दोस्तों आप माने या ना माने लेकिन परिस्थितियां मुंह से बोलती है और इसीलिए यह साबित होने लगा है के भारत को कांग्रेस मुक्त करने का नारा देने वाले ,,आदरणीय नरेंद्र मोदी हो सकता है श्रीमती सोनिया गांधी को हटाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाए ,, नरेदंर मोदी भाजपा और भाजपा सरकार का कांग्रेसीकरण कर चुके है ,,,,उन्होंने जो नारे दिए थे ,,,उन्होंने जो वायदे किये थे ,,उन्होंने जो बाते की थी वोह सब भूल गए है और देश चलाने के लिए कांग्रेस की नीतियों का झंडा हाथ में रहकर कांग्रेस का अनुसरण कर सभी कांग्रेस की नीतियों और फैसलों को ज़िंदाबाद कह रहे है ,,,,जी हाँ दोस्तों सियासी पार्टी कांग्रेस पार्र्टी का गांधी को समर्पित विधान है इसीलिए नरेदंर मोदी ने सर सरदार पटेल को भुलाकर महात्मा गांधी को ज़िंदाबाद कर दिया ,,,,,,कांग्रेस ने कालेधन वालों को बचाया उनके नाम आम जनता से छुपाये ,,,नरेंद्र मोदी ने भी जनता से वायदा करने के बाद कांग्रेस की इस नीति को लागू करते हुए जनता को ना तो कालेधन के लोगों का नाम बताया ना ही कला धन वापस आया ,,,,कांग्रेस ने बेईमान चोर लुक्के लोगों को मंत्री बनाया था ,,नरेदंर मोदी ने ऐसे आरोपियों को कभी सरकार में नहीं लेने का सैद्धांतिक वायदा जनता से किया था लेकिन आज भाजपा सरकार में कई अपराधी मंत्री बने बैठे है ,,,कांग्रेस ने चीन और पाकिस्तान की घुसपैठ पर चुप्पी साधी थी ,,नरेंद्र मोदी ने जतना से वायदा किया था के हम चीन और पाकिस्तान की सारी घुसपैठ खत्म करेंगे लेकिन देखो आज चीन और पाकिस्तान के तेवर खतरनाक है और नरेंद्र मोदी कोंग्रेसियों की तरह भीगी बिल्ली बने है ,,,,,कांग्रेस के वक़्त कांग्रेस के प्रधानमंत्री नेता उद्योगपतियों की गुलामी करते थे उनके आगे नतमस्तक होते थे ,,,नरेंद्र मोदी ने कहा था के ऐसा नहीं होगा उद्योगपतियों के प्रभाव से जनता को मुक्त किया जाएगा लेकिन आज वोह खुद कोंग्रेसी नीतियों के तहत उद्योगपतियों खासकर महिलाओं के आगे दण्ड़वत्त नतमस्तक होकर कांग्रेस की नीतिया अपना रहे है ,,,,कांग्रेस के प्रधानमंत्री भारत से जब बाहर जाते थे तो नरेंद्र मोदी कहते थे देश की प्रमुख समस्याओं से मुंह मोड़ कर देश के कोंग्रेसी नेता विदेशों में मस्ती मार रहे है ,,,,नरेंद्र मोदी ने भी यही किया कहीं जाकर ड्रम बजाया ,,तो कहीं जाकर बच्चों के कान खेंचे तो कहीं जाकर भारत का चंदन मुफ्त में घिसा ,,,,,,नरेदंर मोदी ने कहा था के भारत में आधार कार्ड की ज़रुरत नहीं है ,,,सुप्रीमकोर्ट ने भी इस पर मोहर लगाई थी ,,लेकिन जब अमेरिका ने कांग्रेस की तरह मोदी को लताड़ पिलाई और कहा के हमे हर हाल में सभी भारतियों की आँखे ,,,अंगूठों के निशान चाहिए तो बस मोदी अमेरिका के हो गए और आज आधार कार्ड को गैर ज़रूरी होने पर भी फिर ज़रूरी कर दिया गया ,,,,कांग्रेस ने रेल का किराया बढ़ाने का फैसला किया नरेंद्र मोदी ने विरोध किया सत्ता में आते ही सबसे पहला काम रेल का किराया बढ़ाने का किया ,,,नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों और भारत में पेट्रोल की निर्धारित कीमतों में असंतुलन बताते हुए कांग्रेस की आलोचना की लेकिन आज कांग्रेस की नीतियों से भी आगे चलकर नरेंद्र मोदी उस अनुपात में पेट्रोल डीज़ल की कीमते कम नहीं कर रहे है उलटे चोर दरवाज़े से सरकारी टैक्स लगा दिए गए है ,,,नरेंद्र मोदी ने गैस की सब्सिडी खत्म करने पर हाहा कार मचाया था आज वही नरेंद्र मोदी इस फैसले को लागू कर रहे है ,,,नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की उस नीति का भी विरोध किया था जिसमे सब्सिडी उपभोक्ता में सीधे खाते में डालने का फैसला था लेकिन आज इसी फैसले को नरेंद्र मोदी ज़िंदाबाद कर रहे है ,,वायदा व्यापारियों ,,कालाबाजारियों ,,,भ्रष्ट लोगों को संरक्षण देने का मोदी का विरोध था लेकिन आज फिर व्ही लोग मोदी सरकार में ज़िम्मेदार है , ,,,,कांग्रेस की हर नीति ,,हर आदेश ,,हर निर्देश हर आदेश नरेंद्र मोदी लागू कर रहे है ऐसा लगता है कांग्रेस के वक़्त देश में चुप रहने वाले मनमोहन सिंह थे और अब भाजपा के वक़्त देश में बोलने वाले भाषण देने वाले मनमोहन सिंह के रूप में नरेंद्र मोदी इनकी भूमिका उन्ही नीतियों के साथ निभा रहे है ,,,,,,,फ़र्क़ है तो सिर्फ इतना वंशवाद की जगह मित्रवाद को जगह दी गई है ,,,,,,,,,,स्मृति ईरानी हो चाहे अमित शाह ,,अरुण जेठली या फिर कोई और सभी मित्र है जिन्हे आउट ऑफ़ टर्न क्रूसी दी गयी है ,,,,,,कांग्रेस के वक़्त मुस्लिमों पर हमले होते थे ,,उनके घर जलाये जाते थे ,,उन्हें आतंकवादी बताकर टाडा ,,पोटा में बंद किया जाता था ,,,मुस्लिम समाज के लोगों को कांग्रेस के ही मंत्रियों और नेताओां द्वारा आतंकवादी बताकर बदनाम किया जाता था अब नरेंद्र मोदी के राज में ऐसा नहीं हो रहा है उलटे नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर मुसलमानो को राष्ट्रभक्त बता रहे है जो कांग्रेस ने कभी नहीं कहा ,,,,,,,,तो दोस्तों एक आध अपवाद है तो क्या सच तो यही है न के नरेंद्र मोदी ने भाजपा का भाजपा की नीतियों का कांग्रेसीकरण कर दिया है ,,,,,,,,,फिर बताइये देश और देश का भविष्य कैसे बदलेगा ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 दिसंबर 2014
इंडोनेशिया में गैर-मुस्लिमों पर आफत, शरिया के तहत दी जा रही सजा
फोटो: नए कानून के मुताबिक ड्रेस कोड का पालन न करने मोटरसाइकिल पर
जाते परिवार को पर रोकते पुलिसकर्मी। इस्लामिक कानून में कसे पैंट पहनने
पर पाबंदी है।
बंदा अचेह। इंडोनेशिया के रूढ़िवादी प्रांत अचेह में अब
मुस्लिमों और गैर मुस्लिमों दोनों को समान रूप से सख्त इस्लामिक कानून के
तहत जिंदगी जीनी पड़ रही है। मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश इंडोनेशिया के 34
राज्यों में से ये अकेला ऐसा राज्य है, जिसने पूरी सख्ती के साथ नया
इस्लामिक कानून लोगों पर थोप दिया है। अचेह में इस्लामिक कानून 2001 से ही
लागू है, लेकिन सितंबर में इस धार्मिक दंड संहिता को सभी धर्म के लोगों पर
लागू कर दिया गया। लिहाजा अब प्रांत में रह रहे सभी 90 हजार गैर-मुस्लिम भी
इसके नतीजे झेल रहे हैं।
रेप, समलैंगिक कृत्य और विवाह से पहले के संबंध के मामले अब इस्लामिक
कोर्ट के दायरे में आ गए हैं और कोर्ट द्वारा इसके लिए सजा सुनाई जाएगी।
सार्वजनिक तौर पर मारपीट करने पर भी सजा है। इसके साथ ही एल्कोहल खरीदने या
ले जाने पर 10 बेंत मारने, 10 महीने की कैद या फिर 100 ग्राम सोने का
जुर्माना देने समेत दोषी को कई तरह की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस कानून को लेकर चिंता जाहिर
की है और अचेह में बेंत या उससे बने सामान पर रोक लगाने की मांग की है।
एमनेस्टी ने इस मानवाधिकार उल्लंघन और प्रताड़ना को अंतरराष्ट्रीय कानून के
खिलाफ बताया है। साथ ही, इसे इंडोनेशिया के कानून के भी खिलाफ बताया है।
इस कानून के लागू होने के बाद अब सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक
कानून का गैर-मुस्लिमों समेत ईसाइयों पर थोड़ा प्रभाव भी पड़ा है।
हालांकि, कैथोलिक चर्च के पादरी हरमनस सहर का कहना है कि अब तक शरीया
कानून का उल्लंघन करने पर किसी भी कैथोलिक को सजा नहीं मिली है और वो
उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी ऐसा ही हो। शरिया कानून लागू होने के तीन
महीने बाद यहां हम अचेह की कुछ तस्वीरें दिखा रहे हैं, जो यहां इस कानून
के असर को दिखा रही हैं।
परंपरा: स्त्रियां पायल क्यों पहनती हैं, जानिए इसकी असली वजह
उज्जैन। किसी भी स्त्री के पैरों की सुंदरता में पायल चार चांद
लगा देती है। स्त्रियों के सोलह श्रृंगार में पायल भी शामिल है। आमतौर पर
यही माना जाता है कि पायल स्त्रियों के लिए श्रृंगार की वस्तु है, लेकिन
इससे कई अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। पायल से प्राप्त होने वाले फायदों
के विषय में काफी कम लोग ही जानते हैं। आमतौर पर पायल के संबंध में मान्यता
है कि इसकी आवाज से दैवीय शक्तियां आकर्षित होती हैं और घर पर कृपा बनाए
रखती हैं। यहां जानिए पुरानी मान्यताओं के अनुसार स्त्रियां पायल क्यों
पहनती हैं और इससे क्या लाभ प्राप्त होते हैं...
पायल के संबंध में ये है पुरानी मान्यता
प्राचीन समय से ही हर स्त्री के लिए पायल पहनना अनिवार्य परंपरा के
रूप में प्रचलित है। कई घर-परिवार ऐसे हैं, जहां विवाह के बाद स्त्री को
पायल के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। पुराने समय में
पायल की छम-छम की आवाज एक संकेत का काम करती थी। उस काल में जब घर-परिवार
के सभी सदस्य या अन्य लोग किसी स्थान पर बैठे होते थे और उस समय पायल की
आवाज आती थी तो वे समझ जाते थे कि वहां कोई स्त्री आ रही है। इस संकेत के
बाद वे सभी व्यवस्थित हो जाते थे।
पुराने समय में विवाह के बाद पति के घर में स्त्री के लिए कहीं
आने-जाने की पूरी स्वतंत्रता नहीं होती थी। साथ ही, वह किसी से खुलकर बात
भी नहीं कर पाती थी। ऐसे में जब वह घर में कहीं आती-जाती तो बिना उसके बताए
भी पायल की आवाज से सभी सदस्य समझ जाते थे कि उनकी बहू वहां आ रही है या
कहीं जा रही है।
पायल की आवाज से दूर होती हैं नकारात्मक ऊर्जा
पायल की आवाज किसी का भी ध्यान तुरंत ही आकर्षित कर लेती है। जब कोई
लड़की पायल पहनकर चलती है तो पायल से निकलने वाला स्वर किसी संगीत से कम
प्रतीत नहीं होता। पायल की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का असर कम हो
जाता है और सकारात्मक शक्तियों को बल मिलता है। घर में सकारात्मक वातावरण
निर्मित होता है। वातावरण की पवित्रता बढ़ती है।
मान्यता है कि जिस घर से पायल की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं
की विशेष कृपा रहती है। इसी कारण महिलाओं के लिए पायल पहनना अनिवार्य माना
गया है।
रोहतक की बहनों का एक और शिकार सामने आया
फोटो- रोहतक की बहादुर बहनों की 'जांबाजी' का शिकार युवक सुमित और उनके परिजन।
खरखौदा (सोनीपत). देशभर सुर्खियां बटोरने वाली सोनीपत
की 'मर्दानी' बहनों की "बहादुरी' पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। उनकी
"जांबाजी' का शिकार एक और युवक सामने आया है। गांव सिसाना के सुमित और उनके
परिजन शुक्रवार को मीडिया में आए। अपनी आप बीती सुनाई।
सुमित के पिता रामफूल ने बताया, "करीब छह माह पहले दोनों बहनों ने मेरे बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जबकि उस वक्त उस बस में मेरा बेटा था भी नहीं। मामले की जांच रोहतक पुलिस ने की थी। हम शरीफ लोग आरोपों से इतने आहत हुए कि सुमित का कॉलेज भी छुड़ा दिया। उस समय हमने दोनों बहनों को 20 हजार रुपए देकर अपना पीछा छुड़ाना ही बेहतर समझा।'
सुमित के पिता रामफूल ने बताया, "करीब छह माह पहले दोनों बहनों ने मेरे बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जबकि उस वक्त उस बस में मेरा बेटा था भी नहीं। मामले की जांच रोहतक पुलिस ने की थी। हम शरीफ लोग आरोपों से इतने आहत हुए कि सुमित का कॉलेज भी छुड़ा दिया। उस समय हमने दोनों बहनों को 20 हजार रुपए देकर अपना पीछा छुड़ाना ही बेहतर समझा।'
सुमित ने बताया, "गांव के स्कूल से मैंने इसी साल 64 प्रतिशत अंकों के
साथ 12वीं की परीक्षा पास की थी। रोहतक के जाट कॉलेज में बीए में दाखिला
लिया। एक दिन किसी काम से कॉलेज से जल्दी वापस आ गया। अगले दिन जब गया तो
पता चला कि उन्हीं दोनों लड़कियों ने पुलिस में शिकायत देकर मुझ पर छेड़छाड़
का आरोप लगाया है। मैं अपने पिता के साथ थाने पहुंचा। लड़कियां अड़ी रही।
हमें मजबूरन 20 हजार रुपए देकर राजीनामा करना पड़ा। सब लड़कियों की बातों काे
सच मान रहे थे, इसीलिए पैसे देकर समझौता किया।'
सुमित व उसके पिता रामफूल का कहना है कि तीन लड़के बेकसूर हो सकते हैं। क्योंकि सुमित पर भी झूठे आरोप लगाए गए थे। पिता-पुत्र कोर्ट में भी गवाही देने को तैयार हैं। वहीं लड़कियों के पिता राजेश का कहना कि कुछ लोग मामले से ध्यान हटाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। ग्रुप बनाकर उन्हें और उनके परिवार को दबाना चाहते हैं। सुमित ने उस समय मांफी मांगी थी। अब झूठी कहानी रच रहा है। उसको कोर्ट में केस कर जवाब दिया जाएगा।
यूपी के राज्यपाल बोले- बिजली चोरों की हो जूतों से पिटाई
फोटो: कार्यक्रम में राज्यपाल को सम्मानित करते मुख्य सचिव आलोक रंजन।
लखनऊ. यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने शुक्रवार को विवादित बयान
दिया। उन्होंने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बिजली चोरों को
जूतों से मारना चाहिए। उन्होंने कहा, 'बिजली चोर को फांसी मत दो, पर फांसी
के फंदे पर जूते मारो। मुझे लगता है कि ये अपने आप में अच्छी बात है।'
बॉल ढूंढ़ने झील में उतरा गोल्फर तो मगरमच्छ ने बनाया निवाला, दांतों से निकाला गया शव
जोहानिसबर्ग. दक्षिण अफ्रीका के एक पार्क में झील में गेंद
तलाशने उतरे एक गोल्फर को मगरमच्छ खा गया। गोल्फर की लाश निकालने के लिए
मगरमच्छ को मारना पड़ा। गोल्फर का शव मगरमच्छ के दांतों में फंसा हुआ था।
खास बात यह है कि इस मगरमच्छ की पार्क के अधिकारियों द्वारा ही देखरेख की
जाती थी।
घटना जोहानिसबर्ग के क्रूगर नेशनल पार्क के लेक पैनिक नाम की झील में
हुई। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 29 साल के गोल्फर जैक्स वैन डेर
सैंड सैंड ने हादसे के वक्त शराब पी हुई थी और वह लेक में अपनी गोल्फ बॉल
ढूंढते हुए कूद पड़े थे। इसी दौरान उस चार मीटर लंबे मगरमच्छ ने उन्हें
पकड़़ लिया। बाद में नेशनल पार्क के अधिकारियों ने गोल्फर के मारे जाने की
पुष्टि की। क्रूगर नेशनल पार्क के अधिकारी डेनी पिएनार ने बताया, "जैक्स का
शरीर मगरमच्छ के मुंह में था। जहां घटना हुई, वह पूरी तरह से सार्वजनिक
स्थान था और हमें भी पता नहीं था कि मगरमच्छ के साथ कुछ परेशानी है।"
कोर्ट में वकीलों ने पूर्व सांसद को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, कपड़े भी फाड़ डाले
फोटो: वकीलों ने न केवल पूर्व सांसद की जमकर पिटाई की, बल्कि उनके कपड़े तक फाड़ डाले
लखनऊ. शुक्रवार को कोर्ट में पूर्व सांसद और व्यापारी नेता
बनवारी लाल कंछल को वकीलों ने जमकर पिटाई की। यहां तक कि लखनऊ कचहरी में
वकीलों ने कंछल के कपड़े फाड़ कर नंगा तक कर डाला। किसी तरह उन्होंने
बनियान लपेट कर अपनी इज्जत बचाई। इस घटना की वजह बीते महीने अमीनाबाद
प्लाइवुड की जमीन कब्जा करने को लेकर वकीलों से उनका विवाद बताया जा रहा
है, क्योंकि वे मामले को राजनीतिक रंग दे रहे थे। हालांकि, सबसे
चौंकाने वाली बात यह है कि कोर्ट परिसर में तैनात पुलिस और प्रशासन के लोग
इस घटना को मूकदर्शक बनकर देखते रहे। वहीं, इस घटना से गुस्साए
व्यापारियों ने शनिवार को लखनऊ बंद का एलान किया है।
बताते चलें कि जब वकील कोर्ट में तांडव मचा रहे थे तो मौके पर तैनात
जिम्मेदार लोग वहां से अपनी नजरें बचाकर निकल रहे थे। इस दौरान किसी ने
बीच-बचाव भी नहीं किया। बाद में मामले की जानकारी 100 नंबर पर पुलिस को दी
गई। हालांकि, जब तक पुलिस पहुंचती वकीलों ने बनवारी लाल कंछल की जमकर
धुनाई कर दी थी। वह अपने बनियान को लपेटे हुए बड़ी मुश्किल से कोर्ट परिसर
से बाहर निकले।
पेशी पर गए थे पूर्व सांसद कंछल
बनवारी लाल कंछ्ल बीते 17 नवंबर को वकीलों से हुए विवाद के मामले में
ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट तृतीय के यहां शुक्रवार को पेशी पर अपना बयान दर्ज
करवाने गए थे। कंछल के अनुसार, बयान दर्ज कराकर जब वह निकल रहे थे तो
विपक्षी वकीलों के गुट ने उन्हें रोक लिया और गाली-गलौच शुरू कर दिया। जब
उन्होंने इसका विरोध किया तो वकील उन पर टूट पड़े और जमकर पिटाई कर दी। इसके
साथ ही वकीलों के एक गुट ने उनकी गाड़ी पर भी जमकर पथराव किया और सारे शीशे
तोड़ डाले। किसी तरह वह नंगे ही जान बचाकर भागते हुए शास्त्री नगर स्थित
अपने घर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
कपड़े फाड़ कर किया नंगा
पीड़ित पूर्व सांसद के अनुसार, वकीलों का मन पिटाई के बाद भी नहीं
भरा तो सभी ने उनके कपड़े फाड़ते हुए उन्हें नंगा कर दिया। बड़ी मुश्किल से
उन्होंने अपने बनियान से अपनी इज्जत बचाई।
फोटो: पिटाई के बाद पूर्व सांसद कंछल को बीच सड़क पर बनाया मुर्गा।
वकीलों के चंगुल में फंसे बनवारी लाल कंछ्ल खुद को आजाद करने की गुहार
लगाते रहे, लेकिन वकीलों ने उनकी एक भी नहीं सुनी। उन्हें पीटते हुए
मुर्गा बनाया। इसके बाद पैरों के जूते उतरवाए। फिर एक दो वकीलों के दखल के
बाद कंछल वहां से किसी तरह भागे।
नौ नामजद सहित 34 लोगों पर दर्ज मामला
घटना के बाद बनवारी लाल कंछ्ल ने नौ नामों सहित सहित 34 लोगों के
खिलाफ केस दर्ज करवाया है। इनमें मुख्य रूप से अभय यादव, शशांक सिंह
तोमर, जनार्दन बाजपेयी, शशिकांत, शरद कुमार, मनोज, धनराज और साकेत हप्ता के
अलावा 26 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
लाखों के हूजूम के नेता कहे जाने वाले पूर्व सांसद बनवारी लाल कंछल को
वकीलों ने जमकर पिटाई तो की ही, साथ ही उनका कपड़ा फाड़कर नंगा कर दिया।
किसी तरह वह अपनी बनियान से इज्जत बचाकर कचहरी से अकेले बाहर निकल रहे
थे। इस दौरान उनकी आंखों में अपमान का दर्द साफ झलक रहा था। वह फफक कर रो
रहे थे। वहां मौजूद लोग उन्हें ऐसे देख रहे थे मानो वह कंछल हैं ही नहीं,
जबकि इनके पीछे लाखों का हुजूम चलता था।
कौन हैं बनवारी लाल कंछल
बनवारी लाल कंछल व्यापारियों के पुराने नेता हैं। व्यापारियों के
अलावा वैश्य समाज पर भी उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी। इसी के चलते
समाजवादी पार्टी की नाव पर सवार होकर वे 2007 में राज्यसभा तक पहुंच गए।
हालांकि, आजकल उनका समय कुछ अलग ही चल रहा है। वह किसी भी राजनीतिक दल में
नहीं हैं। अभी कुछ महीने पहले ही बसपा ने उन्हें बाहर कर दिया है। अपने
खोए जन समर्थन को पाने के लिए ही वह इस समय व्यापारियों के हर मामले में
दखल देते हैं। बहरहाल, उन्हें एक राजनीतिक दल की तलाश है जिसके सहारे वह
किसी तरह राजनीति की सीढ़िया चढ़ सकें। व्यापारियों के आंदोलन में बढ़-चढ़कर
हिस्सा लेने वाले कंछल की एक समय सभी राजनीतिक पार्टियों में बहुत पूछ थी।
पाला बदलने के माहिर खिलाड़ी हैं कंछल
नाम और शोहरत हासिल करने के बाद भी बनवारी की महत्वाकांक्षा कभी
समाप्त नहीं हुई। यही वजह थी कि उनके नेता बनने के तौर-तरीक़ों पर उनके
संगी-साथी और व्यापारी समय-समय पर तरह-तरह के सवाल उठाते
रहे। हालांकि, एक-एक कर उन्होंने सभी दलों का मुंह देख लिया। हाल ही में
अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कंछल ने कहा था कि उनकी आस्था सपा के साथ है
और सपा प्रमुख से बातचीत हो चुकी है। मुलायम सिंह के बुलावे पर वह कभी भी
सपा में जा सकते हैं, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि मुलायम सिंह यादव भी इस बात को नहीं भूले होंगे कि 17 अप्रैल 2009 को कंछल ने उस समय सपा का साथ छोड़ा था जब सपा संकट के दौर से गुज़र रही थी।
कंछल उस समय राज्यसभा के सदस्य थे। मुलायम सिंह ने ही उन्हें वहां तक
पहुंचाया था, लेकिन कंछल ने मुलायम सिंह के सारे अहसानों पर पानी फेर दिया
और मुलायम की दुश्मन नंबर वन मायावती से जा मिले। राज्यसभा सदस्यता से भी
उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। कंछल को उम्मीद थी कि बसपा भी उन्हें राज्यसभा
भेज देगी। इसके लिए उन्होंने सौदेबाज़ी भी की। हालांकि, उनकी करतूतों से
तंग आकर बसपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद एक सजातीय
केंद्रीय मंत्री के ज़रिए उन्होंने कांग्रेस में घुसपैठ का प्रयास किया,
लेकिन वहां भी विरोध शुरू हो गया। कांग्रेस में घुसपैठ के लिए उन्होंने
केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल और कई नेताओं को अपने समारोह में
बुलाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इस मामले की जानकारी होते ही शहर के तमाम व्यापारी जमा हो गए और जमकर
हंगामा किया। व्यापारियों का कहना है कि इस अपमान को वे सहन नहीं करेंगे।
इसका बदला लेंगे। इसके बाद देर शाम व्यापारियों ने रकाबगंज में विरोध
में प्रदर्शन किया। साथ ही हजरतगंज में मशाल जुलूस निकाला।
शनिवार को लखनऊ रहेगा बंद
व्यापार मंडल ने कंछल पर हुए हमले के विरोध में शनिवार को लखनऊ बंद का
ऐलान किया है। इसके अलावा सभी व्यापारी हजरतगंज में गांधी प्रतिमा पर इस
हमले के विरोध में धरना देकर अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे। अखिल भारतीय
व्यापार मंडल के नेताओं ने कार्यकारिणी के सभी नेताओं के एक स्वर में सुर
उठ रहे हैं कि यदि शनिवार तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो फिर
राष्ट्रव्यापी बंद का आयोजन किया जाएगा।
क्या कहती है पुलिस
मामला संज्ञान में आने के बाद एएसपी पश्चिम और एसओ वजीरगंज अभिनव सिंह
पुंढीर उनके घर पहुंचे औएर उन्हें पुलिस सुरक्षा में बलरामपुर अस्पताल
मेडिकल के लिए लेकर आए। एसओ पुंढीर ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है
और जांच की जा रही है।
अमीनाबाद के हिवेट रोड पर एक दुकान है जिसके मालिक अमित अग्रवाल हैं।
अमित के मुताबिक, उन्होंने अपनी दुकान सूरज को किराए पर दी थी, लेकिन करीब
चार माह पूर्व उसने दुकान बंद कर दी थी। उसन दुकान का किराया भी नहीं दिया
था। उधर, उक्त दुकान का ताला खोलकर एक व्यक्ति धनराज बाजपेई अपने
साथियों संग अंदर दाखिल हो गए। दुकान में धनराज और उनके साथी वकीलों के
दाखिल होने की सूचना मिलने पर अमित अग्रवाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने धनराज
से बात की तो पता चला कि सूरज ने दुकान का एग्रीमेंट उनके नाम पर किया है।
इसी बात को लेकर अमित अग्रवाल और धनराज के बीच विवाद शुरू हो गया।
अमित के मुताबिक, दुकान मेरी है ऐसे में सूरज किसी और को एग्रीमेंट कैसे कर
सकता है। वहीं धनराज का पक्ष था कि एग्रीमेंट उसके नाम है, इसलिए दुकान पर
उसका हक है। इसे लेकर अमित और धनराज के बीच काफी देर तक कहासुनी होती रही।
इस बीच अमित ने उनकी दुकान पर वकीलों द्वारा जबरन कब्जा किए जाने की सूचना
व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को दी।
इसके बाद राष्ट्रीय व्यापर मंडल के अध्यक्ष और पूर्व बनवारी लाल कंछल
समेत भारी तादाद में व्यापारी मौके पर पहुंच गए और वकीलों का विरोध करने
लगे। देखते ही देखते संख्या बल में अधिक व्यापारियों ने वकीलों की पिटाई कर
दी थी। विवाद के बाद पहुंची पुलिस ने अमित अग्रवाल की तहरीर पर शशिकांत
बाजपेई, धनराज बाजपेई और शक्ति गुप्ता के खिलाफ बलवा करने और लूट की धारा
में मामला दर्ज किया था। दूसरी तरफ धनराज की तहरीर पर अमित अग्रवाल, लल्लू,
अमरनाथ मिश्रा, हरशिचन्द्र, गोविन्द और बनवारी लाल कंछल के खिलाफ बलवा और
मारपीट की धारा में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
निमोनिया पीड़ित 2 माह की बच्ची को तांत्रिक ने गर्म हंसिए से 50 बार दागा
(बेटी शिवानी को इलाज के दौरान गोद में लिए मां सोमवीत।)
शिवपुरी | सेसईपुरा की दो माह की मासूम बेटी शिवानी को
निमोनिया था। मां सोमवती उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय बैराड़ के
एक तांत्रिक के पास ले गई। तांत्रिक ने बच्ची के पेट पर गर्म लोहे के
हंसिया 50 से ज्यादा बार दागा। घटना गुरुवार की है।
गंभीर हालत में है बच्ची
घर ले जाने के बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी तो मां उसे शुक्रवार को जिला अस्पताल लेकर पहुंची। अस्पताल में वह ऑक्सीजन पर है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
मां बोली-सास के सामने कैसे बोलती
मां सोमवती ने कहा कि सास छोटी बाई ने कहा था कि बच्ची को तांत्रिक को दिखवा लो। वो गर्म हंसिया से दाग देगा तो वह ठीक हो जाएगी। मैं उनके सामने अपना मुंह कैसे खोलती। तांत्रिक ने बेटी को 50 बार दागा।
कश्मीर: पहली बार 14 घंटे में 4 हमले, आतंक वहीं जहां होनी है वोटिंग और मोदी की रैली
फोटो- बारामूला के उरी सेक्टर में शुक्रवार को मुठभेड़ के बाद सेना
का सर्च अभियान। इलाका सरहद से दो किमी दूर है। मारे गए आतंकी पाक से आए
थे।
श्रीनगर/नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर
में आतंकियों ने शुक्रवार को बड़ा हमला किया। तड़के 3 से शाम 5 बजे के बीच 4
जगहों पर फायरिंग की, ग्रेनेड फेंके। इन हमलों में 11 जवान शहीद हुए हैं
जबकि आठ आतंकवादियों को भी मार गिराया गया। आतंकवाद शुरू होने (1989) के
बाद पहली बार एक दिन में इतने हमले हुए हैं। जिन जगहों पर आतंकियों ने हमले
किए वहां अभी वोटिंग होनी है। इनमें से एक श्रीनगर के सौरा इलाके में 8
दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
की रैली है।खुफिया एजेंसियों ने कहा कि पाक की बॉर्डर एक्शन टीम ने रेकी
की थी। सेना को इसकी सूचना भी दी गई थी। इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने
पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि तुमसे आतंकी नहीं संभल रहे तो हमें
कहो।
हमले वहीं जहां अब वोटिंग होनी है...
1. बारामूला का उरी सेक्टर
तड़के 3.10 बजे : 11 शहीद, 6 आतंकी मार गिराए। कैंप में सोते
हुए जवानों पर हमला। ले. कर्नल संकल्प कुमार (पंजाब रेजीमेंट) और जेसीओ
समेत सेना के 8 जवान और पुलिस के 3 सिपाही शहीद। मुठभेड़ 11 घंटे चली। 32
ग्रेनेड, 6 एके-47, 55 मैगजीन, बरामद। यहां वोटिंग 9 दिसंबर को।
2. श्रीनगर का सौरा इलाका
दोपहर 2.30 बजे : 2 आतंकी ढेर, दोनों कार में थे। नाके पर रोका तो फायरिंग की। पुलिस ने पीछा कर मार गिराया। यहां 8 को मोदी की रैली, 14 को वोटिंग।
दोपहर 2.30 बजे : 2 आतंकी ढेर, दोनों कार में थे। नाके पर रोका तो फायरिंग की। पुलिस ने पीछा कर मार गिराया। यहां 8 को मोदी की रैली, 14 को वोटिंग।
3. पुलवामा का तराल
दोपहर 3.15 बजे: 1 की मौत, 12 घायल, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार पर ग्रेनेड से हमला। एक की मौत। 12 घायल। आतंकी फरार। यहां 9 को वोटिंग होनी है।
दोपहर 3.15 बजे: 1 की मौत, 12 घायल, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार पर ग्रेनेड से हमला। एक की मौत। 12 घायल। आतंकी फरार। यहां 9 को वोटिंग होनी है।
4. शोपियां का पुलिस पोस्ट
शाम 5.15 बजे: कोई घायल नहीं आतंकियों ने पोस्ट पर ग्रेनेड फेंका और फरार हो गए। यहां 14 को मतदान है।
शाम 5.15 बजे: कोई घायल नहीं आतंकियों ने पोस्ट पर ग्रेनेड फेंका और फरार हो गए। यहां 14 को मतदान है।
अभी ही हमला क्यों...
1. 27 साल बाद जबरदस्त वोटिंग: दो दौर के चुनाव में 71% वोटिंग हुई है। 27 साल पहले ऐसी वोटिंग हुई थी। आतंक के दौर शुरू होने से पहले।
2. हाफिज का उकसाना: लाहौर में आतंकी हाफिज सईद सम्मेलन कर रहा है। उसने कहा कि भारत बर्बाद होगा। कश्मीर उसका दरवाजा होगा।
3. भाजपा की जीत का अंदेशा : माेदी के कश्मीर दौरे। भारी मतदान को भाजपा के पक्ष में देखा जा रहा है। इससे भी आईएसआई में हड़कंप है।
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