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23 अप्रैल 2015

किसान की मौत: केजरी सरकार को जांच में मदद से दिल्‍ली पुलिस का इनकार

बुधवार को जंतर मंतर पर पेड़ से लटक कर मौत का शिकार बने राजस्‍थान के गजेंद्र को कुछ इस तरह उतारा गया।
बुधवार को जंतर मंतर पर पेड़ से लटक कर मौत का शिकार बने राजस्‍थान के गजेंद्र को कुछ इस तरह उतारा गया।
नई दिल्ली: आप की रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र द्वारा खुदकुशी करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने राज्य सरकार को सहयोग करने से इनकार कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के डीएम को एक पत्र के जवाब में कहा कि मामले की जांच का अधिकार डीएम को नहीं है, क्योंकि घटना उनके ज्यूरीडिक्शन में नहीं हुई। दिल्ली पुलिस के डीसीपी विजय सिंह ने यह पत्र उस पत्र के जवाब में लिखा है, जिसमें डीएम ने इस मामले से जुड़े तथ्यों को साझा करने की बात की थी।
गजेंद्र के नोट की होगी फोरेंसिक जांच
आत्महत्या करने वाले किसान गजेंद्र सिंह द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को दिल्ली पुलिस फोरेंसिक जांच के लिए भेजेगी। गजेंद्र की मौत के बाद लोगों को किसान के शरीर से यह सुसाइड नोट मिला, जिसमें कहा गया था कि फसल बर्बाद होने के बाद उसे घर से निकाल दिया गया। वहीं, गजेंद्र के परिवार ने सुसाइड नोट को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि इस साल फसलों को नुकसान जरूर पहुंचा था, लेकिन जीवन यापन के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद थे।
मृतक किसान के घरवालों से मिलेंगे आप नेता
आप नेता संजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी के कुछ प्रतिनिधि शुक्रवार को राजस्थान के दौसा जिले स्थित गजेंद्र के गांव जाएंगे और उसके घरवालों से मिलकर शोक संवेदनाएं जाहिर करेंगे। आप के एक नेता ने बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर गुरुवार को एक मीटिंग हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि मृतक किसान के परिवार वालों से मिलकर उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से दस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले, आप नेता कुमार विश्वास, संजय सिंह और आशुतोष इस बात का एलान कर चुके हैं कि मृतक किसान के बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करने के अलावा उसके परिवार की हर मुमकिन मदद की जाएगी।
गृह मंत्री के बयान को कुमार विश्वास ने बताया झूठा
गृह मंत्री द्वारा गुरुवार को लोकसभा में दिए गए बयान को आप नेता कुमार विश्वास ने झूठ करार दिया है। गृह मंत्री ने सदन में कथित तौर पर कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने पुलिस के काम में बाधा डाली। इस पर कुमार विश्वास ने कहा कि गृह मंत्री ने देश की जनता को गुमराह किया है।
सिसोदिया से मिला था गजेंद्र?
गजेंद्र सिंह के एक रिश्तेदार ने दावा किया है कि गजेंद्र दिल्ली में आप नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में था। हालांकि, यह साफ नहीं है कि वह इस रैली में सिसोदिया के बुलाने पर गया था या खुद से।
केजरीवाल पर केस दर्ज करने की मांग
चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस की किसान तथा खेतिहर मजदूर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह जीरा ने किसान के सुसाइड के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जजों से कराने और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मौके पर तैनात पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। जीरा ने यह भी कहा कि मोदी सरकार को लैंड बिल वापस ले लेना चाहिए अन्यथा अब दिन अच्छे के बजाए खराब आने वाले हैं।

बर्बाद किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए पूर्व मंत्री शानतिकुमार धारीवाल के आह्वान पर,,,,,,,,,,,

राजस्थान में प्राकृतिक आपदा से तबाह और बर्बाद किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए पूर्व मंत्री शानतिकुमार धारीवाल के आह्वान पर आज कोटा कलेक्ट्रेट पर किसानो ,,महिलाओं ,,उनके समर्थकों का विशाल प्रदर्शन के बाद आमसभा का आयोजन रखा गया ,,,धरने को सम्बोधित करते हुए शान्ति कुमार धारीवाल ने कहा के किसानो की मोत के बाद भी महारानी सरकार के कान पर जू भी नहीं रेंगी है ,,,,,धारीवाल ने सभी पीड़ित किसानो को चार हज़ार रूपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवज़ा देने ,,किसानो के सभी क़र्ज़े माफ़ करने ,,,मृतक किसानो के परीजनों को दस लाख रूपये के मुआवज़े की मांग दोहराई ,,सभा को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर चन्द्रभान ,,शहर अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ,,देहात अध्यक्ष रुक्मणी मीणा ,,पूर्व विधायक श्रीमती पूनम गोयल ,,राजेन्द्र सांखला ,,डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ,,रविन्द्र त्यागी ,,राकेश शर्मा ,,हुक्म बाफना सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया जबकि ,,देहात प्रवक्ता मंज़ूर तंवर ,,,आबिद कागज़ी ,,कैलाश बंजारा ,,मोहम्मद हुसेन मोमदा सहित कई कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाये संभाली ,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक तरफ धरतीपुत्र अन्नदाता किसानो की फसल चोपट है तो दूसरी तरफ किसान आत्महत्या कर रहे है

आज मन उदास उदास सा है ,,,एक तरफ धरतीपुत्र अन्नदाता किसानो की फसल चोपट है तो दूसरी तरफ किसान आत्महत्या कर रहे है ,हाल ही में राजस्थान के दौसा का किसान और आत्महत्या दिल्ली की आमसभा के पास स्थित एक एक पढ़ पर लटक कर आत्महत्या ,,कुछ अजीब सा है ,,सवाल उठते है के आखिर दौसा राजस्थान के किसान को दिल्ली में जाकर आत्महत्या करने की ज़रूरत क्यों पढ़ी ,,,बात साफ़ है देश भर के किसानो के लिए सभी पार्टियां आन्दोलनरत है ,,भाजपा सत्ता पक्ष में है इसलिए किसानो की हर दुर्गति की ज़िम्मेदारी भाजपा की ही है ,,दिल्ली में कांग्रेस की रैली हुई ,,,आप पार्टी ने भी रैली की ,,कुल मिलाकर किसानो की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ सिर्फ राजनीति हुई है ,,लेकिन दौसा राजस्थान का यह किसान ,,किसानो के लिए अपनी जान की आहुति देकर एक संदेश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देकर गया है ,,,गजेन्द्र का संदेश है के सियासी पार्टियों को किसी के दर्द से कोई लेना देना नहीं उन्हें तो सिर्फ वोटों की सियासत करना है ,,,सरकार को किसानो के दर्द से कोई लेना देना नहीं ,,जनता में किसी के लिए कोई संवेदना नहीं ,,,टी वी रिपोर्टर्स की संवेदनाये मर चुकी है ,,एक आदमी सरे आम आत्महत्या कर रहा है ,,मानवता का प्राथमिक फ़र्ज़ मरते हुए आदमी को बचाने का छोड़कर कैमरा मेन रिपोर्टर्स मानवता छोड़कर एक किसान की मोत का लाइव दिखा रहे है ,,खबरे बना रहे है ,,खबर में कोई संवेदना नहीं सिर्फ कॉमर्शियल सेटअप के लिए खबरें बनाई गई है ,,आखिर एक किसान जिसकी ज़मीन राजस्थान में है राजस्थान सरकार की उपेक्षा से तंग आकर अपना विरोध दर्ज कराने दिल्ली जाता है ,,,सियासी पार्टियों से उम्मीद लगाता है ,,केंद्र सरकार से उम्मीद लगाता है लेकिन सिर्फ और सिर्फ किसानो के दर्द पर सियासत ही सियासत का तमाशा देखता है तो उसके पास मरने के सिवा कोई दुसरा चारा नज़र नहीं आता ,,भरी सभी में कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच राजस्थान के किसान की यह क़ुरबानी बेकार नहीं जाना चाहिए किसानो के दुःख दर्द को सिर्फ अपनी सियासत के इस्तेमाल करने वाले नेताओं को ,, सियासी पार्टियों को ,,सरकारों को किसानों को एक जुट होकर संघर्ष करना होगा वरना गजेन्द्र सिंह हर गली हर मोहल्ले में निराशा और हताशा के दौर में आत्महत्याएं करेंगे ,,सियासी पार्टिया इसे एक दूसरी पार्टी को नीचा दिखाकर वोट बटोरने का ज़रिया बनाएंगी ,,अखबार ,,रिपोर्टर ,,इलेक्ट्रॉनिक चैनल ऐसे हादसों को मसालेदार बनाकर अपनी टी आर पी बढ़ाकर विज्ञापन बटोरने का ज़रिया बनाएंगे और सरकारें आयोग बिठाने ,,जांच करवाने के नाम पर अपनी रोटिया सकेगी ,, इसलिए किसानो उठो एक हो जाओ ,,संघर्ष करो राजनीती का हिस्सा बनकर इस्तेमाल मत होते रहो ,,उठो अंगड़ाई लो ,,,,,,सियासी गुटबाज़ी छोड़कर एक हो जाओ ,,और फिर सरकार में बैठे लोगों का गला पकड़ कर उन्हें उनकी औक़ात याद दिलाओ ताकि फिर कोई गजेन्द्र आत्महत्या ना करे ,,,,,किसान खुशहाल बने ,,,सरकार किसानो को उनका हक़ दे ,,क्या गजेन्द्र की क़ुरबानी से कोई सबक सीखा जा सकेगा ,, या फिर किसान टिशू पेपर की तरह सियासी पार्टियों के लिए इस्तेमाल का ही ज़रिया बना रहेगा के जब पसीना आया पोंछ लिया और फिर कचरे में फेंक दिया ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

समेट लाई हूँ

कतरा - कतरा लम्हे
समेट लाई हूँ ...
तेरे हिस्से का दर्द भी
मैं , सह आई हूँ ...
आ करीब मिल - बांटकर
जी लें जिंदगी ...
बची सांसों का
हिसाब भी कर आई हूँ

बार कोंसिल के पूर्व चेयरमेन वर्तमान सदस्य नासिर अली नक़वी अपने दिन के हाड़ोती संभाग के दौरे के बाद आज जयपुर पहुंचे

राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमेन वर्तमान सदस्य ,,राजस्थान बार कोंसिल के पूर्व चेयरमेन वर्तमान सदस्य नासिर अली नक़वी अपने दिन के हाड़ोती संभाग के दौरे के बाद आज जयपुर पहुंचे है ,,नासिर अली नक़वी ने कोटा में एडवोकेट साथियों की समस्याएं सुनी ,,राजस्थान बार कोंसिल के चेयरमेन महेश गुप्ता ने उनसे सर्किट हाउस में भेंट कर वर्तमान हालातों में वकील और जजों के टकराव की समस्या के निस्तारण के बारे में चर्चा की ,,,कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघुनन्दन गौतम ,,,कोषाध्यक्ष रामगोपाल चतुर्वेदी , अख्तर खान अकेला ,कन्हय्या लाल शाक्यवाल ने भी बार कोंसिल प्रतिनिधि होने के नाते नासिर अली नक़वी से भेंट कर उन्हें अदालतों में चल रहे न्यायिक व्यवस्था के तहत व्यवहार की शिकायत की ,,उन्होंने चेतावनी दी के अगर वकीलों के मान सम्मान के लिए बार कोंसिल के लोगों ने संघर्ष नहीं किया तो वकील कभी ऐसे प्रतिनिधियों को माफ़ नहीं करेंगे ,,नासिर अली नक़वी ने इस वकीलों और जजों के टकराव संबंधित इस मुद्दे पर गंभीरता जताते हुए कहा के इस मामले में वोह वकीलों के मानसम्मान के साथ है और बार कोंसिल में वकीलों के हित संरक्षण का पक्ष रखकर वकीलों के हक़ में संघर्ष का सुझाव देंगे ,,,,,,,,नासिर अली नक़वी से कोटा जिला वक़्फ़ कमेटी के अज़ीज़ अंसारी ,,अब्दुल रशीद पेपरवाला ,,अब्दुल रशीद क़ादरी ,,,तबरेज़ पठान ,,,जंगलीशाह बाबा दरगाह के गद्दी नशीन हाजी अज़ीज़ जावा ,,नसरुद्दीन अंसारी ,,सुल्तानपुर के पूर्व उप प्रधान रईस खान ने भी मिलकर वक़्फ़ सम्पत्तियों के रखरखाव के बारे में जानकारी दी ,,,बारा जिला वक़्फ़ कमेटी के ज़ाकिर मंसूरी ,,अंजुमन के आफ़ाक़ भाई जान ,,इमरान मेव ,,,,सहित कई लोगों ने उनसे भेंट कर वक़्फ़ मामलातों की उलझने बताते हुए उन्हें सुलझाने के लिए ज्ञापन दिए ,,,बारां के वकीलों ने नासिर अली नक़वी का गर्म जोशी से स्वागत किया ,,जबकि नासिर अली नक़वी का टोंक में जिला वक़्फ़ कमेटी के सदर मोहम्मद अहमद उर्फ़ भय्यू भाई सहित वक़्फ़ कमेटी के सदस्यों और टोंक की समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े पर्तीिनिधियों ने उनका स्वागत किया ,,,नासिर अली नक़वी ने घोषणा की के वर्तमान परिस्थितियों में अगर वकीलों के साथ इसी तरह का बर्ताव रहा और बार कोंसिल की ऐसे मामलों में भी चुप्पी रही तो वोह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गजेंद्र के आत्महत्या की कहानी परिजनों की जुबानी, बोले- बेटे की हुई हत्या

पहले भतीजी की बारात विदा की, फिर हुई गजेंद्र की अंत्येष्टि।
पहले भतीजी की बारात विदा की, फिर हुई गजेंद्र की अंत्येष्टि।
दौसा जिले के किसान गजेंद्र सिंह ने बुधवार को फंदे पर झूलकर जान दे दी, लेकिन कई ऐसे सवाल भी झूलते हुए छोड़ गए जिनकी तह तक पहुंचना अभी बाकी है। भास्कर ने गुरुवार को उनके गांव नांगल झामरवाड़ा जाकर सवालों के जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की। परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि गजेंद्र का परिवार आर्थिक रूप से सुदृढ़ है। उन्हें घर से भी नहीं निकाला गया था। जो पत्र बताया जा रहा है, उसमें लिखावट भी गजेंद्र की नहीं है। परिजनों ने कहा- गजेंद्र ने आत्महत्या नहीं की। सियासत के लिए उसकी हत्या हुई। नांगल झामरवाड़ा से मनोज शर्मा की रिपोर्ट...
सिसोदिया की जांच होनी चाहिए
हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी है। फसल बर्बादी का मुआवजा न भी मिले तो फर्क नहीं पड़ता। मैं मान ही नहीं सकता मेरे बड़े भाई गजेंद्र ने इसके लिए खुदकुशी की। मौत से एक घंटे पहले ही तो मेरी भाई से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने ऐसा जाहिर नहीं किया कि वो ऐसा कदम उठाने वाले हैं। भाई को दिल्ली मनीष सिसोदिया ने बुलाया था...पर बुलाया था तो मरने क्यूं दिया। मेरे भाई ने आत्महत्या नहीं की, उनकी सियासत के लिए हत्या हुई है। सिसोदिया के फोन की कॉल डिटेल निकलवा कर जांच करनी चाहिए। सिसोदिया से पूछताछ होनी चाहिए। अफसोस जिस आप पार्टी के लिए मेरे भाई काम करते रहे, उनकी ओर से सांत्वना देने कोई नहीं आया।
(जैसा गजेंद्र के छाेटे भाई विजेन्द्र ने बताया।)
चाहते तो बचा लेते मेरे भाई को
मैंने टीवी पर देखा-भाई पेड़ पर चढ़े थे, लेकिन बचाने की कोशिश कोई नहीं कर रहा था। जिसे सुसाइड नोट बताया जा रहा है, उसमें भाई की हैंडराइटिंग ही नहीं है। उनकी हत्या के जिम्मेवार केजरीवाल हैं। मेरे भाई की जान बच सकती थी अगर रैली में भाषण दे रहे नेता चाहते तो।
(बहन रेखा कंवर ने बताया)

क़ुरआन का सन्देश

 
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