आपका-अख्तर खान

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08 मार्च 2015

एक्सीडेंट में पैर कट गया तो डॉक्टर ने कार को ही बना लिया क्लिनिक


इंदौर. दो महीने पहले एक एक्सीडेंट में एक पैर गंवा चुके डॉक्टर जगदीश सेनी फिर हौसलों के कदम पर खड़े हो चुके हैं। कार से अस्पताल जाना भी शुरू कर दिया है। अस्पताल में जहां सीढ़ियों से जाना पड़ता है, वहां नहीं जा पाते, लेकिन कार को ही उन्होंने क्लिनिक बना लिया है। मरीज आए कि इलाज शुरू। एक पैर पर भी वे पहली जितनी ही हिम्मत से भरे हैं।
कार में बच्ची का इलाज करते जगदीश।
कार में बच्ची का इलाज करते जगदीश।
पीड़ा से उबर चुके, पर कशक बाकी
डॉक्टर सेनी ने बताया वे हादसे से पूरी तरह उबर चुके हैं। अब चाहे घर का काम हो या अस्पताल का, वे किसी पर बोझ नहीं हैं। अस्पताल में आने वाले मरीज़ हो या घर का कोई साधारण काम, वे पहले जैसा ही कर रहे हैं। हालांकि आज भी उन्हे घटना का वह मंजर याद आ जाता है, जब लाख गुहार लगाने के बाद भी किसी ने उनकी मदद नहीं की थी।

दोस्तों आप से मिलिए आप है कांग्रेस की विनम्र महिला नेता पूनम गोयल

दोस्तों आप से मिलिए आप है कांग्रेस की विनम्र महिला नेता पूनम गोयल जो पूर्व विधायक और पूर्व गोसेवा आयोग की अध्यक्ष है ,पूनम गोयल अपने राजनितिक गुरु पूर्वमंत्री रामकिशन वर्मा के साथ कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में आयी ,,पूनम गोयल पहले महिला कांग्रेस की सियासत में कोटा की सिरमौर बनी पक्ष विपक्ष में रहकर महिला कांग्रेस का नेतृत्व दबंगता से किया ,,कई आंदोलन ,,रैलियां ,,सेमिनार की और महिला सशक्तिकरण के रूप में खुद को और कई महिला नेताओ को तय्यार किया ,,,,पुनम गोयल की कार्यकर्ताओं पर पकड़ और कार्यकर्ताओें की समस्याओं के लिए सीधे उपलब्धता ने पूनम गोयल को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और लाडपुरा क्षेत्र के आम लोगों में लोकप्रिय कर दिया ,,इन्हे कांग्रेस ने भाजपा की परम्परागत सीट पर लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से टिकिट दिया ,,विकट परिस्थितियों में भी खूब लड़ी मर्दानी वोह तो झाँसी की रानी थी की तर्ज़ पर पूनम बॉयल अपने रणनीतिकारों ,,समर्थकों के साथ चुनाव मैदान में डटीं रही और भरी वोटों से विजय हांसिल कर पूनम गयल विधायक निर्वाचित हुई ,,कार्यकर्ताओें के दुःख सुख में शामिल रहकर पूनम गोयल ने साबित किया के वोह दूसरी महिलाओं की तरह चुनाव जीत कर घूंघट की आड़ में घर बैठने वाली संकोची महिला नहीं है वोह हमेशा कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी मिली ,,पूरे पांच साल दबंगता से विधानसभा में प्रमुख मुद्दो पर कई सवाल उठाये ,,,कई समस्याओं का समाधान करवाया तो लाडपुरा क्षेत्र के लोगों के लिए पानी ,,बिजली ,,सिंचाई ,,,खाद ,,बीज ,,लिफ्ट अप योजनाओ की शुरुआत करवाई ,,बुनकरों के कल्याण के लिए योजनाये बनवायी ,,, पूनम गोयल विधानसभा की महिला विकास अभिकरण सहित कई समितियों में सदस्य रही ,,,,,फिर पूनम गोयल को लाडपुरा से टिकिट मिला लेकिन विपरीत हवाओं के चलते गिनती के वोटो से पिछड़ गयी लेकिन फिर भी पूनम गोयल अपने कार्यकर्ताओं के साथ लगातार डटी रही ,,,,,पिछली सरकार में पूनम गोयल को गोसेवा आयोग का चेयरमेन बनाकर मंत्री दर्जा दिया गया था ,,पूनम गोयल गोसेवा ,,गो संरक्षण ,,,उनकी उपज से ,,खाद ,,दवाये वगेरा की योजनाये तय्यार कर रही थी ,,गोशाला निर्माण के साथ साथ गो संरक्षण के लिए कठोर नियम बनाने की सिफारिशें तय्यार कर रही थी की सरकार बदली और उन्होंने नैतिकता के नाम पर मुस्कुराते हेु अपने पद से इस्तीफा दे दिया ,,,,,,पूनम गोयल आज भी सक्रिय राजनीति में महिला नेतृत्व के साथ साथ एक कुशल जन्पर्तीिनिधि की भूमिका निभा रही है ,,,,वोह रह वक़्त हर समस्या के समाधान के प्रयास के लिए कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा तय्यार मिलती है ,,,,,,,,,,,,,,पूनम गोयल के कुशल नेतृत्व को देखते हुए राजस्थान महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के पद की ज़िम्मेदारी भी उन्हें दी जा सकती है ऐसी चर्चाये संगठन के लोगों के बीच है ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केवल एक दिन महिला दिवस से महिलाओं को इन्साफ नहीं मिलता है

केवल एक दिन महिला दिवस से महिलाओं को इन्साफ नहीं मिलता है दोस्तों हर रोज़ महिला दिवस हो और माँ ..बेटी..बहन..पत्नी को इन्साफ मिले तो देश सुधर जाएगा
जी हाँ दोस्तों यह मेरा भारत महान है ..यहाँ नारी का सम्मान है ,,नारी वन्दनीय पूजनीय है ..यहाँ कहा जाता है के पत्नी अर्धांग्नी होती होती है ..यहाँ कहावत है के माँ के पैर के नींचे जन्नत होती है ..कहा जाता है के त्रिया चरित्रं अहो पुरुषम भाग्यम ........कुरान मजीद हो ..गीता हो ..रामायण हो ..महाभारत हो ..हदीस हो ..सुन्नत हो ..बाइबिल हो ..गुरुवाणी हो ..तोरेत हो ..इंजील हो जो भी मज्हाबी किताबें है सभी में महिलाओं का महत्वपूर्ण दर्जा दिया है ..लेकिन अधर्म की हालत देखो ..धर्म के नाम पर ओरतों पर ज़ुल्म होते हैं ..और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले में लगातार चर्चाओं के बाद अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष और महिला दिवस बना कर सरकारें ..समान सेवी संगठन ..मिडिया अपने कर्तव्यों की इतिशिरी करती है ...क्या आप को पता है के न्यूयार्क ..कोपेन्हेंगन और दूसरी जगहों पर महिला कल्याण मामले में कितनी चर्चा हुई है और भारत में महिलाओं के हालातों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कितनी नाराज़गी जताई गयी है ....दोस्तों यह वोह देश है जहाँ महिला की गोद में बच्चा पल बढ़ कर बढा होता है संस्कार सीखता है ..यह वोह देश है के यहाँ इसी महिला को रुलाया जाता है ..सरे आम छेड़ा जाता है ..इज्ज़त तार तार की जाती है ..गर्भ में ही बच्चियों को मार दिया जाता है ..लडकियों को दुसरे दर्जे का नागरिक बना कर सुलूक किया जाता है यह वोह देश है जहां प्रधानमन्त्री .राष्ट्रपति और सभी शीर्ष पदों पर महिलाएं हैं लेकिन अफ़सोस की बात है के संसद में महिलाओं के आरक्षण के बिल को कोई पारित नहीं करा सका है ....महिलाओं के लियें देश में कहने को तो हजारों हजार कल्याणकारी योजनायें है आयोग है ..महिला विकास अभिकरण है जन्म के पूर्व ही महिला को गर्भ में जीने का अधिकार दिया है ..उसे आंगन बढ़ी के जरिये दूध दलिया खिलाने का प्रावधान है लेकिन हम और आप सभी जानते है के नेता महिला कल्याण के लियें कितने गंभीर है ...हमारे देश में किसी भी महिला के कल्याण के नाम पर आंसू तो बहाए जाते है ..लेकिन जब भंवरी देवी के योन शोषण के बाद राजस्थान में मंत्री और विधायक द्वारा हत्या की जाती है ..तो कोंग्रेस ..भाजपा सभी पार्टियाँ एक हो जाती है महिला आयोग चुप्पी साध लेता है ..महिला नेता वसुंधरा की जुबान नहीं खुलती कोंग्रेस की महिला नेता खामोश रहती है क्या यही महिलाओं को न्याय देने का तरीका है ......केवल एक दिन महिला वर्ष बना कर लाखों करोड़ों के सरकारी विज्ञापन छपवा कर क्या महिला कल्याण की बात की जा सकती है नहीं ना फिर यह तमाशा मेरे इस देश में होते हुए आप क्यूँ देख रहे है ...आप जानते है महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लियें देश में सेकड़ों कानून है लेकिन उन्हें समयबद्ध न्याय दिलाने के लियें आज भी पर्याप्त अदालतें ..अधिकारी ..समितियां नहीं है ...घरेलू हिंसा कानून है लेकिन उसके लियें राजस्थान सहित किसी भी राज्य में प्रथक से नियम नहीं बनाये गये है ...देश में महिलाओं को जल्दी न्याय मिले ..थाना स्तर पर या प्रोटेक्शन अधिकारी खुद महिलाओं को बिना किसी विधिक शुल्क के इन्साफ दिलवाए कानून में लिखा है लेकिन ऐसा पांच सालों में एक भी महिला को न्याय नहीं मिला है ..कहने को तो महिला कल्याण ..सुरक्षा के नाम पर निजी स्नव्य्म सेवी संस्थाएं करोड़ों अरबों रूपये पानी की तरह बहा रहे है या अपना रोज़गार चला रहे है लेकिन जनाब महिलाओं को क्या कुछ दिया है आप और हम सब जानते हैं ..इसलियें दोस्तों हम चिंता नहीं चिंतन करे ,,मन से मनन करे सोचें और जो कानून महिलाओं के लियें बन गये है उन्हें पूरा नहीं तो काम से काम पचास फीसदी तो लागू करवा दें केवल एक दिन महिला को सुलतान बना कर पुरे तीन सो चोसथ दिन उस पर अन्याय हो क्या यह इंसाफ की बात है ..बसों में एक दिन मुफ्त यात्रा क्या तमाशा नहीं ...राजनितिक आधार पर महिला आयोग की नियुक्तिया ..तलाकशुदा ..विधवाओं को नोकरी देने के मामले में अडंगे क्या महिलाओं के साथ अन्याय नहीं है अगर आप इसे सही मानते है ..अगर आप मानते है के महिलाओं के कल्याण के लियें सरकारें गंबीर नहीं है तो जनाब उठिए कलम उठाइए .सडकों पर आइये और अपनी माँ बहनों को सुरक्षित कीजिये ..वोह महिलाएं जो अपने जिस्म ..बेच रही है वोह महिलाएं जो नंगापन देखा कर रूपये कमा रही है उन्हें भी घेरें उन्हें भी उनकी ओकात बताएं तहज़ीब सिखाये लेकिन साथ साथ उनमे जो पीड़ित हैं उन्हें इंसाफ भी दिलवाएं ..क्योंकि महिला जब तक आगे नहीं बढ़ेगी ..महिला सुरक्षित नहीं रहेगी तब तक देश का विकास नहीं हो सकेगा इसलियें महिला सुरक्षित तो देश सुरक्षित क्योंकि हमारे देश का भविष्य महिलाओं की ही गोद में पल बढ़ कर संस्कार सीखता है ..पोषक तत्व खा कर बहादुर बनता है ..और फिर महिला के साथ ही कंधे से कन्धा मिलकर अपनी जिन्वन संगिनी के साथ देश के वर्तमान को सूधारने में लगता है इसलियें माँ हो चाहे बहन हो चाहे पत्नी हो हर रिश्ते में ओरत है और यह सभी रिश्ते हमारे देश ..हमारी संस्क्रती के लियें ओरत को इतना आवश्यक बना देते है के देश के निर्माण के लियें महिलाओं की सुरक्षा उनकी सुक्ख शांति उनका मान सम्मान ज़रूरी है इसलियें देश को बचाना है ..हमारी संस्क्रती को बचाना है ..देश को मजबूत और विकसित करना है तो महिला वर्ष साल में एक बार नहीं रोज़ महिला देवास मनाओ महिलाओं को उनका माँ सम्मान साल में एक बार नहीं रोज़ दोगे तभी तुम्हे सुकून ..मान सम्मान और एकता अखंडता वाला भारत मिलेगा ऐसा तभी सम्भव है जब हम माँ को माँ...बहन को बहन और पत्नी को पत्नी समझ कर उनके अधिकार दें उन्हें भटकने पर उनके जिस्म फरोशी के धंधे में जाने पर उनके अश्लील विज्ञापन देकर मर्दों की भावनाएं भडकाने पर हम उनके काम भी उमेठे तो उनके अधिकार भी दें तब इंसाफ सम्भव है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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हज़रत जंगलीशाह बाबा रहमतुल्लाह कोटा के सालाना उर्स ग्यारह ,,,बाराह मार्च को होंगे

हज़रत जंगलीशाह बाबा रहमतुल्लाह कोटा के सालाना उर्स ग्यारह ,,,बाराह मार्च को होंगे ,,उर्स के पूर्व जायरीनों को बुलाने ,,उन्हें ठहराने ,,मशहूर कव्वालों को बुलाने की सभी तय्यरियां पूरी कर ली गयी है ,,,,,,,,,,,नायब गद्दीनशीन फ़ारूक़ हौंडा ने बताया के दरगाह की रंग रोगन की पूरी व्यवस्थाये अंतिम चरणो में है जबकि मशहूर कव्वालों ने अपनी सहमति दे दी है ,,,कोटा जंगलीशाह बाबा का मज़ार सोफिया स्कूल के पास स्थित है ,,, जानशीन अलहाज अज़ीज़ जावा और रशीद जावा ने बताया के हज़रत जंगलीशाह बाबा की वफ़ात एक सो इक्कीस साल में हुई ,,बाबा ने इक्कावन हज किये जिनमे चार हज उन्होंने पैदल यात्रा कर किये थे ,,,अलहाज रशीद जावा ने बताया के जानशीन अज़ीज़ जावा के वालिद बाबा साहब के प्रमुख खिदमतगार थे और अज़ीज़ जावा छोटे होने से उन्हें बाबा साहब ने अपनी गोद में खूब खिलाया था ,,,,,बाबा जंगलीशाह का मज़ार वर्ष उन्नीस सो पैतालीस से बना है जिसे आज़ादी के तुरंत बाद उन्नीस सो सैतालीस में पक्का बनाया गया और वर्ष दो हज़ार एक में इस मज़ार के गुंबद वगेरा सोंद्र्य्कर्त करवाये गए ,,बाबा जंगलीशाह मज़ार की ज़मीन पर एक क़लन्दरी मस्ज्दि बनी है जबकि गरीबों के शादी ब्याह कार्यक्रमों के लिए महफ़ीलखाना बना हुआ है जहां सस्ते दामों में बहतरीन कार्यक्रम के प्रस्ताव है लेकिन इस मामले में अब व्यवसायीकरण होने से कई मुरीद और ज़ायरीन दुखी है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के अपराध अँधेरे में ,,,अमन का दीपक जलाने के लिए,,, डॉक्टर अमन दीप सिंह

कोटा शिक्षा नगरी ,,कोटा उद्योग नगरी ,,जहां आस पास और दूरदराज़ के लोग कुछ मुक़ामी लोगों के साथ मिलकर यहां की सुख शांति खत्म कर अराजकता का माहोल पैदा करना चाहते है ,,,ऐसे सभी आपराधिक तत्वों को अपराध नियंत्रण की प्रयोगशाला में लेजाकर नियंत्रित करने के लिए उनके अपराध का ऑपरेशन कर ,,,कोटा के अपराध अँधेरे में ,,,अमन का दीपक जलाने के लिए,,, डॉक्टर अमन दीप सिंह ,,,पुलिस अधीक्षक कोटा शहर कामयाबी के साथ ,,हौसले के साथ ,,टीम भाव के साथ अपराधियों की नाक में नकेल डाले हुए है ,,,डॉक्टर अमन दीप सिंह युवा ,,उत्साही ,,धैर्य ,,संयम ,,,के साथ अनुभवी पुलिस अधिकारी है ,,,,जो अपनी पुलिस टीम और निजी मुखबीर प्रणाली से,,, अब तक प्रिवेंटिव कार्यवाही के तहत बेहिसाब देशी कट्टे ,,पिस्तौल ,,गोला बारूद ,,अपराधियों से बरामद करवा चुके है ,,कल्पना करने की बात है ,,,के सैकड़ों की तादाद में अवैध हथियार अगर ज़ब्त नहीं किये जाते ,,,,तो कोटा शहर में अपराधी कितनी तबाही मचा सकते थे ,,, अपराध नियंत्रण का विशेष अनुभव ,,विशेष मनोविज्ञान के साथ साथ ,,बिना किसी दबाव ,,बिना किसी तनाव के ,,,अपना काम अंजाम देना ,,लोग अमन दीप सींघ से सीखते है ,,,,24 जनवरी उन्नीस सो सतत्तर में जन्मे अमन दीप सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा यमुनानगर हरियाणा के संत निष्चल सिंह पब्लिक स्कूल में हुई ,,पढ़ाई ,,खेलकूद ,,में और मुखर वक्ता के रूप में इनकी विशेष पहचान थी ,,अपने साथियों के दुःख दर्द में काम आना ,,उन्हें बुरे वक़्त में होसला देकर बुरे वक़्त से उबारना ,,,इनका स्वभाव था ,,पढ़ाई की लगन ने इन्हे डॉक्टर बनाने के लिए ,,,गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में भेजा ,,जहां इन्होने डॉक्टरी के साथ साथ प्रशासनिक अनुभव भी प्राप्त किया और अपराध नियंत्रण का संकल्प लेकर ,,,,भारतीय पुलिस सेवा का इम्तिहान दिया ,,,जिसमे आप ऊँची रेंक में आये और राजस्थान केडर में आई पी एस जोईन की ,,,,पुलिस महकमे में रहकर बदले की भावना नहीं ,अनावश्यक क्रोध और गुस्सा नहीं ,,,समझदारी ,,जिस काम को हाथ में ले उसकी नब्ज़ टटोल कर मूल बीमारी का इलाज करने की इनकी आदत बन गयी ,,,,,,,कोटा में चुनाव सर पर थे ,,अराजकता का माहोल था ,,पूर्व पुलिस अधीक्षक रिश्वत खोरी और अय्याशी के आरोप में गिरफ्तार होने से पुलिस का मनोबल गिरा हुआ था ,,,,,ऐसे में कोटा के लोगों को होसला देने ,,अपराधियों की नाक में नकेल डालने के लिए ,,,अराजक कोटा में अमन का दीप जलाने के लिए कोटा में डॉक्टर अमन दीप को नियुक्त किया गया ,,बढ़ा शहर ,,,बढ़े अपराध ,,राजनितिक दबाव ,,,,,कम उम्र ,,लेकिन हौसलों और प्रशासनसिक ट्रिक से पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अमन दीप ने यक़ीनन कोटा में अमन क़ायम कर दिखाया ,,कोटा में चुनाव हे ,,रैलियां निकली ,,साम्प्रदायिक वातावरण बनाये गए ,,,विरोधाभासी बयांबाज़िया हुई ,, टकराव हुए,, लेकिन अमन दीप ने सभी मुश्किलों को आसान कर दिखाया ,,थानेवार ,,बीट प्रणाली पर निगाह रखी ,,थानाधिकारियों को निरंकुश नहीं होने दिया ,,जनता से संवाद रखा ,,अपने अधीनस्थ अधिकारीयों की होसला अफ़ज़ाई की और कुशल मॉनिटरिंग का ही नतीजा रहा के सभी सियासी दबावों के बावजूद भी कोटा के निरंकुश अपराधी जेल में है ,,अपराधियों के हथियारों से खुनी खेल खेलने के मंसूबों पर उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर पानी फेर दिया गया है ,,,,,,कोटा में अपराध जोंक की तरह है ,,अपराध का वायरस अपराधियों के साथ साथ कुछ पुलिस कर्मियों और अधिकारीयों में भी फैला हुआ है अब डॉक्टर अमन दीप ने जब कोटा में अमन का दीप प्रज्वलित कर अपराध का अन्धेरा खत्म कर अमन सुकून का दीप जला ही दिया है तो उन्हें स्टिंग ऑपरेशन चलाकर कुछ अपने ही विभाग में खाकीधारी अपराधियों से साठ गांठ कर अपराधियों के हौसले बुलंद करने वाले लोगों का भी पर्दाफाश करना होगा ,,वैसे इसके लिए सुनते है के डॉक्टर अमन दीप ने लगभग सभी सूचनाये एकत्रित करली है और ऐसे लोगों के खिलाफ क्रॉस वेरिफाई कर जल्दी ही कार्यवाही अमल में लाइ जायेगी ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अच्छे दिन की बात करने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश को पहले बजट में निराशा दी है

अच्छे दिन की बात करने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश को पहले बजट में निराशा दी है ,,जबकि काले धन वापसी महिलाओं का सम्मान लौटाने के नाम पर भी मोदी सरकार फिसड्डी साबित हुई है ,,कांग्रेस की नेता रचना राठोड ने सीधे मोदी सरकार पर आरोप लगाया के आज महिला दिवस पर केवल दिखावा ही दिखावा है विभिन्न वर्गों से जुडी त्रस्त महिलाओं के सम्मान ,,आत्मसम्मान के लिए मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया है वोह करते भी कैसे ना माँ उनके पास है ना ही पत्नी को उन्होंने अपने साथ रखा है ,,,,,,, लाडपुरा विधान सभा क्षेत्र की समन्वयक श्रीमती रचना राठोड उर्फ़ तनु कहती है ,,,,,
हौंसला मत हार गिरकर ऐ मुसाफिर, अगर दर्द यहाँ मिलता है तो दवा भी यहीं मिलेगी..,,,,किसी शायर के यह बोल हार कर भी जीतना सिखाते है ,,और इसी तर्ज़ पर कोटा में कांग्रेस की युवा नेत्री श्रीमती रचना राठोड बुलंद हौसलों और कामयाबी के सपनों के साथ आम जनता के बीच खिदमत कर रही है ,,,उनके हौसले बुलंद है ,,,,,समाजसेवा क्षेत्र में उनके इरादे कामयाबी की तरफ राह दिखाने वाले है ,,,वोह जुझारू हैं ,,संघर्षः शील है ,,,,कांग्रेस के हर कार्यक्रम को ज़िंदाबाद कहती है ,,,तो कांग्रेस सिर्फ कांग्रेस की बात करती है ,,वोह किसी गुट में नहीं ,,किसी व्यक्ति के साथ नहीं ,,सिर्फ कांग्रेस और कांग्रेस के विधि नियमों की पालना ही उनका मक़सद है ,,एक सच्चे कोंग्रेसी सिपाही के नाते ,,,,,अपनी आँखों में कांग्रेस की जीत का सपना लिए हुए वोह फिर से शक्ति का संचार कर रही है ,,उनके इरादे ,,उनकी कार्ययोजना वोह कांग्रेस हाईकमान से लगातार सम्पर्क कर साँझा कर रही है ,,,उनकी ख्वाहिश है के वोह कांग्रेस के केडर परम्परागत वोटर दलित ,,महिलाये ,,पीड़ित ,,शोषित ,,उत्पीड़ित ,,,अल्पसंख्यक ,,,अनुसूचित ,,अभाव में जी रहे लोगों के बीच जाकर कांग्रेस की पेठ फिर से मज़बूत करे और इस कार्य में वोह सर्वेक्षण कर ,,,,अपने दल बल सहित जुट गयी है ,,,उनका कहना है के हम और हमारे कार्यकर्ता कांग्रेस के संविधान में कर्तव्यों के प्रति दिए गए आदेश निर्देशो से दूर हो गए है ,,हम सेवाभावी नहीं रहे है ,,लोगों के दुःख दर्द से अलग है ,,लेकिन कांग्रेस की नीति ,,नियम ,,योजनाये देश में आदर्श राज स्थापित्त करने का आदेश देता है और हम हमारी नीतिया जनता तक पहुंचा कर फिर से अटूट बहुमत के साथ निर्गुट होकर सिर्फ और सिर्फ कोंग्रेसी बनकर कांग्रेस को बहुत जल्द ज़िंदाबाद कहेंगे क्योंकि कांग्रेस आज भी लोगों के दिलों में है ,,, रचना राठोड का कहना है के ,,बेईमानी और धोखे ,से सत्ता अल्प समय के लिए सपने दिखाकर हथिया तो सकते है लेकिन भाजपा के पास कोई वीज़न नहीं है इसलिए बहुत जल्द जनता के सामने इनका भ्रम इनका हिप्नॉटिज़्म ,,इनका जादू खत्म हो जाएगा और यह सभी पार्टियां गिनती पर आकर सिमट जाएंगी ,,,रचना अब कोटा में कांग्रेस के प्रति समर्पित भाव से कार्यरत साथियों के साथ जुड़ कर कांग्रेस ज़िंदाबाद के नारे को बुलंद करते हुए कांग्रेस की जीत के सपने को साकार करने की बुनियाद रचना चाहती है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पत्रकारिता एक संघर्ष है ,,सच का आयना है ,,शोषण उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई है ,,कोई समझोता नहीं

पत्रकारिता एक संघर्ष है ,,सच का आयना है ,,शोषण उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई है ,,कोई समझोता नहीं सिर्फ लेखन ,,लेखन ,,संपादकों का पहरा अगर पत्रकारिता पर हो ,,,तो फिर जय सियाराम ,,,पत्रकारिता की समझ कर लोगों को उनकी ख्वाहिश के हिसाब से सामग्री परोसना एक कला है और यह सब कला भाई रजत खन्ना खूब अच्छी तरह से जानते है ,,,,,,,,,,,रजत खन्ना ने साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रकाशन से पत्रकारिता की शुरुआत की ,,फिर कुछ दिन दैनिक समाचार पत्र में मेरे साथ भी रहे ,,विचारों इंक़लाब ,,,स्वभाव में ईमानदारी ,,कार्य में समर्पण ,,,खबर चयन ,,लेखन कार्य में गुणवत्ता इनकी खूबी रही ,,,न डरना ,,न झुकना इनका स्वभाव रहा ,,दैनिक राजस्थान पत्रिका में रजतखनना ने कुशलता से पत्रकारिता का काम किया ,,कोटा फिर दौसा फिर कई ज़िलों में पत्रकारिता के जोहर दिखाने के बाद ,,आज़ाद तबियत होने से आप ई पत्रकारिता की तरफ गए और ई अख़बार में सम्पादन का लम्बे समय तक काम करने के बाद फिर कोटा के एक दैनिक में पत्रकारिता का कार्यभार संभाला ,,,,,लगातार पत्रकारों की गुटबाज़ी ,,चुगलखोरी ,,खबरों में कांटछाट से दुखी रजत खन्ना ने अपने साथियों के हक़ के लिए भी संघर्ष किया ,,आवाज़ उठाई ,,वोह पत्रकारिता को निर्भीक और निष्पक्ष रूप से ही परोसना चाहते है इसीलिए उनकी जमी नहीं और स्वेच्छा से उन्होंने अखबारी पत्रकारिता को तिलांजलि दी ,,कई ऑफर उनके पास आये लेकिन पत्रकारिता के अनुभव उन्हें स्वतंत्र लेखन से रोके यह उन्हें मंज़ूर नहीं था इसीलिए कोई भी ऑफर उन्होंने स्वीकारा नहीं ,,लेकिन इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता के अनुभव के चलते अब वोह इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता को समर्पित है ,,अपनी टीम के साथ पत्रकारिता के नए आयाम ,,ज्ञान वर्धक विधा लोगों को सीखा रहे है ,,रजत खन्ना पेशे से पत्रकार है ,,लेकिन शोषित लोगों की आवाज़ ,,,पत्रकारिता के प्रति समर्पण ,,निष्पक्ष ,,निर्भीक ,,न्यायप्रिय सम्पादन इनकी पहचान है ,,,नेतृत्व क्षमता ,,लेखन की आक्रामक विधा ,,,खूबसूरत अल्फ़ाज़ों का चयन ,,,खबरों पर तीखी पेनी निगाह ,,,,मृदुल स्वभाव ,,हँसते हँसते ,,बातों ही बातों में खबर निकाल लेने की कला रजत खन्ना में होने से इन्हे इनके बराबर के साथी हरफन मोला माहिर पत्रकार कहकर पुकारते है ,,,रजत खन्ना इलेक्ट्रॉनिक मिडिया पत्रकार संघ के चेयरपर्सन भी है ,,,,,,,,,,रजत खन्ना से पत्रकारिता की नई विधा ,,,नई ज़िद ,,नई निर्भीकता ,,नई परिभाषा का जन्म हुआ है ,,,उन्होंने बता दिया के पत्रकारिता रोज़गार नहीं पेट पालने का ज़रिया नहीं बल्कि एक मिशन ,,एक संघर्ष है ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ये देखते हैं चिकेन का सेक्स, साल में कमाते हैं 38 लाख रुपए


आपको विश्वास हो या न हो, लेकिन चिक सेक्सर एक हैंडसम सैलरी वाली जॉब है। इस काम में दिन भर चिक्स (मुर्गी का बच्चा) के पिछले हिस्से को देखकर यह पता लगाना होता है कि ये मेल है या फीमेल। बदले में 'चिक सेक्सर' को करीब 37 लाख 67 हजार रुपए सालाना दिए जाते हैं। हालांकि ब्रिटेन में इस काम में रुचि रखने वाले लोगों की संख्या घट रही है और ब्रिटिश पोल्ट्री फार्म खाली पदों के लिए लोगों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऊपरी तौर पर भले ही यह काम आसान दिखता हो, लेकिन असल में चिक सेक्सर को कई स्किल की जरूरत होती है। वर्कर्स को बहुत सावधानी से यह पता लगाना होता है कि मुर्गी का बच्चा मेल है या फीमेल। चिक सेक्सर से एक घंटे में 800 से 1200 चिक्स के सेक्स देखने की उम्मीद की जाती है। मतलब 3 सेकंड में एक चिक के सेक्स को पहचान लेना होता है।
3 साल में पूरी होती है ट्रेनिंग
ब्रिटिश पोल्ट्री काउंसिल के चीफ एग्जेक्यूटिव एंड्रयू लार्ज का कहना है कि किसी व्यक्ति को 3 साल तक ट्रेनिंग देने के बाद उसके भीतर सेक्स देखने का सही स्किल डेवलप होता है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग इतना वक्त ट्रेनिंग में नहीं देना चाहते हैं। हालांकि एंड्रयू स्वीकारते हैं कि यह जॉब अपने आप में अजीब है। आपको दिन भर चिक्स के पिछले हिस्सों को देखना होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इंग्लैंड में एक भी चिक सेक्सर की नियुक्ति नहीं हुई। अभी पूरे देश में करीब 150 चिक सेक्सर हैं।

J&K में मसरत की रिहाई: डिप्टी CM निर्मल बोले-शाह लेंगे गठबंधन पर फैसला


नई दिल्ली/श्रीनगर. अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर विवाद खड़ा हो गया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा मसरत की रिहाई से बीजेपी नाराज है। रविवार को बीजेपी विधायकों की बैठक में कोई फैसला नहीं लिया गया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में बीजेपी के विधायकों ने मसरत की रिहाई की आलोचना की। बीजेपी की जम्मू-कश्मीर ईकाई के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी को सत्ता का लालच नहीं है। शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी मसरत की रिहाई से सहमत नहीं है। उनके मुताबिक इस मुद्दे पर एक और बैठक होगी। इसी बीच, जम्मू-कश्मीर से डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा कि पीडीपी के साथ गठबंधन कायम रखने को लेकर अंतिम फैसला बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह करेंगे। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से दो टूक कहा कि जम्मू कश्मीर को बर्बाद करने के बजाए राज्य के हालात सुधारने पर काम करें। बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में तोगड़िया ने मुफ्ती को खूब लताड़ा और यहां तक कह दिया कि देश की जनता पाकिस्तान की भाषा बोलने वाले नेताओं को कान पकड़कर कुर्सी से उतारना जानती है। जम्मू-कश्मीर की अवाम को रोजगार, शिक्षा, व्यापार और पर्यटन की जरूरत है न कि आतंकवाद बढ़ाने की।
फाइल फोटोः अलगाववादी नेता मसरत आलम।
फाइल फोटोः अलगाववादी नेता मसरत आलम।
मसरत ने कहा, रिहा कर एहसान नहीं किया
मसरत ने जेल से रिहा होने के एक दिन बाद रविवार को कहा कि पीडीपी-बीजेपी सरकार ने उस पर कोई अहसान नहीं किया है, क्योंकि उसकी रिहाई सामान्य न्यायिक प्रक्रिया के तहत ही हुई है। आलम ने कहा, 'सरकार ने मुझ पर कोई अहसान नहीं किया है। मेरी रिहाई सामान्य न्यायिक प्रक्रिया के तहत हुई है।' मसरत ने कहा कि 'संबंधित अदालतों से जमानत दे दिए जाने के बाद भी' उन्हें बार-बार लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया। अपनी रिहाई से जुड़े विवाद पर मुस्लिम लीग के नेता ने कहा, 'अगर मेरी रिहाई पर कोई हो-हल्ला मचा रहा है, तो यह उसका सिरदर्द है।' रविवार को मसरत ने कहा, ''इस रिहाई के पीछे कोई डील नहीं है। यह छोटी जेल से बड़ी जेल में आने जैसा है। सरकार बदलने से हमें कोई मतलब नहीं है। मैंने जब से होश संभाला है ज्यातर वक्त जेल में बिताया है। अगर फिर गिरफ्तारी हो गई तो मुझे कोई अफसोस नहीं। फिलहाल मैं अपने परिवार के साथ वक्त बिता कर खुश हूं।''
बीजेपी पहले से ही कर रही विरोध
मसरत की रिहाई के बाद शनिवार को बीजेपी ने कह दिया था कि ऐसे फैसलों से गठबंधन पर असर पड़ेगा। जम्मू के विधायक रविंदर रैना ने कहा, ''यदि इस तरह से राज्य सरकार अलगाववादी नेताओं को रिहा करेगी तो घाटी का माहौल फिर से खराब हो जाएगा।'' राज्य में पीडीपी-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार ने पिछले दिनों ही शपथ लिया है। कांग्रेस ने भी मसरत की रिहाई पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी घाटी में अलगाववादियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करती रही है। पीएम मोदी को इस मामले पर आगे आकर सफाई देनी चाहिए।
कांग्रेस ने पूछा क्या भाजपा के राष्ट्रवाद का नया चेहरा हैं मसरत?
कांग्रेस प्रवक्ता ने जम्मू-कश्मीर में मसरत आलम की रिहाई मामले पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। रविवार को कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ''कभी बीजेपी इसी अलगाववादी नेता के खिलाफ घाटी में विरोध-प्रदर्शन करती थी और आज उसकी गठबंधन वाली सरकार मसरत को जेल से रिहा कर रही है, क्या मसरत बीजेपी के राष्ट्रवाद के नया चेहरा है? ''
रिहाई का उमर अब्दुल्ला ने भी जताया विरोध
नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आलम पर संगीन आरोप लगे थे। ये कहना सरासर झूठ है कि उस पर कोई मामला दर्ज ही नहीं हुआ था। उमर ने ट्वीट कर कहा, ''आलम पर संगीन आरोप लगे थे जिसमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना और साजिश रचने जैसे धाराएं लगी थीं। आलम पर धराएं 120, 121, 120बी और 307 लगाई गई थीं।'' उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि डीजीपी राजेंद्र आलम को बंदी बनाए जाने की सच्चाई पर रोशनी डालेंगे और जम्मू-कश्मीर पुलिस को कलंकित नहीं करेंगे। उमर ने कहा कि उनकी सरकार ने आलम को गिरफ्तार किया था और उसे बाहर की दुनिया से अलग-थलग रखा। बंदी बनाना किसी डील का हिस्सा नहीं था बल्कि यह कठिन हालात को काबू करने का तरीका था।
कौन है मसरत आलम
*44 साल का मसरत हुर्रियत के अलगाववादी धड़े का नेता है। 2008 से 2010 के बीच उसने भारत के खिलाफ मुहिम चलाने में अगुवाई की थी।
*सैयद अली शाह गिलानी का करीबी है। 2010 में भूमिगत होकर पथराव आंदोलन चला रहा था।

*अक्टूबर 2010 में उसे श्रीनगर के हरवान से गिरफ्तार किया गया था। उसे पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया था।
* सरकार का दावा है कि मसरत को पहले राजनीतिक कैदी के रूप में पकड़ा गया। बाद में उस पर अन्य मामलों के साथ धारा 121 (देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ना) लगा दी गई।
पत्थरबाजी में 120 मौतें हुई थीं
अलगाववादी नेता मसरत आलम को जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को रिहा कर किया था। हुर्रियत के कट्टरपंथी नेता आलम की 2010 में कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद गिरफ्तारी की गई थी। 2010 में करीब चार महीने तक पत्थरबाजी की घटनाएं चली थीं और उसमें 120 की मौत हुई थी। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि जिन राजनीतिक कैदियों के खिलाफ गंभीर मामले नहीं हैं, उन्हें रिहा किया जाएगा।

लुधियाना में अगवा कर लड़की से दो घंटे तक कार में गैंगरेप

लुधियाना में अगवा कर लड़की से दो घंटे तक कार में गैंगरेप


लुधियाना। कार सवार तीन बदमाशों ने एक लड़की को किडनैप कर उसके साथ गैंगरेप किया। लड़की की हालत सीरियस है और उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। शनिवार रात हुई वारदात के बाद रविवार पूरा दिन पुलिस बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा पाई। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित लड़की अपने पीजी से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित सहेली के पीजी में गई थी। देर रात एक बजे वह जब अपने पीजी लौट रही थी। तभी बदमाशों ने उसे अगवा कर गैंगरेप किया।
लुधियाना में अगवा कर लड़की से दो घंटे तक कार में गैंगरेप
गैंगरेप के बाद बदमाश उसे राजगुरू नगर की मेन रोड पर फेंक गए। इस संबंध में डीसीपी नवीन सिंगला ने बताया कि तीन बदमाशों का स्कैच जारी कर आरोपियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी मदद ले रहे हैं ताकि आरोपी जल्द से जल्द दबोचे जा सकें। पुलिस ने बताया, लड़की शहर के एक फाइव स्टार होटल में काम करती है। और होटल की पीछे बने पीजी में अपनी सहकर्मी के साथ रहती है। पीड़िता के मुताबिक, तीनों बदमाश पहले भी इस क्षेत्र में रेप की वारदात कर चुके हैं। रेप के दौरान युवक एक दूसरे को माेनू, सोनू और विक्की के नाम से बुला रहे थे।
फाइव स्टार होटल में काम करती थी महिला
पीड़िता ने बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से शहर के एक फाइव स्टार होटल में काम करती है। होटल के पीछे ही पीजी में अपनी सहकर्मी के साथ रहती है। शनिवार रात को उसने रूममेट से कहा कि वह 200 मीटर दूर रहती सहेली के पास जा रही है और रात एक बजे तक वापस आ जाएगी। 1 बजे जब वह नहीं लौटी तो रूममेट ने उसकी सहेली के पास फोन कर न आने का कारण पूछा। इस पर सहेली ने बताया कि वह 15 मिनट पहले ही जा चुकी है। फिर रूममेट ने पीजी मालिक और अपने साथ काम करने वाले अन्य लोगों को घटना के बारे में बताया। पता चलते ही पीसीआर दस्ता भी मौके पर पहुंच गया और लड़की को गलियों में ढूंढते रहे। इसी दौरान रास्ते में लड़की गंभीर हालत में मिल गई। पीड़िता ने बताया कि यूपी और हरियाणा की भाषा बोलने वाले तीनों आरोपी क्लीन शेव थे। रेप करने के बाद बदमाश उसे राजगुरु नगर के मेन रोड पर छोड़ कर फरार हो गए।

क़ुरआन का सन्देश

 
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