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21 अप्रैल 2015

राजस्थान में वकीलों के कार्यस्थगन

  • राजस्थान में वकीलों के कार्यस्थगन पर राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा एक सख्त निर्देशात्मक परिपत्र के बाद वकीलों और न्यायिक अधिकारीयों में कड़वाहट का माहोल होने और राजस्थान बार कौंसिल की चुप्पी से वकीलों में आक्रोश है ,,,सभी जानते है के शोकसभा या दीगर वजुहातों से मृतात्मा को श्रद्धांजलि देवे के लिए वकीलों को काम बंद रखना पढ़ता है ,,अभी हाल ही में दस अप्रेल को राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी परिपत्र को फिर री प्रोड्यूज़ किया है जिसमे सभी जिला जजों को वकीलों के कार्यस्थगन को ख़ारिज करने उन्हें सहयोग नहीं करने के सख्त आदेश दिए है ,,,,राजस्थान के वकील इस बचकाना हरकत से उद्धेलित है लेकिन अफ़सोस इस बात का है के हुक्कामों के साथ चाय कोफ़ी पीने वाले राजस्थान बार कोंसिल से जुड़े लोगों को इस का रत्ती भर भी फ़र्क़ नहीं पढ़ा है उन्होंने वकीलों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले इस गैरज़रूरी परिपत्र के खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठाई है ,,कोटा में शनिवार को संभाग के पर्तीिनिधियों की इस मामले में चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई है ,,,,क़ानून कहता है वकील और जज दोनों कोर्ट ऑफिसर होते है जब जज छुट्टी पर होते है तो पत्रावली में कार्यवाही स्थगित होती है लेकिन जब दुसरा कोर्ट ऑफिसर जो वकील है अगर किसी गमी की वजह से अवकाश पर है तो पत्रावलियों में सुनवाई कैसे हो सकती है ,,,,हाईकोर्ट के जज हो या फिर ऐ डी जे हो ,,या फिर न्यायिक अधिकारी हो सभी वकालत के व्यवसाय से निकल कर इस नौकरी में आते है ,,इसी हाईकोर्ट द्वारा अदालतों के विधिवत संचालन के लिए हज़ारों हज़ार सर्कुलर निकाल कर त्वरित सुनवाई ,,सेशन ट्रायल दिन ब दिन नियमित सुनवाई ,,मुक़दमों का टाइम बाउंड निस्तारण ,,सी आर पी सी और सी पी सी के विधिक प्रावधानों के तहत अदालतों में गवाही के बयान रिकॉर्ड करने ,,मुक़दमों की सुनवाई के दौरान सिर्फ एक ही कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर रखे है ताकि फैसलों में गुणवत्ता आये और निर्दोष को छोड़ा जाए तो अपराधी को सज़ा दी जाए के मांमले में व्यवस्था बने ,,,हाईकोर्ट ने सभी जजों को यह भी निर्देश दे रखे है के पक्षकारों को उनकी पसंद का वकील गरीब होने पर उपलब्ध कराये ,,लीगल ऑथोरिटी के बजट का सही इस्तेमाल हो ,,क़ानून है के चेक के मामले तीन माह में ,,निस्तारित हो ऐसे कई क़ानून है जिसमे त्वरित सुनवाई और समयबद्ध फैसले का हुक्म है लेकिन अफ़सोस अदालतों में सभी जानते है एक तरफ सुनवाई ,,एकतरफ गवाही तो दूसरी तरफ रीडर से तारीखों का झमेला चलता है ,,जो अदालते दूसरे जजों का एवज़ी काम कर रही है वोह इतनी ओवरबर्डन है के उन्हें दो दो जगह गवाही लेना पढ़ती है फिर अदालत अपनी भाषा में गवाह का रूपांतरन कर लिखवाएगी इस सर्कुलर का किया हुआ ,,,,,राजस्थान की न्यायिक व्यवस्था संवेदनशील और ईमानदारी का प्रतीक रही है यहां के फैसलों की गुणवत्ता दूसरे राज्यों पर आज भी भारी है ,,यहां न्यायिक वातावरण है ,,ऐसे में राजस्थान बार कोंसिल और राजस्थान हाईकोर्ट जिसमे कई जज राजस्थान बार कोंसिल के प्रतीनिधी रह चुके है ,,वकील रह चुके है वोह बैठ कर इस मुद्दे को सुलझाये ,,राजस्थान बार कोंसिल वकीलों के मान सम्मान के खिलाफ इस तरह की टिप्पिणि परिपत्र पर अगर हाथ पर हाथ रख कर बैठती है तो फिर ज़िलों की बार एसोसिएशन को अपने क्षेत्र के बारकोंसिल परिनिधियों का घेराव कर इस मामले में जवाब तलब करना चाहिए ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सोनिया पर बयान को लेकर PM ने फटकारा, PMO से रोते हुए बाहर निकले गिरिराज


सोनिया पर बयान को लेकर PM ने फटकारा, PMO से रोते हुए बाहर निकले गिरिराज
 
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फटकार लगाई। जानकारी के मुताबिक सोमवार को पीएम मोदी द्वारा 'क्लास' लिए जाने के बाद मंत्री गिरिराज पीएमओ से रोते हुए निकले थे। बता दें कि सोनिया गांधी के रंग-रूप को लेकर पिछले दिनों बिहार से सांसद गिरिराज ने आपत्तिजनक बयान दिया था।
उसके बाद कांग्रेस ने सोमवार को इस बयान को लेकर हंगामा किया था जिसके बाद गिरिराज को लोकसभा में खेद प्रकट करना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक सोमवार को गिरिराज सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, मुलाकात के बाद जब वह दफ्तर से वापस निकल रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे। हालांकि गिरिराज सिंह ने मंगलवार को इन बयानों को नकारा।
मेरी नहीं हुई पीएम से मुलाकात, फटकार की बात गलत
मीडिया में फटकार के बाद रोने की खबर आने के बाद गिरिराज सिंह ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने मंगलवार को कहा, ''कौन कह दिया कि मैं रोया था। मैंने पीएम से मुलाकात ही नहीं कि और न ही मैंने पीएम से मुलाकात का वक्त मांगा है तो फटकार लगाए जाने की बात कहां से आ गई। मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है। मीडिया बेसलेस खबरें चला रहा है।''
सोनिया को लेकर क्या कहा था गिरिराज ने
एक अप्रैल को बिहार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ऑफ द रिकॉर्ड बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, ''अगर राजीव गांधी ने किसी और महिला से शादी की होती, कोई नाइजीरियन होती, जो गोरी नहीं होती तो क्या कांग्रेसी उसे अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करते?'' गिरिराज ने राहुल गांधी को लेकर भी कहा था। उन्होंने कहा था कि राहुल का छुट्टी पर जाकर मलेशिया के विमान की तरह लापता हो गए हैं। हालांकि, मामले पर विवाद बढ़ने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर उन्होंने सोनिया या राहुल समेत किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाया है, तो उन्हें इसके लिए खेद है।

मोदी जी

मोदी जी - सैक्रेटरी, बताओ अब कौन सा देश बच गया है घूमने के लिए?
सैक्रेटरी - अपना ही देश रह गया है सर।
भारत वासी चकित है कि आखिर उन्होंने
प्रधानमंत्री चुना था या # वासगोडिगमा , जो दुनिया
की खोज पर निकला है।

हसने वाली बात नही है.

हसने वाली बात नही है..पुरे ध्यान से पुरा पढे
: एक लड़के की शादी हो गई..
कल का लड़का आज पति बन गया..
कल तक मौज करता, हर एक पर comment कसने वाला लड़का,
अब किसी का रखवाला बन गया..
कल तक अंडरवियर पर पूरे घर में घूमने वाला लड़का,
आज नाईट सूट पहन कर बेडरूम में जाना सीख गया..
रोज मजे से पैसे खर्च करने वाला लड़का
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गया..
कल तक FULL SPEED में बाइक चलाने वाला लड़का,
आज BIKE के पीछे बैठालकर हौले हौले चलाना सीख गया..
कल तक तो तीन टाईम फुल खाना खाने वाला लड़का
आज अपने ही घर में खाना बनाने में मदद करना सीख गया...
हमेशा जिद करने वाला लड़का,
आज किसी की जिदों को पूरा करना सीख गया..
♻ कल तक तो मम्मी से काम करवाता लड़का,
आज बीबी के काम करना सीख गया..
कल तक तो भाई-बहन के साथ झगड़ा करता लड़का,
आज साली सालों से प्यार से बोलना सीख गया..
पिता की आँख का पानी,
बीबी के ग्लास का पानी बन गया..
फिर भी लोग कहते हैं कि बेटी परायी हो गयी..
पर वास्तव में बेटा पराया होता है ।
यह बलिदान केवल लड़का ही कर सकता है, जो अपने ही घर में रहकर पराया हो जाता है इसिलिए हमेशा बेचारे लड़के की झोली दया और प्यार से भरी रखना
कौन है पुरुष (who is a male)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
¤ भगवान की ऐसी रचना जो बचपन से हीत्याग
और समझौता करना सीखता है ।
¤ वह अपने चॉकलेटस का त्याग करता है बहन के
लिये ।
¤ वह अपने सपनो का त्याग कर माता-
पिता की खुशी के लिये उनके अनुसार कैरियर
चुनता है।
¤ वह अपनी पूरी पॉकेट मनी गर्ल फ़्रेंड के लिये
गिफ़्ट खरीदने में लगाता है ।
¤ वह अपनी पूरी जवानी बीवी-बच्चों के लिये
कमाने में लगाता है ।
¤ वह अपना भविष्य बनाने के लिये लोन लेता है
और बाकी की ज़िंदगी उस लोन को चुकाने में
लगाता है ।
¤ इन सबके बावजुद वह पूरी ज़िंदगी पत्नी,
माँ और बॉस से डांट सुनने में लगाता है ।
¤ पूरी ज़िंदगी पत्नी, माँ, बॉस और सास उस पर
कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं ।
¤ उसकी पूरी ज़िंदगी दुसरो के लियेही बीतती है

और बेचारा पुरुष
~~~~~~~~~~
¤ बीवी पर हाथ उठाये तो "बेशर्म" ।
¤ बीवी से मार खाये तो "बुजदिल" ।
¤ बीवी को किसी और के साथदेख कर कुछ कहे
तो "शक्की" ।
¤ चुप रहे तो "डरपोक" ।
¤ घर से बाहर रहे तो "आवारा" ।
¤ घर में रहे तो "नाकारा" ।
¤ बच्चों को डांटे तो"ज़ालिम" ।
¤ ना डांटे तो "लापरवाह" ।
¤ बीवी को नौकरी करने से रोके तो"शक्की" ।
¤ बीवी को नौकरी करने दे तो बिवी की "कमाई
खाने वाला" ।
¤ माँ की माने तो"चम्मचा" ।
¤ बीवी की माने तो "जोरु का गुलाम"।
पूरी ज़िंदगी समझौता, त्याग और संघर्ष में
बिताने के बावजुद वह अपने लिये कुछ
नहीं चाहता ।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
इसलिये पुरुष की हमेशा इज़्ज़त करें ।
पुरुष ,बेटा, भाई, बॉय फ़्रैंड, पति, दामाद,
पिता हो सकता है, जिसका जीवन
हमेशा मुश्किलों से भरा हुआ है ।
कुछ मित्रोँ कि शिकायत थी की हमेशा नारी कि तारीफ मेँ
पोस्ट डालते हो आज शायद उनकी शिकायत दुर हो गई
होगी ।

ना ना करते आखिर

ना ना करते आखिर
में तुम्हारी बाहों में आकर
झूल ही गया
लेकिन तुम कहते हो
लोट के बुद्धू
घर को आये ,,
तुम जो कहते हो
सही बिलकुल सही कहते हो
तुम्ही बताओ
तुम्हारा दिल कैसे में तोडपाता
यह दिल
सीने में तो तुम्हारे है लेकिन
धड़कता तो मेरे लिए है
कहने को यह दिल
तुम्हारे जिस्म में है
लेकिन है तो मेरे लिए
तुम्हारी आँखे
तुम्हारी ज़रूर है
लेकिन इसमें चमक तो मेरी है
में इन आँखों को
जो मेरी है
उन्हें रुलाउ क्यों ,,,अख्तर

ओबामा के बाद अब मोदी चढ़ाएंगे अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर, लेकर जाएंगे नकवी dainikbhaskar.com Apr 21, 2015, 18:55 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 1 of 2 Next फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी। फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी। नई दिल्ली: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की 803वीं उर्स के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे। पीएम मोदी की ओर से यह चादर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लेकर जाएंगे। इस साल उर्स रविवार को शुरू होगा। संयोग से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी शनिवार को अजमेर शरीफ पर चादर चढ़ाई थी। ओबामा की ओर से यह चादर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने दरगाह कमेटी को भेंट की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भी एक चादर अजमेर भेजी गई है। ख्वाजा जी के नाम से पुकारे जाने वाले मोइनुद्दीन चिश्ती को भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे मशहूर सूफी संत माना जाता है। हो चुका है विवाद पिछले महीने पीएम मोदी से मिलने वाले एक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को लेकर विवाद हुआ था। अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल अब्दीन अली खान ने दावा किया था कि पीएमओ के बयान में जिस प्रतिनिधिमंडल का जिक्र है, उसमें वह नहीं शामिल थे। खान के मुताबिक, वह ख्वाजा के सजदानशीं (उत्तराधिकारी) हैं। दरगाह की ओर से जारी बयान में कहा गया, ''पीएम से अजमेर शरीफ का सजदानशीं बनकर जो शख्स मिला, वो असल में वो नहीं था। अजमेर के सजदानशीं दीवान जैनुल अब्दीन अली खान उस दिन अजमेर शरीफ में ही थे। जो शख्स इस तरह पीएम से मिला, उसने न केवल उनको धोखे में रखा, बल्कि पीएम की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह चूक है।'' बता दें कि पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अजमेर शरीफ के सजदानशीं सैयद सुल्तान उल हसन चिश्ती मिसबाही भी उन मुस्लिम नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।

फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी।
फाइल फोटो: मुस्लिम नेता के साथ मोदी।
नई दिल्ली: सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की 803वीं उर्स के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाएंगे। पीएम मोदी की ओर से यह चादर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लेकर जाएंगे। इस साल उर्स रविवार को शुरू होगा। संयोग से अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी शनिवार को अजमेर शरीफ पर चादर चढ़ाई थी। ओबामा की ओर से यह चादर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने दरगाह कमेटी को भेंट की थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से भी एक चादर अजमेर भेजी गई है। ख्वाजा जी के नाम से पुकारे जाने वाले मोइनुद्दीन चिश्ती को भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे मशहूर सूफी संत माना जाता है।

हो चुका है विवाद
पिछले महीने पीएम मोदी से मिलने वाले एक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को लेकर विवाद हुआ था। अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल अब्दीन अली खान ने दावा किया था कि पीएमओ के बयान में जिस प्रतिनिधिमंडल का जिक्र है, उसमें वह नहीं शामिल थे। खान के मुताबिक, वह ख्वाजा के सजदानशीं (उत्तराधिकारी) हैं। दरगाह की ओर से जारी बयान में कहा गया, ''पीएम से अजमेर शरीफ का सजदानशीं बनकर जो शख्स मिला, वो असल में वो नहीं था। अजमेर के सजदानशीं दीवान जैनुल अब्दीन अली खान उस दिन अजमेर शरीफ में ही थे। जो शख्स इस तरह पीएम से मिला, उसने न केवल उनको धोखे में रखा, बल्कि पीएम की सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह चूक है।'' बता दें कि पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अजमेर शरीफ के सजदानशीं सैयद सुल्तान उल हसन चिश्ती मिसबाही भी उन मुस्लिम नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्सपंख्य्क विभाग

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्सपंख्य्क विभाग के कोटा संभाग चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,को ओर्डीनेटर ज़ाकिर मंसूरी ,,रईस खान ,,अब्दुल रशीद क़ादरी ,तबरेज़ पठान ,,अब्दुल करीम खान ,,लियाक़त अली लिक्कु ,,इकराम बबलू ,,लियाक़त अली मेव बंजारा समाज के कैलाश बंजारा सहित कई दर्जन पदाधिकारियों ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ,,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट सहित कई नेताओं से मुलाक़ात कर भविषय के लिए मार्गदर्शन चाहा ,,,,राष्ट्रिय अल्पसंख्कीक विभाग के राष्ट्रिय अध्यक्ष खुर्शीद अहमद ,,महासचिव एम आई पटेल ने राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष निज़ाम कुरैशी के नेतृत्व में हो रहे काम काज पर संतोष जताते हुए जिला और विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं की पकड़ बनाने का सुझाव दिया ,,बैठक में बिहार ,,उत्तराखंड सहित कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद थे ,, राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता सी पी जोशी ने कोटा संभाग सहित राजस्थान प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग की कार्यक्षमता पर संतोष जताते हुए पदाधिकारियों को व्यक्तिवाद की गुटबाज़ी से अलग हठ कर कांग्रेस के झंडे तले हाथ के चुनाव चिन्ह के लिए काम करने के निर्देश दिए ,, कांग्रेस के राष्ट्रिय महासचिव मोहनप्रकाश ने कोटा से जुड़ाव के क़िस्से ताज़ा करते हुए कहा के आप लोग ट्रेन में ,,बस में चाय पान की दुकान में जहाँ कहीं भी हों भाजपा की विफलता के सच की तस्वीर लोगों को बताये ताके झूंठ बेनक़ाब हो सके ,,,,,राजस्थान के सहप्रभारी मिर्ज़ा इरशाद बेग ने करयकर्ताओं की एकता और सक्रियता देखकर सभी को शाबाशी दी जबकि बंजारा समाज के पूर्व सामाजिक न्याय विभाग के केंद्रीय मंत्री बलराम नाइक ने अल्पसंख्यक और दलित ,,पिछड़ों को एक साथ मिलकर कांग्रेस के झंडे तले इन्साफ के लिए संघर्ष का आह्वान किया , पूर्व मंत्री मीनाक्षी नटराजन सहित कई बढ़े नेताओं ने अल्सपसंख्य्क विभाग के प्रदेश अध्यक्ष निज़ामुद्दीन कुरैशी की सदारत और मक़सूद अहमद के को ओर्डीनेशन में चलाये जा रहे कार्यक्रमों की प्रशंसा की ,,,जबकि बजणारा समाज के राष्ट्रिय अध्यक्ष कैलाश बंजारा ने राजस्थान में बंजारा समाज पर हो रहे निरंतर हमलों की शिकायत करते हुए राजस्थान के बंजारों को इंसाफ दिलाने के लिए मदद की गुहार की इस पर दलित और अल्पसंख्यकों को एक होकर इंसाफ की लड़ाई लड़ने का निर्णय भी लिया गया ,इस मौके आर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोटा जिला प्रभारी वाल्मीकि भी साथ रहे ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आम सहमति के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष बनेंगे राहुल गांधी: सचिन पायलट

नई दिल्ली. कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट ने माना है कि आम सहम‍ति बनने के बाद राहुल गांधी कांग्रेस अध्‍यक्ष बन जाएंगे। इस मसले पर अब तक कुछ नहीं बोलने वाले पायलट ने कहा कि बिना आम स‍हमति के यह फैसला नहीं होगा।
राहुल का बदला अंदाज
59 दिन की छुट्टी के बाद पिछले हफ्ते वापस आए कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का 20 अप्रैल को 16वीं लोकसभा में दिया गया पहला भाषण चर्चा में है। भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने हालांकि इसे 'शैतान जैसा प्रवचन' बताया है, लेकिन कांग्रेसी राहुल के भाषण से खुश हैं। ऐसे में हमने यह जानने की कोशिश की कि आखिर राहुल के इस बदले अंदाज की क्‍या वजह हो सकती है?
राहुल गांधी के भाषण को मां सोनिया गांधी ने 'बहुत अच्छा' बताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी भाषण में राहुल के आत्मविश्वास की तारीफ कर रहे हैं। आखिरकार राहुल गांधी के जोशीले भाषण का राज क्या था? कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दैनिकभास्कर डॉट कॉम से कहा, ''राहुल गांधी अलग-अलग कांग्रेसी नेताओं से चर्चा करते हैं लेकिन ड्राफ्ट उनका खुद का होता है। वो खुद जो महसूस करते हैं वही मन से बोलते हैं। जो आप देखते और सुनते हैं वो भाषा, शैली और शब्द सभी राहुल गांधी के हैं। '' हालांकि, लोकसभा में भाषण देते हुए वह कई बार स्क्रिप्ट को देखने में लंबा गैप लेते दिखे थे, जैसे मानों स्पीच की लाइन पढ़ रहे हों।
कांग्रेस मीडिया प्रभारी ने कहा- राहुल नहीं पढ़ते लिखा हुआ भाषण
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर काबिज होने की तैयारी कर रहे राहुल गांधी ने अपनी पूरी टीम बदल ली है। उन्‍होंने वे लोग भी बदल लिए हैं जो उनका भाषण लिखते थे। माना जा रहा है कि 20 अप्रैल को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल और फसलों की बर्बादी को लेकर राहुल की स्पीच के पीछे युवा चेहरे हैं। हालांकि कांग्रेस ने इससे इनकार किया है। सुरजेवाला ने कहा कि गांधी का भाषण कोई नहीं लिखता है। उन्होंने कहा,''यह बात बिल्कुल बेबुनियाद है कि राहुल गांधी का भाषण कोई लिखता है या फिर उन्हें क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है, इसके बारे में कोई बताता है।''
कांग्रेस के एक दूसरे प्रवक्ता मीम अफजल ने भी इस बात से साफ इनकार किया कि राहुल लिखित भाषण पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी प्वाइंट जरूर लिखते हैं और उसी के आधार पर बोलते हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि संसद में जिस तरह से राहुल गांधी ने रेस्पांस किया उससे आपको कहां लगा कि उनका भाषण लिखित था।
फोकस्‍ड रहा राहुल का भाषण
19 अप्रैल को रामलीला ग्राउंड में किसानों की रैली और 20 अप्रैल को लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण में एक अहम बदलाव यह भी दिखा कि उनका भाषण ज्यादा फोकस्‍ड हो गया है। वो जो कहना चाहते थे, वही कह रहे थे। रामलीला ग्राउंड में वह किसानों के सामने विषय से भटकते नहीं दिखे। संसद में भी उन्होंने अपनी बातों को जोर शोर से कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर जोरदार हमला किया। राहुल गांधी ने विरोधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपके प्रधानमंत्री लेकिन विरोध होने के बाद उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री। राहुल ने सूट-बूट की सरकार की बात कही।
अभी तक भाषण के पीछे होते थे वरिष्ठ नेता
सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के भाषण में मोहन गोपाल, सैम पित्रोदा जैसे लोगों की भूमिका हुआ करती थी, लेकिन इस बार उनके भाषण के पीछे युवा नेता की सोच है। हालांकि पार्टी के नेता इस बात से साफ इनकार कर रहे हैं कि राहुल के भाषण में किसी का असर है। लेकिन जानकार मानते हैं कि राहुल के इस बार के भाषण में कहीं न कहीं मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और जयराम रमेश जैसे लोगों की सोच हो सकती है।
राहुल के ईर्द-गिर्द बढ़ी युवा चेहरों की मौजूदगी
लोकसभा में सोमवार को जब राहुल गांधी भाषण दे रहे थे तो उनके अगल-बगल युवा चेहरे नजर आ रहे थे। राहुल के ठीक पीछे बैठे अशोक च्वहाण को छोड़ दिया जाए तो बाकी सारे सांसद युवा थे। राहुल के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया, गौरव गोगोई, राजीव साटव और दीपेंद्रर हुड्डा जैसे नेता मौजूद थे। इन युवा चेहरों को राहुल गांधी की नई टीम का हिस्सा माना जाता है।

डाॅ एजाज को जान से मारने की धमकी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डाॅ एजाज को जान से मारने की धमकी
भाजपा के कार्यकर्ताओ ने दी जान से मारने की धमकी
डाॅ एजाज ने लगाई एसपी से सुरक्षा की गुुुहार
कंग्रेस कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ से प्रदेष सचिव है डाॅ एजाज
कांग्रेस से भाजपा मे ष्षामिल होने का बना रहे है दबाव
फोन पर दी जान से मारने की धमकी

डाॅ एजाज कांग्रेस नेता पीडि़त 9829278661

पेड न्यूज लिखने के आरोपों पर खेतान बोले- भूषण परिवार को बख्शूंगा नहीं

फाइल फोटो: आशीष खेतान।
फाइल फोटो: आशीष खेतान।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी से बाहर निकाले गए प्रशांत भूषण द्वारा पेड न्यूज लिखे जाने का आरोप लगाए जाने के बाद केजरीवाल गुट के नेता और पूर्व पत्रकार आशीष खेतान ने पलटवार किया है। खेतान ने मंगलवार को कहा कि वह अपने खिलाफ आधारहीन आरोप लगाने वाले प्रशांत भूषण और उनके पिता को नहीं बख्शेंगे। खेतान ने दावा किया कि अगर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सही साबित हुए तो वह सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे।
भूषण परिवार पर लगाए गंभीर आरोप
खेतान ने कहा, ''मैं भूषण परिवार को बख्शूंगा नहीं। उन्हें मेरी बेईमानी या अपनी ईमानदारी साबित करनी होगी।'' पिता और पुत्र की जोड़ी पर आरोप लगाते हुए खेतान ने कहा, ''वे लोग, जो कहीं भी सरकारी जमीन हासिल कर लेते हैं, घरों पर कब्जा करते हैं, वे यह कैसे कह सकते हैं कि दूसरे भ्रष्ट हैं। भूषण परिवार ने अपना साम्राज्य कैसे तैयार किया है...पीआईएल के उद्योग से।'' बता दें कि जनहित याचिकाएं दाखिल करने और उनको लड़ने के मामले में प्रशांत और शांति भूषण काफी मशहूर हैं।
'6500 रुपए लेकर आया था शहर में'
खेतान ने कहा, ''इस बार उन्होंने एक आम आदमी पर वार किया है। उन्होंने मुझे निशाना बनाया है। मैं उनको छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं 15 साल पहले इस शहर में आया था और उस वक्त मेरे पास सिर्फ 6500 रुपए थे। मेरे पास जो कुछ भी है, मेरे कठिन परिश्रम का नतीजा है। न मेरे पास कोई प्रॉपर्टी है और न ही मेरे पास पर्याप्त बैंक बैलेंस है।

क़ुरआन का सन्देश

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