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25 जनवरी 2015

एक आवाएक आवाज स्‍थाई फण्‍ड के लिए एवं वरिष्‍ठ अधिवक्‍ताओं को पेंशन के लिए


B.C.I. , BCR द्वारा भारत सरकार व राज्‍य सरकार के पास प्रेषित मांगो में एक मांग्‍ा नए अधिवक्‍त बंधुओ को स्‍थाई फण्‍ड एवं पेंशन दिलावाने की भी अधुरी है, समस्‍त युवा अधविक्‍ताओं एवं वरिष्‍ठ अधिवक्‍तओं को एकजुट हाेकर अपने हक लिए आवाज उठानी चाहीए,सभी अधिवक्‍ता बंधुओं को एक साथ, एकजुट होकर बार काउसिल आफ इण्डिया, बार काउसिल आॅफ राजस्‍थान अन्‍य स्‍टेट बार काउसिल के अध्‍यक्ष एवं जहॉ आप प्रेक्टिस करते वहॉ के स्‍थानीय बार अध्‍यक्ष के साथ समस्‍त अधिवक्‍ता बंधुओं को एकजुट होकर स्‍थाई फण्‍ड एवं पेंशन की मांग रखनी उठानी चाहीए, सभी अध्‍यक्ष महोदय अपनी अपनी राज्‍य सरकार एवं भारत सरकार से पञाचार करे, ताकी अधिवक्‍ता बंधुओ की मांगे पुरी हो सके ा
जब उत्‍तर प्रदेश सरकार युवा अधिवक्‍तओं को 2000-3000 प्रतिमाह स्‍थाई फण्‍ड दे रही है एवं वरिष्‍ठ अधिवक्‍ताओं (60 वर्ष पुर्ण होन पर) 10,000 रूप प्रतिमाह दे सकती है, हमारी भारत सरकार, या राज्‍य सरकारे क्‍यों नहीं ?????????
एडवाकेट भार‍त कुमावत 9785717454,

हुजुर सल अल्लाहू अलैही वसल्लम

हुजुर सल अल्लाहू अलैही वसल्लम के वालिद हज़रत अब्दुल्लाह आपको अम्मा हज़रत आमना के पेट में ही छोड़कर दूनियाँ से रुखसत हो गये। सय्यदा आमना खातून अपनी जिन्दगी बसर कर रही हैं हज़रत की दादी ने हज़रत के दादा को एक दिन इशारा करके बुलाया। और कहने लगीं आपको पता है ये बहु आमना इत्र लगाती है।
हज़रत की दादी कहने लगीं मैं तो बड़ी परेशान हुँ क्या करूँ आप आमना से पूछिये। हज़रत के दादा ने जवाब दिया तू पूछ लेती तूने क्यों ना पूछा?
हज़रत की दादी कहने लगी हज़रत के दादा हज़रत मुत्तलिब से मैं तुम्हें क्या बताऊँ मैंने कई मरतबा इरादा किया मैने बुलाया लेकिन मैं जब आमना बहु के चहरे पे नज़र डालती हुँ तो मैं पसीना पसीना हो जाती हुँ आमना के चहरे पे इतनी चमक है इतना रोब है मैं तो उससे पूछ नही सकती, आप ही पूछो।
हज़रत के दादा कहने लगे तू तो औरत जात है घर में बेठी रहती है मैं तो मर्द हुँ बाहर रहता हूँ मक्का में कुरैश का सरदार हुँ मुझसे जो भी मिलता है मोहल्ले में वो पूछता है ऐ अब्दुल मुत्तलिब तेरे घर में इत्र की बारिश कहाँ से हो रही है। और अब्दुल मुत्तलिब ने हज़रत की दादी से कहा ये जो खुशबु आती है ये जिस कमरे में जाती वहाँ खुशबु आती है ये गुसलखाने में जाती है वहाँ भी खुशबु आती है और ये थूकती है तो थूक में भी खुशबु आती है।
(कुर्बान जाँऊ आमना के बेटे हज़रत मोहम्मद सल अल्लाहू अलैही वसल्लम पर) और हज़रत के दादा हज़रत की दादी से कहने लगे तुझे एक और बात बताऊँ ये जो खुशबु आती है ये कोई मामूली इत्र नहीं है ये ईराक का इत्र नहीं ये फ़लस्तीन का इत्र नहीं ये किसी देश का इत्र नहीं ये कोई ख़ास खुशबु है तो हज़रत की दादी कहने लगी फिर पूछ लो हज़रत के दादा ने हिम्मत करके आवाज़ दी आमना बेटी! इधर आओ। आपकी माँ आमना तशरीफ़ ले आई (उस माँ की अज़मतो का क्या कहना जिसके पेट में 9 महीने इमामुल अम्बिया ने बसेरा किया हो) आपके दादा आपकी माँ आमना से कहने लगे बेटी आमना तुझे पता है मैं बैतुल्लाह का मुतावल्ली हुँ खाना-ए-क़ाबा का मुतावल्ली हुँ सरदार हुँ कुरैश का मुखिया हुँ इज्ज़त वाला हुँ आबरू वाला हुँ पर मैं जहाँ भी जाता हुँ लोग मुझसे पूछते हैं अब्दुल मुत्तल्लिब तेरे घर से इत्र की खुशबु आती है बेटी एक बात बता मैं इत्र नही लगाता तेरी माँ इत्र नही लगाती फिर तू ये इत्र कहा से लाती हो और ये भी मैं जानता हुँ ये कोई आम इत्र नही है। सय्यदा खातून आमना(र.अ.) की आखों से आँसू शुरू हो गये और फरमाने लगीं अब्बा क्या बताऊँ मैंने सारी जिन्दगी में इत्र खरीदा नहीं मुझे लाके किसी ने इत्र दिया नहीं मुझे अच्छे बुरे इत्र की पहचान नही मैंने इतर वाले की दूकान देखी नही मैं बाज़ार कभी गई नही मुझे किसी सहेली ने लाके नही दिया मुझे किसी मुलाजिम ने लाके नही दिया मेरे घर वालो ने लाके नही दिया मेने सारी जिन्दगी में खरीदा कभी नहीं पर अब्बा इक बात बताती हुँ ना तुमने खरीदा ना मैंने खरीदा न किसी और ने लाके दिया ऐसा मालुम होता है (अपने पेट पे हाथ रख के कहा) इस आने वाले मेहमान की बरकत है और कहने लगी अब्बा तुमने तो सिर्फ खुशबु सुँघी है अगर मैं कुछ और बताऊँ तो दीवानी कहोगे फरमाती हैं ऐ अब्बा! ये सूरज कई मरतबा मुझे सलाम करता है ये चाँद मुझे सलाम करता है जब मैं सोती हुँ ऐसी औरतें जो ना तुमने देखी ना मैंने देखी खड़ी होकर मुझे पंखा झलती हैं।

सुब्हान अल्लाह
आँख वाले तेरे____जोबन का तमाशा देखें,,,
दीदा-ए-ख्‍वार को क्‍या आए नज़र क्‍या देखे,,,

मोदी अच्छे इंसान और दूरदृष्टि वाले नेता: ,,,,चीफ जस्टिस भारत

मोदी अच्छे इंसान और दूरदृष्टि वाले नेता: चीफ जस्टिस भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक जज जिसकी ज़िम्मेदारी पुरे देश की न्यायिक व्यवस्था मज़बूत और सुदृढ़ करने की है ,,जो अभी अपने पद पर है ,,जिनके सामने कभी भी किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी सुनवाई आ सकती है ,,,,, क्या ऐसे व्यक्ति के मामले में सार्वजनिक रूप से प्रशंसा वाली टिप्पणी करने का हक़ रखते है जिसके खिलाफ गुजरात के दंगे के मामले में पूर्व सांसद जाफरी की पत्नी ने कार्यवाही कर रखी है और उसकी कोई भी अर्ज़ी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आ सकती है ,,आप अपनी राय न्यायिक व्यवस्था और न्यायिक सुप्रीमों के आदर्श और कर्तव्य के निर्धारण के हिसाब से दीजिये ,,प्लीज़ ,,,,,,जस्टिस की राय निचे लिखी है ,,,,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस तारीफ के काफी मायने हो सकते हैं। शुक्रवार को देश के चीफ जस्टिस एच एल दत्तू ने उन्हें एक अच्छा नेता, अच्छा इंसान और दूरदृष्टि वाला शख्स करार दिया। प्रधानमंत्री से अब तक चार बार मिल चुके चीफ जस्टिस ने उनके बारे में यह राय पत्रकारों से बातचीत के दौर जताई। उन्होंने कहा कि न्यायपालिक और सरकार के बीच संबंध काफी अच्छे हैं।
यह प्रशंसा मोदी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2002 के गुजरात दंगों के बाद शिकायतों के निपटारे में उनके नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार और वह खुद सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के केंद्र में रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने ज़ाकिया जाफरी की शिकायत पर जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। जब एसआईटी ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी तो सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि जांच टीम की रिपोर्ट की पड़ताल करे।
चार महीने पहले देश के चीफ जस्टिस का पदभार संभालने वाले दत्तू ने कहा कि उनके कार्यकाल में सरकार और न्यायपालिका के बीच संबंध काफी अच्छा रहा है। उन्होंने कहा, 'अभी तक सरकार ने मेरे किसी प्रस्ताव को खारिज नहीं किया। न्यायपालिका की मांगों के लेकर भी सरकार रवैया काफी सकारात्मक रहता है।'
चीफ जस्टिस की यह राय इस लिहाज से भी अहम है कि मोदी सरकार द्वारा हाई कोर्ट और सर्वोच्च अदालत में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करके नैशनल जूडिशल अपॉइंटमेंट्स कमिशन बनाने और सिफारिश के बावजूद गोपाल सुब्रमण्यम को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति को हरी झंडी न दिखाने के बाद यह धारणा बनी थी कि इस सरकार और न्यायपालिका में संबंध सामान्य नहीं रहेगा। कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करने से जजों की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट का एकाधिकार खत्म हो गया है।
जस्टिस दत्तू का कहना है कि वह उस बात में विश्वास रखते हैं जो तत्कालीन चीफ जस्टिस वाई के सभरवाल ने 2006 में बिहार में राष्ट्रपति शासन को खारिज करते हुए कही थी। जस्टिस सभरवाल ने कहा था कि कार्यपालिक और न्यायपालिक के बीच थोड़ी-बहुत टेंशन सिस्टम के लिए अच्छा है। चीफ जस्टिस ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान जोर देकर कहा, 'न्यायपालिक और कार्यपालिक शासन की दो अलग-अलग परिधियों में काम करते हैं, लेकिन प्रशासनिक पहलू पर समन्वय जरूरी है। खासकर न्यायपालिका के लिए ढांचागत सुविधाओं और लंबित मुकदमों से निपटने के लिए नए पदों के सृजन जैसी मांगों के पूरा होने से नागरिकों को फायदा होगा।'
नैशनल जूडिशल अपॉइंटमेंट्स कमिशन के बारे में पूछे जाने पर जस्टिस दत्तू ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन यह सफाई जरूर दी कि जजों की नियुक्ति के लिए तंत्र विकसित होने से न्यायपालिका कतई अपसेट नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्यपालिका ने अपना काम किया है और हम अपना काम कर रहे हैं।
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शहर दूसरे अच्छे शहरों से मिलकर अच्छा देश आदर्श देश बनाते है

सामजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष करना और खिदमते ख़ल्क़ यानी समाज सेवा करना इस्लाम का प्रमुख सिद्धांत है और इस खिदमत को निष्पक्ष ,,समर्पित भाव से नेकनामी के साथ बिना किसी लालच के सभी लोगों को करना चाहिए ,,इसके लिए जन जन कल्याण सेवा संघ का गठन ख़ुशी की बात है और इस संघ ने खिदमतगार बने वार्डपर्षदों का संघ के अध्यक्ष सलीम अब्बासी और टीम ने जो इस्तक़बाल कार्यक्रम रखा है वोह भी सराहनीय क़दम है ,,,,,उक्त उदगार प्रकट करते हुए कोटा शहर क़ाज़ी अलहाज अनवर हुसेन ने आज आयोजित जन जन कल्याण सेवा संघ द्वारा यहां किशोरपुरा में आयोजित नव निर्वाचित वार्ड पार्षदो के सम्मान समारोह में बोलते हुए कहा के ,,,आज समाज में चारो तरफ बुराइयां व्याप्त है जबकि हम सामजिक बुराइयों के निस्तारण और उन्हें दूर करने के लिए कोई ख़ास क़दम नहीं उठा पा रहे है ,,उन्होंने कहा के इस्लाम का सिद्धांत है के हर बुराई से नफरत करो ,,और इसके लिए हुक्म दिया गया है के अगर आप ताक़तवर हो तो बुराई का ताक़त से विरोध कर उसे दबा दो उसमे सुधार करो ,,अगर बुराई करने वाला ताक़तवर है उससे लड़ने उसे रोकने की क्षमता आप में नहीं है तो जुबां से बोलकर उस बुराई की आलोचना कर उसमे सुधार करवाने की कोशिश करो ,,अगर बुराई करने वालो से आप कमज़ोर बहुत कमज़ोर हो तो बुराई के खिलाफ आप अपने दिल में अहसास करो के यह बुरा काम है और बुराई को ज़िल्लत की तरह से देखो ,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने कहा के बुराइयों से बचो और नेकनामी के साथ समाज सुधार करो ,,इबादतगार करो ,,शरीयत के हुक्म की पालना करो ,,,,,क़ाज़ी साहब ने समाजो में नशा ,,,तलाक़ जैसी बुराइयों का उल्लेख करते हुए कहा के इन बुराइयों को रोकने के लिए नोजवानो की लगातार बैठकें आयोजित कर इन बुराइयों से बचने के लिए सामाजिक स्तर पर जागरूता कार्यक्रम की ज़रूरत है ,,,,उन्होंने कहा के एक अच्छा समाज ,,एक अच्छा शहर और एक अच्छा शहर दूसरे अच्छे शहरों से मिलकर अच्छा देश आदर्श देश बनाते है ,,,,,,,,हमे हमारे समाज और देश को आदर्श बनाने के लिए कोशिश करना होगी ,,,,उन्होंने निर्वाचित पार्षद ,,बशीरुद्दीन ,,,,मोहम्मद हुसेन मोमदा भाई ,,,,मोहम्मद हुसेन मिसकॉल ,,,युसूफ कड़क को हिदायत देते हुए कहा के उन्हें खुदा ने अपने अपने क्षेत्र में निर्वाचित कर खिदमते ख़ल्क़ की ज़िम्मेदारी दी है जिसे नेकनामी से अगर उन्होंने अंजाम दिया तो उनके तरक़्क़ी के रास्ते भी खुलेंगे और आख़िरत का रास्ता भी साफ़ हो जाएगा ,,,,,,,कार्यक्रम के पूर्व जन जन कल्याण सेवा संघ के अध्यक्ष सलीम अब्बासी ने सभी पदाधिकारियों का परिचय दिया ,,उन्होंने कहा के यह कार्यक्रम गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इसी लिए रखा गया है के उनका सेवा संघ लोकतान्त्रिक तरीके से आम जनता की निष्पक्ष और समर्पण भाव से सेवा का संकल्प ले चुका है ,,पार्षद मोहम्मद हुसेन मिसकॉल ,,,बशीरुद्दीन ,,मोहम्मद हुसेन मोमदा ,,,युसूफ कड़क ने खिदमत के हर काम में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने का आश्वासन दिए ,,कार्यक्रम को आबिद हुसेन अब्बासी ,,,नूर अहमद पठान ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला सहित कई लोगों ने सम्बोधित किया ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राष्ट्रपति भवन में ओबामा के कार्यक्रम में घुस आया आवारा कुत्ता


नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे को फुलप्रूफ बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने भले ही अपनी पूरी ताकत झोंक दी हो, लेकिन इसके बावजूद एक आवारा कुत्ता उनके कार्यक्रम में घुस आया। राष्ट्रपति भवन में ओबामा को गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने के कुछ वक्त पहले ही यह कुत्ता कार्यक्रम में घुस आया। यह काफी देर तक टहलता रहा। कुत्ते को देखकर सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए। आनन फानन में उसे बाहर निकाला गया। बाद में एनडीएमसी के अधिकारी उसे वैन में बंद करके मौके से ले गए। 
राष्ट्रपति भवन में घुसा आवारा कुत्ता
राष्ट्रपति भवन में घुसा आवारा कुत्ता

आडवाणी, अमिताभ को पद्म विभूषण, बिल गेट्स सहित 10 विदेशियों को भी पद्म सम्मान




नई दिल्ली। 2015 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इस साल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, अमिताभ बच्चन, ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार, बिल गेट्स सहित 104 लोगों को इन पुरस्कारों के लिए चुना गया है। इनमें से नौ लोगों को पद्म विभूषण, 20 को पद्म भूषण और 75 लोगों को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। खास बात यह कि इस बार सम्मानित किए गए लोगों में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स उनकी पत्नी मेलिंडा गेट्स सहित 10 विदेशी और 7 भारतवंशी शामिल हैं। चार लोगों को मरणोपरांत पद्म सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
लाल कृष्ण आडवाणी और अमिताभ बच्चन को पद्म विभूषण सम्मान
लाल कृष्ण आडवाणी और अमिताभ बच्चन को पद्म विभूषण सम्मान
 
नौ लोगों को पद्म विभूषण
 
इस साल नौ लोगों को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। पद्म विभूषण सम्मान पाने वालों में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का नाम शामिल है। इनके अतिरिक्त कर्नाटक के डॉ. डी. वीरेंद्र हेगड़े, के.के वेणुगोपाल, प्रो. एम. रामास्वामी श्रीनिवासन, जगत गुरु रामानंदाचार्य स्वामी और फ्रांस और यूके के बिजनेसमैन करीम अल हुसैनी आगा खां को भी यह सम्मान मिलेगा। 
 
बिल और मेलिंडा गेट्स सहित 20 को पद्म भूषण
 
इस साल बीस लोगों को पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। सम्मान पाने वालों में तीन विदेशी और एक भारतवंशी भी शामिल है। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा गेट्स को समाज सेवा के लिए पद्म भूषण दिया जाएगा। बिल और मेलिंडा भारत में कई सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों का जायजा लेने दोनों भारत भी चुके हैं। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपाल स्वामी, ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के गुरु सतपाल सिंह, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, वकील हरीश साल्वे, असमिया फिल्मकार ज्हानु बरुआ, वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर, पत्रकार स्वपन दासगुप्ता, रजत शर्मा को भी पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा।

एटमी डील पर बनी बात, जानें यूएस-भारत के बीच और क्या हुए समझौते


नई दिल्ली.  भारत और अमेरिका के बीच काफी वक्त से ठंडे बस्ते में पड़े सिविल न्यूक्लियर समझौते पर भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को हैदराबाद हाउस में आयोजित कार्यक्रम में दोनों देशों के बीच हुए कई अहम समझौतों का एलान किया। इनके मुताबिक, न्यूक्लियर डील में दो बड़े मुद्दों पर दोनों देशों के बीच गतिरोध दूर हुआ है और सहमति बनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम के संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव सुजाता सिंह ने परमाणु समझौते से जुड़े सवाल पर कहा, 'द डील इज डन।'
नई दिल्ली हैदराबाद हाउस में बराक ओबामा के साथ मोदी।
नई दिल्ली हैदराबाद हाउस में बराक ओबामा के साथ मोदी।
 
मोदी-ओबामा के बीच हॉटलाइन  
दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हॉट लाइन बनाने पर सहमति बनी है। भारत और किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के बीच हॉटलाइन बनने का यह पहला मामला है। इसके अलावा रक्षा, जलवायु परिवर्तन और व्यापार के मुद्दों पर दोनों देश आपसी सहयोग पर राजी हुए हैं। डिफेंस सेक्टर में रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने और भारतीय रक्षा उद्योग को बेहतर करने से जुड़े समझौते भी शामिल हैं। 
 
यूएस और भारत के बीच समझौतों के अहम बिंदु 
*न्यूक्लियर डील पर दोनों आगे बढ़े, भारत द्वारा पेश किए गए दो प्रस्ताव पर सहमति बनी
--इंश्योरेंस पूल बनाएं जाएंगे, जिसमें चार बड़ी बीमा कंपनियां शामिल होंगी।
--न्यूक्लियर मटीरियल की ट्रैकिंग की शर्त से पीछे हटा अमेरिका।
 
*यूएन में स्थायी सीट के लिए अमेरिका भारत का समर्थन करेगा
* पीएम मोदी-ओबामा और दोनों देशों के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों) के बीच बनेगी हॉटलाइन
*विज्ञान, तकनीक, इनोवेशन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्कील्स मसले पर दोनों देश करेंगे सहयोग
*आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। 
*दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार में आएगी तेजी, ओबामा ने कहा कि पिछले सालों में बाइलेट्रल ट्रेड 60 फीसदी बढ़ा है, नई ऊंचाई पर ले जाने पर सहमति। 
*डिजिटल इंडिया पर भारत का सहयोग करेगा अमेरिका। डिफेंस ट्रेड और टेक्नालॉजी इनिसिएटिव (डीटीटीआई) को डिफेंस पॉलिसी ग्रूप के तहत बढ़ाया जाएगा
*डीटीटीआई के तहत मिलेट्री हार्डवेयर बनाने के लिए को-प्रोडक्शन और को-डेवलपमेंट सहयोग के लिए अमेरिका 17 हाईटेक का ऑफर दिया। 17 में से भारत ने यूएवीएस और एयरक्रॉफ्ट लैंडिंग सिस्टम कैरियर जैसे पांच ऑफरों में दिलचस्पी दिखाई। 
 
मोदी ने कहा, भारत किसी के दबाव में नहीं
जलवायु परिवर्तन पर पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि चीन और रूस के जलवायु परिवर्तन समझौता होने से हम पर कोई दबाव नहीं है। मोदी ने कहा,'भारत पर किसी देश या व्यक्ति का दबाव नहीं है। लेकिन हम पर दबाव इस बात को लेकर है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को क्या देंगे। ग्लोबल वार्मिंग पर हमारा रूख क्या होगा। इसलिए हम ग्लोबल वार्मिंग मसले पर विश्व के साथ मिलकर काम करेंगे।'
 
अफगानिस्तान में भारत के प्रयासों की अमेरिकी ने की सराहना
संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत पड़ोसी देश अफगानिस्तान में मदद का अभियान जारी रखेगा। अपने बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी स्थायी अफगान बनाने में भारत की कोशिशों की सराहना की। 
 
'ओबामा का दौरा ऐतिहासिक'
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कहा, 'पिछले वर्ष जब पीएम मोदी सितंबर महीने में अमेरिका गए थे उस वक्त दोनों नेताओं (ओबामा-मोदी) के बीच न्यूक्लियर डील को पूरा करने पर बात हुई थी। उसके बाद चार महीने से दोनों देशों के अधिकारियों का एक समूह इस मुद्दे पर बातचीत में लगा हुआ था। इसके बाद दो मुद्दे इश्योरेंस पूल और वनटूथ्री एग्रीमेंट पर सहमति बन गई। इस सहमति के लिए तीन दौरों में बातचीत हुई।' इसी के साथ दोनों देशों के बीच परमाणु करार पूरा हुआ। सुजाता सिंह ने कहा कि ओबामा का यह दौरा ऐतिहासिक रहा। इश्योरेंस पूल के तहत चार बड़ी सार्वजनिक कंपनियां 750 करोड़ का एक फंड बनाएंगी और बाकी के 750 करोड़ का भार सरकार पर होगा। इस पूल की कुल राशि 1500 करोड़ रुपये होगी। दुनिया में कई देशों ने अपने यहां प्लांटों में कोई हादसा होने पर ऐसे 26 इश्योरेंस पूल बना चुके हैं।

क़ुरआन का सन्देश

 
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