आपका-अख्तर खान

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07 फ़रवरी 2015

उर्दू का कमाल।।।।

उर्दू का कमाल।।।।
अगर पत्नी को हिंदी में कहो कि
वह हत्यारिन लग रही हैं तो
रात का ख़ाना नहीं मिलेगा
लेकिन अगर आपने उर्दू में कहा कि
कातिल लग रही हैं तो
शाम कि चाय पकोड़ों के साथ मिलेगी

जय जय भारत के अरविन्द सिसोदिया काफी दिनों से देश की तस्वीर बदलने के लियें लिख रहे हैं

जय जय भारत के अरविन्द सिसोदिया काफी दिनों से देश की तस्वीर बदलने के लियें लिख रहे हैं
अरविन्द सिसोदिया जो पिछले कई दिनों से पत्रकारिता और लेखन कार्यों से जुड़ने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता राजस्थान के पूर्व राज्य मंत्री और सांसद रघुवीर सिंह कोशल के निजी सहायक के रूप में कार्य कर चुके हैं ..भाई अरविन्द सिसोदिया ने अपने इस कार्यकाल में वफादारी से अपना फर्ज़ निभाया और अपना लेखन कार्य भी जारी रखा पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ साथ वोह अपने राजनितिक कार्यों में भी लगे रहे और भाजपा के मिडिया प्रकोष्ट के कोटा के प्रभारी भी रहे ........भाई अरविन्द जी वर्ष २०१० से जय जय भारत के नाम से इंटरनेट पर हिंदी ब्लोगिग्न शुरू की और आज वोह रोज़ जीवंत मुद्दों पर लिखने वाले बहतरीन ब्लोगर बनते जा रहे हैं ..हर गंभीर मुद्दे पर नियमित लेखन और घटनाओं पर त्वरित टिपण्णी होने से भाई अरविन्द सिसोदिया की ब्लोगिंग की दुनिया में विशिष्ट पहचान बन चुकी है .. इन दिनों अरविन्द सिसोदिया भाजपा के प्रमुख विचारक और चिंतक के रूप में अपनी पहचान बना रहे है जो सोशल मिडिया पर भी सक्रिय है ,,,,.भाजपा के पदाधिकारी होने के बाद भी सभी लोगों के साथ हिल मिल कर रहने वाले भाई अरविन्द कोटा राजस्थान के है और यहाँ इनकी लेखनी से एक तरफ तो यह भाजपा विचारधारा के प्रमुख विचारक हैं तो दूसरी तरफ आम जन में क्रान्ति की अलख जगा रहे हैं ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के ही नहीं राजस्थान के गौरव जस्टिस शिवकुमार शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनि रही है

कोटा के ही नहीं राजस्थान के गौरव जस्टिस शिवकुमार शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनि रही है ,,,तेज़ तर्रार ,,,मानवीयता विचारधारा ,,मुखर क़ानून विद ,,,,प्रखर वक्ता ,,कवि ह्रदय शिवकुमार शर्मा का जन्म कोटा में 11 अक्टूबर 1946 में हुआ ,,,शिवकुमार शर्मा कॉलेज टाइम से ही मुखरवक्ता रहे और हिंदी में एम ऐ करने के कारण साहित्य से इनका विशेष लगाव रहा ,,,,,शिव कुमार शर्मा को लोग धीरे धीरे शिव जी के नाम से भी जानने लगे ,,,, अपनी कविताओं ,,ग़ज़लों और रचनात्मक आलेखों के शोक के साथ शिवजी ने 1967 में कोटा में वकालत शुरू की फिर जयपुर बेंच में फिर सुप्रीमकोर्ट में अपने पक्षकारों को पेचीदा मामलों में भी इन्होने न्याय दिलवाकर क़ानून की जानकारी और इंटरप्रिटेशन का अपना हुनर जग ज़ाहिर किया ,,,निजी ज़िंदगी में हंसना ,,मुस्कुराना ,,,दोस्तों से दोस्ती निभाना इनके अखलाक़ रहे ,, हमेशा मुस्कुराना ,, पढ़ना और पढ़ाना इनकी रूचि थी कोई भी जूनियर इनसे जब भी किसी क़ानूनी पेचीदगी का सवाल करता तो एक मिनट में उसका समाधान इनके पास होता है ,,,,खुद भी क़ानून को पढ़ते और फिर अदालतों में फाइलों के फैक्ट के साथ इनके प्रस्तुतिकरण का अंदाज़ कुछ ऐसा रहता के पक्षकार के पक्ष में बल्ले बल्ले होती ,,,,कोटा कॉलेज में काफी दिनों तक शिव जी ने क़ानून की पढ़ाई भी लोगों को पढ़ाई ,,सियासत से जुड़े ,,कांग्रेस में पदाधिकारी रहे ,, तेज़ तर्रार तरीके से नेतृत्व किया फिर कोटा से विधायक का चुनाव भी लड़े ,,,,,,,,,अपने दोस्तों के साथ उठना बैठना ,,उनकी समस्याएं सुनना समझना और वक़्त ब वक़्त उनके काम आना इनका स्वभाव रहा है ,,साहित्यिक विधा में कई पुस्तको का प्रकाशन ,,कई अख़बार मेग्ज़ीनों में इनका काव्य प्रकाशन ,,आकाशवाणी ,,दूरदर्शन पर सैकड़ों रचनाये पढ़ने के बाद आप राष्ट्रीय कवि ,,चिंतक ,,कानूनविद के रूप में पहचान बना चुके थे ,,,,अदालत में अपने पक्षकार के हित में क़ानून के बारीक से बारीक मुद्दो को इस पुरज़ोर अंदाज़ में प्रस्तुतिकरण ,,,क़ानून की अपने पक्षकार के पक्ष में ऐसी सकारात्मक व्याख्या के न्याय का पडला इनके पक्ष में ही जाने लगा ,,इनकी इसी विधा ,, क़ानून के प्रति समर्पण ,,,क़ानूनी पंडित की शोहरत देखकर एडवोकेट शिवकुमार शर्मा ,,कवि शिवकुमार शर्मा ,,,भाईसाहब शिवकुमार शर्मा ,,,,लेखक चिंतक लीडर शिवकुमार शर्मा को 6 अप्रेल 1996 माँननीय सुप्रीमकोर्ट ने क़ानून की व्याख्या और न्याय के लिए न्याय के मंदिर का देवता बनाकर शिवकुमार से जस्टिस शिवकुमार बना दिया ,,,,,,,,,अपना स्वभाव जस्टिस बनने के बाद भी यथावत रखते हुए किरायेदारी मामला ,,,,,,क्रिमनल ,,सिविल ,,,,रिट मामलों में लैंडमार्क जजमेट दिए ,,सस्ता सुलभ त्वरित न्याय के लिए एक नई विचारधारा स्थापित की ,,स्थािा लोक अदालत के कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से पुरे राजस्थान के शहर ,,गाँव ढांढी में न्याय की अलख जगाई ,,किसी भी शख्स को बिना सुनवाई के सज़ा नहीं मिले इसके लिए गिरफ्तारी के तुरंत बाद से ही थाना स्तर पर ही वकीलों का पेनल तैयार करवाया गया ,,पुरे राजस्थान में जो आज स्थाई लोग अदालत का मॉडल है वोह लगभग जस्टिस शिवकुमार की महनत और लगन का ही नतीजा है ,,,,,घर घर लोकअदालत की भावना की अलख जगाना इनका मक़सद रहा ,,,ना किसी की जीत ना किसी की हार इनका नारा रहा ,,,,,,,,,,,जस्टिस शिवकुमार का त्वरित सुनवाई और प्रकरण निस्तारण का इतीहास रहा है सैकड़ों केस एक दिन में त्वरित निस्तारित जिनमे न्याय की गुणवत्ता भी शामिल रही ,,,ऐसे व्यस्त माहोल में भी जस्टिस शिवकुमार ने अपनी लेखन विधा को ज़िंदा रखा और वक़्त ब वक़्त साहित्यिक गतिविधियों में भी शामिल होते रहे ,,,,,,,राजस्थान हाईकोर्ट से वरिष्ठ जज का दर्जा प्राप्त कर सेवानिवृत्त हुए फिर आप को इनकी क़ानूनी विद्धता को देखते हुए भारत सरकार ने भारतीय विधि परिषद में सदस्य के रूप में नियुक्त किया जहां इन्होने कई क़ानूनी बदलाव के सुझाव दिए जिनमे त्वरित और सस्ता न्याय कैसा मिले इस मामले में प्रमुख सुझाव थे ,,जस्टिस शिव कुमार ने दहेज़ मामले में पति पत्नी के बीच विवादों को ज़मानतीय अपराध और राजीनामा योग्य बनाने का प्रारूप तय्यार किया जो अपरिहार्य कारणों से स्वीकृत नहीं हो सका ,,,विधि परिषद से निवृत्त होने पर शिवकुमार शर्मा की प्रतीभा को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने इन्हे राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों की फीस वसूली की लूट खसोट देखकर इन्हे निजी स्कूलों की फीस निर्धारण समिति का चेयरमेन बनाया जहां इन्होने निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर अंकुश लगा कर अभिभावकों को राहत दिलवाई और निजी स्कूलों को भी पर्याप्त फीस वसूली का उचित निर्धारण कर उन्हें सम्मान दिया ,,,,,,दोस्तों यह है हमारी कोटा की कुशल ,,साहित्यिक ,,,क़ानून विद ,,,,समाजेवी ,,,नेतृत्व क्षमता वाले मुखरवक्ता की बहुमुखी प्रतिभा जिसे सलाम सेल्यूट ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कांग्रेस कार्यकर्ता जब तक आँख मीच कर भांडगिरी की संस्कृति से बाहर नहीं आएंगे

कांग्रेस कार्यकर्ता जब तक आँख मीच कर भांडगिरी की संस्कृति से बाहर नहीं आएंगे ,,,अपने नेता की गुलामी की जगह उससे दोस्त बनकर बात नहीं करेंगे ,,,अपने नेता को उसके खिलाफ जनता की बदलती राय दमदारी से नहीं बताएंगे ,,अपने नेता की गलत नीतियों का कार्यकर्ता जनहित में कांग्रेस की नीतियों के हित में विरोध नहीं करना सीखेंगे ,,,कार्यकर्ता जब तक अपने नेता को आयना नहीं दिखाएँगे ,,,दरी पट्टी बिछाने वाले कार्यकर्ता जब तक रिटायर्ड अफसरशाह ,,नौकरशाहों से कांग्रेस को मुक्त नहीं करेंगे ,,,,दो दिन के कोंग्रेसियों का सो साल के कोंग्रेसियों का शासन नहीं रोकेंगे ,,,,कार्यकर्ता जब तक अपने नेता के यहां पहले वक़्त लेकर ,,,,,लाइन लगा कर ,,धुप और बरसात में आसमान के नीचे इन्तिज़ार कर मिलने की गंदी परम्परा खत्म नहीं करेंगे ,,,कार्यकर्ता कांग्रेस का कोई भी कार्यक्रम भाईसाहब के घरो के बदले कांग्रेस कार्यालयों में बैठकर तय नहीं करेंगे ,,सभी भाईसाहबों की उपलब्धता कांग्रेस कार्यालय में सुनिश्चित नहीं करेंगे जब तक कांग्रेस को मज़बूत होने और सत्ता में वापसी का ख़्वाब हमे भूलना होगा ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

AAP को बहुमत, BJP बोली- बदलेंगे आंकड़े


दक्षिणी भारत की संस्था सोशो इकोनोमिक रिसर्च एंड कम्युनिटी डवलपमेंट

दक्षिणी भारत की संस्था सोशो इकोनोमिक रिसर्च एंड कम्युनिटी डवलपमेंट ने स्थानीय लोगों की मदद से राजस्थान में कोटा शहर स्थित जे के नगर वेम्बे योजना का सर्वेक्षण कराकर इस क्षेत्र के लोगों का दक्षिणी भारत विकास प्रबंधन पर विकास करने और स्थानीय लोगों को सुखःसुविधाये दिलवाने का निर्णय लेते हुए स्थानीय लोगों को इसकी मॉडल ज़िम्मेदारी सौंपी है ,,,,,,,,,,संस्था के सेवानिवृत्त आई पी एस यु निसार अहमद एवं मौलाना खालिद बेग ने बताया की कोटा जे के नगर वेम्बे योजना में प्रारम्भिक सर्वे के हिसाब से वहां 207 परिवार निवासित है जिनमे कुल 1022 लोग रहते है ,,,सर्वे के मुताबिक़ इस बस्ती में 38 वृद्ध 36 विधवा ,,40 अनाथ बच्चे है ,यहां 94 बच्चे ऐसे है जो नर्सरी स्कूल में पढ़ने नहीं जाते है जबकि 165 बच्चो ने प्रारम्भिक पढ़ाई के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया है ,,इस बस्ती में रहने वाले वृद्ध ,,वृद्धा ,,विधवा ,,विकलांगो की पेंशन नहीं है ,,राशन कार्ड ,,,बी पी एल कार्ड नहीं है ,,आधार कार्ड वोटर आई डी कार्ड कई लोगों के नहीं बने है ,,जबकि इनके रहने के लिए जो मकान है वोह पर्याप्त सुविधायुक्त होना तो दूर बल्कि मरम्मत आभाव में जर्जर है ,, उन्होंने आह्वान किया के इस वेम्बे योजना को स्थानीय लोग अपने समाजसेवा क्षेत्र में ले और यहां के लोगों की पेंशन ,,,राशन कार्ड ,,आधार कार्ड ,,बी पी एल कार्ड ,,शिक्षा ,,चिकित्सा सुविधा के अलावा आवास व्यवस्था के प्रयास किये जाए यह सब सरकार की कल्याणकारी योजनाओ का पूरा लाभ उन्हें अगर दिलवा दिया जाए तो इनकी समस्याओं का संधान होकर यह बस्ती आदर्श मॉडल बस्ती बन सकती है ,,,,,,आज कोटा में कर्नाटक से आये समाज सेवी संस्था के यु निसार अहमद ने बताया के समाज सेवा कार्य का प्रबंधन किस तरह से किया जाए उन्होंने दक्षिणी भारत के बेंगलोर सहित कई स्थानो पर समाजसेवा कार्यों की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा के हम किसी भी मस्जिद के इलाक़े में आने वाली दरिद्र बस्ती का सर्वे करवाते है ,,जिसमे घरों की संख्या ,,घरों की स्थिति ,,रहनसहन का स्तर ,,चिकित्सा ,,शिक्षा ,,,पानी ,,बिजली ,,सरकारी सुविधाओ के लाभ का सर्वेक्षण करवाते है ,,कितने लोग वृद्ध है ,,,किनती महिलाएं विधवा तलाक़शुदा है परित्यक्ता है ,,बच्चे यतीम है ,,किनते बच्चे स्कूल पढ़ने की उम्र के है लेकिन स्कूल नहीं जा रहे है ,, कितने बच्चे कामकाजी है और प्रदूषित खतरनाक उद्योगों में कार्यरत है ,,ड्रेनेज ,,शौचालय की क्या व्यवस्था है बी पी एल ,,आधार ,,वोटर आई डी ,,राशनकार्ड व् अन्य सरकारी दस्तावेज किसके पास है किसके पास नहीं है ,,किनती बच्चियां ,,बच्चे शादी योग्य है ,,किनते लोगों को रोज़गार स्वरोज़गार की आवश्यकता है उनका सर्वे कराया जाता है फिर इनके सभी काम जिसमे अधिकतम प्रबंधन तरीके से सरकारी योजनाओ का अधिकतम लाभ इन्हे दिलवाया जाता है ,,मकान बनवाकर दिए जाते है ,,स्कूल ,,चिकित्सालय खोले जाते है ,,रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाये जाते है ,,सरकारी सभी सुविधाये उपलब्ध करवाई जाती है और इस तरह की बस्ती को आदर्श बस्ती बना दी जाती है ,,उन्होंने कहा की एक बस्ती जो मस्जिद क्षत्र में है अगर प्रत्येक मस्जिद कमिटी ऐसा करे तो दरिद्रता दूर हो जायेगी ,,उन्होेन कहा के सेवा कार्य किसी एक धर्म का नहीं खिदमते ख़ल्क़ है और जो भी ऐसे इलाक़े में रहते है चाहे वोह किसी भी जाती समाज के हो उनके लिए सेवा कार्य बिना ज़ात पात धर्म के किया जाता है ,,,उन्होंने हवाला दिया के हुज़ूर स अ व ने पहले इबादत के लिए मस्जिद बनाई ,,फिर दारुल उलूम यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए बनाई ,,फिर हुज़ूर स अ व पुरे शहर में घूम कर देखते थे के कोई भूखा ,,परेशान ,,तकलीफ में तो नहीं है ,,बेवाये ,,यतीम ,,परेशान कोन है और ऐसे लोगों को चिन्हित कर मदद उनके घर पर पहुंचाई जाती थी इसी तर्ज़ पर हम खिदमते ख़ल्क़ कर हमारे इस मुल्क को व्यवस्थित मदद से समस्यामुक्त और विकसित बना सकते है ,,,,,,,,कार्यक्रम को पूर्व मंत्री हाजी इब्राहिम कुरैशी ने भी सम्बोधित किया जबकि संचालन अंसर इन्दोरी ने किया कार्यक्रम की सदारत नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद ने की ,कार्यक्रम में पार्षद मोहम्मद हुसेन ,,,,ज़ाकिर रिज़वी ,,इमरान कुरैशी ,,,डॉक्टर आज़म बेग ,,,गफ्फार मिर्ज़ा ,,वहीद अंसारी ,,,अज़ीज़ अंसारी ,,अख्तर खान अकेला ,,,हाफ़िज़ रशीद क़ादरी ,,रफ़ीक़ बेलिएम ,,,,इंजीनियर जावेद हाशमी सहित दर्जनो शिक्षाविद ,,समाजसेवक उपस्थित थे ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

 
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