आपका-अख्तर खान

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09 मार्च 2015

दोस्तों आज ,,,मुसीबत दिवस ,,,है

दोस्तों आज ,,,मुसीबत दिवस ,,,है ,,,जी हाँ दोस्तों आज के दिन ही मेरी शरीके हयात ने  मुझे गिरफ्तार कर ,,मेरी आज़ादी ,,मेरा पलंग से दोनों  तरफ से उतरने का अधिकार ,,मनमर्ज़ी टी वी चैनल देखने की आज़ादी ,,,,अड़ोस पड़ोस में आंटियों से मुस्कुरा कर बात करने की बेबाकी ,,,दोस्तों के साथ   मनचाही जगह घूमने का शोक ,,,,सब कुछ तो छीन गया ,,,,आज के दिन आई इस मुसीबत से मुक़ाबला तो में कर रहा हूँ ,,,पुरे चौबीस साल से में यह सब सह रहा हूँ ,,मुझे पता है के मुसीबत अभी हंटर और डंडे पर तेल पिला रही है ,,इसलिए में अपने दिल के दर्द उभार कर बताने की गुस्ताखी नहीं कर सकता ,,पहले में सहते सहते थका था ,,,अब आदत पढ़ गयी है ,,मुसीबतों से खेलने की आदत हो गयी है ,,इसलिए मुसीबत मेरी ज़िंदगी बन गयी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन चौबीस साल के  अनुभव ने कुछ कहावतो का खुलासा किया है जो आपकी खिदमत में पेश है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,,,,दोस्तों आज हम कुछ मुहावरों के आधुनिक
अर्थ जानेंगे। जो हमरे वैवाहिक जीवन में
इस्तेमाल होते हैं।
1. सुख की जान दुःख में डालना -
शादी करना
2. आ बैल मुझे मार - पत्नी को लड़ाई के लिए
आमंत्रित करना
3. दीवार से सर फोड़ना - पत्नी को कुछ
समझाना
4. चार दिन की चाँदनी वहीं अँधेरी रात -
पत्नी का मायके से घर आना
5. आत्म हत्या के लिए प्रेरित करना -
शादी की राय देना
6. दुश्मनी निभाना -
दोस्तों की शादी करवना
7. खुद का स्वार्थ देखना - शादी ना करना
8. पाप की सजा मिलना -
शादी हो जाना
9. लव मैरिज करना - लड़ाई के लिए
जोड़ीदार खुद ढूंढ़ना
10. जिंदगी के मज़े लेना - कुँवारा रहना
11. ओखली में सर देना - शादी के लिए
हाँ करना
12. दो पाठो में पीसना -
दूसरी शादी करना
13. खुद को लुटते हुए देखना - पत्नी का पर्स से
पैसे निकालना
14. पैरों तले से जमीन खिसकना -
पत्नी सामने दिखना
15. गलती पर पछताना - शादी के
फ़ोटो देखना
16. सर मुंडाते ही ओले पड़ना - परीक्षा में फेल
होते ही शादी हो जाना
17. शादी के लिए हाँ करना - स्वेच्छा से
आत्महत्या करना
18. शादी - बिना अपराध की सजा
19. बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना -
दूसरों के दुःख से खुश होना
20. साली आधी घर वाली - वो स्कीम
जो दूल्हे को बताई जाती है लेकिन
दी नहीं जाती।

आत्महत्या करने वालों की जान बचाता है एक कौवा



कांग्रेस दलित ,,पिछड़ों ,,महिलाओं ,,अल्पसंख्यकों को इन्साफ दिलाने वाली पार्टी है

कांग्रेस दलित ,,पिछड़ों ,,महिलाओं ,,अल्पसंख्यकों को इन्साफ दिलाने वाली पार्टी है ,,देश की जनता यह सच पहले भी जानती थी और अब नरेंद्र मोदी की झूंठ का भ्रम टूटने से जनता इस सच को फिर पहचान कर फिर से कांग्रेस ज़िंदाबाद का नारा दे रही है , कांग्रेस के प्रदेश सचिव युवा नेता दानिश अबरार ने कहा के कांग्रेस ही देश की सीमाओ की सुरक्षा ,,,देश की जनता की सुरक्षा ,,,देश के विकास का एक मात्र विकल्प है ,,दानिश अबरार ने कहा के कांग्रेस के खिलाफ एक छद्म वातावरण बनाकर भाजपा के नेताओं ने भ्रम फैलाया और जनता को गुमराह कर वोट तो हांसिल किये लेकिन अब अपने वायदों की कसोटी पर खरा नहीं उत्तर रहे है ,,न देश की सीमाये सुरक्षित है ,,न देश में अमन चेन है ,,गरीब ,,दलित ,,महिला और अल्पसंख्यक डरे सहमे है उनकी सामाजिक सुरक्षा से भाजपा सरकार को कोई लेना देना नहीं है इसीलिए इस भ्रम के टूटने के बाद एक बार फिर से राहुल गांधी के नेतृत्व में केंद्र में और सचिन पायलेट के नेतृत्व में राजस्थान में मज़बूत हो रही है ,,,दानिश अबरार को सियासत विरासत में मिली है तीस वर्षीय युवा दानिश केंद्र सरकार के पूर्व मंत्री डॉक्टर अबरार और राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन डॉक्टर यास्मीन अबरार के सुपुत्र है ,,,,वोह बचपन से ही सियासत में रहे है और सियासी लोगों के साथ सियासत के गुर सीखते रहे है ,,,दानिश अबरार ने वाणिज्य में दिल्ली विश्वविधिालय से स्नातक करने के बाद अपना व्यवसाय संभाला और रियल स्टेट ,,ट्रांसपोर्टेशन ,,व्यवसाय के साथ साथ कई सामजिक संस्थाओं के संस्थाओं के साथ जुड़कर सवाई माधोपुर सहित दूसरे इलाक़े के दलित ,,पिछड़ों के मददगार बने रहे ,,दानिश अबरार को प्यार से सनी कहते है और वोह अपनी माँ के तो लाडले है ही लेकिन सियासत में कांग्रेस के मज़बूत और युवा नेतृत्व सचिन पायलेट ,,राहुल गांधी के भी नज़दीकी है ,,युवा शक्ति को रोज़गार मिले ,,सियासत में प्रतिनिधित्व ,,सम्मान मिले ,,,वरिष्ठ लोगों को सम्मान और उन अनुभवों का लाभ सभी लोगों को मिले इसी संकल्प के साथ सादा जीवन व्यतीत करने वाले सहज ,,सरल ,,,चंचल ,,कांग्रेस के प्रति समर्पित इस युवा उत्साही लीडर को जब सवाई माधोपुर से कांग्रेस ने विधायक का टिकिट दिया तो सवाई माधोपुर के लोगों को इनसे उम्मीदें जगी ,,इनकी माँ डॉक्टर यास्मीन यहां से विधायक रह चुकी थी ,,कड़ा संघर्ष था ,,विपरीत हवा थी लेकिन फिर भी चुनावी प्रबंधन में इन्होेंने सभी विरोधियों को मात दी ,,,कांग्रेस के वोट निर्दलीयों और बागियों के खड़े होने से विभाजित हुए इस लिए गिनती के वोटों से यह पिछड़ गए ,,इनके खिलाफ परिणाम से सवाईमाधोपुर की जनता भौचक्की है और पश्चाताप भी कर रही है अभी सवाई माधोपुर के दो सो आठ बूथों पर दानिश अबरार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की फौज तैयार की है ,,दानिश अबरार राजस्थान में अपना अधिकतम वक़्त गुज़ार कर सचिन पायलेट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस को मज़बूत और ज़िंदाबाद के सफलतम प्रयासों में जुटे है और कार्यकर्ताओं में जीत के प्रति उत्साह का संचार कर रहे है ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सलमान को देखने बेटियों संग पहुंचे कलेक्टर-SP, आधे घंटे खिंचवाए फोटो

उदयपुर/कुंभलगढ़. दुर्ग पर शूटिंग देखने के सोमवार को कलेक्टर कैलाश चंद वर्मा व उनकी दो बेटियां, दोहित्री और एसपी श्वेता धनखड भी अपनी बेटी के साथ पहुंची। दोनों अधिकारियों ने परिवार के साथ दुर्ग पर सलमान के साथ करीब आधे घंटे तक फोटो खिंचवाए। इस दौरान सलमान ने उनकी बेटी का हाथ चूमते हुए दुलार भी किया।
सलमान को देखने बेटियों संग पहुंचे कलेक्टर-SP, आधे घंटे खिंचवाए फोटो
कलेक्टर कैलाशचंद वर्मा व एसपी श्वेता धनखड़ सोमवार को दुर्ग पर प्रेम रतन पायो फिल्म की शूटिंग देखने के लिए परिवार सहित जा पहुंचे। दोनों अधिकारियों व इनके परिवार वालों ने सलमान के साथ करीब आधे घंटे तक फोटो भी खिंचवाए। उल्लेखनीय है कि रविवार को बाउंसरों व यूनिट सदस्यों द्वारा पर्यटकों को रोकने की शिकायत पर खुद कलेक्टर ने रात ने कुंभलगढ़ उपखंड अधिकारी को यूनिट वालों को इस बात के लिए पाबंद करने के निर्देश दिए थे कि शूटिंग को लेकर पर्यटकों को दुर्ग पर आने-जाने से नहीं रोका जाए और पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं आए।
राजश्री के बैनर तले बन रही फिल्म की शूटिंग देखने के लिए कलेक्टर वर्मा अपनी दोनों बेटियों, दोहित्री व एसपी धनखड़ अपनी बेटी के साथ दुर्ग पर पहुंची। लंच के दौरान दोनों अधिकारियों के परिवार के सदस्यों ने सलमान के साथ फोटो खिंचवाए। सलमान ने फोटो सेशन के दौरान एसपी की बच्ची का हाथ चूमते हुए दुलार भी किया। कलेक्टर ने निर्माता निर्देशक सूरज बडजातिया से भी मुलाकात की। दुर्ग पर सुबह साढ़े आठ बजे शूटिंग शुरू हुई। सलमान सुबह 8 बजे होटल कुम्भा बाग से सीधे दुर्ग पहुंचे। जहां उन्होंने नीम्बू पोल के बाहर, दोपहर बाद तारा बुर्ज के पास गाने का शॉट दिया।
उदयपुर, राजसमंद से भी पहुंचे फैंस:सलमान के कुंभलगढ़ दुर्ग पर होने की सूचना मिलने पर उदयपुर, राजसमंद, पाली सहित आसपास के कई फैंस पहुंचे। ये सलमान की एक झलक पाने की कोशिश में लगे रहे। कुंभलगढ़ उपखंड अधिकारी अरविंद सेंगवा व थाना अधिकारी दिलीप सिंह उपस्थित थे।

क़लम कभी बूढी नहीं ,,क़लम कभी रिटायर नहीं होती

कहते है क़लम कभी बूढी नहीं ,,क़लम कभी रिटायर नहीं होती और यह सच साबित कर दिखाया है हमारे भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क ने ,,,अपने सरकारी कार्यकाल में सुबह से शाम तक सरकारी योजनाओ के लिखित प्रचार प्रसार के बाद थोड़ा सा सुस्ताने की जगह यह अपनों के लिए अपनों की बात लिखते रहे है ,,,इनकी सेवानिवृत्ति के बाद डॉक्टर सिंघल की क़लम की सियाही सूखी नहीं बल्कि और तेज़ तर्रार हो गयी है ,,नियमित रूप से कोटा आई समाचार पत्र का प्रकाशन ,,स्मारिकाओं का लेखन ,,,,प्राकर्तिक सौंदर्य ,,पर्यटन से आम लोगों को परिचित कराने का इनका लेखन ,,इनका हुनर इन्हे लेखन क्षेत्र का महागुरु बनाता जा रहा है ,,,,,,,,,,,
ख्यातनाम लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का जन्म 1953 में कोटा के बारां क़स्बे में हुआ ,,,,जो अब अलग से जिला बन गया है ,,पुलिस की गोद में पले बढ़े ,,संस्कारवान रिश्ते रहे और फिर अपना शिक्षण कार्य पूरा कर,,,, लेखन कार्य के साथ साथ कोटा में सहायक जन सम्पर्क अधिकारी का पदभार ग्रहण किया ,,कहने को सफर थोड़ा सा था ,,,जो जनसम्पर्क अधिकारी से संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क तक पहुंचा ,,,लेकिन इस दौरान प्रभात कुमार सिंघल ,,,कोटा पुलिस के मामले में शोध करने के बाद डॉक्टर बन गए ,,,,हाड़ोती की चित्र शैली ,,ऐतिहासिक धरोहर ,,,गीत ,,कला ,,भवन ,,महल ,,शेल चट्टाने ,,संस्कृति ,,,मौसम ,,इतिहास ,,,खाद बीज ,,त्यौहार ,,सड़क ,,पुल बांध ,,कुछ भी तो ऐसा नहीं बचा ,,,,जिस पर डॉक्टर सिंघल ने,, नहीं लिखा हो ,,,कोटा के त्योहारों ,,कोटा के मेले ,,कोटा के हर कार्यक्रम को ,,,राष्ट्रिय स्तर पर प्रचारित करने वाले ,,,डॉक्टर सिंघल को लिखने की आदत है और इसीलिए हिंदुस्तान की ,,,,कोई ऐसी मेगज़ीन ,,,कोई ऐसा अख़बार नहीं ,,जहां इनके आलेख प्रकाशित नहीं किये गए हो ,डॉक्टर सिंघल शांत ,,सौम्य ,हंसमुख ,,मिलनसार व्यक्तित्व के धनी होने से ,,,आज भी यारों के यार कहे जाते है ,,,जो इनसे मिलगया समझो बस वोह इनका होकर रह गया ,,,,,,काम को समर्पण भाव से करते रहना ,,,बिना किसी की आलोचना के ,,,खुद को बुलंद करना ,,,इनकी संस्कृति रही है और इसीलिए यह शीर्ष पद से रिटायर होने के बाद सिस्टम से लड़ते रहे ,,इन्हे फिर राजकीय सेवा में रखा गया ,,,लेकिन हालातों ने साथ नहीं दिया और बीच में ही इन्होने सरकार को अलविदा कह दिया ,,,कई दर्जन पुस्तकों के प्रकाशक ,,कई दर्जन स्मारिकाओं के प्रकाशक ,,,सैकड़ों पुस्तकों के संपादक ,,हज़ारो हज़ार लेखों के लेखक रहे भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल अपने अल्फ़ाज़ों से ज़र्रे को आफ़ताब बनाने का हुनर रखते है ,,,,,,,, उन्हें बधाई मुबारकबाद ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

न्यूजीलैंड में क्रिकेट फैन पर लगा 65000 का जुर्माना, सचिन का खत दिखा कर ली माफी


हैमिल्टन. टीम इंडिया को वर्ल्ड कप में चीयर करने पहुंचे भारतीय फैन सुधीर गौतम उस वक्त बुरी तरह फंस गए, जब एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। सुधीर पहली बार एशिया के बाहर टीम इंडिया को सपोर्ट करने पहुंचे हैं। न्यूजीलैंड में साफ-सफाई को लेकर बहुत कड़े नियम हैं, लेकिन सुधीर को इस बात की जानकारी नहीं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑकलैंड इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरते ही सुधीर को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। दरअसल, सुधीर हर मैच में अपनी पूरी बॉडी को तिरंगे से पेंट करते हैं। इसी कारण वे अपने साथ पेंट के डब्बे लेकर सफर कर रहे थे। उनकी परेशानी का कारण यही डब्बे थे।
चिट्ठी दिखाते सुधीर गौतम।
चिट्ठी दिखाते सुधीर गौतम।
65000 रुपए का जुर्माना लगा
न्यूजीलैंड में लिक्विड पेंट लेकर चलना मना है। सुधीर इस बात से अनजान थे। उनके बैग से जैसे ही पेंट के डब्बे निकले, सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें घेर लिया और पूछताछ करने लगे। उन्होंने अधिकारियों को समझाया कि वे भारतीय फैन हैं और वर्ल्ड कप में टीम को सपोर्ट करने पहुंचे हैं। उन्हें इन नियमों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सुरक्षा अधिकारियों ने उनसे कहा कि कुछ भी हो, लेकिन रूल को तोड़ा नहीं जा सकता। इसके लिए उन्हें 1400 न्यूजीलैंड डॉलर (65000 रुपए) का जुर्माना अदा करने के लिए कहा गया। ऐसा नहीं करने पर उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया।
सुधीर ने बहुत समझाया
सुधीर ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। सुधीर ने कहा, "जुर्माने की रकम सुनकर मैं हैरान था। मैंने उनसे कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं भारतीय टीम का सपोर्टर हूं और अपने शरीर को तिरंगे से पेंट कर हर जगह जाता हूं। पर अधिकारियों ने कहा कि वे सब कुछ समझ रहे हैं, लेकिन रूल्स से समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने मुझसे कहा कि जुर्माना देना ही पड़ेगा।"
सचिन की चिट्ठी दिखाई
सुधीर ने कहा, "जब बार-बार विनती करने के बाद भी उन्होंने मेरी बात नहीं मानी, तब मैंने उन्हें सचिन तेंडुलकर की चिट्ठी दिखाई, जो उन्होंने मुझे लिखकर दी है। इसके बाद पूरा माजरा ही बदल गया। मैंने वो चिट्ठी दिखाई, जो वीजा देने के लिए दूतावास को लिखी गई थी। इसने जादू की तरह काम किया। उन्होंने मुझे दोबारा देखा और कहा कि चलो ठीक है, अब तुम जा सकते हो। इसके बाद मैंने काफी राहत महसूस की।"
हरभजन पर लग चुका है जुर्माना
गौरतलब है कि यह वही जगह है, जहां जूतों में गंदगी होने के कारण हरभजन सिंह पर जुर्माना लगाया गया था।

मेरी साँसे टूट रही थी

मेरी धड़कने कम थी
मेरी साँसे टूट रही थी
में मृत शय्या पर था
ऐसे में हवा चली
हवा में उड़कर तुम्हारी तस्वीर
हां तुम्हारी मासूम सी तस्वीर
मेरे सीने से आकर लिपट गयी
मेने जैसे इस मासूम चेहरे को देखा
यक़ीनन मेरी धड़कन ठीक हुई
मेरी साँसें चलने लगी
देखो तुम्हारी एक तस्वीर से
में बच गया में ज़िंदा हूँ
तुम मिल जाओ तो क्या हो
तुम मिल जाओ तो क्या हो
में क्या बताऊँ तुम खुद समझ जाओगे
बस इतना कहता हु
चले आओ ,,चले आओ ,,,अख्तर

यूपी: 24 घंटे के भीतर तीन किसानों ने की आत्‍महत्‍या, बेमौसम बारिश ने बर्बाद की थी फसल


झांसी. सोमवार को बुंदेलखंड में 24 घंटे के भीतर तीन किसानों की आत्महत्या कर ली। हमीरपुर के एक किसान ने जालौन में अपनी बेटी की ससुराल में जाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के समय उसने होली के रंग में रंगे कपड़े ही पहने हुए थे। वहीं, जालौन के ही आटा इलाके में एक किसान ने खुद को गोली मार ली। इसके साथ ही महोबा में एक युवा किसान ने बबूल के पेड़ से लटककर जान दे दी। बेमौसम बारिश के बाद बर्बाद हुई फसलों के कारण इन किसानों ने आत्‍महत्‍या की है। यूपी बीजेपी प्रदेशाध्‍यक्ष लक्ष्‍मीकांत वाजपेयी ने यूपी सरकार से मांग की है कि किसानों से वसूली स्थगित कर तत्काल देयमाफी की कार्यवाही की जाए।
पेड़ पर लटकता हुआ किसान का शव।
पेड़ पर लटकता हुआ किसान का शव।

देश में सबसे पिछड़े इलाकों में से एक बुंदेलखंड लंबे समय से सूखे की मार झेल रहा है। होली के दौरान में जमकर हुई ओलावृष्टि के कारण गेहूं, तिलहन, चना, मसूर की फसल को भारी नुकसान हुआ। इसके बाद से ही किसानों की आत्महत्या का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार को महोबा में चरखारी कोतवाली के ग्राम गोरखा में फसल बर्बाद होने से आहत युवा किसान महेंद्र अहिरवार ने उसके ही खेत में लगे बबूल के पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।

बताते चलें कि, युवा किसान के पिता पर इलाहाबाद ग्रामीण बैंक का 70 हजार रुपए कर्ज था। इस बात को लेकर वह काफी दिनों से परेशान था। इसी दौरान बेमौसम हुई बरसात ने उसकी तैयार फसल को उजाड़ दिया और किसान ने तनाव में आकर आत्‍महत्‍या कर ली।

बेटी के ससुराल जाकर की आत्‍महत्‍या

सोमवार को जालौन में दो किसानों ने आत्महत्या कर ली। हमीरपुर का एक किसान जालौन के कोंच के गांव भेड़ में अपनी बेटी के ससुराल गया हुआ था। उसने बेटी की ससुराल में ही एक खेत से लगे पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली। किसान के कपड़े होली के रंग में रंगे थे। बताया जा रहा है कि किसान की फसल ओलावृष्टि के कारण खराब हो गई थी। तनाव के दौरान ही वह अपनी बेटी के यहां आया था। उसने यहीं आत्महत्या की। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव को उतार पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

कोटा संभाग में अल्सपंख्य्क केडर में आने वाले सभी लोग अपने अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का सर्वेक्षण करे

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के संभागीय चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने सभाग के चारों ज़िलों के कार्यकर्ताओें से आह्वान किया है के कोटा संभाग में अल्सपंख्य्क केडर में आने वाले सभी लोग अपने अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का सर्वेक्षण करे जिनके निराकरण के लिए शीग्र ही प्रदेश के अध्यक्ष निज़ाम कुरैशी ,,को ऑर्डिनेटर मक़सूद अहमद और दूसरे पदाधिकारियों के साथ मिलकर प्रयास किये जाएंगे ,,,,कल कोटा में कार्यकर्ताओं की बैठक में सभी संभाग के कार्यकर्ताओें को एक जुट होकर कांग्रेस और कांग्रेस की नीतियों के अनुसार सेवाभाव से काम करने का आह्वान करते हुए एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने जिलेवार सम्मेलनों के भी निर्देश दिए ,,,कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश प्रवक्ता अज़ीज़ सिद्दीक़ी ने कहा के समस्याओं से हमे भागने की ज़रूरत नहीं सरकार की योजनाओ का लाभ हमारे अपनों को मिले उसमे आ रही बाधाओ को हम दूर करे यही हमारा लक्ष्य है ,,,बैठक में खिदमत ओर्गेनाइज़ेशन के अब्दुल रशीद क़ादरी ,,,जंगली शाह बाबा के गद्दी नशीन हाजी अज़ीज़ जावा ,,मौलाना रौनक खान ,,,बंजारा समाज के कैलाश बंजारा ,,,सुल्तानपुर के पूर्व प्रधान रईस खान ,,वक़्फ़ कमेटी के संभागीय प्रवक्ता तबरेज़ पठान सहित कई कार्यकर्ताओें ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का सम्मान किया और संगठन हित में हर सम्भव मदद का आह्वान किया ,,,,,,,,,,

मुफ्ती अब आतंकी फक्तू समेत 800 को रिहा करने की तैयारी में


जम्मूजम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर हंगामा जारी है। इस बीच पीडीपी-भाजपा सरकार ने 22 साल से जेल में बंद कई हत्याएं करने वाले आतंकी डॉ. मोहम्मद कासिम फक्तू समेत 800 अन्य ‘राजनीतिक’ कैदियों की रिहाई की तैयारी शुरू कर दी है।
अपनी ही सरकार के मुखिया का पुतला जलाते भाजपा कार्यकर्ता।
अपनी ही सरकार के मुखिया का पुतला जलाते भाजपा कार्यकर्ता।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने फक्तू समेत 15 बंदियों की फाइलें मंगा भी ली हैं। जिन्हें रिहा किया जा सकता है उनमें से ज्यादातर 2010 में हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद से जेल में बंद हैं। इनमें जेकेएलएफ, हुर्रियत के गिलानी गुट, मीरवाइज गुट, शब्बीर शाह समेत अन्य गुटों के नेता शामिल हैं। फक्तू पर मानवाधिकार कार्यकर्ता एचएन वांचू की भी हत्या का आरोप है। पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 35 लोग जेल में बंद हैं। इस बीच मसरत आलम ने फिर जहरीला बयान दिया। उसने कहा कि ‘कुर्बानी खाली नहीं जाएगी। हम आजादी लेकर रहेंगे।’ उधर दिल्ली में पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने अलगाववादी नेता गिलानी से भी भेंट की है।
भाजपा ने मसरत की फिर गिरफ्तारी की मांग की
भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रांत के महासचिव राजीव जसरोटिया के नेतृत्व में नौ विधायकों ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से भेंट की। उनसे मसरत आलम को फिर गिरफ्तार करने की मांग की। उधर, मसरत की रिहाई के खिलाफ राज्य में कई राजनीतिक दल जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। पैंथर्स पार्टी ने 48 घंटे का बंद बुलाया है।
हो-हल्ले की वजह अपनी-अपनी राजनीति
  • पीडीपी घाटी खोना नहीं चाहती है... पीडीपी को पता है कि सरकार ज्यादा दिन नहीं चलनी है। उसने विचारधारा के विपरीत भाजपा से गठजोड़ किया है। वह अलगाववादी नेताओं की रिहाई से घाटी को संदेश देना चाहती है कि वह एजेंडे पर कायम है। चुनाव हुए तो इन फैसलों से घाटी में फायदा होगा।
  • भाजपा जम्मू बचाने की जुगत में... भाजपा सरकार में है। ऐसे में अलगाववादी नेताओं की रिहाई का विरोध करना जरूरी है। ऐसा नहीं किया तो भाजपा को जम्मू में लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। जल्द चुनाव हुए तो नुकसान भाजपा को ही होगा। कांग्रेस मजबूत होगी। इसलिए ध्रुवीकरण पर जोर देना जरूरी है। पार्टी इसी कोशिश में लगी है।
संसद में भी हंगामा
कृपया हमें देशभक्ति न सिखाएं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने हमें कोई जानकारी नहीं दी। आप भाजपा की आलोचना कर लें पर देश की एकता के संबंध में दो स्वर नहीं जाना चाहिए। -नरेंद्र मोदी
मुफ्ती बोल चुके हैं कि वे सबकुछ पीएम को बता चुके हैं। फिर सरकार को कुछ कैसे पता नहीं? सफाई तो देनी होगी...
-मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर सरकार से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। भरोसा रखिए देश के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ जरूर कदम उठाएंगे। -राजनाथ सिंह
प्रधानमंत्री बताएं कि मसरत आतंकी है या राजनीतिक बंदी। अगर उसे राजनीतिक बंदी कह रहे हैं तो हम में और पाक में क्या फर्क रह गया। -मनीष तिवारी, कांग्रेस

क़ुरान का सन्देश

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