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16 दिसंबर 2014

समाजवादी पार्टी की सरकार विश्वहिन्दु परिषद के नाम पर उत्पात ,,दंगाफसाद मचाने वाले शरारती तत्वों को पनाह देने वाली प्रमुख सरकार है

उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार विश्वहिन्दु परिषद के नाम पर उत्पात ,,दंगाफसाद मचाने वाले शरारती तत्वों को पनाह देने वाली प्रमुख सरकार है ,,,ऐसा लगता है समाजवादी पार्टी विश्वहिन्दु परिषद और कट्टर पंथी  मर्यादाहीन कथित हिन्दू शरारती तत्वों को अराजकता फैलाकर नरेंद्र मोदी के शासन को कलंकित करने के काम में ले रहे है ,,यही कारण है के उत्तरपदेश की धरती पर आज़मबेग जैसे मक्कार मुस्लिमपरस्त नाटकबाज की पार्टी की सरकार में भाजपा के कट्टरपंथी सांसद ,,नेता पजामा खोल कर नंगे नाच रहे है ,और समाजवादी पार्टी की सरकार इन्हे गिरफ्तार कर सज़ा देने की जगह हवा दे रही है ,,अपराध दर अपराध करने का मौक़ा दे रही है ,,,राजस्थान में अशोक गेहलोत मुख्यमंत्री थे विश्व हिन्दू परिषद के प्रवीण तोगड़िया त्रिशूल बांटने के नाम पर बकवास बाज़ी कर रहे थे ,,खुशनुमा वातावरण को बकवास कर ज़हरीला बना रहे थे ,,मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने इन्हे गिरफ्तार करवाया ,,आर्म्स एक्ट में जेल पहुंचाया ,,राजद्रोह का अपराध लगाया ,,,तोड़िया साहब को जब  जेल;की बेरक में मछरों ने काटा तब से इन्होें तोबा कर ली और जब तक अशोक गेहलोत की सरकार रही राजस्थान का रुख तक नहीं किया ,,, बाद में भाजपा की सरकार ने गैरकानूनी तरीके से इस मुक़दमे को वापस लेकर देश की जनता के साथ धोखा कर तोगड़िया को बरी किया ,,अगर उत्तर प्रदेश सरकार भी कुछ ऐसा दबंग और निष्पक्ष क़ानूनी कार्यः करे तो उत्तरबदेश फ़सादात्त मुक्त हो जाएगा और इन बकवास लोगों को जब जेल में मच्छर काटेंगे तब इन्हे इनके पापों का  अनदाज़ा होगा लेकिन सपा सरकार तो ऐसे लोगों को पनाह दे रही है के इनकी बकवास से वोह नरेंद्र मोदी के शासन को दागदार बनाकर वोट लेने की कोशिश करे ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पेशावर मेरा शहर नहीं है

पेशावर मेरा शहर नहीं है
=-==-=-=-=-=-=--=-=--
मैं आज अपने बच्चे को
बड़ी जोर से बाहों में भींचकर
घंटों आंसू बहाता रहा

पेशावर मेरा शहर नहीं है
न मुझे उस मुल्क से मोहब्बत है
पर जो मरे वो बच्चे थे
मासूम,,.
ठीक मेरे बेटे की तरह.....
उ उ उ उ ....
मेरा बेटा अचरज में है
रोज डांटने वाले पापा
डांटकर रुलाने वाले पापा
खुद रो रहे हैं....
टॉफी खाने पर
लम्बा लेक्चर देकर
सारा स्वाद कसैला कर देने वाले पापा
चोकलेट का पूरा बक्सा ले आये
क्रिकेट का बल्ला...
ढेर सारे नये कपड़े...
स्केच पेन..पेंसिलें
जब मेरा बेटा बड़ा होकर
बाप बनेगा
तब समझेगा कि
१६ दिसम्बर को उसके बाप ने
ऐसा क्यों किया था.

आतंकवाद

आतंकवाद
हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि सन्यासी बनाने की प्रक्रिया बहुत ही दुरूह है। सन्यासी बनने की लिए मनुष्य को मात्र कर्म से नहीं अपितु धर्म एवं मन से भी अपने आप को पवित्र करना पड़ता है। सन्यासी बनने के लिए मनुष्य को सबसे पहले अपने परिवार से अलग होना पड़ता है। मोह- माया का त्याग, परिवार से विरक्ति, मानवता को समर्पित जीवन, भिक्षाटन से जीवन यापन,सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा, राष्ट्र के साथ साथ विश्व बंधुत्व भाव तथा सबसे महत्वपूर्ण पत्नी, बच्चों या माँ-बाप के प्रति पूर्ण परिग्रह। कहा जाता है कि सन्यासी बनाने की प्रक्रिया में अंतिम परीक्षा अपने ही घर से भिक्षा मांगने की होती है, जो सन्यासी इसमें सफल हो जाता है वही सन्यासी कह लाता है।
इसी प्रकार आतंकवादी बनने के लिए भी बहुत सी कठिन परीक्षाएं पास करनी पड़ती हैं और उसमे भी अंतिम परीक्षा अपने ही परिवार, मित्रों, रिश्तेदारों तथा राष्ट्र के विरुद्ध हथियार उठाकर निर्दोष परिवार वालों की ह्त्या शामिल है। आतंकी का धर्म होता है अपने आकाओं के इशारे पर निर्दोष लोगों की ह्त्या। आज सम्पूर्ण इस्लामी जगत में जो कुछ हो रहा है उसी का परिणाम है। पाकिस्तान में निर्दोष मासूम बच्चे मारे गए, उनके परिवारजनो से सम्पूर्ण विश्व को हमदर्दी है मगर आज उन माँ- बाप को सोचना पडेगा कि जब ईराक में सिया- सुन्नी के नाम पर कत्लेआम मचा था, जब भारत में निर्दोष लोगो को मारा जा रहा था, जब कुर्दिश महिलाओं को बेचा जा रहा था- उनके साथ बलात्कार किया जा रहा था, वहाँ मासूम बच्चे मारे जा रहे थे और भी न जाने कितने बेगुनाह लोगों को गोलियों से भुना जा रहा था तब किसी भी मुस्लिम देश या विश्व के मुश्लिमों ने उनके खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठाई ?आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता है, उसका मकसद सिर्फ दहशत फैलाना होता है।
सन्यासी का धर्म होता है मानवता, सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना, विश्व बंधुत्व की अवधारणा तथा शांति की कामना। इसके विपरीत आतंकवादी का धर्म कट्टरवादिता, दहशत, लूट-खसोट, बलात्कार और मौत।
आज पाकिस्तान तथा इस्लामी जगत के रहनुमाओं को सोचना पडेगा कि जब उन्होंने अपने मुल्क में आतंकवादियों की फसल ही बोई है तब वहाँ पर प्यार- भाईचारे के फूल कहाँ से खिलेंगे। अभी भी वक्त है सभी कौम व देश के रहनुमा इस भष्मासुर को ख़त्म करने पर एकजुट हो विचार करें कहीं देर न हो जाए और उनका अपना पोषित पालित यह आतंकवाद का भष्मासुर उनके ही बच्चों की मौत का कारण बन जाए। सोचिये जब कल आपके परिवार ही नहीं रहेंगे तब आप किस कौम व देश के रहनुमा बनेगें ? पैदा करना है तो अपने मुल्क में सन्यासियों को पैदा करो ताकि मानवता ज़िंदा रहे, अध्यात्म से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो, जन जन में खुशियाँ हो, शिक्षित समाज का निर्माण हो, तथा विश्व बंधुत्व की अवधारणा पुष्पित पल्ल्वित हो। हमारा विकास अस्त्रों- शास्त्रों का नहीं बल्कि मनुष्यता का विकास हो। सबके लिए भोजन, कपड़ा, शिक्षा, स्वास्थ्य व मकान हमारी प्राथमिकता हो। भौतिक विकास के साथ साथ मानसिक व आध्यात्मिक विकास हमारी प्राथमिकता हो।
आओ हम सब मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध आवाज उठायें, और यह कार्य आज से ही शुरू करें कहीं कल देर न हो जाए और कोई पेशावर जैसा हादसा फिर हमारे बच्चों व परिवारजनो को हमसे न छीन ले।
डॉ अ कीर्तिवर्धन

एक पागल सी

एक पागल सी
दीवानी सी
हीरनी सी
खूबसूरत सी
लुभावनी अदाओ वाली
प्यारी सी लड़की
जिसपर में मरता हूँ
अजीब दिमाग रखती है
कभी मुझ पर मरती है
कभी मुझे मारती है
एक प्यारी सी लड़की
कभी मुझ से रूठती
कभी बेवजह नाराज़ होती है
कभी मुझसे ऐतेबार उठाती है
लेकिन फिर भी
मेरी जान मेरी ज़िंदगी है
यह प्यारी सी लड़की
ऐसा लगता है
में खिलोना बैटरी से चलने वाला
यह मेरी बैटरी है
बैटरी मुझ से अलग होकर
मुझे बेजान करने के लिए काफी है ,,,,

यह है हमारा गिलगित, अब इस पर है पाकिस्तान का कब्जा


श्रीनगर। कश्मीर रियासत के भारत में विलय प्रस्ताव पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा लगाए गए पेंच के बाद यहां के हालात बिगड़ना शुरु हो गए थे। महाराजा हरिसिंह की रियासत में पाकिस्तानी सैनिक कबाइलियों के वेश में यहां घुस आए थे। हिंदुओं को मारा जा रहा था। अंग्रेज दोहरी नीति अपना रहे थे। माउंटबेटन और गांधीजी चाहते थे कि पाकिस्तान के साथ कश्मीर का विलय हो जाए। बदले हालात में अंग्रेज सरकार इस कोशिश में लगी थी कि किसी भी हालत में कम से कम कश्मीर का गिलगित तो पाकिस्तान से मिल जाए तो वह वहां से अपनी भविष्य की सैन्य गतिविधियां संचालित कर सके। इसमें वह कामयाब भी हो गए। गिलगित को जब पाकिस्तान का हिस्सा घोषित किया गया तो पाकिस्तान की सरकार को भी नहीं  मालूम था गिलगित उसका हो गया है। हकीकत में गिलगित को अंग्रेज सैनिकों की एक टुकड़ी ने वहां के शासक को बंदी बना पूरी सेना को मार कर पाकिस्तान का झंड़ा फहरा दिया था।
कश्मीर का गिलगित, अब इस पर है पाकिस्तान का कब्जा। सभी फाइल फोटो
कश्मीर का गिलगित, अब इस पर है पाकिस्तान का कब्जा। सभी फाइल फोटो
माउंटबेटन रच रहे थो साजिश...
कश्मीर रियासत का 1947 में भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। यहां की जनता भी भारत के विलय की पक्षधर थी। माउंटबेटन चाहते थे कि विलय से पहले यहां पर जनमत संग्रह कराया जाए। महात्मा गांधी की भी यही मंशा थी की कश्मीर में मुस्लिमों की संख्या अधिक है इसलिए इसे पाकिस्तान का हिस्सा बनना चाहिए। माउंटबेटन मन ही मन कई तरह के षड्यंत्र रच रहे थे। भविष्य की योजना पर वह काम कर रहे थे। उन्हें पूरा भरोसा था कि कश्मीर पाकिस्तान से मिल जाएगा। ब्रिटिश सरकार की गुप्त योजना को किसी भी हालत में अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी माउंटबेटन के ऊपर ही थी। वह चाहते की जल्दी से जल्दी जम्मू-कश्मीर में जारी युद्ध खत्म हो जाए और वह अपनी कार्य योजना को आगे बड़ा सकें।

3000 करोड़ का सौदा मंजूर करने के मामले में सीबीआई ने चिदंबरम से की पूछताछ


3000 करोड़ का सौदा मंजूर करने के मामले में सीबीआई ने चिदंबरम से की पूछताछ
नई दिल्ली। कोयला घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ होने से पहले उनकी सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम से सीबीआई ने सवाल-जवाब किए हैं। चिदंबरम से हाल ही में यह पूछताछ 3500 करोड़ रुपए के एयरसेल-मैक्सिस मामले में हुई। एयरसेल-मैक्सिस सौदा 2006 में हुआ था।
 
क्या था पूछताछ का आधार
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक चिदंबरम को 2006 में वित्त मंत्री होने के नाते 600 करोड़ रुपए तक के विदेशी निवेश वाले सौदे को ही मंजूरी देने के अधिकार थे। जबकि एयरेसल-मैक्सिस सौदा 3000 करोड़ रुपए का था। चिदंबरम से ये सवाल-जवाब किए गए कि उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर कैसे सौदे को मंजूरी दी? तब इस सौदे को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ही मंजूर कर सकती थी। इस समिति के तत्कालीन अध्यक्ष मनमोहन सिंह थे। 
 
चिदंबरम ने कहा- पहले भी दे चुका हूं सफाई
इस बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘सीबीआई ने उनका छोटा बयान दर्ज किया है। मैंने वही बात कही जो मैं पहले मीडिया को दिए बयान में कह चुका हूं।’ चिदंबरम ने सितंबर में दिए बयान में कहा था कि अतिरिक्त सचिव और सचिव के स्तर के अधिकारियों ने उनसे नियमों के तहत ही सौदे को मंजूरी देने को कहा था। ऐसा ही किया गया। इसकी फाइल विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की तरफ से आई थी। 
 
सीबीआई दाखिल कर चुकी है चार्जशीट
सीबीआई के मुताबिक पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने चेन्नई के टेलीकॉम प्रमोटर सी. शिवशंकरन पर दबाव बनाया कि वे एयरसेल में अपनी हिस्सेदारी को मैक्सिस समूह को बेच दें। इस तरह मारन ने मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को मदद पहुंचाई थी। सीबीआई इस मामले में दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मामला सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है।

धर्मांतरण: संसद में हंगामा, अागरा में मुख्‍य आरोपी गिरफ्तार


नई दिल्‍ली.  धर्मांतरण के मुद्दे पर मंगलवार को जहां संसद में हंगामा जारी है, वहीं आगरा पुलिस ने नंद किशोर वाल्‍मीकि को गिरफ्तार किया है। वाल्‍मीकि हाल के दिनों में आगरा में कई मुस्लिम परिवारों का धर्म परिवर्तन कराने के मामले में मुख्‍य आरोपी है। आगरा पुलिस ने उस पर 12 हजार रुपए का इनाम भी रखा था।  इस बीच, खबर है कि विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) ने उत्‍तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन कराने का प्रस्‍तावित कार्यक्रम फिलहाल टाल दिया है।
धर्मांतरण: संसद में हंगामा, अागरा में मुख्‍य आरोपी गिरफ्तार
 
धर्मांतरण के मुद्दे पर राज्यसभा फिर ठप
संसद में धर्मांतरण के मुद्दे पर हंगामा मंगलवार को भी जारी रहा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्‍थगित करनी पड़ी। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की अपनी मांग पर अड़ा रहा। विपक्ष द्वारा जारी हंगामे से सभापति हामिद अंसारी नाराज दिखे। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि जनता ने उन्हें सदन में नारेबाजी करने के लिए नहीं चुना है और ऐसा व्यवहार सहन नहीं किया जा सकता।
 
हंगामे के दौरान ही तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने कहा कि मोदी सरकार देश के संघीय ढांचे पर प्रहार कर रही है।
पिछले हफ्ते आगरा में हुआ था 60 परिवारों का धर्मांतरण
आरएसएस से जुड़े बजरंग दल और एक अन्य संगठन की ओर से आठ दिसंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में 60 मुस्लिम परिवार के सदस्यों का धर्म परिवर्तन करवाया गया। हिंदू संगठनों ने इस 'घर वापसी' का कार्यक्रम बताया। आरएसएस के धर्म जागरण प्रकल्प व बजरंग दल के कार्यकर्ता तीन महीने से इनके बीच सक्रिय थे। कार्यक्रम के पहले सभी को स्नान कराया। गाय के गोबर से भूमि पर लेप कराया और उन्हीं से हवन कुंड बनवाया। इसके बाद वहां काली माता की प्रतिमा स्थापित करवा कर हवन-पूजन शुरू हुआ। पुजारी ने सभी को कलावा बांध कर तिलक लगाया। पुरुषों को जनेऊ भी धारण कराया। हवन कुंड में पूर्णाहुति के बाद सभी ने अपने सिर पर रखी टोपियां भी उतार दी थीं। 
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धर्मांतरण के बाद पीड़ितों से मिलने पहुंचे मौलवी
अगले दिन ही पढ़ी नमाज
कार्यक्रम के अगले ही दिन प्रभावित परिवार के दो सदस्यों ने आरोप लगाया कि राशन कार्ड और आधार कार्ड का प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया था। इन लोगों ने अगले दिन नमाज अता की। बाद में इनसे मिलने गए मौलवियों ने कहा था कि ये अब हिंदू रहे न मुसलमान। मौलवियों के मुताबिक, इन लोगों को 'भगवान या अल्लाह' माफ नहीं करेगा।
क्या कहा मौलवी ने
इन परिवारों के घर पहुंचे एक मौलवी मुदस्सिर खान ने इन्हें और डरा दिया। खान ने इनसे कहा कि, इन्हें दोबारा मुसमलान बनने के लिए फिर से शादी करनी होगी और नए सिरे से कुरान पढ़नी होगी। खान ने कहा, "फिर से निकाह करो, बच्चों को फिर कुरान पढ़ने बोलो। अपनी पत्नियों को पर्दा करने कहो। उसके बाद ही ऊपर वाला माफ करेगा। तुम लोगों ने अपराध किया है।'' देवबंद और बरेलवी स्कूलों से कुछ मौलवी भी इनके घर पहुंचे। उन्होंने इन परिवारों को कहा कि पुरुष दाढी बढ़ाएं।

पेशावर के स्‍कूल पर आतंकी हमला, बम धमाके में बाल-बाल बचे पाक पीएम के सुरक्षा सलाहकार


पेशावर। सिडनी के लिंट कैफे में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी स्कूल पर हुए आतंकी हमले में 141 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 132 बच्‍चे हैं। पुलिस के मुताबिक, आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन बंद हो चुका है। 141 आम लोगों के अलावा सभी सात आतंकी भी मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता असीम बजावल ने ऑपरेशन खत्म होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि स्कूल में स्टाफ सहित कुल 1100 लोग थे। इनमें से 960 लोगों को बचाया जा चुका है।  सेना ने हमला करने वाले गुट की भी पहचान करने का दावा किया है। हालांकि, नाम का खुलासा नहीं किया गया है। वहीं, पेशावर शहर में भी सड़कों पर बम धमाके हो रहे हैं। रिंग रोड पर पाकिस्तान पीएम के सुरक्षा सलाहकार आमिर मुकाम की कार को निशाना बनाकर धमाका किया गया। वे बाल-बाल बचे। वे अस्पताल से घायल छात्रों से मिलकर लौट रहे थ
 
इससे पहले स्‍कूल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (टीटीपी) के सातआतंकियों ने धावा बोल कर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी और 500 से ज्‍यादा बच्‍चों को बंधक बना लिया था। सेना की कार्रवाई के बाद एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया और पांच को सेना ने ढेर कर दिया। सेना का ऑपरेशन करीब सात घंटे चला। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे सैन्य ऑपरेशन के दौरान 15 धमाके सुने गए।  तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। एक प्रत्‍यक्षदर्शी  ने बताया कि आतंकियों ने बच्‍चों को कतार में खड़ा कर गोलियों से भून दिया 
 
कैसे हुआ हमला
आतंकी हमले के तत्‍काल बाद सुरक्षा बलों ने कैंट एरिया के नजदीक वार्सक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल को घेर लिया था। जिस वक्त आतंकियों ने हमला किया, स्कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। 
 
स्थानीय पुलिस के अनुसार, सुरक्षा बलों की ड्रेस पहने छह आतंकी स्कूल में घुसे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि आतंकी अरबी भाषा में बात कर रहे थे। 
 
नवाज शरीफ का बयान
पेशावर में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि आतंकियों ने यह हमला, जर्ब-ए-अज्ब के विरोध में किया है। उन्होंने कहा, "मैं सोचता हूं कि जब तक इस देश से आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता, दशहतगर्दी के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। आतंक के खिलाफ हमें एकजुट होकर लड़ना होगा। इस तरह के हमलों से देश को टूटना नहीं चाहिए।"
 
तीन दिन का शोक
हमले के बाद इस्‍लामाबाद से पेशावर पहुंचे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। उन्‍होंने कहा, "किसी भी हालत में दशहतगर्दी से समझौता नहीं किया जाएगा।" भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेशावर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा, "जिन्होंने अपनों को खोया है, मैं उनके साथ हूं। मैं मृतकों के प्रति दुख और संवेदना व्यक्त करता हूं।" मोदी ने कहा, "यह बेहद क्रूर और असंवेदनशील कृत्य है, जिसमें सैकड़ों मासूम बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।"
 
आतंकियों को दिया गया है बड़े बच्चों को मारने का आदेश
तहरीक-ए-तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद खोरासनी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि स्कूल में छह आतंकी हैं। मोहम्मद खोरासनी ने बताया, "उन्हें गोलीबारी और आत्मघाती धमाके करने के लिए भेजा है। हमने लड़ाकों को आदेश दिया है कि बड़े बच्चों को मार डालें, लेकिन छोटे बच्चों को न मारा जाए।"यहां आर्मी स्कूल पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले के कुछ प्रत्‍यक्षदर्शियों ने खौफनाक दास्‍तान सुनाई है। एक प्रत्‍यक्षदर्शी के मुताबिक आतंकियों ने बच्‍चों को कतार में खड़ा कर उन पर गोलियां बरसाईं। हमले में बच गए एक स्‍टूडेंट ने कहा कि आतंकी भाग रहे बच्‍चों पर भी फायरिंग करते रहे। वे तब तक गोलियां बरसाते रहे जब तक बच्‍चे मर नहीं गए।
 
घटनास्‍थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "जैसे ही फायरिंग शुरू हुई, वैसे ही टीचर्स ने छात्रों को झुक जाने का निर्देश दिया। बाद में सुरक्षाकर्मियों द्वारा हमें बाहर ले जाया गया। हमने कई छात्रों के शव गलियारों में बिखरे हुए देखे।"
 
अरबी में बात कर रहे थे  आतंकी
एक स्कूली बच्चे ने बताया कि आर्मी के डॉक्टर 9 और 10 क्लास को फर्स्ट एड के बारे में बता रहे थे। हम सभी हॉल में थे। हॉल के पीछे कच्चे इलाके से आतंकी आए। उन्होंने पहले छत से फायरिंग की। टीचर्स ने तुरंत सारे दरवाजे बंद कर दिए, लेकिन आतंकियों ने दरवाजा तोड़ दिया और अंदर आ गए। हम सारे बच्चे नीचे बैठ गए थे। आतंकी हवा फायरिंग करते और बच्चों को मार रहे थे। उन्होंने सलवार कमीज पहनी हुई थी और उनकी बड़ी-बड़ी दाढ़ियां थी। वे लोग अरबी में बात कर रहे थे।
 
लगा कि चल रही है मिलिट्री ड्रिल
स्कूल के एक लैब अस्टिटेंट  ने बताया कि आतंकी एक-एक क्लास में जाकर फायरिंग कर रहे थे। उनके पास बड़ी-बड़ी बंदूकें थीं। करीब एक घंटे बाद आर्मी ने उन्हें स्कूल से निकाला।
 
एक बच्चे ने बताया कि फायरिंग की आवाजें आने के बाद टीचर्स ने बताया कि मिलिट्री ड्रिल चल रही है। लेकिन बाद में पता चला सात-आठ दहशतगर्द (आतंकी) स्कूल में घुस आए हैं।
 
स्कूल बस ड्राइवर जमशेद खान ने बताया कि हम लोग बाहर खड़े हुए थे। अचानक फायरिंग शुरू हो गई। छात्रों और टीचर्स में चीख-पुकार मची हुई थी। हर जगह उथल-पुथल थी।
 
पाकिस्तानी पत्रकार हनीफ खालिब ने बताया कि स्कूल के बाहर बच्‍चों के माता-पिता चीख-पुकार कर रहे हैं। 
 
 
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता मोहम्मद खुर्रासानी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। मोहम्मद ने एक गोपनीय जगह से मीडिया से बात करते हुए कहा कि छह आत्मघाती हमलावर हथियारों से लैस थे और उन्हें स्कूल पर हमले का आदेश दिया गया था। उसने बताया, "सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन के खिलाफ यह हमला किया गया है।" उसने बताया कि हमलावरों को स्टूडेंट्स को मारने का आदेश दिया गया था। उसने यह भी बताया कि हमलावरों ने छोटे बच्चों को जाने दिया था। खोरसानी ने कहा है कि सेना के ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब और ऑपरेशन खैबर-1 के कारण इस हमले को अंजाम दिया गया है। ये दोनों अभियान उस इलाके में चल रहे हैं, जो पांच साल से तालिबान का गढ़ बना हुआ है।
 
जर्ब-ए-अज्ब : छह महीने में 1200 आतंकी मारे गए
पाकिस्तानी सेना उत्तरी वजीरिस्तान में 15 जून से ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब चला रही है। पाकिस्तानी सरकार ने इसके लिए सेना को 26 अरब रुपए की मदद दी है। इस वजह से 10 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। यह पूरा कबाइली इलाका है। यहां कबीले तालिबान के खिलाफ सेना की मदद कर रहे हैं। इस अभियान से तालिबान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उसके 1200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। आतंकियों के कई पनाहगाहों और ठिकानों का पर्दाफाश हुआ है। सेना ने इस इलाके में ऐसा ही ऑपरेशन 2009 में भी चलाया था। लेकिन कुछ वक्त बाद तहरीक-ए-तालिबान वहां फिर मजबूत हो गया।
 
खैबर-1 : 400 आतंकियों ने किया सरेंडर
उत्तरी वजीरिस्तान में सफलता मिलती देख पाकिस्तानी सेना ने 17 अक्टूबर खैबर-1 ऑपरेशन शुरू किया था। इसका मकसद था जर्ब-ए-अज्ब के दौरान बच निकले या दूसरे इलाकों में छिपे आतंकियों को ढूंढना। इनमें से 400 आतंकियों ने हाल ही में सरेंडर कर दिया। कई आतंकियों को सेना ने मार गिराया। अभी खैबर-1 अभियान बारा तहसील में चल रहा है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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