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07 जनवरी 2015

पोप हों या पैगंबर सबका मजाक उड़ा चुकी है मैगजीन, देखें चुनिंदा कार्टून्स


पेरिस: फ्रांस के मशहूर व्यंग पत्रिका चार्ली हेब्दो के दफ्तर पर तीन बंदूकधारियों ने बुधवार को हमला करके 10 पत्रकार समेत 12 लोगों की हत्या कर दी। यह वही मैगजीन है, जिसने पैगंबर मोहम्मद पर कई बार कार्टून प्रकाशित करके मुसलमान कट्टरपंथियों को नाराज किया था। आतंकी हमले में मरने वालों में मैगजीन के एडिटर इन चीफ स्टीफन चार्बोनर भी शामिल हैं। बेहद मशहूर कार्टूनिस्ट रहे स्टीफन अलकायदा की हिटलिस्ट में शामिल थे। उनके अलावा, जो तीन अन्य मशहूर कार्टूनिस्ट मारे गए हैं, वो हैं- जॉर्जस वोलिनिसकी, बर्नार्ड वर्लहाक और जीन केबट। जिस वक्त हमला हुआ, उससे कुछ सेकेंड पहले ही मैगजीन ने टि्वटर पर आईएसआईएस चीफ अल बगदादी की तस्वीर वाली एक फोटो पोस्ट की थी। इसमें बगदादी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की गई थी।  (देखें तस्वीर)
हमले से थोड़े वक्त पहले ही मैगजीन ने बगदादी का यह कैरीकेचर पोस्ट किया था।
हमले से थोड़े वक्त पहले ही मैगजीन ने बगदादी का यह कैरीकेचर पोस्ट किया था।

काफी मशहूर थे कार्टूनिस्ट 
47 साल के चार्बोनर को चार्ब के नाम से भी जाना जाता था। चार्ब 2009 से चार्ली हेब्दो मैगजीन के डायरेक्टर थे। उनका 2012 में दिया वह बयान काफी मशहूर हुआ था, ''मैं घुटनों के बल जीने के बजाए खड़े होकर मरना पसंद करूंगा।'' 76 साल के केबट 'केबू' के नाम से भी जाने जाते थे। वह फ्रेंच टेलिविजन चैनल पर नियमित तौर पर दिखने वाले चेहरों में शामिल थे। उन्होंने कई मैगजीन में काम किया था। 57 साल के वर्लहाक 'टिगनस' के नाम से मशहूर थे। 80 वर्षीय वोलिनिसकी चार्ली हेब्डो मैगजीन के संस्थापकों में से एक थे। वह 60 के दशक से ही कार्टून बना रहे थे। यह भी रिपोर्ट आई है कि आतंकियों ने इनकी हत्या से पहले इनका नाम पूछा था। इसके अलावा, वे यह भी कह रहे थे कि उन्होंने पैगंबर के अपमान का बदला ले लिया। यह भी कहा जा रहा है कि आतंकियों ने एक प्रत्यक्षदर्शी को कहा कि वह मीडिया को जाकर उनके बारे में यह बताए कि वे अलकायदा यमन के सदस्य हैं।

मुसलमानों को खास तौर पर नाराज करती रही है मैगजीन 
कट्टर वामपंथी विचारधारा वाली इस मैगजीन का धार्मिक कट्टरपंथियों से लेकर राष्ट्राध्यक्षों तक का मजाक उड़ाने का पुराना इतिहास रहा है। पोप हों, पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति निकोलस सार्कोजी हों, नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन हों, यहूदी समुदाय हो या पैगंबर मोहम्मद, पत्रिका ने सबके कार्टून पब्लिश किए। हालांकि, मैगजीन अपने कार्टून्स से पूरी दुनिया के मुसलमानों को खासतौर पर नाराज करती रही है।
 
2006 में मैगजीन पैगंबर मोहम्मद पर एक डेनिश अखबार Jyllands-Posten  में छपे कार्टून को दोबारा से छापकर विवादों में आ गई थी। उस वक्त कई मुस्लिम संगठनों ने इसपर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। 
 
नवंबर 2011 में मैगजीन ने जो अंक प्रकाशित किया था, उसमें पैगंबर को गेस्ट एडिटर का दर्जा दिया गया था। साथ ही मैगजीन के कवर पर पैगंबर की कैरीकेचर भी छापा गया। बता दें कि मुस्लिम कट्टरपंथियों को पैगंबर की तस्वीर छापने पर भी आपत्ति है। इस कार्टून के छपने के अगले दिन मैगजीन के दफ्तर पर फायर बम से हमला हुआ था।     
 
एक साल बाद एक कथित एंटी मुस्लिम फिल्म को लेकर चल रहे विवाद के बीच मैगजीन ने पैगंबर के कुछ और कार्टून्स छापे। एक कार्टून में तो पैगंबर को नंगा दिखाया गया। इसके  बाद तनाव इतना बढ़ गया कि फ्रांस सरकार को कई मुस्लिम देशों में अपने दूतावास बंद करने पड़े। उस वक्त चार्ब ने कहा था, ''मेरे लिए पैगंबर पवित्र नहीं हैं। मैं मेरे कार्टून्स पर मुसलमानों को न हंसने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकता। मैं फ्रेंच कानूनों का पालन करता हूं, कुरान के नियमों का नहीं।

करीना कपूर की फोटो कवर पर छापकर उठाई लव जिहाद के खिलाफ आवाज


करीना कपूर की फोटो कवर पर छापकर उठाई लव जिहाद के खिलाफ आवाज
नई दिल्ली.  विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी ने बॉलीवुड स्टार करीना कपूर की फोटो अपनी मैगजीन में छापकर लव जिहाद के खिलाफ हिंदू महिलाओं को कथित तौर पर जागरूक करने की कोशिश की है। दुर्गा वाहिनी की उत्तर भारत की क्षेत्रीय समन्वयक रजनी ठुकराल ने अपनी पत्रिका 'हिमालय ध्वनि' में करीना कपूर की फोटो का इस्तेमाल कर लव जिहाद के खिलाफ आवाज उठाई है। कवर पर करीना का आधा चेहरा हिंदू महिला का है, जिसके मांग में सिंदूर है, वहीं आधे चेहरे पर नकाब है। यह तस्वीर पत्रिका में कवर फोटो के तौर पर छपी है। मैगजीन ने लव जिहाद पर विशेष अंक निकाला है। करीना की तस्वीर के नीचे लिखा है, 'धर्मांतरण से राष्ट्रांतरण...।' करीना कपूर ने मशहूर अभिनेता सैफ अली खान से शादी की है। करीना की फोटो छापे जाने पर उनके पति सैफ अली खान ने नाराज हैं। उनका कहना है कि ऐसा कदम उठाकर मैगजीन के लोगों ने अपनी मध्ययुगीन मानसिकता दिखाई है। 
 
लेकिन रजनी ने करीना की फोटो के इस्तेमाल का बचाव करते हुए कहा, 'वह (करीना) सेलेब्रिटी हैं। युवा सेलेब्रिटी की नकल करते हैं। वे सोचते हैं कि अगर वह ऐसा कर सकती हैं, तो हम क्यों नहीं?' अपने अभियान के बारे में ठुकराल ने कहा, 'मुस्लिमों से शादी करने वाली 16 हिंदू महिलाओं ने घर वापसी के लिए हमसे संपर्क किया है। हमने दो की घर वापसी भी करा दी है। एक की तो फिर से शादी भी हो चुकी है।'  
 
विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी उन हिंदू महिलाओं की 'घर वापसी' करवा रही है, जिन्होंने मुसलमान पुरुषों से शादी की है। दुर्गा वाहिनी का कहना है कि 'लव जिहाद' की समस्या को खत्म किए बिना घर वापसी अभियान सफल नहीं हो सकता है।

'चार्ली हेब्दो' के हमलावरों में से एक ने किया सरेंडर


पेरिस. फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका 'चार्ली हेब्दो' के दफ्तर पर हमला करके 12 लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकियों में से एक ने गुरुवार तड़के पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उसकी उम्र 18 साल है और वह तीनों आतंकियों में से सबसे कम उम्र का है। सूत्रों के अनुसार, बाकी के दो आतंकी सगे भाई हैं। फ्रांस पुलिस उनकी तलाश में ऑपरेशन चला रही है। फ्रांस मीडिया के अनुसार जिस आतंकी ने सरेंडर किया है, उसका नाम हमेद मुराद है। उसने अपना नाम सोशल मीडिया पर आने के बाद आत्मसमर्पण किया। मुराद 1996 में पैदा हुआ था। पुलिस और खुफिया एजेंसियां उससे गहन पूछताछ कर रही हैं। जो दो भाई इस हमले के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, उनके नाम सैयद कौची (1980) और शेरिफ कौची (1982) हैं। ये दोनों ही फ्रांस के नागरिक हैं। कौची भाई पेरिस में ही रहते हैं, जबकि मुराद करीब के एक शहर रिम्स का रहने वाला है। शेरिफ को साल 2005 में आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और 2008 में उसे 18 महीने की सजा भी सुनाई गई थी। हमले के बाद आतंकियों ने नारेबाजी भी की थी। आतंकियों ने मैगजीन के संपादक समेत उनके कुछ सहयोगियों की भी हत्या कर दी थी। 
'चार्ली हेब्दो' पर हमला करने वाले ये हैं वो दो सगे भाई।
'चार्ली हेब्दो' पर हमला करने वाले ये हैं वो दो सगे भाई।
 
आय एम 'चार्ली हेब्दो'
इस बीच, पेरिस में करीब एक लाख लोगों ने हाथ में मोमबत्ती लेकर 'चार्ली हेब्दो' के दफ्तर में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। ये लोग आय एम 'चार्ली हेब्दो' के नारे लगा रहे थे। फ्रेंच भाषा का शब्द जी सुइस चार्ली यानी 'आय एम चार्ली' स्लोगन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकवादियों के पास एके-47 और रॉकेट लॉन्चर थे। पेरिस की सुरक्षा के लिए 800 सैनिकों को भी तैनात कर दिया गया है। पेरिस की रैली में लोग ‘यह तो मजहब नहीं’ वाले प्लेकार्ड लेकर आए थे।

क़ुरआन का सन्देश

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