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20 अप्रैल 2015

बर्द्धमान ब्‍लास्‍ट : लड़की के जाल में फंस कर इमाम-मौलवी से आतंकी बना इब्राहिम


आतंकी इब्राहिम को जेल से थाने ले जाती पुलिस।
आतंकी इब्राहिम को जेल से थाने ले जाती पुलिस।
रांची/पाकुड़. झारखंड पुलिस की गिरफ्त में आया मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मो. इब्राहिम शेख लड़की के जाल में फंस कर इमाम-मौलवी से आतंकी बन गया। पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान ब्लास्ट में इब्राहिम आरोपी है जिसे पुलिस ने शनिवार को पाकुड़ से पकड़ा था। इब्राहिम ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि मदरसे में मौलवी की नौकरी करते वक्त वह बांग्लादेश की साजिदा नाम की लड़की के संपर्क में आया और उसके बाद आतंकी संगठन से जुड़ गया। इस बीच, इब्राहिम को शनिवार शाम ही कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। सोमवार को पाकुड़ व बंगाल पुलिस के अलावा एनआईए की टीम ने उससे पूछताछ की है।
सिर्फ लड़कियों के लिए बने मदरसे में था इमाम
आतंकी इब्राहिम ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह बंगाल के नदिया जिले के मिर्जापुर मस्जिद में इमाम का काम कर चुका है। यहां से वह कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार-प्रसार भी किया करता था। लेकिन वहां ग्रामीणों को उसकी गतिविधियां पसंद नहीं आईं और उन्होंने उसे भगा दिया। इसके बाद वह दूसरी नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान उसे 2012 में अपने ही गृह जिला के मुकीम नगर गांव स्थित फातिमा तुल जोहरा बनात मदरसा में मौलवी की नौकरी मिल गई। इस मदरसे में सिर्फ लड़कियों का ही नामांकन होता था। इसी दौरान बांग्लादेश की साजिदा नामक युवती मदरसा पहुंची और इब्राहिम को अपने जाल में फंसा लिया। युवती ने बांग्लादेश में गठित आतंकवादी संगठन जेएमबी के बारे में विस्तार से बताया। युवती की बातों में आकर इब्राहिम इस संगठन से जुड़ गया। बाद में उसे मदरसा का इंचार्ज भी बना दिया गया था।
मोबाइल फोन के मेमोरी कार्ड में मिले जिहाद से जुड़े संदेश
मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी मो. इब्राहिम से पुलिस को एक मोबाइल फोन का मेमोरी कार्ड बरामद हुआ है, जिसमें जिहाद से जुड़े संदेश मिले हैं। इसके अलावा, पुलिस को आतंकी के पास से एक देशी पिस्टल, छह रिवॉल्वर, छह गोली, चार देशी बम और तीन हजार रुपए मिले। मेमोरी कार्ड में जिहाद के लिए लोगों को उकसाने के वीडियो, संदेश आदि पाए गए हैं। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि मालदा रेलवे स्टेशन पर उसे पश्चिम बंगाल के धुलियान निवासी अब्दुल रहीम ने तीन हजार रुपए दिए थे। पुलिस अब्दुल रहीम की तलाश में जुट गई है। बता दें कि पुलिस को मो. इब्राहिम शेख के शनिवार शाम को मालदा-बर्द्धमान पैसेंजर ट्रेन से पाकुड़ आने की सूचना मिली थी। तिलभिटा स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के बाद वह रानीपुर गांव की ओर जा रहा था। पुलिस ने उसे रानीपुर कब्रिस्तान के पास रोका और तलाशी के बाद गिरफ्तार कर लिया।
कौन है इब्राहिम शेख
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी मो. इब्राहिम शेख बांग्लादेश की प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन (जेएमबी) का भारत में ट्रेनर था। इसके अलावा, इब्राहिम जेएमबी की राजनीतिक समिति शूरा का भी सदस्य है, जो बांग्लादेश व असम में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर काम करता था। बीते 2 अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान में बम बनाने के क्रम में हुए बलास्ट के बाद दो आतंकियों की मौत हो गई थी। जबकि एक आतंकी को पुलिस ने गंभीर रूप से घायल अवस्था में धर-दबोचा था। पकड़े गए आतंकी ने पुलिस को बताया था कि इब्राहिम मुर्शिदाबाद स्थित मुकिमनगर में फातिमा तुल जोहरा बनात मदरसा का इंचार्ज था, जहां बच्चों को बम बनाना सिखाया जाता था।

राहुल गांधी बोले-यह सूट वालों की सरकार है, पीएम खुद किसानों से बात करें


राहुल गांधी बोले-यह सूट वालों की सरकार है, पीएम खुद किसानों से बात करें
 
नई दिल्ली. कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में पहली बार बोले। राहुल गांधी ने किसानों की बदहाली के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए एनडीए की सरकार को 'सूट-बूट वालों' की सरकार करार दिया। राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री खुद जाकर किसनों से बात क्यों नहीं करते।
राहुल ने क्या कहा?
कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने एनडीए सरकार को 'अच्छे दिन' की सरकार करार देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर तंज कसा। राहुल गांधी ने कहा कि गडकरी इस सरकार में ऐसे अकेले नेता हैं, जो दिल से बात करते हैं। राहुल गांधी ने गडकरी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि किसानों की मदद न तो भगवान कर सकते हैं और न ही सरकार। राहुल ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को एक छोटा-सा सुझाव देता हूं। देश के सबसे बड़े कृषि एक्सपर्ट कहते हैं कि 14 राज्यों में 180, 000 हेक्टेयर खेतों पर किसान संकट झेल रहा है। 40,00 करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ है। लेकिन प्रधानमंत्री कहते हैं सिर्फ 106,000 हेक्टेयर खेती पर संकट है। अब कृषि मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री 80,000 हेक्टेयर पर खेती बर्बाद हुई है।' राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री खुद जाकर किसानों की हालत क्यों नहीं देखते। किसान खाद के लिए लाठियां खा रहा है।' इसी बीच, कांग्रेस के कुछ सांसद पीछे से बोलते रहे कि पीएम को विदेश दौरों से फुर्सत नहीं मिल रही है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बीजेपी कई तरह की बोली बोलती है। अमेठी से सांसद राहुल ने कहा, 'हमें पता है कि यह उद्योगपतियों की सरकार है। बड़े लोगों की सरकार है। सूट-बूट वालों की सरकार है।' राहुल गांधी ने जैसे ही सूट की बात की तो बीजेपी के सांसदों ने विरोध किया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, 'मैं अब सूट की बात नहीं करूंगा। अब खुश।' लेकिन उसके बाद राहुल गांधी ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए उन्हें 'आपके प्रधानमंत्री' कहा। जब बीजेपी नेताओं ने उसका विरोध किया तो राहुल गांधी ने कहा, 'आपके नहीं, देश के प्रधानमंत्री।' राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी को मैं एक और सुझाव देता हूं। बड़े लोगों की सरकार है। देश में 60 फीसदी किसान-मजदूर हैं। मैं चाहता हूं कि पीएम साइड बदल लें। आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हो। किसानों को चोट पहुंचा रहे हो। आने वाले समय में वे आपको चोट पहुंचाएंगे। आप समझते हो कि जो बड़ी-बड़ी गाड़ियां चलाते हैं, उनके पास ताकत है। आप गलत समझते हो।'
अंग्रेजी में बोलने को लेकर हुआ हंगामा
सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने जैसे ही अंग्रेजी में भाषण की शुरुआत की तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने हिंदी में बोलने की मांग रख दी। राहुल ने कहा कि वे हिंदी में भी बोलेंगे। लेकिन हंगामा रुका नहीं। इसी बीच, विपक्ष की ओर से एक सांसद ने खड़े होकर कहा कि जब प्रधानमंत्री बोलेंगे तो वे भी हंगामा करेंगे। 2014 के आम चुनाव में चुनी गई 16 वीं लोकसभा में राहुल गांधी का यह पहला भाषण है।
बजट सत्र के पहले हिस्से में छुट्टी पर थे राहुल
कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी बजट सत्र के पहले हिस्से में मौजूद नहीं थे। उस समय वे छुट्टी मनाने गए हुए थे। कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई थी कि राहुल गांधी चिंतन-मनन करने के लिए गए हुए हैं। 59 दिन की छुट्टी से लौटने के बाद राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान खेत मजदूर रैली को संबोधित किया था।

वोह सोचते है

वोह सोचते है
नाराज़ होकर
कट्टी होना उन्हें ही आता है
बहुत हो चुका
लो अब हम भी
तुम से कट्टी हो जाते है ,,

राजस्थान: खेतों में हुए बाल विवाह, यूनिसेफ के अनुसार खत्म होने में लगेंगे 50 साल

राजस्थान: खेतों में हुए बाल विवाह, यूनिसेफ के अनुसार खत्म होने में लगेंगे 50 साल
अजमेर. तस्वीर राजस्थान में भीलवाड़ा के नंदराय गांव की है। प्रशासन के दावे के बावजूद सोमवार को यहां बाल विवाह हुए। लोगों ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए घरों पर नहीं, खेतों पर मासूम बच्चों के फेरे करवाए। न सिर्फ भीलवाड़ा बल्कि राज्य के कई जिलों में बाल विवाह होने की खबरें हैं। मंगलवार को अक्षय तृतीया है। राजस्थान में इस दिन बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं।
बाल विवाह रोकने के लिए सरकार ने कई इंतजाम किए हैं। प्रदेश में सोमवार को चार जगह बाल विवाह रुकवाए गए और कई जगह परिजनों को चेतावनी दी गई। इन प्रयासों के बावजूद राजस्थान में हर साल एक फीसदी बाल विवाह ही रोकने में कामयाबी मिल पा रही है। यूनिसेफ बाल विवाह विशेषज्ञ डोरा गियूस्टी ने कहा था कि दो दशक में बाल विवाह की संख्या में कमी आई है, लेकिन यह प्रतिवर्ष एक फीसदी ही है। इस प्रकार बाल विवाह रोकने की प्रक्रिया इतनी धीमी है कि पूरी तरह से बाल विवाह खत्म करने में करीब 50 साल लगेंगे।
यूनिसेफ की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक सर्वाधिक बाल विवाह राजस्थान में होते हैं। पिछले पांच साल में प्रदेश में महज 8 हजार बाल विवाह रुकवाए जा सके। प्रदेश में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुसार 16 जिले ऐसे हैं जहां बाल विवाह काफी संख्या में होते हैं। यानी सालाना जितनी शादियां होती है उनमें बाल विवाह का प्रतिशत अन्य जिलों की तुलना में बेहद अधिक हैं। ये जिले हैं भीलवाड़ा, राजसमंद, सवाई माधोपुर, टोंक, झालावाड़, दौसा, बूंदी, चित्तौडगढ, दौसा, अजमेर, करौली, बारां, अलवर, नागौर, उदयपुर और प्रतापगढ़।

शर्मसार करने वाला रिकॉर्ड
> यूनिसेफ के अनुसार राजस्थान में सबसे ज्यादा बाल विवाह।
> देश में 47 फीसदी लड़कियों की शादी 18 की उम्र से पहले हो जाती है

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमेन निज़ाम कुरैशी की सरपरस्ती ,,मक़सूद अहमद के को ओर्डीनेशन में ,,सोनिया गांधी ,,राहुल गांधी के आह्वान पर बुलाई गई किसान रैली में राजस्थान का तीन हज़ार से भी अधिक अल्पसंख्यक कार्यकर्ता रैली में शामिल हुआ ,,,राजस्थान से निज़ाम कुरैशी ने सभी संभाग चेयरमेन से अधिकतम लोगों के रैली में पहुंचने का आह्वान किया था ,,,,,,कोटा संभाग सहित पुरे राजस्थान से लगभग तीन हज़ार अल्पसंख्यक कार्यकर्ता रैली में पहुंचे क़रीब अट्ठावन निजी वाहन ,,,तीन आठ बसों के अलावा अलग अलग ज़िलों से ट्रेन से अल्पसंख्यक कार्यकर्ता दिल्ली रामलीला मैदान में पहुंचे ,,,,,,,,,,रैली को सफल बनाने की तय्यरियों में जुटे निज़ाम कुरैशी का स्वास्थ खराब होने के बाद भी उन्होंने दिन रात एक कर रैली को ऐतीहासिक बनाने के लिए अल्पसंख्यक विभाग को सक्रिय कर दिखाया दिखाया ,,,,,रैली के बाद राजस्थान से इतनी बढ़ी तादाद में अल्सपसंख्य्क कार्यकर्ताओं के पहुंचने पर अखिल भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस कार्यालय चौबीस अकबर रोड पर अल्पसंख्य्क विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुर्शीद सय्यद ,, राष्ट्रिय महासचिव एम आई पटेल ने राजस्थान के अल्पसंख्य्क विभाग के पदाधिकारियों की इस कामयाबी के लिए पीठ थपथपाई ,,,,,,,,,,,,राजस्थान अल्सपंख्य्के विभाग के एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,ज़ाकिर मंसूरी ,,,लियाक़त मेव ,,,इकराम बबलू ,,लियाक़त अली लिक्कु ,,रईस खान ,,,,अहमद भाई ,,अब्दुल करीम खान ,,तबरेज़ पठान ,,अब्दुल रशीद क़ादरी ,,कैलाश बंजारा सहित कई दर्जन कार्यकर्ता धन्यवाद कार्यक्रम में मौजूद थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोनिया गांधी ,,रुंधे गले से ,,,आाँखों में आंसू ,,,,,,किसानो के हक़ के संघर्ष का संकल्प लेकर एक माँ की हैसियत से अपने पीड़ित किसान बेटों को इंसाफ दिलाने के लिए शेरनी की तरह दहाड़ी ,,

देश भर के किसानों की ज़मीन गैरकानूनी तरीके से अधिग्रहण होने से रोकने के लिए ,,देश भर के किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए कल दिल्ली की रामलीला मैदान में कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ,,रुंधे गले से ,,,आाँखों में आंसू ,,,,,,किसानो के हक़ के संघर्ष का संकल्प लेकर एक माँ की हैसियत से अपने पीड़ित किसान बेटों को इंसाफ दिलाने के लिए शेरनी की तरह दहाड़ी ,,,कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने सधे हुए अल्फ़ाज़ों में एक नए अंदाज़ में पहली बार लोगों को शालीनता और प्रभावशाली तरीके से सम्बोधित किया ,,,,,,,सभा को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ,,,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट ने भी सम्बोधित किया ,,राहुल गांधी सभा स्थल पर अगर जय जवान ,,जय किसान ,,,कांग्रेस पार्टी ज़िंदाबाद के नारों के साथ कार्यकर्ताओं को जोश में लाकर अपना भाषण शुरू करते तो रैली की फ़िज़ा कई गुना मज़बूत हो जाती ,,रैली में जिस तरह से हरियाणा के हुड्डा समर्थकों ने गुलाबी पगड़ी के नाम पर अपनी उपस्थिति दिखाई वोह क़ाबिले गोर रही लेकिन इन लोगों ने हुड्डा समर्थक होने की वजह से रैली में अशोक तंवर के बोलते वक़्त जो व्यवधान पैदा किया इस अपराध के लिए हुड्डा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो भविष्य में फिर ऐसी अनुशासनहीनता पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़ेगी ,सभा का संचालन दिग्विजय सिंह ने किया ,,किसान रैली में राजस्थान की ट्रेन को वक़्त पर रेलवे अधिकारीयों ने नहीं पहुंचने दिया ,,रैली के चेयरमेन एक के एन्टोनी ने रैली व्यवस्था में सभा स्थल पर माइक की घटिया व्यवस्था की ,,स्टेज छोटा रखा ,,,टी वी स्क्रीन बीच में लगा देने से लोगों का सीधा संवाद नहीं हो सका ,,,,अव्यवस्था का दौर रहा ,,,गर्मी में पानी नहीं ,,हवा नहीं पंखो की कमी ,,पंखो की खीचतान को लेकर कार्यकर्ताओं में तू तडाक ने खराब माहोल बना दिया जबकि सेवादल के कार्यकर्ताओं को ऐसी व्यवस्थाओ के लिए खड़ा किया जा सकता था ताकि आदरणीय राहुल गांधी ,,श्रीमती सोनिया गांधी के भाषण के वक़्त रचनात्मक सोच के साथ कार्यकर्ता कुर्सियों पर बैठ कर उन्हें सुसंते और रैली के अधिकतम सकारात्मक परिणाम सामने आते ,,,,रैली के लिए भीड़ जुटाने के लिए सभी राज्यों के ज़िलाअध्यक्षों ,,पूर्वमन्त्रियों को टारगेट देकर ज़िम्मेदारी के साथ साधन उपलब्ध कराये जाते तो यह संख्या पांच लाख से ऊपर पहुंच सकती थी ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

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