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29 नवंबर 2014

इस महल की दीवारों पर चढ़ी है सोने की पर्त, चांदी का पलंग-सोने के नल

(जयपुर के राज पैलेस में लगा चांदी का बेड।)
जयपुर. राजस्थान में अपने महल और हवेलियों के लिए पूरे विश्व में फेमस है। इनकी भव्यता ऐसी की देखने के बाद नजर हटाने का मन न करे। यही कारण है कि शादी और बर्थडे पार्टियों के लिए बड़े-बड़े बिजनेसमैन इसे पहली पसंद मानते हैं। गैरतलब है कि HDFC चेयरमैन के बेटे की शादी आज जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस में हो रही है। राजस्थान में ऐसे कई भवन और पैलेस हैं जो अपनी भव्यता के कारण रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं। उन्हीं में से एक है जयपुर का राज पैलेस।
जयपुर के इस पैलेस में एक ऐसा भव्य सुइट तैयार किया जा रहा है जिसका किराया 48 लाख रुपए प्रतिदिन होगा। फिलहाल होटल के सबसे महंगे सुईट का किराया 7 लाख 20 हजार रुपए प्रतिदिन है। इस सुइट में चार अपार्टमेंट हैं और पर्सनल एलिवेटर भी है।
लगे हैं चांदी के बेड और सोने के नल
बेडरूम में चांदी के बेड और रेस्ट रूम में फेरारी कंपनी की ओर से बनाए गए सोने के खास नल लगाए गए हैं। दीवारों पर गोल्ड वर्क किया गया है। इसमें डाइनिंग एरिया से लेकर किचन सभी कुछ पर्सनलाइज्ड हैं।
पैलेस में पहुंचने पर मेहमान की शान में शाही रुक्के का पढ़ा जाना, हाथी-घोड़ों के लवाजमे और रेड कारपेट ट्रीटमेंट से मेहमान को खास होने का अहसास होता है। खास मेहमान नवाजी के लिए 25 मेंबर्स की टीम तैनात रहती है। मेहमानों के स्वागत के लिए स्पेशल शैम्पेन बाथ दिया जाता है।
बेस्ट लीडिंग हेरिटेज का जीत चुका है अवार्ड

जयपुर के राज पैलेस होटल ने दुनिया का लीडिंग बेस्ट हेरिटेज होटल अवॉर्ड 2012 जीता है। होटल को यह अवॉर्ड 12 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित ग्रांड फाइनल गाला सेरेमनी में दिया गया था। वर्ल्ड ट्रैवल अवॉर्ड की कैटेगरी में इस होटल ने ऑस्कर ऑफ दी ग्लोबल ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री का अवॉर्ड जीता है। वर्ल्ड ट्रेड अवॉर्ड की ओर से वर्ष 2011 में इस होटल के लिए वर्ल्ड के बेस्ट हेरिटेज होटल के लिए वोटिंग की गई।
 
300 साल पुराना है यह महल
 
इस महल के अंदर स्वास्थ्य क्लब, स्विमिंग पुल, कॉफी की दुकानें और प्रत्येक कमरे से जुड़ा एक छोटा सा म्यूजियम भी है। होटल के दो कमरे डिजाइन में समान नहीं हैं और प्रत्येक तल पर एक आंगन है। प्रत्येक कमरे में सूरज की रोशनी के आने का उचित प्रबंध किया गया है। गौरतलब है कि इस पैलेस का निर्माण 1727 में राजपूताना के छोटी सी रियासत के चोमू के शासक ने करवाया था। 300 साल के बाद आज भी उसी अवस्था में खड़ा है यह पैलेस।

इंस्पेक्टर की एकतरफा मोहब्बत या झूठा प्यार: पढ़ें लड़की के मोबाइल के SMS



अजमेर. ट्रैफिक इंस्पेक्टर चेतना भाटी ने योगा शिक्षिका ज्योति टांक के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में अपने इंस्पेक्टर पति हनुवंत सिंह भाटी को बेकसूर और ज्योति पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ज्योति ने शनिवार को जो दस्तावेज भास्कर को उपलब्ध करवाए उससे साफ होता है कि हनुवंत भाटी के ज्योति से लंबे समय से न केवल अंतरंग संबंध थे, बल्कि उनकी सगाई भी हो चुकी थी। 

अजमेर के पुलिस महकमे में विस्फोटक रूप से हलचल मचा चुके इस मामले में ज्योति टांक ने
शनिवार को बड़ा खुलासा किया है। ज्योति का कहना है कि इंस्पेक्टर हनुवंत भाटी से उसके अंतरंग रिश्ते थे। वे उससे शादी करना चाहते थे। दोनों की सगाई भी हो गई थी। उसे बहुत बाद में पता चला कि वे शादीशुदा हैं। ज्योति टांक के मुताबिक हनुवंत सिंह दिन रात उसे अपने निजी और सरकारी दोनों मोबाइल फोन से ढेरों एसएमएस करते थे। सरकारी मोबाइल पर तो अश्लील एसएमएस होते थे। उसने भास्कर को कुछ तस्वीरें और एसएमएस का रिकाॅर्ड उपलब्ध करवाया है जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि भाटी ज्योति से अंतरंग रिश्ते थे और वो शादी करना चाहते थे। 
 
इंस्पेक्टर की पत्नी चेतना भाटी ने ज्योति का अपहरण कर किया था टॉर्चर 
 
ट्रैफिक इंस्पेक्टर चेतना भाटी द्वारा शुक्रवार को ज्योति, एएसपी शरद चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के अगले ही दिन ज्योति ने बड़ा खुलासा किया है। ज्योति ने बताया कि चेतना भाटी ने उसका अपहरण किया, बुरी तरह टॉर्चर किया, मेरे मोबाइल से एसएमएस डिलीट किए, फिर भी उसके पास दूसरे मोबाइल में अनेक एसएमएस सुरक्षित हैं। इसकी उसने हार्ड कॉपी निकलवाई है। 
 
पहली मुलाकात में इंस्पेक्टर ने अपने को बताया था अनमेरिड

ज्योति के मुताबिक इंस्पेक्टर हनुवंतसिंह से उसकी मुलाकात योगा क्लासेज के दौरान ही 2011 में हुई थी। भाटी सरनेम से वह और उसकी मां गुमराह हो गए थे। हम माली समाज से हैं और हमारे में भी भाटी सरनेम होते हैं। हनुमान सिंह ने स्वयं को अनमेरिड बताया था। हमारी सगाई भी हो गई। हालांकि हमने कोई समारोह नहीं किया और न ही इसका कोई प्रमाण मेरे पास है। भाटी वैशालीनगर स्थित मेरे निवास स्थान पर आते रहते थे। बाद में हमें पता चला कि हनुवंतसिंह  विवाहित हैं। भाटी ने हमें यह स्पष्टीकरण दिया कि डाइवोर्स की प्रक्रिया चल रही है। 
 
(ज्योति का आरोप है कि नवंबर 2011 में एक दिन हनुवंत सिंह उसे मदार स्थित अपने घर ले गया। उसने मुझे पानी में कुछ मिलाकर पिला दिया, जिससे मुझे चक्कर आ गए। रात दस बजे के आसपास वो मुझे मेरे घर लेकर आया। मुझे बहुत ब्लीडिंग हो रही थी। नेचुरल और अन नेचुरल। मेरे से साथ उसने अपने घर पर क्या किया मेरी चेतना में यह नहीं है लेकिन बाद में जो एसएमएस आए उससे पता चला कि उसने मेरे साथ क्या किया। )

इंस्पेक्टर की एकतरफा मोहब्बत या झूठा प्यार: पढ़ें लड़की के मोबाइल के SMS

bhaskar news | Nov 30, 2014, 04:43AM IST
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ज्योति टांक ने हनुवंतसिंह भाटी द्वारा भेजे गए एसएमएस का जो रिकाॅर्ड उपलब्ध करवाया है वो साफ करता है कि भाटी के उससे नजदीकी संबंध थे। एसएमएस 2011, 2012 के हैं। यहां कुछ प्रकाशित किए जा रहे हैं जो पूरे मामले का खुलासा करते हैं।
 
30 अक्टूबर की मध्य रात्रि 12 बजे के 16 मिनिट से लेकर 31 अक्टूबर 2011 को रात्रि 10 बजकर 18 मिनट तक हनुवंतसिंह के मोबाइल नंबर 9414526852 से किए गए छह एसएमएस का रिकाॅर्ड भास्कर को मिला है। 
 
रात 12 बजकर 16 मिनट : डियर देवी, आज मैंने आपके साथ अपने जीवन के पवित्रतम क्षण गुजारे, इतनी कृपा मुझ पर क्योंकर हुई। इस कृपा के लिए हम अपना सर हाड़ी रानी की तरह काट कर आपके दर पर पेश कर सकते हैं। आप एक राजपूत का इम्तिहान अभी इसी वक्त ले सकती हैं।
31 अक्टूबर को दिन में 11.08 : डियर यस्टरडे नाइट आई फेल्ट इनफिनिट द डिवाइन अफेक्शन ऑन युअर फेस इन युअर आईज टुअर्ड्स मी. रिमेनिंग थिंग्स आई विल डिस्कस. वाइड यू इन इवनिंग बिकॉज आई एम एट हॉम। 
 
दोपहर 12.50 बजे : डियर देट वाइज दी माय प्रेटियस्ट नाइट विथ आई नेवर गोट बिफोर इन माय लाइफ. प्रिय नाऊ आई एम अलॉन।
 
दोपहर 12.55 बजे : मैं पागल हो गया हूं. इतनी सारी खूबसूरती एक साथ कैसे झोली में गिर गई. डर लग रहा है।
 
दोपहर 1.48 बजे : डियर, वाट इज युअर ओपिनियन अबाउट लव, इज इट ए सिन? वाट इज रॉन्ग विथ इट।
 
रात 10.18 बजे : डियर, आई हैड द अल्टीमेट टाइम विथ यू लास्ट नाइट. उसकी खुशबू अभी तक मेरी रूह में बसी हुई है। 
 

आरिफ बोला- टॉयलेट सफाई और सुंदर महिलाओं की पहरेदारी कराते थे ISIS आतंकी

फोटो: कुछ महीने पहले जारी हुआ ऑनलाइन पोस्टर जो आरिफ को शहीद बताता है। 
नई दिल्ली. इराक में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के लिए काम करने के बाद भारत लाए गए 22 साल के आरिफ ने बताया है कि उसे आतंकी संगठन के आकाओं ने युद्ध नहीं लड़ने दिया बल्कि उससे टॉयलेट साफ करवाने, कूड़े से काम की चीजें ढूंढने और महिलाओं की सुरक्षा करने जैसे कम अहमियत वाले काम करवाए। आरिफ ने बताया है कि आईएसआईएस भारतीयों को जंग लड़ने के लायक नहीं मानता। मुंबई का कल्याण का रहने वाला आरिफ माजिद छह महीने में जीवन के चार अहम संस्कारों से गुजर गया। भारत की जमीन छोड़ने और आईएसआईएस के लिए काम करने के बीच बीते छह महीने में आरिफ के चार 'संस्कार' हो गए। इस दौरान उसका नया नाम रखा गया, उसकी शादी, 'मौत' और अंतिम संस्कार तक हो गए।     
 
नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) आरिफ से पूछताछ कर रही है। आरिफ 8 दिसंबर तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'आरिफ एक साथ कई विरोधाभासी बातें कर रहा है। उसके शरीर पर गोली से जख्म के दो और बम फटने की वजह से बने जख्म का एक निशान है। हमने उसे नहीं बचाया बल्कि उसने अपने परिवार से संपर्क किया और तुर्की से बचाए जाने की बात कही। हम यह नहीं जानते कि वह तुर्की कैसे पहुंचा। हमारी नजर में वह अपराधी नहीं है, बल्कि एक भटका हुआ नौजवान है। इसलिए हम उसके साथ सज्जनता के साथ पेश आ रहे हैं।' 
 
लेकिन अधिकारी ने बताया, 'आरिफ के अचानक हुए हृदय परिवर्तन को लेकर हमें सावधान रहना होगा। उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसने सिर्फ इतना बताया है कि वह आईएसआईएस के लिए उपयोगी साबित नहीं हुआ।' एनआईए सूत्रों के मुताबिक, 'आरिफ ने बताया कि आईएसआईएस के आतंकवादी भारतीयों को अपने साथ लेना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि भारतीय जंग के मैदान के लिए नाकाबिल हैं और वे दूसरे कामों के लिए बेहतर हैं। आरिफ ने यह भी कहा कि आईएसआईएस के आतंकी उसे टॉयलेट साफ करने, कूड़ा उठवाने और उन महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए तैनात किया गया था जो उसके आकाओं को खुश करने के लिए लाई गई थीं।'

क़ुरआन का सन्देश

  
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