राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा में लड़कियों के सोफिया स्कूल के पास वल्ल्भबाडी में स्थित भंवरशाह तकिया वक़्त सम्पत्ति के पास स्थित हज़रत अहमद अली उर्फ़ बाबा जंगलीशाह का अस्थाना अक़ीदत मन्दो की आस्था का केंद्र बिंदु है ,,,यहां अकीदतमंदों का कहना है के इनके दरबार में जो भी सच्चे मन से आया है वोह खाली हाथ नहीं लोटा है लेकिन अगर इनके दरबार के प्रति किसी ने उपेक्षा जताई है तो उसे राजा से फ़क़ीर बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है ,,जिांदगी के उतारचढ़ाव देखने वाले आस्थावानों का कहना है के हज़रत अहमद अली उर्फ़ जंगलीशाह बाबा पहुंचे हुए फ़क़ीर है जिनकी खिदमत पहले हाजी शकूर साहब हमदर्द किया करते थे अब उनके सुपुत्र खलीफा हाजी अज़ीज़ जावा और रशीद जावा खिदमतगार बने है ,,,,,,,फ़क़ीरी की गुमनाम ज़िंदगी जी रहे हज़रत अहमद अली उर्फ़ जंगलीशाह बाबा ने सैकड़ों बार पैदल हज किया है और इबादत में तल्लीन रहकर उन्होंने मुल्क और मुल्क के लोगों की खुशहाली अमन चेन की दुआएं मांगी है जो क़ुबूल भी हुई है ,,,,इनके मुरीद ,,इनसे फेज़ उठाकर इनके होजाने वाले मुरीदों की संख्या हज़ारों हज़ार में है जो देश के ही नहीं पाक्सितान और बंगलादेश के भी कोने कोने में मौजूद है ,,,,,,कोटा में इस आस्थाने पर व्यवसायीकरण होने के बाद सियासी लुटेरों ने इसे लूट का अड्डा बना दिया ,,बाबा की सम्पत्ति पर व्यवसायिक धूमधड़ाके हुए ,,गरीबों को फेज़ पहुंचाने के लिए बनी इमारत लोगों ने पेट पालने का ज़रिया बना लिया ,,,आस्थाने पर चादर चढ़ाने और फूल पेश करने वालों की बल्ले बल्ले है ,,मौलाना असारुल हक़ इसी आस्थाने की दुआ राजयसभा सदस्य फिर देश की राजनीति के सिरमौर बने ,,,,बरकतुल्ला खान इसी आस्थाने के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने ,,,डॉक्टर अबरार इसी आस्थाने की दुआओं से राजयसभा सदस्य और केंद्र में मंत्री बने ,,, दुर्रू मिया इसी आस्थाने की दुआओं वजह से राज्य में मंत्री बने ,मौलाना फज़ले हक़ इसी आस्थाने की दुआओं से विकट परिस्थतियों में भी राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन बने ऐसे कई हज़ार लोग है जिनकी नवाज़िश इसी आस्थाने की दुआओं से हुई है नौकरी लगना ,,व्यवसाय में तरक़्क़ी होना ,,बच्चे वगेरा होना तो इनकी दुआओं से आम बात है ,,लेकिन ठीक इसके खिलाफ जिसने भी इस आस्थाने की बेहुरमती की या फिर इस परिसर में आकर भी आस्थाने पर फूल पेश नहीं किये या फिर सियासत की तो उन्हें लोगों ने आफताब ज़र्रा होकर मिटटी में मिलते देखा है ,,,,,,अशोक गेहलोत मुख्यमंत्री बने कोटा आये परिसर में गए लेकिन आस्थाने पर फूल पेश नहीं किये नतीजा सकारात्मक कार्य होने के बाद भी उनका वुजूद मिटटी में मिलते लोगों ने देखा है ,,कई अधिकारी अफसरों का मुंह मोड़ना उन्हें महंगा पढ़ा है और वोह नौकरी में परेशान रहे है खुद शान्ति धारीवाल जिनकी महनत और लगन से यह आस्थाने की सम्पत्ति तैयार हुई है वोह खुद सियासी चालों में आकर अशोक गेहलोत की कोटा यात्रा के दौरान इस आस्थाने को भूल गए तो आज वोह देखिये मुसीबत में फंसे है ,,,भाजपा के ओम बिरला इस आस्थाने पर अक़ीदा रखते है तो उनकी नवाज़िश लगातार बढ़ोतरी पर है वोह अजय है उनेह कोई हरा नहीं सका है ,,,,,,,,,,,,,बाबा जंगलीशाह के उर्स आगामी दस मार्च से होने जा रहे है जिसके लिए उर्स कमेटी के सदर हाजी रशीद जावा ,,गद्दी नशीन अज़ीज़ जावा ,,,नायब गद्दी नशीन फारूक जावा मिलजुलकर सूफियाना माहोल बनाने वाले कव्वालों की खोज में जुटे है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 दिसंबर 2014
दोस्तों छ दिसंबर आ रही है ,
दोस्तों छ दिसंबर आ रही है ,,,हर बार आती है लेकिन सियासी मज़हबी भड़काऊ
लोगों ने वर्ष 1992 के बाद इस 6 देिसंबर को किसी के लिए खौफनाक ,, किसी के
लिए शर्मनाक तो किसी के लिए काला दिन तो किसी के लियें शौर्य दिवस बना दिया
,,,अजीब बात है हुज़ूर सल्ललाहे वसल्लम ने फ़ित्ना जिस मस्जिद में फैलता हो
वहां नमाज़ पढ़ने तक इंकार कर दिया था ,,,राम ,,कृष्ण या किसी भी देवता ने
कभी मज़हब के लिए संघर्ष नहीं किया इन्साफ के लिए उनकी लड़ाई थी लेकिन अफ़सोस
हिंदू हो या फिर मुसलमान सभी इस दिन पर सियासत कर रहे है
,,,,,जिनके ज़हन में धर्म मज़हब नहीं है शैतानियत है वोह इस दिन को अपने
अपने तरीके से याद करने में लगा है लेकिन दोस्तों यह हिन्दुस्तान है ,,यह
मेरा भारत महान है यहां धर्म से पहले मानवता है क्योंकि सभी धर्म सिर्फ और
सिर्फ मानवता ही सिखाते है ,,,,,,,,कोई कहता है के इस दिन पर नाज़ करने
वाले ठंडे बस्ते में चले गए है ,,या तो मर गए है ,, या फिर बीमार है ,,या
फिर राजनीति में अपमानित हो गए है ,,लालकृष्ण आडवाणी ,,मुरलीमनोहर जोशी
,,कल्याण सिंह और ना जाने कितने पिटे हुए कारतूस इसका उदाहरण है ,,अटल
बिहारी वाजपेयी इंसाफ पसंद थे प्रधानमंत्री बने ,,नरेंद्र मोदी इस मामले
में सक्रिय नहीं थे प्रधानमंत्री बने लेकिन जो सक्रीय रहे वोह सब आज
नरेंद्र मोदी के तलवे के नीचे अपने अस्तित्व की सृक्षा की भीक मांग रहे है
,,,,कुछ कहते है के इस दिन के कई अपराधी आज रोते है ,,कुछ कहते है कई लोगों
ने इसके बाद इस्लाम क़ुबूल कर लिया इस मामले में वीडियो भी वायरल हो रहे है
,,,कोई लोग इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाने की बात करते है ,,कुल मिलाकर
सभी को धर्म के नाम पर अधर्म फैलाने की पढ़ी है कोई भी मानवता की बात नहीं
करता ,,,दोस्तों आप बताइये क्या ही अच्छा हो के मेरा भारत महान एक अनूठा
उदाहरण पेश करे ,,यहां धार्मिक स्थलों का सूक्ष्म अस्तित्व रखते हुए मंदिर
और मस्जिद के नाम पर जो भी चंदा एकत्रित हुआ है अगर एक बढ़ा हर बीमारी के
इलाज का अस्पताल खोला जाए और वहां सभी असाध्य बिमारियों का मुफ्त में रहने
,,खाने और दवा जांचों सहित इंतिज़ाम हो तो फिर इस जगह का मंदिर मस्जिद होने
से ज़्यादा मान बढ़ जाएगा ,,लेकिन मानवता शायद दानवता के नीचे दबी है देखते
है यह कब उभर कर सामने आती है और इतीहास रचती है ,,,,,,,एडवोकेट अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
ना जाने क्यों
ना जाने क्यों
मेरे हर अलफ़ाज़
उन्हें बकवास से लगते है ,,
में मोहब्बत लिखता हूँ
में प्यार लिखता हूँ
में अपने दिल की तड़पन लिखता हूँ ,,
ना जाने क्यों
मेरे हर अलफ़ाज़
उन्हें बकवास से लगते है
कभी वोह मुझे
टूटकर चाहते है
कभी वोह मुझे
तोड़कर रुलाते है
कभी वोह मुझे बिन पानी
मछली की तरह तड़पाते है
ना जाने क्यों
में और मेरे अल्फ़ाज़
उन्हें बकवास से लगते है ,,अख्तर
मेरे हर अलफ़ाज़
उन्हें बकवास से लगते है ,,
में मोहब्बत लिखता हूँ
में प्यार लिखता हूँ
में अपने दिल की तड़पन लिखता हूँ ,,
ना जाने क्यों
मेरे हर अलफ़ाज़
उन्हें बकवास से लगते है
कभी वोह मुझे
टूटकर चाहते है
कभी वोह मुझे
तोड़कर रुलाते है
कभी वोह मुझे बिन पानी
मछली की तरह तड़पाते है
ना जाने क्यों
में और मेरे अल्फ़ाज़
उन्हें बकवास से लगते है ,,अख्तर
इसीलिए तो
इन खूबसूरत आँखों में
हुस्न तुम्हारा डूबा है
हम भी तो तैराक नहीं
जो इन झील सी आँखों में
तैरकर निकल पाते
इसीलिए तो
इन आँखों में डूबकर
तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे
होकर मर जाना चाहते है
हुस्न तुम्हारा डूबा है
हम भी तो तैराक नहीं
जो इन झील सी आँखों में
तैरकर निकल पाते
इसीलिए तो
इन आँखों में डूबकर
तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे
होकर मर जाना चाहते है
हेडफोन लगा ट्रैक पार कर रहा था ड्राइवर, ट्रेन से टकराई वैन, पांच बच्चों की मौत
फोटो: हादसे में मृतक बच्चे को देखकर बिलखती मां और अन्य परिजन।
मऊ/वाराणसी. उत्तर प्रदेश में मऊ के रानीपुर थाना क्षेत्र के
खुरहट स्टेशन पर गुरुवार को एक भीषण हादसा हुआ। सुबह करीब आठ बजे एक स्कूल
वैन मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर शाहगंज-मऊ पैंसेजर ट्रेन की चपेट में आ गई।
हादसे में वैन में सवार पांच बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। ट्रैक पार
करते वक्त वैन के चालक ने हेडफोन लगा रखा था। म्यूजिक सुनते हुए वह गाड़ी
चला रहा था। सामने से आ रही ट्रेन को उसने देखा था, जबकि बच्चे ट्रेन को
आते देख चिल्ला रहे थे।
हादसे की सूचना मिलते ही यूपी के एक वरिष्ठ मंत्री मऊ के लिए रवाना हो
चुके हैं। सीएम अखिलेश यादव ने मुआवजे का एलान किया है। इसके तहत मृतक
बच्चों के परिजनों को सरकार की तरफ से 2.5 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी
जाएगी। घायल बच्चों का मुफ्त इलाज होगा ।उधर, केंद्र सरकार ने भी मऊ हादसे
के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
केंद्र सरकार भी देगी मुआवजा
केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते
हुए शोक जताया है। मुआवजे के तहत उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख
रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 1-1 लाख रुपए और मामूली घायलों को 20-20 हजार
की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
चार बच्चों की हालत नाजुक
बताया जा रहा है वैन का ड्राइवर हेडफोन पर म्यूजिक सुनते हुए गाड़ी
चला रहा था। ट्रेन को आते देखकर बच्चे चिल्ला रहे थे, लेकिन ड्राइवर को
सुनाई नहीं दिया। घटना में दर्जनों बच्चे घायल हो गए हैं। उन्हें पास के
अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चार बच्चों की हालत नाजुक होने पर उन्हें
बीएचयू रेफर किया गया है।
बाधित हो गया आजमगढ़-मऊ रूट
जानकारी के अनुसार, यह स्कूल वैन रानीपुर थाना क्षेत्र से चली थी।
इसमें धर्मदेव कॉन्वेंट स्कूल के यूकेजी और एलकेजी के 22 बच्चे सवार थे।
घटना से गुस्साए लोगों ने खुरहट स्टेशन पर जाम लगाकर प्रदर्शन भी किया।
इससे आजमगढ़-मऊ रूट कई घंटे के लिए बाधित रहा।
ओबामा ने बांधे मोदी की तारीफ के पुल, कहा - 'मैन ऑफ एक्शन'
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के पुल बांधते हुए कहा है कि मोदी एक ऐसी शख्सियत हैं जिनकी कार्यशैली से वह बेहद प्रभावित हैं।
ओबामा ने कार्पोरेट जगत के प्रतिनिधियों की कल शाम आयोजित एक बैठक में
कहा कि मोदी ने देश के प्रशासनिक तंत्र में बदलाव लाकर उसे जिस तरह
दुरुस्त किया है, वह वाकई काबिले तारीफ है। यह बैठक अमेरिका और वैश्विक
अर्थव्यवस्था पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।
ओबामा ने इस मौके पर मोदी का जिक्र करते हुए कहा, "मैं उन्हें मैन ऑफ एक्शन मानता हूं जो बहुत जिंदादिल हैं।" उन्होंने इस अवसर पर भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने के लिए मोदी की ओर से उन्हें आमंत्रित किए जाने का भी जिक्र किया।
ओबामा ने इस मौके पर मोदी का जिक्र करते हुए कहा, "मैं उन्हें मैन ऑफ एक्शन मानता हूं जो बहुत जिंदादिल हैं।" उन्होंने इस अवसर पर भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने के लिए मोदी की ओर से उन्हें आमंत्रित किए जाने का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि मोदी ने सत्ता संभालने के चंद महीनों के अंदर ही भारत
में प्रशासनिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जो कदम उठाए हैं उनका असर
आने वाले समय में अवश्य दिखाई देगा।
शागिर्द ही छह महीने तक करता रहा ब्लैक बेल्ट नेशनल चैम्पियन का बलात्कार
खंडवा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मार्शल आर्ट में ब्लैक
बेल्ट नेशनल चैम्पियन अपने ही शिष्य द्वारा हवस का शिकार होने के बाद
फुटपाथ पर जीवन गुजार रही है। परिवारवालों ने भी उसे घर से बाहर कर दिया
है। छह माह (मार्च से सितंबर 2014) तक शोषण का शिकार हुई यह खिलाड़ी कभी
मंदिर तो कभी फुटपाथ पर रात गुजारने को विवश है। लेकिन इस खिलाड़ी का कहना
है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वह लड़ती रहेगी।
शादी की बात कहने पर बंधक बनाकर पीटा
22 साल की यह लड़की मूल रूप से हरदा की रहने वाली है। उसके मुताबिक,
काठमांडू से मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेने के बाद पिछले साल 29 दिसंबर को
वह नया हरसूद पहुंची। यहां उसने सरकारी और निजी स्कूल की लड़कियों को
वीरांगना योजना के तहत मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देना शुरू किया। वह हरसूद
में निजी तौर पर भी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती थी। इस दौरान उसकी
मुलाकात नया हरसूद के सेक्टर नंबर दो निवासी संजय कनाड़िया (30) से हुई।
उसने भी मार्शल आर्ट सीखने की इच्छा जताई। पहले तो लड़की ने मना कर दिया,
लेकिन गुजारिश के बाद हामी भर दी। फरवरी 13 से अप्रैल तक उसे ट्रेनिंग
दिया।
लड़की की आपबीती
लड़की ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान संजय ने उसे शादी का झांसा देकर फंसा लिया और 25 मार्च से 2 सितंबर 2014 तक शारीरिक शोषण करता
रहा। शादी की बात कहने पर बंधक बनाकर पिटाई की। लड़की ने बताया कि जब उसे
गर्भ ठहर गया तो ढाई माह बाद संजय ने गर्भपात करा दिया। 2 सितंबर, 2014 को
हरसूद थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर
लिया है।
हालात देखकर लोग कर देते हैं मदद
पीड़ित युवती का घरवालों ने भी साथ नहीं दिया। वह दर-दर की ठोकरें खा
रही है। जींस, टी-शर्ट, हाथ में काला कड़ा और पैरों में जूती पहनी लड़की की
कहानी सुन कोई खाना खिला देता है, तो कोई चाय पिला देता है। इस तरह
जैसे-तैसे दिन बीत रहे हैं। बुधवार को सुनवाई के लिए खंडवा कोर्ट आई इस
लड़की को एक कर्मचारी ने 50 रुपए की मदद की, ताकि वह हरसूद तक बस से चली
जाए।
डेढ़ सौ वीरांगनाएं कर चुकी है तैयार :
दसवीं तक पढ़ी यह युवती 2011 में दिल्ली में मार्शल आर्ट की नेशनल
चैम्पियन प्रतियोगिता में विजेता रही। कई बार राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में
पदक जीते। मुख्यमंत्री और खेल मंत्री द्वारा सम्मानित युवती खंडवा शहर के
एक स्पोटर्स एकेडमी में जून 13 में बच्चों को ट्रेनिंग दे चुकी है। साथ ही,
हरसूद में डेढ़ सौ छात्राओं को वीरांगना योजना के तहत ट्रेनिंग दे चुकी
है।
7 महीने की गर्भवती गैंगरेप पीड़िता को पंचायत ने कहा-50 हजार लो, अबॉर्शन कराओ
किशनगंज/पटना. बिहार की एक पंचायत ने गैंगरेप की शिकार नाबालिग
लड़की को 50 हजार रुपए लेकर सात महीने के गर्भ को गिराने का फरमान सुनाया
है। लड़की के साथ गांव के ही चार सगे भाईयों ने गैंगरेप को अंजाम दिया था।
घटना किशनगंज जिले के पाकोला पलाशमणि ग्राम पंचायत की है। पीड़ित लड़की
के मां और बाप, दोनों ही मजदूर हैं। किशनगंज की पुलिस अधिकारी श्वेता
गुप्ता के मुताबिक, 16 वर्षीय पीड़ित लड़की ने अपनी मां के साथ आकर शिकायत
की। लड़की का दावा है कि जब न्याय और आरोपियों के लिए सजा की मांग करते हुए
वह पंचायत पहुंची तो उसे गर्भपात करने को कहा गया। पुलिस के मुताबिक, लड़की
जब अपने घर में अकेली थी, तब पास में ही रहने वाले चार सगे भाइयों ने लड़की
को जबरन उठाकर जंगल में ले गए और गैंगरेप किया। इसके बाद पीड़ित लड़की को
धमकी दी कि अगर वो किसी से इस बारे में चर्चा करेगी तो उसे और उसकी मां को
मार दिया जाएगा। लड़की ने डर की वजह से इस घटना की चर्चा अपनी मां से नहीं
की, लेकिन जब वह प्रेगनेंट हो गई तो सारा मामला सामने आया। पुलिस ने
मंगलवार को केस दर्ज किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा
रही है।
208 रुपए लीटर बिका बाबा का देसी घी, आश्रम का राशन 36.5 लाख में नीलाम
फोटो- सतलोक आश्रम के राशन की नीलामी के दौरान लगी भीड़ को नियंत्रित करते पुलिसकर्मी।
हिसार. बाजार में भले ही डिब्बाबंद देसी घी की कीमत 400 रुपए
प्रति लीटर हो। रामपाल के सतलोक आश्रम से बरामद घी की बोली 208 रुपए लीटर
ही लगी। आश्रम से 519 टीन (15 किलो) आईपीएल
डेयरी फ्रेश घी बरामद हुआ था। इसकी बोली 2500 रुपए से शुरू होकर 3120
रुपए प्रति टीन पर खत्म हुई। आश्रम में जमा 28 खाद्य सामग्रियों में से 27
आइटम को 25 बोली दाताओं ने छुड़वा लिया। बोली में कुल 117 लोगों ने
रजिस्ट्रेशन करवाया।
रामपाल के आश्रम का राशन 36.5 लाख में नीलाम
रामपाल के सतलोक आश्रम में रखी खाद्य सामग्री 36.5 लाख रुपये मे नीलाम हो गई। बोली लगाने का काम गुरुवार सुबह 11 बजे होना था लेकिन यह काम डेढ घंटे बाद शुरू हुआ। वहीं, दो घंटे का समय बोली में भाग लेने आए लोगों को समझाने में बीत गया। पहली बोली दोपहर तीन बजे शुरू हुई। इससे पहले 117 बोली लगाने वाले लोगों से सिक्योरिटी के तौर पर 50-50 हजार रुपये जमा करवाए गए। सिक्योरिटी की राशि प्रशासन द्वारा पहले से घोषित न होने व यह राशि कैसे जमा होगी इस पर भी संशय बना रहा। बोली लगावाने के लिए एसडीएम प्रशांत अटकान की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। बता दें कि जो राशन आश्रम से नीलाम किया गया है वह 2 हजार साधारण परिवारों के लिए एक माह तक का रसोई का खर्च है। सबसे अधिक राशि चीनी व देशी घी की बोली से मिली है। घी बाजार भाव से काफी कम में बोली दाता ने खरीदा है।
रामपाल के सतलोक आश्रम में रखी खाद्य सामग्री 36.5 लाख रुपये मे नीलाम हो गई। बोली लगाने का काम गुरुवार सुबह 11 बजे होना था लेकिन यह काम डेढ घंटे बाद शुरू हुआ। वहीं, दो घंटे का समय बोली में भाग लेने आए लोगों को समझाने में बीत गया। पहली बोली दोपहर तीन बजे शुरू हुई। इससे पहले 117 बोली लगाने वाले लोगों से सिक्योरिटी के तौर पर 50-50 हजार रुपये जमा करवाए गए। सिक्योरिटी की राशि प्रशासन द्वारा पहले से घोषित न होने व यह राशि कैसे जमा होगी इस पर भी संशय बना रहा। बोली लगावाने के लिए एसडीएम प्रशांत अटकान की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। बता दें कि जो राशन आश्रम से नीलाम किया गया है वह 2 हजार साधारण परिवारों के लिए एक माह तक का रसोई का खर्च है। सबसे अधिक राशि चीनी व देशी घी की बोली से मिली है। घी बाजार भाव से काफी कम में बोली दाता ने खरीदा है।
65 रुपए किलो वाला चावल 42 में
6 कट्टे बासमती चावल (चार पैकेट प्रति कट्टा) की बोली 25 रुपए प्रति किलोग्राम से शुरू होकर 42 रुपए प्रति किलोग्राम पर समाप्त हुई। बाजार भाव 65 रुपए है। 37 कट्टे चायपत्ती (25 किलोग्राम प्रति कट्टा) की बोली 120 रुपए प्रति किलोग्राम पर खत्म हुई। बाजार में इस किस्म की चाय की कीमत करीबन 150 रुपए है। 55 बैग बेसन 15 रुपए किलो बिका जबकि बाजार में यह 35 रुपए किलो है। 60 रुपए किलो वाला चना 27 रुपए में बिका व अन्य दालें भी 25 रुपए से 80 रुपए किलो तक बिकीं। 60 टीन वनस्पति घी की बोली से 705 रुपए प्रति टीन पर खत्म हुई। जबकि 99 कार्टून सरसों का तेल(12 बोतल का प्रति कार्टून) 250 रुपए से शुरू होकर 600 प्रति कार्टून खत्म हुई। दोनों का बाजार मूल्य एक हजार रुपए के करीब है। 186 कार्टून बिस्कुट(144 पैकेट प्रति कार्टून) की बोली 400 रुपए प्रति पैकेट पर खत्म हुई। इसकी मार्केट वैल्यू करीबन 700 रुपए प्रति पैकेट है। 154 कट्टे मिल्क पाउडर (25 पैकेट प्रति कट्टा, एक पैकेट एक किलोग्राम) की बोली 90 रुपए प्रति पैकेट पर खत्म हुई। इसका बाजार भाव 100 रुपए से अधिक है।
6 कट्टे बासमती चावल (चार पैकेट प्रति कट्टा) की बोली 25 रुपए प्रति किलोग्राम से शुरू होकर 42 रुपए प्रति किलोग्राम पर समाप्त हुई। बाजार भाव 65 रुपए है। 37 कट्टे चायपत्ती (25 किलोग्राम प्रति कट्टा) की बोली 120 रुपए प्रति किलोग्राम पर खत्म हुई। बाजार में इस किस्म की चाय की कीमत करीबन 150 रुपए है। 55 बैग बेसन 15 रुपए किलो बिका जबकि बाजार में यह 35 रुपए किलो है। 60 रुपए किलो वाला चना 27 रुपए में बिका व अन्य दालें भी 25 रुपए से 80 रुपए किलो तक बिकीं। 60 टीन वनस्पति घी की बोली से 705 रुपए प्रति टीन पर खत्म हुई। जबकि 99 कार्टून सरसों का तेल(12 बोतल का प्रति कार्टून) 250 रुपए से शुरू होकर 600 प्रति कार्टून खत्म हुई। दोनों का बाजार मूल्य एक हजार रुपए के करीब है। 186 कार्टून बिस्कुट(144 पैकेट प्रति कार्टून) की बोली 400 रुपए प्रति पैकेट पर खत्म हुई। इसकी मार्केट वैल्यू करीबन 700 रुपए प्रति पैकेट है। 154 कट्टे मिल्क पाउडर (25 पैकेट प्रति कट्टा, एक पैकेट एक किलोग्राम) की बोली 90 रुपए प्रति पैकेट पर खत्म हुई। इसका बाजार भाव 100 रुपए से अधिक है।
आटे की रेट से कम लगी बोली, नहीं हुई बिक्री
बोली के दौरान जब आटे की करीबन 500 थैलियों के लिए बोलीदाताओं द्वारा कम रेट की बोली लगाई गई तो रामपाल के वकील मनोज सैनी ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई। जिसके बाद आटे की थैलियों की बोली नहीं हो सकी। बरवाला, उकलाना, हिसार, टोहाना, जींद, आदमपुर, हांसी व आसपास के अन्य क्षेत्रों से आए 117 बोली लगाने वाले लोगों ने 50-50 हजार रुपए के हिसाब से प्रशासन को कुल साढ़े 58 लाख रुपये की राशि जमा करवाई। जिन 25 लोगों ने सामग्री की बोली लगाकर इसे छुड़वाया उन्हें छोड़कर अन्य की सिक्योरिटी राशि बोली प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मौके पर ही दे दी गई। वहीं सफल बोली दाताओं को बोली का 20 प्रतिशत मौके पर देना था, लेकिन बोली प्रक्रिया देर तक चलने के कारण यह जमा नहीं हो सका। अब यह राशि खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में सुबह जमा करवानी होगी।
बोली के दौरान जब आटे की करीबन 500 थैलियों के लिए बोलीदाताओं द्वारा कम रेट की बोली लगाई गई तो रामपाल के वकील मनोज सैनी ने इस पर आपत्ति दर्ज करवाई। जिसके बाद आटे की थैलियों की बोली नहीं हो सकी। बरवाला, उकलाना, हिसार, टोहाना, जींद, आदमपुर, हांसी व आसपास के अन्य क्षेत्रों से आए 117 बोली लगाने वाले लोगों ने 50-50 हजार रुपए के हिसाब से प्रशासन को कुल साढ़े 58 लाख रुपये की राशि जमा करवाई। जिन 25 लोगों ने सामग्री की बोली लगाकर इसे छुड़वाया उन्हें छोड़कर अन्य की सिक्योरिटी राशि बोली प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मौके पर ही दे दी गई। वहीं सफल बोली दाताओं को बोली का 20 प्रतिशत मौके पर देना था, लेकिन बोली प्रक्रिया देर तक चलने के कारण यह जमा नहीं हो सका। अब यह राशि खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में सुबह जमा करवानी होगी।
बीमारियां ठीक करने का दम भरने वाला रामपाल खुद दमे का मरीज
सतलोक आश्रम में आने वाले रामपाल के अनुयायियों को यकीन था कि बाबा उनकी बीमारियां ठीक कर देगा। अनुयायियों में आस्था ऐसी थी कि डॉक्टर के पास जाने से पहले वे रामपाल के द्वार पर आना बेहतर समझते थे। पुलिस बल और रामपाल के निजी कमांडों के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच एक बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई थी। बच्चे के परिजनों ने बताया था कि वे बच्चे के दमा का इलाज कराने सतलोक आश्रम आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि दमा का इलाज करने वाला रामपाल खुद दमे का शिकार है। रामपाल ने आईजी और एसपी को दिए हलफनामे में यह माना है। हलफनामे में कहा कि उसे काफी समय से दमा की बीमारी है। सांस लेने में तकलीफ होती है।
सतलोक आश्रम में आने वाले रामपाल के अनुयायियों को यकीन था कि बाबा उनकी बीमारियां ठीक कर देगा। अनुयायियों में आस्था ऐसी थी कि डॉक्टर के पास जाने से पहले वे रामपाल के द्वार पर आना बेहतर समझते थे। पुलिस बल और रामपाल के निजी कमांडों के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच एक बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई थी। बच्चे के परिजनों ने बताया था कि वे बच्चे के दमा का इलाज कराने सतलोक आश्रम आए थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि दमा का इलाज करने वाला रामपाल खुद दमे का शिकार है। रामपाल ने आईजी और एसपी को दिए हलफनामे में यह माना है। हलफनामे में कहा कि उसे काफी समय से दमा की बीमारी है। सांस लेने में तकलीफ होती है।
चंडीगढ़, रोहतक व हिसार के डॉक्टर नहीं पकड़ सके नब्ज
पुलिस व रामपाल के निजी कमांडों के टकराव के बाद गिरफ्तार हुए रामपाल की अभी तक करीब 6 बार मेडिकल जांच हो चुकी है। इनमें सबसे पहले रामपाल को चंडीगढ़ पीजीआई में रामपाल की स्वास्थ जांच की गई। इसके बाद रोहतक पीजीआई में जांच की गई। बाद में हिसार सिविल लाइन थाने में हिरासत में रखे गए रामपाल की हिसार सिविल अस्पताल में करीब 4 बार मेडिकल जांच हो चुकी है। लेकिन चंडीगढ़ से लेकर हिसार सिविल अस्पताल तक के सरकारी डॉक्टर रामपाल की बीमारी को नहीं पहचान सके।
पुलिस व रामपाल के निजी कमांडों के टकराव के बाद गिरफ्तार हुए रामपाल की अभी तक करीब 6 बार मेडिकल जांच हो चुकी है। इनमें सबसे पहले रामपाल को चंडीगढ़ पीजीआई में रामपाल की स्वास्थ जांच की गई। इसके बाद रोहतक पीजीआई में जांच की गई। बाद में हिसार सिविल लाइन थाने में हिरासत में रखे गए रामपाल की हिसार सिविल अस्पताल में करीब 4 बार मेडिकल जांच हो चुकी है। लेकिन चंडीगढ़ से लेकर हिसार सिविल अस्पताल तक के सरकारी डॉक्टर रामपाल की बीमारी को नहीं पहचान सके।
हरियाणा में सबसे शक्तिशाली बनना चाहता था रामपाल
सतलोक आश्रम का संचालक रामपाल प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर अनैतिक और असंवैधानिक दबाव बनाकर प्रदेश का सबसे बड़ा संत बनने की चाह रखता था। पूछताछ में रामपाल से इन बातों का खुलासा किया है। पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि वह यदि रामपाल को गिरफ्तार करने में ओर समय लग जाता तो उसे गिरफ्त में लेना मुश्किल हो जाता। क्योंकि वह प्रशासन पर अपने अनुयायियों की ओट लेकर अलग तरीके के दबाव बनाता। रामपाल ने सतलोक आश्रम के नजदीक करीब 50 एकड़ जमीन का भी सौदा किया था। पुलिस के पिछले 14 दिनों के सर्च अभियान में बीती शाम सतलोक आश्रम में बने वाटर टैंक को खाली कर लिया गया। वाटर टैंक के खाली होने के बाद चले सर्च में पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा।
सतलोक आश्रम का संचालक रामपाल प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर अनैतिक और असंवैधानिक दबाव बनाकर प्रदेश का सबसे बड़ा संत बनने की चाह रखता था। पूछताछ में रामपाल से इन बातों का खुलासा किया है। पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि वह यदि रामपाल को गिरफ्तार करने में ओर समय लग जाता तो उसे गिरफ्त में लेना मुश्किल हो जाता। क्योंकि वह प्रशासन पर अपने अनुयायियों की ओट लेकर अलग तरीके के दबाव बनाता। रामपाल ने सतलोक आश्रम के नजदीक करीब 50 एकड़ जमीन का भी सौदा किया था। पुलिस के पिछले 14 दिनों के सर्च अभियान में बीती शाम सतलोक आश्रम में बने वाटर टैंक को खाली कर लिया गया। वाटर टैंक के खाली होने के बाद चले सर्च में पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा।
बीमारी ठीक करने का तिलिस्म टूटने का डर
रामपाल ने पुलिस के सामने तो अपनी बीमारी के बारे में जाहिर कर दिया, लेकिन मेडिकल जांच के दौरान उन्होंने कभी डॉक्टरों से इस बीमारी के संबंध में कोई बातचीत नहीं की। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि रामपाल को अपनी भक्तों पर उसका बीमारी ठीक करने का तिलिस्म खत्म होने के डर के कारण खुलेतौर पर दमा की बीमारी का खुलासा नहीं किया।
रामपाल ने पुलिस के सामने तो अपनी बीमारी के बारे में जाहिर कर दिया, लेकिन मेडिकल जांच के दौरान उन्होंने कभी डॉक्टरों से इस बीमारी के संबंध में कोई बातचीत नहीं की। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि रामपाल को अपनी भक्तों पर उसका बीमारी ठीक करने का तिलिस्म खत्म होने के डर के कारण खुलेतौर पर दमा की बीमारी का खुलासा नहीं किया।
हाईकोर्ट में बताया था हार्ट की बीमारी
जब रामपाल के निजी चिकित्सक सतलोक आश्रम में उनका इलाज कर रहे थे तो उन्होंने रामपाल को दिल की बीमारी से पीड़ित होने का हवाला दिया था। सरकारी डॉक्टरों के ऑब्जरवेशन के बाद निजी चिकित्सकों ने हाईकोर्ट में भी रामपाल की दिल की बीमारी संबंधी मेडिकल रिपोर्ट पेश की थी।
जब रामपाल के निजी चिकित्सक सतलोक आश्रम में उनका इलाज कर रहे थे तो उन्होंने रामपाल को दिल की बीमारी से पीड़ित होने का हवाला दिया था। सरकारी डॉक्टरों के ऑब्जरवेशन के बाद निजी चिकित्सकों ने हाईकोर्ट में भी रामपाल की दिल की बीमारी संबंधी मेडिकल रिपोर्ट पेश की थी।
आखों की सर्जरी के बाद 60 मरीजों की गई रोशनी, डॉक्टर का अभी तक कोई सुराग नहीं
गुरदासपुर/अमृतसर. गुरदासपुर जिले में नेत्र शिविर में आए सभी
60 मरीजों की रोशनी चली गई। यहां एक एनजीओ ने मोतियाबिंद के इलाज के लिए
शिविर लगाया था। सभी मरीजों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उम्र भी 60 वर्ष
से ज्यादा है। इन मरीजों का जिले के गुमान गांव में 10 दिन पहले ऑपरेशन
हुआ था। मामला वीरवार को सामने आया जब अमृतसर के 16 बुजुर्गों ने डीसी से
एनजीओ और डॉक्टरों की शिकायत की। एनजीओ के नाम का अभी खुलासा नहीं हुआ है।
डीसी ने बताया, ‘मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। यह पता
लगाया जा रहा है कि शिविर में ऑपरेशन किसने किए।’
ये है मामला
आंखों के अस्पताल में दाखिल गगोमाहल की रहने वाली शिंदर कौर, डडीयां
निवासी प्यार कौर और अन्य के मुताबिक वह गगोमाहल में लगे कैंप में आंखों
की जांच करवाने गए थे। उसी शाम उन्हें गुरदासपुर के घुम्मान स्थित
चेरिटेबल अस्पताल में ले जाया गया गया और आॅपरेशन कर दिए गए। जब उनकी आंखों
की पट्टी खुली तो वह देख पाने के काबिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह अपना
गुजारा कैसे करेंगे। इन लोगों ने मांग की कि कैंप के आयोजकों और डाक्टरों
के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आज देंगे जांच रिपोर्ट
रोशनी चले जाने का मामले सामने आने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की पता किया जा रहा हैं। साथ ही अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. राजीव भल्ला को जांच की रिपोर्ट शुक्रवार तक सौंपने को कहा गया है।
रोशनी चले जाने का मामले सामने आने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की पता किया जा रहा हैं। साथ ही अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. राजीव भल्ला को जांच की रिपोर्ट शुक्रवार तक सौंपने को कहा गया है।
1 की बच सकती रोशनी
राम लाल आई एंड ईएनटी अस्पताल के डाॅ. अंकुर भटनागर के मुताबिक पीड़ित 1 महीने बाद उनके पास आए हैं, ऐसे में इनफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। सिर्फ 1 मरीज सविंद्र कौर की आंख की रोशनी बच सकती है।
राम लाल आई एंड ईएनटी अस्पताल के डाॅ. अंकुर भटनागर के मुताबिक पीड़ित 1 महीने बाद उनके पास आए हैं, ऐसे में इनफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। सिर्फ 1 मरीज सविंद्र कौर की आंख की रोशनी बच सकती है।
इनफेक्शन बढ़ने से गई रोशनी
कैंप में किए गए आपरेशनों के बारे में नियमानुसार सिविल सर्जन विभाग को जानकारी नहीं दी गई। आई सर्जन डा. करमजीत सिंह के मुताबिक मरीजों के आपरेशन करते वक्त प्राॅपर स्टरलाइजेशन ना किए जाने के कारण इंफेक्शन होने से आंखों की रोशनी गई है। -डॉ. राजीव भल्ला, सिविल सर्जन
कैंप में किए गए आपरेशनों के बारे में नियमानुसार सिविल सर्जन विभाग को जानकारी नहीं दी गई। आई सर्जन डा. करमजीत सिंह के मुताबिक मरीजों के आपरेशन करते वक्त प्राॅपर स्टरलाइजेशन ना किए जाने के कारण इंफेक्शन होने से आंखों की रोशनी गई है। -डॉ. राजीव भल्ला, सिविल सर्जन
मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए टीम बनाई गई हैै। पता लगाया जा रहा है कि शिविर में ऑपरेशन किसने किए। -रवि भगत, डीसी
बस में पिटाई: लड़कियों को मिलने वाले सम्मान से पलटी सरकार, ड्राइवर-कंडक्टर बहाल
फोटो- कॉलेज में परीक्षा देने जाते हुए रोहतक की पूजा और आरती।
रोहतक. चलती बस में कथित छेड़छाड़ के बाद दो बहनों की बहादुरी
मामले में नित नए मोड़ आ रहे हैं। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने भी यू-टर्न ले
लिया। खट्टर सरकार अब दोनों बहनों का गणतंत्र दिवस पर सम्मान नहीं करेगी।
यही नहीं घटना के बाद सस्पेंड ड्राइवर और कंडक्टर को भी बहाल कर दिया गया।
मामले की जांच पूरी होने से पहले ही सरकार बैकफुट पर आ गई है।
पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा, "मामला काफी
पेचीदा हो चुका है। पूरा केस लगातार हिचकोले खा रहा है। जांच पूरी होने के
बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। जो भी पक्ष निर्दोष सािबत होगा, उसका सम्मान
दिलाने के लिए सरकार बैठी है। सभी को न्याय मिलेगा।' अब सबसे बड़ा सवाल है
कि क्या सरकार ने पहले जल्दबाजी में और वाहवाही लूटने के लिए युवतियों को
26 जनवरी को सम्मानित करने का फैसला कर लिया था। जांच पूरी होने तक इंतजार
क्यों नहीं किया गया? घटना का वीडियो वायरल होने पर कृषि मंत्री ने सरकार
की ओर से सोनीपत
की दो बहनों के लिए 31-31 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। राज्य महिला
आयोग की ओर से उन्हें सम्मानित भी कर दिया गया। सरकार के मंत्री भी
युवतियों के घर हो आए।
वहीं, रोहतक के एसपी शशांक आनंद ने कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच
हो रही है। वहीं, डीएसपी यशपाल खटाना ने बताया है कि 6 गवाहों ने इस संबंध
में अपने बयान दर्ज कराए हैं। जांच पूरी होने पर रिपोर्ट के आधार पर ही
कार्रवाई की जाएगी।
तीन पक्ष : सबका दावा- वे ही सही
1. 'हमें डर नहीं, विरोध तो मोदी भी झेलते हैं '
पूजा व आरती गुरुवार को अपने पिता नरेश के साथ परीक्षा देने राजकीय गर्ल्स कॉलेज पहुंचीं। कहा, "विरोध से वो बिल्कुल नहीं डरतीं। हमारे साथ छेड़छाड़ हुई है। हम आरोपियों को सजा दिलाकर रहेंगी। लड़कों ने गलती नहीं की तो कुलदीप ने माफी क्यों मांगी। उसके पिता ने उसे पीटा क्यों?' बिजली निगम में कार्यरत नरेश ने कहा, "झूठे गवाह तैयार कर हमारे खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, क्योंकि हम पिछड़ी जाति से हैं।'
पूजा व आरती गुरुवार को अपने पिता नरेश के साथ परीक्षा देने राजकीय गर्ल्स कॉलेज पहुंचीं। कहा, "विरोध से वो बिल्कुल नहीं डरतीं। हमारे साथ छेड़छाड़ हुई है। हम आरोपियों को सजा दिलाकर रहेंगी। लड़कों ने गलती नहीं की तो कुलदीप ने माफी क्यों मांगी। उसके पिता ने उसे पीटा क्यों?' बिजली निगम में कार्यरत नरेश ने कहा, "झूठे गवाह तैयार कर हमारे खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, क्योंकि हम पिछड़ी जाति से हैं।'
2. 'अपना मोबाइल देकर खुद बनवाया था वीडियो'
भालौठ से बस में चढ़े तीसरे आरोपी दीपक ने बताया, "मारपीट के दौरान दोनों बहनों में से एक ने अपना मोबाइल देकर तीसरी लड़की से वीडियो बनवाया। गर्भवती महिला द्वारा वीडियो बनाने की बात झूठ है। वीडियो बनने के बाद उसने मोबाइल वापस लिया।' वहीं कुलदीप का कहना है कि अगर उन्होंने छेड़छाड़ की थी तो वीडियो में वो क्यों नहीं है। केवल मारपीट की ही वीडियो क्यों बनाई गई?
भालौठ से बस में चढ़े तीसरे आरोपी दीपक ने बताया, "मारपीट के दौरान दोनों बहनों में से एक ने अपना मोबाइल देकर तीसरी लड़की से वीडियो बनवाया। गर्भवती महिला द्वारा वीडियो बनाने की बात झूठ है। वीडियो बनने के बाद उसने मोबाइल वापस लिया।' वहीं कुलदीप का कहना है कि अगर उन्होंने छेड़छाड़ की थी तो वीडियो में वो क्यों नहीं है। केवल मारपीट की ही वीडियो क्यों बनाई गई?
3. ड्राइवर-कंडक्टर बोले-हम बस को पुलिस चौकी ले जाने के लिए तैयार थे, लेकिन लड़कियां बोलीं- बस देखते जाओ
बहाली के बाद रोडवेज बस चालक बलवान और परिचालक लाभ सिंह ने कहा, "जब घटना हुई तब हमने लड़के और लड़कियों को समझाया। पुलिस चौकी में बस ले जाने और 100 नंबर पर कॉल करने की बात कही, लेकिन लड़कियां बोलीं, "वे पहले ही 1091 नंबर पर फोन कर चुकी हैं। बस देखते जाओ।'
बहाली के बाद रोडवेज बस चालक बलवान और परिचालक लाभ सिंह ने कहा, "जब घटना हुई तब हमने लड़के और लड़कियों को समझाया। पुलिस चौकी में बस ले जाने और 100 नंबर पर कॉल करने की बात कही, लेकिन लड़कियां बोलीं, "वे पहले ही 1091 नंबर पर फोन कर चुकी हैं। बस देखते जाओ।'
सीएम से मिले आरोपी युवकों के परिजन, केस रद्द कर लड़कियों के खिलाफ एफआईआर की मांग
रोडवेज बस में दो बहनों के साथ छेड़छाड़ का मामला बड़े स्तर पर बहस का
मुद्दा बन चुका है। लड़कियां अपने आरोपों पर अडिग हैं तो आरोपी लड़के खुद
को बेकसूर बता रहे हैं।
सच्चाई क्या है और दोनों पक्षों में कौन झूठ बोल रहा है। इसका फैसला
तो जांच के बाद होगा, लेकिन कई मुद्दे और सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब न तो
लड़कियों के पास हैं और न आरोपी पक्ष के पास। बस में छेड़छाड़ की वीडियो
वायरल क्या हुई, सरकार ने तमाम सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं ने आनन -फानन
में दोनों बहनों की वीरांगना का दर्जा दे सम्मानित करने का फैसला ले लिया।
वहीं बस में घटना के दौरान के चश्मदीद लोगों ने लड़कों को निर्दाेष
बताया तो दोनों बहनों के आरोपों पर सवाल उठने लगे। लड़कियों के पिता ने खुद
को पिछड़ी जाति का बता रसूखदारों द्वारा उनके खिलाफ भूमिका बनाने का आरोप
लगाया तो वहीं आरोपी लड़कों के पक्ष में ग्रामीणों ने सीएम से मुलाकात कर
मामले को झूठा बताते हुए केस रद्द कराने की मांग की।
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