भारत में ऐसे कई किले, उद्यान और जगह हैं
जिन्हें विश्व विरासत में जगह मिली है। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जो इस सूची
में शामिल होने की क्षमता रखते हैं।
उदयपुर. पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने वाला राजस्थान
खुद में कई रोचक तथ्य छुपाए हुए है। यहां पर बने किलों का इतिहास हजारों
साल पुराना है। उन्हीं किलों में से एक है चित्तौडगढ का किला। यह किला
विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है। इस किले के बारे में माना जाता है कि
महाभारत के पात्र भीम ने यहां करीब 5000 वर्ष पूर्व एक किले का निर्माण
करवाया था। वहीं इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण राजा चित्रांगद
द्वारा सातवीं शताब्दी में करवाया गया था। चित्तौडगढ का किला भारत के सभी किलों में सबसे बड़ा माना जाता है। यह 700 एकड़ में फैला हुआ है। यह धरती से 180 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ की शिखा पर बना हुआ है। माना जाता है कि पांडव के दूसरे भाई भीम जब संपत्ति की खोज में निकले तो रास्ते में उनकी एक योगी से मुलाकात हुई। उस योगी से भीम ने पारस पत्थर मांगा। इसके बदले में योगी ने एक ऐसे किले की मांग की जिसका निर्माण रातों-रात हुआ हो।
भीम ने अपने बल और भाइयों की सहायता से किले का काम लगभग समाप्त कर ही दिया था, सिर्फ थोड़ा-सा कार्य शेष था। इतना देख योगी के मन में कपट उत्पन्न हो गया। उसने जल्दी सवेरा करने के लिए यति से मुर्गे की आवाज में बांग देने को कहा। जिससे भीम सवेरा समझकर निर्माण कार्य बंद कर दे और उसे पारस पत्थर नहीं देना पड़े। मुर्गे की बांग सुनते ही भीम को क्रोध आया और उसने क्रोध से अपनी एक लात जमीन पर दे मारी। जहां भीम ने लात मारी वहां एक बड़ा सा जलाशय बन गया। आज इसे 'भीमलात' के नाम से जाना जाता है।