भारत में जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा दिलाने में संगे मील की हैसियत
रखने वाले मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री हाजी इब्राहिम कुरैशी दो
दिवसीय कार्यक्रम में आज शाम कोटा पहुंचेंगे ,,,,,,,हाजी इब्राहीम कुरैशी
के दामाद एडवोकेट आबिद अब्बासी ने बताया की ,,इब्राहीम कुरैशी आज शाम कोटा
पहंचेंगे कल रविवार को सुबह वह चंद्रेसल स्टेशन रोड स्थित एक आधुनिक
मिशनरी केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की शर्तो के अनुरूप इस्लामिक स्कूल के
उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे ,,फिर वोह कोटा में पत्रकारों ,,सामजसेवी
संस्थाओं के पर्तीिनिधियों से चर्चा करेंगे अगले दिन सोमवार को इब्राहीम
कुरैशी बारां अंजुमन में एक सेमीनार में हिस्सा लेंगे
,,,,,,,,,,,,,इब्राहीम कुरैशी वोह शख्सियत है जिनकी कार्ययोजना अगर सोनिया
गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मान गए होते तो पुरे देश के बिखरे
अल्पसंख्ख्यक कांग्रेस के पक्ष में सिमट कर आ जाते और राज्यों के साथ साथ
लोकसभा के परिणाम भी कांग्रेस के पक्ष में सकारात्मक होते ,,,,,हाजी
इब्राहीम कुरैशी दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में मध्यप्रदेश के ऐसे
अकेले मंत्री थे जो विधायक नहीं थे ,,दिग्विजय सिंह ने अचानक इन्हे मंत्री
पद की शपथ दिलाकर सभी को चौंका दिया था ,,,अपनी ज़िम्मेदारी को पूर्णरूप से
निभाते हुए इब्राहिम कुरैशी की चुनावी योजना कारगर साबित हुई और
मध्यप्रदेश में विकट परिस्थितियों में भी कांग्रेस रिपीट हुई ,,इब्राहीम
कुरैशी मध्यप्रदेश सरकार में बाराह साल तक अल्पसंख्यक आयोग के काबीना
मंत्री का दर्जा प्राप्त कर चेयरमेन भी रहे ,,,,,इनका मॉडल राजस्थान सहित
कई राज्यों में स्वीकार किया गया ,,,मदरसा बोर्ड ,, वक़्फ़ विकास परिषद
,,,वक़्फ़ को मज़बूत करने सहित कई योजनाये इब्राहीम कुरैशी द्वारा ही संचालित
की गई ,,,,इब्राहीम कुरैशी आल इण्डिया बैकवर्ड क्लासेज़ के राष्ट्रीय
अध्यक्ष है और आल इण्डिया बैकवर्ड क्लासेज़ एजुकेशनल सोसाइटी के प्रमुख भी
है जो देश भर में साक्षरता की अलख जगा रहे है ,, इब्राहीम कुरैशी कांग्रेस
के पक्ष में एक थिंक टेंकर मास्टर प्रचारक रहे है लेकिन उनकी कार्ययोजनाएं
संचालित नहीं होने से देश का अल्सपंख्य्क कांग्रेस से दूर होता चला गया
,,,जेन समाज को कांग्रेस से जोड़ने के लिए इब्राहीम कुरैशी ने मध्यप्रदेश
में सर्वप्रथम अल्पसंख्यक का दर्जा दिया फिर राष्ट्रीय स्तर पर जेन
पदाधिकारियों के साथ मिलकर जेन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा दिलवाने के
लिए संघर्ष किया ,,,,,,,राजस्थान में भी इब्राहीम कुरैशी ने जेन समाज को
अल्सपंख्य्क का दर्जा दिलवाने और अल्पंख्यको को प्रमुख सहूलियतें देने के
सुझाव दिए थे ,,अल्पसंख्यक शिक्षा ,,पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम
,,अल्पसंख्यक ऋण योजनाए ,,,अल्पसंख्यक आरक्षण ,,रोज़गार योजनाये और सामाजिक
सुरक्षा मामलों में इब्राहिम कुरैशी की विशिष्ठ कार्ययोजनाएं तैयार थी
लेकिन राजनितिक कारणों से इन कार्ययोजनाओं को लागू नहीं किया जा सका और
नतीजा सामने है कांग्रेस की रीढ़ कहा जाने वाला अल्सपंख्य्क वोटर भी
कांग्रेस से खफा हो गया और कांग्रेस दयनीय स्थिति में आ गयी ,,अब फिर
पुरे दम खम और अपनी प्रमुख कार्ययोजनाओं के साथ इब्राहीम कुरैशी
कांग्रेस के पक्ष समर्थन में प्रचार प्रसार कर फिर से कांग्रेस के हाथ
मज़बूत करने की कोशिशों में जुटे है ,,,,,,,,,,,,,,अखतर खान अकेला कोटा
राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 फ़रवरी 2015
दोस्तों एक गंभीर मुद्रा में यह शख्सियत क़लम हाथ में लिए
- दोस्तों एक गंभीर मुद्रा में यह शख्सियत क़लम हाथ में लिए कुछ ज़्यादा नहीं सोचते है बस लिखते है ,,समाज बदलने के लिए ,,लिखते है लोगों के दिलों को छूने के लिए ,,,इसी खूबसूरत लिखने वाले कवि ,,लेखक का नाम गोविन्द हाँक्ला है ,,जो हाड़ोती में चम्बल तट पर पले बढ़े ,,यही खेले कूदे ,,यहीं लिखना सीखा ,,यही पढ़ना सीखा और हाड़ोती ,,राजस्थानी क्षेत्रीय भाषा की आवाज़ बुलंद करने वाले ऐसे किरदार बन गए जिसके बगैर राजस्थान के साहित्यकारों की पहचान अधूरी है ,,,,,,,,,,,,,,,,गोविन्द हांकला अपनी क़लम से जज़्बात लिखते है ,,,,,,इनकी कविताओ ,,आलेखों में ज़िंदगी होती है ,,प्राकृतिक सौंदर्य विवरण होता है ,,,खुशबु होती है ,,प्यार की महक होती है ,,खूबसूरती की झलक ,,प्यार की संवेदना ,,,,तो कभी प्यार में बिछड़ जाने का दर्द होता है ,,,वोह लिखते है ,,,,,शब्द मेरे जब भी तुम्हे डसने लगे,—
अक्स घेरे जब भी नयन बसने लगे,
बिन बोले लब की कसक उठके कहे,
अश्क मेरे मन की हसरत कहने लगे,
साँझ को बाँहभर मिल लेना।
लाज को आहभर मिल लेना ।। अपने प्यार अपनी यादों को मौसम के साथ हाँक्ला साहब कुछ इस तरह से याद करते है ,,,,,,,,,,,,
किसी के नर्म अहसासो को छूने का मौसम है ,
नयी है नज़र नव रासो को लिखने का मौसम है,
चुनी है सिर्फ मदहोशी में पीने की पागल ने,
अजी ये गर्म मद साँसों के सुलगने का मौसम है,,,,हाँक्ला के अल्फ़ाज़ों में धरती से जुड़ाव है ,,प्रकृति के साथ अपनेपन का अहसास है ,,,रचनात्मक लेखन ,,,,सीख देने वाली लेखनी के कारन ही हाँक्ला साहब साहित्य जगत में मश्हुरियत के साथ सबके लाडले सबके प्यारे दुलारे है ,,,,,
इनके बारे में कुछ इस तरह से है
नाम गोविन्द हाँकला
पिता। स्व0 श्री रामदयाल हाँकला
जाति गुर्जर धाभाई परिवार पीपल्दा
पिता शिक्षक और आज़ादी की जंग के सिपाही रहे पर कभी भुनाया नहीं।
मान श्रीमती दांखा देवी ग्राम पंचायत तलाव में सक्रिय सदस्य और राजनीति में रही
वर्तमान में कोटा नगर अंग्रेजी अध्यापन निजी कोचिंग और संस्थाओ के साथ
एक पुस्तक "धरती का दो पग"
राजस्थानी पद्य प्रकाशित
बिभिन्न चैनल और दूरदर्शन रेडियो पात्र पत्रिकाओं से जुड़ाव प्रस्तुतियाँ वाह वाह और वाह क्या बात जैसे कार्यक्रमो में भागीदारी
हिंदी कविता संग्रह और कहाणी संग्रै कुल दस पुस्तक सामग्री अब प्रकाशन के लिए तैयार
हास्य व्यंग प्रमुख विधा
हिंदी राजस्थानी
वर्तमान पता
गोविन्द हाँकला
4/46 "घर"
सरस्वती कालोनी
बारां रोड कोटा
9829215121
सादर ,,,,,,,हाँक्ला साहब को उनके साहित्य जगत में बहुमुखी प्रतिभा की शख्सियत के रूप में जाना जाता है उन्हें सलाम ,,अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
इस पहाड़ी पर है भूत का घर, देना पड़ता है मिनरल वाटर और सिगरेट
हिमाचल प्रदेश की वादियां जितनी सुंदर हैं, उतनी खतरनाक भी कही जाती हैं कहा जाता है इस स्थान पर भूत रहता है।
यहां से निकलने वाले लोग एक भूत के स्थान पर मिनरल वाटर और सिगरेट रखकर ही
आगे जाते हैं।
गेटा लूप्स पर बना भूत का स्थान। सभी फाइल फोटो
शिमला। हिमाचल के मनाली लेह मार्ग पर है गाटा लूप्स। करीब
17,000 फिट की ऊंचाई पर वीरान पहाड़ और खामोशी एक अजीब सा अहसास कराती है।
यहीं पर है भूत का एक छोटा सा घर यह स्थान (घर) कैसे बना इसकी एक अलग कहानी
है। एक तो इस डरावनी जगह पर कोई जाता ही नहीं है, जो लोग इस जगह से गुजरते
हैं वह यहां भूत के इस रहस्यमयी स्थान के सामने मिनरल वाटर और सिगरेट
रखकर ही आगे जाते हैं।
सबसे खतरनाक रास्ता
मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर खतरनाक 21 घुमावदार चक्करों वाले
हेयर पिन बेंड को गेटा लूप्स कहा जाता है। इसे विश्व का सबसे खतरनाक रास्ता
भी माना जाता है। सर्दियों में तो यह रास्ता भारी बर्फबारी
के कारण बंद ही रहता है। मनाली से केलांग होते हुए हिमाचल प्रदेश की सीमा
में पहुंचते ही सराचू के पठारी मैदान दिखते हैं। इसके बाद एक नदी आती है,
फिर एक खतरनाक पहाड़ी आती है।सीधे चढ़ाई वाले पहाड़ बड़े पहाड़ बहुत ही डरावने से लगते हैं। भूस्खलन के
कारण यहां के रास्ते महीनों बंद रहते हैं। 180 डिग्री के घुमावदार रास्ते
को हेयर पिन बेंड कहा जाता है। 21 चक्कर वाला गाटा लूप विश्व के सबसे
खतरनाक हेयर पिन बेंड में आता है। इसका घुमावदार रास्ता ही इसकी पहचान नहीं
है। एक अन्य कारण से भी इसे लोग जानते हैं। हिमाचल में ऐसा माना जाता है
कि एक लड़के की आत्मा इस स्थान पर रहती है। पहले आत्मा ने यहां के लोगों को
थोड़ा परेशान किया। फिर यहां से निकलने वाले लोगों ने उसके रहने के लिए
छोटा से घर का निर्माण करा दिया। इसी मंदिर में भूत का घर कहा जाता है।
इसमें चढ़ावे के रूप में मिनरल वाटर और सिगरेट और शराब भेंट की जाती है।
बिहार: मांझी की सिफारिश पर राज्यपाल ने बर्खास्त किए नीतीश समर्थक दो मंत्री
पटना. बिहार
में सत्ता संग्राम नए मोड़ पर है। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व
सीएम नीतीश कुमार के खेमे में आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई है। मांझी ने
शुक्रवार देर रात पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह व योजना
मंत्री पीके शाही को बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी। दोनों विधान पार्षद हैं। फैक्स पटना व कोलकाता राजभवन को मिल गया।
ललन सिंह(बाएं) और पी के शाह - फाइल फोटो
नीतीश खेमे ने जवाबी कार्रवाई के लिए फिर से अध्यक्ष शरद यादव का
सहारा लिया। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को पत्र लिखवाया कि मांझी के पास
बहुमत नहीं है। कोई सिफारिश न मानी जाए। हालांकि यह विधानमंडल दल की बैठक
के बाद भेजा जाना है। जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा- पत्र भेजे जाने से
पहले ही लीक हो गया। शनिवार को शरद द्वारा बुलाई गई बैठक में नीतीश को नेता
चुनकर राजभवन से मांझी को बर्खास्त करने का अनुरोध किया जाएगा।
मांझी को एक दर्जन मंत्रियों का मिला साथ
सुबह मंत्री नीतीश मिश्र, वृशिण पटेल, नरेंद्र सिंह, महाचंद्र प्रसाद
सिंह, विनय बिहारी, सम्राट चौधरी, बागी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू,
पूनम देवी और रविंद्र राय पहुंचे। देर रात मंत्री शाहीद अली खान, भीम सिंह,
नौशाद आलम और राजद विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने मुलाकात की। तीन अन्य
मंत्रियों का भी साथ मिलने की चर्चा है।
मांझी के पक्ष में सुशील मोदी और नीतीश के समर्थन में लालू
मुंगेर में सुशील मोदी ने कहा- सारे विकल्प खुले हुए हैं। देश, काल व परिस्थिति के अनुसार भाजपा निर्णय लेगी। नीतीश महादलितों का अपमान कर रहे हैं।
लालू बोले- राजद जदयू के निर्णय के साथ रहेगा। जहां भी जरूरत
होगी मैं जदयू के साथ खड़ा रहूंगा। शरद ने बैठक बुलाई है। उसमें देश को
ध्यान में रखकर निर्णय होगा।
आज की बैठक का एजेंडा नहीं, लेकिन फैसला बड़ा होगा
आज होने वाली विधानमंडल दल की बैठक बिना एजेंडे के हो रही है। इसमें
मांझी के प्रति अविश्वास प्रस्ताव पारित होगा। नीतीश को नया नेता चुना
जाएगा। नीतीश समर्थक मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफा देने के आसार हैं। ऐसा
हुआ तो राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश होगा। इस पर राजभवन से
सवाल उठना तय है। चूंकि बैठक बिना एजेंडा बुलाई है, इसलिए राज्यपाल इसे
विधायकों को गफलत में रखने वाला निर्णय करार दे सकते हैं। राज्यपाल 20-21
फरवरी को बहुमत दिखाने को कह सकते हैं। अभी मांझी के पाले में तीन दर्जन
विधायक दिख रहे हैं। ऐसे में जदयू में टूट संभव है।
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