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15 फ़रवरी 2015

मुस्लिम मसाइल समस्या और उनका हल

मुस्लिम मसाइल समस्या और उनका हल ,,विषय पर आयोजित संगोष्ठी के बाद राष्ट्रिय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य एवं बिहार सरकार में पूर्व मंत्री डॉक्टर शकीलुज़्ज़मा अंसारी ने पिछड़ा वर्ग जातियों में से जो जातियां केंद्र की सूचि में जुड़ने से रह गयी है उनका प्रतिवेदन बनाकर देने के लिए कोटा खिदमत ओर्गेनाइज़ेशन के अब्दुलरशीद क़ादरी ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला को ज़िम्मेदारी सौंपी ,,जबकि कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष और मिडिया चेयरपर्सन ने अल्पसंख्यकों की योजनाओं की क्रियान्विति बिना किसी भेदभाव के करने पर ज़ोर देते हुए राजस्थान में शिक्षा के नाम पर सभी धर्म वर्ग के लोगों पर सूर्यनमस्कार थोपने की निंदा करते हुए कहा की यह आवश्यक है तो ऐच्छिक होना चाहिए ,,,,कोटा प्रेस क्लब में आज अल्पसंख्यक समुदाय की समस्या और समाधान विषय पर आयोजित सेमिनार में देश के मुखरवक्ताओं और समाजसेवकों ने चिंतन मंथन किया और महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए अल्पंसख्यकों को शिक्षा ,,समाजसेवा ,,रोज़गार ,,से जोड़ने एवम अपनी वोट की सियासी ताक़त एकजुट होकर मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया ,,,,,,,,,,सेमीनार में बोलते हुए कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष और मिडिया चेयरपर्सन डॉक्टर श्रीमती अर्चना शर्मा ने कहा के कोई भी समाज हो उसकी समस्याओं का निदान आपसी मेलजोल और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा से ही संभव है ,,उन्होंने अपने पुरकशिश भाषण में विनम्रता से कहा के में खुद और पूरी कांग्रेस अल्पसंख़्यकों की समस्याओं के समाधान में साथ है ,,,उन्होंने कहा की अल्सपंख्य्कों में शिक्षा और एकता की ज़रूरत है जबकि सियासी सांझेदारी और छात्रव्रत्ति वितरण में आने वाली बाधाओं को दूर करने से भी अल्पसंख्यकों का विसास सम्भव है ,,उन्होंने कहा की किसी समाज की समस्याओं के समाधान को लेकर ईमानदारी से काम होना चाहिए कोई सियासत नहीं होना चाहिए ,,,,अर्चना शर्मा ने कहा कि राजस्थान में अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधाये रोकी जा रही है जबकि शिक्षा के नाम पर सुर्यनमस्कार की ज़बरदस्ती से वोह सहमत नहीं है ,,,,,,,,,,,कार्यक्रम में बोलते हुए एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा के देश में 1950 के आरक्षण परिपत्र में काका केलकर की रिपोर्ट में सीधे तोर पर पिछडो को आरक्षण सिफारिश की गई थी लेकिन इस परिपत्र को धर्म आधारित बनाकर केवल हिन्दुओं के लिए शब्द जोड़कर मुसलमानो को आरक्षण से दूर कर दिया गया ,,अख्तर खान अकेला ने कहा के अपनी पसमांदा हालत के लिए खुद अल्पसंख्यक भी ज़िम्मेदार है क्योंकि वोह लोग कभी अपने पर्तीिनिधियों जिनमे विधायक ,,सांसद ,,चेयरमेन होते है उनसे सवाल नहीं करते के उन्होेने समाज के लिए क्या किया लोकसभा ,,विधानसभा में कितने सवाल पूंछे ,,,,,समाजसेवक पत्रकार अंसार इन्दोरी ने कहा के अल्ससंख्यक वर्ग के ईमानदार और ज़िम्मेदार लोग जब पढ़लिखकर नौकरियों की तलाश में निकलते है तो उन्हें झूंठे और फ़र्ज़ी मामलात में फंसा कर नज़रबंद कर दिया जाता है वोह जब अदालतों से बाइज़्ज़त बरी होते है तब तक वोह समाज में शक्ल दिखाने लायक नहीं होते ,,उन्होेन महिला शिक्षा ,,समानव्य्वहार पर ज़ोर देते हुए कहा के सरकार को अल्पसंख्यकों को समाज में बराबरी का दर्जा देना होगा ,,,,,राजस्थान प्रदेश कोंग्रस के महासचिव पंकज मेहता ने कहा के अल्पसंख्यकों की हालत मेने नज़दीक से देखी है और झूंठे मुक़दमों में फंसाने के ख़िलाफ़ में लगातार बोलता रहा हूँ ,,उन्होंने कहा के समाज की तरक़्क़ी सरकार की ज़िम्मेदारी है और ईमानदारी से सरकार को राजधर्म निभाते हुए अल्पसंख्यकों की सभी योजनाये ईमानदारी से लागू करना होगी ,,,,,,,,,,,,,कार्यक्रम में बोलते हुए खिदमत ऑर्गेनाइजेशन के अब्दुल रशीद क़ादरी ने कहा के अल्सपसंख्य्कों को छात्रव्रत्ति और दूसरी सुविधाये दुष्कर है ,,आवेदन पत्र और दूसरी फोर्मलिटीज़ का सरलीकरण होना चाहिए ,,,,,सेमिनार को सम्बोधित करते हुए अल्फ्लाह सोसाइटी के रफ़ीक़ बेलियम ने कहा के अल्सपंख्य्क समाज को सभी सरकारों द्वारा उपेक्षित किया जाता है ,,शिक्षा ,,रोज़गार और आर्थिक मदद के वक़्त सौतेला व्यववहार होता है उन्होंने कहा के अल्पसंख्यक अब सौतेला व्यवहार नहीं सहेंगे ,,उन्होंने दिल्ली में मज़ा चखा दिया है ,,उन्होंने कहा के कोटा में सांसद और विधायक कोष से अल्सपंख्य्कों के लिए कोई मदद नहीं मिली है और वर्तमान सांसद ने भी कोई मदद दी है थोड़ा बहुत क़ब्रिस्तानो का काम जो नीतिगत होता है वोह करा देने से समाज का विकास सम्भव नहीं है इसके लिए समाज को सियासी प्रतिनिधित्व और सरकारी योजनाओ का सीधा लाभ अल्सपंख्य्कों को देना होगा ,,,पूर्व महापौर डॉक्टर रत्ना जैन ने कहा के अल्सपंख्य्क समाज में शिक्षा और रोज़गार के अवसर तलाशने के लिए सरकारी योजनाओ को एक दस्तावेज बनाकर ब्योरेवार उनकी क्रियान्विति की क्रॉस जांच होना चाहिए ताकि सभी को इन योजनाओ का लाभ मिल सके ,,,,,,,,,,,,,,सेमीनार खिदमत ओर्गेनाइज़ेशन के अब्दुल रशीद क़ादरी ,,अख्तरखान अकेला एवं आम मुसलमानान द्वारा आयोजित की गयी थी ,,,,,,सेमिनार का संचालन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने किया ,,,सेमिनार में बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष कैलाश बंजारा ने सभी वक्ताओं और अतिथियों का स्वागत किया ,,,,पार्षद मोहम्मद हुसेन मोमदा ,,पूर्व पार्षद रुखसाना खान ,,,पूर्वपार्षद रिहाना खान ,, अब्दुल मजीद खान ,,,इमरान समाज सेवक ,,,अब्दुल करीम अल्पसंख्य्क विभाग आमीन अली ,,डॉक्टर एजाज़ ,,जावेद भाई छावनी ,,,एडवोकेट आबिद अब्बासी ,,कॉमरेड अब्दुल गफ्फार ,,अरशद अंसारी ,,श्रीमती रचना राठोड ,,सलीम अब्बासी ,,नूर पठान सहिात कई गणमान्य नागरिको समाजसेवी संन्स्थाओं के प्रतिनिधियों ने महमानों का स्वागत किया ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

247 जोड़ों ने किया निकाह कुबूल


कोटा
पंचायत अंसारियान समिति के तत्वावधान में रविवार को दशहरा मैदान में मुस्लिम समाज के इज्तेमाई निकाह का आयोजन किया गया। इसमें हजारों लोगों की मौजूदगी में देश के विभिन्न स्थानों से आए 247 जोड़ों ने निकाह पढ़ा। 

शहर काजी अनवार अहमद की सरपरस्ती में 67 मोलानाओं ने निकाह पढ़ाया। आयोजकों ने दूल्हे व दुल्हन दोनों पक्षों से 25-25 हजार रुपए लिए। समिति की ओर से जोड़ों को जेवरात व गृहस्थी के लिए जरूरी चीजें भेंट की गई। 

कार्यक्रम में नेशनल ओबीसी बोर्ड कमीशन के सदस्य शकील उज्जमा अंसारी, ऑल इण्डिया सीरत कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसल नसीम खान, विधायक प्रहलाद गुंजल, कांग्रेस प्रदेश सचिव नईमुद्दीन गुड्डू, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री पंकज मेहता सहित कई लोग मौजूद रहे। समिति के सदर लियाकत हुसैन अंसारी सहित पदाधिकारियों ने अतिथियों का इस्तकबाल किया।

दिलचस्प कानून: बच्चे मोटे तो पैरेंट्स पर 50 हजार रुपए जुर्माना


दिलचस्प कानून: बच्चे मोटे तो पैरेंट्स पर 50 हजार रुपए जुर्माना
सैन जुआन (अमेरिका). बच्चों में बढ़ रहे मोटापे पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका के प्यूर्टो रिको ने अजीब लेकिन दिलचस्प कानून बनाया है। नए कानून के तहत स्कूल जाने वाले बच्चे मोटे हुए तो उनके घरवालों से जुर्माना वसूला जाएगा। बच्चे में मोटापा पाए जाने पर घरवालों को पहले 31 हजार रुपए (500 डॉलर) का जुर्माना देना होगा। इसके बाद भी बच्चा पतला नहीं हुआ तो करीब 50 हजार रुपए (800 डॉलर) जुर्माना लगेगा।
टीचर करेंगे पहचान, पतले होने के मिलेंगे दो मौके
मोटापे के शिकार बच्चों की पहचान स्कूल में उनके टीचर करेंगे। ऐसे बच्चों को पहले काउंसलर के पास ले जाया जाएगा। आमतौर पर बच्चों की पढ़ाई और व्यवहार में मदद करने वाले काउंसलर मोटे बच्चों को डाइट प्लान और एक्सरसाइज प्लान बताएंगे।
बच्चों की हर महीने जांच की जाएगी। अगर छह महीने में बच्चा पतला होना शुरू नहीं हुआ तो घरवालों पर 500 डॉलर जुर्माना लगेगा। इसके बाद भी अगर अगले छह महीने में बच्चे में सुधार नहीं हुआ तो 800 डॉलर जुर्माना लगाया जाएगा। जल्द ही लागू होने वाले इस कानून का विरोध भी हो रहा है। मेडिकल और फिटनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि जुर्माने के बजाए प्रोत्साहन की योजना शुरू की जाए तो बेहतर रहेगा।
ब्रिटेन में चुनावी मुद्दा
ब्रिटेन में मई में चुनाव होने हैं। मोटापा, चुनावी मुद्दा है। पीएम डेविड कैमरन ने कहा कि उनकी पार्टी जीती तो मोटापे के शिकार 1 लाख लोगों को डाइटिंग करनी ही होगी। नहीं तो मिलने वाला भत्ता काट देंगे।
ब्रिटेन-यूएस पर मोटापा का बोझ
- 517 करोड़ रु. खर्च किए ब्रिटेन ने बीते साल मोटापे भत्ते पर।
- 13,200 रु. हर हफ्ते के हिसाब से दिया जाता है भत्ता।
- 11.78 लाख करोड़ रु. हर साल मोटापे पर खर्च करता है अमेरिका।

क़ुरआन का सन्देश

 
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