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24 जनवरी 2015

ग्रंथों से: क्यों द्रौपदी के थे पांच पति, क्या आप जानते हैं कारण


उज्जैन। महाभारत के अनुसार द्रौपदी राजा द्रुपद की बेटी और पांडवों की पत्नी थी। कौरवों द्वारा आयोजित किए गए जुए के खेल में द्रौपदी को दांव पर लगाया गया। पांडव दांव हार गए और उसके बाद दुशासन ने उसे भरी सभा में अपमानित किया। द्रौपदी के चरित्र के ये वो पहलू हैं, जिनके बारे में अधिकांश लोग जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि द्रौपदी का किरदार बहुत आदर्श है और उससे बहुत कुछ सीखा जाता है तो आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ बेहद रोचक कथाएं ...
ग्रंथों से: क्यों द्रौपदी के थे पांच पति, क्या आप जानते हैं कारण
 
 
गर्भ से नहीं हुआ था द्रौपदी का जन्म- महाभारत ग्रंथ के अनुसार एक बार राजा द्रुपद पांडवों से पराजित होने के कारण परेशान थे। जब से द्रोणाचार्य के कारण युद्ध में उनकी हार हुई, उन्हें एक पल भी चैन नहीं था। राजा द्रुपद चिंता के कारण कमजोर हो गए। वे द्रोणाचार्य को मारने वाले पुत्र की चाह में एक आश्रम से दूसरे आश्रम भटकने लगे। ऐसे ही भटकते हुए वे एक बार कल्माषी नाम के नगर में पहुंचे। उस नगर में ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले ब्राह्मण रहते थे। वहीं, उन्हें दो ब्राह्मण याज और उपयाज मिले। उन्होंने पहले छोटे भाई उपयाज से अपने लिए पुत्र प्राप्ति हवन करने के लिए प्रार्थना की। फिर उपयाज के कहने पर उन्होंने याज से प्रार्थना की। उसके बाद याज ने राजा द्रुपद के यहां पुत्र प्राप्ति के लिए हवन करवाया।

उस अग्निकुंड से एक दिव्य कुमार प्रकट हुआ। वह कुमार अग्निकुंड से निकलते ही गर्जना करने लगा। वह रथ पर बैठकर इधर-उधर घूमने लगा। उसी वेदी यानी हवनकुंड से कुमारी पांचाली का भी जन्म हुआ। पांचाली यानी राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी कमल की पंखुड़ी के जैसी आंखों वाली, नीले-नीले घुंघराले बालों व कोमल होंठो वाली थी। उसका रंग सांवला था। ऐसा लगता था मानों कोई देवांगना मनुष्य शरीर धारण करके सामने आ गई हो। इसके बाद ब्राह्मणों ने दिव्य कुमार व कुमारी का नामकरण किया। उन्होंने कहा यह कुमार असहिष्णु और बलवान व रूपवान होने के साथ ही कवच कुंडल धारण किए हुए है। इन पर अग्नि का प्रभाव दिखाई देता है। इसलिए इनका नाम धृष्टद्युम्न होगा। यह कुमारी कृष्ण वर्ण की हैं इनका नाम कृष्णा होगा।

टक्कर के बाद उड़े सिर के चिथड़े, घंटों टायरों के नीचे कुचलते रहे


जालंधर. पठानकोट चौक में मैट्रो स्टोर के बाहर शनिवार दोपहर तेज रफ्तार ट्रक ने एक्टिवा को टक्कर मार दी, जिससे एक्टिवा सवार पंजाबी टीचर की मौत हो गई जबकि साथी टीचर भी जख्मी हो गई। हादसा उस समय हुआ जब हेमकुंट पब्लिक स्कूल की दोनों टीचर स्कूल से छुट्टी के बाद  श्री देवी तालाब मंदिर में माथा टेकने के लिए जा रही थीं। टक्कर के बाद चालक ट्रक समेत मौके से फरार हो गया। मृतका टीचर की पहचान पचरंगा के शकरपुर की रहने वाली रुपिंदर कौर (26) के रूप में हुई जबकि जख्मी टीचर शरणजीत कौर पठानकोट चौक से सटे कमल पार्क की रहने वाली है। थाना आठ पुलिस ने शक के आधार पर एक ट्रक को जब्त किया है। 
टक्कर के बाद उड़े सिर के चिथड़े, घंटों टायरों के नीचे कुचलते रहे
तेज रफ्तार ट्रक ने कुचला सिर
कमल पार्क की रहने वाली शरणजीत कौर पत्नी गुलशन ने बताया कि वह कानपुर के पास स्थित हेमकुंट पब्लिक स्कूल में इंग्लिश की टीचर है। छुट्टी के समय उनकी साथी टीचर रुपिंदर कौर श्री देवी तालाब मंदिर जाने के लिए कह रही थी। इस पर वह दोनों डेढ़ बजे छुट्टी होने के बाद एक्टिवा पर मंदिर के लिए निकल गईं। शरणजीत कौर एक्टिवा चला रही थी। शरणजीत ने बताया कि जब वे पठानकोट चौक के पास पहुंची, तो मैट्रो के सामने पीछे से गाड़ी को ओवरटेक करते हुए आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उनको साइड मार दी। इससे शरणजीत सर्विस लेन पर गिर गई, वहीं पीछे बैठी रुपिंदर सड़क के बीच में गिर गई। इससे ट्रक का पिछला टायर रुपिंदर के सिर के ऊपर से गुजर गया, उसकी मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर के बाद ट्रक चालक मौके से ट्रक समेत भाग गया। लोगों ने पीछा कर लम्मा पिंड पुल के ऊपर एक ट्रक को संदेह के आधार पर पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं जख्मी हालत में शरणजीत कौर को कपूर अस्पताल दाखिल करवाया गया। उनकी आंख के ऊपर चोट लगने के कारण उनके छह टांके लगे हैं। शरणजीत को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब वो घर पहुंची, तो स्कूल के चेयरमैन प्रद्युमन सिंह जौली, प्रिंसिपल गुरदीप कौर व स्कूल का बाकी का स्टाफ उनके घर पहुंच गया। रुपिंदर के शव को सिविल अस्पताल रखा गया है।
 
मंदिर जाने की कर रही थी जिद: शरणजीत 
शरणजीत कौर पत्नी गुलशन ने बताया कि रुपिंदर रोजाना छुट्टी के बाद ऑटो से घर को चली जाती थी। वह कभी मैट्रो वाले रूट से जाती ही नहीं थी। शनिवार सुबह से ही रुपिंदर श्री देवी तालाब मंदिर जाने की जिद कर रही थी। रुपिंदर स्कूल के बाकी टीचरों को साथ जाने के लिए मना रही थी। शरणजीत ने कहा कि जब वो छुट्टी के बाद जाने लगी, तो रुपिंदर ने उनको कहा कि वह उसको पठानकोट-बाइपास ही उतार दे। वहां से वह ऑटो लेकर चली जाएगी। शरणजीत ने कहा कि उसका तो स्कूल में सभी मजाक उड़ाते है, क्योंकि वह 20 की स्पीड पर एक्टिवा चलाती है। 
 
सड़क पर वाहनों के टायर के नीचे घंटों कुचलते रहे सिर के टुकड़े 
रुपिंदर का सिर ट्रक के नीचे आकर कुचल गया था। इससे सिर के चिथड़े सड़क पर बिखर गए थे। पास में ही रुपिंदर के हाथों में पहने चूड़े की टूटी चूड़ियां पड़ी थीं। पुलिस जब रुपिंदर के शव को उठाने लगी, तो उसके सिर के कुछ हिस्से सड़क पर गिर गए। पुलिस ने इन हिस्सों को उठाया नहीं। पास के किसी व्यक्ति को कह उस पर रेत डाल दी। कई घंटे वाहनों के टायर के नीचे बिखरे टुकड़े कुचलते रहे। लेकिन किसी ने भी उनको नहीं उठाया। थाना आठ के एएसआई अमरजीत सिंह ने बताया कि टक्कर के बाद लोगों ने पीछा करके एक ट्रक को लम्मा पिंड पुल के ऊपर पकड़ा है। इसका चालक ट्रक छोड़ मौके से भाग गया है। ट्रक को थाना आठ में ले जाकर मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल शरणजीत के बयानों के आधार पर अज्ञात चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
 
रोजाना करती थी फोन, आज फोन की बैटरी होगी खत्म: बलविंदर 
टांडा के गांव जाजा में बिजली बोर्ड से रिटायर्ड जेई शाम सुंदर की बेटी रुपिंदर कौर की 7 फरवरी 2014 को भोगपुर के फार्मासिस्ट बलविंदर के साथ शादी हुई थी। बलविंदर ने कहा कि वह रोजाना रुपिंदर को स्कूल छोड़ते थे। वापसी के समय रोजाना वह स्कूल से निकलने से पहले उनको कॉल किया करती थी, लेकिन शनिवार को रुपिंदर के फोन की बैटरी खत्म हो जाने के कारण उसने उनको फोन भी नहीं किया।

अवैध संबंधों पर शादीशुदा को मौत तो सिंगल को कोड़े, IS ने जारी की सजाओं की लिस्ट


बेरुत। सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अपने इलाके में होने वाले अपराधों के लिए सजा की एक पूरी लिस्ट जारी की है। शनिवार को सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, इसमें शरिया कानून के उल्लंघन पर शरीर का अंग काट देेने, पथराव और सूली पर चढ़ाने से लेकर कई दूसरी सजाओं का जिक्र है। इराक और सीरिया में आईएसआईएस के नियंत्रण वाले इलाकों में इन्हें लागू किया गया है। 
फाइल फोटो: सजा देता इस्लामिक स्टेट का आतंकी।
फाइल फोटो: सजा देता इस्लामिक स्टेट का आतंकी।
 
ISIS की नई आचार-संहिता के मुताबिक, व्यभिचार या शादी के बाद संबंध रखने वालों को पत्थर से मारकर मौत की सजा दी जाएगी। अविवाहित के लिए 100 कोड़े और बहिष्कार का सजा तय की गई है। इसी तरह ईशनिंदा करने वाले और धर्म का त्याग करने वाले को भी मौत की सजा का सामना करना पड़ेगा। काउंटर टेरेरिज्म थिंक टैक क्यूलीयम के रिसर्चर चार्ली विंटर के मुताबिक, इन कानूनों को लेकर इस्लामिक स्टेट की ओर से जारी किए गए दस्तावेज सही लगते हैं। अभी पिछले ही हफ्ते ISIS की ओर से आरोपियों को सजा देने की खौफनाफ तस्वीरें जारी की गई थीं। इसमें डकैती के आरोपी दो व्यक्तियों को सूली पर चढ़ाए जाने की फोटोज थीं, जबकि दूसरी तस्वीर उस महिला की थी, जिसकी गैरमर्द से रिश्ते रखने की बात कहकर पत्थरों से मारकर हत्या कर दी गई थी।
ईशनिंदा: ISIS की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक, ईशनिंदा करने वाले व्यक्ति को मौत का सामना करना पड़ेगा। 
 
व्याभिचार या विवाहेतर संबंध: इनमें से किसी भी मामले में दो तरह की सजा तय की गई है। दोषी के विवाहित होने पर उसे पत्थर से मारकर मौत देने की सजा तय की है, जबकि अविवाहित होने पर 100 कोड़े और बहिष्कार की सजा का सामना करना पड़ेगा। 
 
समलैंगिकता: किसी भी तरह की समलैंगिक गतिविधियों के दोषी के लिए मौत की सजा तय की गई है।
 
चोरी: इस्लामिक स्टेट की लिस्ट के मुताबिक, चोरी के आरोपी के लिए हाथ काटे जाने की सजा दी जाएगी। 
 
डकैती: ऐसे अपराध के लिए दो तरह की सजा तय की गई है। पैसों की चोरी के लिए हत्या को अंजाम देने पर मौत की सजा तय की गई है। सिर्फ पैसों की चोरी पर दायां हाथ और बायां पैर काटने की सजा दी जाएगी। 
 
शराब पीने पर 80 कोड़े मारने की सजा।
काफिरों की जासूसी के लिए मौत की सजा।
इस्लाम धर्म का त्याग करने पर मौत की सजा।
किसी को बदनाम करने पर 80 कोड़े मारने की सजा।

एक कमसिन कृष्णा कुमारी जिसके अलफ़ाज़ बालिग़ से लगते है ,,,,,,,,,,


दोस्तों राजस्थान में शिक्षा सेवा में रहकर बच्चों को शिक्षित करने के साथ साथ अपने अल्फ़ाज़ों को साहित्यिक अन्दाज़ में बहतरीन कविता के साथ लोगों को दुनिया के हालातों के बारे में शिक्षित करने वाली एक कमसिन कवयित्री कृष्णा कुमारी कमसिन इन दिनों प्रिंट मिडिया में मक़बूल होने के बाद अब सीधे तोर पर सोशल मिडिया में अपने अल्फ़ाज़ों से सभी को विभोर किये हुए है ,,,,,,,,कृष्णा कुमारी हर पक्ष पर लिखती है ,,,कम अल्फ़ाज़ों में सारगर्भित सोच रहने से इनकी कविताओं को अधिकतम लोगों द्वारा पसंद किया जाने लगा है ,,,,कोटा ज़िले के पत्थरों की खान रामगंजमंडी क़स्बे के चेचट गांव में प्रभुलाल वर्मा के नुत्फे से श्रीमती रामदुलारी के यहां नो दिसम्बर को जन्मी कृष्णा कुमारी की प्रारम्भिक शिक्षा गांव में होने के बाद इन्होने एम.ए., एम.एड., (मेरिट अवार्ड) साहित्य रत्न. आयुर्वेद रत्न. बी.जे.एम.सी .,जनसंचार एवं पत्रकारिता मे स्नातक का कोर्स किया ,,,,,,,,,,,कृष्णा कुमारी की लेखन शैली लोगों को आकर्षित करने लगी ,,पहले यह अखबारों में छपी ,,फिर मेग्ज़ीनों में ,,फिर लोगों को इनकी कविताओां की आदत सी हो गयी ,,कृष्णाकुमारी के प्रमुख प्रकाशनों में ,,,1 “में पुजारिन हूँ” कविता संग्रह -सन 1995 2 “प्रेम है केवल ठाई आखर” निबंध- सन 2002 में प्रकाशित,,3 “कितनी बार कहा है तुमसे ‘ कविता - सन 2003 में प्रकाशित,,4 “ .... तो हम क्या करें” -गजल- सन 2004 में प्रकाशित,,5 “ज्योतिर्गमय” आलेख- सन 2006 में प्रकाशित,,6 “ स्वप्निल कहानियाँ” कहानी -सन 2006 में प्रकाशित,,7 “आओ नैनीताल चलें” -यात्रा वृतांत -सन 2009 में प्रकाशित,,,8 “जंगल मे फाग”,बाल-गीत-सन 2014 में प्रकाशित,,,9 विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पत्र पत्रिकाओं. संकलनो आदि में हजारों रचनाएँ प्रकाशित।,,10 “अच्छे बच्चे” बाल कविता,. “कतरा नदी में”[ उर्दू ग़ज़ल]. “दक्षिण की ओर” यात्रा वृतांत . “आमने सामने” साक्षात्कार . “अदभुत है सिंगापुर”- यात्रा वृतांत।,,,11 शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा मान्यता प्राप्त पुस्तक समीक्षाएँ प्रकाशित।,,,12 शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा “शिक्षक दिवस” पर प्रकाशित पुस्तक श्रंखला मे सन 1991 से रचनाएँ निरंतर प्रकाशित।,,,13 कई पुस्तकों पत्रिकाओं में आधुनिक रेखा चित्र व आवरण चित्र प्रकाशित।,,,14 कई शोध- ग्रन्थों , संदर्भ ग्रन्थों एवं गु.ना.देव वि.वि..की एम् , फिल में अनुशांसित पुस्तकों में विस्तृत परिचय एवं रचनायें प्रकाशित ।,,15 कई रचनाओं का अंग्रेजी. उर्दु व गुजराती भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित। हुए है जो मिसाली और यादगार प्रकाशन है ,,इनके अल्फ़ाज़ ज्वलंत मुद्दों पर ज़िंदगी की हक़ीक़त में डूबे हुए है ,,,,,,कृष्णा कुमारी को लोगों ने सराहा तो प्रशंसकों ने इनकी लेखन प्रतिभा का सम्मान करते हुए इन्हे विभिन्न ख्यातनाम पुरस्कारों से सम्मानित कर साहित्य में इनके योगदान को हस्ताक्षरित किया है ,,,,,, इनके मान सम्मान पुरस्कारों की यूँ तो लम्बी फहरिस्त है लेकिन कुछ अंश पेश है ,,,
नगरपालिका मण्डल. कैथून. पर्यावरण विभाग़ राजस्थान. मदर इण्डिया अकादमी आफ लर्निग़ कोटा. नामदेव सभा. कोटा आदि द्वारा विशिष्ट उपलब्घियों एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए सम्मानित. पुरस्कृत ‘मित्र संगम’ पत्रिका द्वारा “सैयद असगर रूदोवली पुरस्कार” . श्री कृष्ण कला साहित्य अकादमी. इन्दौर द्वारा भगवान सिंह यादव स्मृति सम्मान. संगम कला अकादमी परियावॉ. उत्तर प्रदेश द्वारा “सुश्री राजकिशोरी स्मृति सम्मान”. कथांचल उदयपुर द्वारा ‘पगली’ कहानी को कथाशिल्पी राजेन्द्र सक्सेना सर्वोत्तम कहानी पुरस्कार प्रदान. नारा लेखन व पत्र वाचन में कई विभागो आदि द्वारा पुरस्कृत. मघ्य प्रदेश लेखक मंच बैतूल द्वारा काव्य कलिका ‘उपाघि अक्षरघाम समिति कैथल’ द्वारा “प्रथम राष्ट्रीय अक्षर गौरव” सम्मान एवं संगम कला परिषद बैतूल मघ्यप्रदेश द्वारा “काव्य कुसुम” उपाघि से अलंकृत. दैनिक भास्कर द्वारा आशीर्वाद एचीवर्स एवार्ड प्रदान तथा “मघुबाला स्मृति सम्मान” प्राप्त जिला प्रशासन द्वारा नागरिक सम्मान. संस्कार भारती संस्थान दौसा द्वारा श्री शिवनारायण स्मृति सम्मान. अनुराग म्यूजिकल एंड कल्चरल सोसायटी. लालसोट राज। द्वारा “अनुराग साहित्य सम्मान 2007”. “साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा” द्वारा हिन्दी भाषा भूषण सम्मान. चेतना साहित्य परिषद. लखनऊ द्वारा श्रीमती गीता स्मृति सम्मान।विशेष पुरस्कार : 1 एयर इण्डिया एवं राजस्थान पत्रिका द्वारा आयेजित ‘रेन्क एण्ड बोल्ट’ प्रतियोगिता मे जिला स्तरीय एवं राज्य स्तरीय प्रथम,,पुरस्कार.सिंगापुर की यात्रा अर्जित।,,,2 शिक्षक दिवस 2008 पर “राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान” प्राप्त,,,3 राजस्थान साहित्य अकादमी. उदयपुर द्वारा “ज्योतिर्गमय” (सांस्कृतिक निबंध)को “देवराज उपाध्याय पुरस्कार”।,,अन्तर्राष्ट्रीय प्रकाशन : तुलसा. ओ के 74136 यू.एस.ए. से प्रकाशित मासिक प्रत्रिका ‘रोशनी’ उर्दू मे ग़ज़ले।. लधुकथायें आदि प्रकाशित। हुए है जबकि आकाशवाणी ,,टी वी चैनलों में इनके काव्य के प्रसारण होते रहे है ,,,आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से समय समय पर रचना पाठ व वार्ताऐ प्रसारित और अनेक कवि सम्मेलनों. मुशायरो में भागीदारीरही है जबकि मुख्यत कविता. गीत. गज़ल. विघाओं में सृजन के साथ साथ अनुवाद. रिपोर्ताज़ स्लोगन. लघुकथा. कहानी. संस्मरण. साक्षात्कार.प्रमुखता से प्रकाशित हुए है ,,इनके यात्रा वृतांत. बाल गीत इत्यादि हिन्दी. राजस्थानी. उर्दू व अंग्रजी भाषाओं की विभिन्न विधाओं में भी निरन्तर सृजनरत।,,,जबकि ,,अभिरूचियाँ : संगीत. वाद्य एवं चित्रकारिता में विशेष रूचि के साथ साहित्य पठन.लेखन एवं विद्वजनो की सुसंगतिहै वर्तमान में कृष्णाकुमारी ,,विशेष उपाध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक रचनाकार प्रगति मंच,,,कोटा शाखा एवं. जिलाध्यक्ष संगम कला परिषद बैतूल पदों पर कार्यरत. भारतीय साहित्य परिषद शाखाकोटा द्वारा “श्रीमती कृष्णा कुमारी का साहित्य मे योगदान” मोनोग्राफ ह्यले। सुरेश वर्माहृ प्रकाशित. कुछ हिन्दी
आलेखो का राजस्थानी मे अनुवाद हुआ है ,,,

ब्रेकिंग न्यूज़ ,,साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने वाले न्यायिक अभिरक्षा में

ब्रेकिंग न्यूज़ ,,,,,,,,,,,,कोटा सहित पुरे भारत में अपने मोबाइल से साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने वाले समाजकंटकों में से एक को कोटा मक़बरा पुलिस ने गिरफ्तार कर अनुसंधान ,,,,तलाशी ,,बरामदगी के सभी सिद्धांतों को ताक़ में रखकर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया है ,,,,,,,दिनाक सत्राह जनवरी दो हज़ार पंद्रह को जब कोटा में कुछ लोगों के मोबाइल वॉट्सऐप पर अल्लाह ,,रसूल स अ व ,, क़ुरान मजीद और बीवी फातिमा की बेहुरमती कर उन्हें अपमानित करने वाले घृणास्पद संदेश लोगों के पास आये तो वोह सकते में आ गए ,,,सभी लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से सब्र रखा और कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद के मशवरे के बाद ,,मक़बरा थाने में जाकर प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज करवाई ,,थाने में घृणास्पद इबारत का प्रिंट पेश किया गया ,,इस इबारत को पढ़ना तो दूर सोचना भी गुनाह है ,,,,खेर ,,,मक़बरा में रहने वाले वेलफेयर पार्टी के मोहम्मद खालिद ,,,,अमानुल्ला ,,,आशिक़ हुसेन ,,अतीक अहमद ,,गुलशेर अहमद ने लिखित रिपोर्ट पेश की जिसपर प्रथम सुचना रिपोर्ट 6/2015 अंतर्गत धारा 153 क ,,295 क ,,66 आई टी एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज किया ,,तफ्तीश की पुलिस ने गंभीरता का मामला समझ ,,पुलिस अधीक्षक और ज़िलाकलेक्टर कोटा के निर्देशों पर तुरंत मेसेज भेजने वाले लोगों के मोबाइल के आधार पर उन्हें ट्रेस किया और मुंबई टीम रवाना कर दी ,,,कल पूना निवासी समीर पंडित आत्मज विलास मनोहर निवासी धनकवाडी पूना महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया जिसे आज न्यायालय में पेश किया ,,पुलिस ने तफ्तीश में आवश्यकता नहीं बताते हुए न्यायिक अभिरक्षा का निवेदन किया जहां से अभियुक्त समीर पंडित को पांच फरवरी तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया ,,यह एक सबक है उन लोगों के लिए जो सोशल मीडिया पर देवी देवताओं ,,,अल्लाह ,,क़ुरआन ,,,पैगम्बर मोहम्मद स अ व सहित विभिन्न धर्मों के खिलाफ निर्भीक होकर बकवास लिखते है ,,अब इन जनाब को बकवास लिखना महंगा तो पढ़ा ही सही साथ ही अगर सज़ा हुई तो पांच साल के लिए अंदर ही रहेंगे ,,इसीलिए कहते है मेरा भारत महान है संविधान है क़ानून है ,,धर्मों के नाम पर नफरत फैलाना अपराध है और ऐसे लोगों की सज़ा समाज में नहीं जेल में है ,,मेरी गुज़ारिश है अभी भी जो लोग सोशल मडिया में हिन्दू मुस्लिम धर्मों के नाम पर अपमानकारी लेख लिखकर गंदगी फैला रहे है वोह सुधर जाए नहीं तो कोटा जेल कोटा की पुलिस उनके स्वागत के इन्तिज़ार में है ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दुल्हन के लिबास में आई और बन गई साध्वी, सब रिश्तों को छोड़ लिया वैराग्य


उज्जैन. वसंत पंचमी की शुभ बेला में बखतगढ़ धार की रहने वाली 24 वर्षीय इंजीनियर प्रथा मोदी ने उज्जैन के सूरजनगर में बसाई आगमोद्धारक नगरी में भौतिक सुख-सुविधाओं और सांसारिक रिश्तों काे त्याग कर साध्वी जीवन ग्रहण कर लिया। देशभर से उमड़े श्वेतांबर जैन समाज के 10 हजार लोगों की साक्षी में आचार्य मुक्तिसागर महाराज ने प्रथा को दीक्षा ग्रहण कराई। 
दुल्हन के लिबास में आई और बन गई साध्वी, सब रिश्तों को छोड़ लिया वैराग्य

दीक्षा विधि के बाद प्रथा का नाम साध्वी शिवम् प्रिया श्रीजी रखा गया। सुबह 8.30 बजे खाराकुआं पेढ़ी मंदिर से दीक्षार्थी प्रथा को सैकड़ों समाजजन जुलूस के रूप में बग्घी में बैठाकर सूरजनगर लेकर आए। दोपहर में 12.39 बजे शुभ मुहूर्त में प्रथा को ओघा प्रदान कर दीक्षा प्रदान की गई।
प्रथा के साधु जीवन के वस्त्र, उपकरण भेंट करने की बोली के पश्चात मंच पर प्रथा की अंतिम विदाई में छगनलाल बाबूलाल मारू परिवार ने तिलक व नरेन्द्र कुमार तरवेचा परिवार ने नामकरण की घोषणा की। दीक्षा के बाद जब प्रथा साध्वी बन समारोह में पहुंची तो हजारों लोगों ने अक्षत वर्षा की। 
 
दीक्षा की झलकियां
 
>दीक्षार्थी प्रथा ने सुबह 8 बजे दानीगेट अवंति पार्श्वनाथ मंदिर में एक किलो चांदी का छत्र चढ़ाया।
>समारोह में राजस्थान की 10 वर्षीय मंशा जैन व इंदौर की 24 वर्षीय नेहा डोसी आई थी, जो आगामी दिनों में दीक्षा लेगी।
>संयम वेष धारण के लिए प्रथा को समाजजन डोली में बैठाकर ले गए।
>साध्वी मुक्तिप्रिया श्रीजी प्रथा की  गुरु बनीं। 
>प्रथा के पिता धीरज, माता आशा व भाई जयेश मोदी दीक्षा के दौरान भाव विभोर नजर आए।
 
सबकुछ छोड़ दीक्षा लेते ही पैदल विहार : सूरजनगर में दीक्षा लेने के बाद इंजीनियर प्रथा साध्वी बन गई। और साध्वी मंडल में शामिल होकर दीक्षित नाम शिवम् प्रिया श्रीजी के साथ पैदल विहार भी शुरू कर दिया। पहले दिन वह दानीगेट पर जैन समाज के प्रमुख मंदिर श्री अवंति पार्श्वनाथ तीर्थ पहुंची। रविवार को विहार कर बड़नगर रोड़ पर अभ्युदयपुरम संकुल जाएंगी।

क़ुरआन का सन्देश

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