तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 फ़रवरी 2015
यहां होती है शिव के अंगूठे की पूजा, इसी अंगूठे पर टिका है माउंट आबू का पहाड़
जोधपुर. माउंट
आबू में अचलेश्वर महादेव दुनिया का ऐसा इकलौता मंदिर है जहां पर शिवजी के
पैर के अंगूठे की पूजा होती है। भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर होने के
कारण माउंट आबू को अर्ध काशी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर
यह मान्यता है कि इसी अंगूठे पर पूरा माउंट आबू का पहाड़ थमा हुआ है, जिस
दिन भगवान शिव के अंगूठे का निशान गायब हो जाएगा, यह पहाड़ भी खत्म हो
जाएगा।
मंदिर में बैठे हैं चार टन के नंदी
भगवान शिव के इस मंदिर के दरवाजे से ही पंच धातु से बनी नंदी की एक विशाल प्रतिमा नजर आती है। इसका वजन चार टन है। मंदिर के अंदर गर्भगृह में शिवलिंग पाताल खंड के रूप में दिखाई देता है, ठीक इसके ऊपर एक तरफ पैर के अंगूठे का निशान बना हुआ है। इस निशान को शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है।
भगवान शिव के इस मंदिर के दरवाजे से ही पंच धातु से बनी नंदी की एक विशाल प्रतिमा नजर आती है। इसका वजन चार टन है। मंदिर के अंदर गर्भगृह में शिवलिंग पाताल खंड के रूप में दिखाई देता है, ठीक इसके ऊपर एक तरफ पैर के अंगूठे का निशान बना हुआ है। इस निशान को शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है।
कहां पर है यह मंदिर
स्कंद पुराण की माने तो वाराणसी शिव की नगरी है तो माउंट आबू उनकी
उपनगरी। अचलेश्वर महादेव राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन मंदिर माउंट आबू
से लगभग 11 किलोमीटर दूर अचलगढ़ की पहाडिय़ों पर स्थित है।
माउंट आबू पर्वत की जगह पर थी ब्रह्म खाई- आज
माउंट आबू पर्वत जहां पर है, पौराणिक काल में वहां बहुत बड़ी ब्रह्म खाई
थी। इसके तट पर वशिष्ठ मुनि रहते थे। उनकी गाय कामधेनु एक बार हरी घास चरते
हुए ब्रह्म खाई में गिर गई। कामधेनु को बचाने के लिए मुनि ने सरस्वती गंगा
को याद किया। इसके बाद सरस्वती गंगा की महिमा से ब्रह्म खाई में जमीन की
सतह तक पानी भर गया और कामधेनु गाय गोमुख पर बाहर जमीन पर आ गई।
एक बार फिर खाई में गिरी कामधेनु
कुछ दिनों बाद एक बार फिर कामधेनु खाई में गिर गई। इस पर मुनि ने
बार-बार हो रहे इस हादसे को जड़ से खत्म करने के लिए हिमालय पहुंचे और उनसे
ब्रह्म खाई को खत्म करने का अनुरोध किया। हिमालय ने उनकी बात सुनकर अपने
पुत्र नंदी वर्द्धन को उनके दुख को दूर करने के लिए भेजा।
कैसे बना माउंट आबू पर्वत-
नंदी अर्बुद नाग पर उड़ते हुए वशिष्ठ मुनि के आश्रम पहुंचे। दुख दूर करने
से पहले नंदी ने वशिष्ठ आश्रम में वरदान मांगा कि उसके ऊपर सप्त ऋषियों का
आश्रम होना चाहिए एवं पहाड़ सबसे सुंदर चाहिए। साथ ही अर्बुद नाग ने वर
मांगा कि इस पर्वत का नामकरण उसके नाम से हो। इसके बाद से नंदी वर्द्धन
आबू पर्वत के नाम से विख्यात हुआ।
महादेव ने बचाई नंदी की जान
वरदान प्राप्त कर नंदी वर्द्धन खाई में उतरा तो धंसता ही चला गया,
केवल नंदी का नाक एवं ऊपर का हिस्सा जमीन से ऊपर रहा, जो आज आबू पर्वत है।
वह चल नहीं रह पा रहा था, तब वशिष्ठ के निवेदन पर महादेव ने अपने दाहिने
पैर के अंगूठे पसार कर इसे स्थिर किया यानी अचल कर दिया तभी यह अचलगढ़
कहलाया।
रहस्य से भरा है अंगूठे के नीचे का पाताल खंड- भगवान
शिव के अंगूठे के निशान आज भी वहां दिखाई पड़ते हैं। अचलेश्वर महादेव के
रूप में महादेव के अंगूठे की पूजा-अर्चना की जाती है। इस अंगूठे के नीचे
बने प्राकृतिक पाताल खड्डे में कितना भी पानी डालने पर खाई पानी से नहीं
भरती। इसमें चढ़ाया जानेवाला पानी कहा जाता है यह आज भी एक रहस्य है
मंदिर में बना है सुंदर धर्मकांटा- मंदिर के बायीं तरफ दो कलात्मक
खंभों का धर्मकांटा बना हुआ है। इस पर की गई कलाकृति देखते ही बनती है। ऐसा
माना जाता है कि यहां के राजा अपने राजसिंहासन पर बैठने के समय अचलेश्वर
महादेव से आशीर्वाद प्राप्त कर धर्मकांटे के नीचे अपनी प्रजा के साथ न्याय
की शपथ लेते थे।
अचलेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में द्वारिकाधीश जी का मंदिर भी बना
हुआ है। गर्भगृह के बाहर वाराह, नृसिंह, वामन, कच्छप, मत्स्य, कृष्ण, राम,
परशुराम, बुद्ध व कलंगी अवतारों की काले पत्थर की भव्य मूर्तियां स्थापित
हैं। इस परिसर के विशाल चौक में चंपा का विशाल पेड़ है जो अपनी प्राचीनता को
दर्शाता है।
देश के प्रमुख पदों पर रहने वाले डॉक्टर शकीलुज़्ज़मान अंसारी एक आदर्श समाज ,,,विकसित आदर्श हिन्दुस्तान देखना चाहते है ,
देश
के प्रमुख पदों पर रहने वाले डॉक्टर शकीलुज़्ज़मान अंसारी एक आदर्श समाज
,,,विकसित आदर्श हिन्दुस्तान देखना चाहते है ,,वोह कहते है के हमारा देश
विश्व के प्रमुख विकासशील मज़बूत देशों में से है अगर हम सभी समाज ,,सभी
धर्मों के लोग मिलकर एक जुट हो और संकल्प ले के बिना किस झगड़े ,,बिना किसी
विवाद के हम सिर्फ और सिर्फ देश को मज़बूत बनाएंगे तो बहुमुखी प्रतिभाओ
वाला हमारा देश विश्व का सबसे मज़बूत ,,अटूट और विकसित
देश बन सकता है ,,डॉक्टर शकीलुज़्ज़मां अंसारी अपने इसी विचार ,,इसी सन्देश
को लेकर देश भर में एकता ,,लोगों में बराबरी का दर्जा पैदा करने के लिए
यथासम्भव प्रयासों में जुटे है ,,,,23 जनवरी 1958 में बिहार जहां से अधिकतम
आई ऐ एस पास होकर निकलते है जन्म होने के बाद वही पले ,,बढ़े ,,छात्र जीवन
से ही डॉक्टर शकिलूज़्ज़मां अंसारी उंच नीच ,,जात ,,पात के भेदभाव से दुखी थे
,,वोह दलगत राजनीति ,,धर्म ,,जाति ,,भाषा ,,समाज से अलग हठकर सिर्फ
राष्ट्रीयता को तरजीह देते है ,,इसीलिए छात्र जीवन से ही शकीलुज़्ज़मा
समाजसेवा क्षेत्र में सक्रिय हुए फिर राजनीति से जुड़ गए ,,,,, समाज शास्त्र
में एम ऐ करने के बाद आपने सामाजिक विज्ञान दर्शन विषय पर डॉक्टरेट की
उपाधि हांसिल की ,,इस दौरान आपको देश के सभी वर्ग ,,समाज ,,समुदाय के बारे
में पढ़ने और समझने का मौक़ा मिला ,,,,,इसी दौरान आपने क़ानूनी पेचीदगियों को
समझने के लिए क़ानून की पढ़ाई पढ़कर वकालत की डिग्री हांसिल की ,,,,,आप
बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़े फिर बिहार सरकार में दो बार मंत्री रहे
,, मंत्री काल में आपने ईमानदारी से सामजिक न्याय का अभियान चलाया ,,बिहार
की जनता में लोकप्रिय होने के बाद आपको केंद्र सरकार में पिछड़ा वर्ग आयोग
में मंत्री दर्जा देकर सदस्य बनाया गया जहां आप अपनी सेवाएं बस राष्ट्रिय
शिक्षा और विकास के फार्मूले के तहत ही पुरे देश में दे रहे है
,,,,,,,,,,हज कमेटी ,,वक़्फ़ बोर्ड ,,बैंक ,,कृषि बोर्ड ,,मदरसा बोर्ड
,,,,युनिवर्सीटी ,,तकनीकी यूनिवर्सिटी में सदस्य रहने के साथ आपने अपने
अधीनस्थ पांच छात्रों को समाजशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि अपने नेतृत्व
में दिलवाई है ,,,,,डॉक्टर शकीलुज़्ज़मा अंसारी नेशनल मोमीन कांग्रेस के
राष्ट्रिय अध्यक्ष ,,नेशनल माइनॉरिटी फोरम के चेयरमेन है जबकि इस्लामिक
कल्चर सेंटर के आजीवन सदस्य भी बने हुए है ,,,,डॉक्टर शकीलुज़्ज़मा अंसारी
साहब केंद्र सरकार में पिछड़ा आयोग के सदस्य होने के नाते पुरे देश के दलित
,,पिछडो के हालात देखकर उन्हें एकजुट ,,शिक्षित ,,,आर्थक रूप से मज़बूत
बनाने के प्रयासों में जुटे है वोह कड़वा बोलते है लेकिन सच्चा बोलते है
,,वोह पुरे देश में एक सपना लेकर ,,राष्ट्रिय एकता और विकास का सपना लेकर
उसे साकार करने के लिए दलगत राजनीती से ऊपर उठकर प्रयासों में जुटे है
जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आये है ,,,,डॉक्टर शकिलूज़्ज़मा अंसारी के
इस अभियान में हम भी कल से उनसे मुलाक़ात के बाद दिल से दिल की बात सुनने के
बाद शामिल हो गए है ,,,हमारे साथ हमारे कई मित्र ,,राष्ट्रिय एकता
,,सद्भावना ,,अमन शांति और सुरक्षित भारत ,,मज़बूत भारत के सपने को साकार
करने को लेकर शकिलूज़्ज़मा अंसारी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके अभियान
में शामिल होकर इस खूबसूरत सपने को साकार करने की कोशिशों में जुट गए है और
खुदा से भी खुशहाल भारत ,,अटूट भारत ,,विकसित भारत ,,सुकून शानति
,,भाईचारा ,,,सद्भावना वाला भारत अंतर्राष्ट्रीय महाशक्ति वाला भारत बने
ऐसी दुआएं शुरू कर दी है ,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर शकीलुज़्ज़मा अंसारी जो इस
अभियान में बिना किसी झिझक के ,,बेखौफ ,,,होकर घूम रहे है ,,इन्हे सलाम
सेल्यूट ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अमेरिकी चैनल ने ओबामा को बताया 'रेपिस्ट', माफी मांगने से भी किया इनकार
सन डिएगो. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा
को 'रेपिस्ट' बताने वाले चैनल फॉक्स न्यूज ने अपनी गलती पर माफी मांगने से
इनकार कर दिया है। फॉक्स न्यूज चैनल के स्टेशन फॉक्स 5 सन डिएगो ने
शुक्रवार रात 10.00 बजे के बुलेटिन में रेप की खबर के दौरान असल संदिग्ध की
जगह गलती से ओबामा का फोटो चिपका दिया। ओबामा की तस्वीर लगभग पांच सेकंड
तक ऑन एयर रही थी। इससे पहले नवंबर में सीएनएन ने सील कमांडो के हाथों
ओसामा की जगह ओबामा को मार दिया था।
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फोटो: फॉक्स5 न्यूज का स्क्रीनशॉट।
टाइम्स ऑफ सन डिएगो की रिपोर्ट के मुताबिक, एंकर कैथलीन बेड जैसे ही
कहती हैं, "सन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी (एसडीएसयू) रेप मामले में एकमात्र
संदिग्ध पर कोई मुकदमा नहीं चलेगा।" इतने में ओबामा की तस्वीर टीवी स्क्रीन
पर सामने आती है। वेबसाइट के मुताबिक, असाइनमेंट एडिटर माइक विले ने कहा
है, "यह महज गलती है। ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया।"
हालांकि, जब माइक से इस ऑनएयर गलती के लिए माफी मांगने के बारे में
पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "यह हमने वाकई में जानबूझकर नहीं किया है और यह
कोई बड़ी बात नहीं है।" गौरतलब है कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर फॉक्स5 की इस गलती को तेजी से शेयर किया जा रहा है।
कोर्टरूम में ही चली गोलियां: जान बचाकर भागे जज, नामी बदमाश की मौत
मुजफ्फरनगर.
यूपी में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि अब वे कोर्ट रूम में
जज के सामने ही दिनदिहाड़े हत्या कर रहे हैं। सोमवार को मुजफ्फरनगर का
एडीजे-10 कोर्ट गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। कोर्ट रूम के अंदर ही जज
के सामने बेखौफ बदमाशों ने पेशी पर आए कैदी की हत्या कर दी। बदमाश वकील के
भेष में कोर्ट में दाखिल हुआ था। जिस कैदी को गोली लगी वह नामी बदमाश
विक्की त्यागी था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पकड़ा गया हत्यारोपी सागर मलिक।
वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
फायरिंग होते ही कोर्ट रूम में भगदड़ से हालात हो गए। जज से लेकर हर कोई
अपने जान बचाने के लिए छिपना शुरू कर दिया। गोलियों की आवाज सुनते ही
पुलिसकर्मी कोर्ट रूम की तरफ दौड़ पड़े। उन्होंने तुरंत जज को अपनी सुरक्षा
में लेकर कोर्ट रूम से बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि मृतक विक्की
त्यागी अपनी पत्नी के संग बीते कई सालों से जेल में बंद था। विक्की पर
हत्या और लूट के कई मुकदमे दर्ज थे। दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने कोर्ट की
सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
बताया जा रहा है कि विक्की त्यागी को कोदद्वारा जेल से पेशी पर अपर
जिला एंव सत्र न्यायधीश मयंक चौहान की एडीजे-10 कोर्ट लाया गया था। कोर्ट
रूम के अंदर ही एक सत्रह साल का युवक सरदार वकील के रूप में मौजूद था।
उन्होंने विक्की को देखते ही उस पर पिस्टल से ताबड़तोड़ फायर झोंक दिया।
इससे विक्की की मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग होते ही कोर्ट में भगदड़ मच
गई। जिस समय यह वारदात हुई जज कोर्ट रूम में ही मौजूद थे।
घटना की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस फोर्स पहुंच गई। पूरे कोर्ट परिसर को अपने कब्जे में लेकर जबरदस्त तलाशी ली गई। पुलिस ने पकड़े गए हमलावर से पूछताछ में जुट गई है। वहीं, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि बीते महीने मुजफ्फरनगर जेल में सिपाही चुन्नी लाल की हत्या भी विक्की त्यागी ने कराई थी।
कोर्ट में मौजूद वकीलों का कहना था कि पहले भी इस तरह की घटनाएं हो
चुकी हैं। बदमाश इतने बेखौफ हो चले है कि भारी सुरक्षा के बीच घटना को
अंजाम दे रहे हैं। वकील अनुराग सिंह का कहना है कि जब भारी सुरक्षा के बीच
कोर्ट के अंदर हत्याए हो रही हैं तो आम आदमी कैसे महफूज रह सकता है। इस
हत्या के बाद अब सिलसिले बार गैंगवार होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता
है।
बीते साल फैजाबाद कोर्ट में भी हुआ था ऐसा ही हमला
बीते साल 2014 में जुलाई में भी फैजाबाद का सिविल कोर्ट कैंपस बुधवार
को बम धमाकों और गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। बम और असलहों से लैस
बदमाशों ने पेशी पर आए सुल्तानपुर के पूर्व विधायक सोनू सिंह के भाई मोनू
सिंह को निशाना बनाकर बमों से ताबड़तोड़ हमले किए थे और गोलियां भी बरसाईं
थी। हमले में एक हमलावर सहित दो लोगों की मौके पर मौत हो गई और आधा दर्जन
लोग घायल हो गए थे।
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी सागर मलिक ने दिनदिहाड़े कोर्ट परिसर में थाना फुगाना क्षेत्र के गांव बहावड़ी प्रधान की हत्या कर चुका है। इसके बाद उसे बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहां से वह फरार हो गया। जानकारी के मुताबिक, उसने अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया है।
विक्की त्यागी मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल क्षेत्र के गांव पावटी का
रहने वाला था। उसने 2005 में एक ग्राम प्रधान की हत्या कर अपराध की दुनिया
में कदम रखा था। एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह के मुताबिक, पुलिस की गिरफ्त में
आए सागर मलिक ने ही विक्की त्यागी की हत्या की है। हत्यारोपी ने दो साल
पहले अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी सागर मलिक ने दिनदिहाड़े कोर्ट परिसर में थाना फुगाना क्षेत्र के गांव बहावड़ी प्रधान की हत्या कर चुका है। इसके बाद उसे बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहां से वह फरार हो गया। जानकारी के मुताबिक, उसने अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया है।
युवी के पिता योगराज ने दी धोनी को गाली, बोले-अल्लाह ने उसके मुंह पर चांटा मारा
चंडीगढ़. आईपीएल-8 से पहले 16 करोड़ रुपए की सबसे बड़ी बोली में खरीदे गए स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर हमला बोला है। सोमवार को आईपीएल में हुई नीलामी में अपने बेटे के 16 करोड़ में खरीदे जाने के बाद मीडिया के सामने आए योगराज ने कहा, "आज अल्लाह ने महेंद्र सिंह धोनी
के मुंह पर चांटा मारा है। मुझे यह नहीं पता कि उसे युवराज, हरभजन या
गंभीर के साथ क्या समस्या है। उसकी नॉर्थ (उत्तर भारत) के खिलाड़ियों के
साथ क्या दिक्कत है। वह बहुत ही घमंडी और कमी*...है।"
फाइल फोटो: अपने पिता (पीछे) के साथ युवराज।
योगराज ने कहा कि धोनी युवराज से निजी दुश्मनी निकाल रहे हैं। युवी के पिता ने कहा, "धोनी नहीं चाहते थे कि मेरा बेटा टीम इंडिया
में वापसी कर सके। कप्तान धोनी को समझना चाहिए कि क्रिकेट आज है, लेकिन
कल नहीं रहेगा। तब भी यह मामला बढ़ेगा और अच्छा नहीं होगा। इसलिए धोनी इस
लड़ाई को निजी न बनाए।" लेकिन योगराज का बयान आने के कुछ देर बाद ट्विटर
पर उनके बेटे ने सफाई दे डाली। युवराज ने ट्वीट किया, "मेरे पिता भी अन्य
पिताओं की तरह जज्बाती हैं। मुझे लगता है कि वे भावनाओं में बह गए। मैंने
हमेशा ही माही (धोनी) की कप्तानी में एन्जॉय किया है और आगे भी करूंगा।"
'धोनी के माता-पिता उसे समझाएं'
"धोनी के माता-पिता को मैं कहना चाहता हूं कि अपने बेटे को समझाएं।"
योगराज ने अपने बेटे का समर्थन करते हुए कहा, "कोई खिलाड़ी अगर अच्छे
फॉर्म में नहीं हो तो कप्तान को उन्हें समर्थन देना चाहिए। धोनी को ये भी
ध्यान रखना चाहिए कि युवराज ने उसके साथ मिलकर 90 फीसदी से ज्यादा मैच
जिताए हैं।"
'युवी हमेशा करता है धोनी की तारीफ'
योगराज सिंह ने कहा है, "मुझे समझ नहीं आता कि युवी से धोनी को समस्या क्या है? युवराज सिंह
को टीम में शामिल नहीं करना, ये धोनी का सही फैसला नहीं है।" योगराज के
मुताबिक, युवी हमेशा ही धोनी की तारीफ करता है, लेकिन इसके विपरीत कप्तान
का रवैया युवी के साथ अच्छा नहीं है।
'गावसकर ने की थी तारीफ, फिर भी बाहर हुआ युवी'
योगराज ने कहा कि जब युवराज ने विश्व कप से
ठीक पहले रणजी ट्रॉफी में तीन शतक जमाए थे, तो उन्हें टीम में शामिल किया
जाना चाहिए था। योगराज ने कहा, "युवराज ऑस्ट्रेलिया-न्यूज़ीलैंड जाता है
और वहां जाकर अच्छा प्रदर्शन भी करता है। सुनील गावसकर कहते थे कि वह इस
दौरे की खोज है। लेकिन फिर भी सीरीज़ के बाद युवराज को टीम से बाहर कर दिया
गया। इतना ही नहीं, उसे हरियाणा की स्टेट टीम से भी बाहर कर दिया गया।"
किरण बेदी का खुला पत्र, 'अच्छा है अपशब्द सुनने के लिए मेरे माता-पिता जिंदा नहीं हैं'
नई दिल्ली. दिल्ली में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी रही किरण बेदी
ने खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने राजनीति में आने के कारण गिनाए।
चुनावी राजनीति की परीक्षा में नाकामी स्वीकारी। यह भी कहा, ‘मुझे इस बात
की राहत है कि चुनाव प्रचार में मेरे लिए बोले गए ‘अपशब्द’ सुनने को मेरे
माता-पिता जिंदा नहीं हैं।’
पूर्व आईपीएस अफसर ने अपने आधिकारिक ब्लॉग पर लिखा, ‘मैं चुनावी
राजनीति की परीक्षा में नाकाम रही। मैं पूरी जिम्मेदारी लेती हूं। लेकिन
मेरे अंदर की किरण बेदी नाकाम नहीं हुई है। जितना वक्त मिला, मैंने उसमें
पूरी ऊर्जा और अनुभव लगाया।
निश्चित तौर पर वह काफी नहीं था।
लेकिन मैं इस अपराध बोध के साथ नहीं मरना चाहती थी कि मैं सिर्फ
आलोचना कर रही हूं। चुनावी राजनीति में उतरकर परीक्षा देने की हिम्मत नहीं
की।’ दिल्ली के नतीजे आने पर बेदी यह कहकर विवादों में घिर गई थी, “मैं
नहीं हारी हूं। मैंने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। यह भाजपा की हार
है। उसे इस हार पर आत्मावलोकन करना चाहिए।’ बेदी ने भाजपा की सुरक्षित सीट
कृष्णानगर से चुनाव लड़ा था। लेकिन आम आदमी पार्टी के एसके बग्गा ने वहां
भी उनको 2,277 वोट से हरा दिया था।
प्रचार में पूरा शहर नहीं थमना चाहिए
बेदी ने लिखा, ‘चुनाव प्रचार के दौरान मैं कहना चाहती थी कि अभियान के
तरीके बदलने चाहिए। पूरा शहर या राज्य थम जाता है। ऐसा क्यों होना चाहिए?
असभ्य, भ्रष्ट, प्रतिशोधी, कानून तोड़ने वाला प्रचार। तरीके सुधरना चाहिए।
प्रचार में भीड़ का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।’
...लेकिन जिंदगी में खाना फ्री नहीं मिलता
बेदी ने पत्र में आप के मुफ्त पानी और बिजली की दरें आधी करने के
वादों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ‘लोगों को सुविधाएं चाहिए।
ईमानदारी, विश्वसनीयता और पेशेवर प्रतिबद्धता भी चाहते हैं। लेकिन उन्हें
सब मुफ्त चाहिए। आप जितना ज्यादा देंगे, उतना ज्यादा पाएंगे। लेकिन जिंदगी
में खाना फ्री में नहीं मिलता। आप पीटर को लूटकर पॉल को पैसा दोगे तो वह
दिन दूर नहीं जब सभी लुट जाएंगे।’
दलित ने बरातियों के साथ खाना खाया तो दबंगों ने हाथ-पैर बांधकर काट ली नाक
झांसी.
बुंदेलखंड में दलित समाज से आने वाले एक शख्स की नाक उसके गांव के दबंगों
ने इसलिए काट ली क्योंकि उसने बरातियों के साथ खाना खा लिया था। दबंगों ने
पहले उस पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। बुरी तरह से घायल करने के साथ ही
उसके हाथ-पैर पकड़कर चाकू से उसकी नाक काट दी। दबंगों का कहना था कि दलित
ने साथ में खाना खा लिया, इससे समाज में उनकी नाक कट गई, इसलिए वह भी नाक
काटेंगे। इस मामले में पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने झांसी जोन के डीआईजी
एके सिंह से मुलाकात की है। उन्होंने आरोपियों के जल्द गिरफ्तारी की
मांग की। प्रसाद ने कहा कि इस तरह की घटनाएं नहीं रुकीं तो बड़ा आंदोलन
छेड़ेंगे। घटना सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अब तक
आरोपियों को गिरफ्तारी नहीं हुई है।
फोटो: पीड़ित दलित अमर सिंह।
घटना बुंदेलखंड के जनपद जालौन की है। जालौन के माधौगढ़ थाना क्षेत्र
का सुरपति गांव दलित बाहुल्य है। अमर सिंह गांव में ही उच्च जाति के एक
व्यक्ति के यहां मजदूरी करता था। उच्च जाति के व्यक्ति के यहां कुछ दिन
पहले विवाह समारोह था। शादी में अमर सिंह भी शामिल हुआ। वह बरात गया और
बरातियों के साथ खाना खाया। इस बात से वहां मौजूद कुछ लोग नाराज हो गए।
उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। बरात वापस आने के बाद करीब आधा दर्जन लोगों
ने उसे गांव में ही पकड़ लिया। साथ में खाना खाने की बात पर एतराज जताते
हुए दबंगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी और चाकू से उसकी नाक काट दी।
पीड़ित अमर सिंह के अनुसार दबंगों का कहना था कि शादी में शामिल होकर
खाना खाने से उनकी नाक कट गई, इसलिए उसकी नाक कटना भी जरूरी है। ऐसा कहकर
उसकी नाक काट ली गई और उसे तड़पता हुआ छोड़ गए। वहां पहुंचे परिजन उसे घर
ले गए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। माधौगढ़ पुलिस के अनुसार पीड़ित
दलित की तहरीर पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब
तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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पवित्र गुफा की खोज के बारे में कहा जाता है कि एक गड़रिए को भेड़ें चराते हुए एक साधु मिला। उसने उस गड़रिए को कोयले से भरी एक बोरी दी। गड़रिया बोरी लेकर जब घर आया तो उसने देखा कि बोरी का कोयला सोना-चांदी के सिक्कों में बदल चुका था। वह हैरत में पड़ गया।
इसके बाद वह गड़रिया साधु की तलाश में निकल पड़ा और उसी स्थान पर गया, जहां साधु से मिला था। वहां उसे साधु तो नहीं मिला, बल्कि ठीक उसी जगह एक गुफा थी। गड़रिए ने गुफा में प्रवेश किया तो उसने वहां बर्फ का शिवलिंग देखा। उसने वापस आकर सबको यह कहानी बताई और इस तरह भोले बाबा की पवित्र अमरनाथ गुफा की खोज हुई।