आपका-अख्तर खान

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27 मार्च 2015

कृपया वे अन्यथा न लें और आहत न हों।

ईमानदार Doctors (यदि कोई हो तो) पे
नहीं है ये टिप्पणी.. कृपया वे अन्यथा न लें
और आहत न हों।
आप एक कसबे में रहते हैं, मोटरसाइकिल से
कही जा रहे थे, एक्सीडेंट हो गया, चोट लग
गयी। अस्पताल 2 km दूर है, बगल से एक
ऑटो रिक्शा वाला जा रहा है। अस्पताल
2 km दूर है ऑटो वाला कहता है 2000 रु
लूँगा पहले, तब छोडूंगा अस्पताल तक.. आप
क्या करेंगे??
मान लीजिये आपने मना कर
दिया दूसरा ऑटो वाला आ गया,
वो बोला चलो मैं 1000 में छोड़ देता हूँ।
पहला ऑटो वाला उस से भिड गया.. साले
मेरी सवारी खराब कर रहा है, रेट बिगाड़
रहा है। दूसरा ऑटो वाला डर के भाग
गया.. आप क्या करेंगे ????
चलो इसे छोडिये अब.. ये सिर्फ समझाने के
लिये था। असली मुद्धे पर आते है।
आपके पिता जी को "हार्ट अटैक" हो गया..
डॉक्टर कहता है Streptokinase इंजेक्शन
ले के आओ..9000 रु का.... इंजेक्शन
की असली कीमत 700 - 900 रु के बीच है
पर उसपे MRP 9000 का है। आप
क्या करेंगे????
आपके बेटे को टाइफाइड हो गया. डॉक्टर ने
लिख दिया कुल 14 Monocef लगेंगे।
होलसेल दाम 25रु है. अस्पताल का केमिस्ट
आपको 53 रु में देता है.. आप क्या करेंगे??
आपकी माँ की किडनी फेल हो गयी है. हर
तीसरे दिन Dialysis होता है.. Dialysis के
बाद एक इंजेक्शन लगता है ( नाम मुझे मालूम
नहीं ) MRP शायद 1800 रु है। आप सोचते
हैं की बाज़ार से होलसेल मार्किट से ले
लेता हूँ। पूरा हिन्दुस्तान आप खोज मारते
हैं, कही नहीं मिलता.... क्यों ?
कम्पनी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर
को सप्लाई देती है। इंजेक्शन
की असली कीमत 500 है पर डॉक्टर अपने
अस्पताल में MRP पे यानि 1800 में
देता है.... आप क्या करेंगे ??
आपके बेटे को इन्फेक्शन हो गया है. डॉक्टर
ने जो Antibiotic लिखी वो 540 रु
का एक पत्ता है. वही salt
किसी दूसरी कम्पनी का 150 का है और
जेनेरिक 45 रु का.... पर केमिस्ट
आपको मना कर देता है... नहीं जेनेरिक हम
रखते ही नहीं, दूसरी कम्पनी की देंगे नहीं..
वही देंगे जो डॉक्टर साहब ने लिखी है
यानी 540 वाली? आप क्या करेंगे??
बाज़ार में Ultrasound 750 रु में
होता है. चैरिटेबल डिस्पेंसरी 240 रु में
करती है। 750 में डॉक्टर का कमीशन 300
रु है। MRI में डॉक्टर का कमीशन 2000 से
3000 के बीच है।
डॉक्टर और अस्पतालों की ये लूट, ये
नंगा नाच बेधड़क बेखौफ्फ़ देश में चल रहा है।
Pharmaceutical कम्पनियों की lobby
इतनी मज़बूत है की उसने देश को सीधे सीधे
बंधक बना रखा है। स्वास्थय मंत्रालय और
सरकार एकदम लाचार है। डॉक्टर्स और
दवा कम्पनियां मिली हुई हैं। दोनों मिल
के सरकार को ब्लैकमेल करते हैं.. सरकार
पूरी तरह लाचार है ? या नकारा ?
नपुंसक ?
यक्ष प्रश्न.. मीडिया दिन रात रोजा और
रोटी दिखाता है, लाल किताब बेचता है,
समोसे के साथ बाबा जी की हरी चटनी,
सास बहू और साज़िश, सावधान, क्राइम
रिपोर्ट, राखी सावंत, Bigboss,
Cricketar की Girlfriend,
बिना ड्राईवर की कार, गड्ढे में
गिरा प्रिंस.. सब दिखाता है..... पर
Doctors, Hospitals और
Pharmaceutical कम्पनियों की ये लूट
क्यों नहीं दिखाता??
मीडिया नहीं दिखाएगा तो कौन
दिखाएगा?? मेडिकल lobby
की दादागिरी कैसे रुकेगी??
इस lobby ने सरकार को लाचार कर
रखा है। media क्यों चुप है ?
क्या मीडिया को भी खरीद लिया है
फार्म कंपनी ने ??
2000 रु मांगने वाले ऑटो वाले को तो आप
कालर पकड़ के मारेंगे चार झापड़... डॉक्टर
साहब का क्या करेंगे??????🚩🚩🚩🚩🚩 यदि आपको ये सत्य लगता है तो ठोको ताली ।

दुनिया में कोई कुछ भी चाहले ,,लेकिन होता वही है जो मंजूरे खुदा होता है ,,

दुनिया में कोई कुछ भी चाहले ,,लेकिन होता वही है जो मंजूरे खुदा होता है ,,,इज़्ज़त ,,ज़िल्लत सभी तो खुदा के हाथ में है ,,फिर हम क्यों किसी की चिंता करते है ,,क्यों किसी को खुदा से बढ़ा समझते है ,,यह कहावत कोटा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के एक दिवसीय दोरे समय देखने को मिली ,,एक तो प्रबंधन मिडिया मैनेजमेंट की लापरवाही से सोनिया गांधी की प्रमुख धार्मिक आस्था लोगों तक जग ज़ाहिर नहीं हो सकी ,,कोटा में जयपुर सहित पुरे देश और कोटा के पत्रकार थे ,लेकिन एक गलती हुई के कांग्रेस के पत्रकार रिपोर्टर की हैसियत से प्रेस ब्रीफिंग इंचार्ज कोई नहीं था नतीजन ,,कोटा प्रवास के दौरान दलबीजी के पास चौथ माता मंदिर पर रुक कर जब सोनिया गांधी ने आस्था से सर झुकाया और मन ही मन किसानो की क्षतिपूर्ति की दुआ की तो किसी ने इसे खबर नहीं बनाया ,,जबकि यह आस्था ,,मंदिर की चोखट पर सर झुकाना एक महत्वपूर्ण खबर बनाई जा सकती थी ,,,इधर कोटा में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य क्रांति तिवारी मेडम सोनिया से मिलना चाहते थे ,,,उन्होंने जुगाड़ कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अपना पास भी बनवाने का जुगाड़ किया ,,लेकिन बाद में क्रान्ति तिवारी का सोनिया तक पहुंचने का पास फेल हो गया ,,क्रान्ति निराश और हताश थे ,,लेकिन क़ुदरत का करिश्मा कोन रोक सकता है ,,दलबीजी के पास जैसे ही सोनिया उतरी अचानक क्रान्ति तिवारी सामने रहे ,,उन्होंने कोटा के किसानो की व्यथा बताई और मिडिया और क़िस्मत से मिडिया सोनिया मेडम के साथ इस खबर को टीवी और प्रिंट मिडिया की प्रमुख खबर बनाई ,,,पूरा राजस्थान ,,पूर्व मंत्री ,,,विधायक ,,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ,,दिग्गज प्रभारी ,,प्रबनधन में लगे लोग सामने थे लेकिन देश भर में जो वीडियो जो क्लिपिंग खबर में दिखाई गई वोह सिर्फ और सिर्फ क्रान्ति तिवारी से मेडम की बात होते हुए थी ,,,तो जनाब इसे कहते है क़ुदरत का खेल ,,एक तरफ क्रान्ति तिवारी मेडम के साथ किसानो के हमदर्द बनकर उभरे तो दूसरे कई दिग्गज अपना सर खुजाते देखे गए ,,सोनिया गांधी के इस दौरे में उपेक्षा से कई दिग्गज कोंग्रेसियों का तो ब्लड प्रेशर हाई हो गया तो कई की तबियत खराब हो गई ,,,,,,,,लेकिन कोटा दौरे से जाते ही जब राजस्थान के सी पी जोशी को वरिष्ठ प्रवक्ता बनाया गया तो सियासी कहानी कुछ और ही क़िस्से सुनाती नज़र आई ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भगवान राम-सीता ने यहां किया था विश्राम, कालिदास ने लिखा था महाकाव्य

रामटेक स्थित पहाड़ी, जहां राम मंदिर स्थित है
रामटेक स्थित पहाड़ी, जहां राम मंदिर स्थित है
नागपुर. आज राम नवमी पूरे भारत में धूम-धाम से मनाई जा रही है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। इसी के साथ नौ दिवसीय चैत नवरात्रि का भी आज समापन हो जाएगा। राम नवमी के अवसर पर आज  आपको नागपुर के समीप स्थित रामटेक के बारे में बता रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ इसी जगह पर विश्राम किया था। वहीं कवि कालिदास ने अपना महाकाव्‍य मेघदूत भी यहीं लिखा था।
नागपुर के समीप है स्थित
रामटेक महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर से 20 मील की दूरी पर ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। वनवास के समय राम के 'टिकने का स्थान' या 'पड़ाव' को 'रामटेक' कहा जाता है।
रामनवमी पर लगता है मेला
रामटेक को 'सिंदूरगिरि' भी कहते हैं। इसके पूर्व की ओर 'सुरनदी' या 'सूर्यनदी' बहती है। रामनवमी के दौरान यहां नदी के किनारे मेला भी लगता है।
कवि कालिदास ने लिखा था महाकाव्य
ऐसा कहा जाता है कि कवि कालिदास ने यहां महाकाव्य 'मेघदूत' लिखा था। जिसमें कालिदास ने रामटेक का भी वर्णन किया था। साथ ही यहां मौजूद छोटे-छोटे सरोवरों का भी वर्णन महाकाव्य में मिला है।

इंदौर चिड़ियाघर में हुई दिल्ली जैसी घटना शेर के पिंजरे में घुसा नशेड़ी युवक

शेर के बाड़े में कूदने वाला नशेड़ी युवक।
शेर के बाड़े में कूदने वाला नशेड़ी युवक।
इंदौर। शहर के चिड़ियाघर में शुक्रवार को दिल्ली जैसा हादसा होते-होते बच गया । शाम करीब 6 बजे एक नशेड़ी युवक शेर के बाड़े में जा घुसा। समय रहते चिड़ियाघर के गार्ड्स ने उसे देख लिया और चिल्लाकर अन्य लोगों को इकट्ठा किया । गार्ड्स और चिड़ियाघर के अन्य स्टाफ ने लगभग दस मिनट तक मशक्कत कर उसे मौत के मुंह से निकाला।
राहुल विनोदिया नामक ये युवक जिस समय बाड़े में घुसा उस समय बाडे में दो शेर आकाश और मेघा थे और इसे निकालने में लगे लोगों को इस बात की भी चिंता थी कि कहीं निकालने के दौरान उनका ध्यान युवक की तरफ ना चला जाए।

जैसे ही बताया शेर का पिंजारा है होश उड़ गए
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लोगों ने जैसे ही इसे शेर के पिंजरे में इसे देखा वैसे ही चिल्लाकर इसका ध्यान आकर्षित किया। मगर ये इतना नशे में था कि इसने ध्यान ही नहीं दिया। फिर लोगों ने और जोर से चिल्लाया तब जाकर इसने सुना । इसके बाद जब इसे बताया कि ये शेर का पिंजरा है। तब इसके होश उड़ गए। फिर इसे जाली पर चढ़कर आने को कहा। एक बार चढने के बाद ये फिर नीचे उतर गया। तब इसे फिर से समझाया गया तब जाकर ये बाहर निकला। जू के गार्ड्स ने कहा कि शुक्र है कि दोनों शेर उस समय बाड़े के दूसरी तरफ थे नहीं तो दिल्ली जैसा हादसा यहां भी जो जाता।

नाली के रास्ते से आया था चिड़ियाघर
इस घटना ने चिड़ियाघर प्रबंधन पर एक बार फिर से सवालिया निशान लगा दिए हैं। राहुल के मुताबिक़ वो आज़ाद नगर में बन रहे पुल के रास्ते से चिड़ियाघर आया था।

रेलिंग के पास से गया बाड़े में
चिड़ियाघर में शेर के पिंजरे के तीन तरफ लंबी जाली लगी। एक तरफ रेलिंग लगी है। चिड़ियाघर में काम करने वाले राकेश यादव ने बताया कि युवक रेलिंग के रास्ते से बाड़े में घुसा था और अंदर की तरफ जा रहा था।

मोदी सोचते होंगे देश बचाने के लिए मुसलमानों को सबक सिखाया: प्रशांत भूषण


मोदी सोचते होंगे देश बचाने के लिए मुसलमानों को सबक सिखाया: प्रशांत भूषण
 
नई दिल्ली: नामी वकील और आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक केजरीवाल पर शुक्रवार को जमकर निशाना साधा। उन पर हमला बोलने के लिए उन्‍होंने पीएम मोदी का उदहारण दिया। कहा- मोदी भी यही सोचते होंगे कि उन्होंने देश को बचाने के लिए मुसलमानों को सबक सिखाया।
दरअसल, प्रशांत भूषण अपने और केजरीवाल के बीच हुई बातचीत के बारे में मीडिया को बता रहे थे। प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल तानाशाह प्रवृत्ति के शख्स हैं और अपने खिलाफ बोलने वाले लोगों को पार्टी में नहीं देखना चाहते। इसी क्रम में प्रशांत ने बताया, "मैंने अरविंद से कहा कि तुममें कई खूबियां हैं, लेकिन कुछ कमियां भी हैं। तुम अपने विरोधियों को सहन नहीं करते। तुम ये सोचते हो कि मेरी नीयत साफ है और मैं जो करता हूं वह सही है। इसलिए तुम कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाना चाहते हो। मैंने कहा कि इंदिरा भी सोचती होंगी कि इमरजेंसी लागू करना सही था, क्योंकि इससे देश बच गया और मोदी भी यही सोचते होंगे कि उन्होंने देश को बचाने के लिए मुसलमानों को सबक सिखाया। लेकिन नीयत के साथ माध्यम भी सही होना चाहिए।''
ता दें कि 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद राज्य में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे। मोदी को इस मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी की ओर से क्लीन चिट दी जा चुकी है।

राष्‍ट्रपति के हाथों 'भारत रत्‍न'मिलने की खबर देने वाले को बस देखते रहे अटलजी

फाइल फोटो: अटल बिहारी वाजपेयी।
फाइल फोटो: अटल बिहारी वाजपेयी।
नई दिल्ली. राजनीति में अपने विरोधियों की ओर से भी हमेशा सम्मान पाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज 'भारत रत्‍न' हो गए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए उनके घर जाकर उन्‍हें देश का सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान दिया। उनके घर पर एक करीबी ने dainikbhaskar.com को बताया कि जब इस बारे में उन्‍हें आरएसएस व भाजपा के एक बड़े नेता की ओर से सूचना दी गई तो उनके चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। वह बस सूचना देने वाले व्‍यक्त्‍िा को एकटक निहारते रहे।
सम्‍मान के एलान के बाद सुषमा गई थीं मिलने
भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के मौके पर सुषमा स्वराज उनसे मिलने गई थीं। तब बाहर आकर उन्होंने कहा था कि इस सूचना पर अटल जी मुस्कुराए थे। अटलजी सालों से बीमार हैं और बिस्‍तर पर ही रहते हैं। हा (अल ही में उनके अस्वस्थ होने का उल्लेख करते हुए भाजपा के एक सदस्य ने लोकसभा में अल्जाइमर एवं डिमेंशिया जैसी बीमारियों से पीड़ित बुजुर्ग लोगों के इलाज एवं देखभाल के लिए सरकार से व्यापक कदम उठाने की मांग की थी। यानी अटलजी इन्‍हीं बीमारियों से ग्रस्‍त हैं। दिल्ली के 6, कृष्णा मेनन मार्ग स्थित घर पर उनसे गिने-चुने लोग ही मिल पाते हैं।
अटलजी के एक करीबी शख्‍स के मुताबिक 2002 में लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्‍होंने पहली बार अपनी तबीयत ठीक नहीं होने की बात सार्वजनिक करते हुए पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दिए थे। उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती रही। 2004 में लोकसभा चुनाव के बाद से वह सक्रिय राजनीति से एकदम अलग हो गए और घर पर ही रह रहे हैं।
90 साल के वाजपेयी कई साल से अल्जाइमर और डिमेंशिया से ग्रस्त हैं। बीजेपी डॉक्टर सेल के पूर्व राष्ट्रीय कन्‍वेनर डॉ राम सागर सिंह के अनुसार एक साल पहले वह अटलजी से मिले थे। वो बोलना चाहते थे, लेकिन बोल नहीं पा रहे थे। उनका वजन भी पहले से आधा हो गया था। किसी को पहचान भी नहीं पा रहे थे।

क्या है अल्जाइमर डिमेंशिया ?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रटरी जनरल के के अग्रवाल के अनुसार डिमेंशिया भूलने की बीमारी है। बिना किसी कारण, उम्र अधिक होने के कारण किसी व्यक्ति को डिमेंशिया हो तो इसे अल्जाइमर डिमेंशिया कहते हैं। अगर ब्‍लडप्रेशर, डायबिटीज, आधुनिक जीवनशैली या फिर सिर में चोट लग जाने के कारण डिमेंशिया हो तो इसे नॉन अल्जाइमर कहते है। अल्जाइमर में मुख्यत: पांच बातें होती है। पहला मेमोरी लॉस हो जाना, यानी व्यक्ति को कुछ भी याद नहीं रहता है। दूसरा, कैलकुलेशन नहीं कर पाना यानी व्यक्ति 2 और 2 कितना होता है, नहीं बता पता है। तीसरा, लैंग्वेज भूल जाना यानी भाषा का ज्ञान खत्म हो जाना। कब क्या और किसे क्या बोलना है पता नहीं चल पाता है। चौथा, रीजनिंग खत्म हो जाना यानी मरीज फर्स्ट प्लोर और थर्ड प्लोर में अंतर नहीं कर पाता है। पांचवां, निर्णय लेने की क्षमता खत्‍म हो जाना।
अग्रवाल के अनुसार अमूमन 60 साल की उम्र के आसापास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि बीमारी के शुरुआती दौर में नियमित जांच और इलाज से इस पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है।

क़ुरआन का सन्देश

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