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24 अप्रैल 2015

किसान ने खेत में परिवार संग लगाई फांसी, आम के पेड़ पर लटके मिले शव

किसान के परिवार ने एक साथ आम के पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ली।
किसान के परिवार ने एक साथ आम के पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ली।
अकोला. महाराष्ट्र के अकोला जिले के आस्टुल गांव में एक किसान परिवार ने अपने ही खेत में आम के पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। पुलिस घटना को हर पहलू से जांचने में जुटी है। आत्महत्या का कारण संपत्ति विवाद बताया जा रहा है। इंगले परिवार के 5 सदस्यों के आत्महत्या करने का मामला उस समय उजागर हुआ जब गांव के पुलिस पटेल का बेटा सुबह खेत में सिंचाई के लिए गया था। उसी ने घटना की जानकारी गांव के लोगों को दी। घटना की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक चंद्रकिशोर मीणा ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया और ग्रामीणों से पूछताछ की। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह हत्या का मामला तो नहीं है। पांचों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अकोला के सर्वोपचार अस्पताल भेजा गया।

क्या है संपत्ति विवाद

संजय इंगले परिवार के पास 54 एकड़ पैतृक खेती है। जिसमें 31 एकड़ बागवानी की खेती संजय इंगले के परिवार के पास थी। इसकी कीमत करोड़ों रुपए है। खेती के समान बंटवारे को लेकर पातूर न्यायालय में मामला चल रहा है। संजय इंगले के पिता पूर्णाजी ज्ञानुजी इंगले यवतमाल के आईटीआई के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त होकर अकोला के रणपिसे नगर में रह रहे हैं। पूर्णाजी का निरंजन नाम का एक भाई था। उनके वारिसों के पास 23 एकड़ खेत है। खेत के समान बंटवारे को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहा है।
खेत में मिलेे पांच शव
संजय पूर्णाजी इंगले (45), पत्नी मनीषा संजय इंगले (35), बेटी ऐश्वर्या संजय इंगले (19), बेटी मयूरी संजय इंगले (17), बेटा रोशन संजय इंगले (15) के शव संजय इंगले के निजी खेत में पाए गए।

ड्राइवर-मालकिन की लव स्टोरी: साथ मरने के लिए 150 फीट ऊंची पहाड़ी से कूदे

कूदने के बाद अस्पताल पहुंची महिला।
कूदने के बाद अस्पताल पहुंची महिला।
सीकर. शहर के शाकंभरी में शुक्रवार सुबह एक प्रेमी युगल ने 150 फीट ऊंची पहाड़ी से छलांग लगा दी, लेकिन दोनों बच गए। दोनों पहाड़ पर चढ़े और फिर आत्महत्या के लिए एक-दूसरे का हाथ पकड़कर कूद गए। वे 150 फीट नीचे सड़क के पास की पहाड़ी पर गिरे। इसी दौरान पास में बकरियां चरा रहे चरवाहों ने उन्हें देख लिया। उन्होंने ग्रामीणों को सूचना दी और पुलिस को मौके पर बुलाया। दोनों को तुरंत एसके अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के बाद जयपुर रेफर कर दिया गया। महिला तलाकशुदा है जबकि, प्रेमी महिला के घर में ही पिछले पांच साल से ड्राइवर का काम करता है।
पुलिस को उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ निवासी मनोहर लाल सैनी व ठाणे महाराष्ट्र निवासी नेहा लोहिया शुक्रवार सुबह शाकंभरी की पहाड़ियों में गए। उन्होंने रोड के पास ही करीब 150 फीट ऊंची पहाड़ी से छलांग लगा दी। नीचे गिरने के बाद कुछ देर तक दोनों होश में थे और जोर-जोर से रोने लगे। कुछ ही दूर पर बकरियां चरा रहे चरवाहे उनकी आवाज सुनकर वहां पहुंचे और उन्होंने इस बारे में ग्रामीणों को सूचना दी। पुलिस व ग्रामीणों ने उन्हें एसके अस्पताल पहुंचाया, जहां से जयपुर रेफर कर दिया गया।
सुसाइड नोट में लिखा-बहुत प्यार करते हैं, मर्जी से मर रहे हैं
नेहा और मनोहर के पास पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। इसमें सिर्फ इतना ही लिखा है कि वे आपस में बहुत प्यार करते हैं। दोनों साथ मरना चाहते हैं। इस वजह से यह कदम उठा रहे हैं। इसके अलावा मौके पर पुलिस को एक थैला भी मिला है। उसमें युवती के कुछ कागजात और ठाणे से आने का टिकट था। आईकार्ड, एटीएम व कुछ जरूरी कागजात भी पुलिस को मिले हैं।
युवती के घर गाड़ी चलाता था, वहीं शुरू हुआ प्यार
नेहा लोहिया के परिवार के कुछ रिश्तेदार लक्ष्मणगढ़ में भी रहते हैं। मनोहर सैनी करीब पांच साल से महाराष्ट्र के ठाणे में नेहा के घर पर ही गाड़ी चला रहा था। इस वजह से दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। वह कुछ दिन पहले सीकर आया था। इसके बाद उसने नेहा को यहां बुलाया। शुक्रवार सुबह ही वे शाकंभरी की पहाड़ियों में गए थे।
तलाकशुदा है युवती
युवती नेहा तलाकशुदा है। ठाणे में मनोहर उसके पास ही रहता था। एक दिन पहले ही उसने उसे सीकर बुलाया था। पुलिस को उसके बैग में ठाणे से जयपुर तक का टिकट भी मिला है। ऐसे में यह साफ है कि वह गुरुवार को ही यहां पहुंची थी और शुक्रवार सुबह दोनों पहाड़ी से कूद गए।

कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद ,,राजस्थान विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रहे रामनारायण मीणा

कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद ,,राजस्थान विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रहे रामनारायण मीणा आज भी अपने चुनाव क्षेत्र में विकास और अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं को मानसम्मान दिलवाने के लिए संघर्ष कर रहे है ,,,रामनारायण मीणा कांग्रेस का जाना माना नाम ,,जिसने चुनाव में जो कहा वोह करके दिखाया ,,और इसीलिए रामनारायण मीना जहां से भी चुनाव लड़े मतदाताओं ने इनके काम को देखकर इनके नेतृत्व को स्वीकारा और चुनाव में जिताकर भेजा ,,,एक अगस्त उन्नीस सो तियालिस को पटेल कल्याणलाल मीणा के घर जन्मे रामनारायण मीणा को राजनीति विरासत में मिली है ,,रामनारायण मीणा ने स्नातक पास कर एल एल बी की परीक्षा पास की और वकालत का व्यवसाय प्रारम्भ किया ,,लेकिन अपने क्षेत्र के लोगों से लगातार सेवाभाव से जुड़ाव के चलते इन्हे उन्नीस सो अठत्तर में ग्राम पंचायत रायथल से सरपंच निर्वाचित किया गया ,,आप क्रय विक्रय समिति बूंदी ,,,को ओपरेटिव बैंक बूंदी भूमि विकास बैंक में डाइरेक्टर के पद पर निर्वाचित हुए ,, रामनारायण मीणा को बूंदी जिला सतर्कता समिति में निर्वाचित किया गया ,,आप लगातार अपने समाज को भी इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष शील रहे इसीलिए आपको मीणा समाज ने बूंदी ज़िले का मीणा समाज का अध्यक्ष का पदभार दिया ,,आप आदिवासी मीणा समाज के संरक्षक बने ,,,,दस फरवरी उन्नीस सो साठ को श्रीमती पुष्पा से इनका विवाह हुआ ,,अपनी पारिवारिक ,,सामाजिक ज़िम्मेदारियों के साथ साथ रामनारायण मीणा ने अपने कार्यकर्ताओें और अपने क्षेत्र की जनता के लिए सभी तरह का संघर्ष किया ,,ज़िम्मेदारियाँ निभाई उन्हें इंसाफ दिलाया ,,किसानो के लिए सिंचाई ,,खाद बीज ,,कैचमेंट ,,भूमि सुधार कार्यक्रम के लिए संघर्ष किया तो कई ग्रामीणों को रोज़गार दिलवाया ,,ऋण दिलवाकर व्यवसाय लगवाया ,,,,,रामनारायण मीणा की नेतृत्व क्षमता को जनता ने सलाम किया और आप नो ,,दस ,,बाराह ,,,तेरह विधानसभा चुनाव में नैनवा ,,बूंदी ,,उनियारा से विधायक निर्वाचित हुए जबकि बारह्वी लोकसभा में विकट परिस्थितयों के बाद भी रामनारयण मीणा को कोटा बूंदी लोकसभा से भाजपा के गढ़ को ध्वस्त कर सांसद निर्वाचित होने का मौक़ा मिला ,,,,,,,रामनारयण मीणा राजस्थान विधानसभा सहित सरकार की कई महर्वपूर्ण कमेटियों में नामज़द रहे जबकि लोसकभा में भी कई कमेटियों में उन्होंने काम किया ,,,रामनारायण मीणा सदस्य अखिल भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस कमेटी है जबकि बूंदी ज़िले के सफल और जुझारू संघर्ष शील जिला अध्यक्ष रहे ,,,,जो कार्यकर्ताओं के मान सम्मान और उनके हक़ के संघर्ष के लिए आज भी याद किये जाते है ,,,रामनारायण मीणा मध्यप्रदेश चुनाव समिति के सदस्य बनाये गए जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश चुनाव समिति के चेयरमेन बनाकर भेजे गए ,,,रामनारायण मीणा राजनितिक विचारों के आदान प्रदान और सम्मेलनों में भाग लेने भारत के प्रतीनिधी के रूप में मलेशिया ,,सिंगापुर ,,कम्बोडिया ,,थाईलैंड ,,नेपाल भी गए जहां रामनारायण मीणा ने भारत सरकार और कांग्रेस संगठन पर्तीिनिधित्व भी किया ,,बेबाकी से अपनी बात कहना ,,,निर्भीकता से अपनों के लिए संघर्ष करना ,,संगठन की मज़बूती के लिए सभी तरह के दांव पेच खलने का हुनर रामनारायण मीणा को खूप आता है ,,,पिछली कांग्रेस सरकार में रामनारायण मीणा को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर मंत्री दर्जा दिया गया था और विधानसभा कार्यवाही संचालन सुधार के लिए आपके महत्वपूर्ण कार्य रहे है ,,,अपनो के हक़ के लिए किसी से भी टकराना इनकी आदत इनके चहेतों को खूब भाती है ,,रामनारायण मीणा को कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र में एक बार भीतर घात के कारण गिनती के वोटों से हारना पढ़ा जबकि हाल ही में उनियारा विधानसभा में पार्टी के खिलाफ बनी हवा के चपेट में रामनारायण मीणा को अभी आना ही पढ़ा ,,,रामनारायण मीणा में नेतृत्व क्षमता है संगठन को मज़बूत करने ,,संगठन को विस्तारित करने की क्षमता है ,,लेकिन उनकी क़ाबलियत का उपयोग हाईकमान नहीं कर पा रहा है गुटबाज़ी की शिकार कांग्रेस अगर रामनारायण मीणा को संगठन में कोई बढ़ी ज़िम्मेदारी दे तो शायद संगठन की क्षमता और मज़बूत हो सकै ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,

प्यार करने की सजा: 'घोड़ी' बनी प्रेमिका पर प्रेमी को बैठाया, निकाली बरात

लड़की को इस तरह घोड़ी बनाकर लड़के के ऊपर बिठाया गया। (नाबालिग होने के कारण चेहरा छुपाया जा रहा है। )
लड़की को इस तरह घोड़ी बनाकर लड़के के ऊपर बिठाया गया। (नाबालिग होने के कारण चेहरा छुपाया जा रहा है। )
छोटा उदयपुर (गुजरात). तेजगढ़ के देवलिया गांव में लड़के-लड़की को प्यार करने के लिए सरेआम अपमानित किया गया। चौथी क्लास तक पढ़े लड़के और 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की एक-दूसरे से प्यार करते हैं। कुछ दिनों पहले दोनों गांव से भाग गए थे। रिश्तेदारों ने उन्हें खोज निकाला और वापस ले आए और गांव में ही लड़की को घोड़ी बनाया और उस पर लड़के को बैठाकर बरात निकाली गई। इस घटना के बाद लड़की और उसके परिवार के लोग गांव छोड़कर चले गए।
सरपंच और दोनों के परिवार वालों के सामने दी गई सजा
लड़के और लड़की को वापस लाकर गांव के मैदान में पंच, सरपंच, दोनों के माता-पिता और गांव के लोगों के सामने उनकी शादी भी करवाई गई। उपहार के रूप में उन्हें गोबर और कांटों का हार दिया गया। लड़के के माता-पिता पर 5 हजार और लड़की के माता-पिता पर 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया। यह पूरी घटना लड़के और लड़की के परिवार की मर्जी से हुई।
फिर साथ दिखे तो 5 लाख देना होगा
प्यार करने वाले लड़के और लड़की के परिवारों को गांव के लोगों ने चेतावनी दी है दोनों फिर साथ दिखे तो पांच लाख जुर्माना देना होगा।

गजेंद्र के घरवालों को संजय सिंह ने दिए 10 लाख, केजरी ने फोन पर मांगी माफी

मृतक की बेटी से बात करते आप नेता संजय सिंह।
मृतक की बेटी से बात करते आप नेता संजय सिंह।
जयपुर: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में आत्महत्या करने वाले किसान गजेंद्र सिंह कल्याणवत के परिवार से मिलने के लिए पार्टी के नेता संजय सिंह शुक्रवार शाम दौसा जिले के झामलवाड़ा गांव (राजस्‍थान) पहुंचे। संजय सिंह ने गजेंद्र के परिवार को 10 लाख रुपए का चेक दिया। वहीं, केजरीवाल ने फोन पर मृतक किसान के परिवार से निजी तौर पर माफी मांगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
संजय जब मौके पर पहुंचे तो वहां बहुत भीड़ थी। इसके अलावा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इसकी वजह यह थी कि शुरुआत में गजेंद्र के परिवार और गांववालों में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को लेकर काफी गुस्सा था। हालांकि, गजेंद्र के परिवार ने यह साफ कर दिया था कि वह आने वाले मेहमानों का अपमान नहीं करेंगे। इस वजह से गजेंद्र के परिवारवाले भी संजय सिंह के आने के बाद हालात को सामान्य बनाते नजर आए। मुलाकात के बाद संजय सिंह ने कहा, ''परिवार वालों की ओर से दो मांगें की गईं। पहला यह कि गजेंद्र किसानों के मुद्दों पर शहीद हुए हैं तो उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से शहीद का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा, परिवार के एक सदस्य को बालिग होने वाले दिल्ली सरकार द्वारा नौकरी दी जाए। इन दोनों मांगों पर मैं केजरीवाल से बातचीत करूंगा। दिल्ली सरकार कोशिश करेगी कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए।''
गजेंद्र के बेटे-बेटी से मिले संजय
संजय सिंह ने सबसे पहले गजेंद्र की बेटी से मुलाकात की। बेटी ने उन्हें नमस्ते किया। गजेंद्र की बेटी के सामने संजय सिंह ने हाथ जोड़े और उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद गजेंद्र के दोनों बेटे भी उनसे मिलने आए। इसके बाद, गजेंद्र के पिता से मिलने के लिए संजय सिंह घर के अंदर चले गए। संजय सिंह ने गजेंद्र के घरवालों को अपना मोबाइल नंबर भी दिया। उधर, शुक्रवार सुबह केजरीवाल पर जमकर बरसने वाले गजेंद्र के पिता शाम को थोड़े नरम दिखे। केजरीवाल द्वारा माफी मांगने पर गजेंद्र के पिता बन्‍ने सिंह ने कहा कि अब सबको यह सोचना चाहिए कि गजेंद्र के परिवार का क्या होगा? सुबह उन्‍होंने कहा था, ''केजरीवाल ने माफी मांगी है। लेकिन इस माफी से कुछ नहीं होगा। उन्होंने गलती की है। मुझे उनकी ओर से माफी मांगना स्वीकार नहीं है। वे मुझे केवल बेटा लौटा दें। इसके सिवा कुछ मंजूर नहीं।''
परिवार ने राज्य सरकार के सामने रखी चार मांगें
गजेंद्र के परिवार ने राजस्‍थान सरकार के सामने चार मांगें रखी हैं। इसमें मृतक किसान के बेटे और बेटी की पढ़ाई और नौकरी की डिमांड शामिल है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ शुक्रवार दोपहर उनके घर पहुंचे थे। उनके साथ स्थानीय विधायक अलका सिंह भी थीं। इसी दौरान परिवार ने ये मांगें रखीं।
राठौड़ ने मृतक किसान के परिवार को हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराने और निष्पक्ष जांच के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने का भरोसा दिलाया। राठौड़ ने यह भी आश्वासन दिया कि परिवार द्वारा रखी गई चारो मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
ये हैं मृतक किसान के परिवार की चार मांगें
1. बारहवीं में पढ़ रही गजेंद्र की बेटी मेघा का दाखिला जयपुर के महारानी कॉलेज में कराया जाए। सरकार उसकी पढ़ाई और अन्य खर्च की जिम्मेदारी ले।
2. छठी क्‍लास में पढ़ रहे गजेंद्र के बड़े बेटे धीरेंद्र को वक्त आने पर सरकार की ओर से उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी मुहैया कराई जाए।
3. गजेंद्र की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और इसमें देरी न हो।
4. गजेंद्र के शव को स्थानीय थाने लाए जाने के दौरान डिप्टी एसपी की ओर से किए गए कथित दुर्व्यवहार के मामले की जांच हो।

शहीद का दर्जा देने की मांग
राजपूत करणी सेना ने जयपुर कलेक्ट्रेट पर अरविंद केजरीवाल का पुतला फूंका। करणी सेना के सदस्यों की मांग थी कि केजरीवाल को सजा मिलनी चाहिए। उन्‍होंने गजेंद्र को शहीद का दर्जा दिए जाने, घर के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी, परिवार को आर्थिक मुआवजे के अलावा मौत के मामले की सीबीआई जांच की मांग की। सेना ने इन मांगों को पूरा करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया।
केजरीवाल ने मांगी माफी
इससे पहले, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री ने कहा कि किसान के पेड़ से लटकने के बाद भी रैली और भाषण जारी रखना उनकी गलती थी। उन्‍होंने कहा कि किसान की मौत से उन्हें काफी दुख हुआ और वह उस रात सो नहीं पाए थे। उधर, दिल्ली पुलिस ने उप राज्यपाल नजीब जंग से केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ के लिए इजाजत मांगी है।

क़ुरआन का सन्देश

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