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10 फ़रवरी 2015

अकालियों ने की भाजपा नेताओं की पिटाई, कैबिनेट मंत्री के भाई पर चलाई गोली


तरनतारन, चंडीगढ़। एसडीएम दफ्तर में वोटर लिस्टों में संशोधन करवाने पहुंचे कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के भाई राजा जोशी और उनके साथियों पर अकाली नेताओं ने मंगलवार को हमला कर फायरिंग की। पूर्व पार्षद राजा जोशी गोली से किसी तरह बच गए लेकिन अकालियों ने पुलिस की मौजूदगी में उनको और दो अन्य नेताओं को जमकर पीटा। अकालियों ने राजा जोशी की लाइसेंसी पिस्टल भी छीन ली। मारपीट में जख्मी भाजपा व्यापार सैल के जिला प्रधान गिरीश अग्रवाल को अस्पताल में भर्ती करवाया है।
राजा जोशी की पिटाई करते अकाली नेता। (गोल घेरे में पिस्टल)
राजा जोशी की पिटाई करते अकाली नेता। (गोल घेरे में पिस्टल)
मारपीट के बाद आरोपी गिरीश का मोबाइल फोन भी छीन ले गए। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस मुलाजिम मूकदर्शक बने रहे। घबराए एसडीएम अपने कमरे में कुंडी लगाकर बंद हाे गए। देर शाम आरोपी जोशी का पिस्टल पुलिस को दे आए।
सुखबीर और मजीठिया जिम्मेदार : जोशी
सुखबीर बादल और बिक्रम मजीठिया की शह पर ही अकाली नेता भाजपाइयों को पीट रहे हैं। मेरी कुर्सी रहे, न रहे, पार्टी वर्करों और परिवार पर आंच नहीं आने दूंगा। दो दिन बाद अपना फैसला लोगों के सामने रखूंगा। कमल शर्मा को दो-टूक कह दिया है कि चार मंत्री और सीपीएस लेकर अकालियों से लाठियां और गोलियां नहीं खाएंगे।

हजारीबाग के डीसी ने NTPC के DGM को मुर्गा बनवाया, रॉड से पीटा


रांची/हजारीबाग। भारत सरकार की महारत्न कंपनी एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पॉवर काॅरपोरेशन) के डीजीएम (उपमहाप्रबंधक - मानव संसाधन) राकेश नंदन सहाय ने हजारीबाग के डीसी सुनील कुमार पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। किंतु डीसी ने बताया कि बदतमीजी से पेश आने के कारण डीजीएम को डांटा गया, पीटा नहीं गया। जबकि डीजीएम सहाय ने बताया कि डीसी ने मंगलवार को पूर्वाह्न 10.08 बजे अपने आवासीय कार्यालय में बुलाकर हमें पीटा है।

सदर अस्पताल में ईलाजरत एनटीपीसी के डीजीएम।
सदर अस्पताल में ईलाजरत एनटीपीसी के डीजीएम।
बहरहाल, डीजीएम सहाय को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से प्राथमिक उपचार कराने के बाद बेहतर ईलाज के लिए रांची रेफर करा लिया गया है। डीजीएम सहाय के दाहिने जांघ में जख्म के निशान हैं।
आठ जवान बुलाए, अल्युमीनियम के रॉड से पीटा

सदर अस्पताल में ईलाज के दौरान डीजीएम आरएन सहाय ने बताया कि सोमवार को एनडीसी के माध्यम से डीसी ने हमें बुलवाया था। सोमवार को व्यस्त रहने के कारण हम डीसी से मुलाकात नहीं कर पाये। मंगलवार को डीसी के बुलावे पर सुबह 9.40 बजे डीसी कोठी पहुंचे। वहां हमें डीसी से मिलने के लिए इंतजार करना पडा। फिर 10.08 बजे हमें बुलाया गया। हमारे साथ माइनिंग मैनेजर श्रीकांत सिन्हा और सहायक नीरज भी थे। किंतु डीसी ने श्रीकांत सिन्हा को बाहर कर दिया और मुझे मुर्गा बनने के लिए कहा। उन्होंने आठ जवानों को भी बुलवा लिया था। वजह पूछने पर अल्युमीनियम के रॉड से उन्होंने मुझे मारना शुरू किया। जिससे मेरे दाहिने जांघ के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगी है। वहां की चमड़ी उधड गई है।
कार्यकारी निदेशक ने नहीं की कोई टिप्प्णी
इस मामले में एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक रविंद्र सिंह राठी ने कोई टिप्पणी नहीं दिया। वे सदर अस्पताल डीजीएम को देखने पहुंचे और रेफर कराकर वापस लौट गए। साथ में एजीएम महापात्रा के अलावा एनटीपीसी के अन्य अधिकारी एवं कर्मी थे।

क्या कहते हैं डीसी
डीसी सुनील कुमार ने कहा कि डीजीएम सहाय ने मेरे आवास पर पहुंच कर मेरे साथ दुव्र्यवहार किया। मुझे अपमानित किया। अनपार्लियामेंट्री लैंग्वेज का प्रयोग किया। उन्होंने नौकरी खा जाने की धमकी दी। मैने उनसे पूछा कि आपका प्रॉब्लम क्या है। इस पर उन्होंने मुझे बड़े अधिकारियों और ऊंची पहुंच की धौंस दिखाना शुरू किया। तब मैने हाउस गार्ड को बुलवाकर कहा कि इनके खिलाफ एफआईआर करो और जेल भेजो। इसी से बचने के लिए एनटीपीसी के डीजीएम सहाय ने अपने पुराने घाव को खरोच कर मुझ पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। मैने उनके साथ मारपीट नहीं की है बल्कि उन्होंने मुझे अपशब्दों से अपमानित किया है। समाचार लिखे जाने तक किसी पक्ष से एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है। इस मामले में कमिश्रर स्तर पर सुलह कराने का प्रयास किया जा रहा है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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