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18 नवंबर 2014

ये है गणित, जानिए माला में 108 दाने ही क्यों होते हैं

उज्जैन। मंत्र जप के लिए जिस माला का उपयोग किया जाता है, उस माला में दानों की संख्या 108 होती है। शास्त्रों में इस संख्या 108 का विशेष महत्व बताया गया है। माला में 108 ही दाने क्यों होते हैं, इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण बताए गए हैं। यहां जानिए इस संख्या से जुड़ा गणित क्या है...
 
सूर्य की एक-एक कला का प्रतीक होता है माला का एक-एक दाना
 
एक मान्यता के अनुसार माला के 108 दाने और सूर्य की कलाओं का गहरा संबंध है। एक वर्ष में सूर्य 216000 कलाएं बदलता है और वर्ष में दो बार अपनी स्थिति भी बदलता है। छह माह उत्तरायण रहता है और छह माह दक्षिणायन। अत: सूर्य छह माह की एक स्थिति में 108000 बार कलाएं बदलता है।
 
इसी संख्या 108000 से अंतिम तीन शून्य हटाकर माला के 108 मोती निर्धारित किए गए हैं। माला का एक-एक दाना सूर्य की एक-एक कला का प्रतीक है। सूर्य ही व्यक्ति को तेजस्वी बनाता है, समाज में मान-सम्मान दिलवाता है। सूर्य ही एकमात्र साक्षात दिखने वाले देवता हैं, इसी वजह से सूर्य की कलाओं के आधार पर दानों की संख्या 108 निर्धारित की गई है।
जो भी व्यक्ति माला की मदद से मंत्र जप करता है, उसकी मनोकामनएं बहुत जल्द पूर्ण होती हैं। माला के साथ किए गए जप अक्षय पुण्य प्रदान करते हैं। मंत्र जप निर्धारित संख्या के आधार पर किए जाए तो श्रेष्ठ रहता है। इसीलिए माला का उपयोग किया जाता है।
 
किसे कहते हैं सुमेरू
 
माला के दानों से मालूम हो जाता है कि मंत्र जप की कितनी संख्या हो गई है। जप की माला में सबसे ऊपर एक बड़ा दाना होता है जो कि सुमेरू कहलाता है। सुमेरू से ही जप की संख्या प्रारंभ होती है और यहीं पर खत्म भी। जब जप का एक चक्र पूर्ण होकर सुमेरू दाने तक पहुंच जाता है तब माला को पलटा लिया जाता है। सुमेरू को लांघना नहीं चाहिए।
 
जब भी मंत्र जप पूर्ण करें तो सुमेरू को माथे पर लगाकर नमन करना चाहिए। इससे जप का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
शास्त्रों में लिखा है कि-
 
बिना दमैश्चयकृत्यं सच्चदानं विनोदकम्।
असंख्यता तु यजप्तं तत्सर्व निष्फलं भवेत्।।
 
इस श्लोक का अर्थ है कि भगवान की पूजा के लिए कुश का आसन बहुत जरूरी है। इसके बाद दान-पुण्य जरूरी है। साथ ही, माला के बिना संख्याहीन किए गए मंत्र जप का भी पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है। अत: जब भी मंत्र जप करें, माला का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
 
मंत्र जप के लिए उपयोग की जाने वाली माला रुद्राक्ष, तुलसी, स्फटिक, मोती या नगों से बनी होती है। यह माला बहुत चमत्कारी प्रभाव रखती है। ऐसी मान्यता है कि किसी मंत्र का जप इस माला के साथ करने पर दुर्लभ कार्य भी सिद्ध हो जाते हैं।
 
भगवान की पूजा के लिए मंत्र जप सर्वश्रेष्ठ उपाय है और पुराने समय से ही बड़े-बड़े तपस्वी, साधु-संत इस उपाय को अपनाते रहे हैं। जप के लिए माला की आवश्यकता होती है और इसके बिना मंत्र जप का फल प्राप्त नहीं हो पाता है।
 
रुद्राक्ष से बनी माला मंत्र जप के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। रुद्राक्ष को महादेव का प्रतीक माना गया है। रुद्राक्ष में सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश करने की शक्ति भी होती है। साथ ही, रुद्राक्ष वातावरण में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करके साधक के शरीर में पहुंचा देता है।

पुलिस ने दिलवाई एक करोड़ की फिरौती बदले में मिली व्यवसायी के बेटे की लाश

परिजनों ने रोडवेज की दो बसें फूंक दीं। इनसेट में नितिन का फाइल फोटो।
 
बहादुरगढ़. इंजीनियरिंग के स्टूडेंट नितिन की फिरौती के एक करोड़ रुपए लेकर भी किडनैपर्स की ओर से हत्या कर दिए जाने का मामला सामने आया है। किडनैपर्स पुलिस की चार टीमाें के सामने फिरौती के एक करोड़ रुपए ले उड़े और पुलिस हाथ मलती रह गई। मंगलवार सुबह हाईवे के किनारे नितिन का शव गड्ढ़े में पड़ा मिला। 

अपहरणकर्ताओं ने नितिन को जलाकर मार डाला। शव के पास युवक की बाइक खड़ी मिली है। गुस्साए परिजनों ने शहर के सभी इंट्री प्वांइट्स पर जाम लगा वाहनों में तोड़फोड़ की और रोडवेज की दो बसों समेत पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। लोगों ने हत्यारों के पकड़े जाने तक शव लेने से भी मना कर दिया। डेडबॉडी रख लोग हाईवे पर बैठे गए व नारेबाजी की। एसपी बलबीर सिंह और डीसी डॉक्टर चंद्रशेखर ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन हत्यारों को पकड़ने की मांग पर अड़े रहे। सेक्टर-6 निवासी व्यवसायी नरेश छिल्लर का 21 वर्षीय पुत्र नितिन 14 नवंबर की सुबह घर से कॉलेज के लिए निकला था। वह शहर के पीडीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक थर्ड ईयर का स्टूडेंट था।
 
कौशांबी में पहुंचे थे फिरौती देने
पुलिस के प्लान के हिसाब से फिक्स तारीख 16 नवंबर को यूपी के कौशांबी में परिजन फिरौती की रकम देने पहुंचे। यहां 20 से ज्यादा पुलिसवालों ने ट्रैप लगाया। किडनैपर्स  वहां एक बाइक व एक कार में आए और एक करोड़ रुपए लेकर आसानी से फरार हो गए। पुलिस तमाशबीन बनी रही रही और कुछ भी नहीं कर सकी। परिवार वालों का कहना है कि किडनैपर्स  से उनकी कई बार लंबी बातचीत भी हुई और पुलिस ने किडनैपर्स  के वॉयस भी रिकॉर्ड किए थे। इसके बावजूद पुलिस न तो किडनैपर्स  को पकड़ सकी और न ही नितिन को तलाश कर सकी। 
 
युवक की मौत, तावड़ू में तनाव
तावडू बस स्टैंड पर सोमवार शाम बच्चों में हुए झगड़े के बाद देर रात घायल युवक की मौत हो जाने से कस्बे व आस-पास का माहौल गरमा गया। मंगलवार शाम घटना की जानकारी मिलते ही भारी पुलिस बल घटना स्थल पर पहुंच गई। इस दौरान शरारती तत्वों ने तावडू- सोहना रोड पर जाम लगा दिया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर खदेड़ दिया। इस घटना के दौरान कई निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके बाद तावडू व आसपास के क्षेत्र में तनाव फैल गया। बाजार बंद कर दिया गया। पुलिस ने मृतक युवक के भाई के बयान पर 12 नामजद युवकों व 12 अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।  
 
हमारी पांच टीमें किडनैपर्स  को पकड़ने में जुटी हुई थी। बच्चे को बचाना हमारी प्राथमिकता थी, इसलिए पुलिस ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। किडनैपर्स  पुलिस की रेंज में हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। पुलिस की टीमें दिल्ली और यूपी में काम कर रही हैं।
–बलबीर सिंह, एसपी झज्जर

पीएम मोदी ने किया फिजी संसद को संबोधित, 17 मिलियन डॉलर की मदद का ऐलान

 
फिजी. प्रधानमंत्री मोदी ने फिजी के संसद को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने डिजीटल फिजी की बात की। फिजी के लोगों को वीजा ऑन अराइवल, 17 मिलियन डॉलर की मदद देने का ऐलान किया। 
 
तीन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार रात एक दिन के दौरे पर फिजी पहुंचे। पिछले 33 साल में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली फिजी यात्रा है। पीएम का राजधानी सूवा के अल्बर्ट पार्क में पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने फिजी समकक्ष फ्रैंक बैनीमरामा के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की जिसके बाद दोनों देशों के बीच तीन मुद्दों पर करार साइन किए गए।  मोदी यहां एक दिन रहने वाले हैं।
 
फिजी में मोदी का जोरदार स्वागत
मोदी फिजी के अलबर्ट पार्क पहुंचे, जहां उनका पारंपरिक तरह से स्वागत हुआ। फिजी की जनसंख्या 8 लाख 49 हजार है, वहीं 37 प्रतिशत भारतीयों मूल के लोग वहां रहते हैं। 1999 में फिजी में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने थे, फिर एक साल बाद तख्तापलट हुआ था। 33 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री फिजी पहुंचे हैं। वर्ष 1981 में इंदिरा गांधी फिजी गई थीं। उनके बाद मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जो इस पेसेफिक आइलैंड देश की यात्रा पर आए हैं।
 
फिजी में मोदी का पूरा दिन
पिछले सप्ताह वे पूर्वी एशिया और आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए म्यांमार गए थे।फिजी के दौरे में मोदी बैनीमरामा के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं करेंगे, संसद को संबोधित करेंगे और 12 प्रशांत आईलैंड देशों के नेताओं तथा प्रतिनिधियों से मिलेंगे। शाम को भारतीय मूल के लोगों से बातचीत करेंगे। रात तक वो फिजी से भारत लौटेंगे। 
 
मेरा दिल यहीं बसता है: मोदी
 
पीएम नरेंद्र मोदी बोले, 'मेरा दिल यहीं बसता है। मैं यहां आकर काफी खुशी महसूस कर रहा हूं। भारत और फिजी में कुछ काम चुनौतियां हैं जिसमें मिलकर काम किया जाएगा।
 
ऑस्ट्रेलिया से पांच समझौते, यूरेनियम का आश्वासन
 
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ मंगलवार को पांच समझौते किए। साथ ही यूरेनियम आपूर्ति के लिए असैन्य परमाणु समझौते के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा, ‘भारत उभरता सुपर पावर है। अगर सब ठीक रहा तो ऑस्ट्रेलिया जल्द उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ भारत को यूरेनियम का निर्यात शुरू कर देगा। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा- आतंकवाद विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसे खत्म करने के लिए व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है। 
 
ये समझौते हुए 
 
सामाजिक सुरक्षा समझौता : दूसरे देश में बसने वालों को भी समानता, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन लाभ दिलाएगा।
 
कैदियों की अदला-बदली : दूसरे देश में सजा काट रहे लोगों को वापस लाने में आसानी। पुनर्वास प्रक्रिया सरल होगी। 
 
पुलिस सहयोग में बढ़ोतरी : तस्करी की पूर्व सूचना हासिल होगी, दोषियों की संपत्ति जब्त हो सकेगी। 
 
कला-संस्कृति में सहयोग : पेशेवर विशेषज्ञों, ट्रेनिंग और एक्जीबिशन आदि में सहयोग और समझ बढ़ेगी।
 
पर्यटन : हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में ट्रेनिंग और निवेश बढ़ेगा, रोजगार बढ़ेंगे, पर्यटक बढ़ेंगे।

क़ुरआन का सन्देश

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