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18 दिसंबर 2014

यह दिखावा केवल अल्फ़ाज़ों की संवेदना का हमे बंद करना होगा ,

हाल ही में पाकिस्तान में दिल हिला देने वाली खौफनाक घटना के बाद विश्व के लोग स्तब्ध है ,,इसके पहले भी अनेकों बार गाज़ा पट्टी ,,,फिलिस्तीन ,,अफगानिस्तान ,,इराक़ में अमेरिकी बम के कई मासूम इससे भी अधिक संख्या में निशाना बने है कोई आलोचना नहीं हुई ,,खेर लोग आज संवेदनशील बने ,,अल्लाह का शुक्र है ,,लेकिन दोस्तों एक गुज़ारिश है अपने आसपास ,,,अपने शहर में ,,अपने राजय अपने देश में कई बच्चे जिन्हे आप सर्दी में ठिठुरते ,,भूखा प्यासा ,,,बालमज़दूरी करते देखते हो ,,खेल कूद के नाम पर प्रदर्शन करते देखते हो प्लीज़ उन पर भी अपना प्यार अपनी संवेदनाये न्योछावर करो ,,इन बच्चों के रहन सहन ,,पढ़ाई लिखाई ,,कपड़ों और सुरक्षा के लिए स्थान ,,भवन ,,खाने पीने की सामग्री ,,कपड़े ,,ग्राम कपड़े और बजट का इंतिज़ाम अक्रो सरकार तो बस नौकरशाहों पर  चलती है और इन मासूमों का बजट या तो नौकरशाहों की भरष्टाचार की भेंट चढ़ता है या फिर चाय नाश्ते में उड़ा दिया जाता है ,,तो आओ संवेदनशील भाइयों अब घटना पर हम सब रो लिए ,,सुझाव दे दिए ,,विलाप कर लिए अब वक़्त है हमारे आस पास के बच्चों को हमारी संवेदनशीलता दिखाने का ,,अगर हम अपने आसपास के बच्चो की बदहाली पर संवेदनशीलता नहीं दिखा सकते तो फिर यह दिखावा  केवल अल्फ़ाज़ों की संवेदना का हमे बंद करना होगा ,,,,,,,,,,,,,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

सांस की नली में संक्रमण की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती हुईं सोनिया




सांस की नली में संक्रमण की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती हुईं सोनिया
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराई गई हैं। कांग्रेस के महासचिव अजय माकन ने जानकारी दी है कि सांस की नली में संक्रमण की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 
 
गौरतलब है कि सोनिया गांधी अगस्त, 2013 में एम्स में भी भर्ती हुई थीं। तब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान ही उनकी तबियत खराब हो गई थी।

क़ुरआन का सन्देश

 

,कांग्रेस को डुबोने वाले नौकरशाह भाजपा के नेताओं को कोंग्रेसियों की तरह उल्लू और बेवक़ूफ़ नहीं बना पा रहे है

राजस्थान में कांग्रेस के शासन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ,,नेताओं और मंत्रियों को बेवकुफ बनाकर आपस में लड़ाने वाले नौकरशाह अब भाजपा शासन आने से सांसत में है ,,कांग्रेस को डुबोने वाले नौकरशाह भाजपा के नेताओं को कोंग्रेसियों की तरह उल्लू और बेवक़ूफ़ नहीं बना पा रहे है ,,,नौकरशाह भाजपा के विधायकों को भी कोंग्रेसी नेताओं की तरह कार्यकर्ताओं के कामकाज को लेकर चक्कर बाज़ी करते है लेकिन भाजपा नेताओं में दम है वोह अपने कार्यकर्ताओं को गुलाम नहीं दोस्त समझते है बराबर का समझते है परिवार का समझते है इसीलिए तो कोंग्रेसियों की तरह यह जुमला नहीं कहते के अफसर मेरी नहीं सुनते ,,भाजपा के नेता तो पहले नौकरशाहों को काम बताते है ,,समय सीमा देते है ,,इन्तिज़ार करते है ,,नौकरशाहों से फिर दुबारा काम की कहते है अगर फिर भी यह नौकर शाह चक्कर बाज़ी ,,बहाने बाज़ी करते है तो फिर यह नेता ऐसे लोगों को गाली गलोच करते है और मुक्का लात कर अपने कार्यकर्ताओं के लिए संघर्ष करते है ,,,,भाजपा के नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं के पक्ष में सभी अधिकारीयों पर दबाव बनाया है और इसीलिए कोटा में हर तरफ भाजपा ज़िंदाबाद है ,,लेकिन कार्यकर्ताओें के लिए जान देने और जान लेने वाले ऐसे नेताओं की क़द्र कार्यकर्ताओं के तो दिलों में है लेकिन नौकरशाह और उनके दलाल रहे कुछ भाजपा कांग्रेस के नेताओं को मुर्ख बनाने वाले नौकरशाहों को सबक सिखाने वाली बात रास नहीं आ रही है और वोह नौकरशाहों के दलाल बन गए है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक विधायक को सी एम एच ओ को आखिर सख्ती से गालिया क्यों बकना पढ़ी

कोटा में एक विधायक को सी एम एच ओ को आखिर सख्ती से गालिया क्यों बकना पढ़ी ,,,,,अगर अफसरों की चमचागिरी करने वाले लोग ,,,,ज़रा जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ,,,,,,उठ बैठ कर देखेंगे तो वोह बेसाख्ता कहेंगे,,,,, के विधायक जी सही बिलकुल सही थे ,,,,,उनके पास इस कार्यवाही के अलावा कोई दुसरा विकल्प शेष नहीं था ,,सभी लोग जानते है के कांग्रेस के बेहतर से बेहतर काम करने के बाद भी मंत्रियों से घिरे नौकरशाहों के कोकस की बदौलत कार्यकर्ता नेताओं से दूर होते चले गए और फिर चुनाव में नतीजे देखने को मिले ,,,,कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने सीने पर हाथ रखकर सोचे,,, वोह सत्ता के दौरान मंत्रियों और नेताओं के लिए,, अधिकारीयों के सामने ,,,,दोयम दर्जे के हो गए थे ,,उनका मंत्री हमेशा अफसरों की सुनते कार्यकर्ताओं के खिलाफ अफसरों की चुगली के बाद कार्यकर्ताओं की क्लास लेते ,,,,कई मंत्री जिन्हे कार्यकर्ता भगवान से भी बढ़ा दर्जा देकर सर पर बिठाता था वोह मंत्री अपने कार्यकर्ताओें के सामने अधिकारीयों से कहते थे के मेरे कार्यकर्ताओं की कोई सिफारिश मानने की ज़रूरत नहीं है ,,,,, कांग्रेस कार्यकर्ता निराशा के दौर में था ,,मंत्रियों की तो छोड़िये ,,,मुख्यमंत्री रहते हुए ,,,अशोक गेहलोत के समक्ष प्रदेश स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में जब ,,,जन प्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारियों ने राजस्थान में नौकरशाह की दादागिरी की शिकायत की तो,, इन्ही अशोक गेहलोत ने कहा था के कलफ के सफेद कुर्ते पायजामा पहनने से कुछ नहीं होता इन कुर्ते पायजामों से नौकरशाह नहीं डरेंगे ,,,,,तब राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए आत्महत्या का दिन और नौकरशाहों के लिए कांग्रेस को बंधक बनाने का दिन था ,,,अब सरकार बदल गयी है लेकिन अफसर नहीं बदले उनका वही बिगड़ापन ,,वही बदतमीज़ी ,,पहले कोटा के संभागीय आयुक्त ने अपनी बदतमीज़ी का निशाना सांसद ओम बिरला को बनाया ,,फिर थानाधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं से बदतमीज़ी की जिसका सबक उन्हें मिला ,,अब नौकरशाह जो कांग्रेस के शासन में नेताओं जनप्रतििनिधियों का अपमान कर तिरस्कार कर खुश होते थे ,,उनके लिए तो भाजपा के नेताओं के लिए भी यही रवय्या है ,,,एक तरफ मुख्यमंत्री जन्पर्तीिनिधियों से इज़्ज़त से पेश आने ,, उनके बताये हुए काम करने ,,,उनके पत्रों का तुरंत जवाब देने ,,उनसे विनम्रता से पेश आने के परिपत्र निकाल कर अफसरों को पाबंद कर रही है और दूसरी तरह एक विधायक के बार बार कहने पर भी एक अदना सा सी एम एच ओ उन्हें चक्कर पर चक्कर दे रहे है ,,,,आखिर एक विधायक का सब्र देखिये ,,उसकी बेबसी देखिये ,,,उसका अपमान देखिये के सत्ता पक्ष के विधायक का काम नहीं हो रहा ,,,क्यों नहीं हो रहा उसके लिए अख़बार में निजी दुश्मनी निकालते हुए गलत खबर छापने से कोई गलत नहीं हो जाएगा ,,दरअसल यह नौकरशाह कांग्रेस के राज में पार्टी के कार्यकर्ताओं से ज़्यादा नेताओं के चमचे ओट चहेते थे ,,खूब खाया खूब खिलाया ,,अब यह अफसर भाजपा की गुटबाज़ी का फायदा उठाकर किसी विशेष गुट के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे है ,,,विरोधी भाजपा गुट वालों का नौकरशाहों द्वारा दूसरे प्रभावशाली भाजपा के गुट के कहने में आकर तिरस्कार और अपमान क्या वाजिब बात है ,,प्रह्लाद गुंजल की पूरी वार्तालाप सुनिए उनकी आवाज़ में गुस्से के साथ साथ जनप्रतिन्धियों और भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का दर्द है ,, उनकी आवाज़ में बेबसी है ,,उनकी आवाज़ में बेचारगी है के आखिर वोह कब तक ,कब तक ,सब्र रखे ,,,,,,,,,उनकी आवाज़ में भाजपा की अंदरुनी कलह ,,गुटबाज़ी की पीड़ा है ,,,,सी एम एच ओ को लताड़ शायद इसीलिए मजबूरी हो ,,अगर नौकरशाह जनप्रतिनदियों से बढ़े हुए तो क़यामत आ जायेगी ,,इसलिए ऐसे नौकरशाह जो जन्पर्तीिनिधि वोह भी सत्ता पक्ष के प्रतिनिधियों की अगर बात नहीं सुनते तो उन्हें सबक सिखाने की मांग उठना चाहिए ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सचिन पायलेट हाड़ोती संभाग के दोरे के बाद हाड़ोती के चारों ज़िलों की कांग्रेस में भारी फेरबदल करेंगे ,,,,

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलेट हाड़ोती संभाग के दोरे के बाद हाड़ोती के चारों ज़िलों की कांग्रेस में भारी फेरबदल करेंगे ,,,,,,सचिन पायलेट से कोटा शहर ,,,कोटा देहात ,,बारां ,,,झालावाड़ ,,बूंदी इलाक़े के कई लोग इस मामले में अध्यक्ष बनाने को लेकर अपनी अपनी जुगत लगाते देखे गए ,,,,,,कोटा देहात के लिए पूर्व मंत्री भरत सिंह का नाम उनके समर्थकों ने प्रमुखता से सुझाया ,,,,,जबकि कोटा शहर के लिए शिवकांत नंदवाना ,,, शानति कुमार धारीवाल ,,रविन्द्र त्यागी के नाम है ,,,,,,देहात कांग्रेस कोटा के जिला अध्यक्ष पद के लिए भरत सिंह के समर्थक जब सचिन पायलेट से मिले तो सचिन ने कई लोगों से कोटा शहर में नगर निगम चुनावो में पार्टी की करारी हार के कारणों की चिंता की ,,सचिन को यह भी पता नहीं था के कोटा के घंटाघर इलाक़े में एक वार्ड में कांग्रेस ने सिम्बल ही नहीं दिया ,,,,इस करारी हार पर ,,हार के कारणों और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को लेकर सचिन काफी चिंतित नज़र आ रहे थे ,,,,,,,भरत सिंह के देहात अध्यक्ष के मामले में भी उन्होेन समर्थकों से सांगोद की करारी हार की चर्चा की इस पर भरत सिंह के समर्थको ने सचिन को अजमेर में भी कांग्रेस की करारी हार बताते हुए इसे एक हवा एक लहर बताई ,,,,,,,सचिन पायलेट ने भरत सिंह के देहात कांग्रेस के अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव पर कहा के वोह तो पंच बनने को तैयार है ,,इस पर समर्थकों ने खुलासा करते हुए कहा के वोह बयान भरत सिंह जी ने ग्राम पंच के पद की गरीमा बढ़ाने और कार्यकर्ताओं में होसला देकर जान फूंकने के लिए दिया था ,,,,,,,सचिन हाड़ोती के हालातों पर चिंतित लेकिन इन हालातों को सुधारने के लिए सभी को साथ लेकर कोई अचूक जादुई फार्मूला तलाशने की जुगत में भी नज़र आये ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन-ए-पाक ( की अनमोल मालूमात )

क़ुरआन-ए-पाक
( की अनमोल मालूमात )
क़ुरआन-ए-पाक में
सिपारे :-- 30
सजदे :-- 14
मन्ज़िल :-- 7
सूरतें :-- 114
मक्की :-- 86
मदनी :-- 28
रूकूअ :-- 540
आयात :-- 6666
हरूफ :-- 323760
ज़बर :-- 53243
ज़ेर :-- 39582
पेश. :-- 8804
मद. :-- 1771
शद. :-- 1243
नुक़ते :-- 105681
अलिफ. :-- 48872
बा :-- 11228
ता :-- 1199
सा :-- 1276
जीम. :-- 3273
हा :-- 973
खा :-- 2416
दाल. :-- 5642
ज़ाल. :-- 4697
रा :-- 11793
ज़ा :-- 1590
सीन. :-- 5891
शीन. :-- 2253
🔹सुवाद. :-- 2013
🔹दुवाद. :-- 1607
🔹तो :-- 1274
🔹ज़ो :-- 842
🔹ऐन. :-- 92200
🔹ग़ैन. :-- 2208
🔹फा :-- 8499
🔹क़ाफ. :-- 6813
🔹काफ. :-- 9522
🔹लाम. :-- 3432
🔹मीम. :-- 26535
🔹नून. :-- 26560
🔹वाओ. :-- 2556
🔹हा :-- 1907
🔹लाम अलिफ. 3720
🔹हमज़ा :-- 4115
🔹या :-- 25919
👉 ये जानकारी लोगों तक
पहुंचाऐं,,
🔸तालिब-ए-दुआ 🔸

ऐ मेरे चाँद

ऐ मेरी जाने जिगर
ऐ मेरी जाने तमन्ना
ऐ मेरे चाँद
ऐ मेरे सूरज
ऐ मेरी ज़िदंगी
ऐ मेरी खुशबु
ऐ मेरी धड़कन
ऐ मेरी साँसें
ऐ मेरे रोम रोम
ऐ मेरी शोख चंचल
ऐ मेरी वफ़ा
ऐ मेरी रौशनी
ऐ मेरी क़िसमत
ऐ मेरी लक्ष्मी
तुम्हारे बारे में और क्या लिखूं
जज़्बात भड़क रहे है
क़लम थरथरा रही
आँखे भीग गयी है
अल्फ़ाज़ थर्रा रहे है ,,
इसलिए कहता हूँ
लो मुझ से कर लो बात ,,,,,
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