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11 अप्रैल 2015

टोंक घंटा घर टोंक के बीच बनने वाली पहली इमारत

टोंक घंटा घर टोंक के बीच बनने वाली पहली इमारत थी यह ऐसी ईमारत बानी जिस ने नवाब सादात अलीखान को टोंक में इमारतों के निर्माण का शोक ही लगा दिया ठीक इसके बाद पुराना पुल या फ्रेजर ब्रीज़ सआदत अस्पताल और सआदत पवेलियन बनके तैयर हुआ लेकिन टोंक के इस अजीमओ शान निर्माण के पीछे जो नीव की ईट बनके रहे गए शायद ही उनका कोई नाम जनता हो आज में आप को उनमे से एक शख्स का परिचय दुगा साथ ही कुछ तथ्य जिस ने टोंक की किस्मत में इन इमारतों के निर्माण में नीव की इट का काम किया साहिबज़ाद हामिद अलीखान साहिब 1930 में जब सादात अलीखान नवाब बने तो आप अग्रेजो और नवाब की तरफ से टोंक के नाजिम थे और वर्तमान नगर परिषद आप ही ने सरकार की तरफ से बनाया गया आप का दफ़्तर था आप का काम टोंक में विकास ,न्याय व्यवथा करना था टोंक में आखरी फांसी(मौत ) की सजा भी आप के दवारा दी गई थी और जहां सजा दी जाती थी वो स्थान रसिया की टेकरी के सामने स्थित पहाड़ पर बानी कोठरी थी शयद अब मंदिर में तब्दील हो गई हो जहां आज घंटा घर है वहाँ उस समय मैदान हुआ करता था और सामने की इमारते में किलास आठ तक का बॉय स्कुल हुआ करता था जो वहाँ दूसरी इमारत थी दसवी की पढ़ाई के लिय पाकिस्तान स्थित लाहोर जाना पड़ता था इस मैदान में टोंक के किसान बैठा करते थे और नाज़िम साहब को अच्छा नही लगता था की किसान इस तरह बेतरतीब बैठे उन्होंने किसानो के बैठने के लिय एक बेहतर इमारत का नशा आपने हाथो से बनाया और टोंक के जमीदारो से 15 से 20 पैसे हर एक जमीदार से लिय कुछ पैसा नवाब साहिब से लिया और कुछ खुद ने गहन किया लेकिन उनके अनुसार ज्यादा पैसा जमींदरो से लिया गया और एक दिन टोंक में एलान किया गया की टोंक के फरोज बगाह के पास स्थित मैदान में नवाब साहिब एक इमारत जो किसानो के बैठने की जगह होगी की नीव रखने जारहे है वो दिन भी आया नाज़िम साहब अपनी गाड़ी से उस मैदान में पहुंचे नीव तैयार की जा चुकी थी सिर्फ इमारत की बुनियाद रखनी थी बुनियाद रखने के लिय नवाब साहिब आपने शाही जुलुस के साथ नज़र बाग़ से रवाना हुआ लोगो की भीड़ रस्ते में इखट्टा होने लगी शाही जुलुस और सवारी को देखने के लिय चश्म दीद के अनुसार कुछ घोड़ो पर और पैदल लोग नवाब साहिब के साथथे नवाब साहब अपन शाही बग्गी जिसमे चार घोड़े जूते थे में नाजिम साहब के साथ बैठे थे जब जुलुस बुनियाद वाले स्थान पर पहुंचा तो नाज़िम साहब को चुने से बहरी लगनी (विशेष परात) जो चांदी से बानी थी मज़दूर ने हाथ में दी और पास ही खड़े नवाब साहब को बाअदब एक छोटी सोने से बानी करची दी उन्होंने लगनी से चुना करनी में लेकर टोंक घंटा घर की नीव रखी चश्म दीद के अनुसार उस समय चांदी का भाव ढाई आना (12 .5 पैसे तोला था ) और सोने का भाव 25 रुपये तोला था करनी और लगनी सरकारी सुनार जो नौशे मिया की पुलिया के समीप था ने बनाई थी नाज़िम साहब के अनुसार इसके बाद जब इमारत चार खान पर पुछुचि तब नाज़िम साहब देहली से शिकोज़ा कंपनी जो रूस की थी के बेहतरीन चार घंटे खरीद कर लाये ऐसी बीच उन्होंने सादात अस्पताल गांधी पार्क , पवेलियन का नक्शा बनाया और तामीर करवाया यह पैसा सरकार ने दिया सरकार से पैसा पास करने और टोंक में नाज़िम साहब के साथ मेहनत करने टोंक में पुल निर्माण की मशीनरी लाने में अंग्रेज़ एजेंट फ़्रेज़र ने बहुत साथ दिया यही कारन रहा की ब्रीज़ का नाम सआदत ब्रीज़ न रख कर नवाब साहब ने उसका नाम फ़्रेज़र ब्रीज़ रखा सआदत अस्पताल पहले सुभाष बज़्ज़र स्थित दरबार स्कूल में था वहाँ उस समय डाक्टर शेख मोहम्मद था जो विभाजन में पाकिस्तान चले गए इसके बाद सआदत अस्पताल में अग्रीज़ मेम आयेथी और फिर डॉक्टर दिसई साहब इनके बाद डॉक्टर बेनी साहब आये नाज़िम साहब जब दिल्ली क्लॉक लेने गए थी तब उनके खरोच लगाई थी और वो आगे चल कर नासूर बन गई और 1939 में आप का इंतेक़ाल होगया और 1939 के बाद टोंक में कोई इमारत भी नही बानी

पिता, भाई और चाचा दो साल तक करते रहे रेप, 2 बार प्रेग्नेंट हुई लड़की


पिता, भाई और चाचा दो साल तक करते रहे रेप, 2 बार प्रेग्नेंट हुई लड़की
 
जलपाईगुड़ी. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में 16 साल की एक लड़की ने अपने पिता, भाई और चाचा पर दो साल तक रेप करने का गंभीर आरोप लगाया है। जिले के धुपगुड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराने वाली नाबालिग पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसे डरा-धमका कर तीनों ने दो साल तक रेप किया। नौवीं क्लास में पढ़ने वाली पीड़िता इस दौरान दो बार प्रेग्नेंट हुई और चार बार उसने सुसाइड की कोशिश भी की।
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने आरोप लगाया है, ''दो साल तक उसके साथ रेप होता रहा लेकिन उसकी मां ने मदद नहीं की। बल्कि मां ने तो कहा कि जो लोग तुम्हारे साथ ऐसा कर रहे हैं तुम्हारे पिता (शंकर घोष) , चाचा (मधुसुदन घोष) और भाई (शुभंकर घोष) हैं, कोई पराए नहीं।''
स्कूल के शिक्षकों को सुनाई कहानी, फिर दर्ज हुई शिकायत
जानकारी के मुताबिक दो साल से यौन शोषण की शिकार हो रही पीड़िता ने गुरुवार को धुपगुड़ी के कालीरहाट देवानचंद्र हाई स्कूल के अपने शिक्षकों को इस बारे में बताने का साहस कर पाई। स्कूल से वापस घर लौटते वक्त उसी दिन उसके 20 साल के भाई ने उसे डराया-धमकाया और हाथ-पैर बांध दिए और उसका फिर रेप किया। इस घटना के बाद शुक्रवार को उसके शिक्षक और स्कूल के प्रिंसिपल उसे धुपगुड़ी थाने ले गए और एफआईआर दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने पीड़िता के आरोपी चाचा, पिता और भाई को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता की मां की तलाश जारी है। इस बीच पुलिस ने पीड़िता को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास भेज दिया है।
धुपगुड़ी कस्बे में रहने वाले शिक्षक सुशांत सरकार ने कहा, ''मैं भी एक पिता हूं, पर मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या कहूं। ऐसी हरकत को कभी माफ नहीं किया जा सकता। हम केवल उस नाबालिग के लिए न्याय चाहते हैं। ''
पीड़िता का आरोप- गांव वाले भी जानते थे पर किसी ने नहीं की मदद
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि गांव में सभी लोग को इस घटना के बारे में पता था, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। घटना से तंग आकर एक बार पीड़िता पिता का घर छोड़ कर पास के गांव में अपने दादा-दादी के घर चला गई थी। घटना की जानकारी लगते ही पीड़िता के दादा ने उसके पिता को फटकार लगाई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही उसके दादा की मौत हो गई और उसके बाद फिर उसके साथ रेप की घटनाएं शुरू हो गईं।

कमल हासन की फिल्म के विरोध में साथ आए विश्व हिंदू परिषद और मुस्लिम संगठन

फिल्म उत्तम विलेन में एक्टर कमल हासन।
फिल्म उत्तम विलेन में एक्टर कमल हासन।
चेन्नई. दक्षिण भारत के मशहूर एक्टर कमल हासन की फिल्म 'उत्तम विलेन' का विरोध कर रही विश्व हिंदू परिषद को मुस्लिम संगठन का भी समर्थन मिला है। मुस्लिम-बेस्ड पॉलिटिकल पार्टी इंडियन नेशनल लीग (आईएनएल) ने विहिप के समर्थन में हासन की फिल्म के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है।
संगठन के सचिव एम नजीर अहमद का कहना है, ''कमल हासन ने अपनी पिछली फिल्म विश्वरूपम में मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने की कोशिश की थी और इस बार हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया है।'' आईएनएल ने कमल हासन की फिल्म 'विश्वरूपम' का भी विरोध किया था। आरोप लगाया था कि फिल्म से मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। अहमद ने आरोप लगाया कि एक्टर हासन सस्ती पब्लिसिटी के लिए इस प्रकार की विवादित फिल्में बना रहे हैं। बता दें कि कमल हासन की आने वाली तमिल फिल्म 'उत्तम विलेन' का विहिप और अन्य कई हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं। विहिप ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। हासन की यह फिल्म एक मई को रिलीज होने वाली है।
भगवान विष्णु का मजाक उड़ाने का आरोप
चेन्नई सिटी पुलिस में विहिप की ओर से फिल्म के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। संगठन के सिटी ऑर्गनाइजर सत्यामूर्ति ने कहा कि इस फिल्म में भगवान विष्णु का उपहास उड़ाया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में इस्तेमाल लोकगीत 'विलुपट्टू' में भगवान विष्णु, प्रह्लाद और उनके पिता हिरण्यकश्यप के बीच बातचीत दिखाई गई है। इसी दौरान भगवान विष्णु को लेकर खेदजनक कमेंट किए गए हैं। आठ अप्रैल को विहिप की ओर से फिल्म को बैन किए जाने को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किया गया था।

घर के बाहर ठेले लगवाएगी सरकार, विरोध में सड़कों पर उतरेंगी दिग्‍गज बॉलीवुड हस्तियां


मुंबई के पॉश इलाके पाली हिल में कपूर खानदान का बंगला।
मुंबई के पॉश इलाके पाली हिल में कपूर खानदान का बंगला।
मुंबई. कई बड़ी हस्तियों और फिल्मी सितारों की रिहाइश वाले पाली हिल एरिया में बनने जा रहे हॉकिंग जोन्स ( हॉकर्स की दुकानों) का विरोध शुरू हो गया है। सरकार पाली हिल एरिया में हॉकर्स जोन्स बना कर यहां की सड़कों पर ठेलेवालों को रोजी रोटी कमाने का जरिया देना चाहती है पर बॉलीवुड की हस्तियों को यह नागवार गुजर रहा है। पाली हिल और आसपास के इलाकों में सालों से रह रहे बॉलीवुड के कई सितारे बीएमसी की ओर से प्रस्तावित हॉकिंग जोन के खिलाफ हो गए हैं। नाराजगी जाहिर करने के लिए रविवार को एक्टर ऋषि कपूर के नेतृत्व में कई फिल्मी सितारे सड़क पर उतरेंगे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान ऋषि कपूर के अलावा अभिनेता प्रेम चोपड़ा, गीतकार गुलजार और कंपोजर विशाल डडलानी भी मौजूद होंगे। यहां के निवासियों का कहना है कि यह पूरी तरह से रिहाइशी इलाका है। यहां हॉकिंग जोन्स कैसे बनाए जा सकते हैं?
रणबीर भी दे सकते हैं साथ
बता दें कि पाली हिल के अलावा दादर पारसी कॉलोनी में भी बीएमसी इसी तरह हॉकिंग जोन्स बनाने की योजना बना रहा है। पाली हिल रेजीडेंट एसोसिएशन द्वारा जिग जैग रोड पर विरोध प्रदर्शन होगा, जिसका नेतृत्व ऋषि कपूर करेंगे। ऋषि ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की बात को स्वीकार किया है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया कि उनके साथ और कौन-कौन से सितारे शामिल हो रहे हैं। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान ऋषि कपूर के बेटे रणबीर कपूर भी साथ रह सकते हैं। कपूर खानदान यहां अपने बंगले 'कृष्णा राज ' में तीन दशकों से रह रहा है।
विरोध करने वालों का तर्क
विरोध करने वालों का कहना है कि हॉकिंग और नॉन-हॉकिंग जोन्स को लेकर बीएमसी की इस बेतुकी योजना के कारण बांद्रा, खार और सांता क्रूज जैसे इलाकों में रहने वाले कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। एच-वेस्ट वार्ड ऑफिस ने इस इलाके में 50 हॉकिंग जोन्स बनाने का प्रस्ताव दिया है। ये हॉकिंग जोन्स टुर्नर रोड, पाली हिल रोड, 14वें रोड, 15वें रोड, 27वें रोड, 31वें रोड, मैंयुइल गोंसाल्वेस रोड, हिल रोड और सेंट जॉन बापिस्ट रोड पर बनाए जाने की योजना है। सितारों का कहना है कि वह हॉकर्स की रोजी-रोटी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन रिहाइशी कॉलोनी में वे उन्हें दुकान नहीं लगाने दे सकते हैं। विरोध में अभियान चलाने वाले संगठन के एक पदाधिकारी के मुताबिक, ''जिस इलाके में कोई ऑफिस या कर्मचारियों की आवाजाही नहीं है, वहां वड़ा-पाव ठेले का क्या मतलब है। यहां वोट बैंक को ध्यान में रख कर इस प्रकार के फैसले किए जा रहे हैं। यहां हॉकर्स के जमावड़े से इलाके में कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।''
एक्टर प्रेम चोपड़ा ने कहा, ''इस इलाके को टूरिज्म के लिहाज से आदर्श माना जाता है। मैं पूरी तरह से इस प्रोजेक्ट के खिलाफ हूं। यहां हॉकर्स के आने से यह मुंबई के किसी अन्य इलाके की तरह ही बन जाएगा।'' म्यूजिक कंपोजर विशाल डडलानी ने भी हॉकिंग जोन्स का विरोध किया है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को हास्यास्पद बताते हुए कहा, ''इलाके में जगह कहां हैं कि इसकी शुरुआत की जाएगी। इससे केवल भीड़ बढ़ेगी जो आगे चल के दिक्कत पैदा करेगी।'' इधर, बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक फ्लो, पैदल यात्रियों की आवाजाही और सड़कों के विस्तृत सर्वे के बाद इन इलाकों में हॉकिंग जोन्स बनाने का फैसला लिया गया है।

हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ एडवोकेट नासिर अली नक़वी की जो लगातार दो बार से राजस्थान बार कोंसिल के निर्वाचित सदस्य और पूर्व चेयरमन रहे है

दोस्तों यह मुस्कुराता चेहरा ,, एक ऐसी शख्सियत का है जो एक तेज़ तर्रार क़ानून विद की हैसियत से लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे है ,, जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ एडवोकेट नासिर अली नक़वी की जो लगातार दो बार से राजस्थान बार कोंसिल के निर्वाचित सदस्य और पूर्व चेयरमन रहे है ,,,नासिर अली नक़वी छात्र जीवन से ही सेवादल कांग्रेस से जुड़े ,,इनका संघर्ष शील जीवन देख कर इन्हे सेवादल में महत्वपूर्ण पदों पर रखा गया ,,फिर नक़वी राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के संकट मोचक बनकर पैरवी करते रहे ,,नासिर अली नक़वी राजस्थान बार कोंसिल का चुनाव लड़े इनके व्यवहार के कारन इन्हे सदस्य निर्वाचित किया गया ,,,इसी दौरान नासिर अली नक़वी राजस्थान सरकार में प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमेंट मंत्री दर्जा के रहे ,,जिन्होंने राजस्थान भर में वक़्फ़ हित और वक़्फ़ सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर एक साक्षरता जागरूक अभियान चलाया ,,इनके चेयरमेन कार्यकाल में ही मदरसा बोर्ड का गठन हुआ और प्रारम्भिक नियुक्तिया नासिर अली नक़वी के प्रबंधन में ही की जाकर राजस्थान मदरसा बोर्ड की नींव रखी गई ,,,नासिर अली नक़वी फिर दोबारा राजस्थान बार कोंसिल के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए और इन्हे राजस्थान बार कोंसिल का चेयरमेन नियुक्त किया गया ,,इनके चेयरमेन कार्यकाल में राजस्थान की सभी अभिभाषक परिषदों को लाइब्रेरी के लिए किताबे ,,इ लाइब्रेरी के लिए कम्प्यूटर दिए गए ,,,नौजवान वकीलों के लिए विशेष सेमीनार ,,प्रशिक्षण व्यवस्थाये की गई ,,,अनुशासन समितियों का पुनर्गठन कर वकालत के व्यवसाय को गरीमामयी बनाया गया ,,नासिर अली नक़वी को राजस्थान सरकार ने इनकी प्रतिभा को देखते हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया ,,नासिर अली नक़वी ने अपने वकालत के हुनर से सरकार के खिलाफ कई मामलों को क़ानूनी दलीलों से सरकार के हक़ में फैसला करवाया ,,,नक़वी राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत सहित सभी वरिष्ठ कोंग्रेसियों के चहेते रहे है ,,अचानक नासिर अली नक़वी का स्वास्थ खराब हुआ इनका काफी लम्बे समय तक इलाज चला राजस्थान सहित देश भर में इनके स्वास्थ लाभ की दुआएं हुई और अब सभी की दुआओं से माशा अल्लाह नासिर अली नक़वी फिर से उम्रदराज़ी ,,सह्त्याबी के साथ वकालत के मैदान में है ,,,नियमित अदालत जाकर मुक़दमों की पैरवी फिर से बदस्तूर जारी है ,,,अल्लाह का शुक्र है के अल्लाह ने लोगों के हमदर्द कांग्रेस के जंगजू सिपाही को फिर से हमारे नेतृत्व के लिए मज़बूती देते हुए हमारे साथ ,, हमारे बीच ला खड़ा किया है ,,,खुदा से दुआ है के नासिर नक़वी एक बार फिर पूरी तरह से तंदरुस्ती के साथ हमारी सरपरस्ती करे और एक बार फिर इन्साफ की लड़ाई में लड़ाई में अव्वल रहे ,,,आमीन सुम्मा आमीन ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शहीद भगत सिंह के भाई की भी आखिरी सांस तक जासूसी करवाती रही सरकार


शहीद भगत सिंह के भाई की भी आखिरी सांस तक जासूसी करवाती रही सरकार
चंडीगढ़। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बाद अब शहीद भगत सिंह के परिवारवालों की जासूसी का मामला सामने आया है। भगत सिंह से आठ साल छोटे भाई फ्रीडम फाइटर कुलबीर सिंह की जासूसी उनकी मौत के दिन तक होती रही। बाद में कुलबीर के बेटे अभय सिंह संधू और उनके परिवार की जासूसी होती रही। ये जासूसी कभी घरेलू नौकर तो कभी पुलिस के लोगों को भेजकर करवाई गई। कुलबीर सिंह की मौत के बाद भी लगातार 10 साल तक रोजाना उनके घर के बाहर जासूसी के लिए आदमी बिठाया गया। कारण ये कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया था। ये आरोप कुलबीर सिंह के बेटे अभय सिंह संधू ने लगाए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से शहीद भगत सिंह समेत सभी शहीदों से जुड़े हर दस्तावेज डी-क्लासिफाई करने और आरटीआई में लोगों को देने की मांग की है। जासूसी के इस खेल का अभय सिंह ने सिलसिलेवार ब्योरा कुछ यूं दिया...
अभय ने कहा, 1962 में पिताजी (कुलबीर) के फिरोजपुर से चुनाव जीतने के बाद परिवार की लगातार जासूसी की जाने लगी। उसी दौरान चीन के साथ युद्ध में भारत की हार के बाद पंजाब सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर जानकारी दी कि कुलबीर सिंह समेत कई क्रांतिकारी दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। फाइल होम मिनिस्टर लाल बहादुर शास्त्री को भेजी गई। उन्होंने कुलबीर की निगरानी का आदेश दिया था।
अचानक गायब हुआ मेहमान
बात 1982 की है। एक लड़का रिसर्च स्कॉलर बनकर अाया। उसने भगत सिंह और अजीत सिंह पर रिसर्च करने की बात कही। पिताजी ने उसे एक कमरा दे दिया। लेकिन 1983 में जिस दिन पिताजी का निधन हुआ, उसी दिन वह गायब हो गया।
मौत के बाद भी 10 साल तक रखी नजर
अभय बताते हैं कि पिता की मौत के 10 साल बाद तक हर रोज आने-जाने वालों पर नजर रखी गई। फरीदाबाद में घर के पास चाय की दुकान पर सुबह एक आदमी बैठ जाता व सूरज ढलने के बाद जाता था। किसी को पता ही नहीं चल पाया कि आखिर वो था कौन। ये सिलसिला 1993 तक चला। फिर फोन टेप होने लगे।
अभय ने कहा, "फिरोजपुर में हमारे घर में नौकर के रूप में भेदिए रखे गए। पिताजी को आजादी के आंदोलन के दिनों से ऐसे लोगों की पहचान करने की आदत थी। एक बार पिताजी दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में बैठे, लेकिन दूसरी तरफ से उतर गए। सीआईडी वाले इसकी रिपोर्ट दिल्ली भेज चुके थे। क्योंकि ऐसा हुआ नहीं था, इसलिए रिपोर्ट देने वाले अफसर की नौकरी पर बन आई। बाद में वह अफसर हाथ जोड़कर पिताजी के पास पहुंचा कि आइंदा ऐसा न करें, क्योंकि उनकी नौकरी चली जाएगी। इस पर पिताजी ने वादा किया कि वह जहां भी जाएंगे, इसकी जानकारी उसे दे देंगे।'
विज का ट्वीट-नेहरू की पूरी नस्ल का ही बहिष्कार करना चाहिए
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने ट्वीट को लेकर फिर विवादों में हैं। उन्होंने पूर्व पीएम स्व. जवाहरलाल नेहरू पर कटाक्ष किया। शनिवार शाम 4 बजे किए ट्वीट में उन्होंने लिखा, सुभाष चंद्र बोस के परिवार की जासूसी करवाने वाले जवाहरलाल नेहरू की पूरी नस्ल का बहिष्कार कर देना चाहिए।'

मैंने सह लिया..

तू छोड़ के चली गयी,
मैंने सह लिया..
तू अभी तक लौट के नहीं आयी,
मैंने वो भी सह लिया....
लेकिन तू मेरे फोन का चार्जर साथ ले गयी,
कसम से,, ये सहन नहीं होता।।

प्रशासनिक अधिकारियों में कुशल और कठोर प्रबंधन के लिए स्वीकारित नाम धर्मेन्द्र भटनागर

राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों में कुशल और कठोर प्रबंधन के लिए स्वीकारित नाम धर्मेन्द्र भटनागर इन दिनों अजमेर संवेदनशील इलाक़े के संभागीय प्रमुख के पद पर कार्यरत है ,,,,धर्मेन्द्र भटनागर की कार्यशैली इनकी पहचान है हंसमुख ,,मृदुल स्वभावी लेकिन निष्पक्ष प्रशासनिक कार्यों में कठोर और कामयाब अधिकारी के रूप में विशिष्ठ पहचान रखने वाले धर्मेन्द्र भटनागर पहले पुलिस सेवा में थे ,,,,फिर राजस्थान प्रशासनिक सेवा में १५ अक्टूबर १९७९ को नियुक्त हुए ,,,३० सितम्बर १९५५ धर्मेन्द्र भटनागर ने एम ऐ ,,,एल एल बी की शिक्षा ग्रहण की कॉलेज टाइम से ही आप को खेलकूद ,,साहित्यिक गतिविधियों का शोक रहा ,,,भटनागर क्रिकेट ,,,शतरंज ,,केरम ,,टेनिस ,,बैडमिंटन के कामयाब खिलाड़ी है जबकि कुशल वक्ता और साहित्य लेखन की विशिष्ठ विधा के धनी भी है ,, धर्मेन्द्र भटनागर ने कोटा का इतिहास ,,यातायात नियमावली ,,कुशल प्रबंधन सहित कई विषयों पर पुस्तकें भी लिखी है जिनके प्रकाशन से रिसर्च स्कॉलर्स को काफी लाभ मिल रहा है ,,,,,,धर्मेन्द्र भटनागर की छवि ईमानदार ,,निष्पक्ष ,,निर्भीक ,,और जनहितकारी अधिकारी के रूप में रही है इसीलिए इनकी नियुक्ति चॅलेंजिंग रही है ,,कोटा में आपका नगर दंडनायक ,,अतिरिक्त संभागीय आयुक्त का कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाने वाला है ,,, अपने कार्य को महनत ,लगन और निष्पक्ष निर्भीक तरीके से करने के साथ साथ धर्मेन्द्र भटनागर ने विभिन्न क़ानूनो पर कई दर्जन पुस्तके ,,स्मरिकाए लिखी है ,,कोटा के इतिहास और प्रशासनिक प्रबंध पर भी इनकी प्रकाशित पुस्तक एक रिसर्च दस्तावेज है ,,सीकर कलेक्टर के दौरान भी आपने महत्वपूर्ण प्रकाशन किये अब आप धार्मिक नगरी अजमेर जहां ख्वाजा साहब की दरगाह है ,,पुष्कर के मंदिर है ,, सरवाड़ शरीफ है ,,तारागढ़ है वहां के संभागीय आयुक्त नियुक्त हुए है और कार्यभार ग्रहण के बाद से ही आप हमेशा की तरह अपनी प्रशासनिक टीम के साथ अलग हठकर बेहतर प्रबंधन कार्यों की कार्ययोजना तैयार कर रहे है ,,,,धर्मेन्द्र भटनागर कोटा में नगर दंडनायक थे तो क़ानून व्यवस्था बहाल थी ,,,सी ऐ डी में अतिरिक्त संभागीय आयुत थे तो सिंचाई और कृषि प्रबंधन सबसे अव्वल था ,,खेल परिषद में रहे तो राजस्थान की खेल प्रतिभाएं मेडल जीत कर लाईं ,,सीकर कलेक्टर थे तो सीकर में कुशल प्रबंधन के लिए इनकी प्रशंसा रही ,,धर्मेन्द्र भटनागर अजमेर संभागीय आयुक्त बने तो देखिये अजमेर को देश भर की सभी प्रमुख सीटियों में से स्मार्ट सीटी के लिए चुना गया ,,अब अजमेर स्मार्ट सीटी के दौर में है ,,ईश्वर अजमेर संभाग के सभी ज़िलों की मॉनिटरिंग और विकासयोजनाओं के क्रियान्वन ,,,प्रशासनिक प्रबंधन में इन्हे कामयाबी दे प्रसिद्धि दे ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

 
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