राजस्थान मे पूर्व स्वायत्तशासी मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने जो विकास और
सौंदर्यकरण कार्य करवाये थे आज नई सरकार से उनका रखरखाव भी सही तरह से
नहीं हो रहा है ,,कोटा में नई सरकार बने हुए इतना वक़्त गुज़रने पर भी यहां
विकास और सोंदर्यकर्ण की एक ईंट भी नहीं रखी गयी है ,,इतना ही नहीं पुरानी
सोंदर्यकर्ण योजनाये ,,पर्यटन को बढ़ावा देने वाली लुभावनी योजनाओं को सरकार
ने बंद कर दिया है स्थिति यह है के स्टेडियम के पास शहीद स्मारक पर सबसे
ऊंचा तिरंगा हमारा का नारा भी झूंठला दिया है और तिरंगा भी इस चौराहे पर
प्रशासन की अकर्मण्यता से नहीं लहरा रहा है ,,,,इसीलिए तो कोटा के विकास के
नाम पर शांतिधरीवाल ज़िंदाबाद है ,,और आज भी उनका काम उनकी पहचान है ,,उनकी
यादगार है ,,,,उनके तौरतरीकों पर लोगों के दिलों में सम्मान है ,,,,
दोस्तों शांति कुमार धारीवाल का 29 अक्टूबर को जन्म हुआ वर्ष 1943 में
पूर्व उद्योगमंत्री कोटा के उद्योगविकास पुरुष रिखबचन्द धारीवाल के यहां
उनकी पत्नी श्रीमती फूलकंवर के यहां शांति धारीवाल का जन्म हुआ ,,,, कोटा
ही नहीं पुरे राजस्थान का विकास और सौंदर्यकरण का इतिहास रचने वाले शान्ति
कुमार धारीवाल प्रारम्भ से ही नेतृत्व क्षमता वाले और हाज़िर जवाब कुशल
वक्ता थे ,,,छात्र जीवन से ही नेतृत्व क्षमतावान निर्भीक ,,निडर ,, कुशल
वक्ता शान्तिकुमार धारीवाल कोटा राजकीय महाविध्दयालय में छात्र संघ अध्यक्ष
बने ,,युवा कोंग्रेसी के रूप में राजीव गांधी से जुड़े ,,हरिदेव जोशी
,,पंडित नवलकिशोर शर्मा से राजनीती सीखने के बाद शान्तिकुमार धारीवाल कोटा
कांग्रेस के सम्मेलन में उम्मीद क्लब की तक़रीर में राजीवगांधी की निगाह में
हीरो बन गए ,,यह कोटा बारा के जिलाप्रमुख रहे जहां ग्रामीण विकास में नए
आयाम स्थापित किये ,,फिर कोटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए अपने
लोकसभा क्षेत्र के विकास के मामले में लोकसभा में दहाड़ने वाले इस शेर ने कई
बार अपने भाषण से संसद को हिलाकर रख दिया ,,,,शान्तिकुमार धारीवाल संगठन
में भी कांग्रेस के ज़िलाडध्यक्ष रहे तब इन्होने विपक्ष के रूप में सरकार के
खिलाफ कई ऐतिहासिक आंदोलन किये ,, भीड़ जुटाने में जादूगर ,,विकास और
सोंदर्यकर्ण की योजनाये बनाकर उन्हें क्रियान्वित करने में माहिर इस सियासी
जादूगर को अशोक गेहलोत ने अपने मंत्रिमंडल में जब स्वायत्तशासी मंत्री
बनाया तो कोटा में विकास की गंगा बह निकली ,,राजस्थान कई साल आगे आ गया
वर्षो से जमे प्रभावशाली अतिक्रमण हटे ,,जयपुर के बरामदे खाली हुए ,,फ्लाई
ओवर बने ,,सड़के बनी ,,पार्क बने ,,नयी चौराहे विकसित हुए ,, ,,सस्ते मकान
मिले ,, पत्नियों को मकानों में हिस्सा मिला ,,लोगों को नौकरियां मिली और
इस कार्यकाल में तो राजस्थान और खासकर कोटा की तस्वीर ही बदल गयी ,,कोटा
हिन्दुस्तान की विकसित शहरों में से एक बन गया ,,,कोटा में विकास हुआ
,,कोटा चारो तरफ से सुन्दर हुआ ,, यहां पर्यटन के लिए बाग़ बगीचे संवारे गए
सात अजूबे जैसे हिस्टोरिकल निर्माण हुए ,,,शान्तिकुामर धारीवाल कांग्रेस
में एक मात्र ऐसी शख्सियत है जिसे इनके क्षेत्र के लोगों के नाम शक्ल
मोबाइल नंबर याद है और यह सीधे अपने इलाक़े के लोगों से जुड़े रहे है ,,, जब
कोई हज़ारो काम करता है तो उसे छोटी बढ़ी गलतियां भी होती है इनसे भी हुई है
कुछ इन्होने सुधार ली है कुछ सुधारने की कोशिश कर रहे है चमचो से सावधान
होकर अपने पराये की पहचान कर रहे है ,,चुगलखोरों की सुनवाई बंद हो गयी है
बदलाव की तरफ है ,,,चुनाव में हार जीत चलती है शांति धारीवाल चुनाव हारे
भी है चुनाव जीते भी है ,,,लेकिन धारीवाल एक अकेली ऐसी खुसूसी शख्सियत है
जिस जनता जिताकर गौरवान्वित होती है तो इन्हे जनता हराकर खुद सदमे में हो
जाती है और इनकी हार से जनता में हताशा निराशा का माहोल होता है ,,,
,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान