आपका-अख्तर खान

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11 फ़रवरी 2015

कांग्रेस संगठन और कोंग्रेसियों के बारे में वर्षो से लगातार कही जा रही ,,लिखी जा रही बात एक दम सही और सच साबित हुई ,

दोस्तों मेरे द्वारा कांग्रेस संगठन और कोंग्रेसियों के बारे में वर्षो से लगातार कही जा रही ,,लिखी जा रही बात एक दम सही और सच साबित हुई ,,,मेरी लेखनी ,,मेरी लिखित भविष्यवाणी सच साबित हुई इस मामले में मुझे ख़ुशी नहीं अफ़सोस है ,,क्योंकि लगातार चेताने के बाद भी कांग्रेस और कांग्रेस को चलाने वाले लोग चेते नहीं और कांग्रेस को अपने अहंकार ,,अपने दम्भ ,,अपनी मनमानी ,,,अपनी लूटखसोट में डुबोते रहे ,,डुबोते रहे और आज कांग्रेस को इस स्थिति में लेकर खड़ा कर दिया गया है ,,,,मुझे ख़ुशी इस बात की है के पहले में कांग्रेस के डूबने और कांग्रेस के बर्बादी की कहानी ,,इसे बर्बाद करने वालों का सच लिखता था तो कांग्रेस में भाईसाहबों के गुलाम मेरी चुगली करते थे ,,मुझ से नफरत करते थे ,,मुझ से चिढ़ते थे ,,,,बदले की भावना से मेरा नुकसान करते थे ,,कई बार आमने सामने बहस करते थे ,,,कोंग्रेसियों के लिए सच लिखना मेरे लिए खतरनाक और मुसीबत था लेकिन में सच से भागा नहीं ,,मेरा नुकसान करने वालो से डरा नहीं में कहता रहा जब तक कांग्रेस चमचावाद ,,चपलुसवाद से बाहर नहीं आएगी जब तक कांग्रेस स्थानीय स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक कार्यकर्ताओं से खुले आसमान के नीचे उन्हें भूखा प्यासा खड़ा रखकर इन्तिज़ार करवाने और फिर दो मिनट दर्शन देकर नेताओं के भागजाने की प्रवृत्ति को रोककर कार्यकर्ताओं को बिठाकर तसल्ली से बात करने उन्हें सुनने की परम्परा क़ायम नहीं करेगी व्यक्तियों से बढ़ा संगठन को नहीं बनाएगी ,,भाईसाहबों के घर की जगह कांग्रेस ,,कांग्रेस के कार्यालयों से नहीं चलाई जायेगी तब तक कांग्रेस मज़बूत नहीं होगी ,,में कहता हूँ कांग्रेस उसके परम्परागत वोटर मुस्लिम ,दलित ,,अल्पसंख्यकों को फिर से वापसी नहीं कराएगी कांग्रेस अस्तित्व हैं हो जायेगी में कहता था ,,कांग्रेस हवा में उड़ना बंद करे ज़मीन पर सिसक रहे उसकी कामयाबी की रीढ़ बने वोटर्स की संवेदनाये जाने ,,उन्हें पर्तीिनिधित्व दे ,,नौकरशाहों ,,चापलूसों चमचो से आज़ाद हो ,,,,,,राजीव गांधी की तरह जिलेवार अपना गुप्त इफॉर्मेशन सिस्टम डवलप नहीं करेगी ,,धरातल का सच नहीं जानेगी तब तक कांग्रेस उत्तरप्रदेश ,,बीहार ,,उड़ीसा ,,पश्चिमी बंगाल की तरह सभी राज्यों में जनाधार खोती जायेगी ,,,,मेरा मज़ाक उड़ाया जाता ,,में अकेला था लेकिन लिखता भी था बोलता भी था ,,सेमिनारों में भी कार्यकर्ताओं को ज़िंदा करने की कोशिश की उनके अहसास जगाने की कोशिश की लेकिन जिनकी आँखों पर भाईसाहबों की पट्टियां बंधी थी ,,,,,उनकी गुलामी की ज़ंज़ीरे उनके गले में पढ़ी थी वोह कांग्रेस संगठन को मज़बूत कैसे बनाते ,,उनके लिए तो भाईसाहब संगठन से पहले थे ,,खेर में सच निकला कांग्रेस डूबी ,,लेकिन मुझे ख़ुशी इस बात की है के कांग्रेस एक बार फिर ज़िंदा होने की तरफ है ,,इस मृदनि के बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के अहसासात ,,जज़्बात जागे है वोह मुझे अनुसरण करने लगे है ,,उनमे सच बोलने ,,सच लिखने का जज़्बा पैदा हुआ है ,,,कई लोग भाईसाहबों की मृग मरीचिका से बाहर निकले है ,,,कांग्रेस को जो मुर्दाबाद कर रहे है उन्हें मुर्दाबाद कहने लगे है तो जो ज़िंदाबाद कर रहे है उन्हें ज़िंदाबाद कह रहे है ,,,,एक अच्छी शुरुआत है ,,चुनाव में हार जीत होती है ,,हार जीत कोई नै बात नहीं ,,लेकिन अपनी गलतियों से सबक सीखना जब शुरू कर दिया जाए तो समझ लो फिर से जीत की शुरुआत हो गई है ,,इसीलिए में कहता हूँ अब एक बार फिर कांग्रेस मज़बूत होकर ज़िंदाबाद होने जा रही है ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गुड़ खाने से फायदे :


सर्दियों में गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत .
सर्दियों में खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है कि आप गुड़ खाएं। गुड़ पाचन के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही पीरियड्स के दर्द में भी काफी फायदेमंद है। गुड़ का सेवन करने से आप सर्दियों में हेल्दी रह सकते हैं।
> पाचन क्रिया को सही रखना -- गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं
> गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रूर है
> त्वचा के लिए -- गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
> गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
> एनर्जी के लिए -- बुहत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
> गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
> जोड़ों के दर्द में आराम -- रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे सर्दियों में जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
> गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।
> गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।
> जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
> गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
> भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती ।
> पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
> गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।
> पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

तुम्हारा अहसास तो रहा

तुम्हारा अहसास तो रहा
आज तुम न मिले भी तो क्या
ख्यालों में ही सही
तुम मेरे आस पास तो रहे
आज न तो गुड मॉर्निंग हुआ
आज न ही अब तक गुड इवनिंग हुआ
चलो हम ही धड़कते दिल में
तुम्हारी याद सजो कर
तुम्हे बस यूँ ही
गुडनाइट ,,शब्बा खेर कह जाते है ,,,,,,,,,अख्तर

सिंदूर से लिखा- हम एक-दूजे के बिना नहीं जी सकते, फिर किया SUICIDE


यमुनानगर। रेलवे रोड स्थित प्रिंस होटल में प्रेमी जोड़े ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। रूम से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जो लिक्विड सिंदूर से लिखा गया है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं जी सकते, हो सके तो दोनों परिवार माफ करना। लड़की की 10 मार्च को शादी तय हुई थी। वहीं मृतक व्यक्ति पहले से ही शादीशुदा था। उसके पास दो बच्चे हैं।
सुसाइड के बाद होटल के कमरे में मिले प्रेमी जोड़े के शव। (इनसेट में रूम में मिला सुसाइड नोट।)
सुसाइड के बाद होटल के कमरे में मिले प्रेमी जोड़े के शव। (इनसेट में रूम में मिला सुसाइड नोट।)
प्रेमी जोड़े द्वारा होटल के रूम में सुसाइड करने की सूचना मिलते ही मौके पर डीएसपी हेड क्वाटर विरेंद्र विज और सिटी एसएचओ राजेश कुमार पहुंचे। दोनों हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिए।

सिरमौर के गांव ब्यास निवासी 22 वर्षीय रचना और गांव डोइयांवाला निवासी 38 वर्षीय मलकियत सिंह एक दूसरे को प्रेम करते थे। सोमवार को दोनों घर से भागकर यमुनानगर के प्रिंस होटल के रूम नंबर 103 में आकर रुके थे। इस दौरान रचना ने नवविवाहिता की तरह कलाई में चूड़ा और मांग में सिंदूर डाला हुआ था।
माना जा रहा है दोनों शादी कर यहां पहुंचे थे। रात 11 बजे तक दोनों ने परिवार के लोगों से बात भी की थी। परिवार के लोगों ने उन्हें घर वापस आने के लिए बोला था, लेकिन वे नहीं माने और दोनों ने रात के समय सल्फास खाकर जान दे दी। सुबह होटल कर्मचारियों ने उन्हें आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। बाद में कर्मचारियों ने खिड़की खोलकर देखा तो दोनों एक-दूसरे से लिपट बैड पर मृत पड़े।
सूचना पर पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़कर शवों को कब्जे में लिया। बैड से सल्फास की गोलियां मिली है। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोनों ने सल्फास खाकर जान दी है। मृतक लड़की का पिता दिनेश कुमार हिमाचल प्रदेश सिंचाई विभाग में पटवारी है। सिटी थाना प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि दोनों प्रेमी थे। सुसाइड करने से पहले उन्होंने नोट लिखा है। इसमें खुद को इसका जिम्मेदार बताया है। मामले में 174 की कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंप दिया है।

केजरीवाल ने मांगा पूर्ण राज्‍य का दर्जा, ठुकराई Z प्लस सुरक्षा


नई दिल्ली. 14 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसौदिया बुधवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले। आप नेताओं ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने में मदद करने का आग्रह किया। केजरीवाल और सिसौदिया बुधवार को ही राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से भी मिले। दूसरी तरफ, केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस की जेड प्लस सिक्युरिटी लेने से इनकार कर दिया है। प्रोटोकॉल के तहत सीएम को तीन दर्जन सुरक्षा कर्मचारी के अलावा पायलट और एस्कार्ट वाहन मिलते हैं। केजरीवाल ने कथित तौर पर सिक्युरिटी लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह जनता के सीएम हैं और सुरक्षा की वजह से वह उनसे ठीक ढंग से मिल नहीं पाएंगे। बता दें कि केजरीवाल ने पिछली बार भी सीएम बनने के बाद सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि भगवान ही उनकी सबसे बड़ी सुरक्षा है।
राष्ट्रपति से मुलाकात करते अरविंद केजरीवाल।
राष्ट्रपति से मुलाकात करते अरविंद केजरीवाल।
केंद्र से हो सकता है टकराव
गृहमंत्री से मिलने के बाद मनीष सिसौदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के कई काम केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए होते हैं, इसलिए राजनाथ से आश्वासन मांगा गया कि वे इसमें सहयोग करें। इससे पहले केजरीवाल शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिले और गुरुवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे। वह मोदी को शपथ समारोह में आने का न्‍योता देंगे। बता दें कि दिल्‍ली चूंकि पूर्ण राज्‍य नहीं है, इसलिए बतौर सीएम केजरीवाल को पीएम मोदी के सहयोग की कदम-कदम पर जरूरत पड़ेगी। एक राज्य होते हुए भी दिल्ली के पास अन्य पूर्ण राज्यों की तरह तमाम अधिकार नहीं हैं। नीतिगत मामलों से लेकर भूमि, विधानसभा के कई मुद्दे केंद्र के अधीन होते हैं। यही नहीं दिल्ली के निकाय मामलों पर भी पूरी तरह से केंद्र का नियंत्रण है। इन पांच बड़े मुद्दों पर केंद्र ओर केजरीवाल सरकार के बीच टकराव के पूरे आसार हैं-
1. पुलिस
दिल्ली पुलिस पर केंद्र सरकार का कंट्रोल है। पिछली बार सीएम रहते हुए अरविंद केजरीवाल ने कुछ पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए धरना-प्रदर्शन तक दिया था। वह दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के तहत किए जाने की मांग भी करते रहे हैं।
2. पानी
दिल्ली पानी के लिए पूरी तरह से हरियाणा पर निर्भर है। केंद्र और हरियाणा में बीजेपी सरकार है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर नीति आयोग की मीटिंग के चेता चुके हैं कि दिल्ली को अपने पानी का इंतजाम खुद करना पड़ेगा। हालांकि हरियाणा ने दिल्ली के लिए 95 एमजीडी पानी छोड़ा है। यमुना में आए दिन हरियाणा की ओर से आने वाली गंदगी भी टकराहट का मुद्दा रहेगा।
3. जमीन
दिल्ली की जमीन डीडीए के तहत आती है और डीडीए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के तहत है। आम आदमी पार्टी ने घोषणापत्र में दिल्ली में 20 नए कॉलेज खोलने का वादा किया है। इसके लिए जमीन डीडीए से ही लेनी पड़ेगी। कोई दूसरा प्रोजेक्‍ट शुरू करने के लिए भी जमीन के लिए केंद्र पर निर्भर रहना होगा।
4. पूर्ण राज्य का दर्जा और जनलोकपाल बिल
केजरीवाल घोषणापत्र में दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दिलाने का वादा कर चुके हैं। वह दिल्ली विधानसभा से इस संबंध में प्रस्ताव पास करके केंद्र को भेज सकते हैं, लेकिन केंद्र के लेवल पर टकराव तय है। वैसे, भी दोनों सदनों में इस प्रस्‍ताव को दो-तिहाई बहुमत से पास कराने की जरूरत होगी, लेकिन केंद्र सरकार के पास राज्‍यसभा में बहुमत नहीं है।
जनलोकपाल बिल के मामले में भी ऐसी ही स्थिति बनेगी। केंद्र की मंजूरी के बिना विधानसभा में पारित बिल पास नहीं हो सकेगा। ऐसे में टकराव की आशंका बनी ही रहेगी।
पिछली बार विधानसभा में ही जनलोकपाल बिल पारित नहीं हो सका था, जिसके बाद 49 दिन पुराने मुख्‍यमंत्री (केजरीवाल) ने इस्‍तीफा दे दिया था। इस बार विधानसभा में बिल पारित कराने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। लेकिन केंद्र के साथ टकराव तय है।
अवैध कॉलोनियों को नियमित करने, बस्ती इलाकों के विकास, नीतियों में सुधार और कानून व्यवस्था आदि को लेकर केंद्र सरकार की जरूरत पड़ेगी। अगर इन मामलों में केंद्र सरकार का पूर्ण सहयोग नहीं मिला तो केजरीवाल के लिए अपने मन मुताबिक सरकार चलाने में दिक्कत होगी।
इन बड़े मुद्दों के अलावा नौकरशाही में बदलाव के कारण भी केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच टक्कर की स्थिति बन सकती है। बता दें कि दिल्ली में लेफ्टिनेंट गवर्नर नीतियों और भूमि से जुड़े सभी मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधि होता है।

मांझी या नीतीश, फैसला 20 को, मत विभाजन या गुप्त मतदान से होगा निर्णय


पटना. बिहार में जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने रहेंगे या जाएंगे, इसका फैसला 20 फरवरी को हो जाएगा। यानी 9 दिन मांझी की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। इसी दिन बजट सत्र शुरू हो रहा है। पहले राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी अभिभाषण पढ़ेंगे। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्पीकर से कहा है कि विश्वास प्रस्ताव पर फैसला ध्वनिमत से नहीं होगा। चर्चा के बाद मत विभाजन या गुप्त मतदान कराएं। अगर गुप्त मतदान होता है तो वोटों की गिनती सदन में सदस्यों की उपस्थिति में ही होगी। राज्यपाल ने परिणाम की सूचना तत्काल उन्हें देने का निर्देश भी दिया है।
यह तस्वीर उस वक़्त की है जब जीतन मांझी और नीतीश साथ हुआ करते थे, लेकिन आज स्थिति विपरीत हैै।
यह तस्वीर उस वक़्त की है जब जीतन मांझी और नीतीश साथ हुआ करते थे, लेकिन आज स्थिति विपरीत हैै।
राज्यपाल मांझी सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण ही पढ़ेंगे। हालांकि दिल्ली में नीतीश ने इस पर सवाल उठाया और कहा-काम हमें करना है तो अभिभाषण भी हमारी सरकार का ही होना चाहिए। हालांकि तथ्य यह है कि 7 फरवरी की कैबिनेट में जो पहला प्रस्ताव था वह राज्यपाल के अभिभाषण की मंजूरी का था। इस पर कोई विवाद नहीं था। विस भंग करने के प्रस्ताव पर नीतीश समर्थक मंत्रियों ने वाक आउट किया था।
धैर्य रखें नीतीश
इससे पहले राष्ट्रपति भवन तक विधायकों की परेड कराने पर राज्यपाल ने कहा था कि नीतीश को धैर्य रखना चाहिए। मैं उचित समय पर फैसला लूंगा। नौ फरवरी को ही उन लोगों ने अपनी मांग मेरे समक्ष रखी है। इतनी हड़बड़ी क्यों है? राज्यपाल हो या न्यायिक विशेषज्ञ सभी को समय चाहिए। नीतीश के नेता चुने जाने पर हाईकोर्ट का निर्णय आया है। इसको भी देखूंगा, फिर निर्णय लूंगा।
...तो विस में विपक्ष में बैठेगा जदयू
बहुमत के मांझी-नीतीश के दावे-प्रति दावे के बीच शक्ति परीक्षण के दौरान जदयू विधानसभा में विपक्ष में बैठेगा। स्पीकर ने विधानसभा में विजय कुमार चौधरी और काउंसिल चेयरमैन ने परिषद में नीतीश कुमार को जदयू विधायक दल के रूप में मान्यता दे रखी है। दोनों सदनों में भाजपा को मुख्य विपक्षी दल की मान्यता छिन जाएगी। इसके विधानसभा में स्पीकर सहित जदयू के 98 सदस्यों के बूते उसे मुख्य विपक्षी दल की मान्यता मिलने पर नंदकिशोर यादव के स्थान पर विजय कुमार चौधरी नए विपक्ष के नेता हो जाएंगे। उसी तरह परिषद में सुशील मोदी की जगह नीतीश कुमार 41 सदस्यों के बूते विपक्ष के नए नेता हो जाएंगे।
दोनों सदनों में भाजपा के मुख्य सचेतकों को मिली राज्यमंत्री के बराबर की सुविधाएं भी छिन जाएंगी। स्पीकर ने बुधवार को कहा कि जदयू की आेर से विपक्ष में बैठने संबंधी पत्र उनके समक्ष विचाराधीन है। समीक्षा कर उचित समय निर्णय लूंगा। मालूम हो कि 7 फरवरी को जदयू विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी के 111 में से मौजूद 97 सदस्यों ने नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुना था। इस आधार पर माना जा रहा है कि जदयू के 13 सदस्य बागी हैं।

क़ुरआन का सन्देश

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