ऐ भाजपा के अमित शाह साहब ,,ऐ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ,,,,आपकी भी अजीब अनुशासन की कहानी है ,,खुद पर अमानवीय करने के आरोप ,,खुद को तो पार्टी से नहीं निकाला ,,खुद की संसद में दर्जनो लोगों के खिलाफ बलात्कार ,,,छेड़छाड़ ,,,अधिकारीयों को डराने धमकाने के मुक़दमे दर्ज है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दो सांसद योगी आदित्यनाथ ,,साक्षी महाराज देश और समाज तोड़ रहे है सरे आम गालीगलौच कर रहे है ,,,लेकिन वोह आपके चहेते है उन्हें पार्टी से नहीं निकाला ,,,,आपकी पार्टी के हज़ार से भी विधायकों के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपिटाई ,,गालीगलोंच के मुक़दमे दर्ज है ,,,,,,गंभीर अभद्रता के मुक़दमे आज भी चल रहे है ,,कोटा के ही भाजपा विधायकों के खिलाफ अदालत में साबित मुकदमो में चालान पेश है ,,,,राजस्थान में अफसरों से गालीगलोंच करने के मुक़दमों को राजनीतिक मुक़दमे बताकर वापसी की तैयारी कर चुकी है ,,पहले भी ऐसे कई मुक़दमे वापिस लिए है ,,,फिर भी केवल प्रह्लाद गुंजल के कार्यकर्ताओं की खिदमत में बढ़ते हुए क़दम रोकने ,,,,,कार्यकर्ताओं के बुलंद हौसलों को तोड़ने के लिए प्रह्लाद गुंजल को पार्टी से निकालना क्या दोहरी राजनीति नहीं ,,,मेरा सवाल उन कोंग्रेसियों से भी है जो नैतिकता की बात कर रहे है ज़रा अपने गिरेहबान में झांके उनके कितने कार्यकर्ताओं के खिलाफ अधिकारीयों को डराने धमकाने ,,गाली गलोच करने के मुक़दमे चल रहे है ,,और वोह पार्टी के बढ़े महत्वपूर्ण पदों पर है ,,,,ऐसे कई मुक़दमे इस कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकर्ताओं के वापस लिए है ,,,गृहमंत्रालय और अदालते इस बात की गवाह है ,,,,में एक बार फिर प्रह्लाद गुंजल के समर्थन में सभी लोगों की आलोचना करता हूँ ,,नौकरशाही के खिलाफ अगर कार्यपालिका एक नहीं हुई तो यह नौकरशाह आपको पारियों में ,,गुटबाज़ी में बाँट कर जनता और देश को जैसे खाते आ रहे है खा जाएंगे ,,ज़रा समझो ,,,,,,सोचो ,,वरना नेताओं को नौकरशाहों के क़दमों में नाक रगड़ते ही देखते रहोगे जनाब ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 दिसंबर 2014
आपात काल के दौरान
आपात काल के दौरान नौकरशाहों द्वारा लोगों की बोलती बंद करने के लिए उन्हें
बेवजह बंद कर कालकोठरियों में ठूस देने के मामले में न्याय की मांग को
लेकर कोटा का एक शेर दिल जंगजू फरीदुल्ला खान जंग लड़ रहे है ,,पुरे
हिन्दुस्तान में मिसाबंदियों को एक झंडे की नीचे लाकर फरीदुल्ला के संघर्ष
से आज भाजपा और गैर कोंग्रेसी शासित राज्यों में बंदियों और उनके परिवारों
को पेंशन मिलने लगी है ,,फरीदुल्ला खान जो एक चिंतक ,,संघर्षशील जुझारून
व्यक्तित्व के धनी है उन्होंने इस मिशन को अपने हाथ में लिए देश
के कोने कोने में जाकर सम्पर्क स्थापित किए सत्ता में बैठे भाजपाइयों और
गैर कोंग्रेसियों के कान उमेठे ,,,थोड़ी नरमी थोड़ी गर्मी दिखाई ,,,,चम्बल के
पानी का किसान नेता का संघर्ष जताया तब कही जाकर उनका यह सपना पूरा हुआ है
,,,,,आज पुरे भारत में मीसा बंदियों की संघर्ष समिति बनी है और अकेले
फरीदुल्ला अपने साथियों के साथ मिलकर इस जंग को लड़ रहे है ,,,,दूरदराज़
इलाक़ों में जनजागरण अभियान चला रहे है ,,,फारीदुल्ला को उनके संघर्ष के
लिए कॉमरेड कहकर लालसलाम से भी सम्मानित किया जाता है ,,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
कार्यकर्ताओं के लिए नौकरशाहों से विवाद
भाजपा ने कार्यकर्ताओं के लिए नौकरशाहों से विवाद और संघर्ष करने वाले
विधायक प्रह्लाद गुंजल को पार्टी से निलंबित कर दिया है ,,,गुंजल पहले
भाजपा में निष्कासित थे जिन्हे कांग्रेस ने कोटा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव
लड़वाने का मन बनाया था ,,,,अब फिर प्रह्लाद गुंजल जो ज़मीनी कार्यकर्ताओं से
जुड़े है उन पर कांग्रेस के एक खेमे की नज़र है क्योंकि पंचायत चुनाव सर पर
है और कोटा देहात में प्रह्लाद गुंजल की एक बढ़ी ताक़त है जो विकट
परिस्थितियों में भी कांग्रेस का जिलाप्रमुख बनवा सकता है ,,,क्योंकि
प्रह्लाद गुंजल ही थे जिन्होंने भाजपा के देहात अध्यक्ष रहते अल्पमत में
होने के बाद भी चार वोटों का कांग्रेस से इंतिज़ाम कर उनसे भीतर घात करवाई
और बहुमत वाली कांग्रेस को हराकर भाजपा का जिलाप्रमुख बनाकर राजस्थान में
चमत्कार दिखाया था ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोटा उत्तर राजनीति
कोटा उत्तर राजनीति पर शनी भारी सा लगता है ,,,यहां कोटा उत्तर से कांग्रेस
प्रत्याक्षी रहे शान्ति कुमार धारीवाल के विरुद्ध कांग्रेस की अनर्गल
बयानबाज़ी बकवास है ,,उन्हें बेवजह बदनाम और अपमानित किया जा रहा है जबकि
धारीवाल को हराकर विधायक बने प्रह्लाद गुंजल मंत्री नहीं बने ,,,उन्हें
निगम चुनाव में उपमहापौर ,,महापौर की दावेदारी में अपमानित होना पढ़ा जबकि
अब इन विधायक प्रह्लाद गुंजल को भाजपा ने बिना किसी युकितयुक्त कारण के
अंदरुनी सियासत के चलते पार्टी से निलंबित कर दिया है ,,,इसलिए कहते है के
कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र की सियासत पर शनी भारी है ,,,,,अख्तर
PM मोदी ने दी प्रधानमंत्री पद छोड़ने की धमकी!!
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ नेताओं को सीधी धमकी देते हुए साफ कह दिया कि या तो वे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे अनुषांगिक संगठनों की मुहिम को रोकें अन्यथा स्वतंत्रता पूर्वक उन्हें काम करने नहीं दिया गया तो वह अपना पद छोड़ने में भी देर नहीं करेंगे।
इसके साथ ही मोदी ने संघ नेताओं से कहा कि जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत सुशासन, विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए दिया है। इसलिए पहले अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। राम मंदिर और दूसरे मुद्दे उसके बाद देखे जाएंगे। प्रधानमंत्री के आग्रह के बाद संघ नेतृत्व ने विहिप और बजरंग दल को अपने कदम पीछे खींचने के निर्देश दिए।
दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ संघ के कुछ शीर्ष नेताओं की बैठक में
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें काम करने के लिए वक्त चाहिए। वह विदेशों में
भारत की सकारात्मक छवि बनाकर निवेश आमंत्रित कर रहे हैं, जबकि विहिप और
बजरंग दल की मुहिम सब किए कराए पर पानी फेर देगी और विपक्ष को सरकार व संघ
परिवार के खिलाफ खड़े होने का मौका मिल जाएगा।
ऐसे में
यह रोज़ा
यह इबादत
यह नमाज़
किसी
काम की नहीं
दिल दुखाया किसी का
धोखा दिया किसी को
ऐसे में
कोई भी इबादत
किसी काम की नहीं ,,,,,,,,,,,,
यह इबादत
यह नमाज़
किसी
काम की नहीं
दिल दुखाया किसी का
धोखा दिया किसी को
ऐसे में
कोई भी इबादत
किसी काम की नहीं ,,,,,,,,,,,,
डौंडियाखेड़ा: सोने का सपना दिखाने वाले साधु का काटना पड़ा पैर
कानपुर. एक
साल पहले देश को डौंडियाखेड़ा में जमीन के अंदर सोना गड़े होने का सपना
दिखाने वाले साधु शोभन सरकार का बुधवार की रात एक पैर काटकर अलग करना
पड़ा। उनके आश्रम में लोगों का चेकअप करने वाले डॉक्टर के अनुसार, शोभन
सरकार को बरसों पहले एक पैर में मोच आ गया था। इसका इलाज घरेलू नुख्से से
कर रहे थे। डॉक्टर को दिखाने के बजाय वह एक पत्थर को कपड़े में लपेटकर उसी
से सिकाई करते थे। ऐसे में मोच ठीक होने के बजाए वहां गांठ पड़ने लगी। इसी
गांठ की वजह से उनको सेप्टिक हो गया था और पैर काटना पड़ा। दरअसल, शोभन
सरकार इन दिनों ब्लड शुगर से पीड़ित हैं।
डौंडियाखेड़ा की फाइल फोटो।
डॉक्टर के मुताबिक़, सेप्टिक पूरे शरीर में जहर बनकर न फैले इसको लेकर करीब एक हफ्ते पहले उनका गांठ का ऑपरेशन किया गया। इससे कोई फ़ायदा नहीं हुआ। उसके एक दिन बाद दूसरा ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद उनका ब्लड शुगर अचानक 1200 के करीब पहुंच गया। ऐसे में डॉक्टरों ने उनका बीपी कंट्रोल कर बुधवार की शाम बाएं पैर के घुटने के नीचे से पैर काट कर अलग कर दिया है ताकि उसका जहर पूरे शरीर में न फ़ैल सके।
12 डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
बुधवार की शाम 12 डॉक्टरों की टीम ने आश्रम के अंदर ही ऑपरेशन थियेटर
बनाकर शोभन सरकार के पैर का ऑपरेशन किया। शाम सात बजे शुरू हुआ ऑपरेशन
करीब रात साढ़े आठ बजे जाकर समाप्त हुआ। करीब डेढ़ घंटे चले इस ऑपरेशन में
डॉक्टरों ने उनके पैर अलग कर दिए। इस समय शोभन सरकार ठीक हैं, लेकिन डॉक्टर
के निगरानी में हैं। उनके आश्रम पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है।
2013 में आए थे चर्चा में
एक साल पहले साल 2013 के सितंबर महीने में डौंडियाखेड़ा में सोना होने
की बात कहकर चर्चा में आए शोभन सरकार इन दिनों खुद पीड़ा में हैं। कानपुर और
कानपुर देहात के बीच पड़ने वाले गांव शोभन गांव के पास शोभन आश्रम के जनक
शोभन सरकार पिछले कई सालों से ब्लड शुगर से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से बुधवार
को उन्हें अपना एक पैर गंवाना पड़ा।एक सुंदर रानी की कहानी, जिसके इस धोखे ने पति को बना दिया साधु
उज्जैन। उज्जैन के प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्य के भाई का नाम
राजा भतृहरी था। किसी समय में राजा भर्तृहरि बहुत ज्ञानी राजा थे, लेकिन
वे दो पत्नियां होने के बावजूद भी पिंगला नाम की अति सुंदर राजकुमारी पर
मोहित गए। राजा ने पिंगला को तीसरी पत्नी बनाया। पिंगला के रूप-रंग पर
आसक्त राजा विलासी हो गए। वे पिंगला के मोह में उसकी हर बात को मानते और
उसके इशारों पर काम करने लगे। पिंगला इसका फायदा उठाकर व्यभिचारिणी हो गई।
वह घुड़साल के रखवाले से ही प्रेम करने लगी। उस पर मोहित राजा इस बात
और पिंगला के बनावटी प्रेम को जान ही नहीं पाए। जब छोटे भाई विक्रमादित्य
को यह बात मालूम हुई और उन्होंने बड़े भाई के सामने इसे जाहिर किया, तब भी
राजा ने पिंगला की चालाकी भरी बातों पर भरोसा कर विक्रमादित्य के चरित्र को
ही गलत मान राज्य से निकाल दिया।
बरसों बाद पिंगला की चरित्रहीनता तब उजागर हुई, जब एक तपस्वी ब्राह्मण ने घोर तपस्या से देवताओं से वरदान में मिला अमर फल (जिसे खाने वाला अमर हो जाता है) राजा को भेंट किया। राजा पिंगला पर इतना मोहित था कि उसने वह फल उसे दे दिया, ताकि वह फल खाकर हमेशा जवान और अमर रहे और राजा उसके साथ रह सके।
उसे प्यार कर सके। पिंगला ने वह फल घुड़साल के रखवाले को दे दिया। उस रखवाले ने उस वेश्या को दे दिया, जिससे वह प्रेम करता था। वेश्या यह सोचकर कि इस अमर फल को खाने से जिंदगी भर वह पाप कर्म में डूबी रहेगी, राजा को यह कहकर भेंट करने लगी कि आपके अमर होने से प्रजा भी लंबे वक्त तक सुखी रहेगी।
पिंगला को दिए उस फल को वेश्या के पास देख राजा भर्तृहरि के होश उड़ गए। उनको भाई की बातें और पिंगला का विश्वासघात समझ में आ गया। राजा भर्तृहरि की आंखें खुलीं और पिंगला के लिए घृणा भी जागी। फिर भी पिंगला व उस रखवाले को सजा न देकर वे स्त्री और संसार को लेकर विरक्त हो गए। फौरन सारा राज-पाट छोड़ दिया। आत्मज्ञान की स्थिति में राजा भर्तृहरि ने भर्तृहरि शतक ग्रंथ में समाए श्रृंगार शतक के जरिए सौंदर्य खास तौर पर स्त्री सौंदर्य से जुड़ी वे बातें कहीं, जिनको कोई मनुष्य नकार नहीं सकता
स्मितेन भावेन च लज्जया भिया
परांमुखैरद्र्ध कटाक्ष वीक्षणै:।
वचोभिरीष्र्या कलहेन लीलया।
समस्त भावै: खलु बन्धानं स्त्रिय:।।
परांमुखैरद्र्ध कटाक्ष वीक्षणै:।
वचोभिरीष्र्या कलहेन लीलया।
समस्त भावै: खलु बन्धानं स्त्रिय:।।
सरल शब्दों में मतलब है कि स्त्री की मोहित करने वाली हल्की हंसी, शरमाना, शिकायत के भाव से नजरें फेरना, मीठे बोल या फिर तानों से भरी बात व तरह-तरह के हाव-भाव किसी भी सांसारिक व्यक्ति को बंधन में बांध देते हैं या मोह जाल में फंसा लेते हैं।
स्मितं किंचिद्वक्त्रे सरलतरलो दृष्टविभव:
परिस्पन्दो वाचामभिनवविलासोक्ति सरस:।
गतानामारम्भ: किसलयितलीलापरिकर:
स्पृशन्त्यस्तारुण्यं किमिह न हि रम्यं मृगदृश:।।
यानी नवयुवतियों के हर अंग से ही सौंदर्य झलकता है। मसलन चांद से
चेहरे पर मंद मुस्कान, सरल, कुदरती और चंचल नजर, खुलकर, हाव-भाव व इशारों
के साथ बातचीत करना, सधी चाल-ढाल आदि में सुंदरता समाई होती है।
PK में 5 सेकंड के रोल ने बदली जिंदगी: भिखारी के पास जॉब, गर्लफ्रेंड, FB अकाउंट
नई दिल्ली. दुनिया भर के 4844 स्क्रीन पर शुक्रवार को रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'पीके' में
मिले रोल ने अंधे की एक्टिंग कर भीख मांगने वाले शख्स की जिंदगी बदल दी।
कुछ समय पहले तक सड़क किनारे गुजारा करने वाले मनोज रॉय के पास अब अपने
गांव की दुकान में नौकरी, फेसबुक अकाउंट और गर्लफ्रेंड है।
39 साल के मनोज कुछ महीने पहले तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर अंधा बनकर
भीख मांगते थे। मनोज के मुताबिक, "कुछ महीने पहले दो लोग मेरे पास आ और
उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं एक्टिंग कर सकता हूं? मैंने उनसे कहा कि
दो वक्त की रोटी के लिए एक्टिंग ही मेरा आसरा है। उन्होंने मुझे 20 रुपए का
नोट और एक फोन नंबर दिया और चले गए।"
मनोज ने उस नंबर पर कॉल किया। जिस शख्स ने फोन उठाया उसने मनोज से
नेहरू स्टेडियम आने को कहा। मनोज ने बताया, "मैं अगले ही दिन वहां गया और
खुद को फिल्म यूनिट के बीच पाया। मुझे सात अन्य भिखारियों के साथ एक तरफ ले
जाया गया, जहां मेरा ऑडिशन हुआ। मुझे फिल्म या कलाकारों की ज्यादा चिंता
नहीं थी। मुझे तो बस एक हफ्ते तक मुफ्त मिल रहे भोजन से मतलब था। एक हफ्ते
बाद मेरा सिलेक्शन हो गया।"
फिल्म पीके में मनोज रॉय को सड़क के किनारे एक छड़ी के सहारे भीख
मांगते हुए दिखाया गया है। इस दौरान मनोज आमिर के आने और उनके साथ डांस
करने का इंतजार करते हैं। यह दृश्य पांच सेकंड का है।
पांच सेकंड ने बदली जिंदगी
पीके में पांच सेकंड के रोल ने मनोज की जिंदगी बदल दी। मनोज के मुताबिक, "फिल्म में मेरे रोल की बात सामने आने के बाद जब मैं गांव लौटा तो मेरा जोरदार स्वागत हुआ। मेरे पास फिल्म से कमाए पैसे थे। लोग अब मुझे पीके हनी सिंह बुलाते हैं। मुझे गांव की ही दुकान में नौकरी मिल गई है। यह सब फिल्म की वजह से हुआ।"
पीके में पांच सेकंड के रोल ने मनोज की जिंदगी बदल दी। मनोज के मुताबिक, "फिल्म में मेरे रोल की बात सामने आने के बाद जब मैं गांव लौटा तो मेरा जोरदार स्वागत हुआ। मेरे पास फिल्म से कमाए पैसे थे। लोग अब मुझे पीके हनी सिंह बुलाते हैं। मुझे गांव की ही दुकान में नौकरी मिल गई है। यह सब फिल्म की वजह से हुआ।"
आगे की योजना
अपने भविष्य को लेकर मनोज उम्मीदों से भरे हुए हैं। मनोज का कहना है कि वे असमी या बंगाली फिल्म में अभिनय के बारे में सोच रहे हैं। यही नहीं, वे अपनी गर्लफ्रेंड से क्रिसमस के मौके पर पहली बार मुलाकात के बारे में भी सोच रहे हैं।
अपने भविष्य को लेकर मनोज उम्मीदों से भरे हुए हैं। मनोज का कहना है कि वे असमी या बंगाली फिल्म में अभिनय के बारे में सोच रहे हैं। यही नहीं, वे अपनी गर्लफ्रेंड से क्रिसमस के मौके पर पहली बार मुलाकात के बारे में भी सोच रहे हैं।
गरीबी की वजह से मनोज बना था भिखारी
मनोज असम के सोनितपुर जिले के बेदेती का रहने वाला है। उसके पिता
दिहाड़ी मजदूर थे। मनोज के जन्म के बाद ही उसकी मां की मौत हो गई थी। उसे
स्कूल छोड़कर भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा, क्योंकि उसके पिता बीमार पड़ गए
और काम नहीं कर पाते थे। 20 साल पहले नौकरी करने के लिए मनोज ने दिल्ली
आने वाली ट्रेन पकड़ी। लेकिन दिल्ली पहुंचने के बाद मनोज ने नौकरी की जगह
भीख मांगने का फैसला किया। मनोज के मुताबिक, वह हाथ में कटोरा लेकर अंधे की
एक्टिंग कर गुजारा करने लगा।
पेशावर हमले के पीछे RAW! पाकिस्तान में तेज हुआ भारत का हाथ बताने का प्रोपेगैंडा
नई दिल्ली: पेशावर में एक स्कूल पर तालिबानी आतंकियों के हमले में 132 बच्चों समेत 145 लोगों की हत्या पर
पीएम मोदी ने कहा है कि इस घटना को लेकर जितनी पीड़ा पाकिस्तान को हुई है,
उससे रत्ती भर कम भारत को भी नहीं है। लेकिन पाकिस्तान में भारत के खिलाफ
प्रोपेगैंडा लगातार तेज हो रहा है। आतंकी हाफिज सईद द्वारा आर्मी पब्लिक स्कूल में हुए बालसंहार के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराए जाने और बदला लिए जाने की धमकी देने के बाद एक न्यूज वेबसाइट ने भी हमले में भारत का हाथ बताया है।
पाकिस्तान की एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, पेशावर हमलों में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की भूमिका के
द न्यूजट्राइब.कॉम का कहना है कि पाकिस्तान की मिलिट्री इंटेलिजेंस
एजेंसीज ने पेशावर में हमला करने वाले आतंकियों की फोन पर हुई बातचीत
इंटरसेप्ट की है। इसके आधार पर हमले में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ
होने के सबूत मिलने का दावा किया गया है। वेबसाइट ने यहां तक लिखा है कि
पाकिस्तानी सेना प्रमुख रहील शरीफ को हमले में भारतीय और अफगान एजेंसियों
का हाथ होने के सबूत सौंपे गए हैं। इससे पहले आतंकी हाफिज सईद ने हमले के
एक दिन बाद खुले आम भाषण देते हुए कहा था कि पेशावर में बच्चों के
कत्ल-ए-आम के लिए भारत, अमेरिका और इजरायल जिम्मेदार हैं। सईद ने यह भी कहा था कि हमें उनसे बदला लेना होगा।
9 साल के बच्चे ने चीनी राष्ट्रपति को बोला 'मोटा', कहा-पुतिन जैसे बनो
बीजिंग। चीन
में नौ साल के एक बच्चे ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक पत्र लिखा। उससे
देश भर में मची हलचल के बाद चीन के प्रचार विभाग ने उसे सेंसर कर दिया।
बच्चे ने राष्ट्रपति को लिखा था, "आप मोटापा थोड़ा कम कर लें।"
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग।
बच्चे का नाम नियू जिरू है। वह झेंगझाऊ के बेस्ट इंटरनेशनल स्कूल में
चौथी क्लास में पढ़ता है। झेंगझाऊ इवनिंग न्यूज के अनुसार, पत्र राष्ट्रपति
शी को संबोधित था। यह अंतरिक्ष उद्योग के बारे में स्कूल की निबंध
प्रतियोगिता में लिखा गया था।
राष्ट्रपति को बच्चे ने 'शी दादा' कह कर संबोधित किया था। पत्र
राष्ट्रपति को नहीं भेजा गया, लेकिन जिरू के पिता को वह इतना अच्छा लगा कि
उन्होंने उसका फोटो वी-चैट पर शेयर कर दिया। इंटरनेट यूजर्स ने फोटो
फॉर्वर्ड किया। इसे झेंगझाऊ ईवनिंग न्यूज ने लिया और स्टोरी छाप दी।
राष्ट्रपति शी को पत्र कैसा लगा, यह तो पता नहीं, लेकिन उनके प्रचार तंत्र
को वह पसंद नहीं आया। उसके कहने पर अखबार ने डिजिटल संस्करण से इसे हटा
लिया।
शी दादा, आप कम से कम से पुतिन जैसे तो दिखें
बच्चे ने लिखा, "चीन को मंगल पर जाने की योजना बनानी चाहिए। अमेरिका, रूस और यहां तक कि यूरोपीय संघ और भारत तक इसकी योजना बना चुके हैं। हमें भी जल्दी करनी चाहिए।" इसके बाद उसने टॉपिक बदल दिया। उसने लिखा, "शी दादा, आपको अब कुछ वजन कम करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जितना स्लिम नहीं। आप कम से कम (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन जैसे तो दिखें।"
इस्लाम में आस्था के बिना धर्म परिवर्तन कराना नाजायज : हाई कोर्ट
इलाहाबाद. लव जिहाद
के विवादित मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया
है। हाई कोर्ट ने कहा है कि लिए इस्लाम में आस्था और विश्वास के बिना
मुसलमान युवक से शादी के लिए गैर-मुस्लिम युवती के धर्म परिवर्तन को वैध नहीं ठहराया जा सकता।
प्रतीकात्मक फोटो
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों की पांच दंपत्तियों द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। पांचों दंपत्ती ने अपने शादीशुदा होने का हवाला देते हुए सुरक्षा की मांग की थी। इन सभी मामलों में युवक मुस्लिम था और युवती हिंदू थी। निकाह करने के लिए ही युवती का धर्म परिवर्तन कराया गया था।
आदेश में जस्टिस सूर्य प्रकाश केशरवानी ने वर्ष 2000 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि इस्लाम में आस्था और विश्वास के बिना किसी गैर-इस्लामिक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन को मान्य नहीं किया जाएगा। इस तरह की शादियां कुरान के सुरा-2 आयत 221 के खिलाफ हैं। कोर्ट ने इस सुरा का अंग्रेजी अनुवाद कर बताया कि इस्लाम को न मानने वाली महिला से तब तक शादी नहीं की जानी चाहिए, जब तक वह इस्लाम पर यकीन न करने लगे। यही नहीं, इस्लाम में यकीन न रखने वाले युवकों से भी बेटियों का निकाह नहीं कराना चाहिए।
याचिकाकर्ता लड़कियों ने कोर्ट में बयान दिया था कि वे इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानतीं। अपनी याचिका और कोर्ट में दिए बयान में लड़कियों ने एक बार भी नहीं कहा कि उनका इस्लाम में भरोसा और विश्वास है।
कोर्ट ने कहा कि धर्म परिवर्तन के मामलों में यह तय किया जाना चाहिए कि व्यक्ति की नए धर्म के प्रति पूरी ईमानदारी और अल्लाह के प्रति आस्था हो। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो धर्म परिवर्तन को जायज नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब से सहमति जताई, जिसमें यह कहा गया था कि ये शादीशुदा दंपत्ती सुरक्षा के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं हैं, क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसकी इजाजत नहीं देता। ये सारी याचिकाएं अलग-अलग अलग-अलग समय में दायर की गई थीं। कोर्ट ने भी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए निर्णायक फैसला सुनाया।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)