में अलफ़ाज़ हूँ ,,,,,मुझ में विनम्रता है ,,मुझ में गर्मी है ,,मुझ में
गुस्सा है ,,मुझ में कड़वाहट है ,,मुझ में मिठास है ,,,,मुझ में नफरत है
,,मुझ में प्यार है ,,,हां में अलफ़ाज़ हूँ ,,मुझे उर्दू में अलफ़ाज़ ,,हिंदी
में शब्द कहते है ,,,,,मुझे कुछ भी कहे लेकिन में ,,सभी की जुबां ,,सभी के
हलक से निकलता हूँ ,,मुझ से ही भजन बने है ,,मुझ से ही गीत ,,ग़ज़ल बने है
,,मुझ से ही ग़ज़ल ,,दुआ ,,हम्द ,,नात और क़व्वाली बने है ,,,,में अलफ़ाज़ हूँ
,,मुझ से ही लोगों की बुराई होती है ,,मुझ से ही लोगों की तारीफ़
होती है ,,में कुछ नहीं करता ,,आपके दिमाग और ख्यालों के बाद जैसे बनाकर
आप निकालते हो में निकलता हूँ ,,में योगी आदित्यनाथ ,,,अशोक सिंघल
,,,,असादुद्दीन ओबेसी के मुंह से भी निकल कर नफरत भड़काता हूँ ,,तो लता
मंगेशकर के मुंह से मौसीक़ी सुनाता हूँ ,,में नरेंद्र मोदी के मुंह से निकल
कर सभी को मंत्रमुग्ध करता हूँ ,, मोलवी ,,पंडितों के मुंह से निकल कर
मज़हबी पाठ पढ़ाता हूँ ,,,में अल्फ़ाज़ हूँ ,,मेरा इस्तेमाल आपके हाथ में है
,,मुझ से आप प्यार ,,विनम्रता ,,अपनापन ,,भाईचारा सद्भावना के विचार निकाल
सकते हो ,,,मुझ से आप नफरत ,,फरेब ,,धोखा ,,,जुमला ,,,निकाल सकते हो ,,में
अलफ़ाज़ हूँ ,,आप मेरा कैसा इस्तेमाल पसंद करेंगे प्लीज़ बताएंगे ,,में अलफ़ाज़
हूँ ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 मार्च 2015
तिरंगा मेरा धर्म है ,,,,कांग्रेस मेरा परिवार
तिरंगा मेरा धर्म है ,,,,कांग्रेस मेरा परिवार ,,दलित ,,शोषित और किसान को
इन्साफ दिलाना मेरा मक़सद ,,,युवा मेरी ताक़त ,,किसान मेरे देवता है
,,महिलाये मेरा सम्मान है ,,मेरे देश को मेरा प्रणाम है जी हाँ दोस्तों
आपका बेटा आपका भाई किसान और आम जन के हितो की रक्षा के लिए सदेव तत्पर
आपका अपना धीरज गुर्जर इसी बुलंद इरादों और नारों के साथ विकट
परिस्थितियों और विपरीत हवा में भी बेहिसाब वोटों से जहाजपुर कोटडी
राजस्थान से विधायक बने और कांग्रेस को ज़िंदाबाद किया ,,,,,जन जन के लाडले
,,बुज़ुर्ग ,,महिला ,,युवाओ में लोकप्रिय विधायक के बारे में स्थानीय लोग
कहते है के पक्ष विपक्ष इनका नारा नहीं बस ,,,समस्या लेकर जो भी जाए बस
उसकी समस्या देखना और चुटकियों में उसकी समस्या का समाधान करना इनका स्वभाव
है ,,,,इनके इलाक़े के लोग इनकी इसी अदा पर फ़िदा है और इन्हे ,,,,चुटकियों
में समस्या समाधान ,,, के नाम से भी जाना जाने लगा है ,,,,,दोस्तों अपने
इलाक़े में प्रतिपक्ष में रहकर इलाक़े का विकास ,,लोगों की समस्याओं का
समाधान चेलेंज की बात है लेकिन भाई धीरज गुर्जर युवाओ की आवाज़ ,,लोगों के
दिलों की धड़कन बनकर अपने क्षेत्र में पुरे राजस्थान में कांग्रेस को
ज़िंदाबाद कर रहे है ,,,,,,,,,,,,,मृदुल स्वभावी ,,,संघर्ष शील ,,इरादो के
प्रति मज़बूत ,,कांग्रेस के प्रति वफादारी ,,जांबाजी इनका स्वभाव है इनकी
पहचान है ,,छात्र जीवन में छात्र कांग्रेस से जुड़कर राजस्थान कांग्रेस के
प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली और राजस्थान के युवाओं को एक नई दिशा
,,इन्साफ के लिए संघर्ष और कांग्रेस के प्रति जुड़ाव का पैगाम दिया ,,,छात्र
कांग्रेस का बूथ से लेकर ,,ज़िले ,,संभाग और फिर पुरे राजस्थान का इनका
अनुभव कांग्रेस के लिए कामयाब साबित हुआ ,,इनका बूथ मैनेजमेंट ,,वोटर्स को
हमेशा उनके साथ रहकर खुश रखने की अदाकारी ने इन्हे पुरे भारत के छात्र
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष में अव्वल बना दिया ,,इनकी लोकप्रियता और
कांग्रेस प्रेम का ही नतीजा रहा के कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष श्रीमती
सोनिया गांधी ने इनके नेतृत्व को सराहा ,,सलाम किया और भारत के सर्वश्रेष्ठ
छात्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पुरस्कार से इन्हे नवाज़ा गया
,,,किसान इन्हे अपना गौरव कहते है तो युवा इन्हे अपना गुरुर ,,,,कांग्रेस
इनका सुरूर है ,,,,,,,इनकी लोकप्रियता को देखते हुए इन्हे कांग्रेस ने
जहाज़पुर से विधायक का टिकिट दिया ,,वोटों के विभाजन ,,विकट परिस्थितयों के
चलते इन्हे मामूली से वोटों से पिछड़ना पढ़ा ,,लेकिन पुरे पांच साल इनके
इलाक़े में विधायक का काम इन्होने ही किया फिर अभी वर्ष दो हज़ार तेराह में
धीरज गुर्जर को जहाज़पुर से कांग्रेस ने टिकिट दिया और विपरीत हवाओं और आंधी
के दौर में धीरज गुर्जर ने कांग्रेस का झंडा बेहिसाब वोटों से जीतकर बुलंद
कर दिया ,हमेशा कांग्रेस ज़िंदाबाद का नारा देकर कांग्रेस में युवाओं के
हौसले बुलंद करने वाले बेदाग छवि के भाई धीरज गुर्जर प्रदेश कांग्रेस कमेटी
में सचिन पायलेट की टीम में महासचिव है और कोटा ज़िले के प्रभारी भी है
,,धीरज गुर्जर के पंचायत चुनाव मैनेजमेंट का ही नतीजा रहा के स्थानीय
नेताओां से कोऑर्डीनेशन कर इन्होने कोटा ज़िले में विकट परिस्थितियों के बाद
भी कई प्रधान और जिला प्रमुख बनाकर दिखा दिया ,,,धीरज गुर्जर बिखरी कोटा
कांग्रेस के एक सूत्र में पिरोने के सफलतम प्रयासों में जुटे है ,,वोह कोटा
के किसान ,,युवा ,,महिलाओं को फिर एक जुट कर कोटा में कांग्रेस ज़िंदाबाद
का सपना साकार करने की कामयाब कोशिश कर रहे है ,,और इन दिनों इसका असर भी
कोटा में साफ़ नज़र आ रहा है ,,धीरज गुर्जर विभिन्न गुटबाज़ी के बाद भी
बहुमुखी प्रतिभा के रूप में सभी गुट से जुड़े लोगों को अपने साथ लेकर एक साथ
जोड़ रहे है और अब लगभग गुटबाज़ी का दौर खत्म होकर कोटा में कांग्रेस का
झंडा बुलंद हो रहा है ,,इसके लिए पंकज मेहता ,,नईमुद्दीन गुड्डू ,,रामगोपाल
बैरवा ,,शानतिधारीवाल ,,रामकिशन वर्मा ,,भरत सिंह और कंग्रेस के देहात
,,शहर अध्यक्षों के साथ इनका समन्वय है जबकि सभी अग्रिम संगठनों के साथ भी
इनका प्रेम भाव होने से यह कांग्रेस एक जुट कर ज़िंदाबाद का सफलतम प्रयास का
चमत्कार कोटा में दिखा चुके है ,,भाई धीरज गुर्जर विधायक तो है लेकिन
सरकारी पद इनके लिए संगठन से ज़्यादा अहमियत नहीं रखते
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
बेवफाई करते हो
अजीब फ़ितरत है
बेवफाई करते हो
बेवफा कहने से डरते हो ,,
मेरे बगैर खुश हो तुम फिर भी
बताओ तो सही
मेरा इन्तिज़ार किसलिए
क्यों करते हो ,,,अख्तर
बेवफाई करते हो
बेवफा कहने से डरते हो ,,
मेरे बगैर खुश हो तुम फिर भी
बताओ तो सही
मेरा इन्तिज़ार किसलिए
क्यों करते हो ,,,अख्तर
में उदास रहूँ
तुमसे अलग होकर
तुम्हे उदास देख कर
परेशान तो में भी हूँ
तुम्हारी ज़िद यही तो है
में उदास रहूँ
में तुमसे अलग तुमसे दूर रहूँ
बस यूँ ही इसीलिए
तुम्हारी ख़ुशी के खातिर तुम्हे
अलविदा अलविदा कह चला हूँ
तुम उदास हो मुझे पता नहीं
तुम खुदगर्ज़ हो मुझे पता नहीं
प्यार की परिभाषा एक मज़ाक
प्यार दूर रहकर दूर सिमटना
तुम्हारी परिभाषा ही मुझे पता नहीं
तुम्हारे बगैर कितने दिन कितने पल
जी पाउँगा में यूँ ही मुझे पता नहीं ,,,,,,,,,,
यह साँसे ,यह धकड़ने चलेंगी भी या नहीं
तुम्हारे बगैर मुझे पता नहीं ,,पता नहीं
बस यूँ ही तुम्हारी ख़ुशी के खातिर
तुम्हारे घमंडी प्यार के खातिर
तुमने मुझे ठुकराया है मुझे पता नहीं ,,,,,,
तुम्हे उदास देख कर
परेशान तो में भी हूँ
तुम्हारी ज़िद यही तो है
में उदास रहूँ
में तुमसे अलग तुमसे दूर रहूँ
बस यूँ ही इसीलिए
तुम्हारी ख़ुशी के खातिर तुम्हे
अलविदा अलविदा कह चला हूँ
तुम उदास हो मुझे पता नहीं
तुम खुदगर्ज़ हो मुझे पता नहीं
प्यार की परिभाषा एक मज़ाक
प्यार दूर रहकर दूर सिमटना
तुम्हारी परिभाषा ही मुझे पता नहीं
तुम्हारे बगैर कितने दिन कितने पल
जी पाउँगा में यूँ ही मुझे पता नहीं ,,,,,,,,,,
यह साँसे ,यह धकड़ने चलेंगी भी या नहीं
तुम्हारे बगैर मुझे पता नहीं ,,पता नहीं
बस यूँ ही तुम्हारी ख़ुशी के खातिर
तुम्हारे घमंडी प्यार के खातिर
तुमने मुझे ठुकराया है मुझे पता नहीं ,,,,,,
अजीब फ़ितरत है
अजीब फ़ितरत है
बेवफाई करते हो
बेवफा कहने से डरते हो ,,
मेरे बगैर खुश हो तुम फिर भी
बताओ तो सही
मेरा इन्तिज़ार किसलिए
क्यों करते हो ,,,अख्तर
बेवफाई करते हो
बेवफा कहने से डरते हो ,,
मेरे बगैर खुश हो तुम फिर भी
बताओ तो सही
मेरा इन्तिज़ार किसलिए
क्यों करते हो ,,,अख्तर
अभी तो शाम हुई है
अभी तो शाम हुई है
मेरा तकिया
आंसुओं से तो भीगने दे
मेरा कमरा
सिसकियों से तो गूंजने दो
अभी तो शाम हुई है
तुम्हारी यादो में
अभी मुझे तड़पने तो दो
तुम्हारा वोह प्यार
मुझे पकड़कर चिपट जाना
मेरे होंटों पर तुम्हारे
जलते हुए होंटों को रख कर इतराना
अभी तो शाम हुई है
मुझे यह सब सोचने तो दो
मेरी रात का नज़ारा ऐसा है
तो बताओं तुम ही बताओ
में फिर सुबह का इन्तिज़ार क्यों करूँ
अभी तो शाम हुई है
सोचता हूँ यह शाम
मेरी ज़िंदगी की आखरी शाम
तेरे बगैर में आखरी करूँ ,,,,,,,,,,अख्तर
मेरा तकिया
आंसुओं से तो भीगने दे
मेरा कमरा
सिसकियों से तो गूंजने दो
अभी तो शाम हुई है
तुम्हारी यादो में
अभी मुझे तड़पने तो दो
तुम्हारा वोह प्यार
मुझे पकड़कर चिपट जाना
मेरे होंटों पर तुम्हारे
जलते हुए होंटों को रख कर इतराना
अभी तो शाम हुई है
मुझे यह सब सोचने तो दो
मेरी रात का नज़ारा ऐसा है
तो बताओं तुम ही बताओ
में फिर सुबह का इन्तिज़ार क्यों करूँ
अभी तो शाम हुई है
सोचता हूँ यह शाम
मेरी ज़िंदगी की आखरी शाम
तेरे बगैर में आखरी करूँ ,,,,,,,,,,अख्तर
अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष रघुनन्दन गौतम युवा तुर्क तो है
वकीलों के मान ,,सम्मान ,,प्रतिष्ठा ,,,मर्यादा के संरक्षण के लिए किसी से
भी टकराने का साहस रखने वाले अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष रघुनन्दन गौतम
युवा तुर्क तो है लेकिन इनके कार्यकाल में वकील साथी खुद को ज़ुल्म ज़्यादती
और अधिकारयों की मनमानी से सुरक्षित भी महसूस करते है ,,नियमित रूप
से सुबह निर्धारित समय पर कोर्ट में पहुंच कर वकीलों की समस्याओं की
सुनवाई और फिर संबंधित अधिकारीयों से समस्यासमाधान पर सीधी चर्चा
,,,,वकीलों की टीम भाव से अदालत परिसर की समस्याओं का समाधान ,,अपने
साथियों की निजी और पारिवारिक समस्याओां पर भी विचारविमर्श इनकी आदत में
शुमार हो गया है,,,,,,,,कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष भाई रघुनन्दन गौतम
इसके पहले महासचिव भी रह चुके है और सफलतम कार्य करते हुए अदालत परिसर में
कई रचनात्मक कार्य किये है ,,,,,,,आक्रामक भाषण शेली ,,,निष्पक्ष ,,निर्भीक
नेतृत्व ,,,,कठोर फैसले इनका स्वभाव है ,,वकीलों के कल्याण के लिए
विशिष्ठ योजनाये चलाना इनकी सोच में शामिल है ,,,अदालत परिसर का रखरखाव
,,वकीलों की बैठने की व्यवस्था ,,पानी बिजली की समस्या ,,वकीलों के लिए
पुस्तकालय की व्यवस्था बेहतर से बेहतर करना इनकी कोशिश है ,,,,तनाव में
जी रहे वकील साथियों के लिए मनोरंजन ,,खेलकूद ,,पिकनिक पार्टी ,,,वनविहार
,,,हो ,,वकील साथी हँसे ,,खेले ,,कूदें और एक पारिवारिक माहोल में रहे
,,वकीलों के लिए चिकित्सा जांच केम्प लगवाने के प्रयास है जबकि एकेडमिक काम
के लिए एक राष्ट्रिय स्तर की सेमीनार जिसमे वकालत से जुड़े रचनात्मक पहलुओं
पर विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे ऐसे प्रयास शुरू हुए है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,भाई रघुनन्दन गौतम एडवोकेट पुरे साल वकील साथियों की
समस्याओां और उनके समाधान के प्रयासों के लिए समर्पित हो गए है खुदा
उन्हें कामयाब करे इनकी अपनी टीम के साथ ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
घर में थी शादी, हादसे में पांच लोगों की मौत ने तोड़ दिए सारे सपने
सीकर. शहर
में सोमवार शाम एक दर्दनाक हादसे में पांच छात्रों की मौत हो गई। सड़क
दुर्घटना में दम तोड़ने वाले तीन युवकों के घर में त्योहार की तैयारी चल रही
थी तो दो घरों में शादी की रौनक थी। इस हादसे ने सारे सपने एक पल में तोड़
दिए। परिवार के लोगों का सपना था कि वे डॉक्टर-इंजीनियर और सीए बनें।
हादसे के बाद सड़क पर पड़े शव।
हादसे का शिकार बने भिखणसर के मुकेश कुमार की कुछ दिन बाद शादी थी। वे
सीकर में सीए की तैयारी कर रहे थे। उसके साथी फारूख ने बताया कि हादसे से
पहले हर्ष पर्वत पर भी मुकेश ने शादी में जरूर आने के लिए कहा था। उसने तीन
दिन पहले ही कार्ड बांटे थे। इसी तरह हनुमानगढ़ के रवि के ताऊ की बेटी छह
दिन बाद ही शादी थी। तारानगर के मंजीत ने फोन करके परिवार वालों को बताया
था कि होली पर गांव आएगा।
नौ दिन पहले गांव आया था मंजीत कहा था- होली पर आऊंगा
झांझणी (तारानगर) का मंजीत मेघवाल नौ दिन पहले ही गांव आया था। जाते
समय कहा था- अब होली पर आऊंगा। पीएमटी की तैयारी कर रहे मंजीत ने 12वीं
कक्षा 60 प्रतिशत अंक से पास की थी। पिता ओमप्रकाश मेघवाल भलाऊ शिक्षक हैं।
पांच बहन-भाइयों में मंजीत चौथे नंबर पर था। उससे बड़ी तीन बहनें हैं जो
पढ़ाई कर रही हैं। एक छोटा भाई है।
मार्च में थी मुकेश की शादी : मुकेश धायल सीकर में सीए का
कोर्स कर रहा था। दो साल से सीकर में था। मां बनारसी भीकनसर में एएनएम है।
पिता बीरबल निजी बस चालक हैं। एक छोटी बहन बीएससी में है। मार्च में उसकी
शादी थी।
इकलौता बेटा था रवि : मढ़ा (हनुमानगढ़) का रवि पीएमटी की तैयारी कर रहा था। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। परिवार में रवि के अलावा दो बहनें हैं। इकलौते बेटे को खोने का समाचार मिलते ही परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
तीन बहनों का इकलौता भाई था जॉनी : मिर्जेवाला (श्रीगंगानगर) का जॉनी तीन बहनों का इकलौता भाई था। पिता महावीर ने बताया कि जाॅनी अपने साथियों राजाराम, सुनील के साथ जयपुर में कृषि पर्यवेक्षक का एग्जाम देने गया था। वहां से लौटते समय सीकर में दोस्तों से मिला। पिता महावीर मजदूरी करते हैं। इसकी दो बहनों की शादी हो चुकी थी। जॉनी पढ़ाई में होशियार था व एग्जाम में कुछ अंक से ही पिछड़ रहा था।
इकलौता बेटा था रवि : मढ़ा (हनुमानगढ़) का रवि पीएमटी की तैयारी कर रहा था। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। परिवार में रवि के अलावा दो बहनें हैं। इकलौते बेटे को खोने का समाचार मिलते ही परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
तीन बहनों का इकलौता भाई था जॉनी : मिर्जेवाला (श्रीगंगानगर) का जॉनी तीन बहनों का इकलौता भाई था। पिता महावीर ने बताया कि जाॅनी अपने साथियों राजाराम, सुनील के साथ जयपुर में कृषि पर्यवेक्षक का एग्जाम देने गया था। वहां से लौटते समय सीकर में दोस्तों से मिला। पिता महावीर मजदूरी करते हैं। इसकी दो बहनों की शादी हो चुकी थी। जॉनी पढ़ाई में होशियार था व एग्जाम में कुछ अंक से ही पिछड़ रहा था।
तेज धमाका हुआ, देखा तो सड़क पर खून फैला था
फारूख - मुकेश के दोस्त। साथ हर्ष घूमने गए थे। हादसे से सिर्फ पांच मिनट पहले ही अपने घर पहुंचे।
हरदेवाराम - घटनास्थल से सिर्फ 100 मीटर दूर खड़े थे सबसे पहले वहां पहुंचे, पुलिस को भी बताया।
पवन शर्मा - सांवली रोड पर बाइक पर थे। युवकों की तेज बाइक ने हादसे से पहले किया था ओवरटेक।
हरदेवाराम - घटनास्थल से सिर्फ 100 मीटर दूर खड़े थे सबसे पहले वहां पहुंचे, पुलिस को भी बताया।
पवन शर्मा - सांवली रोड पर बाइक पर थे। युवकों की तेज बाइक ने हादसे से पहले किया था ओवरटेक।
फारूख मोहम्मद सीकर में नवलगढ़ रोड पर छात्रावास चलाते हैं। मुकेश
कुमार इनका दोस्त था। फारूख भी इनके साथ हर्ष गए थे। लौटते वक्त फारूख बस
में बैठ गए, लेकिन उन्होंने मुकेश को कहा था-बाइक धीरे चलाकर लाना। क्योंकि
मुकेश अक्सर तेज बाइक चलाता था। फारूख का कहना है कि मेरे टोकने के बावजूद
मुकेश व उसके साथियों की जिंदगी नहीं बच पाई। इस बात का मुझे मलाल रहेगा।
क्योंकि एक लापरवाही ने दोस्त और चार अन्य नौजवानों की जान ले ली। तासर के
पवन शर्मा ने बताया कि सांवली चौराहा के पास एक बाइक पर बैठे पांच जनों ने
तेज रफ्तार से ओवरटेक किया था। चंद मिनट बाद जब वन विभाग के पास पहुंचा तो
पांचों की लाश मिली।
हर्ष के हरदेवाराम गुर्जर घटनास्थल से 100 मीटर दूर बैठे थे। उन्होंने बताया कि अचानक तेज धमाके की आवाज आई तो सामने देखा। ट्रक चालक को भागते हुए देखा और ट्रक के पीछे बाइक और कुछ युवक पड़े थे। हम लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। घायलों को संभाला तो पता चला कि एक भी सांस नहीं बची है। नौजवानों की लाश और सड़क पर फैले खून को देखकर एकबारगी वहां मौजूद सभी के हाथ कंपकंपाने लगे।
अकबरूद्दीन ओवैसी ने विवादित बयान, बोले-RSS बैचलरों का क्लब
हैदराबाद/हुबली. एमआईएम
के नेता और असददुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरूद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को अविवाहितों का क्लब (क्लब ऑफ बैचलर्स) बताते हुए
कहा कि जो लोग ज्यादा बच्चे पैदा करने की वकालत कर रहे हैं, उन्हें ऐसा
कहने का कोई हक नहीं है क्योंकि वे खुद शादीशुदा नहीं हैं। सांप्रदायिक
राजनीति का मुकाबला करने की बात दोहराते हुए अकबरूद्दीन ने मुसलमानों से
एकजुट रहने को कहा है। तेलंगाना विधानसभा में एमआईएम के नेता अकबरूद्दीन ने
उन्नाव से बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग
ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि
क्या उनके पास बच्चों के लिए शिक्षा और नौकरियां हैं।
भारत में रहने वाले मुसलमान दुनिया में सबसे सुरक्षित: आदित्यनाथ
गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत में रहने
वाले मुसलमान दुनिया के किसी भी हिस्से में इतने सुरक्षित नहीं हो सकते,
जितने सुरक्षित भारत में हैं, क्योंकि यहां की बहुसंख्यक आबादी स्वभाव से
ही उदारवादी है। पश्चिम बंगाल के हुबली में आयोजित ‘हिंदू समावेश’
कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में आदित्यनाथ ने मदर टेरेसा पर RSS प्रमुख
मोहन भागवत के बयान का भी समर्थन किया। सांसद ने कहा, ‘गरीबों की सेवा के
नाम पर यदि धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यह गलत है।’
'मुस्लिम लड़कों को देखते ही पत्थर मारो'
मध्य प्रदेश की साध्वी बालिका सरस्वती ने कहा है कि मुस्लिम लड़कों को
देखते ही पत्थर मारना चाहिए। एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक सरस्वती ने कहा
कि देश में लव जिहाद
कई रूपों में फैल रहा है और ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भारत पर
मुस्लिमों का शासन हो सके। साध्वी ने हिंदू लड़कियों से कहा कि वे मुस्लिम
लड़कों से दूरे रहें और अगर फिर भी वे संपर्क साधने की कोशिश करें तो उनको
पत्थर मारो। साध्वी ने कहा कि मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों इस्लाम कबूल
करने पर मजबूर करते हैं। साध्वी ने कहा कि हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए
मुस्लिम लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है। साध्वी ने भारत में जाति प्रथा
को भी भगवान की देन बताते हुए कहा है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि
साध्वी ने हिन्दुओं में अंतर्जातीय विवाह का विरोध नहीं किया। साध्वी ने
कहा कि घर वापसी जैसे कार्यक्रमों के जरिए ही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया
जा सकता है।
J&K: सरकार बनते ही PDP विधायकों ने अफजल का शव लौटाने को कहा
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर
में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी
(पीडीपी) विवादित बयान दे रही है। ताजा मामले में पीडीपी के सात विधायकों
ने केंद्र सरकार से मांग की है कि संसद पर हमले में मौत की सजा पा चुके
अफजल गुरु का शव वापस किया जाए। एक बयान जारी कर इन विधायकों ने कहा है कि
अफजल को फांसी देकर न्याय का मजाक उड़ाया गया था। जिन विधायकों ने साझा
बयान जारी किया है, उनमें मोहम्मद खलील, जहूर अहमद मीर, राजा मंजूर अहमद,
मोहम्मद अब्बास वानी, यावर दिलावर मीर, एडवोकेट मोहम्मद यूसुफ, एजाज अहमद
मीर और नूर मोहम्मद शेख शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है कि पीडीपी पहले
भी इस बात को लेकर एतराज जता चुकी है कि अफजल गुरु को 28 वें नंबर से उठाकर
सीधे फांसी पर चढ़ा दिया गया। अफजल गुरु ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका
दाखिल की थी। उनकी फाइल का नंबर 28 था। उनसे पहले 27 और फाइलें थीं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पीडीपी ने अफजल गुरु का शव मांगा हो। 2001
में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई
थी। उसका शव तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया था।
बीजेपी ने जताया एतराज
बीजेपी के नेता और जम्मू-कश्मीर की नौशेरा सीट से पार्टी के विधायक रविंदर राणा ने कहा है कि ऐसे बयानों (अफजल पर पीडीपी विधायकों के) से बचना चाहिए और इससे घाटी में अशांति फैलेगी।
बीजेपी के नेता और जम्मू-कश्मीर की नौशेरा सीट से पार्टी के विधायक रविंदर राणा ने कहा है कि ऐसे बयानों (अफजल पर पीडीपी विधायकों के) से बचना चाहिए और इससे घाटी में अशांति फैलेगी।
मुफ्ती अपने बयान पर कायम
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के राज्य में
शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर दिए गए बयान को लेकर भले ही केंद्र सरकार को संसद
में सफाई देनी पड़ी है, लेकिन सईद अब भी अपने बयान पर कायम हैं।
जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि वह
पाकिस्तान पर दिए अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपने
बयान का बचाव करते हुए कहा है कि पिछले चुनाव में हुर्रियत ने उस तरह का
हस्तक्षेप नहीं किया, जैसा वे पहले करते रहे हैं। रविवार को दिए गए मुफ्ती
के बयान के बाद संसद में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। अपने बयान पर कायम सईद
ने सोमवार को कहा कि मीडिया ने तिल का ताड़ बना दिया। सईद ने कहा कि
पाकिस्तान और हुर्रियत ने भारत में लोकतंत्र को मान्यता दी है और उन्होंने
चुनाव के दौरान उस तरह का हस्तक्षेप नहीं किया, जैसा कि वे करते रहे हैं।
सईद ने रविवार को शपथ लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि
जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पाकिस्तान, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस
और आतंकी संगठनों को भी श्रेय दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने चुनाव के
लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया।
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन कायम रहेगा: महबूबा
इस बीच, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनकी पार्टी और
बीजेपी का गठबंधन कायम रहेगा। महबूबा के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पूर्व
सीएम उमर अब्दुल्ला अब केवल ट्वीट ही कर सकते हैं और अगले छह साल तक उनके
पास ट्वीट करने के लिए काफी वक्त है। महबूबा ने यह बयान उमर अब्दुल्ला के
उस ट्वीट के बाद दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'क्या मुफ्ती ने फैसला
कर लिया है कि मोदी-मुफ्ती समझौता एक भूल थी और 'बाप-बेटी' की जोड़ी बीजेपी
को गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर कर देगी?'
संसद में घिरी सरकार
मुफ्ती के बयान को लेकर सोमवार को विपक्ष ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। मुफ्ती ने रविवार को कहा था
कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में
चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। मुफ्ती के बयान पर कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी
से सफाई मांगी है। इस बीच संसद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने
मुफ्ती के बयान को दरकिनार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण
चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग और सैन्य बल को श्रेय जाता है।
कांग्रेस ने कहा-संसद में आकर बयान दें पीएम
सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान पर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों
ने बीजेपी और केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। लोकसभा से
वॉक आउट करने के बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,
''इस मुद्दे पर पीएम सदन में आकर बयान दें और जम्मू-कश्मीर के सीएम के बयान
की निंदा करें, ताकि इस प्रकार का बयान देने वालों के बीच स्पष्ट संदेश
जाए।'' उन्होंने कहा कि पीएम को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस संबंध में
उनकी मुफ्ती से कोई बात हुई है।
मुफ्ती के बयान से केंद्र, बीजेपी का कोई वास्ता नहीं: राजनाथ
संसद में सरकार की ओर से सफाई पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं दो टूक शब्दों में स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारी सरकार और हमारी पार्टी का सीएम मुफ्ती के बयान से कोई वास्ता नहीं। इस संबंध में पीएम से बात हुई है, उसके बाद ही मैं यह बयान दे रहा हूं। मुफ्ती और पीएम के बीच इस मसले पर कोई बातचीत नहीं हुई है। इस मुद्दे पर अब कोई असमंजस की स्थिति नहीं रह जानी चाहिए।'' बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट किया है कि कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण हुआ, उसके लिए वहां की जनता बधाई की पात्र है। वहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने का सारा श्रेय चुनाव आयोग और सेना के जवानों को दिया जाना चाहिए।
संसद में सरकार की ओर से सफाई पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं दो टूक शब्दों में स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारी सरकार और हमारी पार्टी का सीएम मुफ्ती के बयान से कोई वास्ता नहीं। इस संबंध में पीएम से बात हुई है, उसके बाद ही मैं यह बयान दे रहा हूं। मुफ्ती और पीएम के बीच इस मसले पर कोई बातचीत नहीं हुई है। इस मुद्दे पर अब कोई असमंजस की स्थिति नहीं रह जानी चाहिए।'' बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट किया है कि कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण हुआ, उसके लिए वहां की जनता बधाई की पात्र है। वहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने का सारा श्रेय चुनाव आयोग और सेना के जवानों को दिया जाना चाहिए।
क्या कहा था मुफ्ती ने
सीएम बनते ही मुफ्ती सईद ने रविवार को एक विवादास्पद बयान दिया था।
उन्होंने कहा था कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर
जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। मुफ्ती ने यह भी
दावा किया था कि उन्होंने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी से भी स्पष्ट कहा
था कि अगर सीमा पार से आतंकी या अलगाववादी नेता हरकत करते तो ऐसा चुनाव
नहीं हो पाता।
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योगेंद्र ने फेसबुक पर लिखा, ‘अब काम करने का वक्त है। पिछले कुछ दिनों से मुझ पर और प्रशांतजी पर आरोप लगाए जा रहे हैं। यह सब काल्पनिक है। ऐसी खबरों पर हंसी आती है। दुख भी होता है।’