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20 दिसंबर 2014

इस गुजराती के सामने आज पूरा पाकिस्तान है 'नतमस्तक'




राजकोट। मंगलवार को पाकिस्तान के पेशावर शहर के स्कूल पर हमला कर आतंकवादियों ने 132 बच्चों सहित 142 लोगों की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस घटना को ‘नेशनल ट्रेजडी’ बताकर तीन दिवस का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। पाकिस्तान पर आई इस संकट की घड़ी में फिर एक बार समाज सेवक अब्दुल सत्तार ईदी ने महती भूमिका निभाई। 
फोटो: संस्था के लिए चंदा एकत्र करते हुए अब्दुल सत्तार ईदी
फोटो: संस्था के लिए चंदा एकत्र करते हुए अब्दुल सत्तार ईदी
 
पेशावर की आर्मी स्कूल में हुए हमले का समाचार मिलते ही ईदी फाउंडेशन की दर्जनों एंबुलेंस व सैकड़ो समाजसेवी घटनास्थल पर अपनी जान की परवाह किए बिना पहुंच चुके थे। स्कूल में फंसे बच्चे और अन्य लोगों को हॉस्पिटल तक पहुंचाने और तात्कालिक उपचार देने में फाउंडेशन की एंबुलेंस और समाजसेवी सुबह 10 से देर रात तक घटनास्थल पर मौजूद रहे।
 
अब्दुल सत्तार ईदी:
‘अब्दुल सत्तार ईदी’ यह नाम पाकिस्तान में पूरी अदब के साथ लिया जाता है। अब्दुल सत्तार पाक आवाम के दिलों पर इस तरह राज करते हैं कि उनके अनेकों नाम हैं.. ‘फरिश्ता’, ‘फादर टेरेसा’ तो ‘दूसरे गांधी’। पाकिस्तान में इनकी समाजसेवी संस्था की प्रतिष्ठा इतनी ऊंची है कि अगर संस्था का वाहन किसी फायरिंग क्षेत्र में भी पहुंच जाए तो वहां गोलीबारी रुक जाती है। दंगे-फसाद थम जाते हैं।
 
बड़े से बड़े उपद्रव भरे माहौल में भी कोई इनकी संस्था के वाहन तक पर हमला नहीं करता। इस महान शख्सियत का जन्म गुजरात के जूनागढ़ जिले के बांटवा गांव में हुआ। मानवता के लिए अब्दुल सत्तार ईदी की कटिबद्धता यह है कि उनकी महानतम समाजसेवा के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा उन्हें अब तक 16 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है। उन्हें वर्ष 1996 में भारत की ओर से गांधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।अब्दुल सत्तार का जन्म गुजरात के जूनागढ़ जिले के बांटवा गांव में हुआ। सन् 1947 में आजादी के बाद हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे पर अब्दुल सत्तार सपरिवार पाकिस्तान पहुंच गए।  वर्ष 1951 में उन्होंने एक छोटी सी डिस्पेंसरी खोली। इस समय भी जब उनकी कमाई लगभग न के बराबर थी, तब भी वे असहाय लोगों की मदद किया करते थे।एक बार कराची में फ्लू की महामारी फैल गई। इस समय लोगों की मदद के लिए सत्तार साहब ने टेंट लगाया और कई दिनों तक लोगों का मुफ्त इलाज किया। इतना ही नहीं उनकी इस सेवा-भाव को देखते हुए लोगों ने बाद में उन्हें काफी पैसा दिया। सत्तार साहब ने इन पैसों का उपयोग भी अपने सुख के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई के लिए ही किया। इन पैसों से उन्होंने ‘ईदी फाउंडेशन’ नामक संस्था की स्थापना की। आज यह फाउंडेशन पाकिस्तान सहित दुनिया भर के 13 देशों में कार्यरत है।

नैनवां चेयरमैन ने डिप्टी को दी थी गालियां

बीजेपी MLA के बाद राजस्थान के और भी नेताओं के अभद्र भाषा के ऑडियो-वीडियो वायरल



प्रमोद जैन, पालिकाध्यक्ष, नैनवां
प्रमोद जैन, पालिकाध्यक्ष, नैनवां
 
नैनवां के पालिकाध्यक्ष प्रमोद जैन द्वारा डीएसपी वीरेंद्र सिंह जाखड़ से ऐसी ही बदजुबानी का मामला सामने आया है। घटना साम्प्रदायिक तनाव में वहां लगे कर्फ्यू के दौरान 13 सितंबर की है, जो अब व्हाॅट्स एप पर वायरल हुई है।

नैनवां में तब दो पक्षों में हुए तनाव के बाद कर्फ्यू लगाया गया था। उसी दौरान पुलिस पर महिलाओं से मारपीट करने के आरोप लगे थे। तब 13 सितंबर को वहां के पालिकाध्यक्ष प्रमोद जैन जयपुर में थे और वहीं से डीएसपी वीरेंद्र जाखड़ को फोन किया था। जिसमें 4 बार जाखड़ को भद्दी गालियां दी। हालांकि तब जाखड़ ने अपने उच्चाधिकारियों को इसकी शिकायत की थी, लेकिन मामला सामने नहीं आया था।
 
यह बातचीत 13 सितंबर को सांप्रदायिक तनाव के दौरान हुई थी, जो अब व्हॉट्स एप पर वायरल हो रही है, पूरी बातचीत 1 मिनट 35 सेकंड की है।
 
डिप्टी- हां जी।
प्रमोद- हां डिप्टी साब, प्रमोद बोल रहा हूं।
डिप्टी- हां जी।
प्रमोद- अरे ये उधर, टोडा पाेल  की साइड महिलाओं के साथ गया होगा, सीआई गया होगा 10-20 जने और ले करके, और वो मारपीट कर रहा है उनसे, शांति चाहते हो या आग लगवाना चाहते हो नैनवां में।
डिप्टी- कब की बात है?
प्रमोद- अभी सुबह की बात, 7 बजे की मॉर्निंग, मैं तो जयपुर आ गया। और आ रहा हूं शाम को (गाली) तुम्हारी सबकी अब।
डिप्टी- एेसे मत करो गाली।
प्रमोद- वापस 24 घंटे का लगाओ कर्फ्यू, 4 घंटे की ढील दी है न तुमने। 24 घंटे का लगाना, आ रहा हूं मैं शाम को। (गाली) तुम्हारी सबकी मैं।
डिप्टी- नहीं, नहीं, नहीं। सही सूचना नहीं है ये।
प्रमोद- मैं कह रहा हूं आपसे, मेरी बात सुन लो आप। आप समझते हो न 4 घंटे दिए, पूरे 24 घंटे का लगाओ न आप कर्फ्यू।
डिप्टी- सही सूचना नहीं है।
प्रमोद- आ रहा हूं, अभी मैं जयपुर से (गाली) तुम्हारी सबकी।
डिप्टी- गाली मत निकालो।
प्रमोद- फोर्स बुला लो, जितनी मर्जी चाहो तुम्हारी।
डिप्टी- गाली मत निकालो।
प्रमोद- यार शर्म नहीं आती आप लोगों को।
डिप्टी- यार पहले शर्म की बात तो पता करो।
प्रमोद- आप हमारी दिमागी परीक्षा ले रहे हो। महिलाओं को डंडे मार रहे हो आप वहां जाकर के।
डिप्टी- कौन मार रहा है, कोई डंडा नहीं है, पहले पता कर लो।
प्रमोद- घर में टॉयलेट नहीं है तो कहां जाएंगी महिलाएं?
डिप्टी- पहले पता करने दो।
प्रमोद- पता क्या करने दो। यार आपको बहुत लिबरल होके बात कर रहे हैं दो दिन से।
डिप्टी- नहीं ऐसी बात नहीं है।
प्रमोद- सीमाओं से बाहर निकलते जा रहे हो आप, पुलिस की वर्दी पहन ली तो क्या वो हो गया क्या खुदा।
डिप्टी- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, पहले मैं...
प्रमोद- अंग्रेजों के राज में भी नहीं हुआ ऐसे तरीका का काम तो यार। आ रहा हूं मैं शाम को, मुझसे करना बात। ले आना तुम्हारी जित्ती फोर्स हो उत्ती। बुला लेना और आईजी को भी बुला आपके को भी।
डिप्टी- ऐसी कोई बात नहीं है..
प्रमोद- हम तो सीमा में रह कर के बहुत शांति चाहते हैं।
डिप्टी- अच्छा.., वो तो आपकी बातों से लग ही रहा है...
प्रमोद- ऐसी की तैसी हो जाएगी, कह देना उस सीआई से। (गाली) उसकी गर्मी भी वहीं रह जाएगी। कह देना आपके उस आईजी से भी, आ रहा हूं शाम को अभी।
डिप्टी- ठीक है, जैसी भाषा बोल रहे हो न....महिलाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसे मैं सहन नहीं कर सका। भावावेश में कुछ अपशब्द निकल गए। डीएसपी से खेद प्रकट कर दिया था। अब उनसे मधुर संबंध हैं। अब तीन माह  बाद यह होना राजनीतिक द्वेष लग रहा है।' - प्रमोद जैन,पालिकाध्यक्ष नैनवां

'कर्फ्यू  के दौरान पालिकाध्यक्ष ने मोबाइल पर  गाली-गलौच की थी। तब उनके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी। इसकी एंट्री रोजनामचे में दर्ज है। साथ ही तत्कालीन एसपी व आईजी को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया था। मैंने ऑडियो को सार्वजनिक नहीं किया है।' -वीरेंद्र जाखड़,डीएसपी, नैनवां

बीजेपी MLA के बाद राजस्थान के और भी नेताओं के अभद्र भाषा के ऑडियो-वीडियो वायरल


कोटा। हाल ही में बीजेपी विधायक द्वारा मेडिकल अफसर को फोन पर गाली सुनाने का मामला शांत नहीं हुआ कि ऐसे ही दो और मामले सामने आ गए है। एक वीडियो में भाजपा एमएलए मतदाताओं को धमका रहे हैं तो एक ऑडियो में नैनवां के पालिकाध्यक्ष प्रमोद जैन डीएसपी वीरेंद्र सिंह जाखड़ से बदजुबानी कर रहे हैं। दोनों हा मामले व्हॉट्स एप पर वायरल हो रहे हैं। 
भवानी सिंह राजवात, विधायक, भाजपा
भवानी सिंह राजवात, विधायक, भाजपा
 
राजावत ने धमकाया था- वोट नहीं दिया तो सामान बाहर फिंकवा दूंगा

लाडपुरा से भाजपा विधायक भवानीसिंह राजावत का मतदाताओं को धमकाने वाला वीडियो व्हॉट्स एप पर वायरल हुआ है। वीडियो पिछले महीने नगर निगम चुनावों के दौरान 19 नवंबर का है।

जब राजावत वॉम्बे योजना में भाजपा प्रत्याशी मधु कंवर हाड़ा के पक्ष में वोट मांगने गए थे। 6 मिनट 51 सेकंड के वीडियो में राजावत एक सभा को संबोधित कर रहे हैं। जिसमें मतदाताओं को धमकाते हुए कह रहे हैं कि वोट कमल पर नहीं दिया तो जिन लोगों को यहां बसाया है, सबके घर खाली करवा दूंगा। सामान बाहर फिंकवा दूंगा। हालांकि इस वार्ड नं. 32 से हाड़ा ही चुनाव जीती थीं।

कानूनी राय लेकर जाएंगे कोर्ट

वार्ड 32 से कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में ही नहीं था। कांग्रेस प्रत्याशी मधुबाला का नामांकन गायब हो गया था। दूसरे नंबर पर रही निर्दलीय प्रत्याशी मिथलेश सिंह के बेटे विजय सिंह का कहना है कि उस समय ऐसी सूचना मिली थी, लेकिन चुनाव में व्यस्त होने तथा हमारी स्थिति काफी अच्छी होने के कारण हमने ध्यान ही नहीं दिया। अब वीडियो सामने आने के बाद वकीलों से कानूनी राय लेंगे और फिर कोर्ट में जाएंगे।

ये ऑडियो भी चर्चा में रहा

विधायक राजावत का ये ऑडियो भी चर्चा में रहा। जिसमें राजावत को उनके विधानसभा क्षेत्र के मतदाता ने टेलीफोन पर दीपावली की राम-राम के साथ ही पेयजल सप्लाई नहीं होने की शिकायत की।  क्षेत्र के मतदाता का कहना था कि हाथ जोड़कर वोट मांगने तो आ जाते हो, अब मत आज्यो, न तो विरोध होवेगो, इस पर विधायक भवानी सिंह राजावत ने जवाब दिया कि अब मत दीज्यो वोट।
6 मिनट 51 सेकंड के वीडियो में राजावत ने इस तरह दिया भाषण...'दोस्तों, आज मैं तुम सब से खरी-खरी बात करने आया हूं। हम तो लगातार 5 साल तक तुम्हें देते ही रहते हैं। जब हमारा मांगने का वक्त आता है तो तुम में से कई लोग हमारी पीठ में छुरा घोंपते हैं, गद्दारी करते हैं, बिक जाते हैं दारू में, पैसे में। आज पानी आ रहा है तो मेरी बदौलत आ रहा है। रोड लाइटें जल रही हैं तो मेरी बदौलत। जब चुनाव आता है तो मैं ईमान नहीं बेचता। मैं पैसे नहीं बांटता। मैं तो ईमानदारी से सेवा कर सकता हूं। कम से कम 700 लोग अवैध रूप से रह रहे हैं मकानों में। जब हटाने आए, नोटिस देने आए तो कोटा का कोई माई का लाल बचाने आया क्या। जब संकट में साथ मैं दूं और वोट कोई पंजे पर दे रहा, किसी और पर दे रहा है। अब कान खोल कर सुन लो अब पता चल जाता है कि वोट किसको दिया। अबके पेटी खुली और मुझे पता चल गया कि वोट कमल पर नहीं तो कोई माई का लाल बचाने नहीं आएगा, किसी को भी नहीं रहने दूंगा। सबके सामान बाहर फिकवाऊंगा। किसी को भी नहीं रहने दूंगा। इसलिए खाली करवाऊंगा कि मदद तो मैं करू और तुम वोट दूसरे को दो। कमल के फूल पर वोट दिया तो चाहे कितनी भी बड़ी ताकत आ जाए कोई भी तुम्हे यहां से हटा नहीं सकता है। एक नहीं एक हजार लोगों के बीपीएल में कार्ड बनाऊंगा। राज मेरा है, राज गैस सिलेंडर वालों का नहीं है, पंजे का नहीं है। सरकार मेरी है और नगर निगम में बोर्ड भी मेरा बनेगा। आपको कसम है अपने बाल बच्चों की, मेरे साथ गद्दारी मत करना।
 
चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद अपनाना पड़ता है 
'वाॅम्बे  योजना में 200 से 300 परिवार अवैध रूप से रहे हैं। यूआईटी द्वारा इन्हें हटाया जा रहा था, लेकिन मैंने उन्हें बचाया था। मैंने यूआईटी से कहा था कि पहले इनका पुनर्वास करो, फिर हटाना। इसी बात को मैंने चुनाव के दौरान कहा था कि किसी के बहकावे में न आएं। वोट कमल को ही दें। आजकल वोट किसे देते हैं ये पता चल जाता है। उस समय मेरे भाषण पर जनता ने तालियां बजाई थीं। कांग्रेस ने भी चुनाव के दौरान वीडियो को चुनाव आयोग तक भेजा था, लेकिन किसी ने भी तवज्जो नहीं दी। मैंने किसी को धमकाया नहीं, व्यक्तिगत किसी को टारगेट नहीं किया।  अब चुनाव में तो साम-दाम-दंड-भेद सभी अपनाने पड़ते हैं।' -भवानीसिंह राजावत, विधायक

करोड़ों के घोटाले में पूरे परिवार को सजा, पत्नी, बेटा और बेटी के साथ जाएंगे जेल


अजमेर। भ्रष्टाचार के मामले में विशेष अदालत ने राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन के डिप्टी मैनेजर सुरेंद्र शर्मा सहित उनके पूरे परिवार को 6-6 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उनकी पत्नी अरुणा, बेटे गौरव व बेटी गरिमा को काली कमाई के लिए उकसाने का दोषी माना है। प्रकरण बहुचर्चित पशु आहार घोटाले से जुड़े आय से अधिक संपत्ति का है।
सुरेंद्र शर्मा, आरोपी
सुरेंद्र शर्मा, आरोपी
 
25-25 लाख का जुर्माना
 
भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश फूलचंद झाझड़िया ने चारों पर 25-25 लाख रुपए का जुर्माना भी किया है। जुर्माना नहीं चुकाने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोपी के पूरे परिवार को सजा मिलने का संभवतया पहला मामला है।भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले में सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ तीन केस दर्ज हुए थे। इनमें से एक में उसे पहले ही दो साल कैद की सजा हो चुकी है।

जबकि पद के दुरुपयोग के एक मामले में शर्मा सहित अन्य आरोपी बरी हो गए थे। तीसरा मामला आय से अधिक संपत्ति का दर्ज हुआ था। इसमें शर्मा का पूरा परिवार आरोपी था। अदालत ने शर्मा को भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) सपठित धारा 13(1)(ई) के तहत भ्रष्ट साधनों से काली कमाई का दोषी माना, जबकि उनकी पत्नी अरुणा, बेटे गौरव व बेटी गरिमा पर आईपीसी की धारा 109 के तहत भ्रष्टाचार के लिए उकसाने के आरोप साबित हुए। चारों को सजा सुनाने के बाद केंद्रीय कारागृह भिजवा दिया गया।
 
काली कमाई को बचाने के लाख जतन, पर कोर्ट में सब फेल
 
मूक पशुओं के आहार में मिलावट करने और फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाले सुरेंद्र शर्मा का पूरा परिवार काली कमाई को खपाने में जुटा हुआ था। शर्मा ने पत्नी, बेटे और बेटी के नाम पर बैंक लॉकर व खाते खोले और काली कमाई इनमें जमा करवाई। बचाव के लिए पूरे परिवार ने जोड़-तोड़ लगाए। अरुणा ने बताया यह राशि ब्यूटी पार्लर का संचालन कर व बैंकों में जमा रकम के ब्याज से अर्जित की है। बेटी गरिमा ने एक कंपनी से वेतन मिलने सहित बैंकों से मिलने वाले ब्याज से संपत्तियां व रकम जमा करना बताया। बेटे गौरव ने एक फर्म के नाम पर कमाई बताई थी। शर्मा ने कोर्ट में दलील दी- कैंसर का मरीज हूं। बेटी की शादी होनी है। सजा में नरमी बरती जाए। सजा मिलते ही शर्मा परिवार के होश फाख्ता हो गए।
अदालत ने कहा कि एक पढ़ा-लिखा परिवार अगर काली कमाई को सहज, सरल तथा सुविधापूर्ण बनाने के लिए जानबूझकर उत्प्रेरित करता है तो उन्हें निर्दोष नहीं माना जा सकता है।  
'भ्रष्टाचार समाज में कैंसर की तरह फैल रहा है। आम आदमी भ्रष्टाचार से आहत है। लोक सेवक द्वारा ईमानदारी से मिलने वाले वेतन भत्तों के अलावा अन्य साधनों से धन एकत्रित करने की लालसा ने समाज के मानक मूल्यों काफी नुकसान पहुंचाया है। एक मात्र लक्ष्य येन केन प्रकारेण धन एकत्रित करना बन गया है। ऐसी प्रवृत्ति को रोकना जरूरी है। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए उदाहरणस्वरूप कठोर दंड दिया जाना जरूरी है ताकि भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन नहीं मिले।' -न्यायाधीश फूलचंद झाझड़िया, जैसा फैसले में लिखा
 
तब दंग रहे गए थे एसीबी अफसर
एसीबी ने 6 अगस्त 2010 को शर्मा को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से 1 लाख रुपए बरामद हुए। एसीबी की टीमों ने शर्मा के वैशालीनगर स्थित आवास की तलाशी ली तो मोटी रकम के साथ ही लॉकरों की सूचना मिली। अजमेर, जयपुर व बीकानेर स्थित बैंक  लॉकरों ने नोट व सोना उगला तो एसीबी के अधिकारी भी दंग रह गए। करीब आठ करोड़ रु. नकद व 9 किलो 826 ग्राम से ज्यादा सोना मिला।

संघ प्रमुख की मोदी सरकार को चुनौती- 'घर वापसी' पसंद नहीं है तो कानून बना कर रोकें


कोच्चि. धर्मांतरण को लेकर चल रहे विवाद के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि अगर आप हिंदू नहीं बनना चाहते हैं तो हिंदुओं का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराएं। उन्‍होंने साफ कहा कि 'घर वापसी' जारी रहेगी। सरकार को एक तरह से चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा कि अगर किसी को यह पसंद नहीं है तो रोकने के लिए कानून बनाए। जबकि, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने शनिवार को ही साफ किया कि भाजपा जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर चुप हैं। कई दिनों से संसद में लगातार हंगामे के बावजूद वह कोई बयान नहीं दे रहे हैं। 
शनिवार को केरल के पलक्कड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह।
शनिवार को केरल के पलक्कड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह।
 
क्‍या बोले भागवत 
कोलकाता में हिंदू सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि जो भी व्यक्ति हिंदू धर्म से भटका है, उसे घर वापस लाएंगे। अगर किसी व्यक्ति को यह पसंद नहीं तो इसे रोकने के लिए कोई कानून बनाए। उन्होंने कहा, 'हम किसी का धर्म परिवर्तन करने के लिए बाहर नहीं निकले हैं, लेकिन अगर हिंदू परिवर्तन नहीं करेंगे तो हिंदू धर्म कभी नहीं बदलेगा। हम इस मसले पर तटस्थ हैं। हम अपने लोगों को उनसे बचाएंगे जो दूसरों का सिर काटते हैं।' उन्‍होंने कहा कि अगर कोई हिंदू नहीं बनना चाहता है तो वह हिंदुओं का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराए।
 
संघ प्रमुख ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को 'भारत भूमि' कहा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 1947 में हुई घटना के कारण बना है और यह स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कई अपराध कर रहा है। बांगलादेशी घुसपैठिये कई अपराध कर रहे हैं लेकिन फिर भी हम सहन कर रहे हैं। हालांकि अब हम ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे। 
 
शाह ने ये कहा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी दबाव बनाकर कराए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ है। शाह ने कहा है कि उन्होंने दूसरी पार्टियों से ऐसे धर्मांतरण पर रोक लगाने के मकसद से तैयार होने वाले विधेयक पर समर्थन मांगा है। मीडिया से बात करते हुए शाह ने कहा, "बीजेपी दबाव बनाकर करवाए गए धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाना चाहती है। इसलिए तथाकथित सेक्युलर पार्टियों को बीजेपी की इस कोशिश का समर्थन करना चाहिए।" अमित शाह केरल के दो दिनों के दौरे पर हैं। उन्होंने पलक्कड़ में पार्टी के मेगा मेंबरशिप अभियान की शुरुआत की।  

जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी अल्पसंख्यक संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है, तो उन्होंने जवाब दिया, "राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनने के बाद ही ऐसे मुद्दे पर सार्वजनिक बहस कराई जा सकती है।" 
 
हिंदू संगठनों की ओर से उत्तर प्रदेश में आयोजित किए जाने वाले घर वापसी कार्यक्रमों से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा, "यह मामला कोर्ट के सामने है। मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता।" 
धर्मांतरण के मुद्दे की वजह से संसद की कार्यवाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी पर हमले कर रहा है और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है।  
 
सूत्र बताते हैं कि बीजेपी ने मोदी के बयान की मांग को पूरी तरह से अनसुना करने का निर्णय लिया है। पार्टी ने यह फैसला एक आकलन के बाद लिया है, जिसके तहत यह माना गया कि पीएम के बयान की मांग इसलिए उठाई जा रही है, ताकि ऐसा लगे कि मोदी का अपनी पार्टी और सरकार पर कोई नियंत्रण नहीं है।

सहारनपुर में टूटा शिवलिंग, मुजफ्फरनगर में मंदिर में फेंका मांस


सहारनपुर/मुजफ्फरनगर. पश्चिमी यूपी के दो जिलों में शनिवार को सांप्रदायिक तनाव भड़क उठा। सहारनपुर के बडूली गांव में कुछ असामाजिक तत्वों ने शिवमंदिर में शिवलिंग और मूर्तियां तोड़ दीं। इससे गुस्साए गांववालों ने जमकर हंगामा किया। वहीं, मुजफ्फरनगर के परासौली गांव में बीते शुक्रवार रात शरारती तत्वों ने पुराने शिव मंदिर में पशुओं के दो कटे सिर और मांस के टुकड़े फेंक दिए। इस घटना से भी लोगों का गुस्सा भड़क उठा। घटनास्थल पर पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा। दोनों जगह पर सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
सहारनपुर के गांव के शिव मंदिर में तोड़ा गया शिवलिंग
सहारनपुर के गांव के शिव मंदिर में तोड़ा गया शिवलिंग

सहारनपुर के एक गांव में शनिवार शाम मंदिर के शिव मंदिर में शिवलिंग और मूर्तियां तोड़े जाने पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद गांव में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। पुलिस ने मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है। गांव में पीएसी के साथ-साथ कई थानों की पुलिस डेरा डाल दिया है। ग्राम प्रधान सुधीर त्यागी ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है। 
 
वहीं, भाजपा नेता आरोपियों की गिरफ्तारी और उन पर रासुका लगाए जाने की मांग को लेकर मंदिर परिसर में ही धरने पर बैठ गए। देर शाम थाना नागल क्षेत्र के गांव बडूली में गौरव मंदिर में पूजा के लिए गए थे। उन्होंने देखा कि मां दुर्गा, हनुमान और शिवलिंग पूरी तरह से टूटे हुए थे। मंदिर परिसर में लगा तुलसी का पेड़ भी उखड़ा हुआ था। 
 
घटना की मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस एक पंडित और राजमिस्त्री को लेकर गांव पहुंची। साथ ही टूटी मूर्तियों के स्थान पर नई मूर्तियां लगाने का प्रयास किया। हालांकि, गांववालों के विरोध के चलते पुलिस नई मूर्ति लगाने में विफल रही। गांव में तनाव को देखते हुए कई पुलिस स्टेशन की पुलिस और पीएसी सहित एसडीएम सदर भानु प्रताप, एसपी देहात डॉ. धर्मवीर सिंह, सीओ देवबंद सुरेशपाल सिंह सहित कई अफसर मौके पर जमा हो गए थे।
 
वहीं, घटना के विरोध में भाजपा के साहब सिंह पुंडीर, बजरंग दल के विकास त्यागी, कुलदीप सैनी, पंकज त्यागी आदि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मंदिर परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। इनका कहना है कि इस समय मल मास शुरू हो चुका है, जो 14 जनवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान कोई भी मांगलिक काम नहीं होगा। साथ ही मंदिर में मूर्ति स्थापना से पहले धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। इसके बाद ही विधि विधान से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होती है।मुजफ्फरनगर के परासौली गांव में बीते शुक्रवार रात शरारती तत्वों ने पुराने शिव मंदिर में पशुओं के दो कटे सिर और मांस के टुकड़े फेंक दिए। इससे इलाके में तनाव फैल गया। घटना की जानकारी होते ही सैकड़ों की तदाद में लोग जमा हो गए। उन्होंने जमकर हंगामा कर दिया। इस बीच मौके पर पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा। यहां तक की महिलाओं ने भी 'मंत्री वापस जाओ' के नारे लगाए।  2 of 7
हंगामा कर रहे ग्रामीणों को समझाते केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान।

बताते चलें कि दो दिन पहले बुढ़ाना क्षेत्र के इसी परासौली गांव में एक दुर्गा मंदिर के बाहर कुछ असामाजिक तत्वों ने पशुओं की खालें लटका दी थी। वहां कुछ धार्मिक पुस्तकों के पन्नों के साथ एक धमकी भरा पत्र भी फेंका गया था। इसमें धर्म परिवर्तन नहीं करने पर बुरे नतीजे भुगतने की धमकी दी गई थी। इस मामले को लेकर गांव में तनाव के बाद प्रशासन मामले को ठंडा करने के प्रयास में लगा हुआ था। 

दो दिन पहले इस मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी प्रशासन द्वारा शांति समिति का गठन किया गया था। बीते शुक्रवार को इस शांति समिति की मीटिंग में दोनों पक्षों के लोगों ने शांति और सद्भाव बनाए रखने पर सहमति जताई थी। इसके बावजूद बीती रात असामाजिक तत्वों ने फिर गांव में तनाव की आग भड़का दी। इस बार गांव के प्राचीन शिव मंदिर में असामाजिक तत्वों द्वारा पशुओं के दो कटे हुए सिर और मांस फेंके जाने से लोग भड़क उठे। 

आरोपियों को पकड़ने की मांग करती रही भीड़ 

घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने मंदिर को साफ कराने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण पहले आरोपियों को पकड़ने की जिद पर अड़ी रही। वहां पहुंचे एसपी देहात आलोक प्रियदर्शी द्वारा उल्टे प्रदर्शनकारियों को धमकाने और पुलिस द्वारा धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर की गई टिप्पणी पर लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। भीड़ का कहना था कि पुलिस गांव में गश्त का दावा कर रही है। इसके बावजूद यह घटना हो गई।

क़ुरआन का सन्देश

  
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