कि रामपाल बीमार हैं। जल्द ही वे हाईकोर्ट में पेश हो जाएंगे। इन दलीलों पर हाईकोर्ट ने असंतोष जताया। कहा- उन्हें यह मंजूर नहीं कि लोगों की आड़ में रामपाल पेशी से बचने की कोशिश करें।
 
एमिकस क्यूरी ने कहा- सीएम पर भी हो अवमानना कार्रवाई
अदालत के सहयोगी (एमिकस क्यूरी) वकील अनुपम गुप्ता ने हरियाणा सरकार पर बाबा से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर रामपाल को पेश करने से बच रही है। ऐसे में डीजीपी, होम सेक्रेटरी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पर भी अवमानना की कार्रवाई की जानी चाहिए।

सूरजमुखी का फुल नहीं ये जयपुर का किला है,कैसे हुआ जयपुर का निर्माण

फोटो- जयपुर के स्थित नाहरगढ़ किले से 19 क्लिक में ली गई जयपुर की 360 डिग्री की तस्वीर।
 
जयपुर. जयपुर की रंगत अब बदल रही है। हाल ही में जयपुर को विश्व के दस सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल किया गया है। एशिया की सबसे बडी आवासीय बस्ती मानसरोवर, राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह चिकित्सालय, विधानसभा भवन, अमर जवान ज्योति, एम.आई.रोड, सेन्ट्रल पार्क और विश्व के प्रसिद्ध बैंक इसी कड़ी में शामिल हैं।  

यहां हर 10 कदम पर मंदिर हैं पुराने जयपुर के प्रत्येक चौराहे पर भौमियां जी स्थापित किए गए। इसलिए इसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर की गणगौर, तीज, दशहरा उत्सव, जयपुर का जोगी जोगणा का तमाशा, पारंपरिक गालीबाजी, मूर्तिकला, गणेश और जयपुर की कशीदा कारी और जरी गोटे का काम देश विदेश में प्रसिद्ध है।
 
यूं बनी गुलाबी नगरी
 
1876 महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी ऐलिजाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। इसलिए जयपुर का नाम गुलाबी नगर हो गया।
 
1727 में जयपुर नगर का निर्माण शुरू हो गया था, इनमें प्रमुख खंडों को बनाने में करीब 4 साल का समय लगा। जयपुर की राजधानी आमेर हुआ करती थी।
 
25 साल से जयपुर नगर निगम द्वारा गंगापोल में पूजा अर्चना के पश्चात ही स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत होती है। ये समारोह तीन दिन तक चलता है। 
 
9 खंड में 7 चौकडिया
 
जयपुर को 9 खंडों में विभाजित किया गया। दो खंडों में राजकीय इमारतें और राजमहल बसाए गए। इनके अलावा सात चौकडिय़ां थीं। चौकड़ी रामचंद्रजी, चौकडी विश्वेश्वर, चौकडी मोदीखाना, चौकडी तोपखाना, चौकड़ी पुरानी बस्ती, चौकडी रामगंज, चौकडी सूरजपोल हैं। इसके साथ  चांदपोल, अजमेरी गेट, सूरजपोल, सांगानेरी गेट, जोरावर सिंह गेट भी बना। 
 
ऐसे बना खूबसूरत दृश्य
 
जयपुर का 287वां स्थापना दिवस। इसकी शुरुआत आमेर से हुई। पास ही नाहरगढ़। यहां स्थित वॉच टॉवर से देखने पर जलमहल, जंतर-मंतर, सरगासूली से लेकर पुराना जयपुर शहर सहित बाहरी इलाके के साथ-साथ विद्याधर नगर, मुरलीपुरा, झोटवाड़ा सहित पूरा जयपुर दिखाई देता है। मानो जयपुर के विस्तार की पूरी कहानी दिखाई देती हो और यही कहानी पाठकों तक पहुंचाने के लिए 360 डिग्री एंगल से यह तस्वीर ली गई।
 
इसके लिए किले के बाएं हिस्से जलमहल की तरफ से फोटो खींचे गए। आखिरी हिस्से विद्याधरनगर सहित पहाड़ की ओर कैमरा घुमाते हुए 19 क्लिक किए। इसके बाद सभी फोटो को कम्प्यूटर में अपलोड करके एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए 360 डिग्री का पैनोरमा फोटोग्राफ तैयार किया गया। - फोटो : महेन्द्र शर्मा

क़ुरआन का सन्देश

 
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