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28 दिसंबर 2014

बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज: स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे दी पिता को मुखाग्नि


चित्तौड़गढ़. सेंती कस्बे के मोक्षधाम में रविवार दोपहर को ऐसा मार्मिक क्षण आया कि हर किसी की आंखें नम हो गईं। सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 56 साल के कमलनयन भारद्वाज को इसी हादसे में घायल उनकी एक बेटी योगिता कांधा देते हुए मोक्षधाम तक पहुंची तो अस्पताल से लाई गई दूसरी घायल बेटी हिमिका ने स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे उन्हें मुखाग्नि दी। कमलनयन के बेटा नहीं है इस कारण बेटियों ने ही बेटे का फर्ज अदा किया।
स्ट्रेचर पर लेटकर बेटी ने दी अपने पिता को मुखाग्नि।
स्ट्रेचर पर लेटकर बेटी ने दी अपने पिता को मुखाग्नि।


कमलनयन भदेसर पंचायत समिति में ग्राम सचिव थे। वे शनिवार रात उदयपुर से कार में परिवार सहित अपने निवास सेंती (चित्तौड़गढ़) आ रहे थे। करीब 11 बजे भादसोड़ा के पास हाईवे पर रोजड़ा सामने आने से कार असंतुलित होकर खाई में जा गिरी। इससे कमल नयन, पत्नी प्रतिभा (53) व दोनों बेटियां योगिता (26) व हिमिका (18) घायल हो गए। बाद में कमल नयन की मौत हो गई।
 
हिमिका को फ्रैक्चर होने से अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि शादीशुदा बेटी योगिता को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। कमलनयन की तीसरी विवाहित बेटी कनाडा में रहती है। इस कारण वह अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाई। कमलनयन की पत्नी प्रतिभा सरकारी अध्यापक होने के साथ लायनेस क्लब की सचिव हैं। हिमिका उदयपुर में इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर की छात्रा है।

आसाराम पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली महिला आई सामने, किए कई खुलासे


इंदौर. आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की तलाश में रविवार सुबह सूरत पुलिस का दल इंदौर पहुंच गया। उधर, महिला सुबह ही सूरत पहुंची और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से मिली।  एसपी ओपी त्रिपाठी ने बताया रविवार सुबह सूरत पुलिस का चार सदस्यीय दल इंदौर पहुंचा।
 
उन्होंने विजय नगर पुलिस से संपर्क किया। वे क्षेत्र की उस होटल में पहुंचे जहां पीड़िता परिवार के साथ रुकी थी। स्टाफ के बयान से खुलासा हुआ दोपहर 3.30 बजे महिला ने पति व बच्चों के साथ चेक-इन किया था और 7.30 बजे चली गई। उसने कुछ मीडियाकर्मियों को बुलाया था।
बाद में वे ही उसे साथ ले गए थे। पुलिस से उसका संपर्क नहीं हो सका। सूरत पुलिस के दल ने ही बताया कि महिला सुबह सूरत में क्राइम ब्रांच पहुंच गई है। उधर, शनिवार को महिला ने न्यूज चैनल के कुछ मीडियाकर्मियों को बताया था कि वह कोर्ट में अपना बयान संशोधित करना चाहती है। इसके लिए उसने आवेदन किया था जो खारिज हो चुका है। महिला ने आपबीती बताई। 
 
15 दिसंबर को हुई थी लापता
इंदौर के एसपी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि अहमदाबाद की रहने महिला ने आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी। यह महिला 15 दिसंबर से लापता थी। गुजरात पुलिस उसकी तलाश में है। हमें महिला के इंदौर में होने की सूचना मिली थी। महिला ने इंदौर पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया है। देर रात पुलिस ने महिला को विजय नगर इलाके की एक होटल से खोज निकाला।
 
महिला ने क्या-क्या कहा
> आसाराम मामले में पीड़िता ने कहा कि गवाह पर हुए हमले से मैं डर गई थी पर, अंडर ग्राउंड नहीं हुई, मैं गुमशुदा नहीं हूं, ना ही किसी के दबाव में हूं। पुलिस सिक्योरिटी से तंग आ गई हूं। मजिस्ट्रेट के सामने बयान देना चाहती हूं, अपने वकील के संपर्क में हूं।
 
इस केस को लेकर मुझे मजिस्ट्रेट के सामने बयान देना था। लंबे समय से मेरे दिल में था कि मैं अपने बयान को मजिस्ट्रेट के सामने दूं। इसके लिए मैंने पुलिस को चिट्ठी भी लिखी, मैंने लिखा था कि मैं अपना बयान दर्ज करवाना चाहती हूं। लेकिन पुलिस ने मेरा साथ नहीं दिया। मजबूरन मुझे कोर्ट में जाना पड़ा। अपनी बात मैंने कोर्ट तक पहुंचाने के लिए वकील का सहारा लिया। इस प्रोसेस में सात से आठ दिन लगे। ऐसा सुनने में आ रहा है कि  मेरे ऊपर कोई प्रेशर है और मैं गुमशुदा हो गई हूं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है मैं कहीं नहीं गई हूं आपके सामने हूं। मुझ पर कोई दबाव नहीं है।
 
महिला ने कहा कि इस केस के बाद मुझे लगातार घर बदलना पड़ रहा है। पुलिस भी यह बात जानती है कि समाज में कोई हमारा साथ नहीं दे रहा है। हमें इसके चलते बार-बार घर बदलना पड़ रहा है। मैं पुलिस सिक्युरिटी से तंग आ चुकी हूं। मैंने कहा भी हमें सिक्युरिटी नहीं चाहिए। स्कूल में भी बच्चे पुलिसिया घेरे में रहते हैं, जिस कारण उन्हें परेशानी होती है। इन सब बातों से इतना मानसिक दबाव बढ़ गया है कि कुछ और सोच ही नहीं पाते हैं।
 
मैं आम इंसान हूं, ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं हूं। इस कारण जल्द से जल्द मैं अपने बयान देना चाहती हूं। मैंने पुलिस को इस संबंध में कहा भी था पर उन्होंने मुझे मना कर दिया। मैं अपने वकील की सहायता से इस केस में आगे बढ़ रही हूं।
 
मुझे बयान में कुछ विशेष जानकारी देनी है। यही वजह है कि मैं मजिस्ट्रेट के समक्ष ही अपना बयान देना चाहती हूं। लीगल प्रोसेस में टाइम लग रहा है, लेकिन में किसी के दबाव में नहीं हूं। में न प्रेशर में हूं और ना ही गुमशुदा हूं। मेरा काम जैसे ही खत्म होगा में आ सबके सामने आ जाऊंगी। मुझ पर  आसाराम का कोई भी दबाव नहीं है। मुझे जो बयान देना है वह मजिस्ट्रेट के समक्ष ही दूंगी।
 
आशाराम मामले में एक गवाह पर जो हमला हुआ था उससे हम लोग भी डर गए थे। हम डर जरूर गए थे पर अंडर ग्राउंड नहीं हुए हैं। मैं सूरत में रहती हूं, मेरा केस अहमदाबाद कोर्ट में चल रहा है। मेरी कोई चिंता न करे, मेरी कोई फ़िक्र न करे, में बिलकुल ठीक हूं। अपने वकील के कहे अनुसार ही चल रही हूं, वे जैसा कह रहे हैं वैसा ही कर रही हूं। मैंने हाईकोर्ट में विशेष बयान देने के लिए आवेदन दिया है।

IIT डायरेक्टर के इस्तीफे में नाम उछलने पर सचिन की सफाई, बोले- नहीं मांगी जमीन


नई दिल्ली. आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर रघुनाथ के. शेवगांवकर के इस्तीफे से जुड़े विवाद में क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर का नाम आने के बाद उन्होंने सफाई दी है। आईआईटी डायरेक्टर ने कथित तौर पर केंद्र सरकार द्वारा सचिन की क्रिकेट एकेडमी के लिए जमीन देने और बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की बकाया सैलरी के भुगतान को लेकर बनाए जा रहे दबाव के बाद रिटायरमेंट से दो साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, आईआईटी दिल्ली  के एक सीनियर अफसर ने इस खबर की पुष्टि की। हालांकि, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से इस मामले की जानकारी होने से इनकार किया गया है।
IIT डायरेक्टर के इस्तीफे में नाम उछलने पर सचिन की सफाई, बोले- नहीं मांगी जमीन
 
सचिन ने रविवार को ट्वीट करके कहा,  ''मुझे जानकारी मिली है कि आईआईटी दिल्ली में मेरे नाम से क्रिकेट एकेडमी खोलने के लिए जमीन के मामले में विवाद पर डायरेक्टर ने इस्तीफा दिया है। मैं न तो एकेडमी खोलने जा रहा हूं और न मैंने कभी इस संबंध में कोई जमीन आईआईटी दिल्ली से मांगी है।'' वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, ''आईआईटी डायरेक्टर पर सरकार की ओऱ से दबाव डाला गया जो बहुत ही दुखद है। इससे पहले सरकार ने एम्स में दखल दिया था। स्वायत्त संस्थाओं पर दखल से सरकार को बचना चाहिए।'' 
 
क्या है मामला
आईआईटी सूत्रों के अनुसार, शेवगांवकर पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से दो मांगों को लेकर बहुत ज्यादा दबाव बनाया जा रहा था। पहला दबाव आईआईटी दिल्ली में सचिन तेंडुलकर की क्रिकेट एकेडमी के लिए जमीन देने को लेकर था। मंत्रालय चाहता था कि आईआईटी दिल्ली के ग्राउंड में सचिन को एकेडमी खोलने के लिए जमीन दी जाए। दूसरा मामला भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के बकाए से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। 1972 से लेकर 1991 के बीच आईआईटी दिल्ली में पढ़ा चुके स्वामी का 70 लाख रुपए का वेतन बकाया है। बताया जा रहा है कि मंत्रालय की ओर से इस बकाए को चुकाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। 
 
विरोध कर रहे थे शेवगांवकर
बताया जा रहा है कि शेवगांवकर इन दोनों मांगों को मानने से इनकार कर रहे थे। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “शेवगांवकर आईआईटी परिसर में किसी भी कमर्शियल गतिविधि (क्रिकेट एकेडमी के लिए जमीन देने) के खिलाफ थे और उनका मानना था कि आईआईटी परिसर सिर्फ और सिर्फ स्टूडेंट और फैकल्टी के लिए ही रहे।”
 
बकाया सैलरी मांग रहे हैं स्वामी
सुब्रमण्यम स्वामी ने मांग की है कि 1972 से लेकर मार्च 1991 के बीच की सैलरी 18 फीसदी ब्याज के साथ दी जाए। उनकी इस मांग को पहले आईआईटी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ठुकरा दिया था। आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि स्वामी ने उनसे पूछे गए सूचनाओं का जवाब नहीं दिया। स्वामी उसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट गए। आईआईटी ने कोर्ट से अपील की थी कि स्वामी की याचिका पर ध्यान न दिया जाए, मगर कोर्ट ने इस अपील को ठुकरा दिया।
 
मोदी के पीएम बनने के बाद एचआरडी का रूख बदला
मोदी के पीएम बनने के बाद से एचआरडी मिनिस्ट्री ने अपना स्टैंड बदल लिया। हाल ही में सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग से सलाह लिया था। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने हाल ही में शेवगांवकर और अन्य वरिष्ठ आईआईटी फैकल्टी के साथ स्वामी की बैठक कराई थी ताकि यह मामला हल हो जाए, लेकिन शेवगांवकर इसे कोर्ट के बाहर निपटाना नहीं चाहते थे। वे इस मामले को कोर्ट में ही हल करना चाहते हैं। डायरेक्टर का मानना है कि इस तरह कोर्ट के बाहर सेटलमेंट होने से एक गलत परंपरा कायम होगी। उनके अनुसार, इस केस में पॉलिटिकल तौर पर विशेष रुचि ली जा रही ह

PK पर बढ़ा विवाद: अब रामदेव ने आमिर खान पर साधा निशाना, की गिरफ्तारी की मांग


PK पर बढ़ा विवाद: अब रामदेव ने आमिर खान पर साधा निशाना, की गिरफ्तारी की मांग
 
नई दिल्ली: आमिर खान की फिल्म पीके पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब बाबा रामदेव ने फिल्म पर बैन की मांग की है। रामदेव ने तो आमिर खान को गिरफ्तार किए जाने की भी मांग की। रामदेव ने रविवार को कहा कि हिंदू धर्म पर कोई भी कुछ भी बोल देता है। बता दें कि रामदेव से पहले विभिन्न धर्मगुरु पीके पर बैन की मांग कर चुके हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती का है। शंकराचार्य ने कहा था कि यह फिल्म हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाती है। और अगर इसी तरह की फिल्म अन्य धर्मों पर बनाई जाती तो ऐसे लोगों को ठीक कर दिया जाता। मुस्लिम धर्म गुरु राशिद फिरंगी महल ने भी कहा था कि यह फिल्म हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाती है और इस तरह की फिल्म पर बैन लगनी चाहिए। 
 
 
हिंदू संगठनों ने भी जताई थी आपत्ति 
बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि पीके हिंदू धर्म के बारे में गलत बातें प्रचारित करती है। संगठनों के अनुसार, पीके में भगवान शिव का अपमान किया गया है। फिल्म के एक दृश्य में भगवान पर दूध चढ़ाए जाने का मजाक बनाया गया है और कहा गया है कि इस तरह दूध की बर्बादी होती है और ये दूध गरीब और जरूरतमंदों के बीच बांटा जाना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद नेता बीएल तिवारी ने कहा कि आमिर जैसे लोगों को इसी देश में कमाई करनी है और हिंदुओं की बुराई भी करनी है। तिवारी के मुताबिक, ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

ट्रेन की चपेट में आने से दो हिस्‍सों में कटी महिला, साढ़े तीन घंटे तक रही जीवित




गोरखपुर. शहर में एक रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन की चपेट में आने से एक 40 साल की महिला का शरीर दो हिस्सों में कट गया। इसके बावजूद महिला साढ़े तीन घंटे तक जीवित रही। बाद में अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 
मेडिकल कॉलेज में भर्ती ट्रेन हादसे का शिकार महिला। बाईं ओर रखा हुआ है महिला का कटा हुआ आधा भाग।
मेडिकल कॉलेज में भर्ती ट्रेन हादसे का शिकार महिला। बाईं ओर रखा हुआ है महिला का कटा हुआ आधा भाग।
शहर के तरंग रेलवे क्रॉसिंग के निकट स्थित आउटर सिग्‍नल के पास हादसा हुआ। हुमायूंपुर इलाके की दलित बस्ती की रहने वाली कुसुम रवि‍वार सुबह 7 बजे किसी काम से यहां से गुजर रही थी। इसी दौरान वह ट्रेन की चपेट में आ गई। महिला का शरीर दो भागों में कट गया। शरीर के दोनों हिस्सों में कंपन होता रहा। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला के शरीर के दोनों हिस्सों को एंबुलेंस में रखकर जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां से उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। सुबह साढ़े 10 बजे के करीब महिला ने मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड में दम तोड़ दिया। 
 
घटना की वजह को लेकर अलग-अलग दावे
महिला के परिजनों का कहना है कि कुसुम सुबह नित्यक्रिया के लिए पटरी पर बैठी थी तभी अचानक ट्रेन आ गई। कोहरे के कारण वह ट्रेन देख नहीं सकी और उसकी चपेट में आ गई। वहीं, कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि सुबह सात बजे के आसपास एक मालगाड़ी आउटर सिग्नल पर काफी देर से खड़ी थी। कुसुम ट्रेन के नीचे से लाइन पार करने का प्रयास कर रही थी और अचानक ट्रेन के चलने से यह हादसा हुआ।

बेंगलुरु में बम धमाका, महिला की मौत, दिल्ली सहित देश के कई शहरों में हाई अलर्ट


बेंगलुरु. बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट स्थित कोकोनट ग्रोव रेस्टोरेंट के पास रविवार रात करीब साढ़े अाठ बजे बम धमाका हुआ है। हादसे में घायल एक महिला की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। ब्लास्ट के पीछे मध्यप्रदेश की जेल से फरार हुए सिमी आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। बम धमाके के बाद दिल्ली, कोलकता, मुंबई सहित देश भर के प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। 
घटना स्थल पर जांच करती पुलिस।
घटना स्थल पर जांच करती पुलिस।
पुलिस के अनुसार, बम धमाका कोकोनट ग्रोव रेस्टोरेंट के पास नाले में हुआ था। धमाके में कम तीव्रता के आईईडी का प्रयोग किया गया है। घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स औऱ आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। बम निरोधक दस्ते द्वारा इलाके को सील कर जांच शुरु कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने इलाके से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है।पुलिस की संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
 
हादसे में तमिलनाडु की महिला भवानी(35) और युवक का नाम कार्तिक(25) घायल हुए थे। दोनों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं दूसरे युवक कार्तिक की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।  
 
गृहमंत्री ने ली सीएम से धमाके की जानकारी
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस सिद्धारमैया से फोन बम धमाके की जानकारी ली है। साथ ही केंद्र से सभी प्रकार के सहयोग की बात कही हैं।
 
सदानंद गौड़ा मौके पर पहुंचे
केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने मौके का मुआयना कर पुलिस कमिश्नर और डीजी से घटना की जानकारी ली। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गौड़ा ने बताया कि धमाके के बाद पुलिस ने इलाके को खाली करा लिया है औऱ घटना स्थल की जांच जारी है। धमाके  की जानकारी केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को दे दी गई है।

अव्यवस्था भरा शपथग्रहण: धक्कामुक्की में सीएम रघुवर दास की बहन की टूटी कलाई


रांची। झारखंड के नवनिर्वाचित सीएम रघुवर दास के रविवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में भारी अव्यवस्था नजर आई। लोग कुर्सियों के लिए लड़ते नजर आए। यहां तक कि सीएम की बहन प्रभावती भी धक्कामुक्की की शिकार हो गईं, जिससे उनके दाहिने हाथ की कलाई टूट गई।
शपथग्रहण में पहुंचे लोगों ने कुर्सियां उठाकर मनमुताबिक जगह पर लगाकर कार्यक्रम देखा।
शपथग्रहण में पहुंचे लोगों ने कुर्सियां उठाकर मनमुताबिक जगह पर लगाकर कार्यक्रम देखा।
 
एसपी अनूप बिरथरे ने बताया कि प्रभावती वीवीआईपी गेट से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने जा रही थीं। इसी दौरान, अत्यधिक भीड़ इकट्ठी हो जाने के कारण लोगों की आपस में धक्का-मुक्की हो गई। करीब पांच मिनट तक अफरातफरी का माहौल रहा। इस दौरान मची भगदड़ में सीएम की बहन के दाहिनी हाथ की कलाई टूट गई। उनका सेवा सदन अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद वह अपने घर जमशेदपुर के लिए रवाना हो गईं।
 
हर तरफ अव्यवस्था आई नजर 
शपथ ग्रहण समारोह में मंच के सामने बने वीवीआईपी, वीआईपी, मंत्री-विधायकों के परिजनों के बैठने की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त रही। यहां पर पहले से लगायी गयी कुर्सियों पर बाहरी लोगों ने कब्जा जमा लिया था। जिनके लिए बैठने की व्यवस्था की गयी थी, वे किनारे खड़े रहे। जिला कल्याण पदाधिकारी नीरज कुमारी ने कई बार कुर्सियों पर बैठे लोगों  से उठने की अपील की, लेकिन लोगों ने अनसुना कर दिया। लोग कुर्सियों लेकर दौड़ते नजर आए। हालात यह थे कि आईएएस डीके तिवारी, नगर निगम सीईओ मनोज कुमार, डिप्टी सीईओ ओमप्रकाश साहा समेत अन्य कई अफसर खड़े नजर आए। 
 
 
लोगों ने गिराए मेटल डिटेक्टर गेट 
वीआईपी गेट पर डीएसपी सत्यवीर सिंह कार से पहुंचे लोगों से पास मांगते रहे। लेकिन, अधिकतर लोगों के पास नहीं था। आखिरकार गेट पर जाम लग गया। अंत में आक्रोशित लोग मेटल डिटेक्टर गेट गिराते हुए अंदर घुस गए। इसमें कई मीडियाकर्मियों को भी चोटें आयी। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी, विधायक प्रदीप यादव समेत अन्य कई नेताओं को मीडिया गैलरी में बैठकर कार्यक्रम देखना पड़ा। वीआईपी के लिए लगाई गयी कुर्सियों पर आम लोगों ने कब्जा जमा रखा था, जबकि वीआईपी दूर खड़े होकर शपथ ग्रहण समारोह देखते रहे।

होर्डिंग्स लगाने वाले हैं मानसिक रोगी


hoarding-adaalat
हैदराबाद हाईकोर्ट ने व्यस्त मार्गों पर प्रधान मंत्री, मुख्य मंत्री, मंत्रियों समेत अन्य राजनेताओं के विज्ञापन, कट-आउट्स, मूर्तियां, बैनर, होर्डिंग्स लगाने वालों को मनोरोगी, विक्षिप्त करार दिया और साथ ही साथ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना की सरकारों को सभी मूर्तियों, कट-आउट्स, फ्लेक्स, बैनर, जन्मदिन की बधाई देते संदेश और बड़े पैनल्स जैसे अवैध ढांचों को तत्काल हटवाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता और न्यायाधीश संजय कुमार की पीठ ने कहा ‘हमें यकीन है कि जिन हस्तियों के चित्र और मूर्तियां सड़कों पर लगाई जाती है, उन्हें भी यह अच्छा नहीं लगता होगा. संबंधित संस्थाओं से अनुमति लिए बिना इस तरह के ढांचे खड़े कर दिए जाते हैं।’
पीठ, प्रकाशम जिले के नागरिक एस. मुरलीकृष्णा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. जिनकी मांग थी कि जिले की दो पंचायतों के सरपंचों को 15 फीट चौड़ी सड़क पर मूर्ति लगाने के लिए मंचनुमा ढांचा बनाने से रोके.
इस पर बेंच ने कहा कि इस तरह के ढांचे किसी अराजक राष्ट्र में ही खड़े किए जाते हैं, लोकतंत्र में नहीं.

क़ुरआन का सन्देश

 
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