(परिवार के साथ ले. कर्नल संकल्प कुमार की फाइल फोटो)
रांची. जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में शहीद होने वालों
में से पंजाब रेजिमेंट के ले. कर्नल संकल्प कुमार 12 दिसंबर को कर्नल
बनने वाले थे। पिता एस.के. शुक्ला ने बताया कि संकल्प ने दो दिन पहले अपनी
मां से फोन पर बात की थी। कहा था कि कर्नल बनते ही वे घर आएंगे।
...ऐसे हुए शहीद
संकल्प आर्मी की एक दूसरी टुकड़ी को सपोर्ट देने उरी सेक्टर जा रहे थे। लेकिन उरी में आतंकी हमले की सूचना मिलने के बाद वह जिप्सी में अपने तीन साथियों के साथ आतंकियों से लोहा ले रहे साथियों का साथ देने के लिए रवाना हुए। वह नेशनल हाईवे पर ही थे कि घात लगाए आतंकियों ने उनकी जिप्सी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। संकल्प वहीं शहीद हो गए। उनके साथ दो अन्य जवान भी वीर गति को प्राप्त हुए, जबकि एक जवान गंभीर रुप से जख्मी हो गया। शुक्रवार सुबह करीब छह बजे संकल्प की पत्नी प्रिया को 24 पंजाब रेजिमेंट के सीओ ने फोन पर पति के शहादत की खबर दी।
संकल्प आर्मी की एक दूसरी टुकड़ी को सपोर्ट देने उरी सेक्टर जा रहे थे। लेकिन उरी में आतंकी हमले की सूचना मिलने के बाद वह जिप्सी में अपने तीन साथियों के साथ आतंकियों से लोहा ले रहे साथियों का साथ देने के लिए रवाना हुए। वह नेशनल हाईवे पर ही थे कि घात लगाए आतंकियों ने उनकी जिप्सी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। संकल्प वहीं शहीद हो गए। उनके साथ दो अन्य जवान भी वीर गति को प्राप्त हुए, जबकि एक जवान गंभीर रुप से जख्मी हो गया। शुक्रवार सुबह करीब छह बजे संकल्प की पत्नी प्रिया को 24 पंजाब रेजिमेंट के सीओ ने फोन पर पति के शहादत की खबर दी।
पहले भी लगी थीं गोलियां
साल 2002-03 में जब संकल्प की पोस्टिंग असम में थी, तब भी आतंकियों ने
सेना के शिविर पर हमला कर दिया था। आतंकियों के साथ लंबी चली मुठभेड़ में
संकल्प ने अपने सीने और पेट में छह से अधिक गोलियां खायी थीं।
संकल्प को कुछ महीने पहले भी गोली लगी थी। वह दुर्गा पूजा में घर (झारखंड के रांची) आए थे। स्वस्थ होने के बाद फिर उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हो गई। जाते समय कह गए थे कि जनवरी में उनका जम्मू-कश्मीर में कार्यकाल पूरा हो जाएगा। फिर कुछ दिन माता-पिता के साथ रांची में रहेंगे।
कॉलेज के दिनों से था बॉडी बिल्डिंग का शौक
संकल्प ने रांची स्थित दीपाटोली में स्कूली शिक्षा लेने के बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीकॉम में ग्रेजुएशन किया था। कॉलेज के दिनों से ही उन्हें बॉडी बिल्डिंग का शौक था। ग्रेजुएशन के बाद दो साल दिल्ली में रहकर उन्होंने सीडीएस की तैयारी की। 15 साल पहले सीडीएस परीक्षा पास कर आर्मी ज्वाइन की।
संकल्प ने रांची स्थित दीपाटोली में स्कूली शिक्षा लेने के बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीकॉम में ग्रेजुएशन किया था। कॉलेज के दिनों से ही उन्हें बॉडी बिल्डिंग का शौक था। ग्रेजुएशन के बाद दो साल दिल्ली में रहकर उन्होंने सीडीएस की तैयारी की। 15 साल पहले सीडीएस परीक्षा पास कर आर्मी ज्वाइन की।
शांति सेना में भी दी सेवा
आर्मी में बेहतर सेवा देने और जांबाजी की वजह से संकल्प का चयन शांति सेना के लिए हुआ था। साल 2010- 12 तक वह यूनाइटेड नेशन की शांति सेना में केन्या में पोस्टेड रहे। केन्या में पोस्टिंग के दौरान भी उन्होंने विद्रोहियों का मुकाबला किया।
आर्मी में बेहतर सेवा देने और जांबाजी की वजह से संकल्प का चयन शांति सेना के लिए हुआ था। साल 2010- 12 तक वह यूनाइटेड नेशन की शांति सेना में केन्या में पोस्टेड रहे। केन्या में पोस्टिंग के दौरान भी उन्होंने विद्रोहियों का मुकाबला किया।
पिता को गर्व
रांची में बूटी मोड़ के आकाश नगर स्थित उनके घर में मां और पिता एसके शुक्ला रहते हैं। मूल रूप से टेकारी (गया, बिहार) के रहने वाले शुक्ला ने कहा कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है, इसका उन्हें गर्व है।
रांची में बूटी मोड़ के आकाश नगर स्थित उनके घर में मां और पिता एसके शुक्ला रहते हैं। मूल रूप से टेकारी (गया, बिहार) के रहने वाले शुक्ला ने कहा कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है, इसका उन्हें गर्व है।
संकल्प माता-पिता के इकलौते बेटे थे। उनकी एक बड़ी बहन है। बहन की भी
दो बेटियां हैं। संकल्प के एक दोस्त उमेश ने बताया कि वर्ष 2005 में
संकल्प की शादी बिहार (राजीव नगर, पटना) की प्रिया से हुई थी। प्रिया के
पिता पटना विवि के रिटायर्ड प्रोफेसर पीएन तिवारी हैं। संकल्प की दो
बेटियां हैं।
संकल्प को सेना में बड़े अधिकारी के रूप में काम करना पसंद था।
जनवरी में संकल्प की पोस्टिंग कश्मीर से दूसरे क्षेत्र में होनी थी। आर्मी
के वरीय अफसरों के मुताबिक, प्रमोशन के बाद संकल्प की पोस्टिंग बतौर सीओ
होती।