दोस्तों इसे अपराध नियंत्रण मैनेजमेंट की सफलता कहो या फिर खुशनसीबी लेकिन
सच यही है के कोटा रेंज में विकट परिस्थितियों में भी पुलिस महानिरीक्षक
डॉक्टर रवि प्रकाश अमन चेन स्थापित कर अपराधियों की नाक में नकेल डालने और
आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित करने में कामयाब रहे है ,,,इसके लिए वोह बधाई
के पात्र है ,,डॉक्टर रवि प्रकाश डबल बधाई के पात्र इसलिए हो गए है
क्योंकि कोटा से ही उन्हें पदोन्नत किया गया है ,,वोह जल्द ही
अतीरिक्त पुलिस महानिदेशक पद पर महत्वपूर्ण स्थान पर तैनात
किये जाने वाले है ,,,,,,,,,,, डॉक्टर रवि प्रकाश ने ने बी ऐ ऑनर्स करने
के बाद प्रबंधन में बेचलर डिग्री प्राप्त कर एम बी ऐ किया फिर फिर
डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर रवि प्रकाश प्रकाश से डॉक्टर रवि प्रकाश बन
गए ,,जैसा नाम रवि प्रकाश यानि सूरज की रोशनी बनकर पुलिस विभाग को
जगमगाते रहे है ,, कोटा में ही आई पी एस ट्रेनिंग फिर यही आई जी रेंज का
सफलतम कार्य फिर कोटा से ही पदोन्नति कोटा और डॉक्टर रविप्रकाश के लिए
गौरव की बात है ,,,कोटा रेंज जो मध्यप्रदेश की सीमाओं से सत्ता हुआ है
,,,कोटा जो शिक्षा नगरी है ,,यहां अपराध के विभिन्न तरीके है ,,शातिर
अपराधी है ,सियासत है लेकिन लोकसभा चुनाव ,,पंचायत चुनाव ,,पालिका चुनाव
कामयाबी के साथ शांतिपूर्ण तरीके से हुई ,,भ्रष्टाचार के आरोपी
पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही तुरंत हुई तो अपराधिक प्रवृत्ति के
लोगों की धरपकड़ ,,अवैध हथियारों की बेहिसाब बरामदगी हुई ,,थानो पर ,,फील्ड
में ,,पुलिस लाइन में ,,,कार्यालय में , बेहतर काम करने वालों को शाबाशी
मिली पुरस्कार मिले ,,कल्याणकारी कार्यक्रम ,,रिफ्रेशर ट्रेनिंग
कार्यशालाएं हुई तो पेंडिंग जांचो का निस्तारण हुआ ,,बेहिसाब अवैध
हथियारों और कारतूसों की बरामदगी के साथ अपराधियों की धरपकड़ हुई ,,, पुलिस
की ज़्यादत्ति तो हुई लेकिन पुलिस की ज़्यादती के खिलाफ सुनवाई भी हुई
,,,जनता और पुलिस के बीच में सामंजस्य बिठाया तो रेंज के सभी थानो का
निरिक्षण कर निगरानी रखी ,,अपराधियों पर अंकुश लगा ,,,,ऐसे कामयाब पुलिस
अधिकारी जो जनता में भी लोकप्रिय तो पुलिस में भी लोकप्रिय रहे डॉक्टर
रवि प्रकाश को बधाई ,,मुबारकबाद ,,,ऐसी शख्सियत को सरकार भी प्रमुख उपयोग
में लेगी ऐसी अपेक्षा भी ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 फ़रवरी 2015
संभागवार बैठक में वरिष्ठ कोंग्रेसी पदाधिकारियों के सामने कांग्रेस के नेताओं की धर्मनिरपेक्षता की पोल खुल गयी
कल बुधवार कोटा में आयोजित कांग्रेस की संभागवार बैठक में वरिष्ठ कोंग्रेसी
पदाधिकारियों के सामने कांग्रेस के नेताओं की धर्मनिरपेक्षता की पोल खुल
गयी कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी नज़र आई ,,,,एक तरफ बहुसंख्यक कांग्रेस एक
तरफ अल्पसंख्यक कांग्रेस ,,एक तरफ अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की बात कर
बहुसंख्यकों की उपेक्षा के सवाल उठे तो दूसरी तरफ मुस्लिमों ने
प्रत्याक्षियों को हिंदुत्व के कारण मुस्लिम प्रत्याक्षियों को हराने की
बात अप्रत्यक्ष रूप से उठाई ,,,एक तरफ अल्पसंख्यक समाज जिसके
पच्यानवे प्रतीशत वोट कांग्रेस सिर्फ कांग्रेस को ही पढ़ते है ,,दूसरी तरफ
बहुसंख्यक वोट जिसके बीस प्रतीशत वोट भी कांग्रेस को नहीं पढ़ते और फिर भी
नब्बे प्रतीशत पोस्टों पर इन्ही का क़ब्ज़ा होता है ,,सरकारी पद भी इनके पास
और संगठन के पदों पर भी इनका ,, टिकिट भी इनको मिलते है और अल्पसंख्यकों
को टिकिट मिले तो यही कोंग्रेसी उन्हें डंके की चोट पर हरा देते है
,,,कांग्रेस को कांग्रेस होना चाहिए हिन्दू मुस्लिम नहीं ,,विधान में जो
व्यवस्था है उसे मानना चाहिए ,,,,,कोटा में बहुमत के बाद भी नईमुद्दीन
की हार उदाहरण है ,,,कोंग्रेसी को कोंग्रेसी होना चाहिए किसी जाती धर्म का
नहीं ,,,कल अधिकतम वक्ताओं ने कांग्रेस को सिर्फ और सिर्फ विभाजित ही किया
है और यह ज़हरीला बीज कोटा कांग्रेस के लियें खतरनाक साबित होगा,,,
ऐसे में भविष्य में कोई भी विचार सार्वजनिक नहीं सिर्फ अकेले में ही सुनने की कार्ययोजना तैयार करना होगी ताकि कांग्रेस में संघ से जुड़े कट्टर विचारधारा के नेता संगठन में खुलेरूप से वैमनस्यता नहीं घोल सकें ,,,,हम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बात करते है ,,, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कूल 132 पदाधिकारी सदस्य है ,,जिनमे एक अध्यक्ष ,,पन्द्राह उपाध्यक्ष ,,छब्बीस महासचिव ,,,तियालीस सचिव ,,,दो प्रवक्ता ,,,चोवदाह कार्यकारिणी सदस्य ,,बाराह स्थाई आमंत्रित सदस्य है जबकि उन्नीस विशेष आमंत्रित सदस्य है इन 132 में से केवल दस मुस्लिम लोगों को शामिल किया गया है जबकि विधान के अनुसार कमसे कम यह संख्या इक्कीस होना चाहिए चाहिए थी ,,वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में एक उपाध्यक्ष ,,,,,दो महासचिव ,,,पांच सचिव ,, 2 कार्यकारिणी सदस्य बनाये गए है ,,,कांग्रेस को अपने विधान को खंगालना होगा वफादार वोटरों को पहचानना होगा उन्हें प्रतिनिधित्व देना होगा ,,तब कही कांग्रेस ज़िंदाबाद होगी वरना कांग्रेस में कुछ भाजपाई एजेंट कांग्रेस को मटियामेट करने का सपना देख रहे है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
ऐसे में भविष्य में कोई भी विचार सार्वजनिक नहीं सिर्फ अकेले में ही सुनने की कार्ययोजना तैयार करना होगी ताकि कांग्रेस में संघ से जुड़े कट्टर विचारधारा के नेता संगठन में खुलेरूप से वैमनस्यता नहीं घोल सकें ,,,,हम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बात करते है ,,, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कूल 132 पदाधिकारी सदस्य है ,,जिनमे एक अध्यक्ष ,,पन्द्राह उपाध्यक्ष ,,छब्बीस महासचिव ,,,तियालीस सचिव ,,,दो प्रवक्ता ,,,चोवदाह कार्यकारिणी सदस्य ,,बाराह स्थाई आमंत्रित सदस्य है जबकि उन्नीस विशेष आमंत्रित सदस्य है इन 132 में से केवल दस मुस्लिम लोगों को शामिल किया गया है जबकि विधान के अनुसार कमसे कम यह संख्या इक्कीस होना चाहिए चाहिए थी ,,वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में एक उपाध्यक्ष ,,,,,दो महासचिव ,,,पांच सचिव ,, 2 कार्यकारिणी सदस्य बनाये गए है ,,,कांग्रेस को अपने विधान को खंगालना होगा वफादार वोटरों को पहचानना होगा उन्हें प्रतिनिधित्व देना होगा ,,तब कही कांग्रेस ज़िंदाबाद होगी वरना कांग्रेस में कुछ भाजपाई एजेंट कांग्रेस को मटियामेट करने का सपना देख रहे है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
,दोस्तों पिछले दिनों में,,,,
,दोस्तों पिछले दिनों में अपने समाज से जुड़े संगठन पॉपुलर फ्रंट के एक
सामजिक कार्यक्रम में कोटा शहर क़ाज़ी के साथ मौजूद था ,,एक कार्यक्रम पहले
अल्सपसंख्य्कों के कल्याण से संबंधित सेमीनार पर करवाया था जिसमे कांग्रेस
के पदाधिकारी शामिल थे ,,बस एक जनाब अख़बार की कटिंग लेकर अपने आक़ा पूर्व
मंत्री के पास शिकायत करने जा पहुंचे ,,,,मेरे ही समाज के इन गुलाम बने
मेरे भाई से में पूंछना चाहताा हूँ के समाज के मंचो पर इनके आक़ा नेताओं
की भाजपा ,,आर एस एस ,,विश्वहिन्दुपरिषद के नेताओं
से हंसी ठिठोली पर इन्होने कभी सवाल नहीं उठाये ,,पार्टी विधारधारा समाज
की विचारधारा के मुक़ाबिल ख़ास महत्व नहीं रखती ,,इन गुलाम साहब को समझना
चाहिए क्या हम लोग इन गुलामों की तरह हमारे भाइयों से मिलना जुलना ,,उनके
दुखदर्द में हाथ बंटाना सिर्फ इसलिए छोड़ दे क्योंकि वोह हमारी सियासी
विचारधारा के नहीं है ,,,में शर्मिंदा हूँ ऐसी छोटी सोच के मौक़ापरस्त
चुगलखोरों पर ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,
राजलक्ष्मी-तेज की शादी: पीएम मोदी और सोनिया सहित कई दिग्गज पहुंचे
नई दिल्ली।
गुरुवार को उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति की दो बड़ी ताकतें राजधानी
में रिश्तों की डोर में बंध रही थीं। होटल अशोका में आयोजित कार्यक्रम में
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव
के पौत्र तेज प्रताप राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी राजलक्ष्मी
के लिए बरात लेकर पहुंचे। खुद लालू यादव ने बरातियों का स्वागत किया। इस
अवसर पर राजनीति की तमाम बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेजप्रताप और राजलक्ष्मी को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शरद यादव, प्रियंका वाड्रा, लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बड़े नेता विवाह समारोह में शामिल हुए।
लालू-मुलायम और अखिलेश यादव के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। साथ में है लालू और मुलायम परिवार के अन्य सदस्य।
हाई प्रोफाइल मेहमान भी पहुंचे
होटल अशोका में पहुंचने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी साथ ही राबर्ट वाड्रा, बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, बीजेपी सांसद साक्षी
महाराज, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, आजेडी सांसद पप्पू यादव, पंजाब के
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, गिरिराज किशोर,
सीताराम येचुरी, रेवती रमण सिंह, अमर सिंह, राम विलास पासवान. चिराग पासवान
और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी वहां पहुंची ।
रामकृपाल यादव को नहीं मिला न्योता
राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी राजलक्ष्मी की शादी में केंद्रीय
राज्यमंत्री रामकृपाल यादव को न्योता नहीं मिला। 1990 के बाद लालू प्रसाद
के घर का यह पहला मांगलिक कार्यक्रम है, जिसमें रामकृपाल को नहीं पूछा गया।
इससे पहले के सभी आयोजनों में वे कर्ताधर्ता रहते थे। उस दौर में राम और
श्याम की जोड़ी मशहूर थी। लालू के दरबार में कुछ दिनों तक श्याम यानी श्याम
रजक की पूछ भी कम हो गई थी। इधर, फिर से बढ़ गई है। श्याम रजक शादी में शरीक
हुए। रामकृपाल इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। हालांकि, राजनीति
के इस स्तर के बारे में वह सोच भी नहीं पा रहे हैं। रामकृपाल की गिनती उन
राजनीतिक कार्यकर्ताओं में होती है, जो लोगों के सुख-दुख में हमेशा हाजिर
रहते हैं।
लोकसभा चुनाव में बढ़ी कटुता
असल में लोकसभा के पिछले चुनाव के समय दोनों के बीच कटुता बढ़ी। लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं। वह रामकृपाल यादव के हाथों पराजित हो गईं। उम्मीदवारी के समय मीसा भारती रामकृपाल यादव को मनाने उनके नई दिल्ली के आवास पर गई थीं। रामकृपाल नहीं मिले थे। समझा जाता है कि न्योता न देने का कारण यही रहा है। हालांकि, रामकृपाल यादव के एक करीबी ने कहा- अगर लालूजी को भाजपा से परहेज रहता तो उस पार्टी के किसी नेता को आमंत्रण नहीं मिलता। लेकिन, इस शादी में तो रामकृपाल को छोड़कर भाजपा के सभी सांसदों, विधायकों को न्योता दिया गया है।
असल में लोकसभा के पिछले चुनाव के समय दोनों के बीच कटुता बढ़ी। लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं। वह रामकृपाल यादव के हाथों पराजित हो गईं। उम्मीदवारी के समय मीसा भारती रामकृपाल यादव को मनाने उनके नई दिल्ली के आवास पर गई थीं। रामकृपाल नहीं मिले थे। समझा जाता है कि न्योता न देने का कारण यही रहा है। हालांकि, रामकृपाल यादव के एक करीबी ने कहा- अगर लालूजी को भाजपा से परहेज रहता तो उस पार्टी के किसी नेता को आमंत्रण नहीं मिलता। लेकिन, इस शादी में तो रामकृपाल को छोड़कर भाजपा के सभी सांसदों, विधायकों को न्योता दिया गया है।
बिहार से कई लोग बिना बुलाए पहुंचे
लालू प्रसाद यादव के इससे पहले हुए पारिवारिक कार्यक्रमों में आरजेडी
कार्यकर्ताओं की मौजूदगी खास होती थी। लेकिन इस बार खास मेहमानों के लिए ही
व्यवस्थाओं को देखते हुए कार्यकर्ताओं की संख्या को सीमित रखा गया है।
हालांकि, आरजेडी कार्यकर्ताओं का कहना है कि भले ही उन्होंने हमें शादी में
बुलाया हो या न बुलाया हो, लेकिन बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता शादी
में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। शादी में शामिल होने पहुंचे
सारण जिले के मुखिया सुरेश राय का कहना है कि लालूजी ने हमें बुलाया नहीं
था, लेकिन हम जानते हैं कि लालू जी हमें प्यार करते हैं और हम उनका सम्मान
करते हैं इसलिए हम बिना बुलाए ही शादी में शामिल होने आए हैं। उनके मुताबिक
कई जिलों के मुखिया, समिति मेंबर, वॉर्ड मेंबर और राजद कार्यकर्ता यहां
पहुंचे हैं।
फ्रांस की कंपनी ने की है सजावट
लालू की बेटी की शादी में डेकोरेशन का जिम्मा फ्रांस की जानी मानी
वेडिंग प्लानर और डेकोरेशन मैनेजमेंट कंपनी फर्न्स एन पेटल्स के पास है।
होटल अशोका के कोर्ट यार्ड में ही शादी की दूसरी रस्में आयोजित की जाएंगी।
यहां डेकोरेशन का सारा जिम्मा यही कंपनी संभाल रही है।
सूर्य से 1 करोड़ गुना बड़ा ब्लैक होल मिला, बिग बैंग से 90 करोड़ साल बाद बना
इंटरनेशनल साइंटिस्ट्स की एक टीम को ब्रह्माण्ड में सूरज से 1 करोड़
20 लाख गुना बड़े ब्लैक होल की जानकारी मिली है। यह अद्भुत ऑब्जेक्ट क्वासर
(पॉवरफुल गैलेटिक रेडिएशन सोर्स) के सेंटर में है, जो सूर्य की ऊर्जा के
मुकाबले कई अरब ज्यादा रेडिएशन पैदा करता है। बिग बैंग के 90 करोड़ साल बाद
यह ब्लैक होल बना है। साइंटिस्ट ने इसे यूनिवर्स का सबसे ज्यादा चमकने
वाला ऑब्जेक्ट कहा है। हालांकि यह कैसे बना, इसके बारे में साइंटिस्ट अभी
कुछ नहीं बता पा रहे हैं। इस खोज में शामिल एक साइंटिस्ट का कहना है कि अब
तक साइंस की जितनी भी थ्योरीज हैं, उससे इसे नहीं समझा जा सकता। कुआसर को
साइंटिस्ट ने 1963 में ढूंढ लिया था, लेकिन इसके बारे में अब तक रहस्य बना
हुआ था।
साइंटिस्ट ने नाम रखा है SDSS J0100+2802
इस नए ऑब्जेक्ट का नाम SDSS J0100+2802 रखा गया है। कहते हैं कि बिंग
बैंग के 90 करोड़ साल बाद इसका जन्म हुआ और यह पृथ्वी से 12.8 अरब प्रकाश
वर्ष की दूरी पर है। खोज में शामिल ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी के
वैज्ञानिक फुयन बियान ने कहा है कि इतने कम समय में इतना बड़ा ब्लैक होल
कैसे बना, इसे मौजूदा थ्योरीज से समझ पाना मुश्किल है। इससे पहले साइंटिस्ट
को क्वासर के बारे में तब पता चला था, जब वे अधिक दूरी पर स्थित चमकीले
पदार्थों का सर्वे कर रहे थे। हालांकि, अब तक साइंटिस्ट कुल मिलाकर करीब 2
लाख क्वासर की खोज कर चुके हैं, लेकिन कोई भी इतना बड़ा नहीं था।
चीन के प्रोफेसर ने सर्च मिशन को किया लीड
चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जू बिंग वु ने इस सर्च मिशन को लीड किया। उन्होंने कहा कि हम काफी एक्साइटेड हैं, क्योंकि यह क्वसर यूनिक है। इस क्वसर के जरिए साइंटिस्ट्स को यूनिवर्स के शुरुआती समय की स्टडी करने में मदद मिलेगी। साइंटिस्ट्स कयास लगा रहे हैं कि यूनिवर्स के शुरुआती दिनों में क्वसर का विकास तेजी से होता था।
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