आपका-अख्तर खान

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25 दिसंबर 2014

देख पालकी,,,

देख पालकी जिस दुल्हन की, बहक गया हर एक बाराती,
जिसके द्वार उठेगा घूंघट, जाने उस पर क्या बीतेगी ।
एक रोज़ सपने में छूकर, तन मन, चन्दन वन कर डाला,
जो हर रोज़ छुआ जायेगा, उस पागल पर क्या बीतेगी ।

राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ

राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ यानि आर एस एस के दो चेहरे क्यों है ,,समझ नहीं आता ,,,,,,आर एस एस ने आज़ादी के लड़ाई में कोई साथ नहीं दिया ,,,कोई मदद नहीं की ,,बाद में देश को आज़ाद कराने वाले गांधी को मार दिया ,,,मारने वाले का साथ दिया ,,,खुद को बचाने के लिए देश की सरकार को माफीनामा लिखा ,,देश के खिलाफ ,,देश के खिलाफ कोई भी अराजकता वाली कार्यवाही नहीं करने का लिखित वचन दिया ,,,कोई संविधान नहीं ,,कोई सदस्य्ता नहीं ,,कोई कैशबुक नहीं ,,देश के क़ानून के प्रावधानों के तहत कोई पंजीयन नहीं ,,,,खुद को सियासत से अलग रखने का नारा और सियासत में पूरा दखल ,,किसे मंत्री बनाना है ,,कोनसी योजना लाना है ,,,,खुलकर सियासत ,,,ईमानदारी का ढिंढोरा कभी बेईमान लोगों खासकर बेईमान भाजपाइयों ,,उद्योगपतियों के खिलाफ कोई बयान नहीं ,,उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की प्रक्रिया नहीं ,,,,,,देश भक्त बनते है लेकिन आर एस एस की तरफ से देश की फौज में शामिल होकर देश को मज़बूत करने का कोई अभियान नहीं ,,,आर एस एस का कोई वैज्ञानिक नहीं ,,,,,,,,,,,,,,व्यभिचार के खिलाफ आर एस एस का अभियान लेकिन अक्सर इससे जुड़े लोग व्यभिचार के मामलों में बदनाम हुए है उनके मामले में कोई कार्यवाही नहीं ,,,आर एस एस से जुड़े कर्मचारियों को ईमानदारी का पाठ नहीं ,,,,,आर एस एस मुस्लिमों के खिलाफ अभियान चला कर नफरत का पाठ पढ़ाती रही लेकिन इसी आर एस एस ने राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच बनवाया और अब मुसलमानो के साथ मीटिंग कर रहे है ,,,,,,,,,अख्तर

जुदाई

जुदाई का हर लम्हा कुछ यूँ गुज़ारा हमने,
तुम आओगे, तुम आने वाले हो, तुम आओगे शायद ।
फिर कहा नहीं आना ही पढ़ेगा ,,,आना ही पढ़ेगा
देखो अब हम और तुम एक हो गए है ,,बिछड़ना मत प्लीज़ ,,,,,

राहुल सर कांग्रेस को बर्बाद करने वाले चमचों ने आपको और मम्मी को खूब मामू बनाकर कांग्रेस को बर्बाद करवा दिया है ,

राहुल सर कांग्रेस को बर्बाद करने वाले चमचों ने आपको और मम्मी को खूब मामू बनाकर कांग्रेस को बर्बाद करवा दिया है ,,अब यह लोग कॉंग्रेस का नामोनिशान मिटाने की कोशिशों में है ,,,आप इस मामले में कोई कार्यवाही करने की जगह कांग्रेस की बर्बादी का हिस्सा बन रहे है ,,,अगर आप नियमित अपने कार्यालय में लोगों से मिलना शुरू कर दे ,,,ज़रा तहज़ीब से बिठाकर कार्यकर्ताओं की सुनवाई करे तो निचले स्तर पर तो खुद ही सुधार आजायेगा ,,,पुरे भारत के सभी ज़िलों में आप को अपनी टीम के वफादारों की गुप्त टीम गुप्तचर रिपोर्ट के लिए तैयार करना होगी जैसे आपके पापा राजीव गांधी ने की थी ताकि आपको पता लगे के कांग्रेस के भेस में कांग्रेस को लूटने वाले खसोटने वाले कितने भेड़िये घूम रहे है ,,लेकिन पहले खुद को कांग्रेस संविधान पढ़ना होगा उसकी शत प्रतीशत खुद को पालना करवाना होगी तब कही आप और पार्टी फिर से स्थापित हो सकेगी क्योंकि कांग्रेस का विधान नीतियां अपनाकर नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन गए है और अपने हमने इन नीतियों को छोड़ दिया है इसीलिए सत्ता से बाहर हो गए है ,अख्तर

शरीफ ने भी भिजवाए फूल, बधाई देने आने वालों की ओर बस देख भर लेते हैं अटलजी


नई दिल्‍ली. गुरुवार, 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी 90 साल के हो गए। उन्‍हें जन्‍मदिन की बधाई देने के लिए पाकिस्‍तानी पीएम नवाज शरीफ ने भी गुलदस्‍ता भिजवाया। भाजपा नेताओं का उनके घर तांता लगा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस जाने के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव करते हुए पहले अटलजी के घर गए। इनके बाद भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह, लालकृष्‍ण आडवाणी, शाहनवाज हुसैन आदि बड़े नेता उनके घर पहुंचे। वहां से निकलने के बाद शाहनवाज ने कहा, 'अभी-अभी अटल जी से मिला। आडवाणी जी ने जब उन्‍हें बताया कि ये शाहनवाज हैं तो उन्‍होंने मेरी ओर देखा। यह मेरे लिए ऐतिहासिक क्षण था।' 
शरीफ ने भी भिजवाए फूल, बधाई देने आने वालों की ओर बस देख भर लेते हैं अटलजी
 
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी लकवे के शिकार हैं और हिल-डुल पाने में भी असमर्थ हैं। उनकी याददाश्‍त भी काफी कम रह गई है। उनके करीबी रिश्‍तेदार अनूप मिश्रा बताते हैं कि वह टीवी लगातार देखते हैं। झारखंड और जम्मू कश्मीर चुनावों के नतीजे भी उन्होंने टीवी पर देखे। बोलते नहीं है, लेकिन उनके चेहरे पर आ रहे हाव-भाव ख़बरों को लेकर उनका रिएक्शन बता देता है। परिवार के सदस्य उन्हें अख़बार पढ़कर सुनाते हैं।
 
 
और बच्चों की तरह मचले...
 
एक बार जब सारे परिवार के लोग कमरे में बैठे थे और टीवी पर सदन की कार्यवाही का प्रसारण हो रहा था, तभी किसी ने टीवी बंद कर दी, तो अटल जी बच्चों की तरह गुस्से से मचल गए। बाद में जब दोबारा टीवी चालू किया गया, तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई। दिन में रेस्ट करते हैं। कभी उन्हें फिल्मे देखना बहुत पसंद था। आज भी जब कोई पुरानी फिल्मे टीवी पर आ रही होती हैं, तो वो मौन होकर देखते हैं।
 
अटलजी का यह जन्‍मदिन खास है। केंद्र सरकार इसे सुशासन दिवस के रूप में मना रही है और बुधवार को देश का सर्वोच्‍च नागरिक 'भारत रत्‍न' देने का एलान भी कर चुकी है। संभवत: शुक्रवार को राष्ट्रपति अटलजी और पंडित मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न दे सकते हैं। बीएचयू की स्‍थापना करने वाले पं. मालवीय 1946 में 12 नवंबर को दिवंगत हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब बनारस से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भर रहे थे, तब उन्‍होंने कहा था कि महामना को भारत रत्‍न मिलना चाहिए। अब उनके निधन के 68 साल बाद ऐसा हो रहा है।
कमजोर सेहत के कारण अटलजी 'भारत रत्‍न' लेने राष्ट्रपति भवन नहीं जा पाएंगे। सरकार उन्हें घर जाकर सम्मानित कर सकती है। 22 साल बाद किसी नेता को भारत रत्न दिया जाएगा।
बुधवार को जब अटलजी को इशारों में यह बताया गया कि उन्हें भारत रत्न मिला है तो वे मुस्करा दिए। अटलजी के भांजे अनूप मिश्रा और सुषमा स्वराज ने भास्कर को यह जानकारी दी। 
भारत रत्न की घोषणा के साथ ही अटलजी के घर पर मंत्रियों का तांता लग गया। गुरुवार को जन्मदिन होने के चलते रिश्तेदार भी पहुंच रहे थे। परिजन के मुताबिक, उनकी तबीयत बहुत नासाज है। वे न बोल पाते हैं, न ठीक से सुन पाते हैं। पैरालिसिस अटैक के बाद पलंग या व्हीलचेयर पर ही रहते हैं। बच्चों की तरह हो गए हैं। जरा-जरा सी बात पर रूठ जाते हैं।
 
45 साल से उनकी सेवा कर रहे शिवकुमार के मुताबिक, अटलजी कभी-कभी देर रात तक जागते रहते हैं और फिर सुबह देर तक सोए रहते हैं। वह कभी खाने के शौकीन थे, लेकिन अब सिर्फ लिक्विड ही लेते हैं। एक बार रात में उनके रूम में टीवी चल रहा था। किसी ने बंद कर दिया तो वे रूठ गए। बिना कुछ खाए सो गए। जब टीवी ऑन किया, तब ही माने। उन्हें अखबार अब भी चाहिए। पढ़ नहीं पाते, सुनते हैं। मिलने-जुलने वाले आते रहते हैं, लेकिन वे किसी को नहीं पहचानते। हालांकि, कुछ समय पहले सुषमा स्वराज मिलने गई थीं  तो फौरन पहचान गए थे। ओओओओ... कर खुश हो गए थे।

विहिप का 'घर वापसी कार्यक्रम' जारी, केरल में क्रिसमस पर 57 ईसाईयों को बनाया हिंदू


कोट्टायम (केरल). विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केरल के कोट्टायम जिले में गुरुवार को क्रिसमस के मौके पर 57 ईसाईयों को हिंदू धर्म में शामिल किया। इसके अलावा, एक मुस्लिम को भी हिंदू बनाया गया।
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो
 
 
विहिप के जिलाध्यक्ष बालचंद्रन पिल्लै ने बताया कि पोंकुनम के पुथिवयाकू मंदिर में गुरुवार को 20 परिवारों के 42 लोगों को हिंदू धर्म में शामिल करने के लिए दीक्षा दी गई। इसके अलावा, थिरुनाकरा के श्री कृष्ण स्वामी मंदिर में हुए एक अन्य कार्यक्रम में 16 लोगों को हिंदू धर्म में शामिल किया गया। इनमें एक मुस्लिम भी शामिल है। पिल्लै ने बताया कि ये सभी लोग वाईकोम, कुमराक्कम और केंजिरापल्ली इलाकों से आए थे। बता दें कि इससे पहले भी
बुधवार को अलाप्पुजहा जिले में कयमकुलम के पास 11 लोगों को हिंदू धर्म में शामिल किया गया था। वहीं, 21 दिसंबर को इसी जिले में आठ ईसाई परिवारों काे हिंदू बनाया गया था। 
 
थम नहीं रहे धर्मपरिवर्तन के मामले 
आगरा के कुछ मुस्लिम परिवारों के कथित धर्मांतरण के मामले पर संसद में काफी हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार को घेरा और पीएम से जवाब की मांग की। सरकार को सफाई देनी पड़ी कि वह धर्मांतरण पर कानून बनाने के पक्ष में है। इसके बावजूद सत्ताधारी बीजेपी की आइडियालॉजिकल संगठन आरएसएस और उससे जुड़े अन्य संगठन धर्मांतरण के मुद्दे पर खुलकर बोलते रहे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तो यहां तक कह दिया कि जिसे धर्मांतरण से दिक्कत हो, वो कानून बनाकर इसे रोक सकता है।  वहीं, विहिप के प्रमुख अशोक सिंघल ने धर्मांतरण को सही ठहराया था। मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के बितनेरा गांव में पुलिस ने बुधवार को जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में एक ईसाई दंपत्ती को हिरासत में ले लिया । एक हिंदू महिला ने आरोप लगाया था कि इस दंपत्ती ने उसे ईसाई धर्म में शामिल होने के लिए हर माह पांच हजार रुपए देने का प्रलोभन दिया । पुलिस के मुताबिक, विल्सन और रश्मिता नाम के दोनों आरोपी मूल रूप से चेन्नै के रहने वाले हैं और बीते कई सालों से खरगौन में रह रहे थे। वे एक दावत में हिस्सा लेने बितनेरा पहुंचे थे। यहां कमलाबाई नाम की एक महिला ने उन पर धर्म बदलने के नाम पर पैसे देने का आरोप लगाया। खरगौन के एसपी अमित सिंह ने बताया कि पति-पत्नी को धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

क़ुरआन का सन्देश

 
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