राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ यानि आर एस एस के दो चेहरे क्यों है ,,समझ नहीं
आता ,,,,,,आर एस एस ने आज़ादी के लड़ाई में कोई साथ नहीं दिया ,,,कोई मदद
नहीं की ,,बाद में देश को आज़ाद कराने वाले गांधी को मार दिया ,,,मारने वाले
का साथ दिया ,,,खुद को बचाने के लिए देश की सरकार को माफीनामा लिखा ,,देश
के खिलाफ ,,देश के खिलाफ कोई भी अराजकता वाली कार्यवाही नहीं करने का
लिखित वचन दिया ,,,कोई संविधान नहीं ,,कोई सदस्य्ता नहीं ,,कोई कैशबुक नहीं
,,देश के क़ानून के प्रावधानों के तहत कोई पंजीयन नहीं ,,,,खुद
को सियासत से अलग रखने का नारा और सियासत में पूरा दखल ,,किसे मंत्री
बनाना है ,,कोनसी योजना लाना है ,,,,खुलकर सियासत ,,,ईमानदारी का ढिंढोरा
कभी बेईमान लोगों खासकर बेईमान भाजपाइयों ,,उद्योगपतियों के खिलाफ कोई बयान
नहीं ,,उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की प्रक्रिया नहीं ,,,,,,देश भक्त बनते
है लेकिन आर एस एस की तरफ से देश की फौज में शामिल होकर देश को मज़बूत करने
का कोई अभियान नहीं ,,,आर एस एस का कोई वैज्ञानिक नहीं
,,,,,,,,,,,,,,व्यभिचार के खिलाफ आर एस एस का अभियान लेकिन अक्सर इससे जुड़े
लोग व्यभिचार के मामलों में बदनाम हुए है उनके मामले में कोई कार्यवाही
नहीं ,,,आर एस एस से जुड़े कर्मचारियों को ईमानदारी का पाठ नहीं ,,,,,आर एस
एस मुस्लिमों के खिलाफ अभियान चला कर नफरत का पाठ पढ़ाती रही लेकिन इसी आर
एस एस ने राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच बनवाया और अब मुसलमानो के साथ मीटिंग
कर रहे है ,,,,,,,,,अख्तर