अमझेरा. खेल-खेल में अभिनव कन्या विद्यालय की बच्चियों ने
साबुन का विकल्प ढूंढ निकाला। यहां भोजन के पूर्व बच्चियां लेमन ड्यूरेंडा
की पत्तियों से हाथ धोती हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे नुकसान तो कुछ
नहीं, बल्कि वानस्पतिक हैंडवॉश साबुन के कैमिकल से बेहतर है।
दरअसल कक्षा पांचवीं की दो छात्रा सोनिया हीरालाल व नूपुर गजेंद्र को
भोजन के पूर्व हाथ धोने के लिए वॉटर प्लेटफार्म पर गईं। यहां हाथ धोने के
लिए साबुन नहीं दिखा। ऐसे में उन्होंने प्लेटफॉर्म के पीछे ही पेड़ की 5-10
पत्तियों को तोड़कर अपने हाथों में घिसना शुरू कर दिया।
नल का पानी मिलाते ही इन पत्तियों के घिसाव ने झाग देना शुरू कर दिया।
बच्चियों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह बात उन्होंने अपनी अन्य
सहेलियों को कक्षा में जाकर बतलाई तो अन्य बच्चियों ने भी इस ऐसा कर देखा।
अगले दिन ही यह मामला विद्यालय प्रभारी अश्विन शर्मा तक पहुंचा। उन्होंने बच्चियों को पत्तियों को तोड़ने से रोकने की समझाइश दी लेकिन बच्चियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वे इसी से हाथ धोने लगी। तब से यह सिलसिला आज तक जारी है। बच्चियां भोजन के पूर्व इसी तरह हाथ धोती हैं। स्कूल परिसर में 25 पेड़ लेमन ड्यूरेंडा के लगे हैं