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22 जनवरी 2015

ओबामा की सुरक्षा के लिए आ रहे हैं 16 ट्रक हथियार, आगरा में नहीं बजेंगी फोन की घंटियां


आगरा/नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 27 जनवरी को आगरा में एक-डेढ़ घंटे के लिए आ रहे हैं। इस दौरान शहर के कई इलाके पूरी तरह सुनसान हो जाएंगे। यहां तक कि दो-तीन घंटे मोबाइल की घंटियां भी नहीं बजेंगीं। यह उनके सुरक्षा इंतजाम की एक छोटी सी बानगी है।
ओबामा के आने से पहले और जाने के बाद तक पूरे शहर  में मोबाइल फोन सेवा ठप रहेगी। दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
ओबामा की सुरक्षा के लिए आ रहे हैं 16 ट्रक हथियार, आगरा में नहीं बजेंगी फोन की घंटियां
 
आेबामा का  एयरफोर्स वन विमान के जाने के कुछ देर बाद नेटवर्क चालू होगा। साल  2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन आगरा आए थे, तब जैमर से मोबाइल नेटवर्क ठप किए गए थे। इस बार टॉवर से बंद किए जाएंगे। 
 
यही नहीं, ताजगंज और उसके आसपास रहने वालों को भी बता दिया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान घरों से बाहर न निकलें। यानी आेबामा को आगरा की सड़कें भी सुनसान मिलेंगीं। ओबामा की सुरक्षा के लिए ताजमहल के आस पास के इलाके को छावनी बना दिया गया है। उनकी सुरक्षा के लिए विमान से 16 ट्रक आ रहे हैं। इनमें हथियार व अन्य जरूरी सामान होगा।
 
नहीं आ रहीं ओबामा-मिशेल की बेटियां : राष्ट्रपति बराक ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल के साथ उनकी दोनों बेटियां मालिया और साशा भारत नहीं आ रही हैं। यह जानकारी वॉशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार बेन रोड्स ने गुरुवार को दी।

वसंत पंचमी


वसंत पंचमी एक ओर जहां ऋतुराज के आगमन का दिन है, वहीं यह विद्या की देवी और वीणावादिनी सरस्वती की पूजा का भी दिन है। इस ऋतु में मन में उल्लास और मस्ती छा जाती है और उमंग भर देने वाले कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलते हैं। वसंत पंचमी के दिन कोई भी नया काम प्रारम्भ करना शुभ माना जाता है। इसी कारण ऋषियों ने वसन्त पंचमी के दिन सरस्वती पूजा की प्रथा चली आ रही है। किसी भी कला और संगीत कि शिक्षा प्रारम्भ करने से पूर्व माता सरस्वती का पूजन करना शुभ होता है।

जो छात्र मेहनत के साथ माता सरस्वती की आराधना करते है। उन्हें ज्ञान के साथ साथ सम्मान की प्राप्ति भी होती है। वसंत पंचमी के दिन सबसे पहले श्री गणेश का पूजन किया जाता है। श्री गणेश के बाद मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। शिक्षा, चतुरता के ऊपर विवेक का अंकुश लगाती है।वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के भोग में विशेष रूप से चावल का भोग लगाया जाता है। इसका कारण यह है कि मां सरस्वती को श्वेत रंग बहुत प्रिय है साथ ही चावल को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि चावल का भोग लगाने से घर के सभी सदस्यों को मां सरस्वती के आर्शीवाद के साथ सकारात्मक बुद्धि की भी प्राप्ति होती है।

इससे शरद ऋतु की विदाई के साथ ही पेड़-पौधों और प्राणियों में नवजीवन का संचार होता है। प्रकृति नख से शिख तक सजी नजर आती है और तितलियां तथा भंवरे फूलों पर मंडराकर मस्ती का गुंजन गान करते दिखाई देते हैं। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने का चलन है, क्योंकि वसंत में सरसों पर आने वाले पीले फूलों से समूची धरती पीली नजर आती है।

क़ुरआन का सन्देश

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