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03 मार्च 2015

एशिया का सबसे बड़ा कसाईखाना मुंबई में, रोज बिकता है करोड़ों का मांस




मुंबई. महाराष्ट्र में गोवंश हत्या बंदी विधेयक पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने हस्ताक्षर कर दिए। लिहाजा राज्य में अब गोवंश हत्या बंदी कानून लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। कानून के तहत राज्य में अब गोवंश हत्या दंडनीय अपराध माना जाएगा और गोवंश हत्या करने वालों को सजा भी होगी। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में हर वर्ष गोवंश की हत्या बड़े पैमाने पर होती है। मुंबई, औरंगाबाद समेत महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों से गोवंश को लाया जाता है और उन्हें कसाई खाने में काटा जाता है। जानकारों के अनुसार गोवंश का मांस (बीफ) का सर्वाधिक व्यापार मुंबई में होता है। क्योंकि मुंबई में एशिया का सबसे बड़ा कसाईखाना देवनार है।
यह फोटो देवनार के कसाईखाने की है, जहां बकरे का वजन किया जा रहा है।
यह फोटो देवनार के कसाईखाने की है, जहां बकरे का वजन किया जा रहा है।
हर रोज कटते हैं 6 हजार पशु
देवनार से बीफ, मटन समेत गोश्त अन्य देशों में एक्सपोर्ट भी होता है। देवनार भारत का एकमात्र ऐसा कसाईखाना है, जिसके कई फर्म को इंटरनेशनल बाज़ार में मान्यता प्राप्त है। यहां से यूएई, ऑस्ट्रेलिया, समेत कई देशों में मांस सप्लाई होता है। जानकारों के अनुसार यहां लगभग 10 से 15 करोड़ का मांस रोज बिकता है। सन 1971 में मुंबई महानगर पालिका ने इस कसाई खाने को स्थापित किया था। यहां रोज 6 हजार पशुओं का संहार होता है।

ईद पर लगती है लाखों की बोलियां
देवनार में मीट, बीफ और पोर्क समेत कई प्रकार के मांस का व्यवसाय होता है। खासकर ईद के दौरान यहां बकरों पर लाखों की बोली लगाईं जाती है। मीट की भी जबर्दस्त बिक्री होती है। त्योहार के समय विदेशों के अलावा कश्मीर से कन्याकुमारी तक यहां से मीट की सप्लाई होती है। कई फिल्म सितारे भी यहां से गोश्त खरीदते हैं।

हंगामे के दौरान लाठी लगने से चीख पड़े सचिन पायलट, कपड़े खोल दिखाई चोट


जयपुर. केंद्र के भूमि अधिग्रहण बिल पर मंगलवार को कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। पहले विधानसभा के बाहर, फिर सदन में। सदन में कार्यवाही में बाधा डालने पर स्पीकर कैलाश मेघवाल ने आठ कांग्रेसी और एक निर्दलीय विधायक को निलंबित कर दिया। हंगामे की शुरुआत यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन से हुई। जब कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़े तो पुलिस ने लाठियां भांजी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व विधायक अशोक चांदना को चोटें आईं। शाम 4:54 बजे चांदना सदन में आए और इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।
चोट दिखाते पायलट, दाएं पायलट को लगी पुलिस की लाठी तो कार्यकर्ताओं के बीच वे चीख उठे।
चोट दिखाते पायलट, दाएं पायलट को लगी पुलिस की लाठी तो कार्यकर्ताओं के बीच वे चीख उठे।
चांदना जब सदन में पहुंचे तो नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रख रहे थे। चांदना उनके पास पहुंचे। फिर प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक गोविंदसिंह डोटासरा के पास। अपने संबोधन को समाप्त करने से पहले ही डूडी ने लाठीचार्ज का मुद्दा उठा दिया। इस पर कांग्रेस के कई सदस्य खड़े हो गए।
चांदना ने सदन में ही अपना कुर्ता उतारा और अपनी चोटें दिखाने लगे। इस पर स्पीकर कैलाश मेघवाल ने उन्हें टोका। वे नहीं माने और अन्य कांग्रेसी सदस्यों के साथ वेल में आ गए। नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष भी साथ थे। वे पहले बोले गृहमंत्री जवाब दें कि विधायक पर लाठीचार्ज क्यों किया। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायक और कांग्रेस विधायकों के बीच नोकझोंक चलती रही। स्पीकर मेघवाल समझाते रहे।
हंगामे को लेकर गृह मंत्री गुलाब कटारिया ने विधानसभा में कहा- मैं कानून लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने वालों की शक्ल नहीं देखता। आप विधायक हैं तो कोई सर्टिफिकेट नहीं मिल गया कानून हाथ में लेने का। कानून व्यवस्था बिगाड़ेंगे तो क्या पुलिस गीत गाएगी। मुझे क्या पता कि लाठी कहां खाकर आए हैं।
कटारिया ने कहा कि मैंने पूरी फुटेज देखी है। पूरी 30 मिनट (3.40 से 4.10 बजे ) की फुटेज में पुलिस की एक भी लाठी विधायक सहित किसी भी व्यक्ति को नहीं लगी। पुलिस खुद को ही ‘डिफेंड’ करती नजर आ रही है। गृहमंत्री ने कहा कि सौ से डेढ़ सौ लोग पुलिस से गुत्थम-गुत्थी करते रहे, पर पुलिस आधा घंटे तक केवल हाथों से ही उन्हें धकेलती रही। गृह मंत्री ने कहा-ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक सोचा-समझा षडय़ंत्र था, जो केवल हल्ला मचाने की दृष्टि से किया गया। मेघवाल ने भी कटारिया की बात को दोहराया और कहा कि किसने लाठी मारी, जांच का विषय है।
सदन मों होती रही नोक झोक
संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा, गृहमंत्री सदन में सारे तथ्यों की रिपोर्ट लेकर कल जवाब दे देंगे। इस पर कांग्रेसी सदस्य नहीं माने। कहा, आज ही जवाब चाहिए। फिर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आप सदन की नेता का जवाब सुन लीजिए, उसके बाद आज ही जवाब दे देंगे, लेकिन कांग्रेस के सदस्य इस पर भी नहीं माने। वे सदन की नेता से जवाब की बात कहते हुए नारे भी लगाने लगे। इस बीच स्पीकर और सदस्यों में बार-बार नोकझोंक होती रही।

मणिशंकर अय्यर बोले-अफजल गुरु की फांसी से दुखी था, नहीं थे उसके खिलाफ सबूत




मणिशंकर अय्यर बोले-अफजल गुरु की फांसी से दुखी था, नहीं थे उसके खिलाफ सबूत
 
नई दिल्ली. संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले से जुड़े मामले में मौत की सजा पा चुके अफजल गुरु को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। पीडीपी के विधायकों की अफजल के शव के अवशेष लौटाने की मांग के बाद मंगलवार को कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि अफजल की फांसी से वे दुखी थे। अय्यर का दावा है कि अफजल के खिलाफ सबूत नहीं थे।
केंद्र ने पीडीपी की मांग ठुकराई
जम्मू -कश्मीर में बनी पीडीपी की सरकार के 9 विधायकों द्वारा संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के शरीर के अवशेष उसके परिवार वालों को लौटाने की मांग को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह मांग राजनीतिक कारणों से है और परिवार वालों के बजाए राजनीतिक पार्टी की ओर से की गई है, इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, अफजल के शरीर के अवशेष को इसलिए भी नहीं लौटाया जा सकता, क्योंकि इसे तिहाड़ जेल के अंदर ही काफी पहले दफनाया जा चुका है। वहीं, पूरे मामले पर गीतकार जावेद अख्तर ने भी कहा कि अफजल गुरु के शरीर के अवशेष लौटाने की मांग पीडीपी कैसे कर सकती है, यह तो उसके परिवार का हक है।
पीडीपी विधायकों ने कहा था, गलत तरीके से दी गई फांसी
अफजल के अवशेष की मांग करते हुए पीडीपी विधायकों ने कहा था कि उसे फांसी देने में संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। मांग करने वाले विधायकों में मोहम्मद खलील बंद, जहूर अहमद मीर, राजा मंजूर अहमद, मुहम्मद अब्बास वानी, यावर दिलावर मीर, मोहम्मद यूसुफ, एजाज अहमद मीर और नूर मोहम्मद शेख हैं। अफजल गुरु को 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के मामले में 9 फरवरी, 2013 को फांसी दी गई थी। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पीडीपी ने अफजल गुरु का शव मांगा हो।

PM के भाई ने खोला केंद्र के खिलाफ मोर्चा, बोले-यूपी-बिहार में हारेगी BJP

PM के भाई ने खोला केंद्र के खिलाफ मोर्चा, बोले-यूपी-बिहार में हारेगी BJP
मुंबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी ने मुंबई के आजाद मैदान में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट प्रह्लाद मोदी ने न केवल केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध में हिस्सा लिया, बल्कि अपने 45 मिनट के भाषण में सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ''यदि फेडरेशन की मांगें नहीं मानी गईं तो बीजेपी को बिहार और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ेगा।'' फेडरेशन की मांगों में राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स का कमीशन बढ़ाने की मांग भी शामिल है।
'दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ फेडरेशन के सदस्यों ने किया काम'
उन्होंने दावा किया, ''यूपी में जहां 80 में से 73 सीटें बीजेपी को मिलीं, वहां पर 75000 राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स ने बीजेपी के लिए काम किया। लेकिन दिल्ली में फेडरेशन के सदस्यों ने बीजेपी के खिलाफ काम किया और नतीजा सबके सामने है। यदि केंद्र सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो बीजेपी को बिहार और उत्तर प्रदेश में भी हार का सामना करना पड़ेगा।''
सरकार के एक वर्ग के अधिकारियों के संबंध में पीएम के भाई ने कहा, ''वो बड़े चोर हैं और हम छोटे चोर हैं। हमारी चोरी के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार है।'' प्रह्लाद मोदी इस विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे।
पीएम नहीं, सिस्टम के खिलाफ लड़ाई है
भाषण के दौरान प्रह्लाद मोदी पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करने से बचते रहे। उन्होंने यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि उनकी लड़ाई नीतियों और सिस्टम के खिलाफ है। उन्होंने कहा, ''मैं उनका सम्मान करता हूं। मेरी लड़ाई उनके खिलाफ नहीं है, सिस्टम के खिलाफ है। मीडिया हमारे बीच विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहा है।''
इस बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान फेडरेशन के कुछ सदस्यों ने जब खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान के इस्तीफे की मांग की, तो पीएम के भाई ने अपने बयान में कहा, ''हम ये नहीं चाहते कि पासवान इस्तीफा दें, मैं इस बात पर सहमत नहीं हूं। यदि वह इस्तीफा देंगे तो कोई और मंत्री बनेगा। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ है।''
यूपीए की नीतियों पर साधा निशाना
केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में पीएम के भाई पिछली यूपीए की सरकार के खिलाफ बोले। उन्होंने कहा कि फूड सिक्युरिटी बिल को बिना किसी सर्वेक्षण के लागू करने की कोशिश की गई। बीजेपी सरकार को बिल पर बने रहना चाहिए, लेकिन इसे लागू करने के पहले सर्वेक्षण करना चाहिए। राइट्स ऑफ राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स की रक्षा की जानी चाहिए।

शान्तिकुमार धारीवाल ने जो विकास और सौंदर्यकरण कार्य करवाये थे आज नई सरकार से उनका रखरखाव भी सही तरह से नहीं हो रहा है

राजस्थान मे पूर्व स्वायत्तशासी मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने जो विकास और सौंदर्यकरण कार्य करवाये थे आज नई सरकार से उनका रखरखाव भी सही तरह से नहीं हो रहा है ,,कोटा में नई सरकार बने हुए इतना वक़्त गुज़रने पर भी यहां विकास और सोंदर्यकर्ण की एक ईंट भी नहीं रखी गयी है ,,इतना ही नहीं पुरानी सोंदर्यकर्ण योजनाये ,,पर्यटन को बढ़ावा देने वाली लुभावनी योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया है स्थिति यह है के स्टेडियम के पास शहीद स्मारक पर सबसे ऊंचा तिरंगा हमारा का नारा भी झूंठला दिया है और तिरंगा भी इस चौराहे पर प्रशासन की अकर्मण्यता से नहीं लहरा रहा है ,,,,इसीलिए तो कोटा के विकास के नाम पर शांतिधरीवाल ज़िंदाबाद है ,,और आज भी उनका काम उनकी पहचान है ,,उनकी यादगार है ,,,,उनके तौरतरीकों पर लोगों के दिलों में सम्मान है ,,,,
दोस्तों शांति कुमार धारीवाल का 29 अक्टूबर को जन्म हुआ वर्ष 1943 में पूर्व उद्योगमंत्री कोटा के उद्योगविकास पुरुष रिखबचन्द धारीवाल के यहां उनकी पत्नी श्रीमती फूलकंवर के यहां शांति धारीवाल का जन्म हुआ ,,,, कोटा ही नहीं पुरे राजस्थान का विकास और सौंदर्यकरण का इतिहास रचने वाले शान्ति कुमार धारीवाल प्रारम्भ से ही नेतृत्व क्षमता वाले और हाज़िर जवाब कुशल वक्ता थे ,,,छात्र जीवन से ही नेतृत्व क्षमतावान निर्भीक ,,निडर ,, कुशल वक्ता शान्तिकुमार धारीवाल कोटा राजकीय महाविध्दयालय में छात्र संघ अध्यक्ष बने ,,युवा कोंग्रेसी के रूप में राजीव गांधी से जुड़े ,,हरिदेव जोशी ,,पंडित नवलकिशोर शर्मा से राजनीती सीखने के बाद शान्तिकुमार धारीवाल कोटा कांग्रेस के सम्मेलन में उम्मीद क्लब की तक़रीर में राजीवगांधी की निगाह में हीरो बन गए ,,यह कोटा बारा के जिलाप्रमुख रहे जहां ग्रामीण विकास में नए आयाम स्थापित किये ,,फिर कोटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए अपने लोकसभा क्षेत्र के विकास के मामले में लोकसभा में दहाड़ने वाले इस शेर ने कई बार अपने भाषण से संसद को हिलाकर रख दिया ,,,,शान्तिकुमार धारीवाल संगठन में भी कांग्रेस के ज़िलाडध्यक्ष रहे तब इन्होने विपक्ष के रूप में सरकार के खिलाफ कई ऐतिहासिक आंदोलन किये ,, भीड़ जुटाने में जादूगर ,,विकास और सोंदर्यकर्ण की योजनाये बनाकर उन्हें क्रियान्वित करने में माहिर इस सियासी जादूगर को अशोक गेहलोत ने अपने मंत्रिमंडल में जब स्वायत्तशासी मंत्री बनाया तो कोटा में विकास की गंगा बह निकली ,,राजस्थान कई साल आगे आ गया वर्षो से जमे प्रभावशाली अतिक्रमण हटे ,,जयपुर के बरामदे खाली हुए ,,फ्लाई ओवर बने ,,सड़के बनी ,,पार्क बने ,,नयी चौराहे विकसित हुए ,, ,,सस्ते मकान मिले ,, पत्नियों को मकानों में हिस्सा मिला ,,लोगों को नौकरियां मिली और इस कार्यकाल में तो राजस्थान और खासकर कोटा की तस्वीर ही बदल गयी ,,कोटा हिन्दुस्तान की विकसित शहरों में से एक बन गया ,,,कोटा में विकास हुआ ,,कोटा चारो तरफ से सुन्दर हुआ ,, यहां पर्यटन के लिए बाग़ बगीचे संवारे गए सात अजूबे जैसे हिस्टोरिकल निर्माण हुए ,,,शान्तिकुामर धारीवाल कांग्रेस में एक मात्र ऐसी शख्सियत है जिसे इनके क्षेत्र के लोगों के नाम शक्ल मोबाइल नंबर याद है और यह सीधे अपने इलाक़े के लोगों से जुड़े रहे है ,,, जब कोई हज़ारो काम करता है तो उसे छोटी बढ़ी गलतियां भी होती है इनसे भी हुई है कुछ इन्होने सुधार ली है कुछ सुधारने की कोशिश कर रहे है चमचो से सावधान होकर अपने पराये की पहचान कर रहे है ,,चुगलखोरों की सुनवाई बंद हो गयी है बदलाव की तरफ है ,,,चुनाव में हार जीत चलती है शांति धारीवाल चुनाव हारे भी है चुनाव जीते भी है ,,,लेकिन धारीवाल एक अकेली ऐसी खुसूसी शख्सियत है जिस जनता जिताकर गौरवान्वित होती है तो इन्हे जनता हराकर खुद सदमे में हो जाती है और इनकी हार से जनता में हताशा निराशा का माहोल होता है ,,, ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों आपसे मिलिए डॉक्टर अर्चना शर्मा

दोस्तों आपसे मिलिए डॉक्टर अर्चना शर्मा जो राजस्थान कांग्रेस प्रवक्ता और मिडिया चेयरपर्सन के रूप में भाजपा और उनकी विफलताओां पर सलाहियत से मिठास भरे अल्फ़ाज़ों में हमले बोल रही है ,,डॉक्टर अर्चना शर्मा के बारे में लोग कहते है के इनकी ज़ुबान पर सरस्वती महरबान है ,,लोग कहते है के इसीलिए जब अर्चना शर्मा बोलती है तो इनकी सुरीली ,,आवाज़ में तर्कों से भरे अलफ़ाज़ ,,पारंगत भाषण शैली लोगों के दिलों में उत्तर जाते है जब यह बोलती है तो लोग इन्हे देखते भी है ,,सुनते भी है और इनके तर्कों को मनन कर स्वीकार भी करते है ,,,पिछले दिनों हमने डॉक्टर अर्चना शर्मा के साथ कोटा में एक कार्यक्रम रखा था जिसमे दिल्ली के भी शीर्ष नेता उपस्थित थे जब डॉक्टर अर्चना शर्मा कार्यक्रम में अलसपनसख्यकों की समस्या समाधान पर बोलने खडी हुई तो दिल्ली के शीर्ष नेता मंत्रमुग्ध होकर इन्हे सुनते रह गए और गर्व से कहने लगे देखिये कांग्रेस में भी सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में क़ाबिल महिलाये आ चुकी है ,,,,,,,
राजस्थान कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष ,,मिडिया प्रकोष्ठ की प्रभारी चेयरपर्सन और प्रवक्ता डॉक्टर अर्चना शर्मा शीघ्र ही राजस्थान की महिलाओं कांग्रेस के प्रति जागरण अभियान चलाने के लिए एक वृहद स्तर पर कार्यशाला आयोजित करेंगी ,,,,डॉक्टर अर्चना शर्मा राजस्थान में सभी महिला प्रवक्ताओं ,,महिला प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर कांग्रेस की नीति रीती ,,कार्यशैली के प्रचार प्रसार के तोर तरीकों पर एक प्रादेशिक कार्यशाला आयोजित कर महिलाओं को विशेष प्रशिशक्षण देने की योजना बना रही है ,,डॉक्टर अर्चना शर्मा कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता रहकर काफी अनुभव रखती है ,,अर्चना शर्मा ओरोपोलोजी में स्नातक और मास्टर डिग्री है जबकि फिलॉसफी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर डॉक्टर बनी है ,,इनके अनुभवों का लाभ कांग्रेस कार्यकर्ताओं खासकर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिले और मनोवैज्ञानिक रूप से कांग्रेस के प्रति उनका आकर्षण बढ़े साथ ही सभी लोग कांग्रेस के प्रति लोगों को आकर्षित करने की कार्ययोजनाएं तैयार करे इसके लिए डॉक्टर अर्चना एक ऑपरेशन अभियान चला कर निराशा में डूबे कोंग्रेसियों का इलाज कर उनमे उत्साह ,,उमंग भर कर शक्ति का संचार पैदा करेंगी ,,,,,,,,,डॉक्टर अर्चना ने इस मामले में राजस्थान के सभी दूरदराज़ के कांग्रेसजनों से चिंतन मंथन और चर्चाये शुरू कर दी है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

 
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