आपका-अख्तर खान

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16 जनवरी 2015

,में हिन्दुस्तान हूँ में हिन्दुस्तानी हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,में और कोई नही में हिन्दुस्तानी हूँ ,

में कौन हूँ ,,कोई नहीं जानता सिर्फ में जानता हूँ ,,,,में हां में कोई नहीं सिर्फ एक आम हिन्दुस्तानी हूँ ,,,जी हाँ ,,जब देश में विकास की बात आती है तो में कांग्रेस के पक्ष में लिखता हूँ जब देश में आदर्श बहु की बात आती है तो में सोनिया के पक्ष में लिखता हूँ ,,जब देश में  आदर्श बेटी की बात आती है तो में प्रियंका के पक्ष में लिखता हूँ ,,जब देश में अंतर्राष्ट्रीय महाशक्ति देश को बनाने की बात आती है तो में इंदिरा गांधी ,,,राजीव गांधी के पक्ष में लिखता हूँ ,.,जब राजस्थान को विकसित विकासशील बनाने के लिए अशोक गेहलोत ,,शान्तिकुमार धारीवाल को में आदर्श बताता हूँ तब ,, लोग मुझे ऐसे में कोंग्रेसी कट्टर कोंग्रेसी समझते है ,,,जब देश में मुसलमानो को आरक्षण परिपत्र में केवल हिन्दुओं के लिए लिखकर मुसलमानो को आरक्षण से दूर करने की बात में लिखता हूँ ,,,जब देश में मुसलमानो को सियासत में भागीदारी से अलग कर केवल वोटर बनाने की बात में लिखता हूँ ,,जब मुसलमानो के पिछड़ेपन उनके खिलाफ झूँठों मामलों में उनकी गिरफ्तारी की बात में लिखता हूँ ,,जब में इन के लिए कांग्रेस पार्टी को ज़िम्मेदार ठहराता हूँ ,,, राजस्थान में गोपालगढ़  निर्दोषों की हत्या के बारे में लिखता हूँ ,,,तब में कांग्रेस के मुखालिफ कहलाता हूँ ,,,,भाजपा का एजेंट कहलाता हूँ ,,,जब में नरेंद्र मोदी के भाषण ,,नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय सोच ,,नरेंद्र मोदी की भाजपा में रहकर भाजपा और देश को दीमक बनकर चाटने वालों के खिलाफ बोलता हुआ देखता हूँ तब में नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करता हूँ ,,,जब में नरेंद्र मोदी के जादू  की बात करता हूँ ,,,जब में नरेदंर मोदी के भाई  भतीजावाद को  दूर करने की बात लिखता हूँ ,,,,जब में सुषमा स्वराज को एक क़ाबिल नेता बताता हूँ ,,तब में कोटा सांसद ओम बिरला की जनता से जुड़कर जनसेवा की बात करता हूँ ,,,जब में मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया की पैराटीचर्स को प्रबोधक बनाने की बात करता हूँ ,,,,मुस्लिम इदारों को मंत्री दर्जा देकर सम्मान देने की बात करता हूँ तब लोग मुझे भाजपा का एजेंट कहते है ,,,जब में भूख गरीबी रोज़गार के मामले में लिखता हूँ तो लोग मुझे कम्युनिस्ट कहते है ,,,,जब में भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखता हूँ ,,,,सिद्धांतो के मामले में अपने इरादों  पर अडिग राजनीति को एक नई दिशा देने वाले  अरविन्द केजरीवाल की बात करता हूँ तो लोग मुझे आपिया कहते है ,,,जब में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ लिखता हूँ उन्हें ललकारता हूँ ,,,मुस्लिम धर्म को बदनाम करने वालों से टक्कर लेता हूँ तब लोग मुझे कट्टर मुसलमान कहते है ,,तब में मसलमानों में बुराइयों और कुरीतियों को खत्म करने की बात कहता हूँ तब कोई मुझे जमाती ,,कोई वहाबी ,,कोई सुन्नी कहता है ,,,,जब में देश के दुश्मन मुसलमानो के खिलाफ लिखता हूँ ,,,,,,, जो मुसलमान देश के विधान के खिलाफ काम करते है उनके खिलाफ लिखता हूँ तो लोग मुझे काफ़िर हिन्दू कहते है ,,,,,,,दोस्तों में कोई नहीं में सिर्फ एक इंसान हूँ ,,में भारत  के संविधान का रक्षक हूँ  ,,पालना करने वाला हूँ ,,में एक मुसलमान वोह मुसलमान जो क़ुरआन और अल्लाह हुज़ूर स अ व के पैगम्बरी में शिक्षित होना चाहिए वोह बनने की कोशिश में जुटा हूँ ,,मेरे धर्म में इंसानियत ही धर्म है और राष्ट्रीयता कर्म है ,,,,,में अपने देश की  मिटटी पर सजदा कर अल्लाह हो अकबर कहता हूँ ,,,में अपने देश के लिए जान देने का जज़्बा रखता हूँ ,,,मेरी कोई पार्टी ,,कोई धर्म ,,कोई समाज नहीं सिर्फ में हिन्दुस्तानी हूँ ,,खालिस हिन्दुस्तानी जो अपने इस देश में अमन ,,चेन ,,सुकून ,,भाईचारा ,,इंसाफ ,,देखना चाहता हूँ ,,,में मेरे इस देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिरमौर देखना चाहता हूँ ,,,में मेरे इस देश को आतंकवाद से मुक्त ,,,,अमीरी गरीबी के भेदभाव से मुक्त ,,,भ्रष्टाचार ,,अत्याचार ,,अनाचार ,,,जमाखोरी ,,कालाबाज़ारी ,,सट्टाबाज़ारी से मुक्त देखना चाहता हुं और इस लड़ाई में में कभी हिन्दू ,,तो  कभी मुसलमान ,,कभी हैवान ,,कभी इंसान ,,कभी कोंग्रेसी ,,कभी भाजपाई ,,,कभी आपिया समझा जाता हूँ ,,,में हिन्दुस्तान हूँ में हिन्दुस्तानी हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,में और कोई नही में हिन्दुस्तानी हूँ ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अब पानी से चलेगी आपकी बाइक, एक लीटर में दौड़ेगी 250 KM


चंडीगढ़। पेट्रोल के दाम कम हो रहे हैं पर कितना अच्छा हो कि आपको अपनी बाइक चलाने के लिए पेट्रोल की जरूरत ही न पड़े। आपकी बाइक पानी से ही चल पड़े। ये बात बेशक सुनने में अटपटी लगे, लेकिन ये संभव कर दिखाया है 10वीं क्लास के एक स्टूडेंट ने। गवर्नमेंट मॉडल स्कूल सेक्टर-22 के दसवीं क्लास के नित्यआशीष ने अपने फिजिक्स के टीचर अजय गुप्ता की गाइडेंस में बाइक के लिए ऐसी किट तैयार की है। 42वीं स्टेट लेवल एग्जीबिशन में नित्य ने इस बाइक किट का प्रदर्शन किया।
पानी से बाइक चलाने के मॉडल को पेश किया गया।
पानी से बाइक चलाने के मॉडल को पेश किया गया।

नित्य ने बताया कि उसने एक आम बाइक पर पानी की एक किट फिट की है। इसमें पानी डालने पर एचएचओ सेल में जाएगा। वहां पर इलेक्ट्रोलाइसिज होगी। इलेक्ट्रोलाइसिज करने के बाद ऑक्सीजन गैस बनती है वो गैस इंजन को चलाती है। जहां दूसरी बाइक में पेट्रोल के बाद जब धुआं निकलता है, वहीं इस बाइक में पानी निकलेगा और वह सायलेंसर में से निकल जाएगा। इस हिसाब से यह वातावरण को प्रदूषित होने से भी बचाएगा। यह किट तैयार करने में नित्य को मात्र 1900 रुपए और तीन सप्ताह लगे हैं। इससे बाइक की स्पीड 50 किलोमीटर तक जा सकती है। किट में अगर 2 लीटर खारा पानी डाला जाता है तो बाइक 500 लीटर चल सकेगी और 2 लीटर डिस्ट्रल वाटर डालने पर बाइक 200 किलोमीटर चलेगी।
 
किट में पानी खत्म होने पर आपको सिर्फ पानी ही बदलना पड़ेगा। किट में 2 लीटर से ज्यादा पानी नहीं आ सकता। नित्य ने इससे पहले सोलर एयर कंडीशन तैयार किया था। इसकी स्टेट लेवल पर टॉप फाइव में सिलेक्शन हुई थी और नेशनल में नंबर वन पर रहा था। मॉडल बनाने में नित्य की मदद स्टूडेंट रुचिका ने भी की।
 
ये रहे थीम
 
कम्युनिटी हेल्थ एंड एंवायरमेंट, लैंडमार्क इन सांइस एंड मैथ, इंर्फोमेशन एंड कम्युनिकेशन, एनर्जी रिसोर्स एंड कंजर्वेशन, ट्रांसपोर्ट वेस्ट मैनेजमेंट 
 
मेरा मॉडल भीग न जाए
 
स्टेट लेवल सांइस एग्जीबिशन में कई दिनों की मेहनत से तैयार किए गए मॉडल्स स्टूडेंट्स ने बुधवार को सेक्टर-32 में डिस्पले किए थे, लेकिन अचानक बारिश आने से स्टूडेंट्स ने अपने मॉडल्स को बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट्स से ढक दिया। वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने छाते से अपने मॉडल्स को ढक दिया।
 
इससे पहले साेलर एयर कंडिश्नर तैयार कर चुका है नित्य
 
एनसीईआरटी के सहयोग से स्टेट कांउसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेक्टर-32 में बुधवार को 42वीं स्टेट लेवल साइंस मैथ एंड एन्वायर्नमेंट प्रदर्शनी 2015 का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन पर्यावरण के डायरेक्टर संतोष कुमार ने किया। इस प्रदर्शनी में शहर के गवर्नमेंट और प्राइवेट लगभग 86 स्कूलों के स्टूडेंट्स ने 161 मॉडल पेश किए। प्रदर्शनी में स्टूडेंट्स के साथ टीचर्स और प्रिंसिपल भी पंहुचे। इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सुरेंद्र दहिया ने बताया कि एग्जिबिशन का पहला लेवल नवंबर 2014 में 25 से 28 तक हुआ था, जिसमें 594 माॅडल्स पेश किए गए थे। इस फाइनल लेवल में 161 मॉडल्स हैं। चार दिवसीय ये प्रदर्शनी 15 और 16 जनवरी को ओपन फॉर ऑल है। इसमें स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स भी आ सकते है और प्रदर्शनी का समय सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक रहेगा।

72 स्टूडेंट्स होंगे विजेता : 17 जनवरी को 161 में से 72 मॉडल्स को सिलेक्ट किया जाएगा। इनमें से केटेगरी के हिसाब से पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर  रहने वालों को 5100, 3100, 2100 रुपए के नकद पुरस्कार से नवाजा जाएगा। वहीं 5 स्कूलों को ओवरऑल ट्राॅफी दी जाएगी। स्टेट लेवल की प्रदर्शनी है जिसमें स्टूडेंट्स ने अपने साइंस और मैथ के मॉडल्स को टीचर्स और टीम की हेल्प से तैयार करके पेश किया है। ये कार्यक्रम 11.30 बजे होगा।

कैसे पड़ा दिल्ली का नाम और क्या हैं इससे जुड़ी कहावतें, जानिए


नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार किसके सिर पर होगा ताज और किसको मिलेगा राजनीतिक वनवास? क्या यहां भी चलेगा मोदी का जादू या फिर आप या कांग्रेस की बनेगी सरकार? इन सवालों के जवाब 10 फरवरी को चुनाव नतीजों के साथ मिलेंगे। हैं आप।  जानिए कैसे पड़ा दिल्ली का नाम और क्या हैं इससे जुड़ी कहावतें-
कैसे पड़ा दिल्ली का नाम और क्या हैं इससे जुड़ी कहावतें, जानिए
 
किल्ली तो ढिल्ली भई... और नाम पड़ गया दिल्ली
ईसा पूर्व 50 में मौर्य राजा थे जिनका नाम था धिल्लु। उन्हें दिलु भी कहा जाता था। माना जाता है कि यहीं से अपभ्रंश होकर नाम दिल्ली पड़ गया। लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि तोमरवंश के एक राजा धव ने इलाके का नाम ढीली रख दिया था क्योंकि किले के अंदर लोहे का खंभा ढीला था और उसे बदला गया था। यह ढीली शब्द बाद में दिल्ली हो गया। एक और तर्क यह है कि तोमरवंश के दौरान जो सिक्के बनाए जाते थे उन्हें देहलीवाल कहा करते थे। इसी से दिल्ली नाम पड़ा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इस शहर को हजार-डेढ़ हजार वर्ष पहले हिंदुस्तान की दहलीज़ माना था। दहलीज़ का अपभ्रंश दिल्ली हो गया।
हालांकि दावे मौर्य राजा दिलु को लेकर ही होते हैं। उनसे जुड़ी एक कहानी है। माना जाता है कि उनके सिंहासन के ऐन आगे एक कील ठोकी गई। कहा गया कि यह कील पाताल तक पहुंच गई है। ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि जब तक यह कील है, तब तक साम्राज्य कायम रहेगा। कील काफी छोटी थी इसलिए राजा को शक हुआ। उन्होंने कील उखड़वा ली। बाद में यह दोबारा गाड़ी गई, लेकिन फिर वह मजबूती से नहीं धंसी और ढीली रह गई। तब से कहावत बनी कि किल्ली तो ढिल्ली भई। कहावत मशहूर होती गई और किल्ली, ढिल्ली और दिलु मिलाकर दिल्ली बन गया ,,
1320 ईसवीं के आसपास दिल्ली में गयासुद्दीन तुगलक की सल्तनत चलती थी। लेकिन उस वक्त दिल्ली तुगलकों से ज्यादा सूफी हजरत निजामुद्दीन औलिया और उनके शागिर्द अमीर खुसरो के नाम से जानी जाती थी। तब खुसरो तुगलक के दरबारी थे। तुगलक खुसरो को तो चाहता था मगर औलिया से चिढ़ता था। उसे लगता था कि औलिया के इर्दगिर्द बैठे लोग उसके खिलाफ साजिशें रचते हैं। एक बार तुगलक कहीं से लौट रहा था। बीच रास्ते से ही उसने सूफी हजरत निजामुद्दीन तक संदेश भिजवा दिया कि उसकी वापसी से पहले औलिया दिल्ली छोड़ दें। खुसरो को इस बात से तकलीफ हुई। वे औलिया के पास पहुंचे। तब औलिया ने उनसे कहा कि हनूज दिल्ली दूरस्त। यानी दिल्ली अभी दूर है। तुगलक के लिए दिल्ली दूर ही रह गई। रास्ते में उसके पड़ाव और स्वागत के लिए लकड़ी के पुल पर शाही खेमा बनवाया गया था। लेकिन रात को ही भयंकर अंधड़ से वह टूट कर गिर गया और तुगलक की वहीं दबकर मौत हो गई। 1803 में जैसे ही दिल्ली अंग्रेजों के नियंत्रण में आई मुगल कमजोर हो गए। तब वहां मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर थे। वे तलवार से ज्यादा कलम के लिए जाने गए। 1857 की क्रांति में जो सेनानी शामिल हुए, उन्होंने जफर को अपना बादशाह घोषित कर दिया। लेकिन उनकी सल्तनत सिमटी हुई थी। यह कहा जाने लगा था कि शहंशाह-ए-आलम, ला दिल्ली अज पालम। यानी शहंशाह की हुकूमत दिल्ली के लालकिले से पालम गांव तक सिमट गई है।

पेरिस: पोस्ट ऑफिस पर कब्जा करने वाला बंदूकधारी गिरफ्तार, सभी बंधक आजाद




पेरिस। पेरिस के उपनगर कोलंब स्थित एक पोस्ट ऑफिस में शुक्रवार को अज्ञात बंदूकधारी ने कुछ लोगों को बंधक बना लिया। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने बंदूकधारी को गिरफ्तार करते हुए सभी बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया।  
पोस्ट ऑफिस के बाहर फ्रेंच सुरक्षाकर्मी
पोस्ट ऑफिस के बाहर फ्रेंच सुरक्षाकर्मी
 
घटना उत्तरी पेरिस के चार्ल्स डी गॉले इलाके की है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे एक हथियारबंद हमलावर पोस्ट ऑफिस में घुस गया। हमलावर ने खुद इमरजेंसी सर्विस पर फोन लगाया और खुद के पास भारी मात्रा में ग्रेनेड और क्लाश्निकोव रायफल होने का दावा किया। पुलिस ने आनन-फानन में इलाके को खाली करा लिया और हेलिकॉप्टर तक तैनात कर दिए।एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर प्यार में नाकाम रहा है और उसकी मानसिक हालात ठीक नहीं है। एएफपी के मुताबिक,  पुलिस ने हमलावर से संपर्क करके बंधकों को छोड़ने की भी अपील की। पुलिस को शक है कि हमलावर शहर में छोटे-मोटे अपराधों में लिप्त रहा है। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि इस घटना का बीते हफ्ते व्यंग्य पत्रिका चार्ली हेब्दो और बाद में एक सुपरमार्केट पर हुए आतंकी हमले से कोई संबंध है या नहीं। बता दें कि उस हमले में पत्रकारों और पुलिसकर्मियों समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी।

गांधी की हत्या के 66 साल बाद संघ ने नई किताब में लिखा-खलनायक था नाथूराम गोडसे


गांधी की हत्या के 66 साल बाद संघ ने नई किताब में लिखा-खलनायक था नाथूराम गोडसे
भोपाल. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के 66 साल बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर सफाई दी है। संघ ने हाल ही में प्रकाशित एक किताब  में गुरु गोलवलकर के उस समय के प्रेस वक्तव्यों और पत्रों का सहारा लिया। इनके आधार कहा कि गांधी की हत्या भीषण त्रासदी थी। इस पर दुख होता है, क्योंकि इसका खलनायक (गोडसे) देश का नागरिक होने के साथ ही हिंदू था। 

किताब में लिखा गया है, ‘गोडसे विकृत मनोवृत्ति का शिकार था। उसका काम लज्जापूर्ण था। गांधी सरीखे महापुरुष की हत्या को संघ नेता अक्षम्य राष्ट्रविरोधी कार्य मानते हैं।’ गांधी की हत्या को लेकर संघ पर आरोप लगते रहे हैं। कांग्रेस भी गोडसे को आरएसएस का स्वयंसेवक कहती रही है। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से गांधी को लेकर अलग रुख सामने आया है।
 
 महात्मा गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के आइकॉन की तरह पेश कर रहे हैं। लिहाजा, आरएसएस भी अब गांधी की हत्या के आरोपों से हमेशा के लिए पीछा छुड़ाना चाह रहा है।
 
मुस्लिम हों या ईसाई, सबके पुरखे एक
 
किताब में लिखा गया है, ‘भारत में रहने वाला ईसाई या मुस्लिम भारत के बाहर से नहीं आया। हम सबके पुरखे एक ही हैं। किसी कारण से मजहब बदलने से जीवन दृष्टि नहीं बदलती। इसलिए उन सभी की जीवन दृष्टि भारत यानी हिंदू है।’

 संघ के प्रचार विभाग द्वारा हाल ही में छपवाई गईं दोनों किताबों के अंक मौजूद हैं। इनका शीर्षक ‘‘‘आरएसएस एक परिचय’’ और ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-सरल परिचय’’’ है। इसमें गांधी की हत्या, मुस्लिम और ईसाइयों से संघ के संबंध, महिलाओं को लेकर संघ का दृष्टिकोण सरीखे मामलों पर उसके नजरिए का खुलासा किया गया है।

कभी किसी हिन्दू ,,कभी किसी मुसलमान ने सोचा है ,

कभी किसी हिन्दू ,,कभी किसी मुसलमान ने सोचा है ,,,,,हमेशा हिन्दू देवी देवता ,,हिन्दू धर्म ,,,मुस्लिम पैगम्बर ,,मुस्लिम धर्म का ही मज़ाक क्यों आपस में परस्पर उढ़ाकर माहोल नफरत का बनाया जाता है ,,,क्या कभी किसी ने सोचा के आज तक विश्व के किसी कोने पर भी ईसाई के पैगम्बर ,,ईसाई धर्म का मज़ाक किसी भी पत्र पत्रिका या लेखक ने क्यों नहीं उड़ाया है ,,,ज़रा समझो विश्व की ईसाइयत की इस चालबाज़ी को ,,क्या आपको पता है भारत में हिन्दू मुस्लिम अराजकता छोड़ एक जुट होकर ईसाइयत का सामना करे तो विश्व में अमेरिका की चले हिल जाएंगी ,,ज़रा सोचो अगर भारत पाकिस्तान लड़ना बंद कर देंगे तो मोत का सौदागर अमेरिका मोत के हथियार सप्लाई कर अपनी रोज़ी रोटी कमाने वाला देश भूखे मर जाएगा टूट कर बिखर जाएगा ,,,ज़रा सोचो एक उदाहरण बताओ कभी किसी ईसाइयत के खीलाफ खिल्ली उड़ाने वाला मज़ाक उड़ाने वाला किसी भी पत्र पत्रिका ने लिख कर या फिर कार्टून बनाकर मज़ाक क्यों नहीं उड़ाया ,,केवल योजना बढ़ तरीके से कभी हिन्दू कभी मुसलमान को शामिल कर यह लोग केवल देवी देवताओं ,,हिन्दू धर्म ,,पैगम्बर इस्लाम और इस्लाम धर्म की ही खिल्ली उढ़ाकर भावनाए क्यों भड़काते है ज़रा सोचो विचार करो ,,,,अख्तर

सड़कों पर दुर्घटनाओं में हो रही अकाल मौतों को हमे रोकना होगा ,,

ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी के एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा की कोटा की सड़कों पर दुर्घटनाओं में हो रही अकाल मौतों को हमे रोकना होगा ,,, कोटा के अंटाघर चौराहे पर फ्लाई ओवर बनवाकर सड़कदुर्घटना में मरने वालों की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी इसके लिए कोटा के विधायकों और सांसद को मिलकर केंद्र व् राजयसरकार से समन्वय स्थापित कर पुख्ता कार्ययोजना तैयार करना होगी ,,,उक्त उदगार प्रकट करते हुए आज यहां अंटाघर चौराहे पर दैनिक भास्कर और कोटड़ी व्यापार संघ के आबिद कागज़ी द्वारा कोटा की सड़के दुर्घटना मुक्त अभियान के तहत चलाये गए श्रद्धांजलि सभा में एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा के दैनिक भास्कर और आबिद कागज़ी की यह मुहीम सराहनीय है ,,,,उन्होेन अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा के इस जागरूकता कार्यक्रम और श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विधायकों ,,सांसद और महापौर की अनुपस्थिति खल रही है ,,,,अख्तर खान अकेला ने कहा के सरकारें कोई भी हो कोटा अंटाघर चौराहे पर स्वीकृत फ्लाई ओवर को नहीं बना पा रही है जबकि सेना की ज़रा सी आपत्ति केंद्र सरकार चाहे तो रक्षामंत्रालय के ज़रिये समन्वय स्थापित कर काम करवा सकती है ,,लेकिन राजनितिक इच्छा शक्ति की कमी और टालमटोल के कारण ट्रेफिक दबाव बढ़ने और अव्यवस्थित हो जाने से दुर्घटनाये बढ़ रही है जिसमे किसी का बेटा ,,किसी की बेटी ,,किसी का भाई ,,किसी के पिता अपनी जान गंवा बैठे है ,,कार्यक्रम में बोलते हुए व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रान्ति जेन ने कहा के हम लगातार इस फ्लाईओवर और सड़कों पर दुर्घटनाये नियंत्रित करने के लिए आवाज़ उठाते रहे है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है ,,व्यापार महासंघ के महासचिव राजकुमार माहेश्वरी ने कहा के हम इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए हर सम्भव आंदोलन करने को तैयार है ,,,कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व महापौर डॉक्टर रत्ना जेन ने कहा के इस चौराहे पर दुर्घटना में मेरे स्टाफ के एक कर्मचारी की भी मृत्यु हुई है ,,उसके परिवार का दर्द मुझे पता है ,,उन्होंने कहा के सभी को दुर्घटना पॉलिसी भी करवाना चाहिए ,,कार्यक्रम में बाल्मीकि समाज के पूर्व विधायक मदन महाराजा ने आंदोलन का सुझाव दिया ,,कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ने कहा के कोटा में फ्लाईओवर बनाने में जो भी बाधा है उसे दूर करना चाहिए ,,,,कार्यक्रम में बोलते हुए आयोजक आबिद कागज़ी ने सभी से कोटा को दुर्घटनामुक्त बनाने में सहयोग की अपील की ,,कार्यक्रम में बोलते हुए कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघुगोतम ने कहा के सरकारें कोई भी हो सभी लोग कोटा को सड़क दुर्घटना मुक्त करने के मामले में इच्छा शक्ति नहीं रखते और इसीलिए यह कार्य अटका पढ़ा है ,,उन्होंने सम्पूर्ण मदद का आश्वासन दिया ,,,श्रद्धांजलि सभा में दुर्घटना में मरने वाले बच्ची एकता मीणा के पिता सिपाही रो पढ़े ,,,,कार्यक्रम में कैलाश बंजारा ,,,,असलम रोमी ,,पूर्व पार्षद उमर सी आई डी ,,,सहित सैकड़ों लोग शामिल थे जिन्होें दुर्घटना में मरने वाले लोगों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर ,,,,कोटड़ी व्यापार महासंघ और दैनिक भास्कर की इस मुहीम द्वारा लगाये गए बैनर पर टिप्पणी करते हुए हस्ताक्षर किये ,,,,,बाद में केंडल जलाकर दैनिक भास्कर और आबिद कागज़ी की इस मुहीम को चिंगारी से जलाकर लो बनाई और फिर इसे रोशन कर पुरे कोटा को दुर्घटनामुक्त बनाने का आह्वान किया गया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाप ,,माँ बहन की तस्वीरों के कार्टून बनाकर अगर बेचें

अपनी अपनी मेग्ज़ीनों में दूसरे के धर्मों के पैगम्बरों और देवी देवताओं के कार्टून बनाकर मेगज़ीन बेचकर कमाई करने वाले लोगों के बाप ,,माँ बहन की तस्वीरों के कार्टून बनाकर अगर बेचें तो उन्हें कैसा महसूस होगा ,,यह वाक एवं अभिव्यक्ति की सुरक्षा की गलत परिपाटी की पैरवी करने वालों से भी एक जलता हुआ सवाल है ,,क्या ऐसे लोग जिनके पिता ,,माता की तस्वीर का कार्टून बनाकर भावनाए आहत करने के लिए प्रकाशन कर कमाई का ज़रिया बनाया जाए तब भी वोह लोग इस परिपाटी को वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहेंगे या अपराध कहकर इन्हे जेल भिजवाएंगे ,,,अख्तर

सड़क सुरक्षा सप्ताह का सभी अधिकारी उड़ाते हैं मजाक ..जनता को लूट का सप्ताह न बनाये इसे अधिकारी और पत्रकार बंधू

दोस्तों सडक दुर्घटनाओं और हाथ पर हाथ धरे बेठे रहने वाली सरकार और अधिकारीयों पत्रकारों के लियें सडक सुरक्षा सप्ताह के नाम पर लूट का महिना आ गया है ..सभी जानते है के किस तरह से सडक सुरक्षा सप्ताह को यातायात चालान और लूट सप्ताह बना दिया जाता है खासकर कोटा की हालत तो इस मामले में बद से बदतर होती जा रही है ........दोस्तों आज से करीब तेईस वर्ष पूर्व भारतीय सड़क सुरक्षा निति के तहत देश की सडको को आम आदमी की आवाजाही के लियें सुरक्षित बनाने के लियें एक विशेष अभियान चलाया गया था जिसमे किस तरह से सडकों को मरम्मत कर आम आदमी की आवाजाही के लियें बनाया जाएगा .सडकों से अवरोध अतिक्रमण हटाए जायेंगे ..सडकों पर विधि अनुसार स्पीड ब्रेकर बनेंगे तो सांकेतिक चिन्ह लगाये जायेंगे ट्रेफिक पॉइंट सांकेतिक बोर्ड और चोराहों पर बत्तियां लगाई जायेंगी .ट्रेफिक में बाधा बने आवारा जानवरों को हटाया जायेगा जबकि बीच सडक या किनारे जो लोगों और वाहन चालकों के ध्यान बंटता है ऐसे विज्ञापन बोर्डों को हटाया जायेगा ॥ कुल मिलाकर सड़क सुरक्षा सप्ताह में आम आदमी की आवाजाही के लियें सडक को सुरक्षित करने का प्रावधान रहा है ..इसीलियें पुरे सप्ताह सार्वजनिक निर्माण विभाग .नगर निगम ..पंचायत ..नगर विकास न्यास ...पुलिस कलेक्टर यातायात विभाग सभी मिलकर इस व्यवस्था को करते है ................... दोस्तों यह तो है सडक सुरक्षा सप्ताह बनाने का तरीका लेकिन अब आज जो यह सप्ताह प्रशासन अपनी सरकारी जिम्मेदारियां भुला कर मना रहा है वोह सिर्फ और सिर्फ जनता को परेशान करने का एक मात्र जरिया है इस कथित सडक सुरक्षा सप्ताह के आते ही यातायात पुलिस और अख़बारों के कुछ पत्रकारों की बांछें खिल जाती है क्योंकि लूट का एक सप्ताह शुरू हो जाता है छोटे छोटे स्कूली बच्चों को सडकों पर लाया जाता है सड़कें मरम्मत करने की जगह स्कूटर मोटर साइकिलों के कागजात के नाम पर चलन बनाये जाते है ..दोस्तों बारह महीने पुलिस और यातायात विभाग की ज़िम्मेदारी है के शहर में यातायात नियम लागू हो कागज़ात चेक हों ..स्पीड कंट्रोल हो ...कारों की सीट बेल्ट काले कांच ..रात्रि लाइटों के हेलोजें बंद हों ...मिनी बस निजी बसें क्न्दक्त्र और ड्राइवर युनिफोर्म पहने ..टिकिट कितना कहाँ से लगेगा इसकी सूचि बस में चस्पा हो .केवल स्टेशन पर ही ठहराव हो परमिट हो ..इन वाहनों को खड़ा करने के लियें स्टेंड हो ..स्टेज केरिज और कोंतरेक्त केरिज परमिट के नियमों की सख्ती से पालना हो ..सडकों पर ट्रेक्टर और त्रोलियाँ क्रषि सामन के आलावा नहीं चलें ट्रक और ट्रोले नो एंट्री में प्रवेश नहीं करें ..ओवर लोडेड वहन नहीं हों ..सड़कों पर आवारा जानवर और अतिक्रमण न हो चोराहों और सडकों के किनारे विज्ञापन बोर्ड न हो स्पीड कंट्रोल हो ..स्पीड ब्रेकर हो सभी वाहनों की तकनीकी जान्च हो इन नियमों की पालना लगातार कराना होती है लेकिन पुलिस और प्रशासन अख़बारों के बहकावे में आकर केवल दिखावा करते है सड़कें ठीक नहीं करते ..अआवारा जानवर नहीं हटाते और बस दो पहिया वाहन चालक जो गरीब की जोरू की तरह सबकी भाभी समझी जाती है उसे सबक सीखने के लियें उनसे लूट शुरू हो जाती है कल कोटा के प्रशासन की बैठक में हेलमेट नहीं पहनने वाले पर आत्महत्या करने के अपराध दर्ज करने पर चर्चा हुई तो जनाब जो लोग वाहन तेज़ गति से चलाते है उन पर हत्या के मुकदमा दर्ज करवाने पर चर्चा क्यूँ नहीं हुई जो लोग परमिट की शर्तों का उलन्न्ग्घन कर वाहन चलाते है उन पर धोखा धड़ी का मुकदमा दर्ज क्यूँ नहीं हो लेकिन यह सब नोटंकी है जो अख़बारों और मिडिया के कुछ लोगों के निजी स्वार्थों के लियें होता है और चोराहों पर उन पुलिस वालों को तेनात किया जाता है जो अधिकारीयों की दूध देती गाये होती हैं वरना क्या मजाल के शहर में समानांतर रोडवेज़ की तरह निजी बसें विधि विरुद्ध टिकिट काटकर वाहन चलाने लगें और सडकों पर शर्तों का उलन्न्घन कर जीपें और करें चले ओवर लोडेड वाहन चलें । खेर कभी तो कोई अधिकारी कोई पत्रकार ऐसा आएगा जो ऐसे मामलों में सड़क सुरक्षा सप्ताह को सही तरह से मनाने के लियें जनता को राहत पहुंचाएगा और सड़कें आम आदमी की आवाजाही के लियें सभी बाधाओं से मुक्त करवाएगा .... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

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