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25 मार्च 2015

देवी सती के अंग से बना ये मंदिर, श्रीकृष्ण का हुआ था मुंडन संस्कार



देवी सती के अंग से बना ये मंदिर, श्रीकृष्ण का हुआ था मुंडन संस्कार
कुरुक्षेत्र। चैत्र नवरात्रि के पावन मौके पर आपको हरियाणा में स्थित ऐतिहासिक भद्रकाली मंदिर के बारे में बताने जा रहा है। यह मंदिर हरियाणा की एकमात्र सिद्ध शक्तिपीठ है, जहां मां भद्रकाली शक्ति रूप में विराजमान हैं। यह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित है।
भद्रकाली शक्तिपीठ का इतिहास दक्षकुमारी सती से जुड़ा हुआ है। जब भगवान शिव सती के मृत देह को लेकर ब्राह्मांड में घूमने लगे तो भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 52 हिस्सों में बांट दिया। जहां-जहां सती के अंग गिरे वहां-वहां पर शक्ति पीठ स्थापित हुए। यहां पर देवी सती का दायां गुल्फ अर्थात घुटने से नीचे का भाग गिरा। पुराणों में कहा गया है कि भगवान श्रीकृष्ण व बलराम के मुंडन संस्कार यहां पर हुए थे।
शिव पुराण में इसका वर्णन मिलता है कि एक बार सती के पिता दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया। इस अवसर पर सती व उसके पति शिव के अतिरिक्त सभी देवी-देवताओं व ऋषि-मुनियों को बुलाया गया। जब सती को इस बात का पता चला तो वह अनुचरों के साथ पिता के घर पहुंची। तो वहां भी दक्ष ने उनका किसी प्रकार से आदर नहीं किया और क्रोध में आ कर शिव की निंदा करने लगे। सती अपने पति का अपमान सहन न कर पाई और स्वयं को हवन कुंड में अपने आप होम कर डाला। इसके बाद उनके शव को लेकर शिव ब्राह्मांड में घूमे।
महाभारत से भी है नाता
महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मां भद्रकाली की पूजा करने को कहा। अर्जुन ने कहा कि आपकी कृपा से मेरी विजय हो और युद्ध के उपरांत मैं यहां पर घोड़े चढ़ाने आऊंगा। शक्तिपीठ की सेवा के लिए श्रेष्ठ घोड़े अर्पित करूंगा। श्रीकृष्ण व पांडवों ने युद्ध जीतने पर ऐसा किया था, तभी से मान्यता पूर्ण होने पर यहां श्रद्धालु सोने, चांदी व मिट्टी के घोड़े चढ़ाते हैं।
हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन मां भद्रकाली की पूजा अर्चना व दर्शन करते हैं। मंदिर के बाहर देवी तालाब है। तालाब के एक छोर पर तक्षेश्वर महादेव मंदिर है।

घर में मृत मिले मध्य प्रदेश गवर्नर के बेटे शैलेष, व्यापमं घोटाले के थे आरोपी




लखनऊ. मध्य प्रदेश के राज्यपाल और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री रामनरेश यादव के बेटे शैलेष यादव की बुधवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई। शैलेष मध्‍य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में आरोपी थे। उनका शव मॉल एवेन्यू स्थित रामनरेश यादव के सरकारी आवास पर मिला। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, शैलेष की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सुबह सात बजे के करीब सफाई कर्मचारी कमरे में गया, तो उसने शैलेष को बेड के नीचे पड़ा देखा। उनके सिर से खून निकल रहा था। उसने तुरंत परिवार के अन्य सदस्यों को यह जानकारी दी। परिजनों ने डॉक्टर बुलाया। डॉक्टर ने जांच के बाद शैलेष को मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है कि घरवालों ने मौत की सूचना कई घंटों तक किसी को नहीं दी। घर के अंदर भी किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी।
कमरे में अकेले थे शैलेष
परिवार के लोगों के अनुसार, रात में शैलेष अपने कमरे में अकेले थे। घर में रामनरेश की तीनों बहुओं के अलावा शैलेष यादव के दो बच्चे भी थे। इसके अलावा घर की सुरक्षा में तैनात पुलिस एस्कॉर्ट के अलावा तीन घरेलू नौकर मौजूद थे। परिवारिक सूत्रों की मानें, तो शैलेष हाइपर टेंशन, डिप्रेशन और शुगर के मरीज थे। कुछ दिनों पहले उनका डाइबिटीज का लेवल 400 के ऊपर क्रॉस कर गया था। रामनरेश यादव के तीन लड़के है। पहले कमलेश यादव, दूसरे शैलेष यादव तीसरे अजय नरेश यादव। रामनरेश समेत उनके दोनों लड़के बाहर हैं। उन्हें शैलेष के मौत की सूचना दे दी गई है।
रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, स्वाभाविक है मौत
कांग्रेस नेता बिजेंद्र सिंह का कहना है कि यह एक स्वभाविक मौत है। इसे कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सिर्फ आरोप लगाए जाने से कोई आरोपी साबित नहीं हो जाता। शैलेष की मौत की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी मॉल एवेन्यू पहुंचीं। उन्होंने कहा कि वह सदन में थीं जब उन्हें मौत की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि शैलेष की मौत स्वभाविक मौत है और इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाए। वहीं, मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के सहयोगी सत्यदेव पूरब ने बताया कि जब तक परिवार के लोग नहीं आ जाते, तब तक शैलेष की मौत के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
क्‍या था आरोप
शैलेष यादव पर संविदा शिक्षक वर्ग-2 के पद के 10 आवेदकों से पैसे लेकर पास कराने का आरोप था। इस घोटाले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की चार्जशीट में शैलेष का नाम है।
संपत्ति कुर्क करने की थी तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ जल्द ही शैलेष की संपत्ति कुर्क करने के लिए कोर्ट में आवेदन देने वाली थी। इससे पहले एसटीएफ ने शैलेष को बयान दर्ज कराने के लिए एमपी के राजभवन, लखनऊ आैर आजमगढ़ नोटिस भेजे थे। हालांकि, ये नोटिस शैलेष को तामील नहीं हुए। शैलेष की तलाश में एसटीएफ की टीम आजमगढ़ आैर लखनऊ भी गई थी। जब वह नहीं मिले तो संपत्ति की जानकारी जुटाई गई थी। पता चला है कि लखनऊ में शैलेष के नाम एक पेट्रोल पंप आैर जमीन है।
क्या है व्यापमं
व्यापमं यानी व्यवसायिक परीक्षा मंडल, मध्य प्रदेश का काम मेडिकल टेस्ट जैसे पीएमटी प्रवेश परीक्षा, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा व शैक्षिक स्तर पर भर्ती आदि के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन कराना है।
राजनीति में सफल नहीं हो सके बेटे
बता दें कि रामनरेश यादव ने भले ही राजनीति में नाम कमाया हो, लेकिन उनके तीनों बेटे अभी तक राजनीति में कुछ खास काम नहीं कर पाए हैं। बड़े बेटे कमलेश यादव ने राजनीति में कदम रखा था। हालांकि, वह कुछ खास नहीं कर सके। ऐसे में उन्होंने ग्राम विकास मंच बनाया और उसी का काम देख रहे हैं, जबकि यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से राजनीति की शुरुआत करने वाले छोटे बेटे अजय नरेश यादव को भी शिकस्त मिल चुकी है। मृतक शैलेष यादव का वास्तव में कोई राजनीतिक वजूद नहीं था।

जिन्दगी

Pushplata Sharma
खिल कर मुरझाने का नाम है जिन्दगी
ज़माने के लिये फनां हो जाने का नाम है जिन्दगी
इस जहां के गहन अंधेरों में
खुद को जलाने का नाम है जिन्दगी
इस बहते हुए गम के दरिया में
अश्कों को पी जाने का नाम है जिन्दगी
जमाने की इस झूठी हंसी के साथ
दिल को तबाह कर मुस्कराने का नाम है जिन्दगी
गम के साज पर छेड़ जिन्दगी के नगमें
आहों के स्वर में गुनगुनाने का नाम है जिन्दगी

27 मार्च को अटल को दिया जाएगा भारत रत्न, अवाॅर्ड देने घर जाएंगे राष्ट्रपति


फाइल फोटो: अपने 90 वे जन्मदिन के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी।
फाइल फोटो: अपने 90 वे जन्मदिन के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी।
नई दिल्ली: पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को 27 मार्च को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया जाएगा। यह अवॉर्ड उनके घर पर दिया जाएगा। प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी प्रोटोकॉल तोड़कर पूर्व पीएम के घर जाएंगे और उन्हें यह अवॉर्ड देकर सम्मानित करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। आपको बता दें कि बीते साल 25 दिसंबर को एनडीए सरकार ने वाजपेयी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने का एलान किया था। अटल बिहारी वापजेपी को यह पुरस्कार 27 मार्च को, जबकि महामना मदन मोहन मालवीय को 31 मार्च को दिया जाएगा।
अवॉर्ड पाने वाली दोनों हस्तियों में हैं कई समानताएं
महामना मदन मोहन मालवीय
सर्वोच्च नागरिक सम्मान हासिल करने वाले महामना मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर, 1861 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दान की जमीन और पैसे लेकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसी संस्था की स्थापना की थी। स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् महामना दो बार कांग्रेस अध्यक्ष रहे। उन्होंने ही पहली बार अदालती कामकाज में हिंदी के इस्तेमाल को लेकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी। मंदिर में प्रवेश दिलाने से लेकर वंचित तबकों के उत्थान के लिए भी महामना ने अथक प्रयास किए थे।
अटल बिहारी वाजपेयी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार हिंदी में भाषण देकर हिंदी का परचम फहरा चुके हैं। करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता और प्रखर कवि के रूप में विख्यात अटल ने बतौर विदेश मंत्री 1977 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में उद्बोधन दिया था। 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी पहले जनसंघ और फिर भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष रहे। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी का समय तेज आर्थिक विकास दर और विश्व स्तर पर भारत की साख बढ़ाने के लिहाज से अहम माना जाता है। संघ के स्वयंसेवक होने के बावजूद भी धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी चेहरा रहे वाजपेयी की लोकप्रियता बतौर राजनेता तमाम दलगत सीमाओं से ऊपर रही है।
अब तक 43 लोगों को मिल चुका है भारत रत्न
अभी तक कुल 43 लोगों को भारत रत्न दिया जा चुका है। इनमें वैज्ञानिक सीवी रमन, क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर, सिंगर लता मंगेशकर और सी राजगोपालाचारी जैसे राजनेता और विद्वान शामिल हैं।
पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेई को 27 मार्च को 'भारत रत्न' दिया जाएगा। खुद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उनके घर उन्हें यह सम्मान देने जाएंगे। अटल जी का इन दिनों रूटीन क्या है, ये जानने की कोशिश की भास्कर डिजिटल ने। अटल जी के भांजे और भाजपा सांसद अनूप मिश्रा ने बताया कि कैसा है अटल जी का रूटीन...
टीवी पर राजनीतिक खबरों पर नजर...
अनूप मिश्रा बताते हैं, हालांकि इन दिनों अटल जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, लेकिन फिर भी वे टीवी ज़रूर देखते हैं। परिवार के सदस्य उन्हें अख़बार पढ़कर सुनाते हैं।
गाजर का हलवा और देशी घी के लड्डू रहे हैं पसंद
अनूप मिश्रा बताते हैं, एक समय था जब अटल जी ग्वालियर के मेले में लगने वाले हरिद्वार वाले का गाज़र का हलवा और बहादुर के देशी घी के लड्डू बहुत चाव से खाते थे, लेकिन अब स्वास्थ्य के कारण से वे लिक्विड डाइट पर हैं। हालांकि सेहत कमज़ोर होने के बावजूद उनके रूटीन में बहुत बड़ा कोई फर्क नहीं आया है।
रोज कोई न कोई अखबार पढ़कर सुनाता है..
अनूप मिश्रा के मुताबिक, दिल्ली में ठंड के वक्त अटल जी को पहले बंगले से बाहर नहीं लाया जाता था, लेकिन ठंड खत्म होने के बाद व्हील चेयर पर बाहर लॉन में आकर बैठते हैं। उन्हें सुबह अख़बार पढ़कर सुनाया जाता है। परिवार के करीबी लोगों में किसी एक की यह हर रोज की जिम्मेदारी होती है। दिन में कुछ देर तक वे टीवी देखते हैं। जब सत्र चल रहा होता है, तब वे सदन की कार्यवाही जरूर देखते हैं।
और बच्चों की तरह मचले...
सांसद अनूप मिश्रा बताते हैं कि, जब दो राज्यों झारखंड और जम्मू-कश्मीर के चुनाव नतीजे आ रहे थे,तब भी अटल जी टीवी पर नतीजे देख रहे थे। मिश्रा बताते हैं कि बोलते नहीं है, लेकिन उनके चेहरे पर आ रहे हाव-भाव ख़बरों को लेकर उनका रिएक्शन बता देता है। एक बार जब सारे परिवार के लोग कमरे में बैठे थे और टीवी पर सदन की कार्यवाही का प्रसारण हो रहा था, तभी किसी ने टीवी बंद कर दी, तो अटल जी बच्चों की तरह गुस्से से मचल गए। बाद में जब दोबारा टीवी चालू किया गया, तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट आ गई। दिन में रेस्ट करते हैं। कभी उन्हें फिल्मे देखना बहुत पसंद था। आज भी जब कोई पुरानी फिल्म टीवी पर आ रही होती हैं, तो वो मौन होकर देखते हैं।

आपात काल के बाद मीसा बंदियों को स्वतंत्रता सेनानियों का हक़ दिलाने के लिए जुनूनी संघर्ष कर उन्हें आत्म सम्मान दिलाने वाले जंगजू किसान नेता फरीदुल्ला खान

आपात काल के बाद मीसा बंदियों को स्वतंत्रता सेनानियों का हक़ दिलाने के लिए जुनूनी संघर्ष कर उन्हें आत्म सम्मान दिलाने वाले जंगजू किसान नेता फरीदुल्ला खान कोटा की उन अज़ीम हस्तियों में से है जो देश के सभी गैर कोंग्रेसी नेताओ चहेते बने है ,,,,,,,कोटा में जन्मे ,,कोटा में पले ,,कोटा में पढ़े ,,,बढे हुए फरीद्दुल्ला खान का स्वभाव स्कूली जीवन से ही क्रांतिकारी रहा है ,,ज़ुल्म ,,अत्याचार ,,अन्याय के खिलाफ खुद की जानकी परवाह किये बगैर विरोध करना इनका स्वभाव रहा है ,,,अनेको बार इन्हे पुलिस के हमले का शिकार होना पढ़ा ,,,किसानो ,,,गरीबों ,,मज़दूरों ,,दलितों को इन्साफ दिलाने की कोशिशों में जुटे इस जांबाज़ सिपाही फरीदुल्ला को राजस्थान के लोग क्रांतिकारी कॉमरेड के रूप में जानने लगे ,,लाठिीवार की कई घटनाओ में पुलिस ने इन्हे टारगेट बनाकर पीटा ,,, बूंदी के ऐतीहासिक किसान आंदोलन में पुलिस लाठीवर से बेरहमी से इनकी एक एक हड्डिया तोड़ती रही ,,लेकिन फरीदुल्ला के मुंह से कराहट की जगह ,,,इंक़लाब ज़िंदाबाद का नारा निकलता रहा ,,,ऐसा शक्श जो ना डरा ,,ना सहमा ,,ना टूटा ,,ना बिखरा ,,अनेकों बार पुलिस की दमनकारी नीतियों का शिकार हुआ लेकिन इस शख्सियत ने आखिर में आम लोगों में पत्थर के क्रांतिकारी इंसान की एक पहचान बना ली ,,,,,कॉलेज की सियासत हो ,,मज़दूरों की सियासत हो ,,,,पत्थर मज़दूर ,,,बीड़ी मज़दूरों की सियासत हो ,,अमीरों के खिलाफ गरीबो का संघर्ष हो हर बार फरीदुल्ला का ,,,,,,इंक़लाब ज़िंदाबाद ,,,,का नारा जेल की सींखचों तक पहुंचाता और जनता की दुआओं से जेल के ताले खुल जाते ,,,आपात काल का सबसे पहले विरोध करने वाले फरीदुल्ला के खिलाफ प्रशासन एक जुट हुआ और इन्हे मीसा बंदी बनाया गया ,,,,इनके साथ कई बढ़ी हस्तियां जो केंद्र में मंत्री भी रहे मौजूद थी ,,जेल में यह मुस्कुराते ,,हँसते ,,हँसाते ,,,,जेल में भी फरीदुल्ला सम्मानजनक संघर्ष और न्याय के लिए भूख हड़ताल पर बैठे ,,,जेल अधिकारीयों पुलिस ज़ुल्म के शिकार हुए ,,आखिर में फिर आपात काल का काला क़ानून खत्म हुआ और फरीदुल्ला सहित सभी मीसा बंदी रिहा हुए ,,लगभग सभी मीसा बंदियों को जनता पार्टी के वक़्त सियासी भागीदारी ,,सियासी सम्मान मिला ,,कोई मंत्री कोई पदाधिकारी बना ,,लेकिन फरीदुला ने सभी सुखः सुविधाओ की पेशकशें ठुकरा कर ,,फिर एक नए संघर्ष का रास्ता चुना ,,,,देश भर के जो आपात काल के बंदी थे उन्हें आपात काल के दंड के बदले आज़ादी के सिपाही का दर्जा दिलवाने का संघर्ष इन्होने चुना ,,,जो मीसा बंदी सत्ता की चाशनी में डूबकर सरकार में मंत्री सहित प्रमुख ओहदों पर बैठकर मज़े उड़ा रहे थे उन लोगों ने फरीदुल्ला के इस विचार इस फार्मूले की खिल्ली उड़ाई ,,लेकिन एकला चालो रे की नीति पर फरीदुला ने फिर संघर्ष की अंगड़ाई ली ,,,आपात काल के दौरान भिखमंगो की ज़िंदगी जी रहे शीर्ष नेताओ को नामज़द किया ,,,उनके मंत्री और नेता बनने के पहले की ज़िंदगी और फिर खर्चीली करोडो करोड़ रूपये की आमदनी को लेकर सवाल उठाये ,,विधानसभाओ में ,,लोकशबा ,,राजयसभा में ऐसे लोगों की आमदनी और खर्च को लेकर पत्र लिखे ,,,सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत इनकी रोड पति से करोड़पति होने की जानकारी चाही तब सभी लोग हैरान परेशान हुए और फरीदुल्ला के साथ ज़मीनी आपातकाल के सिपाहियों को पेंशन ,,स्वतंत्रता सेनानियों की तरह आपात काल सेनानियों के सम्मान की लड़ाई में शामिल हुए ,,देश भर में हज़ारो यात्राये कर फरीदुल्ला ने हज़ारों बेठके आयोजित की ,,लोगों को सूचीबद्ध किया ,,,जोड़ा ,,,और फिर एक दिन फरीदुल्ला के जीत के जश्न का था ,,गैर कोंग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्रियों ने अपने अपन राज्यों में आपात कालीन बंदियों के लिए पेंशन योजना की घोषणा की ,,सभी ने फरीदुल्ला की पीठ थपथपाई ,,,फरीदुल्ला ने देश भर के मीसाबंदियों को एक किया ,,अटल बिहारी वाजपेयी ,,लालकृष्ण आडवाणी ,,,जॉर्ज फर्नाडीज ,,मायाबती ,,नरेंद्र मोदी ,,मुलायम सिंह ,,लालू यादव ,,,,सुषमा स्वराज ,,अरुण जेठली सहित जो भी गैर कोंग्रेसी नेता रहे है उन्हें सभी को संघर्ष का हिस्सा बनाया और आज राजस्थान सहित पुरे देश के गैर कोंग्रेसी शासित राज्यों में मीसा बंदियों की पेंशन योजना लागू है ,,,वोह बात अलग है के फरीदुल्ला के मूल राज्य राजस्थान के गृह ज़िले कोटा के कई मीसा बंदी आज भी पेंशन का फॉर्म लेकर अपनी अभिरक्षा के सुबूत लेकर पेंशन हांसिल करने के लिए दर दर भटक रहे है ,,,,तो दोस्तों फरीदुल्ला एक सियासत नहीं एक संघर्ष है जो मज़बूत इरादों के साथ अपनी जायज़ मांग पूरी करवाने की ताक़त रखते है ,,,आज भी कोटा में रह रहे फरीदुल्ला परदे के पीछे रहकर अपनी सियासत चलाते है ,,देश भर के शीर्ष भाजपा नेताओ ,,सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों से मुद्दो की ताजनीति पर बतियाते है ,,अपना दखल रखते थे ,,वोह सहज ,,सरल ,,हंसमुख ,,निर्भीक ,,अड़ियल है ,,उनके सिद्धांतो से कोई सहमत हो या ना हो लेकिन देश भर में उन्हें सियासी तोर पर दी जाने वाली सुख सुविधाये उन्होंने त्याग कर मीसा बंदियों के लिए संघर्ष कर उन्हें जो इन्साफ ,,जो हक़ ,,जो सम्मान दिलाया है उसके लिए वोह इतिहास पुरुष बन गए है ,,,,,फरीदुल्ला को बधाई ,,मुबारकबाद ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यमन में संकट: राष्ट्रपति भागे, भारत ने भी नागरिकों से देश छोड़ने को कहा

अदन शहर की ओर बढ़ते शिया विद्रोही।
अदन शहर की ओर बढ़ते शिया विद्रोही।
सना। यमन के राष्ट्रपति अब्द राब्बू मंसूर हादी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। विद्रोहियों के बढ़ते दबाव की वजह से हादी अदन स्थित महल छोड़कर कहीं भाग गए हैं। चश्मदीदों के मुताबिक, अदन की पहाड़ी पर बने हादी के महल से बुधवार को राष्ट्रपति के काफिले को निकलते देखा गया। राष्ट्रपति के एक अधिकारी ने बताया कि वह एक कमरे से अदन से 60 किमी दूर अल अनाद में विद्रोहियों के खिलाफ उनकी सेना के अभियान और सैनिकों की प्रतिक्रिया पर नजर रख रहे थे। विद्रोहियों ने हादी को पकड़ने के लिए 1 लाख डॉलर के इनाम की भी घोषणा की है। इसके अलावा रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हादी के सहयोगी और रक्षा मंत्री महमूद अल सुबाही को लाझ शहर से गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि विद्रोहियों ने अदन शहर से लगे अल अनाद स्थित सरकार नियंत्रित हवाई अड्डे पर भी कब्जा जमा लिया है।
इस बीच भारत ने युद्धग्रस्त देश से अपने नागरिकों को फौरन निकलने की चेतावनी जारी की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यमन में लगभग 3,500 भारतीय रह रहे हैं। भारतीय विदेश मंंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, "हमने यमन में रह रहे भारतीयों को स्थिति को गंभीरता से लेने और तत्काल देश छोड़ने को कहा है।" बता दें कि यमन में रह रहे भारतीयों में सबसे ज्यादा नर्सें हैं। भारत द्वारा जारी की गई ये तीसरी एडवाइजरी है। राजधानी सना स्थित भारतीय दूतावास ने भी हेल्पलाइन जारी किया है।
क्या है मामला
लंबे समय से हाशिए पर रहे शिया विद्रोहियों ने बीते साल सितंबर में राजधानी पर हमला कर राजनीति में बड़ी हिस्सेदारी मांगी थी। चार महीने बाद जनवरी में इस ग्रुप ने राष्ट्रपति महल पर भी कब्जा जमा लिया। इसके बाद उन्होंने हादी को सना में ही नजरबंद कर दिया। हालांकि, हादी किसी तरह वहां से अदन भागने में कामयाब रहे। अदन, सना से तकरीबन 300 किमी की दूरी पर स्थित है। बता दें शिया समूह की पकड़ देश के सिर्फ उत्तरी हिस्से में है। यहां उन्होंने मिलिट्री फोर्स स्टेशन से लेकर एयरफोर्ट तक पर कब्जा जमा रखा है।

,,मुखर वक्ता के रूप में समर्पण भाव से वकीलों के हक़ में संघर्ष का बिगुल बजाते रहने के बाद संजीव विजय

कोटा अदालत परिसर में व्यवस्थाओ के रखरखाव के लिए अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष भाई रघु गौतम के साथ समन्वय स्थापित कर समर्पण भाव से कार्य कर रहे भाई सजीव विजय एडवोकेट बुज़ुर्ग ,,जवान ,,,महिला ,,,सभी हम उम्र वकील साथियों में लोक प्रिय बने हुए है ,,,,,,,मुखर वक्ता के रूप में समर्पण भाव से वकीलों के हक़ में संघर्ष का बिगुल बजाते रहने के बाद संजीव विजय भारी वोटों अभिभाषक परिषद कोटा के महासचिव निर्वाचित हुए है ,,,,,,कम उम्र में अधिक अनुभव ,,अनुशासन ,,संघर्ष ,,और वाक् चातुर्य कला के साथ विनम्र स्वभाव इन्हे विरासत में मिला है ,,,,,,छात्र जीवन से ही राजनीति में रहे संजीव विजय ने कॉलेज में पढ़ाई के अलावा ,,,,सेवा समर्पण भी राष्ट्रिय सेवा योजना कार्यक्रम के तहत हांसिल की है ,,संजीव विजय राजकीय महाविद्यालय में संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत रहे जबकि मुखर वक्ता के अलावा कॉलेज की खेलकूूद ,,सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे है ,,संजीव विजय ऍन एस एस में रहकर सेवा कार्यो का विशेष प्रशिक्षण लेने के बाद विभिन्न क्षेत्रो से जुड़कर सेवा कार्यों से जुड़े रहे है ,,,संजीव विजय वकीलों के हर संघर्ष में हस्ताक्षरित तोर पर सजग और सतर्क रहे है ,,विभिन्न आंदोलन में वकीलों के हक़ में संजीव विजय ने प्रशासन से जमकर सीधा लोहा लिया है ,,,,बारह अक्टूबर उन्नीस सो चौहत्तर को कोटा में जन्मे संजीव विजय की शिक्षा कोटा में ही हुई ,,,,संजीव वर्ष दो हज़ार छ में कोटा अभिभाषक परिषद में कोषाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर बहतर कार्य कर चुके है ,,,,इनके ज़िम्मे जो भी काम दिया गया उसे इन्होने ज़िम्मेदारी से निभाया है ,,संजीव विजय कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में वार्ड तलवंडी के वर्ष दो हज़ार छ से भाजपा के वार्ड अध्यक्ष है और अभी भी इस पद पर रह कर ,,समर्पण भाव से भाजपा के पक्ष में एक तरफा माहोल बनाकर कार्य कर रहे है ,,,,संजीव विजय विजयवर्गीय समाज में युवा संयोजक के पद पर रहकर समाज को संयोजित करने में लगे है ,,इन्होने तलवंडी वार्ड को एक सूत्र में पिरोने के लिए पहली बार वार्ड स्तर की एक टेलीफोन डाइरेक्ट्री का सफल प्रकाशन किया जो एक दस्तावेज बना और आज भी लोग उसे सराहते है ,,,,,,,,,संजीव विजय टीम भाव से कार्य करते है अभी संजीव सभी साथियों से राय मशवरा करके अध्यक्ष रघुगोतम के नेतृत्व में सफलतम सचिव का कार्य कर रहे है ,,संजीव भाई को बधाई मुबारकबाद ,,,,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्यार की किताब

तुम्हारी प्यार की किताब में
मेरी मोहब्बत से लिखे पन्नें
तुम्हे अच्छे नहीं लगते तो लाओ
यह किताब मुझे दो ,,में खुद ही
मेरी मोहब्बत के पन्नें
तुम्हारी इस किताब से फाड़ देता हूँ ,,,,,,,,,,,अख्तर

पांच बार सही साबित हो चुकी चाणक्य मछली की भविष्यवाणी-जीतेगा इंडिया

नई दिल्ली: कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स और ज्योतिष के जानकारों द्वारा भरोसा जताए जाने के बाद अब चेन्नई में चाणक्य 2 नाम की मछली ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच में टीम इंडिया की जीत की भविष्यवाणी की है। यह मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर गुरुवार सुबह खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच जबरदस्त मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। जीतने वाली टीम रविवार को मेलबर्न में न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल खेलेगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से सोशल मीडिया पर ट्वीट किए गए एक वीडियो में चाणक्य 2 नाम की इस मछली ने भारतीय झंडे को दो बार टच किया। दरअसल, मछली को एक एक्वेरियम में रखा गया है। इसमें दोनों देशों के झंडे को डाला गया। हर झंडे के नीचे लगी बास्केट में मछली का चारा था। बता दें कि 23 मार्च को भी चाणक्य 2 ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ न्यूजीलैंड की जीत की भविष्यवाणी की थी। इसके अलावा, मछली द्वारा की गई चारों क्वॉर्टर फाइनल की भविष्यवाणी भी सही साबित हुई थी। कुछ साल पहले विश्व कप फुटबॉल के दौरान पॉल नाम का ऑक्टोपस भी अपनी भविष्यावाणियों के लिए मशहूर हुआ था।

भिड़ंत के बाद ट्रक और ट्रेलर के बीच फंसा ड्राइवर, मशीन से काटकर निकाला शव

क्रेन से ट्रक का आगे का हिस्सा हटाते हुए।
क्रेन से ट्रक का आगे का हिस्सा हटाते हुए।
बाप. जोधपुर के बाप शहर में बुधवार को सुबह 5 बजे एनएच 15 पर ट्रक में ट्रेलर जा घूसा। इस भिड़ंत में ट्रेलर की रफतार इतनी तेज थी की टक्कर के बाद ट्रक का अगला हिस्सा चकनाचूर हो गया। इस हादसे में ट्रेलर चालक की मौके पर ही मौत हो गई।
टायर बदल रहा था इतने में ट्रेलर ने मारी टक्कर
दरअसल, ट्रक का चालक टायर बदल रहा था इतने में तेज रफ्तार ट्रेलर ने टक्कर मारा और चालक दोनों के बीच में फंस गया जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस को शव बाहर निकालने में काफी मसक्कत करनी पड़ी। अंत में शव को निकालने के लिए ट्रेलर के पार्ट्स को काट कर हटाया गया और क्रेन की मदद से उसे ट्रक से अलग किया गया।

क़ुरआन का सन्देश

 
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