भोपाल. मैं
किस शहर को अपना कहूं...? पैदा होने का जुर्म ग्वालियर में किया लेकिन होश
संभाला लखनऊ में, पहली बार होश खोया अलीगढ़ में, फिर भोपाल में हरकर कुछ
होशियार हुआ, लेकिन बंबई (मुंबई) जाकर होश ठिकाने आते रहे।
यह चंद लाइनें हैं जावेद अख्तर की। 17 जनवरी को उनका जन्मदिन है
Dainikbhaskar.com आपको बताने जा रहा है उनके बचपन की कुछ बातें, जब 15 साल
की उम्र में जावेश अख्तर ने लिखा था लव लेटर। जावेद अख्तर आज के समय में
एक बहुत बड़ा नाम है। जावेद अख्तर एक कवि होने के साथ-साथ एक
स्क्रिप्टराइटर भी हैं। हालांकि जावेद अख्तर का जन्म मध्यप्रदेश के
ग्वालियर में हुआ था लेकिन फिर भी किसी जगह या शहर को अपना कहने में जावेद
काफी कन्फ्यूज हो जाते हैं।
15 की उम्र में हुआ प्यार
जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को हुआ था। जावेद अख्तर का असली नाम भी बहुत कम लोग जानते हैं। उनका असली नाम था जादू, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन यह नाम उनके पिता द्वारा लिखा कुछ लाइनों से लिया गया था। “लंबा-लंबा किसी जादू का फसाना होगा”। बहुत छोटी उम्र में ही इन्होंने अपनी मां को खो दिया और पिता ने भी दूसरी शादी करने की सोच ली। पिता को तो एक जीवनसाथी मिल गया लेकिन जावेद अख्तर अकेले पड़ गए। हालांकि, 15 साल की उम्र में उनका दिल भी एक लड़की पर आया था।
जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को हुआ था। जावेद अख्तर का असली नाम भी बहुत कम लोग जानते हैं। उनका असली नाम था जादू, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन यह नाम उनके पिता द्वारा लिखा कुछ लाइनों से लिया गया था। “लंबा-लंबा किसी जादू का फसाना होगा”। बहुत छोटी उम्र में ही इन्होंने अपनी मां को खो दिया और पिता ने भी दूसरी शादी करने की सोच ली। पिता को तो एक जीवनसाथी मिल गया लेकिन जावेद अख्तर अकेले पड़ गए। हालांकि, 15 साल की उम्र में उनका दिल भी एक लड़की पर आया था।