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18 जनवरी 2015

आधुनिक क्रान्ति के कोटा नायक क्रान्ति तिवारी ऐसी शख्सियत है जो पार्टी ,,जाती ,,,धर्म ,,समाज की बंदिशों से ऊपर उठ कर केवल इंसानियत और इन्साफ के लिए संघर्ष करते है ,

सामजिक बदलाव ,,,,सामजिक न्याय ,,,,के मामले में लगातार संघर्षशील आधुनिक क्रान्ति के कोटा नायक क्रान्ति तिवारी ऐसी शख्सियत है जो पार्टी ,,जाती ,,,धर्म ,,समाज की बंदिशों से ऊपर उठ कर केवल इंसानियत और इन्साफ के लिए संघर्ष करते है ,,,,,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिसे कई कोंग्रेसी चुनाव का फॉर्म भरवाते वक़्त इंडियन नेशनल कांग्रेस लिखवाते है ,,इस पार्टी के क्रान्ति तिवारी संविधान के पालक है ,,पार्टी के नीति नियमों में जो लिखा है वोह काम क्रान्ति तिवारी पूरी शिद्दत के साथ करते है ,,,,क्रांतितिवारी कच्ची बस्ती की समस्या हो ,,,क़ानून व्यवस्था का मामला हो ,,लोगों पर ज़ुल्म ज़्यादती ,,नाइंसाफी से जुड़े मुद्दे हो ,,,फैक्ट्री के मज़दूरों की छटनी का मामला हो ,,मंदिर ,,मस्जिद ,,,शमशान ,,,क़ब्रिस्तान के रखरखाव का मुद्दा हो क्रांतितिवारी हर काम में अपनी फौज के साथ मौजूद रहते है ,,,,,उनके पास कोई भी पीड़ित जाए या फिर सुनकर अख़बार में पढ़ कर वोह किसी पीड़ित की खिदमत करने जाए तो वोह यह नहीं देखते के वोह किस पार्टी ,,किस समाज ,,जाती ,,किस धर्म का है बस क्रान्ति तिवारी तो केवल पीड़ित का दुःख दर्द देखते है और फिर हर सम्भव प्रयासों में जुट जाते है ,,,कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य होने के बाद भी क्रांतितिवारी किसी विशेष नेता के गुलाम नहीं है वोह कहते है के में कांग्रेस का सिपाही हूँ और कांग्रेस संगठन में आदर्शवाद है ,,सेवाभाव है ,,न्याय है इसलिए जो विधान में लिखा है ,,कांग्रेस के कर्तव्यों में लिखा है उसकी कसोटी पर मुझे खरा उतरना है ,,वोह कहते है के उनकी सर्वप्रथम जवाबदारी ईश्वर भगवान अल्लाह के प्रति है फिर दलित पीड़ितों के प्रति वोह ज़िम्मेदार है ,,वोह कहते है उनकी जवाबदारी सोनिया जी ,,,राहुल जी ,सचिन जी के प्रति है और इस मामले में वोह अपनी कसोटी पर सही है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्रान्ति तिवारी हिन्दू हो ,,,चाहे मुस्लिम हो ,,दलित हो चाहे ब्राह्मण हो सभी में ज़िंदाबाद है ,,जनसेवा कार्यों में क्रान्ति तिवारी का अंदाज़ निराला है पहले प्यार से फिर तकरार से नहीं मानने पर मुक्का लात से ,,इसीलिए क्रान्ति तिवारी के खिलाफ कुछ मुक़दमे भी दर्ज हुए है लेकिन वोह बेपरवाह है क्योंकि उन्हें अपने ईश्वर और दोस्तों जनता पर पूरा भरोसा है ,,,क्रांतितिवारी ने हाल ही में कांग्रेस हार के कारणों पर चिंतन मंथन के दौरान कांग्रेस की रीढ़ कहे जाने वाले मुस्लिम समाज को कांग्रेस से दूर होने के मामले में सोचने समझने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया , मुस्लिमों को सियासत में उचित प्रतिनितिध्त्व सम्मान देने की बात कही तो कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा छा गया कई लोग इनसे नाराज़ हुए लेकिन बाद में पार्टी इन्ही के विचार की लाइन पर चल पढ़ी है ,,,क्रान्ति तिवारी एक फोन पर लोगों के लिए उपस्थ्ति रहते है ,,,,,,,इसीलिए क्रांति तिवारी शोषित पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के मामले में एक नई क्रान्ति के महानायक के रूप में अपनी पहचान बना चुके है ,,,वोह इन्साफ की लड़ाई में यह भी ध्यान नहीं रखते के ज़ालिम उनकी अपनी पार्टी का है या अन्याय उनकी खुद की पार्टी की सरकार कर रही है वोह समझाइश असफल होने पर अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ भी संघर्ष का रास्ता अपना चुके है और इसीलिए उनके हमदर्द जो उनके एक इशारे पर जान देने और लेने पर आमादा होते है कहते है के क्रान्ति एक नई क्रान्ति है यह महानायक है इस युग के और हमारे लिए चौबीस केरेट खरा सोना है इसलिए क्रान्ति तिवारी हमारे लिए ज़िंदाबाद थे ,,ज़िंदाबाद है ,,ज़िंदाबाद रहेंगे ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बाल काटते समय

सरकारी नाई ने बाल काटते समय
मोदी से पूछा - " साहब यह स्विस बैंक
वाला क्या... लफड़ा है "...???? .
मोदी चिल्लाये - " अबे तू बाल काट रहा है
या इन्क्वारी कर रहा है "..?? ... .
नाई बोला - " सॉरी अब
नहीं पूछूँगा... " .
अगली बार नाई ने जेटली साहब से
पूछा - "
यह काला धन क्या होता है "..?? .
जेटली चिल्लाये और बोले...- " तुम हमसे ये
सवाल क्यूँ पूछता है "..?? .
अगले दिन नाई से सीबीआई
की टीम ने पूछताछ
की - " क्या तुम कांग्रेस या आम
आदमी पार्टी के एजेंट हो "..?? .
नाई बोला - " नहीं साबजी.." .
सीबीआई - " तो फिर तुम बाल काटते
वक़्त बीजेपी के नेताओं से फालतू
के सवाल क्यूँ करते हो "..?? .
नाई बोला - " साहब , ना जाने क्यूँ स्विस बैंक और काले धन के
नाम पर इन भाजपाईयो के बाल
खड़े हो जाते है और मुझे बाल काटने में
आसानी हो जाती है....
इसलिए पूछता रहता हूँ॥

दोस्तों आप से मिलिए आप है पंडित अनिल तिवारी

दोस्तों आप से मिलिए आप है पंडित अनिल तिवारी ,,,,यंग एचीवर समाचार पत्र के संपादक और विज्ञापन प्रचारक ,,,,,,,कोटा प्रेस क्लब के सक्रिय सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अनिल तिवारी सभी में लोकप्रिय है ,,लेकिन ख़ास बात यह है के यह अपने समाचार पत्र के माध्यम से यंग एचीवर यानी युवा वर्ग खुद को कैसे शक्तिशाली ,,प्रतिभावान बनाये इसके लिए वोह प्रयास करते है ,,,अख़बार की सामग्री युवाओं के विकास और ज्ञान पर पर फोकस होती है ,,,,अनिल तिवारी कोटा के ही नहीं राजस्थान प्रसिद्ध विज्ञापन प्रचारक है ,,,,इसी प्रचार के साथ अनिल आम लोगों के लिए उपयोगी सामग्री का भी प्रकाशन करते है ,कोटा सहित राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थलों का परिचय ,,,,प्रकाशित पुस्तक में कोटा ,,राजस्थान सहित कई मुख्याओं के आवश्यक टेलीफोन नंबर ,,इ मेल आई डी उसमे शामिल होती है ,,,,इनके द्वारा प्रकाशित किताब बहु उपयोगी और सुन्दर होने से लोग इसे सीने से लगाकर रखते है ,,,,,,मृदुल स्वभावी ,,युवा एनर्जी ,,,हंसमुख स्वभाव और दोस्तों के लिए समर्पित भाव अनिल तिवारी को दूसरे लोगों से अलग प्रमुख और विशेष बना देता है ,,,किसी भी जनउपयोगी आंदोलन में मुखर भूमिका निभाकर उसका अपने अंदाज़ में प्रचार प्रसार कर उस समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन या फिर ज़िम्मेदार को मजबूर कर देने वाले अनिल तिवारी अपनों में ही नहीं परायों में भी लोकप्रिय है ,,,,,,,,,,जैसा नाम वैसा काम जी हाँ अनिल यानी हवा ,,हवा जो दिखती नहीं है लेकिन ,,,कभी लोगों को सहलाती है ,,,,कभी लोगों को ठंडक देती है मूसलाधार उत्पत्ति बारिश को उड़ा कर ले जाती है ,,,जो तन कर अकड़ कर खड़े रहते है वोह जो इस मासूम हवा का मिजाज़ नहीं समझते है यह हवा आंधी बनकर कर उन्हें गिरा देती है बस यही अंदाज़ हमारे अनिल भाई का है ,,,,लोगों में प्यार बांटना ,,विशवास बांटना ,, उनके दुःख दर्दों में काम आना ,,,,,,पीड़ित लोगों की पीड़ा हरने का प्रयास करना ही अनिल तिवारी जी का प्रमुख लक्ष्य है जो अपने समाचार पत्र के प्रकाशन और स्मारिकाओं के ज़रिये तो कर ही रहे है साथ ही आकर्षक ,,आक्रामक विज्ञापनों के ज़रिये भी आप समस्याओं को उजागर करने और प्रशासन को इन समस्याओं के समाधान करने के लिए मजबूर कर देने का हुनर रखते है ,,,,,,,ऐसी खूबसूरत हवा ,,सुबह की मीठी ठंडी हवा अनिल भाई को सलाम ,,सेल्यूट ,,बधाई ,,मुबारकबाद ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देवी देवताओं ,,पैगम्बर ,,धार्मिक पुस्तकों का मज़ाक उड़ाना खतरनाक अपराध की श्रेणी में आता है

दोस्तों हमारे देश में किसी भी धर्म ,,मज़हब की आस्थाओं का मज़ाक उड़ाना ,,उनके देवी देवताओं ,,पैगम्बर ,,धार्मिक पुस्तकों का मज़ाक उड़ाना खतरनाक अपराध की श्रेणी में आता है और वाक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान में प्रतिबंधित है ,,,ऐसी कोई सामग्री जो किसी के धर्म को आहत करती हो ,,कठोर दंडात्मक अपराध की श्रेणी में आता है ,,किसी दूसरे देश में छपी ऐसी सामग्री को अगर पुनप्रकाशन किया जाता है तो वोह हमारे देश में अपराध है ,,ऐसी कोई भी सामग्री कहीं प्रकाशित ,,या पुन प्रकाशित हो जो देश के किसी भी धर्म की भावनाए आहत करता हो ,,प्लीज़ तुरंत ऐसे अख़बार ,,ऐसे टी वी चैनल ,,ऐसे व्यक्ति ,,ऐसे सोशल मडिया एकाउंट होल्डर के खिलाफ तुरंत मुक़दमा दर्ज कराये ,,ताकि ऐसे व्यक्ति को जब जेल की हवा खाना पढ़ेगी तो शायद समाज में देश में सुधार हो सकेगा ,,,,मेरा मोबाइल 09829086339 ,,,09414939811 है एफ आई आर कैसे लिखे ,,,,कार्यवाही कैसे और कहा की जाए कोई जानकारी चाहे तो बंदा हाज़िर रहेगा देश के किसी भी कोने में क़ानून एक है ,,,,मेरा भारत महान है यहां किसी को भी क़ानून तोड़ने का हक़ नहीं ,,मेरे भारत में बढ़े बढ़े मंत्री ,,,बढ़े बढ़े अधिकारी ,,नेता ,,साधू ,,संत ,,,मुल्ला ,,मोलवी ,,उद्योपगपति ,,क़ानून के दायरे में आने के बाद जेल में है ,,,,कोई भी अपराधी देश के क़ानून से बढ़ा नहीं है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दुल्हन की तरह सजा कर ले जा रहे थे जलाने, पुलिस उठा ले गई अर्थी पर से लाश


मोहाली. फेज-11 से शनिवार को पुलिस ने जो सैक्स रैकेट पकड़ा है, वह फेज-11 थाने से सिर्फ 100 मीटर दूर चल रहा था। थाने के सामने सड़क पार स्थित दो मंजिला मकान में 8/10 लड़के और लड़कियां किराये पर रहते थे, जो कई महीनों से यहां सरेआम यह गोरखधंधा चला रहे थे। पुलिस की नाक के नीचे कई महीने से यहां हाई प्रोफाइल सैक्स रैकेट चल रहा था, लेकिन थाने के एसएचओ या कर्मचारी इस बारे में जानकारी न होने का दावा कर रहे हैं, जबकि जिस मकान में यह सैक्स रैकेट चल रहा था, उसके पड़ोस में रहने वाले लोगों ने कुछ दिन पहले ही इस बारे में एसएसपी मोहाली, डीजीपी और थाना पुलिस को शिकायत दी थी।
अर्थी पर से लाश उठावाकर ले जाती पुलिस
अर्थी पर से लाश उठावाकर ले जाती पुलिस
 
रोज आते थे नए लोग और करते थे अश्लील हरकतें
शिकायत पर 480 लोगों ने साइन किए थे। शिकायत में साफ लिखा था कि उनके एरिया में अापराधिक गतिविधियां जोरों पर हैं। एक मकान में 8/10 युवक-युवतियां मिलकर रह रहे हैं। रोजाना इस घर में नए चेहरे देखने को मिलते हैं। ये लोग पार्क में, खुले में अश्लील हरकतें करते हैं। इस शिकायत के बावजूद किसी पुलिस अफसर ने इस पर कार्रवाई नहीं की। शनिवार को इसी घर में रहने वाली एक युवती की मौत के बाद पुलिस की लापरवाही सामने आई। अब एसपी का कहना है कि एसएचओ नया है, उसे पता नहीं था।
 
पूछने पर कहा-मां ज्यादा बीमार है
फेज-11 की एमसी इंद्रजीत कौर ने बताया कि कुछ महिलाओं ने उन्हें बताया था कि मकान नंबर 1427/2 में कुछ युवक-युवतियां आते-जाते रहते हैं। शनिवार सुबह एक जेंटलमेंट व 10-12 युवक-युवतियों ने एक एंबुलेंस बुलाई हुई थी। साथ में दो-तीन कारें भी थीं। सभी लोग मकान से कंबल में लिपटे किसी व्यक्ति को स्ट्रेचर पर डालकर जल्दबाजी में एंबुलेंस में डाल रहे थे। एक महिला के पूछने पर जवाब मिला कि मां ज्यादा बीमार है उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। शक होेने पर उस महिला ने इंद्रजीत कौर को फोन किया, जिन्होंने पुलिस को जानकारी दी।
 
पुलिस ने नहीं लगाने दी चिता को आग
श्मशानघाट में 13/14 युवक व युवतियां एक दुल्हन की तरह सजी युवती के शव को जल्दबाजी में आग लगाने ही वाले थे कि पुलिस पहुंच गई। लाश को चिता से उतारकर देखा तो वह करीब 28 साल की युवती थी। इस पर युवक-युवतियां पुलिस से झगड़ने लगे और अंतिम संस्कार करने लगे। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो सभी भागने लगे। चार युवक गाड़ी सहित भाग गए। इतने में एसपी सिटी-1 भी पहुंच गए। पुलिस ने एक युवक प्रमोद से सख्ती से पूछा तो उसने बताया कि उनका सैक्स रैकेट है और वह दलाल है। उसके बाद सारा राज खुल गया। पुलिस ने मौके से 6 युवतियों और 4 युवकों को पकड़ा। शव को फेज-6 स्थित अस्पताल की माॅर्चरी में रखवा दिया गया।
 
लोगों की शिकायत के बारे में नहीं जानते थे नए एसएचओ: एसपी
एसपी सिटी आशीष कपूर ने बताया कि जब वे फेज-11 में घटनास्थल का दौरा करने गए तो पड़ोसियों ने बताया कि इस बारे में पुलिस को शिकायत दी गई थी। उन्होंने कहा कि यहां कुछ दिन पहले ही एसएचओ का तबादला हुआ है। नए एसएचओ को शिकायत के बारे में पता नहीं था। अब उस शिकायत को ओपन करवा लिया गया है।
 
कभी नहीं हुई वेरिफिकेशन
ये दो मंजिला मकान दंगा पीडितों को मिले हुए हैं। लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें किराए पर चढ़ा रखा है। एक मकान में ज्यादा युवक-युवतियां इकट्ठे रहते हैं। धंधा बनाया हुआ है। आज तक कोई वेरिफिकेशन नहीं हुई। - बलजिंदर जीत कौर, पड़ोसी
 
पुलिस ने कभी नहीं ली सुध
देर रात तक यहां युवतियों के पास युवक आते रहते हैं। एरिया वालों ने परेशान होकर कुछ समय पहले पुलिस को शिकायत दी थी। न कभी पुराना एसएचओ नवीन पाल सिंह लैहल यहां आया और न नए एसएचओ भूपिंदर सिंह ने कोई सुध ली। - इंद्रजीत कौर, पड़ोसी
 
लोगों ने किया पुलिस का काम
जो काम पुलिस को करना चाहिए था, वह मोहल्ले वालों ने किया। दलाल प्रमोद साथियों के साथ लाश को कंबल में ढककर ले गया। शक होने पर मैंने एमसी इंद्रजीत कौर को सूचना दी। प्रमोद के घर रोज नए-नए लड़के-लड़कियां आते थे। - कर्मजीत कौर, पड़ोसी

अकबर को धूल चटाने वाले राणा प्रताप ने इस गुफा में खाई थीं घास की रोटियां




उदयपुर. राजस्थान की भूमि सदा से ही महापुरुषों और वीरों की भूमि रही है। यह धरती हमेशा से ही अपने वीर सपूतों पर गर्व करती रही है। उन्हीं वीरों में से एक थे महाराणा प्रताप। आज उनका पुण्यतिथि है इस अवसर पर dainikbhaskar.com आपको बता रहा है उस गुफा के बारे में बता रहा है जहां अकबर को धूल चटाने वाले वीर योद्धा महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां खाकर कुछ दिन बिताए थे। यह वो प्रतापी विरासत है जिसे प्रताप ने अपना शस्त्रागार बनाया था। आईए जानते हैं इस गुफा की कहानी।
अकबर को धूल चटाने वाले राणा प्रताप ने इस गुफा में खाई थीं घास की रोटियां
 
हम बात कर रहे हैं मेवाड़ की विरासतों में शुमार मायरा की गुफा के बारे में। प्रकृति ने इस दोहरी कंदरा को कुछ इस तरह गढ़ा है मानो शरीर में नसें। इस गुफा में प्रवेश के तीन रास्ते हैं, जो किसी भूल-भुलैया से कम नहीं। इसकी खासियत यह भी है कि बाहर से देखने में इसके रास्ते का द्वार किसी पत्थर के टीले की तरह दिखाई पड़ता है। लेकिन जैसे-जैसे हम अंदर जाते हैं रास्ता भी निकलता जाता हैं। यही कारण है कि यह अभी तक हर तरफ से सुरक्षित है। यही तो कारण था कि महाराणा प्रताप ने इसे अपना शस्त्रागार बनाया था।

दरअसल, जब महाराणा प्रताप का जन्म हुआ उस समय दिल्ली पर सम्राट अकबर का शासन था। वह सभी राजा-महाराजाओं को अपने आधीन कर मुगल साम्राज्य का ध्वज फहराना चाहता था। वहीं, मेवाड़ की भूमि को मुगल आधिपत्य से बचाने के लिए महाराणा प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मेवाड़ आजाद नहीं होगा, मैं महलों को छोड़ जंगलों में निवास करूंगा। अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते हैं तो आधे हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर कि रहेगी। जवाब में प्रताप ने कहा था कि स्वादिष्ट भोजन को त्याग कंदमूल फलों से ही पेट भरूंगा, लेकिन अकबर का अधिपत्य कभी स्वीकार नहीं करूंगा।

हल्दी घाटी में अकबर और प्रताप के बीच हुए युद्ध के दौरान इसी गुफा को प्रताप ने अपना शस्त्रागार बनाया था। यह युद्ध आज भी पूरे विश्व के लिए एक मिसाल है। इसका पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस युद्ध में अकबर के 85 हजार और प्रताप के केवल 20 हजार सैनिक थे। इसके बावजूद प्रताप ने अकबर को धूल चटा दिया था। प्रताप का पराक्रम ऐसा था कि उनकी मृत्यु पर उनकी बहादुरी को याद कर अकबर भी रो पड़ा था।

हालांकि, प्रताप की जीत में उनके घोड़े का भी अहम योगदान था। एक पांव चोटिल होने के बाद भी प्रताप को पीठ पर लिए वह नाले को पार कर गया, लेकिन मुगल सैनिक उसे पार न कर सके। हल्दी घाटी के युद्ध की याद दिलाती यह गुफा इतनी बड़ी है कि इसके अंदर घोड़ो को बांधने वाली अश्वशाला और रसोई घर भी है। इस गुफा के अंदर वही अश्वशाला है जहां चेतक को बांधा जाता था, इसलिए यह जगह आज भी पूजा जाता है। पास ही मां हिंगलाज का स्थान है। प्रकृति और इतिहास की यह विरासत अरसे से अनदेखी का शिकार है।

ओह मुझे माफ़ करना आप पड़ोसी की ओलाद है

अख़बार का मालिक एक एडिटर कार्टूनिस्ट से ,,,,,मुस्लिम और हिन्दू धर्म के पैगम्बर ,,देवी देवताओं के ऐसे कार्टून बनाओ ,,,,,,जो वोह आपस में भड़क कर झड़ा फसाद करे ,,,माहोल गरम हो ,,और अराजकता के हालात होने से धर्म की आस्था वाले देश विश्व की दौड़ में पिछड़ जाए ,,,,,,एडिटर कार्टूनिस्ट ने मालिक को समझाया ,,,,ऐसा करने से हमे भी गुस्से का शिकार होना होगा ,,,,,,,,,,एडिटर कार्टूनिस्ट को ऐसे पैगम्बर का कार्टून बनाने के लिए कहा था जिसकी कोई तस्वीर मौजूद नहीं थी ,,खेर एडिटर कार्टूनिस्ट ने अख़बार के दफ्तर में मालिक के माता ,,पिता की लगी फोटु को कल्पना में लेकर कार्टून बना डाले ,,,दूसरे दिन वोह कार्टून मेग्ज़ीनों में थे ,,लेकिन अख़बार मालिक गुस्से में थे उन्होंने एडिटर कार्टूनिस्ट के ज़ोर से थप्पड़ मारते हुए कहा के गधे यह तूने किसकी फोटु की कार्टून बना डाली ,,,एडिटर कार्टूनिस्ट ने कहा के माफ़ी चाहता हूँ आपके माता पिता की कल्पनात्मक फोटु के कार्टून पर आपको इतना गुस्सा आया तो वोह तो लोगों की धर्म आस्था का प्रश्न हो जाता है उन्हें कितना गुस्सा आएगा ,,,,अखबार मालिक ने गुस्से में कहा के बेवक़ूफ़ वोह मेरी माता के साथ मेरे पिता तो है ,,लेकिन मेरी माँ कहती थी के में किसी पड़ोसी के अंकल की ओलाद हूँ ,,इसलिए तूने यह मेरे पिता मानकर गलत कार्टून बना दिया ,,,एडिटर कार्टूनिस्ट ने कहा ,,ओह मुझे माफ़ करना आप पड़ोसी की ओलाद है इसीलिए आप की ऐसी हरकते है अब में समझ गया ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

208 किलो वजन के साथ लड़ते थे प्रताप, मृत्यू पर रो पड़ा था दुश्मन अकबर


उदयपुर. राजस्थान की भूमि सदा से ही महापुरुषों और वीरों की भूमि रही है। यह धरती हमेशा से ही अपने वीर सपूतों पर गर्व करती रही है। उन्हीं वीरों में से एक थे महाराणा प्रताप। आज  उनकी पुण्यतिथि है इस अवसर पर   इस महान योद्धा की वीरता और त्याग के बारे में... 
208 किलो वजन के साथ लड़ते थे प्रताप, मृत्यू पर रो पड़ा था दुश्मन अकबर
 
1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच ऐसा युद्ध हुआ, जो पूरी दुनिया के लिए आज भी एक मिसाल है। महाराणा प्रताप ने शक्तिशाली मुगल बादशाह अकबर की 85000 सैनिकों वाले विशाल सेना के सामने अपने 20000 सैनिक और थोड़े-से संसाधनों के बल पर स्वतंत्रता के लिए वर्षों संघर्ष किया। 30 वर्षों के लगातार प्रयास के बावजूद अकबर महाराणा प्रताप को बंदी न बना सका। यही नहीं महाराणा की मृत्यु की खबर सुन अकबर रो पड़ा था।

हल्दीघाटी का युद्ध याद अकबर को जब आ जाता था ,
कहते है अकबर महलों में, सोते-सोते जग जाता था!


प्रताप की वीरता के सामने अकबर भी रोया 

प्रताप की वीरता ऐसी थी कि उनके दुश्मन भी उनके युद्ध-कौशल के कायल थे। माना जाता है कि इस योद्धा की मृत्यु पर अकबर की आंखें भी नम हो गई थीं। उदारता ऐसी कि दूसरों की पकड़ी गई बेगमों को सम्मानपूर्वक उनके पास वापस भेज दिया था। इस योद्धा ने साधन सीमित होने पर भी दुश्मन के सामने सिर नहीं झुकाया और जंगल के कंद-मूल खाकर लड़ते रहे।

26 फीट का नाला एक छलांग में लांघ गया था प्रताप का चेतक

कहते हैं कि जब कोई अच्छाई के लिए लड़ता है तो पूरी कायनात उसे जीत दिलाने में लग जाती है। ये बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उनका घोड़ा चेतक भी उन्हें जीत दिलाने के लिए अंतिम समय तक लड़ता रहा। चेतक की ताकत का पता इस बात से लगाया जा सकता था कि उसके मुंह के आगे हाथी कि सूंड लगाई जाती थी। जब मुगल सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगे थी, तब चेतक प्रताप को अपनी पीठ पर लिए 26 फीट के उस नाले को लांघ गया, जिसे मुगल पार न कर सके।

208 किलो का वजन लेकर लड़ते थे प्रताप

महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो… और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी। यह बात अचंभित करने वाली है कि इतना वजन लेकर प्रताप रणभूमि में लड़ते थे।राज्य की आन के लिए लिया एक प्रण- राजस्थान के कुंभलगढ़ में प्रताप का जन्म महाराणा उदयसिंह एवं माता रानी जीवंत कंवर के घर हुआ था। उन दिनों दिल्ली में सम्राट अकबर का राज्य था जो भारत के सभी राजा-महाराजाओं को अपने अधीन कर मुगल साम्राज्य का ध्वज फहराना चाहता था। मेवाड़ की भूमि को मुगल आधिपत्य से बचाने हेतु महाराणा प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मेवाड़ आजाद नहीं होगा, मैं महलों को छोड़ जंगलों में निवास करूंगा, स्वादिष्ट भोजन को त्याग कंदमूल फलों से ही पेट भरूंगा किंतु अकबर का आधिपत्य कभी स्वीकार नहीं करुंगा। 

मेरी मोहब्बत

मेरी मोहब्बत
चौबीस केरेट खरी है
इसमें कोई
मिलावट नहीं
यह सिर्फ तुम्हारे लिए
यह सिर्फ तुम्हारी है
यह सिर्फ तुम्हारी रहेगी
हमेशा के लिए हमेशा के लिए ,,,अख्तर

बिहार: बोरे में बंधी मिली अपहृत की लाश, उग्र लोगों ने 40 घर फूंके, 3 को जिंदा जलाया


मुजफ्फरपुर/पटना. मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के अजीतपुर बहिलवारा गांव में एक अपहृत युवक की हत्या के बाद रविवार को जमकर उपद्रव हुआ। आक्रोशित लोगों ने करीब 40 घर फूंक दिए। एक दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसमें तीन लोग जिंदा जला दिए गए। युवक की हत्या के मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मारपीट और आगजनी में दर्जनभर लोग जख्मी हुए हैं।
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उग्र भीड़ ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया।
 
एक घायल की देर रात एसकेएमसीएच में मौत हो गई। डीएम अनुपम कुमार ने बताया कि मामला प्रेमप्रसंग से जुड़ा हुआ है। युवक एक सप्ताह से लापता था। रविवार दोपहर गेहूं के खेत में उसका बोरे में बंधा हुआ शव मिला। इसके बाद लोग उग्र हो गए। 
 
चार जिलों से भेजी फोर्स : अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैं खुद घटनास्थल पर मौजूद हूं। हालात नियंत्रण में हैं। डीएम अनुपम कुमार व एसएसपी रंजीत कुमार मिश्रा समेत कई अधिकारी घटनास्थल पर हैं। डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि बीएमपी की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, छपरा व वैशाली जिले से भी अतिरिक्त पुलिस भेजी है।

AAP के बागी बिन्नी भी हुए बीजेपी में शामिल, सिसोदिया को दे सकते हैं टक्कर


AAP के बागी बिन्नी भी हुए बीजेपी में शामिल, सिसोदिया को दे सकते हैं टक्कर
 
 
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के एक और पूर्व नेता विनोद कुमार बिन्नी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। रविवार को उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उधर, आप नेताओं के बीजेपी में जाने पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है, 'केजरीवाल जी कब बीजेपी में जाएंगे?'  
 
पिछले चुनाव में लक्ष्मी नगर से आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक बने बिन्नी ने पिछले साल केजरीवाल से मतभेदों के बाद पार्टी छोड़ दी थी। गौरतलब है कभी आप का प्रमुख चेहरा रहीं शाजिया इल्मी भी शुक्रवार को बीजेपी में शामिल हो गईं थीं। उससे एक दिन पहले, जनलोकपाल आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की सहयोगी रहीं किरण बेदी गुरुवार को बीजेपी में शामिल हुई थीं।
 
सिसौदिया के खिलाफ उतर सकते हैं मैदान में 
पार्टी ज्वाइन करने के बाद बिन्नी ने कहा कि वोट पाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने झूठ बोला और लोगों की भावनाओं से खेला था। इससे पहले, शनिवार शाम बिन्नी ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय से मुलाकात की थी। इस मीटिंग के बाद से ही अटकलें तेज हो गई थीं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
 
इससे पहले, बिन्नी ने कहा था कि वह नई दिल्ली से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में उतरेंगे और अरविंद केजरीवाल से सीधा मुकाबला करेंगे। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि उन्हें पटपड़गंज से टिकट मिल सकता है। गौरतलब है कि पटपड़गंज से आप नेता मनीष सिसोदिया मैदान में हैं।

केजरीवाल ने तेज किए हमले, किरण बेदी को बताया 'पैराशूट उम्मीदवार'


नई दिल्ली: 7 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राज्य में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में सारी ताकत झोंक दी है। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपनी नई दिल्ली सीट पर डोर टू डोर कैंपेन किया। इस दौरान उन्होंने हाल ही में बीजेपी में शामिल हुईं किरण बेदी पर निशाना साधना जारी रखा। जब रिपोर्टर ने केजरीवाल से पूछा कि वह किरण बेदी को कॉम्पिटीशन में क्यों नहीं मानते, केजरीवाल ने कहा, ''जनता नहीं मानती, कह रही है कि 15 दिन पहले पैराशूट से ले आए।'' किरण बेदी पर बोलते हुए आप संयोजक ने कहा कि किसी के आने से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब जनता मन बना चुकी है।
नई दिल्ली सीट पर डोर टू डोर कैंपेन करते केजरीवाल
नई दिल्ली सीट पर डोर टू डोर कैंपेन करते केजरीवाल
 
बता दें कि इससे पहले, शनिवार को केजरीवाल ने कहा था कि बीजेपी दिल्ली में चुनाव हारने वाली है और इस पराजय का ठीकरा नरेंद्र मोदी के बजाए किसी और पर फोड़ने के लिए किरण बेदी को पार्टी में लाया गया है। केजरीवाल ने कहा था, ''वे अब किरण बेदी को लेकर आए हैं। बीजेपी अब डूबता हुआ जहाज है। क्या वह इसे बचा पाएंगी?''
 
किरण को घेरने की रणनीति 
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कभी अपनी सहयोगी रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी पर चौतरफा हमला तेज कर दिया है। पार्टी नेता सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक तौर पर भी बेदी के खिलाफ आग उगल रहे हैं। शनिवार को बकायदा पार्टी के नेताओं ने बेदी को भाजपा के अंदर ही अलग-थलग करने की कोशिश की। आप ने बेदी के एक बयान को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा से पूछा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगी या अपने वायदे से पीछे हटेंगी। चूंकि एक साक्षात्कार के दौरान बेदी ने कहा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना पार्टी के एजेंडा में मुख्य प्राथमिता नहीं है। बेदी के इसी बयान पर आप नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि वर्ष 1993 से बीजेपी अपने प्रत्येक मेनिफेस्टो में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वायदा करती रही है, लेकिन बेदी के इस बयान से साफ होता है कि बीजेपी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिलाएगी। किरण बेदी के इस बयान से आप दो तरफा रणनीति बना रही है। इसके जरिए किरण बेदी के खिलाफ दिल्लीवालों का दिल जीतना और बीजेपी के अंदर उन्हें अलग-थलग करने की तैयारी है।

किरण बनाम केजरीवाल पोस्टर से पीछे हटी आप 
कलतक आप दिल्ली के अधिकांश ऑटो के पीछे अरविंद केजरीवाल बनाम जगदीश मुखी का पोस्टर लगाए घूम रहे थे। लेकिन बेदी के भाजपा में शामिल होने और भविष्य में भाजपा के सत्ता में आने पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना को देखते हुए अरविंद बनाम बेदी का पोस्टर लगाए जाने के सवाल पर आम आदमी पार्टी के नेता कन्नी काट गए। आप नेता योगेन्द्र यादव ने सफाई दी की कि जब किरण बेदी को भाजपा मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया जाएगा तो ऐसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक मुद्दों पर किरण बेदी को घेरते रहेंगे।

शंकराचार्य बाेले- मोदी को दोबारा PM बनाना है, तो 10 बच्‍चे पैदा करें हिंदू


शंकराचार्य बाेले- मोदी को दोबारा PM बनाना है, तो 10 बच्‍चे पैदा करें हिंदू
 
इलाहाबाद. हिंदुओं को कितने बच्चे पैदा करने चाहिए, यह बताने वालों की लिस्ट में अब एक और नाम जुड़ गया है। अब बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने हिंदू महिला को 10 बच्‍चे पैदा करने की सलाह दी है। वासुदेवानंद ने इसके लिए एक अजीबोगरीब तर्क भी दिया है। उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।  
 
इलाहाबाद में माघ मेले में शिकरत करने आए सरस्‍वती ने कहा, "हिंदुओं की एकता की ही वजह से मोदी प्रधानमंत्री बन सके हैं। वह बहुमत में रहें इसलिए प्रत्‍येक परिवारों को 10 बच्‍चे पैदा करने चाहिए।" घर वापसी' कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए उन्‍होंने कहा, "हिंदू धर्म से ही ईसाई, इस्लाम और सिख धर्म का जन्म हुआ हैं, इसलिए सभी को अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहिए। घर वापसी पर बैन नहीं लगना चाहिए। धर्म बदलने पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि जो हिंदू उन्हें अपने बच्चे सौंपेंगे, वे उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्‍था भी करेंगे।

बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने हिंदू महिलाओं को 4 बच्चे पैदा करने के लिए कहा था। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद की साध्वी प्राची ने भी चार बच्चे पैदा करने का बयान दिया था। वहीं, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता श्यामल गोस्वामी ने साक्षी से एक कदम आगे बढ़ते हुए हिंदुओं को 5 बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी, ताकि वे 'विलुप्त' न हो जाएं। उन्होंने कहा था, 'मेरी एक ही गुजारिश है... हर हिंदू माता और बहन को कम से कम 5 बच्चे पैदा करने होंगे।'
 
बेडरूम में न झांकें धर्म गुरु : तिवारी
कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने सरस्‍वती के इस बयान पर कहा है कि धार्मिक गुरुओं को धर्म से ही संबंध में रखना चाहिए। ऐसे लोगों को किसी अन्‍य के बेडरूम में तांक-झांक नहीं करना चाहिए।

क़ुरआन का सन्देश

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