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24 मार्च 2015

ढहे आशियाने तो बेहोश हुई महिला, देखने के लिए छत से कूदा लड़का

ढहे आशियाने तो बेहोश हुई महिला, देखने के लिए छत से कूदा लड़का
जयपुर. शहर के अमानीशाह नाले में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट का रवैया सख्त है। हाईकोर्ट की टिप्पणियां अतिक्रमणों पर जिम्मेदारों की कार्रवाई की कलई खोलती हैं। अब दो दिन बाद नगर निगम को इसी मामले में हाईकोर्ट में जवाब देना है। इसी की तैयारी के रूप में मंगलवार को नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ दस्ता अचानक अमानीशाह नाले के सुशीलपुरा क्षेत्र में गया। जब घर टूटे तो महिला बेहोश हो गई और उसे देखने युवक छत से नीचे कूद पड़ा।
जहां कर चुके, वहां फिर तोड़फोड़
अफसरों की टीम और बुल्डोजर-ट्रैक्टरों के लवाजमे में नाले के आसपास बने मकानों में से कुछ पर कार्रवाई की। इनमें कुछ ऐसे मकान भी थे, जिन पर निगम पहले तोड़फोड़ कर चुका और अतिक्रमण के निशान लगा चुका। इस बार लगाए गए निशानों से भी 5-10 फीट अंदर तक तोड़फोड़ की गई। हालांकि ये सिर्फ दिखावटी थी।
लोगों बोले- पहले की चौड़ाई बढ़ा गए
गलत डिमार्केशन करने से लोगों ने दस्ते को घेरा। उनका कहना था कि पिछली बार जो डिमार्केशन किए गए थे अब निगम अफसर उसे बढ़ाकर पेश कर रहे हैं। जिनके निर्माण पहले तोड़े गए थे, उन्होंने नए निर्माण नहीं किए थे। टूटे मकान में ही रह रहे थे।
अफसर ने कहा- कोई गलती नहीं की
सिविल लाइन जोन आयुक्त अमिताभ कौशिक का कहना है कि गलत डिमार्केशन जैसी कोई बात नहीं है। हमनें 106 फीट में ही अतिक्रमण हटाए हैं। मकान टूटे तो लोगों ने विरोध किया।

वीके सिंह ने किया इस्तीफे की पेशकश का खंडन, सरकार दे सकती है सफाई

फोटो-कल पाक उच्चायोग के फंक्शन में शामिल होते जनरल वीके सिंह।
फोटो-कल पाक उच्चायोग के फंक्शन में शामिल होते जनरल वीके सिंह।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के नेशनल डे के मौके पर पाकिस्‍तानी उच्चायोग में आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह द्वारा 'disgust' और 'duty' हैशटैग के साथ जो ट्वीट किए थे, उन्हें उनके विद्रोह के तौर पर देखा जा रहा है। उनके इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी शर्मिंदगी का कारण माना जा रहा है। सिंह के इन ट्वीट्स के बाद विपक्ष ने उन्‍हें इस्‍तीफा देने की सलाह दे डाली। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वीके सिंह ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि, वीके सिंह ने इस बात से इनकार किया है। खबर के मुताबिक, पीएम आवास 7आरसीआर पर इस इस्तीफे को लेकर मंगलवार शाम एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में पीएम के अलावा, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी आदि नेता भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, सरकार वीके सिंह के इस कदम से नाराज तो है, लेकिन उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं करेगी। सरकार की ओर से इस पूरे विवाद पर सफाई भी दी जा सकती है।
क्या कहा वीके सिंह ने
वीके सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''जब मई 2014 में मैं विदेश राज्यमंत्री बना था तो मुझे अपने दायित्व और काम के बारे में पूरी जानकारी थी। मैं एक सैनिक भी हूं, जिसने 13 लाख फौज की कमान संभाली। मुझे बहुत सी ऐसी चीजों की जानकारी है जो शायद दूसरों को न हो। मैं पार्टी का मेंबर हूं। पार्टी पर विश्वास है। मैं सरकार के अंदर नहीं आता अगर मेरा इसके प्रति विश्वास नहीं होता। पाकिस्तान हाईकमिशन में मेरी मौजूदगी प्रोटोकॉल के तहत आता है। यह पहले भी हुआ और आगे भी जारी रहेगा। इस बार सिर्फ एक फर्क था। एक पुराना चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ इसे अटेंड कर रहा था। इस बार वह मंत्री था, लेकिन मीडिया इस चीज को अलग तरीके से दिखा रहा है। यहां तक कहा गया कि इससे हमारी सेना का मोरल डाउन होगा। इस मामले को तोड़-मरोड़ कर अलग रूप देने की कोशिश की गई।''
विपक्ष ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आड़े हाथों लेते हुए मंगलवार को ट्वीट किया कि यदि वीके सिंह अपनी ही सरकार के पाकिस्‍तान को लेकर दोहरे मापदंड से इतने निराश हैं तो उन्‍हें पद छोड़ देना चाहिए।जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लिखा है, "ये उम्मीद करना कितना बेतुका है कि वीके सिंह पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में न जाते। ऐसे कूटनीतिक मौकों पर जाना बतौर विदेश राज्य मंत्री उनका काम है।"आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने भी उन पर निशाना साधा और ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि अगर वी.के. सिंह को पाक हाईकमीशन में जाने पर इतनी शर्मिंदगी महसूस हो रही है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
सिंह ने किए पांच ट्वीट्स
वीके सिंह ने पाक उच्चायोग से लौटकर सोमवार रात दस बज कर एक मिनट से लेकर दस बज कर चार मिनट के बीच पांच ट्वीट किए। पहले तीन ट्वीट हैशटैग ड्यूटी के साथ हैं और इनसे ज़ाहिर होता है कि वह सरकार की तरफ से मिली ज़िम्मेदारी को बेमन से निभाने वहां गए थे।

मोदी का विरोध न कर सके इसलिए प्रेग्नेंट टीचर को ले गए थाने, छूटते ही मिसकैरिज


मोदी का विरोध न कर सके इसलिए प्रेग्नेंट टीचर को ले गए थाने, छूटते ही मिसकैरिज
जालंधर। जिस समय देशभर के न्यूज चैनल पीएम नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा को दिखा रहे थे, ठीक उसी समय जालंधर में एक प्रेग्नेंट टीचर ने अपना बच्चा खो दिया था। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह मोदी के 23 मार्च को पंजाब दौरे के दौरान शिक्षा प्रोवाइडर टीचर्स द्वारा काले झंडे दिखाकर विरोध करने का एलान करने वालों में शामिल थी। ये लोग विरोध न कर पाएं, इसलिए पुलिस ने 22 मार्च की सुबह 6 बजे से ही इन्हें उठाना शुरू कर दिया था। रजनी (34) को भी पुलिस ने नहीं बख्शा। उसे थाने ले गए और एक घंटे तक धमकाते रहे। परिणाम ये कि घर पहुंचते ही उसका मिसकैरिज हो गया। टीचर के साथ जो बीता उसी की जुबानी...
मैं कहती रही कि प्रेग्नेंट हूं, उन्होंने एक न सुनी
रजनी (पीड़ित) : मैं तेज मोहन नगर के सरकारी प्राइमरी स्कूल में बतौर एजुकेशन प्रोवाइडर हूं। पति हरजिंदर सिंह प्रॉपर्टी डीलर हैं। मैं प्रेग्नेंट थी और आठवां हफ्ता चल रहा था। मेरी तबीयत पहले ही खराब थी। डॉक्टर ने बेड रेस्ट काे कहा था। रविवार सुबह साढ़े छह बजे दो पुलिसवाले महिला कॉन्स्टेबल के साथ मेरे घर आए और कहा कि आप पंजाब सरकार के खिलाफ धरना देने वाले हैं। इसलिए आपको थाने चलना होगा। मैं उन्हें समझाती रही कि प्रेग्नेंट हूं और डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए बोला है। उन्होंने एक नहीं सुनी। मुझे जबरदस्ती भार्गव कैंप थाने ले गए। वहां पर एक घंटे रखा और धमकाते रहे। इससे मैं बहुत डर गई थी, क्योंकि ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था। मेरे पति हरजिंदर ने पुलिस अफसरों को डॉक्टर की रिपोर्ट भी दिखाई। फिर एक घंटे बाद मुझे घर जाने दिया। घर पहुंचते ही मेरी तबीयत बिगड़ गई। सोमवार सुबह जब मैं चेक करवाने के लिए गई, तो पता लगा कि मिसकैरेज हो चुका है और अंदर ही अंदर ब्लीडिंग होनी शुरू हो गई है। जैसा मेरे साथ हुआ, किसी और के साथ न हो।
दोष साबित हुआ तो 10 साल कैद का प्रावधान
अगर पुलिस को बता दिया जाता है कि महिला प्रेग्नेंट है और फिर भी उसे थाने ले जाया जाता है तो ये अपराध की श्रेणी में आता है। इस दौरान अगर मिसकैरिज हो जाता है तो दोषी के खिलाफ आईपीसी की धारा 313 और 317 के तहत केस दर्ज होता है। दोष साबित होने पर दस साल तक कैद का प्रावधान है।
महिला शिकायत देती है तो कार्रवाई होगी: एसीपी
जालंधर के एसीपी(वेस्ट) रविंदरपाल सिंह संधू ने कहा, ‘इस मामले में कोई शिकायत नहीं आई है। पीड़ित महिला अगर शिकायत भेजती हैं तो आरोपी पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ एक्शन जरूर लिया जाएगा।’ दूसरी ओर, भार्गव कैंप के एसएचओ जोगिंदर सिंह का कहना है कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है।

कांग्रेस ने बनाए 17 नए प्रवक्ता, टीवी पर पार्टी को डिफेंड करेंगी राष्ट्रपति की बेटी



फाइल फोटो- शर्मिष्ठा मुखर्जी।
फाइल फोटो- शर्मिष्ठा मुखर्जी।
नई दिल्ली. कांग्रेस ने मंगलवार को 21 पार्टी प्रवक्ताओं की नई सूची जारी की। पार्टी ने 17 नए प्रवक्ताओं के नाम का एलान करते हुए 4 सीनियर प्रवक्ता भी बनाए गए हैं। इसके अलावा 31 लोगों को मीडिया और टीवी चैनलों के पैनल में कार्डिनेट करने की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने अपने पूर्व प्रवक्ता अजय माकन को सीनियर प्रवक्ता बनाए रखा है। खास बात यह है कि कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी को शामिल किया गया है। वह टीवी चैनलों पर कांग्रेस को डिफेंड करती नजर आएंगी।
4 बड़े नेताओं को सीनियर प्रवक्ताओं मे जगह
कांग्रेस ने प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट्स की 50 से ज्यादा नामों वाली सूची जारी की है। पार्टी ने अजय माकन, सीपी जोशी, सत्यव्रत चतुर्वेदी और शकील अहमद को सानियर प्रवक्ता के तौर पर शामिल किया है। इसके अलावा पार्टी के सीनियर प्रवक्ताओं में आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, पी चिदंबरम और सलमान खुर्शीद पहले से ही शामिल हैं।
यह है पूरी लिस्ट
सीनियर प्रवक्ता- अजय माकन, सीपी जोशी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, शकील अहमद।
प्रवक्ता- भक्त चरणदास, दीपेंद्र हुड्डा, दिनेश गुंडूराव, गौरव गोगोई, खुशबू सुंदर, मधु गौड़, मीम अफजल, प्रियंका चतुर्वेदी, पीएल पुनिया, राजीव गौड़ा, राजीव सत्व, रजनी पाटिल, आरपीएन सिंह, सुष्मिता देव, टॉम वडक्कन, विजेंद्र सिंगला।
मीडिया पैनलिस्ट- अखिलेश प्रताप सिंह, आलोक शर्मा, एमी याग्निक, अमित देशमुख, अनंत गाडगिल, अशोक तंवर, बालचंद्र मुंगेरकर, ब्रजेश कलप्पा, चंदन यादव, चरण सिंह सापरा, सीआर केशवन, देवव्रत सिंह, हुसैन दलवी, जगवीर शेरगिल, जीतू पटवारी, मनीष तिवारी, मुकेश नायक, नदीम जावेद, नासिर हुसैन, प्रेमचंद मिश्रा, परणिति शिंदे, रागिनी नायक, राजीव शुक्ला, रंजीता रंजन, रश्मिकांत, सलमान सोज, संदीप चौधरी, संजय निरुपम, शर्मिष्ठा मुखर्जी, डॉ विष्णु।

फ्रांस: 24 साल पुराना था क्रैश हुआ प्लेन, 148 की मौत की आशंका



पेरिस। दक्षिणी फ्रांस में जर्मनविंग्स एयरलाइंस का यात्री विमान 9525 मंगलवार को क्रैश हो गया। विमान स्पेन के बार्सिलोना से जर्मन शहर डूसेलडर्फ जा रहा था। एयरबस A320 विमान में 142 यात्रियों के साथ छह क्रू मेंबर सवार थे। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के मुताबिक, इन सभी के जीवित होने की बिलकुल उम्मीद नहीं है। हादसा राजधानी पेरिस से 750 किलोमीटर दूर हुआ। क्रैश हुआ विमान 24 साल पुराना था। इसने आखिरी उड़ान बीते रविवार डूसेलडर्फ से लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट के लिए भरी थी। स्पेन के प्रधानमंत्री ने बताया कि विमान में 45 स्पेनिश यात्री थे। हादसे में मारे जाने वाले अधिकतर लोग स्पेन, जर्मनी, टर्की आदि देशों से हैं।
क्रैश साइट पर जाएंगी मार्केल
जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल बुधवार को क्रैश साइट पर जाएंगी। उन्होंने कहा, यह गहरे दुख का वक्त है। हम उन लोगों के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करते हैं, जिन्होंने इस हादसे में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को खो दिया। दुर्घटना के हर पहलू की गंभीरता से जांच की जाएगी।
क्रू मेंबर्स ने भेजा था इमरजेंसी सिग्नल
फ्रेंच सिविल एविएशन अथॉरिटी ने बताया कि उड़ान भरने के 46 मिनट बाद ही क्रू मेंबर्स ने आपातकालीन सिग्नल भेज दिए थे। अधिकारियों के मुताबिक, इमरजेंसी कॉल के बाद प्लेन कुछ ही सेकेंड्स में 38 हजार फीट की ऊंचाई से पांच हजार फीट की ऊंचाई पर आ गया। इसके कुछ सेकेंड्स बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने प्लेन का सिग्नल खो दिया। प्लेन क्रैश से पहले पायलट्स पायलट्स के आखिरी शब्द थे, 'emergency, emergency'.
दुर्गम इलाके में हुआ हादसा
फ्रेंच प्रेसिडेंट ने कहा कि हादसे वाली जगह बेहद दुर्गम इलाके में है, जहां पहुंचने में कई घंटे लगेंगे। सेना के हेलिकॉप्टर विमान की खोज में हादसे वाले इलाके के ऊंची चोटियों तक गए। फ्रेंच रेडियो स्टेशन यूरोप 1 पर एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विमान सामान्य से कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के डिग्ने के एल इलाके के पास विमान का मलबा ट्रेस कर लिया गया है। घटनास्थल पर मौजूद माउंटेन गाइड ब्रूनो लमबर्ट ने बताया कि उसने कोई क्रैश की आवाज नहीं सुनी है। उसने बताया कि जहां क्रैश हुआ है, वहां ऊंचे पहाड़ हैं और क्रैश होने के बाद जोरदार हिमस्खलन होने का खतरा होगा।

भरोसेमंद था विमान
विमान के क्रैश होने की खबर सामने आने के बाद इसके पूर्व पायलट जॉन कॉक्स ने कहा है कि यह बहुत ही भरोसेमंद था। उन्हें खुशी है कि उन्होंने इसे उड़ाया। जॉन वर्तमान में सेफ्टी ऑपरेटिंग सिस्टम (एविएशन कन्सल्टिंग कंपनी) के सीईओ हैं। फ्रांस के गृह मंत्रालय ने बताया कि 240 लोगों की इमरजेंसी टीम को घटनास्थल पर स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए भेज दिया है। साथ ही माउंटेन रेस्क्यू एक्सपर्ट टीम भी काम कर रही है।
इमरजेंसी नंबर जारी
विमान को ऑपरेट करने वाली कंपनी लुफ्थांसा एयरवेज ने अपनी वेबसाइट पर कंपनी के लोगो को पीले रंग से ग्रे में तब्दील कर दिया। इससे पहले, कंपनी के सीईओ कार्टन स्पोहर ने कहा, ''हमें अभी यह भी नहीं पता कि कि प्लेन के हादसे की वजह क्या है। मुझे यात्रियों के परिवार और घरवालों से गहरी संवेदना है। यह हमारे लिए काला दिन है।''फ्रेंच के आंतरिक मंत्रालय ने हादसे से जुड़ी जानकारी देने के लिए ये इमरजेंसी नंबर जारी किए हैं।
जर्मनी: 0800 1133 5577
स्पेन: 902 400 012

कोटा कांग्रेस में युवा तुर्क ,,तेज़तर्रार ,,अपने वार्ड ,,अपने क्षेत्र के लोगों के चहेते ,,,क्रांतिकारी वार्ड अट्ठारह से पार्षद अनिल अनिल सुन्वाल्का

कोटा कांग्रेस में युवा तुर्क ,,तेज़तर्रार ,,अपने वार्ड ,,अपने क्षेत्र के लोगों के चहेते ,,,क्रांतिकारी वार्ड अट्ठारह से पार्षद अनिल अनिल सुन्वाल्का नदी पार कुन्हाड़ी ,,सकतपुरा इलाक़े के पांच नगर निगम वार्डों में कांग्रेस की रीढ़ ,,कांग्रेस की हिम्मत ,,कांग्रेस का उत्साह बने है ,,,विधानसभा चुनाव में जिस इलाक़े से कांग्रेस बुरी तरह से पिछड़ गई थी ,,उसी इलाक़े के वार्ड अट्ठारह से अनिल सुन्वाल्का पार्षद का चुनाव लड़े और विकट परिस्थितयों में भी भारी वोटों से चुनाव जीतकर नदी पार कुन्हाड़ी सकतपुरा इलाक़े में कांग्रेस को फिर ज़िंदाबाद कर दिया ,,,,,बाराह जुलाई उन्नीस सो बियासी को जन्मे युवा तुर्क अनिल सुन्वाल्का युथ कांग्रेस की अंगड़ाई ,,युथ कांग्रेस की जान है ,,जबकि कोटा उत्तर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के वरिष्ठतम शेर दिल नेता शांति कुमार धारीवाल के भक्तों में से एक है ,,अनिल सुन्वाल्का यूँ तो अपने व्यवसाय से जुड़े है ,,लेकिन जब समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष ,,अपने लोगों को इन्साफ दिलाने की बात होती है तो यह अपने व्यवसाय के नुकसान की परवाह किये बगैर पूरी ताक़त के साथ संघर्ष में लग जाते है ,,,,इनके वार्ड में कोई इन्हे भाई साहब ,,,कोई भाई जान ,,कोई अनिल जी ,,कोई सुनवालका जी ,,कोई बेटा ,,,कहकर सम्बोधित करता है तो यह रुक कर उन्हें प्रणाम करते है ,,उनकी समस्या पूंछते है ,,समाधान का रास्ता सुझाते है ,,,अपने क्षेत्र में अनिल सुवालका लोगों को रोज़गार से जोड़ने ,,शिक्षा की अलख जगाने के प्रयासों में भी जुटे रहे है ,,,,,,,,अपने इलाक़े में पानी ,,बिजली ,,क़ानून व्यवस्था ,,,,,चिकित्सा ,,शिक्षा व्यवस्था की कोई भी समस्या हो उसके समाधान के लिए तत्पर रहने वाले अनिल सुवालका अपने क्षेत्र में लोगों के लाडले ,,हर दिल अज़ीज़ बने हुए है ,,,,,नाली ,,पटान से लेकर घर के निजी समस्याओं के मामले में भी लोग अनिल को ही तलाशते है ,,पुकारते है और उनकी समस्या का तत्काल समाधान होने पर इलाक़े के लोग अनिल ज़िंदाबाद कहकर ,,अनिल को कांग्रेस में सिरमौर होने की दुआए भी देते है ,,,शान्तिकुमार धारीवाल को अपने राजनीतिक जीवन का मार्गदर्शक मानने वाले अनिल सुवालका सहज ,,सरल ,,मृदल स्वभावी ,,स्वच्छ छवि का होने से लोगों की आँख का तारा है ,,छोटे से वक़्त में हज़ारो की तादाद में लोगों को इकट्ठा कर लेना इनके लिए मामूली बात है ,,अपनी जेब से खर्च कर सेवा कार्यों में जुटे कांग्रेस केडर में शायद सबसे कम उम्र के अनिल उत्साही पार्षदो में से एक है ,,,,,,,,,,,,,,कांग्रेस की रीति नीतियों के लिए संघर्ष करने वाले अनिल ने इनके इलाक़े के अधिकतम लोगों को पेंशन ,,विकलांग पेंशन ,,चिक्तिसा सुविधा ,,ऋण सुविधा सहित कई सरकारी योजनाओ के लाभ दिलाये है ,,,,,आपसी झगड़ो के जब यह लोगों को बुलाकर उनके विवादों का निस्तारण बिना कोर्ट कचहरी ,,थाने के निष्पक्ष रूप से करते है तो दो विपरीत धाराओं में बहकर एक दूसरे के दुश्मन बने गुट अपनी भूल सुधारकर एक दूसरे के गले लगकर भाईचारे ,,सद्भावना का पैगाम देते हेु अनिल सुवालका ज़िंदाबाद कहते है ,,,,,,अनिल सुवालका कांग्रेस के दिग्गज शान्ति धारीवाल के कट्टर समर्थको में से एक होने से इनके क्षेत्र के पांच वार्डो नदी पार इलाक़े में इन्होने अपने सुझाव देकर क्षेत्र के लोगों के विकास उनकी समस्याओ के स्थाई समाधान के लिए कई ऐतिहासिक काम करवाये है ,,,,,,,और इनके कार्यों से इस क्षेत्र की दिशा ही बदल गई है ,,जो कभी गाँव जैसा दिखता था ,,आज विकसित ,,खूबसरत ,व्यवसायिक इलाक़ा हो गया है और लोगों के रोज़गार के अवसर इस इलाक़े में बढ़े है ,,,,,,,अनिल सुवालका की कम उम्र में सेवाभावी समर्पण तोर तरीकों से कांग्रेस की रीती ,,नीति पर चलकर लोगों का दिल जीतने का जो हुनर है उसे देख कर कुछ कोंग्रेसी तो दाँतो तले उँगलियाँ दबाते है ,,कुछ कोंग्रेसी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने से खफा हो जाते है ,,तो निर्गुट कोंग्रेसी इसे अनुकरणीय बताकर भविष्य के नेता की शक्ल के रूप में अनिल सुवालका को तलाशते है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जो खुदा के अलावा खुदा की बनाई हुई चीज़ों से डरते है ,,वोह कायर और डरपोक होते है ,,

जो खुदा के अलावा खुदा की बनाई हुई चीज़ों से डरते है ,,वोह कायर और डरपोक होते है ,,,,,,,,खुदा को छोड़कर जिनसे वोह डर गए है ,,उन्हें वोह पूजने लगते है ,,उनकी इबादत करने लगते है ,,कहीं फूल ,,कहीं चादर पेश करने लगते है ,,,हमारे देश में अल्लाह ,,ईश्वर ,,और हमे जन्म देने वालों को तो हम तिरस्कृत करते है ,,,भारत माँ कहकर भारत के सिद्धांतो को मटियामेट करते है ,,और फिर कहते है हम तो बेजान चीज़ों को जिसे खुदा ने बनाया है उन्हें नमस्कार करके महान बनते है ,,,,खूब जनाब खूब ,,अपने माँ ,,बाप ,,अपनी भारत माँ के सिद्धांतो को नमन हम कर ले अपने खुदा को नमन हम कर ले बस हम ज़िंदाबाद हो जाएंगे ,,, बिना किसी पूर्वाग्रह के ज़रा सोचे ,ज़रा समझे ,,नमस्काार नमस्कार के विवादों से बचे ,,दिल से दिल की बात करे ,,,,अपने अपने मज़हबों की सिर्फ अपनों तक बात करे ,,,,,,भारत की बात हो ,,,भारत की सीमाओ की बात हो ,,सुख शांति की बात हो तो फिर अपने मज़हब ,,अपने धर्मों को दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ भारत की बात करने ,,,देश में फितना फैलाकर देश की सुख शानति खत्म करने के प्रयासों में जुटे पाकिस्तान से रुपया लेकर बकवास बयानबाज़ी करने वालों से तो में कुछ नहीं कहूँगा लेकिन हम तो समझदार है ,,हम तो समझे ,,,,,,,,,,,,,,धर्म से पहले भारत भारत की सुख शानति को समझे ,,,,,,,,,,,मुट्ठीभर पाकिस्तान के एजेंट बनकर देश की सुख शांति खत्म करने वाले साधू ,,संत ,,मुल्ला ,,मोलवी ,,,हम और हमारे भारत पर कतई भारी नहीं हो सकते ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अंसार अहमद इन्दोरी ने हदीस के मुताबिक़ बारां ज़िले की एक मस्जिद में बिना किसी दहेज़ ,,दबाव ,,शोरशराबे के इस्लामिक तरीके से निकाह क़ुबूल कर एक मिसाल क़ायम कर दी है

दोस्तों शादी ब्याह में,, दहेज़ और फ़िज़ूल खर्ची की ,,रोकथाम के लिए यूँ तो सभी समाजो के साथ मुस्लिम समाज में भी सामूहिक विवाह की परम्परा शुरू हुई है ,,लेकिन सभी जानते है इस नाम पर सियासत और खुले रूप से दहेज़ की लिस्ट प्रचारित होती है ,,खाना ,,टेंट वगेरा के खर्च के बाद निजी तोर पर दावतों में अलग खर्च होते है और फिर इन रिश्तो में से कई रिश्ते दरकने लगते है ,,क्योंकि सामूहिक विवाह सम्मेलनों में भी दहेज़ का लालच बरक़रार है ,,,,,,,लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के इस दौर में आधुनिक दौर के अलम्बरदार ,,सुशिक्षित नौजवान अंसार अहमद इन्दोरी ने हदीस के मुताबिक़ बारां ज़िले की एक मस्जिद में बिना किसी दहेज़ ,,दबाव ,,शोरशराबे के इस्लामिक तरीके से निकाह क़ुबूल कर एक मिसाल क़ायम कर दी है ,,,,एक पत्रकार ,,एक लेखक ,,एक तन्क़ीद निगार ,,एक समाज सेवक ,,एक मानवाधिकार कार्यकर्ता अगर इस दौर में ऐसा करे तो अजूबा सा लगता है ,,लेकिन दोस्तों कोटा की शख्सियत अंसार अहमद इन्दोरी ने पुरखुलुस निकाह कर हाड़ोती के ही नहीं ,,राजस्थान के ही नहीं पुरे हिन्दुस्तान के नो जवानो को यह अचम्भित कर दें वाला समाज सुधार का संदेश दिया है ,,,,,,,,,, दोस्तों यह सज धज कर सूटेड बूटेड खड़ा नोजवान इस्लामिक निकाह का ऐक आदर्श ,,एक सुबूत ,,एक गवाह बन चुका है ,,शरीयत के मुताबिक़ बिना किसी लोभ लालच ,,दान दहज़ ,,बेण्ड बाजे के शोरशराबे से दूर ,लाखो रुपए की चमक दमक के खर्च से परे एक शरीयती निकाह के गवाह बने है ,,,,,,,,जी हाँ दोस्तोँ अंसार एहमद ऊर्फ अंसारुल ह्क स्वर्गीय अब्दुल वहीद बाबा ईन्दौर वालोँ के सपुत्र है ओर अठ्ठारह अप्रेल पिछले साल इन्होने बारां मे वसीम अहमद साहब की पुत्री वाफिया मराज के साथ मस्ज़िद मे बिना किसी धूमधड़ाके के निकाह कूबूल है कहकर खर्चिीली ओर महंगी शादी करनें वालोँ के सामने ऐक मिसाल क़ायम की है ,,,,गरीब ,,,दलीत ओर शोषित उत्पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाने के लिये संघर्ष रत मानवअधिकार कार्यकर्त्ता ,लेखक ,,पत्रकार भाई अंसार इन्दोरी के पास् लोगो का दिल जीतने का हुनर है ,,,,,,,,,,,,,,,वोह जो कहते है वोह करके भी दिखाते भी है ,,,अंसार इन दिनो दिल्ली मे रहकर पुरे भारत मे दलित ,,शोषित ,,उत्पीड़ित लोगों को इन्साफ दिलाने के लिये कार्यरत है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इन्होने कई मुद्दों पर अखबारी ओर टीवीः इंटरविव पर अपने पद पर रह्कर ज़िम्मेदारियों से विमुख रहने वाले नेताओं को आइना भी दिखाया है जबकि अख़बार ,,मेगज़ीन ओर निजी रुप से जुल्म के खिलाफ़ ज़ालिमों के खिलाफ निर्भीकता से आवाज़ उठाई है ,,अंसार इंदोरी ने जुल्म के किस्सों को फिल्मांकन के रूप मे तैयार कर बहतरीन तरीके से ज़ालिमों के खिलाफ ओर मज़लूमों के पक्ष मे आवाज़ बुलन्द की है ,,मुज़फ्फर नगर हो चाहे दूसरे जुल्म हो सभी पर इन्होने तेज़ धारधार विचारो साथ आवाज़ बुलन्द की है ,,,,इन दिनों अंसार कोटा संभाग में शिक्षा की अलख जगा रहे है ,,,,भाइ अंसार को नये विवाहित जीवन के एक वर्ष पुरे होने जा रहे है उन्हें मुबारकबाद ,बधाई ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

IT की धारा 66A रद्द, सोशल मीडिया में कमेंट पर अब नहीं गिरफ्तार


Supreme-Court-adaalat
सुप्रीम कोर्ट ने आईटी ऐक्ट के प्रावधानों में से एक 66A को निरस्त कर दिया है. यह धारा, इन्टरनेट पर अपमानजनक सामग्री डालने पर पुलिस को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति देती थी.
इस पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को बड़ा फैसला दिया है. अब सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट को लेकर IT एक्ट की धारा 66A के तहत ना तो कोई मामला दर्ज होगा और ना ही किसी की तुरंत गिरफ्तारी हो सकेगी.
जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस आर एफ नरीमन की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए संविधान के तहत उल्लिखित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को साफ तौर पर प्रभावित करती है. कोर्ट ने प्रावधान को अस्पष्ट बताते हुए कहा, ‘किसी एक व्यक्ति के लिए जो बात अपमानजनक हो सकती है, वो दूसरे के लिए नहीं भी हो सकती है.’
याचिकाकर्ता श्रेया सिंघल ने इस एक्ट में गिरफ्तारी के प्रावधान को चुनौती दी थी.  जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया.
इस फैसले के बाद फेसबुक, ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर की जाने वाली किसी भी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पुलिस आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं कर पाएगी. पहले पुलिस को किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार था.  लेकिन अब वो अधिकार खत्म हो गया है.
इसका मतलब ये भी नहीं है कि अब कोई भी कुछ इंटरनेट पर लिख दे. अब भी अगर कोई आपत्तिजनक सामग्री इंटरनेट पर दिखती है तो कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ अदालत में भारतीय दंड संहिता की आम धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवा सक

क़ुरआन का सन्देश

 
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