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19 जनवरी 2015

भारत का एक ऐसा गांव जहां यूट्यूब से होती है पढ़ाई, हर बच्चे का है अपना ईमेल आईडी

भारत का एक ऐसा गांव जहां यूट्यूब से होती है पढ़ाई, हर बच्चे का है अपना ईमेल आईडी
 
हनुमानगढ़। सरकारी स्कूल का नाम लेते ही खुले में बैठकर पुराने से ब्लैक बोर्ड के सहारे पाठ पढ़ते बच्चों की तस्वीर सामने आती है लेकिन अब आधुनिक तकनीक ने इस तस्वीर के रंग बदल दिए हैं। जिले के जंडावाली गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में ब्लैक बोर्ड की जगह रंगीन प्रोजेक्टर स्क्रीन ने ले ली है और बच्चे 3-डी वीडियोज देखकर साइंस, मैथ्स और अंग्रेजी के सबक सीख रहे हैं। 
 
स्टाफ के प्रयास से स्कूल की कंप्यूटर लैब अब महज कंप्यूटर बेसिक्स और एमएस ऑफिस पढ़ाने की जगह नहीं रही है। कंप्यूटर लैब में ही बच्चों को साइंस, मैथ्स और अंग्रेजी के पाठ भी पढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए टीचर्स खुद पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन तैयार करते हैं और पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए यू ट्यूब पर उपलब्ध एजुकेशनल वीडियोज की भी मदद लेते हैं। अब तो स्कूल में नौंवी दसवीं क्लास में पढ़ने वाले हर बच्चे की अपनी मेल आईडी है। टीचर्स परीक्षा को रोचक बनाने के लिए बच्चों को कंप्यूटर पर असाइनमेंट भी देते हैं। 
 
3डी एनिमेशन होने के कारण बच्चे विषय को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। बच्चों में विषय को खुद समझने की शक्ति विकसित होती है। पहली क्लास से हायर क्लासेज तक को पढ़ाने के लिए यू ट्यूब पर कई एजुकेशन चैनल्स हैं। मेक मी जीनियस, सक्सेस सीडीएस एजुकेशन, एजुकेशन विस्टा मिशन आदि लिंक डालने पर एजुकेशनल वीडियो देखे जा सकते हैं। इन्हें बच्चों को ऑनलाइन दिखाने का कोई शुल्क नहीं है।

शाही शादी में राजकुमार ने पहनी सोने की ड्रेस, दुल्हन के लिए लाखों का लहंगा


उदयपुर. लक्ष्यराज सिंह उदयपुर के राजकुमार हैं और उनकी शादी उड़ीसा की राजकुमारी निवृति कुमारी के साथ हुई। शाही घराने के इस राजकुमार की शादी का कार्यक्रम महीनों तक चला। इस शादी में राजकुमार के लिए सोने की शेरवानी बनवाई गई थी। साथ ही दुल्हन के लिए बने लहंगे में सोने और चांदी के तार लगाए गए थे। यहीं नहीं यह शादी इतनी भव्य थी कि राजकुमारी के घर उदयपुर से ट्रेंड हाथी भेजा गया था। 
शाही शादी में राजकुमार ने पहनी सोने की ड्रेस, दुल्हन के लिए लाखों का लहंगा

इस शाही शादी के लिए 51 पंडितों ने कराई पूजा
करीब 51 पंडितों ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ बरात को रवाना किया। आमेर के हाथी मंगल ने पूरे शृंगार के साथ सज-धज कर निकासी में सलामी दी। 
 
राजकुमारी ने पहना था 21 लाख का लहंगा
राजकुमारी के लिए 21 लाख का लहंगा तैयार किया गया था। जिसमें सोने और चांदी के तार लगाए गए थे। यह लहंगा उदयपुर के शाही परिवार की तरफ से भेजा गया था। इस लहंगे की खासियत यह थी कि यह बेस रॉयल कलर (रेड टोन, ट्रेडिशनल रेड और रॉयल केसरिया हल्दी) में था। इस पर सोने चांदी के साथ बारीक जरी का भी काम हुआ था।
 
राजकुमार के लिए सोने की शेरवानी
राजकुमार लक्ष्यराज सिंह के लिए 11 सूट बनवाए गए थे, जिनमें वेडिंग शेरवानियां, सूट, ब्रिजिश व नैरो जैकेट तैयार किए गए थे। इनके बटन सोने-चांदी के थे, जिन पर कोट ऑफ आम्र्स (राज चिह्न) का निशान बना था।
 
पुरुष वर्ग के लिए 100 ड्रेसेस, प्रत्येक की कीमत एक लाख रुपए
इस शाही शादी में सभी सभी पुरुष वर्ग के लिए 100 ड्रेसेस बनवाए गए थे। एक सूट का खर्च लगभग एक लाख रुपए था। वहीं एचआरएच ग्रुप प्रबंध न्यासी अरविंदसिंह मेवाड़ ने अपने समधी कनक वर्धन सिंह देव के लिए भी स्पेशल मारवाड़ी स्टाइल का सूट तैयार करवाया था।
 
37 साल बाद महल में आई नई बहू
मेवाड़ राजघराने के परिवार के लगभग 37 साल बाद सिटी पैलेस के शंभू निवास में नई बहू ने कदम रखे। इससे पहले अरविंद सिंह मेवाड़ विजिया राज कुमारी को ब्याह कर लाए थे। हालांकि इससे पूर्व भी लक्ष्यराज की बहनों का विवाह हुआ था।

किरण बेदी के बीजेपी में जाने को 44 % लोगों ने बताया गलत


अमेरिकी जिद को भारत ने ठुकराया, राष्ट्रपति की कार में परेड देखने आएंगे ओबामा




अमेरिकी जिद को भारत ने ठुकराया, राष्ट्रपति की कार में परेड देखने आएंगे ओबामा
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे पर सोमवार को अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें अमेरिका ने ओबामा की सुरक्षा अपने हाथ में रखने का प्रस्ताव रखा। पर भारत ने मना कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि गणतंत्र दिवस भारत का समारोह है। इसलिए सुरक्षा भी हम ही करेंगे। 
 
ये थी अमेरिका की 4 मांगें, भारत ने की खारिज 
 
1- राजपथ के पास छतों पर सिर्फ अमेरिकी स्नाइपर्स तैनात रहेंगे : भारत ने कहा कि यह संभव नहीं है। समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई वीवीआईपी होंगे। ऐसे में भारतीय स्नाइपर्स भी तैनात होंगे। 
 
2 जिस रास्ते ओबामा जाएं, उस पर कोई दूसरा न चले : भारत ने कह दिया कि यह संभव नहीं है। मेहमान का रास्ता मेजबान ही तय करता है। अब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व बाकी वीवीआईपी भी उसी रास्ते जाएंगे।
 
3- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और ओबामा अलग-अलग जाएं : भारत ने बता दिया कि मुख्य अतिथि राष्ट्रपति के साथ ही जाते हैं। ऐसे में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी कार ‘बीस्ट’ में सफर नहीं करेंगे।
 
 
4- समारोह को नो फ्लाई जोन घोषित किया जाए : भारत यदि बात मान लेता तो वायुसेना का पारंपरिक फ्लाई पास्ट रद्द करना पड़ता। अब तीनों सेनाओं के 33 विमान राजपथ पर तिरंगे को सलामी देंगे।
 
>27 जनवरी को कुछ देर के लिए दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस वे बंद रहेगा।
>घुसपैठ की आशंका, पाक सीमा पर बीएसएफ के 1200 और जवान तैनात। 
>चेतावनी के बावजूद जम्मू -कश्मीर के सांबा में पाक की ओर से फायरिंग।

राजनीति में आने के चार दिन बाद ही किरण बेदी बनीं बीजेपी की सीएम कैंडिडेट


नई दिल्ली. आखिरकार अटकलें सही साबित हुई। पांच दिन पहले भाजपा में आईं किरण बेदी को पार्टी ने दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार किसी राज्य में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। इससे पहले महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर ही पार्टी ने चुनाव लड़ा था। 
राजनीति में आने के चार दिन बाद ही किरण बेदी बनीं बीजेपी की सीएम कैंडिडेट

भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “सर्वसम्मति से फैसला लिया है। किरण जी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी होंगी। वह पार्टी की परंपरागत कृष्णानगर सीट से चुनाव लड़ेंगी।’ पार्टी में मतभेदों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, “कोई मतभेद नहीं हैं। जिन लोगों के बयान मीडिया पर चलाए गए हैं, उन्हें तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने सबसे बात कर ली है। कोई नाराज नहीं है।’ पार्टी ने इसके साथ ही दिल्ली की 62 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं।  
 
पहले दिन से मिल रहे थे संकेत  
 
15 जनवरी : पार्टी में लाने के तरीके से ही साफ था कि बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में बेदी को पार्टी में शामिल किया गया। इस दौरान बेदी ने कहा, “40 साल का प्रशासनिक अनुभव है। काम करना भी आता है और करवाना भी।’ फिर विजय गोयल बोले, “हम किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। दो-तिहाई बहुमत से जीतेंगे।’ 
 
16 जनवरी : भाजपा दफ्तर में जोरदार स्वागत के बाद बेदी बोली कि मुख्यमंत्री बनी तो सुबह नौ बजे घर से निकलूंगी। सारे विभागों के सचिव भी निकलेंगे। जनता की समस्याएं दूर करेंगे।  
 
17 जनवरी : दिल्ली नगर निगम के महापौर और अधिकारियों के साथ बैठक की। साफ किया कि सत्ता में आने पर हमारी प्राथमिकता एमसीडी होगी। उन्होंने एमसीडी को स्वच्छ भारत अभियान को गंभीरता से लेने को कहा।

18 जनवरी : दिल्ली के सभी सांसदों को घर पर चाय के लिए बुलाया। देरी से पहुंचे केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन के लिए भी घर पर नहीं रुकी। अगले कार्यक्रम का समय होते ही घर से निकल गईं।  
 
19 जनवरी : सभी बड़े न्यूज चैनल्स को पहला इंटरव्यू दिया। दिल्ली के लिए विजन बताया। भाजपा में मतभेदों पर कहा, “बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। मैं अब पार्टी की सदस्य हूं। वह बहुत खुश हैं।’  

कोई चेहरा नहीं था इसलिए  किरण  
 
दिल्ली में भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं था। अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी इसी को मुद्दा बना रही थी। केजरीवाल ने तो खुद ही दिल्ली चुनावों को केजरीवाल बनाम जगदीश मुखी मुकाबला बनाने की कोशिश की थी। भाजपा ने 2013 में हर्षवर्धन को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन जादू नहीं चल सका। ऐसे में नए चेहरे की जरूरत थी, जो भरोसेमंद हो। केजरीवाल जितना ही जनता से जुड़ा हो। ऐसे में अन्ना आंदोलन से जुड़ी रही किरण बेदी को चुना गया।

क़ुरआन का सन्देश

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