जिस दिन भारत और पाकिस्तान के लोगों को एक बात समझ में आ गयी के अमेरिका
भारत और पाकिस्तान के बीच नफरत फैलाकर ,,,हिन्दू और मुस्लिम में विवाद पैदा
करा कर दोनों देशो में डर ,,खौफ ,,एक दूसरे के खिलाफ परस्पर अविश्वास का
वातावरण बनाकर ,,विश्वासघात की साक्ष्य गढ़ कर दोनों देशो को अपना पट्ठा समझ
कर आपस में लड़ाने की कामयाब कोशिश करके दोनों देशो को महंगे दामो में
अनावश्यक हथियार बेचकर अमेरिका अपना पेट पालता है ,,उसी दिन से भारत और
पाकिस्तान की नफरत खत्म होकर ,,,अमेरिका भारत पाकिस्तान का गुलाम हो जाएगा
,,यह एक कड़वा लेकिन नंगा सच है ,,इसे लोग समझते तो है लेकिन नफरत के पागलपन
में स्वीकार नहीं करते ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 जनवरी 2015
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की एक तस्वीर
नई दिल्ली: आज 66 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति हामिद
अंसारी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, ये तस्वीर एक विवाद को
जन्म देने वाली है. तस्वीर में राजपथ पर मौजूद राष्ट्रपति प्रणब
मुखर्जी,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री मनोहर पार्रिरकर ने सेना
के जवान से सलामी ली पर इस दौरान उपराष्ट्रपति ने सलामी के लिए हाथ नहीं
उठाया.
इस तस्वीर पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई है लोग इन तस्वीरों में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को गलत बता रहे हैं पर ऐसा नहीं है उपराष्ट्रपति का राजपथ पर सलामी के लिए हाथ नहीं उठाना प्रोटोकॉल के रुप से सही है. नियम है कि आज यानी गणतंत्र दिवस की परेड में सेना से सलामी लेने का हक सिर्फ राष्ट्रपति का होता है. अगर राष्ट्रपति अनुपस्थित हो तो उस स्थिति में उपराष्ट्रपति सलामी ले सकते हैं.
इस तस्वीर पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई है लोग इन तस्वीरों में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को गलत बता रहे हैं पर ऐसा नहीं है उपराष्ट्रपति का राजपथ पर सलामी के लिए हाथ नहीं उठाना प्रोटोकॉल के रुप से सही है. नियम है कि आज यानी गणतंत्र दिवस की परेड में सेना से सलामी लेने का हक सिर्फ राष्ट्रपति का होता है. अगर राष्ट्रपति अनुपस्थित हो तो उस स्थिति में उपराष्ट्रपति सलामी ले सकते हैं.
एबीपी न्यूज एक्सपर्ट कर्नल यू.एस राठौर ने बताया कि, आज राजपथ पर हुए
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का सलामी के लिए
हाथ नहीं उठाना बिलकुल सही था आज के दिन सेना से सलामी लेने का हक महामहिम
राष्ट्रपति का होता है, वह ही इस सलामी का जवाब देते है. ऐसे में सलामी के
लिए सिवाय राष्ट्रपति के वहां मौजूद किसी को भी हाथ नहीं उठाना चाहिए था.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री पार्रिरकर ने भी सलामी के लिए गलती से या अनजाने वश अपना हाथ उठाया था. इसके बाद ही आम लोगों में ये सवाल उठने लगा था कि उपराष्ट्रपति द्वारा हाथ नहीं उठाने के पीछे क्या कारण था.बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल भारत के गणतंत्र के मुख्य अतिथी ,,,,भारत ने उन्हें सम्मान दिया ,,,उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भारत के तिरंगे को कार में लगवाकर दूसरों से सेल्यूट करवाते है ,,मिशेल की अगवानी में लगी महिला ,,,तिरंगे का सभी सम्मान कर सेल्यूट कर रहे है और यह नामाकूल तिरंगे के सम्मान में ,,तरंगे की सलामी में ,,सेल्यूट में अपना हाथ भी नहीं उठा रहे है ,,,,,,ओबामा द्वारा तिरंगे के गणतंत्र कार्यक्रम में मुख्य अतीथी बनाने पर बनाने पर भी देश को यह सिला दिया ,,,,हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति बनाने पर भी उसने देश का अपमान किया ,,हमारे देश में ध्वज संहिता बनाई गई है ,,नेशनल फ्लेग कोड बनाया गया है ,,,,,,और इस फ्लेग कोड की पालना नहीं करने वाले के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ़ नेशनल ऑनर एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज कर पांच साल तक की सज़ा दिलवाने का प्रावधान है ,,,,,,,,,इसमें देश के लोग अगर हिन्दू मुस्लिम की जगह भारतीय होकर सोचे तो बराक ,,ओबामा ,,उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ,,उनके पास खडी महिला और हामिद अंसारी के खिलाफ बिना किसी पूर्वाग्रह के अभियान चलाना चाहिए ,,बराक ओबामा भारत बुलाये गए है ,,तिरंगे के सम्मान के कार्यक्रम में मुख्य अतीथी है फिर बताइये उन्हें तिरंगे के सम्मान का तरीका नहीं सिखाने के लिए कोनसी सरकार कोनसा प्रधानमंत्री ज़िम्मेदार है ,,वोह महिला जो भारतीय है मिशेल ओबामा के साथ है लेकिन उनका हाथ तिरंगे के सम्मान में नहं उठता है ,,वोह उपराष्ट्रपति जो देश के टुकड़ों पर पल रहा है और देश के तिरंगे को सलामी नहीं यह राष्ट्रद्रोह और हमारे देश का हमारे तिरंगे का हमारे देश की मनमर्यादाओं का अपमान है ,,,,,ऐसे लोगों के खिलाफ हिन्दू ,,मुस्लिम ,,,भाजपा ,,कांग्रेस ,,मोदी भक्त ,,मोदी विरोधी की संकीर्ण विचारधारा से ऊपर उठ कर देश के मान सम्मान ,,मर्यादा और तिरंगे के सम्मान के लिए हमे संघर्ष कर ओबामा से इस गलती के लिए माफ़ी मंगवाना चाहिए ,,,ओबामा को यह तहज़ीब जिसने नहीं सिखाई उस मेज़बान के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,,,,हामिद अंसारी को बर्खास्त कर उन्हें तिरंगे के अपमान के आरोप में मुक़दमा दर्ज कर जेल भेजना चाहिए ,,,ओबामा ,,,मिशेल ओबामा ने यह अपराध भारत में किया है इसलिए उनपर भी भारतीय क़ानून के तहत मुक़दमा होना चाहिए ,,दोहरा किरदार नहीं ,,,,,,निजी नफरत को तिरंगे के अपमान से भड़काने की सोच देश की सोच नहीं हो सकती ,,एक अपराध है तो उसमे जो भी दोषी है उन सभी के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,,,,,,,यह गंभीर मुद्दा है ,,ओबामा और मिशेल तो माफ़ी भी मांग ले तो देश का सम्मान तिरंगे का सम्मान हो जाएगा ,,लेकिन ओबामा को यह तहज़ीब सिखाने की जिसकी ज़िम्मेदारी थी ,,इस तिरंगे को सलामी देने की जिस महिला अधिकारी और जिस भारत सरकार के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कर्तव्यः था अगर उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई तो देश भारत के राष्ट्रपति ,,भारत के प्रधानमंत्री ,,भारत के क़ानून ,,भारत की जनता को कभी मुआफ नहीं करेगा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री पार्रिरकर ने भी सलामी के लिए गलती से या अनजाने वश अपना हाथ उठाया था. इसके बाद ही आम लोगों में ये सवाल उठने लगा था कि उपराष्ट्रपति द्वारा हाथ नहीं उठाने के पीछे क्या कारण था.बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल भारत के गणतंत्र के मुख्य अतिथी ,,,,भारत ने उन्हें सम्मान दिया ,,,उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भारत के तिरंगे को कार में लगवाकर दूसरों से सेल्यूट करवाते है ,,मिशेल की अगवानी में लगी महिला ,,,तिरंगे का सभी सम्मान कर सेल्यूट कर रहे है और यह नामाकूल तिरंगे के सम्मान में ,,तरंगे की सलामी में ,,सेल्यूट में अपना हाथ भी नहीं उठा रहे है ,,,,,,ओबामा द्वारा तिरंगे के गणतंत्र कार्यक्रम में मुख्य अतीथी बनाने पर बनाने पर भी देश को यह सिला दिया ,,,,हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति बनाने पर भी उसने देश का अपमान किया ,,हमारे देश में ध्वज संहिता बनाई गई है ,,नेशनल फ्लेग कोड बनाया गया है ,,,,,,और इस फ्लेग कोड की पालना नहीं करने वाले के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ़ नेशनल ऑनर एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज कर पांच साल तक की सज़ा दिलवाने का प्रावधान है ,,,,,,,,,इसमें देश के लोग अगर हिन्दू मुस्लिम की जगह भारतीय होकर सोचे तो बराक ,,ओबामा ,,उनकी पत्नी मिशेल ओबामा ,,उनके पास खडी महिला और हामिद अंसारी के खिलाफ बिना किसी पूर्वाग्रह के अभियान चलाना चाहिए ,,बराक ओबामा भारत बुलाये गए है ,,तिरंगे के सम्मान के कार्यक्रम में मुख्य अतीथी है फिर बताइये उन्हें तिरंगे के सम्मान का तरीका नहीं सिखाने के लिए कोनसी सरकार कोनसा प्रधानमंत्री ज़िम्मेदार है ,,वोह महिला जो भारतीय है मिशेल ओबामा के साथ है लेकिन उनका हाथ तिरंगे के सम्मान में नहं उठता है ,,वोह उपराष्ट्रपति जो देश के टुकड़ों पर पल रहा है और देश के तिरंगे को सलामी नहीं यह राष्ट्रद्रोह और हमारे देश का हमारे तिरंगे का हमारे देश की मनमर्यादाओं का अपमान है ,,,,,ऐसे लोगों के खिलाफ हिन्दू ,,मुस्लिम ,,,भाजपा ,,कांग्रेस ,,मोदी भक्त ,,मोदी विरोधी की संकीर्ण विचारधारा से ऊपर उठ कर देश के मान सम्मान ,,मर्यादा और तिरंगे के सम्मान के लिए हमे संघर्ष कर ओबामा से इस गलती के लिए माफ़ी मंगवाना चाहिए ,,,ओबामा को यह तहज़ीब जिसने नहीं सिखाई उस मेज़बान के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,,,,हामिद अंसारी को बर्खास्त कर उन्हें तिरंगे के अपमान के आरोप में मुक़दमा दर्ज कर जेल भेजना चाहिए ,,,ओबामा ,,,मिशेल ओबामा ने यह अपराध भारत में किया है इसलिए उनपर भी भारतीय क़ानून के तहत मुक़दमा होना चाहिए ,,दोहरा किरदार नहीं ,,,,,,निजी नफरत को तिरंगे के अपमान से भड़काने की सोच देश की सोच नहीं हो सकती ,,एक अपराध है तो उसमे जो भी दोषी है उन सभी के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए ,,,,,,,यह गंभीर मुद्दा है ,,ओबामा और मिशेल तो माफ़ी भी मांग ले तो देश का सम्मान तिरंगे का सम्मान हो जाएगा ,,लेकिन ओबामा को यह तहज़ीब सिखाने की जिसकी ज़िम्मेदारी थी ,,इस तिरंगे को सलामी देने की जिस महिला अधिकारी और जिस भारत सरकार के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कर्तव्यः था अगर उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई तो देश भारत के राष्ट्रपति ,,भारत के प्रधानमंत्री ,,भारत के क़ानून ,,भारत की जनता को कभी मुआफ नहीं करेगा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
ओबामा विजिट से पाक मीडिया बौखलाया, मोदी को 'गधा' और 'कसाई' कहा
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनकर भारत आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौरे से पाकिस्तानी मीडिया बौखला गया है। पड़ोसी देश को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और
ओबामा की केमिस्ट्री भी रास नहीं आ रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया
जा सकता है कि चैनल ने अपनी रिपोर्ट में मोदी के लिए बेहद आपत्तिजनक शब्दों
का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं किया। पाकिस्तानी चैनल ARY NEWS के
एंकर ने मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को 'गधा' तब बता
डाला। चैनल ने मोदी को 'गुजरात का कसाई' बताते हुए वीजा विवाद पर भी कटाक्ष
किए हैं। यहां तक कि अमेरिका के और नजदीक आते दिख रहे भारत और उसके नेता
को न्यूज चैनल ने 'मौकापरस्त' तक कह डाला।
ARY NEWS चैनल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 'मोदी कभी अमेरिका की आंख की किरकिरी थे, आज वही लाडले बने हुए हैं।' चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'गुजरात के कसाई नरेंद्र मोदी पर कभी अमेरिका ने पाबंदियां लगा रखी थीं, लेकिन जरूरत में गधे को बाप बनाने का मुहावरा गलत नहीं है।' रिपोर्ट में एंकर कहता है, 'हवाई अड्डे पर नरेंद्र मोदी और ओबामा की झप्पी बहुत कुछ बता गई। दिल्ली में जिस तरह ओबामा का स्वागत किया गया, उससे जाहिर होता है कि भारत, अमेरिका को मक्खन लगा रहा है। बाग में चहलकदमी, अकेले में गुफ्तगू, चाय की चुस्कियां और वह भी मोदी की ओर से चाय बनाया जाना इसके सबूत हैं। और जब पूछा गया कि ये क्यों, तो मोदी बोले परदे में रहने दो।''
सुरक्षा परिषद की पैरवी पर उठाए तीखे सवाल
सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सीट के लिए अमेरिका की मजबूत पैरवी पर भी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जताई है। साथ ही सवाल उठाते हुए कहा, 'अमेरिका में मोदी के खिलाफ मुकदमा क्यों कायम था और क्यों मोदी के अमेरिका आने पर पाबंदियां लगाई गई थीं। मोदी पीएम क्या बने, अमेरिका के लिए सब कुछ बदल गया।' रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे देश को सुरक्षा परिषद की स्थाई सीट कैसे दी जा सकती है, जहां मुसलमानों के साथ-साथ ईसाई और दूसरे धर्मों के लोगों के साथ भेदभाव बरता जाता है। पाकिस्तानी मीडिया ने भारत में हो रहे महिलाओं के साथ अपराध पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस देश की राजधानी को 'रेप कैपिटल' कहा जाने लगा हो, उसे ऐसी महत्वपूर्ण भूमिका कैसे दी जा सकती है। रिपोर्ट में सीमा पर तनाव को भी मुद्दा बनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'सुरक्षा परिषद की शर्त है कि सदस्य देश का अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध तनावग्रस्त नहीं होने चाहिए, जबकि भारत ने लगातार सीमा पर तनाव बना रखा है।' रिपोर्ट में चीन और बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों पर भी टिप्पणी की गई है। रिपोर्ट में तंस कसते हुए कहा गया, 'भारत के चीन और बांग्लादेश से भी रिश्ते सहज नहीं है, ऐसे में मोदी की ओबामा को झप्पी क्या असर दिखाएगी, ये देखने लायक होगा।'
सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सीट के लिए अमेरिका की मजबूत पैरवी पर भी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जताई है। साथ ही सवाल उठाते हुए कहा, 'अमेरिका में मोदी के खिलाफ मुकदमा क्यों कायम था और क्यों मोदी के अमेरिका आने पर पाबंदियां लगाई गई थीं। मोदी पीएम क्या बने, अमेरिका के लिए सब कुछ बदल गया।' रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे देश को सुरक्षा परिषद की स्थाई सीट कैसे दी जा सकती है, जहां मुसलमानों के साथ-साथ ईसाई और दूसरे धर्मों के लोगों के साथ भेदभाव बरता जाता है। पाकिस्तानी मीडिया ने भारत में हो रहे महिलाओं के साथ अपराध पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस देश की राजधानी को 'रेप कैपिटल' कहा जाने लगा हो, उसे ऐसी महत्वपूर्ण भूमिका कैसे दी जा सकती है। रिपोर्ट में सीमा पर तनाव को भी मुद्दा बनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'सुरक्षा परिषद की शर्त है कि सदस्य देश का अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध तनावग्रस्त नहीं होने चाहिए, जबकि भारत ने लगातार सीमा पर तनाव बना रखा है।' रिपोर्ट में चीन और बांग्लादेश के साथ भारत के संबंधों पर भी टिप्पणी की गई है। रिपोर्ट में तंस कसते हुए कहा गया, 'भारत के चीन और बांग्लादेश से भी रिश्ते सहज नहीं है, ऐसे में मोदी की ओबामा को झप्पी क्या असर दिखाएगी, ये देखने लायक होगा।'
रिपोर्ट में पीपीपी के नेता रहमान मलिक के बयान को भी ARY NEWS टीवी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया। मलिक के मुताबिक, इससे पहले जब भी ओबामा बात करते थे, तो दोनों पक्षों की बात करते थे, लेकिन आज साफ तौर पर पाकिस्तान को नजरअंदाज किया गया है। रहमान ने चार हफ्ते पहले ओबामा से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा है 'ओबामा को हमने मौजूदा स्थिति से वाकिफ कराते हुए कहा था कि वे और मोदी पेशावर आएं और देखें पाकिस्तान खुद किस तरह आतंकवाद से लड़ रहा है।' रहमान ने कहा कि 'मोदी शुरू से पाकिस्तान के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और इस बार उन्होंने ओबामा को भी इसके लिए मना लिया है।'
कॉमन मैन' के जनक कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण का निधन
पुणे: भारत के सबसे मशहूर कार्टूनिस्ट्स में से एक आर के लक्ष्मण नहीं रहे। 93 साल की उम्र में सोमवार को लक्ष्मण ने पुणे ���े
अस्पताल में आखिरी सांस ली। लक्ष्मण को बीते हफ्ते यूरिनरी इन्फेक्शन के
बाद यहां दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लक्ष्मण की मौत
की वजह मल्टी ऑर्गन फेल्योर रहा। शनिवार से ही उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी,
जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था।
आरके लक्ष्मण और कार्टून चरित्र 'कॉमन मैन'
लक्ष्मण को उनके कार्टून चरित्र 'कॉमन मैन' के जरिए जाना जाता है।
कॉमन मैन के कार्टून्स के जरिए 50 साल से ज्यादा वक्त तक उन्होंने सामाजिक
विषमताओं और राजनेताओं पर तीखे कटाक्ष किए। हालांकि, बाद में उन्होंने
राजनीतिक कार्टून बनाने बंद कर दिए थे। लक्ष्मण को पद्म विभूषण से सम्मानित
भी किया गया था।
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