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25 फ़रवरी 2015

मेरी मोत,,,

मेरी मोत की पेशनगोई
तुम्हे पता थी फिर भी
तुमने इसे झूंठ समझा था
आज अधूरे ख़्वाब
अधूरी ख्वाहिशों के साथ
मुझे क़ब्र में सुलाया जा रहा है
कितनी ही पत्थर हो तुम
लेकिन फिर भी
नक़ाब तुम्हारा आंसुओं से
भीगा जा रहा है ,,,,,,
काश के तुम ने
मेरी मोत की पेंशनगई सच माना होता
शायद में
तुमसे मिलने
तुम्हारे प्यार की हसरत लिए
यूँ ही आधा अधूरा मरा नही होता ,,
रूह मेरी जिस्म से निकल तो गई
लेकिन में देखो
तुम्हारे लिए तुम्हारे खातिर
मेरी रूह को छुड़ा लाया हूँ ,,अख्तर

मार्च होली के आसपास राहुलगाँधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होकर रंगबिरंगी होली हौसले और कांग्रेस ज़िंदाबाद के नारे के साथ खेलेंगे

आगामी मार्च होली के आसपास राहुलगाँधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होकर रंगबिरंगी होली हौसले और कांग्रेस ज़िंदाबाद के नारे के साथ खेलेंगे ,,,राहुल गांधी जो कई बुज़ुर्गों का सम्मान करते हुए मर्यादाओं में थे उन्होंने भी अब बेकार ,,नासमझ ,,मौक़ापरस्त ,,मतलबपरस्त ,,गुटबाज़ी को बढ़ावा देकर स्वम्भू नेतागीरी करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ,,,राहुल पहले कांग्रेस के बिखरने से डरते थे ,,अपरिपक्व थे ,,कुछ लोगों के क़ब्ज़े में थे,,,,लेकिन अब वोह आज़ाद है किसी को खुश रखना उनका मक़सद नहीं ,,किसी की नाराज़गी या फिर पार्टी छोड़कर चले जाने का उन्हें डर नहीं ,,बस कांग्रेस मज़बूत और कांग्रेस ज़िंदाबाद करना उनका मक़सद हो गया है ,,अभी देश भर में प्रदेश कांग्रेस कमेटियां जिला कांग्रेस कमेटियों के पदाधिकारियों की जो बैठक ले रही है उसमे लगभग सभी तरफ से सर्वसम्मत फैसले है के कांग्रेस की जर्जर इमारत अब ज़मीन दोज़ कर आधुनिकता के दौर में नए ज़माने की ज़रूरतों और हिसाब से बनाई जाये और राहुलगांधी खुद इस नई कांग्रेस के सिरमौर ,,अध्यक्ष रहे ,,जिसे चाहे रखे ,,जिसे चाहे निकाले ,,जिसे चाहे जो ज़िम्मेदारी दे ,,अगर ऐसी कांग्रेस बनी तो निश्चित तोर पर नई कांग्रेस मज़बूत भी होगी ,,ज़िंदाबाद भी होगी ,,,हर मुसीबत ,,,हर हालात से मुक़ाबला करने को भी तैयार होगी ,,,,,,,,,,,,,गांधी परिवार की वजह से नहीं खुद राहुल जिसकी प्रतिभा अभी तक दबा रखी थी उनको फ्री हेंड मिलने से यह सब मुमकिन हो सकेगा ,,क्योंकि कड़वा सच है के दादी के ज़माने से ,,पापा के ज़माने से राहुल गांधी ने पेट में रहकर अभिमन्यु की तरह से तो पालने में ,,गोद में और खेलते कूदते सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस ही सीखी है ,,,जिसने कांग्रेस को जिया हो ,,कांग्रेस को ज़िंदाबाद किया हो उसे अगर फ्री हेंड मिला तो सभी जानते है के कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वाले लोग खुद भी कांग्रेस में शामिल होकर कांग्रेस ज़िंदाबाद कहने लगेंगे ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दिल्ली: आधे दाम पर मिलेगी बिजली, हर महीने 20 हजार लीटर पानी फ्री




दिल्ली: आधे दाम पर मिलेगी बिजली, हर महीने 20 हजार लीटर पानी फ्री
 
नई दिल्ली. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने बिजली-पानी सस्ता करने का एलान कर दिया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी घोषणा की। सिसोदिया के मुताबिक दिल्ली में चार सौ यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले परिवारों को आधे दाम पर बिजली दी जाएगी। इसके अलावा दिल्ली के हर घर को हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ्त दिया जाएगा। लेकिन महीने में 20 हजार लीटर से ज्यादा पानी खर्च करने पर चार्ज लगाया जाएगा। बिजली और पानी पर छूट एक मार्च से लागू होगी।
(
छूट का गणित
इस साल एक मार्च से 0-200 यूनिट पर 2 रुपए प्रति यूनिट चुकाना होगा। 200 से 400 यूनिट तक बिजली बिल 2.98 रुपए प्रति यूनिट होगा। 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर पूरा बिल देना होगा। सिसोदिया ने कहा कि मेरी दिल्लीवालों से अपील है कि किफायत से बिजली खर्च करें ताकि बिजली का दाम आधा हो सके। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि 36 लाख छह हजार 428 परिवारों के दाम बिजली के बिल आधे होने का फायदा उठाएंगे, जो दिल्ली के कुल परिवारों का 90 फीसदी है। सिसोदिया ने बताया कि यह सब्सिडी सीएजी ऑडिट पूरा होने तक जारी रहेगी। पानी मुफ्त करने का फायदा करीब 18 लाख परिवारों को मिलेगा। इसके लिए सरकार को करीब 20 करोड़ रुपये महीना का अतरिक्त खर्च उठाना होगा।
सुबह सीएजी (कैग) से की थी मुलाकात
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) शशिकांत शर्मा से मुलाकात की। दिल्ली सरकार ने सीएजी से राजधानी में बिजली कंपनियों का ऑडिट करने को कहा है। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार ने इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। जैन के मुताबिक सीएजी किसी भी वक्त किसी भी बिजली कंपनी का ऑडिट कर सकते हैं।
कैसे मिलेगी सस्ती बिजली
दिल्ली सरकार चाहती है कि वह ऐसी बिजली वितरण कंपनियों से बिजली खरीदे जो उसे कम दरों पर बिजली दें। हालांकि, बिजली कंपनियों और सरकार के बीच हुए एग्रीमेंट के चलते फिलहाल ऐसा कर पाना संभव नहीं है। दिल्ली में अभी लोगों को 1 से 200 यूनिट तक के लिए 4 रुपए और 201 से 400 यूनिट के लिए 5.95 रुपए प्रति यूनिट भुगतान करना होता है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि वो 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी देगी। ऐसा करने के लिए सरकार को सस्ती बिजली देने वाले वितरकों की तलाश है। ऐसा होने पर दिल्ली सरकार 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को 2 रुपए प्रति यूनिट और 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वालों को 3 रुपए प्रति यूनिट बिजली मुहैया कराने की योजना बना रही है।
खराब है खजाने की हालत
चालू वित्त वर्ष में राजस्व में तीन हजार करोड़ रुपए की भारी गिरावट से दिल्ली सरकार के खजाने की हालत पहले से ही खराब है। ऐसे में पूरी दिल्ली को आधी कीमत पर बिजली और मुफ्त पानी की आपूर्ति करने संबंधी चुनावी वादे को पूरा करने की सूरत में सरकार पर 1600 से 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना है।
श्वेतपत्र लाएगी सरकार
केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार बिजली पर एक श्वेतपत्र लाएगी, ताकि जनता को मौजूदा हालात का पता चले। उन्होंने कहा कि श्वेतपत्र के माध्यम से सरकार जनता को बिजली क्षेत्र के हालात पर सूचना देना चाहती है और बताना चाहती है कि उसने कहां से काम शुरू किया। लोग पांच साल बाद श्वेतपत्र देखकर 'आप' सरकार की प्रगति की तुलना कर सकते हैं। केजरीवाल ने बताया कि श्वेतपत्र में पिछले 15 साल का समय शामिल होगा, जब कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में थी और जिस दौरान बिजली क्षेत्र का निजीकरण हुआ।
घाटे की भरपाई का रास्ता खोजने में जुटी सरकार
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार सब्सिडी पर खर्च होने वाली रकम की भरपाई के तौर-तरीकों की खोजबीन में जुट गई है। इस बारे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के पूर्व अध्यक्ष बिरजेंद्र सिंह को सचिवालय में बुलाकर करीब एक घंटे तक बातचीत की। जबकि ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया है कि यदि वर्तमान दरों पर 400 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 50 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है तो सरकार पर प्रतिवर्ष करीब 1400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जबकि यदि डीईआरसी ने निजी बिजली कंपनियों की मांग के मुताबिक कीमतों में वृद्धि का आदेश दिया तो यह राशि 2000 करोड़ रुपए तक भी हो सकता है।

जमीन अधिग्रहण: राज बब्बर ने पीएम मोदी पर की आपत्तिजनक टिप्पणी


नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। बुधवार को जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के 'जमीन वापसी आंदोलन' के दौरान मंच पर मौजूद राज बब्बर ने कहा, 'नरेंद्र मोदी किसानों की जमीन 4.5 करोड़ में उनका सूट खरीदने वाले लोगों को गिफ्ट करना चाहता है। मैं पूछना चाहता हूं नरेंद्र दामोदर दास मोदी से कि तू क्या जानता है, तू सिर्फ कॉरपोरेटरों से अपने सूट की बोली साढ़े चार करोड़ में लगवाना जानता है। यहां वे किसान बैठे हैं, जिनके बेटे सीमाओं पर तैनात हैं। (नरेंद्र) दामोदर मोदी तुझे क्या पता है?' इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश सहित पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने वहां विरोध-प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों किसानों को संबोधित किया। इस बीच, सूत्रों ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर अपना रुख नहीं बदलेगी। इसका मतलब यह हुआ कि अध्यादेश के जरिए भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए बदलाव बने रहेंगे।
दिल्ली में कांग्रेस के जमीन वापसी आंदोलन को संबोधित करते राज बब्बर।
दिल्ली में कांग्रेस के जमीन वापसी आंदोलन को संबोधित करते राज बब्बर।
जंतर-मंतर तक सीमित नहीं रहेगा आंदोलन: अहमद पटेल
जंतर-मंतर पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान मंच पर मौजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसान एक तरफ हैं और उद्योगपति एक तरफ। अब लोगों को फैसला लेना है कि वे किसका साथ देंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। मोदी सरकार ने कई वादे किए लेकिन अभी उन वादों को पूरा नहीं किया गया। सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने कहा, 'यह आंदोलन केवल जंतर-मंतर तक नहीं सीमित रहना चाहिए। हम इसे प्रत्येक गांव तक ले जाएंगे। बीजेपी केवल जुमला बोलती है, वे केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं।'
अलग-थलग पड़ी सरकार
जमीन अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार अलग-थलग पड़ रही है। एक ओर जहां संसद में विपक्षी दल और जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा है तो दूसरी ओर सरकार में शामिल एनडीए की सहयोगी पार्टियां भी बिल के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं। शिवसेना के बाद रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा भी अध्यादेश के जरिए बिल में किए गए संशोधन का विरोध कर रही है। संसद में विपक्ष और सड़क पर भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विरोध का सामना कर रही मोदी सरकार की सहयोगी पार्टियों ने भी आवाज
उठानी शुरू कर दी है। शिवसेना के बाद लोजपा ने भी कहा है कि बिल में किसानों के हित में कुछ संशोधन किया जाना चाहिए। बुधवार को लोजपा के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि बिल में किसानों के हितों का ख्याल रखा जाना चाहिए। हम इस संबंध में एनडीए के सहयोगी दलों से बात करेंगे। इस बीच शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि हम किसान विरोधी किसी भी बिल का समर्थन नहीं कर सकते। हम एनडीए के सरकार में शामिल हैं और मांग करेंगे कि बिल में कुछ संसोधन किया जाए।
सभी राजनीतिक अलग-अलग बात करेगी मोदी सरकार
इस बीच एक केंद्र सरकार ने सभी पार्टियों से बात करने की योजना बनाई है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार सभी राजनीतिक पार्टियों से भूमि अधिग्रहण विधेयक पास कराने के संबंध में अलग-अलग बात करेगी। पहले इसे लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की योजाना थी लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को एकमत करने की कोशिश करेगी। कहा जा रहा है कि अलग-अलग पार्टियों से मुलाकात का जिम्मा बड़े केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पीएम खुद संभाल सकते हैं।
पीएम मोदी से मिले शरद पवार
इधर, भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर विरोध-प्रदर्शन और विवाद के बीच एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। समझा रहा है कि दोनों के बीच बिल को लेकर बातचीत हुई है। इधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली पंजाब में सहयोगी अकाली दल के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सरकार सहयोगी दलों को एकसाथ लाने की कोशिश कर रही है।

राहुल गांधी को इंचार्ज बनाओ, फिर देखो कि वे काम कर पाते हैं या नहीं: कमलनाथ


नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा है कि पार्टी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बीच झूल रही है। छिंदवाड़ा से पार्टी के सांसद बोले-'जब मैं कोई समस्या लेकर सोनिया गांधी के पास जाता हूं तो वे कहती हैं कि राहुल गांधी के पास जाओ। जब मैं राहुल गांधी के पास जाता हूं तो वे कहते हैं कांग्रेस अध्यक्ष इसे हल करेंगी।'
ये बातें उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहीं। कमलनाथ ने कहा, 'कांग्रेस राहुल और सोनिया के बीच झूल रही है। ऐसा नहीं चल सकता है। राहुल गांधी को इंचार्ज बनाना होगा।' कमलनाथ यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी को पूरी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। तभी हमें पता चल पाएगा कि वे काम (पार्टी को संभालने का) कर सकते हैं या नहीं। आप किसी के बारे में तब तक फैसला नहीं कर सकते जब तक आप उसे पूरी जिम्मेदारी नहीं देते। आप कैसे जान पाएंगे कि एक रिपोर्टर अच्छा संपादक बन सकता है या नहीं।'
राहुल गांधी को इंचार्ज बनाओ, फिर देखो कि वे काम कर पाते हैं या नहीं: कमलनाथ
कमलनाथ पिछले कुछ महीनों से नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वे चाहते थे कि लोकसभा में उन्हें कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना जाए। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का लोकसभा में नेता चुना था।
राहुल की छुट्टी पर बढ़ा विवाद
दूसरी तरफ, राहुल गांधी संसद के बजट सत्र से ठीक पहले छुटि्टयां मनाने कहां गए हैं, इसके बारे में जारी अटकलों के बीच नई जानकारी सामने आई है। प्रियंका गांधी के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेसी नेता और इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के उपाध्यक्ष जगदीश शर्मा ने दावा किया है कि राहुल उत्तराखंड में हैं और उत्तरकाशी में छुट्टियां मना रहे हैं। जगदीश ने इस संबंध में एक कुछ फोटो भी टि्वटर पर अपलोड किए हैं। हालांकि, उन्हें ये फोटो कहां से मिलीं, इस बारे में शर्मा ने बताने से इनकार कर दिया। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने जगदीश शर्मा के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको का कहना है कि जगदीश शर्मा का कांग्रेस और गांधी परिवार से कोई संबंध नहीं है। चाको ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि वह कैसे हमारे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के बारे में इस तरह के बयान जारी कर सकते हैं।

जगदीश शर्मा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''मैंने राहुल जी की फोटो इसलिए टि्वटर पर अपलोड की है, क्योंकि इस तरह की खबरें सामने आ रही थीं कि वे बैंकाक चले गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को शर्म आनी चाहिए, जो राहुल जी के विदेश में होने की बात कर रहे हैं।'' शर्मा द्वारा राहुल गांधी का कथित तौर पर विरोध किए जाने पर उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी और राहुल साथ काम कर सकते हैं। देश के लोग इसका समर्थन करेंगे। शर्मा ने कहा कि वे भले ही प्रियंका जी के बहुत बड़े समर्थक हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी राहुल जी का विरोध नहीं किया। शर्मा ने कहा. "मैं दिल से राहुल जी, सोनिया जी, प्रियंका जी और रॉबर्ट बाड्रा जी से जुड़ा हुआ हूं।"
राहुल के ऑफिस ने कहा, सात साल पुराने हैं फोटो
राहुल गांधी के उत्तरकाशी में छुटिट्यां मनाने के जगदीश शर्मा के दावे को कांग्रेस उपाध्यक्ष के ऑफिस ने नकार दिया है। राहुल गांधी के ऑफिस से जारी एक बयान में कहा गया है कि शर्मा ने जो फोटो जारी किए हैं, वो साल 2008 के हैं। दूसरी ओर, सूत्रों ने कहा है कि राहुल गांधी विदेश में हैं, लेकिन कहां हैं, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इस साल अप्रैल में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक 10-11 अप्रैल को बेंगलुरु में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान राहुल को यह पद सौंपा जाएगा। राहुल गांधी की मां सोनिया 1998 से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

क़ुरआन का सन्देश

 
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