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28 फ़रवरी 2015

कांग्रेस की संभागवार बैठक में वरिष्ठ कोंग्रेसी पदाधिकारियों के सामने कांग्रेस के नेताओं की धर्मनिरपेक्षता की पोल खुल गयी

बुधवार कोटा में आयोजित कांग्रेस की संभागवार बैठक में वरिष्ठ कोंग्रेसी पदाधिकारियों के सामने कांग्रेस के नेताओं की धर्मनिरपेक्षता की पोल खुल गयी कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी नज़र आई ,,,,एक तरफ बहुसंख्यक कांग्रेस एक तरफ अल्पसंख्यक कांग्रेस ,,एक तरफ अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की बात कर बहुसंख्यकों की उपेक्षा के सवाल उठे तो दूसरी तरफ मुस्लिमों ने प्रत्याक्षियों को हिंदुत्व के कारण मुस्लिम प्रत्याक्षियों को हराने की बात अप्रत्यक्ष रूप से उठाई ,,,एक तरफ अल्पसंख्यक समाज जिसके पच्यानवे प्रतीशत वोट कांग्रेस सिर्फ कांग्रेस को ही पढ़ते है ,,दूसरी तरफ बहुसंख्यक वोट जिसके बीस प्रतीशत वोट भी कांग्रेस को नहीं पढ़ते और फिर भी नब्बे प्रतीशत पोस्टों पर इन्ही का क़ब्ज़ा होता है ,,सरकारी पद भी इनके पास और संगठन के पदों पर भी इनका ,, टिकिट भी इनको मिलते है और अल्पसंख्यकों को टिकिट मिले तो यही कोंग्रेसी उन्हें डंके की चोट पर हरा देते है ,,,कांग्रेस को कांग्रेस होना चाहिए हिन्दू मुस्लिम नहीं ,,विधान में जो व्यवस्था है उसे मानना चाहिए ,,,,,कोटा में बहुमत के बाद भी नईमुद्दीन की हार उदाहरण है ,,,कोंग्रेसी को कोंग्रेसी होना चाहिए किसी जाती धर्म का नहीं ,,,कल अधिकतम वक्ताओं ने कांग्रेस को सिर्फ और सिर्फ विभाजित ही किया है और यह ज़हरीला बीज कोटा कांग्रेस के लियें खतरनाक साबित होगा,,,
ऐसे में भविष्य में कोई भी विचार सार्वजनिक नहीं सिर्फ अकेले में ही सुनने की कार्ययोजना तैयार करना होगी ताकि कांग्रेस में संघ से जुड़े कट्टर विचारधारा के नेता संगठन में खुलेरूप से वैमनस्यता नहीं घोल सकें ,,,,हम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बात करते है ,,, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कूल 132 पदाधिकारी सदस्य है ,,जिनमे एक अध्यक्ष ,,पन्द्राह उपाध्यक्ष ,,छब्बीस महासचिव ,,,तियालीस सचिव ,,,दो प्रवक्ता ,,,चोवदाह कार्यकारिणी सदस्य ,,बाराह स्थाई आमंत्रित सदस्य है जबकि उन्नीस विशेष आमंत्रित सदस्य है इन 132 में से केवल दस मुस्लिम लोगों को शामिल किया गया है जबकि विधान के अनुसार कमसे कम यह संख्या इक्कीस होना चाहिए चाहिए थी ,,वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में एक उपाध्यक्ष ,,,,,दो महासचिव ,,,पांच सचिव ,, 2 कार्यकारिणी सदस्य बनाये गए है ,,,कांग्रेस को अपने विधान को खंगालना होगा वफादार वोटरों को पहचानना होगा उन्हें प्रतिनिधित्व देना होगा ,,तब कही कांग्रेस ज़िंदाबाद होगी वरना कांग्रेस में कुछ भाजपाई एजेंट कांग्रेस को मटियामेट करने का सपना देख रहे है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राज्य उपभोक्ता फोरम की सर्किट बेंच तो है लेकिन पद रिक्त हो जाने से कमसे कम जून माह तक तो कोटा में सुनवाई सम्भव नहीं

उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने की बात करने वाली इस सरकार में उपभोक्ताओं को उनके साथ हो रही ठगी ,,सेवाओं में त्रुटि के दोष के लिए अभी फीलहाल क़ानून के मुताबिक़ जल्दी समय पर इन्साफ मिलना मुमकिन नहीं हुआ है ,,कोटा में राज्य उपभोक्ता फोरम की सर्किट बेंच तो है लेकिन पद रिक्त हो जाने से कमसे कम जून माह तक तो कोटा में सुनवाई सम्भव नहीं है ,,,,राजस्थान में अशोक गेहलोत सरकार ने वकीलों से किए गए वायदे के वायदे के मुताबिक़ कोटा में राजस्थान उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच खोलने के निर्देश दिए थे जिसके तहत कोटा में सुनवाई लगातार चल रही थी लेकिन अब जस्टिस परिहार की सेवानिवृत्ति के बाद चावला जो कोटा सुनवाई के लिए आते थे वोह जयपुर ही सुनवाई कर रहे है इसलिए सम्भवत राठोड साहब की नई नियुक्ति तक होने तक कोटा सर्किट बेंच में उपभोक्ता मामलों की सुनवाई बंद रहेगी ,,,,,,,,,,,,,,कोटा में इन दिनों हज़ारों हज़ार उपभोक्ता मामले विचाराधीन है यहां जिला स्तर पर दो उपभोक्ता फोरम में मामलों की सुनवाई है लेकिन सरकार की कल्याणकारी नीति की क्रियानविती नहीं होने से उपभोक्ता परेशान है ,,,,,,,,,,,,,,उपभोक्ता नियम के तहत किसी भी उपभोक्ता की तरफ से अब रसद अधिकारी ,,रसद निरीक्षक ,,समाजसेवी संगठन द्वारा उपभोक्ता को न्याय दिलवाने के लिए मुक़दमा करने का प्रावधान है क्योंकि उपभोक्ता कोंसिल का सदस्य संभागीय आयुक्त के साथ रसद अधिकारी समाज सेवी भी होते है ,,,,कहने को तो उपभोक्ता क़ानून सादे कागज़ पर शिकायत लिख कर परिवाद पेश करने का है लेकिन अब इस नियम को विधिवत कर देने ,,,,निर्धारित शुल्क तय कर देने ,,तीन तीन पत्रावलियां शपथपत्रों के साथ पेश करने की बाध्यता ,,खुद रजिस्ट्री लिफ़ाफ़े पेश कर तलबी करने की बाध्यता के कारण उपभोक्ता के लिए त्वरित और सस्ते न्याय की बात ख़्वाब बनकर रह गयी है ,,,,,वकील का खर्च ,,टाइप खर्च ,,शुल्क ,,,,फाइलों का खर्च छोटे मामलों में तो उपभोक्ता मामला पेश करने की हिम्मत ही नहीं करता ,,,,सरकार द्वारा अधिकृत समाजसेवी संस्थाए ,,रसद निरीक्षक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं करते नतीजा दो वर्षो में किसी भी सरकारी संस्था या रसद निरीक्षक ने उपभोक्ताओं को न्याय दिलवाने के लिए कोई मुक़दमा अब तक पेश नहीं किया है ,,,,,,उपभोक्ता क़ानून के तहत उपभोक्ता फॉर्म एक सिविल न्यायालय है यानी दस से पांच बजे तक की सुनवाई होगी जबकि सदस्यों और चेयरमेन कर्मचारियों को वेतन भत्ते भी दस से पांच के ही मिलते है लेकिन मेने कोटा उपभोक्ता फोरम को आज तक दस से पांच तक सुनवाई करते नहीं देखा ऐसा लगता है जैसे कोई पार्ट टाइम सुनवाई लंच बाद होती हो जो गलत है और उपभोक्ताओं के साथ विश्वासघत है ,, सर्किट बेंच का भी यही हाल है फूल टाइम सुनवाई नहीं तो फिर मामले तो पेंडिंग रहेंगे ही ,,उपभोक्ता क़ानून की धारा 13 कहती है के तलबी में इक्कीस दिन का नोटिस देकर अधिकतम पैतालीस दिन में जवाब तलब कर समूचे प्रकरण की सुनवाई तीन माह में पूरी करना होगी लेकिन यहां तो एक तारीख ही तीन माह की जाती है ,,,बरसों से उपभोक्ता मामले अदालतों में घिसट रहे है ,,,अगर विशेषज्ञ राय का मामला होगा तो मामला पांच माह में निस्तारित करना होगा उपभोक्ता क़ानून उन्नीस सो छियासी में आम जनता को खरीद फरोख्त सेवाओं में त्रुटि का दोष और क्वालिटी कंट्रोल के लिए बनाया गया था जिसे उन्नीस सो इक्रानवे फिर दो हज़ार दो में संशोधित किया गया ,,,जिला स्तर पर बीस लाख ,,,राज्य स्तर पर एक करोड़ और इससे ऊपर के मामलों के वाद राष्ट्रीय आयोग में पेश करने का प्रावधान है ,,ताज्जुब है सरकारें ,,उपभोक्ता जागरूक समितिया ,,अख़बार ,,समाजसेवक इस मामले में चुप्पी क्यों साधे इस तरह के मामलों की सुनवाई निर्धारित समयावधि में क्यों तय नहीं होती ,,नियमों का सरकीकरण कर मुफ्त में जल्दी उपभोक्ता को न्याय मिले ऐसा क़ायदा ऐसा क़ानून क्यों नहीं बनाया जाता ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था आज कोटा में गुमनामी के अँधेरे में है

एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था आज कोटा में गुमनामी के अँधेरे में है ,,कभी कांग्रेस का स्तम्भ रहे रामकिशन वर्मा का हाल ही में कोटा कांग्रेस के धिन्तन मंथन सेमिनार में कोई नाम लेवा भी नहीं था उन्हें पूर्व मंत्री की हैसियत से भी कोटा या फिर प्रदेश कांग्रेस ने याद तक नहीं किया ,,दोस्तों रामकिशन वर्मा जो कभी राजनीति के अखाड़े के सुपरहिट पहलवान थे ,,जिनके कई पट्ठे आज राजनितिक अखाड़ों के सिरमौर है ,,जो अपने दांव पेच और पटेबाज़ी से हर चुनाव जीतकर मुखर होते थे ,,,वही रामकिशन वर्मा आज गुमनामी के अँधेरे में है ,,,,कोटा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ,,,कोटा राजकीय महाविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष ,,राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर केबीनेट मंत्री रहे रामकिशन वर्मा को कोटा के विकास ,,कोटा कांग्रेस की मज़बूती के दौर में अगर याद ना किया जाए तो यह नाइंसाफी की बात होगी ,,,,,,,,सादगी ,,ईमानदारी ,,यारबाज़ी का प्रतीक रहे रामकिशन वर्मा अशोक गेहलोत ,,भेरो सिंह शेखावत के निजी मित्रों में प्रमुख रहे है ,,,,रामकिशन वर्मा शिवचरण माथुर ,,हरिदेव जोशी ,,अशोक गेहलोत मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री रहे है ,,राजस्थान आवासन मंडल ,,स्वायत शासन ,,,खाद्य आपूर्ति रसद ,,,,युवा खेल मामलात ,,,,स्टेटिक्स ,,,भाषाई अल्पसंख़्यक वक़्फ़ जैसे ना जाने कितने मंत्रालयों के कामयाब मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के कार्यकाल में ही कोटा नगर परिषद नगर निगम बनी ,,,,हाउसिंग बोर्ड की योजनाये शुरू हुई नए कोटा के नाम पर कॉलोनियां विकसित हुई ,,पानी की समस्या के लिए बढ़ी पाइप लाइन ,,गंदे पानी की निकासी के लिए सीवरेज लाइन बनी ,,चंबल गार्डन सहित ना जाने कितने खूबसूरत उद्यान बने ,,,सौंदर्यकरण योजनाये लागू हुई ,,,,रामकिशन वर्मा जो सियासत में यारबाज़ की छवि रखते है ,,उन्होेन अपने कई मित्रों को पहले उंगली पकड़कर चलना सिखाया फिर राजनीति के आला मुक़ाम पर स्थापित किया है ,,,वोह महमाँनवाज़ी में अव्वल कहे जाते थे ,,उनके जयपुर स्थित निवास पर कोटा को जो भी जाता था उसकी समस्या सुनवाई बाद में पहले उसे खाना खिलाया जाता था ,,,,किसी के काम में ना नुकुर नहीं ,,राजनितिक द्वेषता से किसी का नुकसान नहीं ,,,अधिकारियों पर कोई रॉब नहीं ,,,परिवार का मंत्री पद पर कोई असर कोई सिफारिश नहीं ,,,गाँधीवादी कांग्रेस ,,रामपुरा के सेव ,,,,कचोरी ,,,,,ठहाके ,,इनकी दिनचर्या रही है ,,,मंत्री बनते ही इनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पत्रकारों को बुलाकर दोस्ताना सुलूक करते और विभाग के बारे में सवाल पूंछने पर मासूमियत से विनम्र होकर हाथ जोड़ते हुए जवाब देते ,,,,आप आओ ,,,,खाओ पियों ,,अपने सभी काम करवाओ ,,लेकिन मुझ से विभाग के बारे में सवाल मत करो ,,यह अधिकारीयों के काम है ,,मुझे पता नहीं कोनसे स्विच से कोनसा पंखा चलता है ,,वोह हँसते कोटा की विकास योजनाये बनाते ,,तलवंडी ,,वक्फनगर ,,,विज्ञाननगर ,,महावीर नगर ,दादाबाड़ी ,,,बसंत विहार ,,केशवपुरा सहित कई ऐसी कॉलोनियां है जो इनके कार्यकाल में शहरीकरण योजना के तहत विकसित हुई है ,राजस्थान में इन्होने खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया ,,निर्भीक ,,नीडर ,,बेबाक होकर अपनी बात कहना ,,अपनों के साथ अपनी बात करना ,,,,यारबाज़ी के सिद्धांत के तहत अपने लोगों को पुरस्कृत करना इनका स्वभाव रहा है ,,,,,यह कोटा लाडपुरा ,,रामगंजमंडी से कई बार विधायक रहे है ,,,,,कोटा देहात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे है ,,,,,,,,,प्रदेश की कई समितियों में रहे है ,,,,कोटा ईदगाह को इनके कार्यकाल में ही चंबलगार्डन की ज़मीन के बदले प्रतीकात्मक राशि जमाकर भूमि आवंटित की गई थी ,,इनके वक़्फ़ देवस्थान मंत्री कार्यकाल में कई मंदिरों का उद्धार हुआ तो कई दरगाह ख़ानक़ाह को प्रयत्नों से जोड़ा गया ,,,यातायात मंत्री के कार्यकाल में कई गाँव बस सेवा से जोड़े गए ,,,शहरी यातायात को सुगम बनाया गया ,,,,,रामकिशन वर्मा कई बार केबिनेट मंत्री रहे महत्वपूर्ण बिभागों में रहे सभी मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रह प्रतीपक्ष में रहने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रहे ,,लेकिन कभी घमंड नहीं ,,कभी विवाद नहीं ,,कभी किसी के वाजिब काम से इंकार नहीं ,,कभी किसी से मुलाक़ात मिलने में नखरेबाजी नहीं ,,,आज भी आप रामपुरा की ऐतिहासिक पीपली के पास अपना सात्विक साधू की तरह राजनितिक जीवन जी रहे है और उदारता विनम्रता से आने वाली सियासी पीढ़ी के लिए एक मिसाल बने है ,,,ऐसी शख्सियत को अगर सचिन पायलेट जिनके वालिद ,,जिनकी वालदा के रामकिशन वर्मा मुखर साथी रहे है ,,जिसे गोद में खिलाया हो ,,जो कभी गुर्जर समाज के एक छत्र नेता रहे हो तो दिल दुखता है ,,अफ़सोस होता है के ऐसी शख्सियत जिसने राह चलते लोगों को बुलाकर आला मुक़ाम दिया आज वोह खुद गुमनामी के अँधेरे में है ,,जिनकी रौशनी से राजस्थान रोशन था आज वोह दिया गुमनामी में टिमटिमा रहा है ,,मुझे यक़ीन है के एक शख्स विनम्र शख्स ऐसा भी है जो इस आलेख को पढ़कर इस बुझते हुए चिराग के दिए में तेल डालेगा और फिर इनके अंधकार को दूर कर इनकी शख्सियत को रोशन करेगा ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों आप से मिलिए आप है एडवोकेट नोटेरी मनोज पूरी

दोस्तों आप से मिलिए आप है एडवोकेट नोटेरी मनोज पूरी ,,अभिभाषक परिषद कोटा के पूर्व अध्यक्ष ,,अधिवक्ता परिषद के पूर्व महासचिव ,,,,हिन्दू जागरण मंच के पूर्व अध्यक्ष ,,,बजरंग दल के पूर्व अध्यक्ष ,,अनंत चतुर्दर्शी जुलुस समीति के अध्यक्ष ,,,,,हिन्दू जागरण मंच के अध्यक्ष के नाते मनोजपुरी ने हिन्दू समाज के कल्याण और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये ,,,,कोटा में ईसाई समाज द्वारा धर्मपरिवर्तन की गतिविधियों की जानकारी मिलते ही मनोजपुरी के नेतृत्व में मुखर विरोध किया गया जबकि थॉमस प्रचारक द्वारा लिखित किताब में हिन्दू समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर मनोजपुरी ने उनके साथियों के साथ आंदोलन किया ,,मुक़दमा दर्ज करवाया ,,उन्हें गिरफ्तार करवाया ,,बजरंग दल और हिन्दू जागरण मंच के अध्यक्ष की हैसियत से मनोजपुरी ने कोटा संभाग में कई दर्जन सम्मेलन करवाये ,,,,कई कल्याणकारी कार्यक्रम किये ,,,अनंत चतुर्दर्शी जुलुस जो राजस्थान का सबसे बढ़ा जुलुस है ,,जो बदले हालातों में संवेदनशील जुलुस कहलाता है ,,इस जुलुस में सैकड़ों झांकिया ,,हज़ारों रोमांचक प्रदर्शनकारी ,,लाखों लोग शामिल होते है ,,पुरे राजस्थान की ही नहीं पुरे देश की इस जुलुस पर नज़र रहती है ,,मनोज पूरी की निर्भीकता ,,नीडरता ,,चातुर्कौशल और कुशल प्रबंधन की वजह से उन्हें इस जुलुस समिति का संयोजक बना रखा है और विकट परिस्थितियों में भी मनोज पूरी के नेतृत्व में यह जुलुस कामयाबी के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रोमांचक प्रदर्शनों और आत्मरक्षा विधा के प्रशिक्षण के साथ लगातार निकाला जाता रहा है ,,,मनोज पूरी पेशे से वकील है ,,,कट्टर हिन्दू संगठन से जुड़े है ,,लेकिन पहलवानी दिमाग ,,,नियमित कसरत की आदत ,,आध्यात्म का अध्ययन इनकी रूचि है ,,,,इनकी ज़ुबान पर सरस्वती है जब यह बोलते है तो बेरोकटोक ,,बेहिचक ,,निर्भीकता से लोगों को अपनी तरफ खेंचकर बिठाए रखने की क्षमता के साथ इनके भाषण को सभी सराहते है ,,मज़बूत इरादे इनकी ज़िंदगी का अहम मक़सद है ,,,मनोजपुरी चाहे किसी भी संगठन से हो लेकिन मानवीयता दृष्टिकोण से वोह सभी वर्ग ,,सभी धर्म ,,सभी समाजों में सेवा कार्यों के लिए पहचान बना चुके है ,,,उनकी निजी सोच अमन ,,चेन ,,सुकून की है और जो कोई भी धर्म के नाम पर पाखंड या नफरत फैलाने का खेल खेलता है उसका यह भी खिलकर विरोध करते देखे गए है फिर चाहे ऐसा काम करने वाले उनके अपने ही क्यों ना हो ,,,मनोज पूरी दिग्गज प्रत्याक्षी के खिलाफ मुस्लिम समाज के एक मुश्त वोटों से कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष बने और इनके अभिभाषक परिषद अध्यक्ष कार्यकाल में कोटा में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना को लेकर आंदोलन हुआ तो सर्किट बेंच उपभोक्ता की स्थापना हुई जबकि कोटा के वकीलों को रियायती दर पर भूखंडों के आवंटन मामले में इन्होने जांबाज़ आंदोलन किया ,,,,निडरता ,,निर्भीकता ,,,समाजसेवा ,,धर्म के नाम पर पाखंड और ,,धर्म के नाम पर नफरत फैला कर ठगी करने वालों से मनोजपुरी अब बदज़न हो गए है ,,वोह देश में अमन चेन चाहते है ,,सुकून चाहते है ,,तरक़्क़ी चाहते है ,,मज़हबी राजनीति का अंत चाहते है ,,,,,,,,,,,इनकी मुखर भाषण शैली अगर इनके रचनात्मक विचारों की दिशा के अनुरूप प्रचारक के रूप में इस्तेमाल हो तो निश्चित तोर पर एक नए अध्याय ,,एक नए समाज के निर्माण की शुरुआत होगी ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आपसे मिलिए आप है सुशील शर्मा एडवोकेट

दोस्तों आपसे मिलिए आप है सुशील शर्मा एडवोकेट .. आप राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव ,,, राजस्थान बार कोंसिल के निर्वाचित सदस्य और राजस्थान सरकार के पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल भी है ...सुशिल शर्मा ने राजस्थान में कोंग्रेस विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर रहते हुए राजस्थान भर के वकीलों को कोंग्रेस से जोड़ कर कोंग्रेस की ताकत बढ़ाई है ,,जबकि मुफ्त विधिक सेवा का प्रचार भी किया है .. सुशिल शर्मा इन दिनो कोंग्रेस मानवाधिकार और विधि प्रकोष्ठ से जुड़कर ,,कोंग्रेस के चुनावी प्रचार में राजस्थान के दूरदराज़ इलाकों में अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से लगे हुए है ..भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ,,प्रदेश महासचिव और वरिष्ठ वकील सुशील शर्मा कांग्रेस संगठन को मज़बूती देने के लिए ,,अपने साथियों की टीम के साथ कांग्रेस की रीति नीति के प्रचार प्रसार कार्यों में जुटकर राजस्थान में सचिन पायलेट के हाथ मज़बूत करने के सफलतम प्रयासों में जुटे है ,,,सुशील शर्मा ने राजस्थान भर के वकीलों को एक जुट किया उन्हें कांग्रेस की रीती नीति से जोड़ा कांग्रेस की हर ज़िम्मेदारी को महासचिव की हैसियत से सुशील शर्मा ,,,बखूबी कामयाबी के साथ निभाने के लिए वचन बद्ध है ,,मुस्कुराता चेहरा ,,,,,,मृदुल स्वभाव ,,मिलनसार व्यक्तित्व ,,,कांग्रेस की मज़बूती के प्रति पक्का इरादा ,,,रखने वाले सुशील शर्मा अपने व्यक्तित्व के कारण कांग्रेस संगठन में लोकप्रिय है वोह अपनी वकालत का लाभ कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस हित में प्राथमिकता से उपलब्ध कराते है ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कहते है सियासत हो या फिर निजी ज़िंदगी.....

कहते है सियासत हो या फिर निजी ज़िंदगी उसमे बड़बोले पन ,,और आसमान पर थूकना खुदा को ,,अल्ल्लाह को ,,,,भगवान को बुरा और बहुत बुरा लगता है ,,,एक नरेंद्र मोदी जी जो खुद को खुशनसीब कह कह कर इतराते थे ,,आज उनका हश्र देख लो खुदा क्या कर रहा है ,,इसी तरह हमारे राजस्थान के पूर्व पंचायत मंत्री भरत सिंह सभी सरपंच पतियों पर खुलेआम बरसते थे ,,कहते थे के सरपंच पतियों ,,पत्नियों के काम में दखल ना दो ,,महिला सरपंचों को बाहर निकालों ,,,,,सभी मीटिंगों , में अधिकारीयों ,,मंत्रियों से वार्ताओं में अकेले महिला सरपंच को भेजो सरपंची में सरपंच पति बनकर कोई दखल न दो ,,,भरत सिंह के इस तकिया कलाम पर कई सरपंच पति नाराज़ होते थे ,,लेकिन उनका स्वभाव ऊँची आवाज़ इस मामले में बनी रही ,,,अब देखिये खुदा ने वक़्त पलटा है ,, पूर्व मंत्री भरत सिंह तो कुंदनपुर गाँव के पंच बने है ,,इनकी पत्नी सरपंच बनी है ,,अब भरत सिंह का वक़्त पलटा ,,खुदा ने वक़्त पलटा ,,अब खुद भरत सिंह सरपंच पति है इनकी पत्नी सरपंच है ,,,और इनकी पत्नी भी सीधे किसी अधिकारी ,,किसी मंत्री ,,किसी जनता से संवाद नहीं कर रही है ,,सरपंच पति भरत सिंह को ही यह सब करना पढ़ रहा है ,,वोह बात अलग है के निर्विरोध पंचायत का चुनाव होने से वहां एक करोड़ अलग से विकास के लिए मिलेंगे जबकि इसी पंचायत के जिलाप्रमुख बने है ,,गाँव की सरकार आज भी उनकी मुट्ठी में है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कलमा

1 : पहला कलमा तय्यब :
ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि !!
तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई माबूद
नहीं और हज़रत मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम
अल्लाह के नेक बन्दे और आखिरी रसूल है.
2 : दूसरा कलमा शहादत :
अश-हदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु
ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व
रसूलुहु.
तर्जुमा : मैं गवाही देता हु के अल्लाह के
सिवा कोई माबूद नहीं. वह अकेला है
उसका कोई शरीक नहीं. और मैं गवाही देता हु
कि (हज़रत) मुहम्मद सलल्लाहो अलैहि वसल्लम
अल्लाह के नेक बन्दे और आखिरी रसूल है।
3: तीसरा कलमा तमजीद :
सुब्हानल्लाही वल् हम्दु लिल्लाहि वला इला-
ह इलल्लाहु वल्लाहु अकबर, वला हौल वला कूव्-
व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम.
तर्जुमा : अल्लाह पाक है और सब तारीफें
अल्लाह ही के लिए है और अल्लाह के
सिवा कोई माबूद नहीं. इबादत के लायक
तो सिर्फ अल्लाह है और अल्लाह सबसे बड़ा है
और किसी में न तो ताकत है न बल लेकिन ताकत
और बल तो अल्लाह ही में है जो बहुत शान
वाला और बड़ा है.
4 : चौथा कलमा तौहीद :
ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू लहुल
मुल्क व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हु-व हय्युल-
ला यमूतु अ-ब-दन अ-ब-दा जुल-जलालि वल इक्
रामि वियदि-हिल खैर व हु-व
अला कुल्लि शैइन क़दीर.
तर्जुमा : अल्लाह के सिवा कोई माबूद
नहीं इबादत के लायक, वह एक है, उसका कोई
साझीदार नहीं, सबकुछ उसी का है. और
सारी तारीफ़ें उसी अल्लाह के लिए है.
वही जिलाता है और वही मारता है. और वोह
जिन्दा है, उसे हरगिज़ कभी मौत नहीं आएगी.
वोह बड़े जलाल और बुजुर्गी वाला है. अल्लाह के
हाथ में हर तरह कि भलाई है और वोह हर चीज़ पर
क़ादिर है.
5 : पांचवाँ कलमा इस्तिग़फ़ार :
अस्तग़-फिरुल्ला-ह रब्बी मिन कुल्लि जाम्बिन
अज-नब-तुहु अ-म-द-न अव् ख-त-अन सिर्रन औ
अलानियतंव् व अतूवु इलैहि मिनज-जम्बिल-
लजी ला अ-अलमु इन्-न-क अन्-त अल्लामुल
गुयूबी व् सत्तारुल उवूबि व् गफ्फा-
रुज्जुनुबि वाला हो-ल वला कुव्-व-त
इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम.
तर्जुमा : मै अपने परवरदिगार (अल्लाह) से अपने
तमाम गुनाहो कि माफ़ी मांगता हुँ जो मैंने
जान-बूझकर किये या भूल कर किये, छिप कर
किये या खुल्लम खुल्ला किये और
तौबा करता हु मैं उस गुनाह से, जो मैं जनता हु
और उस गुनाह से जो मैं नहीं जानता.
या अल्लाह बेशक़ तू गैब कि बाते जानने
वाला और ऐबों को छिपाने वाला है और
गुनाहो को बख्शने वाला है और (हम मे)
गुनाहो से बचने और नेकी करने कि ताक़त
नहीं अल्लाह के बगैर जो के बोहोत बुलंद
वाला है.

चुकंदर में है एंटी एजिंग फॉर्मूला और एसिडिटी दूर करने के गुण




लाइफस्टाइल डेस्क: चुकंदर को सारी दुनिया सलाद के तौर पर अपनाती है। लाल और सफेद रंग के चुकंदर की खेती काफी राज्यों में की जाती है। सफेद चुकंदर से व्यवसायिक तौर पर शर्करा प्राप्त की जाती है, जबकि लाल चुकंदर सलाद और सब्जी के तौर पर अपनाया जाता है। आम लोगों को चुकंदर के औषधीय महत्व के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हैं। सुदूर ग्रामीण और वनांचलों में चुकंदर से अनेक हर्बल नुस्खे तैयार किए जाते हैं। चलिए आज जानते हैं चुंकदर के औषधीय गुणों के बारे में।
चुकंदर में है एंटी एजिंग फॉर्मूला और एसिडिटी दूर करने के गुण
एंटी एजिंग प्रॉपर्टी
चुकंदर को एंटी एजिंग के लिए एक महत्वपूर्ण और कारगर फार्मूला माना गया है। यह शारीरिक कोशिकाओं को तरोताजा रखने में सहायक तो होता ही है। इसके अलावा रक्त संचार को सुचार रखने में बेहतर साबित होता है।
एसिडिटी दूर करता है
आदिवासी एसिडिटी होने पर चुकंदर के जूस के सेवन की सलाह देते हैं। चुकंदर ना सिर्फ किडनी की सफाई में मदद करता है, बल्कि यकृत को स्वस्थ बनाने में भी मदद करता है।
डांग गुजरात में हर्बल जानकार चुकंदर को कैंसर जैसे भयावह रोग से ग्रसित रोगी को खिलाने की सलाह देते हैं। इनका मानना है कि चुकंदर कैंसर नियंत्रण में काफी मददगार होता है। आधुनिक शोध भी कैंसर के लिए चुकंदर को महत्वपूर्ण मानते हैं। चुकंदर में पाया जाने वाला लाल रंग बेटाईन नामक रसायन की वजह से होता है, जो कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की वृद्दि रोकने में मददगार साबित हुआ है।
हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद
आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार हृदय रोगों से ग्रस्त रोगियों को कच्चा चुकंदर चबाने से काफी फायदा होता है। हर रोज़ कम से कम 2 चुकंदर चबाने से हॄदयाघात की संभावनाएं कम होती हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए लाभ
आदिवासी हर्बल जानकार चुकंदर सेवन की सलाह गर्भवती महिलाओं को देते हैं। इनके अनुसार चुकंदर का सेवन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी करना चाहिए। यह महिलाओं को ताकत प्रदान करता है और शरीर में रक्त की मात्रा तैयार करने में मददगार साबित होता है। चुकंदर में भरपूर मात्रा में लौह तत्व और फ़ोलिक एसिड पाए जाते हैं, जो रक्त निर्माण के लिए मददगार होते हैं।
चुकंदर को कच्चा चबाना ही ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इसे उबालने से इसमें पाए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिज और फोलिक अम्ल नष्ठ हो जाते हैं। माना जाता है कि जो लोग ज्यादा चुकंदर का सेवन करते हैं, उनके बाल, नाखून आदि ज्यादा चमकदार और स्वस्थ रहते हैं।
अपचन की समस्या दूर होती है
आदिवासी अपचन होने की दशा में रोगियों को कच्चा चुकंदर खाने की सलाह देते हैं। कच्चा चबाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलता है, जो पाचन क्रिया संतुलित कर अपचन की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
वज़न कम करने का उपाय
वजन कम करने के लिए चुकंदर एक बेहतर उपाय है। कच्चा चुकंदर या कम से कम 2 चुकंदर का जूस तैयार कर प्रतिदिन सुबह खाली पेट लिया जाए, तो यह वजन कम करने में सहायक साबित होता है।

मोदी को अपशब्द कहने के मामले में ओवैसी पर FIR, देश के खिलाफ जंग छेड़ने का केस




नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के मामले में केस दर्ज किया है। ओवैसी पर देश के खिलाफ जंग छेड़ने और धार्मिक समुदायों के बीच कटुता पैदा करने से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। यह बयान ओवैसी ने हैदराबाद में पिछले साल जून में दिया था। दिल्ली की एक अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने यह मामला दर्ज किया। कोर्ट ने एक निजी शिकायत पर सुनवाई करते हुए 18 फरवरी को यह आदेश दिया था।
फाइल फोटो: असदुद्दीन ओवैसी।
फाइल फोटो: असदुद्दीन ओवैसी।
जिन धाराओं में यह मामला दर्ज किया गया है, वे हैं-आईपीसी का सेक्शन 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 (देश के खिलाफ जंग छेड़ना), 153 ए (विभिन्न समुदायों के बीच कटुता पैदा करना), 504 (शांति भंग के मकसद से जानबूझकर किसी का अपमान करना)। इसके अलावा, आईटी एक्ट में भी केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, मामले में जांच जारी है। कोर्ट ने मामला दर्ज करने का आदेश अजय गौतम नाम के सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए दिया। शिकायतकर्ता के मुताबिक, ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ यह भड़काऊ भाषण दिया था। इसमें उन्होंने कथित तौर पर पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।

क़ुरआन का सन्देश

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